These comprehensive RBSE Class 12 Accountancy Notes Chapter 6 रोकड़ प्रवाह विवरण will give a brief overview of all the concepts.
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→ रोकड़ प्रवाह विवरण से आशय (Meaning of Cash Flow Statement):
→ रोकड़ प्रवाह विवरण की विशेषताएँ (Characteristics of Cash Flow Statement)
→ रोकड़ प्रवाह विवरण के उद्देश्य (Objectives of Cash Flow Statement)
→ रोकड़ प्रवाह विवरण के लाभ या महत्त्व (Importance or Advantages of Cash Flow Statement)
रोकड़ प्रवाह विवरण बनाने के प्रमुख लाभ/महत्त्व निम्नलिखित हैं
→ रोकड़ एवं रोकड़ तुल्य राशियाँ (Cash and Cash Equivalents):
ले.मा.-3 (AS-3) के अनुसार 'रोकड़' के अन्तर्गत हस्तस्थ रोकड़ तथा बैंक के साथ माँग जमा शामिल है जबकि रोकड़ तुल्यराशियों का तात्पर्य अल्पकालिक उच्च तरलता निवेशों से है जो कि तत्काल रोकड़ की राशि में परिवर्तनीय-रूप में जाने जाते हैं और जो कि अपने मूल्य परिवर्तन के जोखिम हेतु महत्त्वपूर्ण नहीं समझे जाते हैं।
→ रोकड़ प्रवाह (Cash Flows):
'रोकड़ प्रवाह' का आशय गैर-रोकड़ मदों द्वारा रोकड़ के आवक एवं जावक (अन्तर्वाह एवं बहिर्वाह) से है। एक ओर गैर-रोकड़ मद के बदले रोकड़ के रूप में प्राप्ति को रोकड़ अन्तर्वाह कहा जाता है जबकि ऐसे मद के लिए रोकड़ के भुगतान को बहिर्वाह रोकड़ प्रवाह के रूप में जाना जाता है।
→ रोकड़ प्रवाह विवरण को तैयार करने हेतु क्रियाकलापों का वर्गीकरण (Classification of Activities for the Preparation of Cash Flow Statement):
ले.मा.-3 के अनुसार इन तीनों क्रियाकलापों को तीन वर्गों में वर्गीकृत किया गया है
(1) प्रचालन क्रियाकलापों से रोकड़ प्रवाह (Cash Flow from Operating Activities):
(2) निवेश क्रियाकलापों से रोकड़ प्रवाह (Cash Flow from Investing Activities):
(3) वित्तीय क्रियाकलापों से रोकड़ प्रवाह (Cash Flow from Financing Activities):
ले.मा.-3 के अनुसार वित्तीय क्रियाकलाप वे क्रियाकलाप हैं जिनके परिणामस्वरूप स्वामित्व पूँजी (यदि एक कम्पनी है तो अधिमानी अंश पूँजी सहित) और उद्यमों से ऋण या कर्ज उठाने के संघटन एवं आकार में परिवर्तन आता है। उक्त तीनों क्रियाकलापों से रोकड़ अन्तर्वाह एवं रोकड़ बहिर्वाह को निम्न चित्र द्वारा सरलता से समझा जा सकता है
→ कुछ विशिष्ट मदें (Some Peculiar Items):
(1) असामान्य मदें (Extra-ordinary Items):
असामान्य मदों से उत्पन्न रोकड़ प्रवाह को उपरोक्त क्रियाओं में वर्गीकृत कर अलग से दिखाया जाता है। जैसे-डूबत ऋणों की वसूली, बीमा कम्पनियों से दावे, लॉटरी या वैधानिक मुकदमे में जीत, आदि।
(2) ब्याज तथा लाभांश (Interest and Dividend):
(3) आय एवं लाभों पर कर (Taxes on Income and Gains):
आय एवं लाभों पर करों के भुगतान को प्रचालन क्रियाओं से रोकड़ प्रवाह के रूप में दिखाया जाता है। इसकी गणना आयकर आयोजन खाता या विवरण बनाकर की जाती है। लाभांश पर चुकाये गये कर को लाभांश भुगतान के साथ वित्तीय क्रियाकलाप में जबकि स्थिर सम्पत्तियों की बिक्री पर पूँजी लाभ पर चुकाये गये कर को निवेशन क्रियाकलाप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए।
(4) गैर-रोकड़ लेनदेन (Non-Cash Transactions):
जिन निवेश एवं वित्तीय लेनदेनों के लिए रोकड़ या रोकड़ तुल्यांकों की आवश्यकता नहीं होती है, उन्हें रोकड़ प्रवाह विवरण से बाहर रखना चाहिए। जैसे-अंशों के निर्गमन द्वारा मशीनरी का क्रय या ऋणों का मोचन।
→ रोकड़ प्रवाहों के वर्गीकरण का विवेचन
(1) प्रचालन क्रियाओं से रोकड़ प्रवाह की गणना (Ascertaining Cash Flow from Operating Activities):
लेखा मानक-3 के अनुसार, एक उद्यम को प्रचालन क्रियाकलाप से रोकड़ प्रवाह की रिपोर्ट में इनमें से किसी एक विधि का उपयोग करना चाहिए
(a) प्रत्यक्ष विधि-इसमें सकल रोकड़ प्राप्तियों तथा सकल रोकड़ भुगतानों के प्रमुख वर्ग व्यक्त किए जाते हैं।
(b) अप्रत्यक्ष विधि-इसमें निवल लाभ या हानि को यथानुसार निम्न के प्रभाव से समायोजित किया जाता है
इस अध्याय में रोकड़ प्रवाह विवरण के निर्माण हेतु अप्रत्यक्ष विधि ही काम में ली गई है।
(2) निवेश क्रियाओं से रोकड़ प्रवाह की गणना (Cash Flow from Investing Activities):
विनियोजन क्रियाओं के अन्तर्गत स्थायी सम्पत्तियों, गैर परिचालन चालू सम्पत्तियों एवं विनियोगों के क्रय-विक्रय सम्बन्धी लेन-देन आते हैं। विनियोजन क्रियाओं से रोकड़ प्रवाह की गणना निम्न प्रारूप से समझी जा सकती है
(3) वित्तीय क्रियाओं से रोकड़ प्रवाह (Cash Flow from Financing Activities):
वित्तीय क्रियाओं के अन्तर्गत अंशों एवं ऋणपत्रों का निर्गमन, पूर्वाधिकार अंशों व ऋणपत्रों का शोधन, ऋण प्राप्त करना व ऋणों का पुनः भुगतान, ब्याज व लाभांश का भुगतान आदि क्रियाओं को शामिल किया जाता है। वित्तीय क्रियाओं से रोकड़ प्रवाह की गणना निम्नानुसार ज्ञात की जा सकती है
रोकड़ प्रवाह विवरण का प्रारूप (Format of Cash Flow Statement):
परिचालन, विनियोजन व वित्तीय क्रियाओं को एक साथ रोकड़ प्रवाह विवरण के निम्न समेकित प्रारूप में दर्शाया जा सकता है
स्पष्टीकरण:
रोकड़ प्रवाह विवरण बनाते समय ऋणात्मक राशि को व रोकड़ बहिर्वाह (Cash Outflow) को कोष्ठक में दर्शाया जाता है।