Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Chapter 7 रक्त परिसंचरण
RBSE Solutions for Class 8 Science
RBSE Class 8 Science रक्त परिसंचरण Intext Questions and Answers
पृष्ठ 70.
पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
रक्त की तैयार स्लाइड को लीजिए। इसे सूक्ष्मदर्शी के नीचे रखकर शिक्षक की सहायता से निरीक्षण कीजिए। रक्त में क्या दिखाई देता है?
उत्तर:
इसमें तरल रूप में प्लाज्मा एवं ठोस रूप में कणिकाएँ दिखाई देती हैं।
पृष्ठ 72.
प्रश्न 2.
रुधिर वर्ग एवं रुधिर बैंक क्या है?
उत्तर:
मनुष्य में चार प्रकार के रुधिर वर्ग पाये जाते हैं A, B, AB तथा O। वह स्थान जहाँ विभिन्न वर्गों का रुधिर सुरक्षित तथा संग्रहित रहता है, रुधिर बैंक कहलाता है।
पृष्ठ 72.
प्रश्न 3.
ग्राही को असंगत रुधिर चढ़ाने पर उसकी मृत्यु क्यों हो जाती है?
उत्तर:
शरीर में रुधिर का थक्का बन जाने के कारण ग्राही की मृत्यु हो जाती है।
प्रश्न 4.
अपने दाहिने हाथ की मध्यमा और तर्जनी अंगुली को अपनी बाईं कलाई के भीतरी भाग पर चित्रानुसार रखिए क्या आपको कोई स्पंदन गति (धक-धक) सुनाई देती है। यहाँ स्पंदन क्यों होता है?
उत्तर:
स्पंदन गति सुनाई देती है। यह स्पंदन धमनियों में रक्त के झटके से प्रवाहित होने के कारण होता है।
प्रश्न 5.
एक मिनट में कितनी बार स्पंदन होता है?
उत्तर:
एक मिनट में 72 बार स्पंदन होता है।
प्रश्न 6.
बच्चों में हृदय स्पंदन दर अधिक क्यों होती है?
उत्तर:
बच्चों में हृदय तेजी से स्पंदित होता है इसलिए बच्चों की हृदय स्पंदन दर अधिक होती है।
प्रश्न 7.
युवावस्था व वृद्धावस्था में हृदय स्पंदन दर कम क्यों होती है?
उत्तर:
युवाओं व वृद्धों में हृदय कम स्पंदित होता है। इसलिए युवावस्था तथा वृद्धावस्था में हृदय स्पंदन दर कम होती है।
RBSE Class 8 Science रक्त परिसंचरण Text Book Questions and Answers
सही विकल्प का चयन कीजिए
Question 1.
रक्त प्लाज्मा में जल की लगभग मात्रा होती है …………………..
(अ) 70%
(ब) 90%
(स) 10%
(द) 45%
उत्तर:
(ब) 90%
Question 2.
लाल रक्त कणिकाओं को निम्नलिखित में से किस नाम से भी जाना जाता है?
(अ) RBC
(ब) WBC
(स) बिंबाणु
(द) पल्स
उत्तर:
(अ) RBC
Question 3.
निम्नलिखित में से किसके कारण रुधिर का रंग लाल होता है?
(अ) फाइब्रिन
(ब) प्रतिजन
(स) हीमोग्लोबिन
(द) प्लेटलेट
उत्तर:
(स) हीमोग्लोबिन
Question 4.
वयस्क व्यक्ति का हृदय एक मिनट में कितनी बार धड़कता है?
(अ) 50 बार
(ब) 72 बार
(स) 110 बार
(द) 120 बार
उत्तर:
(ब) 72 बार
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- ………………….. शरीर में आए जीवाणुओं को मारने का कार्य करती है।
- रुधिर के ………………….. वर्ग होते हैं।
- अशुद्ध रुधिर ………………….. द्वारा पुनः हृदय में लाया जाता है।
- कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रुधिर में शुद्ध ह्येता है।
उत्तर:
- श्वेत रक्त कणिकाएँ
- चार
- शिराओं
- फेफड़ों।
एक शब्द में उत्तर दीजिए
Question 1.
रक्त का थक्का जमाने वाली कणिका का नाम बताइए।
उत्तर:
प्लेटलेट्स या थ्रोम्बोसाइट्स।
Question 2.
रक्त को तरल रूप में बनाए रखने का कार्य कौन करता
उत्तर:
प्लाज्मा (Plasma)।
Question 3.
हृदय को कितने कक्षों में बाँटा गया है?
उत्तर:
4(चार)।
Question 4.
प्रतिजन के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर:
दो (A, B)।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विभिन्न रक्त वाहिकाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
- धमनी
- शिरा।
प्रश्न 2.
रक्त कणिकाएँ कितने प्रकार की होती हैं? नाम लिखिए।
उत्तर:
रक्त कणिकाएँ तीन प्रकार की होती हैं –
- लाल रक्त कणिकाएँ या इरिथ्रोसाइट्स (R.B.C)
- श्वेत रक्त कणिकाएँ या ल्यूकोसाइट्स (W.B.C)
- रक्त प्लेटलेट्स या थ्रोम्बोसाइट्स।
प्रश्न 3.
श्वेत कणिकाओं को हमारे शरीर के सैनिक क्यों कहते हैं?
उत्तर:
श्वेत कणिकाएँ हमारे शरीर में प्रवेश करने वाले रोगाणुओं का भक्षण करके हमें रोगों से बचाती हैं। इसलिए श्वेत रक्त कणिकाओं को शरीर के सैनिक कहते हैं।
प्रश्न 4.
रक्त के कार्य लिखिए।
उत्तर:
रक्त के प्रमुख कार्य निम्नवत् हैं –
- रुधिर हमारे शरीर में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइ ऑक्साइड का परिवहन करता है।
- रुधिर पोषक पदार्थों तथा उत्सर्जी पदार्थों का परिवहन करता है।
- बाहरी जीवाणुओं व विषाणुओं को नष्ट कर हमारे शरीर की बीमारियों से रक्षा करता है।
- चोट लगने पर यह रुधिर का थक्का बनाकर उसे बहने से रोकता है।
- अन्य पदार्थ जैसे हार्मोन, एन्टीबॉडीज आदि का परिवहन करता है।
- शरीर का तापमान निश्चित् बनाए रखता है।
प्रश्न 5.
चोट लगने पर रुधिर का थक्का न जमे तो क्या होगा?
उत्तर:
चोट लगने पर रुधिर का थक्का न जमे तो रुधिर का बहना निरन्तर जारी रहेगा तथा अन्त में व्यक्ति की मृत्यु तक हो सकती है।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
हृदय की संरचना का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हृदय की संरचना (Structure of Heart)मनुष्य का हृदय शंक्वाकार पेशीय अंग होता है। इसका ऊपरी भाग कुछ चौड़ा तथा पिछला भाग कुछ नुकीला एवं बायीं ओर झुका होता है। हृदय के अगले चौड़े भाग को आलिन्द (auricle or atrium) तथा पिछले नुकीले भाग को निलय (ventricle) कहते हैं। दोनों भागों के मध्य अनुप्रस्थ विभाजन पट्टिका या कोरोनरी सल्कस (coronary suleus) पायी जाती है। मनुष्य का हृदय चार वेश्मीय (four chambered) होता है। आलिन्द में एक अन्तरा आलिन्द पट (inter auricular septum) होता है जो आलिन्द को दाएँ तथा बाएँ आलिन्द में बाँट देता है।
दाएँ आलिन्द में पश्च महाशिरा तथा अग्रमहाशिरा खुलती हैं। बाएँ आलिन्द में दोनों फुफ्फुसीय शिराएँ खुलती हैं। निलय अन्तरा निलय पट (inter ventricular Septum ) द्वारा दाएँ एवं बाएँ निलय में बंटा रहता है। दाएँ निलय से पल्मोनरी चाप निकलता है। बाएँ निलय से कैरोटिको सिस्टेमिक चाप निकलता है जो पूरे शरीर में शुद्ध रक्त पहुँचाता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए(अ) रुधिर वर्ग, (ब) रुधिर बैंक
उत्तर:
(अ) रुधिर वर्ग (Blood Groups):
रुधिर वर्ग की खोज कार्ल लैण्डस्टिनर ने की थी। विभिन्न रुधिर वर्ग उनमें उपस्थित प्रतिजन (Antigen) तथा प्रतिरक्षी (Antibody) के आधार पर वर्गीकृत किए जाते हैं। विभिन्न रुधिर वर्गों को संलग्न सारणी में प्रदर्शित किया गया है
रुधिर वर्गों की जानकारी से रक्तदान जैसे महत्वपूर्ण कार्य समाज के लिए वरदान साबित हुए हैं। इससे दुर्घटनाग्रस्त एवं बीमार व्यक्तियों को आवश्यकता पड़ने पर उचित वर्ग – का रक्त रुधिर बैंक अथवा पंजीकृत स्वैच्छिक रक्त दाताओं से आसानी से प्राप्त हो जाता है। न्याय एवं कानून के क्षेत्र में भी रक्त वर्गों का महत्व है। इसके नमूनों से प्राप्त किए जाने वाले DNA परीक्षणों द्वारा अपराधियों की पहचान की जा सकती है। रक्त आधान की प्रक्रिया में दाता व ग्राही को दोनों के रक्त वर्गों को सुमेलित कर चढ़ाया जाता है।
(ब) रुधिर बैंक (Blood Bank):
वह स्थान जहाँ विभिन्न वर्गों का रुधिर सुरक्षित व संग्रहित रहता है रुधिर बैंक (Blood Bank) कहलाता है। इनकी स्थापना प्रत्येक जिले के सरकारी अस्पताल में की गयी है। कई लोक कल्याणकारी संस्थाओं द्वारा भी निजी रक्त बैंक संचालित किए जा रहे हैं। दुर्घटना होने पर व्यक्ति के शरीर से अत्यधिक रक्त स्राव हो जाने की स्थिति में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के शरीर में रक्त की कमी हो जाती है, इसलिए उसे रक्त की आवश्यकता होती है। परिजनों से वांछित रक्त समूह न मिलने की स्थिति में रक्त बैंक से रक्त प्राप्त करके दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति का जीवन बचाया जा सकता है। रुधिर बैंक में रुधिर की निरन्तरता बनाए रखने के लिए रक्तदान की आवश्यकता होती है। आवश्यकता पड़ने पर इन रक्त बैंकों से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों एवं रोगियों को वांछित समूह का रक्त उपलब्ध कराया जाता है।
क्रियात्मक कार्य
प्रश्न 1.
अपने आस-पास रक्त बैंक का भ्रमण कीजिए तथा अपने रक्त वर्ग का परीक्षण करवाइए।
उत्तर:
संकेत – अपने विषय अध्यापक की सहायता लेकर रक्त बैंक का भ्रमण कीजिए तथा रक्त संग्रहण की प्रक्रिया समझिए एवं अपने रक्त वर्ग का परीक्षण रक्त बैंक के तकनीशियन से करवाइए।
प्रश्न 2.
रक्त समूह का चार्ट बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न 3.
हृदय का चार्ट थर्मोकोल या हार्ड बोर्ड की सहायता से बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न 4.
स्टेथेस्कोप का मॉडल बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न 5.
आपका हृदय एक मिनट में कितनी बार धड़कता है, इसकी गणना कीजिए।
उत्तर:
प्रेक्षण करने पर पाया कि हमारे हृदय की स्पंदन दर लगभग 75 बार प्रतिमिनट थी।
प्रश्न 6.
रक्तदान में किसी प्रकार की कोई हानि नहीं होती है। चिकित्सक से रक्तदान के महत्व की जानकारी कर उसे सूचीबद्ध करें तथा कक्षा – कक्ष में लगाएँ।
उत्तर:
संकेत – रक्तदान दूसरों को जीवनदायी प्रक्रिया है तथा रक्तदाता को इससे किसी प्रकार की हानि नहीं होती है। वास्तव में रक्तदान एक महादान है। रक्तदान के प्रमुख महत्व निम्नवत् हैं’
- रक्तदान से दुर्घटनाग्रस्त एवं बीमार व्यक्तियों की जीवन – रक्षा की जा सकती है।
- रक्तदान से रोगी व्यक्ति को वांछित रुधिर वर्ग का रक्त प्राप्त हो जाता है।
- रक्तदान से रुधिर बैंक में रुधिर की निरन्तरता बनी रहती है।
RBSE Class 8 Science रक्त परिसंचरण Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
Question 1.
लाल रुधिर कणिकाओं का कार्य नहीं है …………….
(अ) ऑक्सीजन का परिवहन
(ब) भोजन का परिवहन
(स) शरीर का ताप नियन्त्रण
(द) रोगाणुओं से प्रतिरक्षा।
उत्तर:
(द) रोगाणुओं से प्रतिरक्षा।
Question 2.
रक्त का थक्का बनाने में भाग लेती हैं …………….
(अ) लाल रक्त कणिकाएँ
(ब) श्वेत रक्त कणिकाएँ
(स) प्लेटलेट्स
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(स) प्लेटलेट्स
Question 3.
रुधिर का तरल भाग होता है …………….
(अ) प्लाज्मा
(ब) रुधिर कणिकाएँ
(स) हीमोग्लोबिन
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(अ) प्लाज्मा
Question 4.
रक्त वर्गों की खोज की थी …………….
(अ) लैण्डस्टिनर ने
(ब) स्टीफन हैल्स ने
(स) वाट्सन ने
(द) मेण्डेल ने
उत्तर:
(अ) लैण्डस्टिनर ने
Question 5.
रुधिर परिसंचरण की खोज करने वाले प्रथम वैज्ञानिक थे …………….
(अ) ल्यूवेन हॉक
(ब) विलियम हार्वे
(स) राबर्ट हुक
(द) लैण्डस्टिनर
उत्तर:
(ब) विलियम हार्वे
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- लाल रक्त कणिकाओं में श्वसन वर्णक पाया जाता है।
- लाल रुधिर कणिकाओं का निर्माण ……………. में होता है।
- रुधिर वर्ग ‘O’ वाला व्यक्ति ……….. होता है।
- रुधिर पोषक पदार्थों तथा ……………….. पदार्थों का परिवहन करता है।
उत्तर:
- हीमोग्लोबिन
- अस्थि मज्जा
- सार्वत्रिक दाता
- उत्सर्जी।
सुमेलित कीजिए
उत्तर:
1. → E
2. → D
3. → F
4. → B
5. → A
6. → C
प्रश्न – यदि कथन सत्य हो तो T और गलत है तो कोष्ठक में F लिखिए
- 0 रक्त वर्ग सर्वग्राही होता है।
- मानव रुधिर में दो प्रकार के प्रोटीन पाये जाते हैं।
- वयस्क व्यक्ति का हृदय एक मिनट में 120 बार धड़कता
- प्लेटलेट के कारण रुधिर का रंग लाल होता है।
- रक्त में प्लाज्मा की मात्रा 90 होती है।
- कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रुधिर फेफड़ों में शुद्ध होता है।
उत्तर:
- False
- True
- False
- False
- True
- True
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
रक्त के संक्रमित होने पर उत्पन्न रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर:
एनीमिया, पालीसाइथीनिया, रक्त कैंसर, हेपेटाइटिस बी एड्स आदि।
प्रश्न 2.
रुधिर को तरल संयोजी ऊतक क्यों कहते हैं?
उत्तर:
प्लाज्मा रुधिर को तरल रूप में बनाए रखता है इसीलिए रुधिर को तरल संयोजी ऊतक कहते हैं।
प्रश्न 3.
लाल रुधिर कणिकाओं के कार्य लिखिए।
उत्तर:
- ऑक्सीजन का शरीर की प्रत्येक कोशिका तक परिवहन करना।
- भोजन का परिवहन करना।
- शरीर का तापमान निश्चित बनाए रखना।
प्रश्न 4.
श्वेत रुधिर कणिकाओं के कार्य लिखिए।
उत्तर:
- शरीर का प्रतिरक्षा तन्त्र बनाती हैं अर्थात् रोगाणुओं को नष्ट करती हैं।
- शरीर में टूटी हुई व मृत कोशिकाओं का भक्षण कर रुधिर की सफाई करती हैं।
प्रश्न 5.
रुधिर प्लेटलेट्स का प्रमुख कार्य क्या है?
उत्तर:
रुधिर प्लेटलेट्स का प्रमुख कार्य रुधिर का थक्का बनाने में सहायता करना है। चोट लगने पर निरन्तर होने वाले रुधिर स्राव को रोकती हैं।
प्रश्न 6.
रुधिर में कितने प्रकार के प्रोटीन पाए जाते हैं?
उत्तर:
रुधिर में दो प्रकार के प्रोटीन पाए जाते हैं:
- प्रतिजन (Antigen)
- प्रतिरक्षी (Antibody)
प्रश्न 7.
सार्वत्रिक ग्राही तथा सार्वत्रिक दाता व्यक्ति कौन होते हैं?
उत्तर:
रुधिर वर्ग AB वाला व्यक्ति सार्वत्रिक ग्राही तथा रुधिर वर्ग ‘O’ वाला व्यक्ति सार्वत्रिक दाता होते हैं।
प्रश्न 8.
स्वस्थ व्यक्ति की हृदय स्पंदन दर कितनी होती है?
उत्तर:
किसी स्वस्थ व्यक्ति की हृदय स्पंदन दर औसतन – 72 स्पंदन प्रति मिनट होती है।
प्रश्न 9.
हृदय स्पंदन या धड़कन किसे कहते हैं?
उत्तर:
हृदय के एक बार फैलने वं सिकुड़ने को हृदय स्पंदन या धड़कन कहते हैं।
प्रश्न 10.
रुधिर संक्रमण के कारण होने वाले तीन रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- रक्त कैंसर
- हिपेटाइटिस – बी
- एड्स
प्रश्न 11.
किन – किन रक्त कणिकाओं में केन्द्रक नहीं होता है? केन्द्रक विहीन कणिकाओं का नाम बताइये।
उत्तर:
लाल रक्त कणिकाएँ एवं रुधिर प्लेटलेट्स।
प्रश्न 12.
रुधिर को रुधिर बैंकों में संरक्षित रखने के प्रयोग में लाए जाने वाले रासायनिक पदार्थ का नाम बताइये।
उत्तर:
सोडियम साइट्रेट।
प्रश्न 13.
रुधिर बैंक में रुधिर कितने दिनों तक सुरक्षित रहता है?
उत्तर:
लगभग 30 दिनों तक।
प्रश्न 14.
केशिकाएँ किसे कहते हैं?
उत्तर:
धमनियाँ छोटी – छोटी वाहिनियों में विभाजित होकर ऊतकों में पहुँचकर पतली नलिकाओं में विभाजित हो जाती हैं जिन्हें केशिकाएँ कहते हैं।
प्रश्न 15.
स्टेथोस्कोप किसे कहते हैं?
उत्तर:
हृदय स्पंदन या धड़कन को मापने के लिए प्रयुक्त किये जाने वाले यंत्र को स्टेथोस्कोप कहते हैं। इसका आविष्कार फ्रांस के आर लीनी डॉक्टर ने किया था।
प्रश्न 16.
किस परीक्षण से एड्स का पता लगाया जा सकता है?
उत्तर:
एलीसा (Elisa) परीक्षण द्वारा एड्स का पता लगाया जा सकता है।
प्रश्न 17.
रक्त परिसंचरण की खोज किसने की?
उत्तर:
रक्त परिसंचरण की खोज विलियम हार्वे ने की।
प्रश्न 18.
यदि हृदय में कार्बनडाई ऑक्साइड और आक्सीजन युक्त रक्त परस्पर मिल जाये तो क्या होगा?
उत्तर:
ऐसे जन्तुओं की कार्यक्षमता बहुत ही कम हो जायेगी जिनको कि दैनिक कार्यकलाप एवं शारीरिक आवश्यकता के लिए ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती है जैसे कि स्तनधारी (मैमल्स) एवं चिड़ियाँ (एवज) जो कि अपने शरीर का तापमान नियंत्रित करने के लिए लगातार ऊर्जा की खपत करती हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
रुधिर प्लाज्मा क्या है? इसका प्रतिशत संघटन लिखिए।
उत्तर:
रुधिर में पाए जाने वाला पीला, साफ, चिपचिपा तथा पारदर्शी तरल पदार्थ प्लाज्मा है जो रुधिर का 50-60 प्रतिशत भाग बनाता है। सामान्यतः इसमें 90% जल तथा 10% कार्बनिक और अकार्बनिक पदार्थ होते हैं। अकार्बनिक क्षारीय लवणों के कारण प्लाज्मा की प्रकृति क्षारीय होती है।
प्रश्न 2.
लाल रुधिर कणिकाएँ ऑक्सीजन परिवहन में किस प्रकार भाग लेती हैं?
उत्तर:
लाल रुधिर कणिकाओं में हीमोग्लोबिन नामक वर्णक पाया जाता है जो रक्त को लाल रंग प्रदान करता है। हीमोग्लोबिन सम्पूर्ण शरीर में ऑक्सीजन ले जाने का कार्य ऑक्सीहीमोग्लोबिन के रूप में करता है।
प्रश्न 3.
श्वेत रक्त कणिकाओं की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
श्वेत रक्त कणिकाएँ रुधिर में पायी जाने वाली बड़ी तथा केन्द्रक युक्त कणिकाएँ होती हैं। ये अमीबा के समान अनियमित आकार की कणिकाएँ होती हैं। इनमें कोई वर्णक नहीं पाया जाता है इसलिए ये रंगहीन होती हैं। ये शरीर में प्रतिरक्षा तन्त्र बनाती हैं तथा रोगाणुओं को नष्ट करने का कार्य करती हैं।
प्रश्न 4.
शरीर में रुधिर का थक्का कब बनता है?
उत्तर:
शरीर में रुधिर का थक्का जमना तभी संभव हो पाता है जब प्रतिजन A के साथ प्रतिरक्षी a अथवा प्रतिजन B के साथ प्रतिरक्षी b एक साथ उपस्थित होते हैं। इस प्रकार रुधिर का थक्का जमने से रक्त कोशिकाओं में रक्त का बहाव रुक जाता है।
प्रश्न 5.
रुधिर आधान किसे कहते हैं?
उत्तर:
मनुष्य के शरीर में रक्त की कमी हो जाने पर उचित वर्ग का रक्त चढ़ाकर मनुष्य में रक्त की कमी को पूरा किया जाता है। यह क्रिया रुधिर आधान कहलाती है। इस प्रक्रिया में दाता व ग्राही दोनों के रक्त वर्गों को सुमेलित कर चढ़ाया जाता है।
प्रश्न 6.
रुधिर बैंक में रुधिर की निरन्तरता बनाए रखने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर:
रुधिर बैंक में रुधिर की निरन्तरता बनाए रखने के लिए रक्तदान की आवश्यकता होती है। रुधिर देने वाले व्यक्ति के रुधिर का परीक्षण कर लिया जाता है। यदि वह किसी गम्भीर बीमारी से ग्रसित होता है तो उसका रक्त नहीं लिया जाता है। रुधिर लेने के लिए रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाता है। रेडक्रॉस सोसाइटी, सभी सरकारी अस्पताल एवं बड़े निजी चिकित्सालयों में रुधिर एकत्रित करने की व्यवस्था होती है। आवश्यकता पड़ने पर इन रक्त बैंकों से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों एवं रोगियों को वांछित समूह का रक्त उपलब्ध कराया जाता है।
प्रश्न 7.
रक्त वाहिनियाँ क्या होती हैं तथा कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
शरीर में रक्त को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में प्रयुक्त वाहिनियाँ रक्त वाहिनियाँ कहलाती हैं। रक्त वाहिनियाँ दो प्रकार की होती हैं:
- धमनी (Artery)
- शिरा (Vein)
प्रश्न 8.
रुधिर या रक्त की कमी अथवा संक्रमण से होने वाले विभिन्न रोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
रक्त की कमी या रक्त के संक्रमित होने पर कुछ रोग हो जाते हैं, जैसे – एनीमिया, पालीसाइयीनिया, रक्त कैंसर, हिपेटाइटिस बी तथा एड्स आदि। इनमें से एड्स (AIDS) भारत ही नहीं विश्व में एक महामारी का रूप ले चुका है।
प्रश्न 9.
प्रतिजन तथा प्रतिरक्षी क्या होते हैं?
उत्तर:
प्रतिजन तथा प्रतिरक्षी मनुष्य के रुधिर में पाए जाने वाले दो प्रकार के प्रोटीन होते हैं।
- प्रतिजन (Antigen) – मानव रुधिर में दो प्रकार के (A तथा B) प्रतिजन पाए जाते हैं।
- प्रतिरक्षी (Antibody) – प्रतिजनों के समान रुधिर में पाए जाने वाले प्रतिरक्षी भी दो प्रकार के होते हैं – प्रतिरक्षी ‘a’ तथा प्रतिरक्षी ‘b’
प्रश्न 10.
एड्स (AIDS) क्या है? यह किस विषाणु से फैलता है? इसका पता किस परीक्षण द्वारा लगाया जाता है?
उत्तर:
एड्स (AIDS) उपार्जित प्रतिरक्षा न्यूनता सिंड्रोम (Acquired Immuno Deficiency Syndrome) है। इस रोग में रोगी का प्रतिरक्षा तन्त्र क्षीण होता जाता है तथा रोगी व्यक्ति अनेकों बीमारियों से ग्रस्त हो जाता है तथा अन्त में उसकी मृत्यु हो जाती है। एड्स एच. आई. वी. (HIV) विषाणु द्वारा फैलता है तथा इसका पता एलीसा (ELISA) परीक्षण से लगाया जाता है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
रक्त की संरचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानव रक्त के दो भाग होते हैं:
1. प्लाज्मा (Plasma) – यह हल्का पीला, साफ, चिपचिपा तथा पारदर्शी तरल होता है तथा रक्त का लगभग 50 – 60% भाग बनाता है। सामान्यतः इसमें 90% जल तथा 10% कार्बनिक एवं अकार्बनिक पदार्थ पाए जाते हैं। अकार्बनिक क्षारीय लवणों के कारण रुधिर प्लाज्मा की प्रकृति क्षारीय होती है। प्लाज्मा रुधिर को तरल रूप में बनाए रखने का कार्य करता है। इसी कारण रुधिर तरल संयोजी ऊतक कहलाता है।
2. रुधिर कणिकाएँ (Blood Corpuscles) – ये रुधिर का 40% भाग बनाती है तथा तीन प्रकार की होती है:
(a) लाल रुधिर कणिकाएँ या इरिथ्रोसाइट्स (Red Blood Corpuscles or Erythrocytes) – ये कणिकाएँ गोल, तश्तरीनुमा तथा दोनों ओर से पिचकी हुई एवं केन्द्रक विहीन होती हैं। इनमें लाल रंग का श्वसन वर्णक हीमोग्लोबिन पाया जाता है जो ऑक्सीजन वाहक का कार्य करता है। लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण अस्थिमज्जा (Bone Marrow) में होता है।
(b) श्वेत रुधिर कणिकाएँ या ल्यूकोसाइट्स (White Blood Corpuscles or Leucocytes) – ये रंगहीन, बड़ी तथा केन्द्रक युक्त रक्त कणिकाएँ होती हैं जो अमीबा के समान अनियमित आकार की होती हैं। RBC की तुलना में इनकी संख्या कम होती है। ये कणिकाएँ शरीर में प्रवेश – करने वाले रोगाणुओं का भक्षण करती हैं अर्थात् शरीर का प्रतिरक्षा तन्त्र बनाती हैं।
(c) रुधिर प्लेटलेट्स या थ्रोम्बोसाइट्स (Blood Platelates or thrombocytes) – ये आकार में छोटी, केन्द्रक विहीन व अनियमित होती है तथा रुधिर में इनकी संख्या भी कम होती है। इनका निर्माण अस्थिमज्जा (Bone marrow) में होता है। ये रुधिर का थक्का बनने में सहायता करती हैं।
प्रश्न 2.
रुधिर वर्गों का क्या महत्व है? रुधिर आधान किसे कहते हैं? रुधिर आधान सम्बन्धी जानकारी को चार्ट के रूप में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
रुधिर वर्गों का महत्व – रुधिर वर्ग की जानकारी से रक्तदान जैसे महत्वपूर्ण कार्य समाज के लिए वरदान साबित हुए हैं। इससे दुर्घटना एवं बीमार व्यक्तियों को आवश्यकता पड़ने पर उचित वर्ग का रुधिर रुधिर बैंक अथवा पंजीकृत स्वैच्छिक रक्तदाताओं से आसानी से प्राप्त हो जाता है। न्याय एवं कानून के क्षेत्र में भी रक्त वर्गों का महत्व है। इनके नमूनों से प्राप्त किए जाने वाले DNA नमूनों द्वारा अपराधियों की पहचान की जा सकती है।
सारणी – रुधिर आधान सम्बन्धी जानकारी:
रक्त आधान – मनुष्य के शरीर में रक्त की कमी हो जाने पर उचित वर्ग का रक्त चढ़ाकर रक्त की कमी को पूरा किया जाता है। यह क्रिया रक्त आधान कहलाती है। इस प्रक्रिया में दाता व ग्राही दोनों के रक्त वर्गों को सुमेलित कर चढ़ाया जाता है जैसा कि संलग्न सारणी में दर्शाया गया है। सही (√) का अर्थ है रक्त दिया जा सकता है एवं गलत (x) का अर्थ है रक्त नहीं दिया जा सकता है। . सारणी से स्पष्ट है कि रुधिर वर्ग AB वाला व्यक्ति सार्वत्रिक ग्राही तथा रुधिर वर्ग ‘O’ वाला व्यक्ति सार्वत्रिक दाता है।
प्रश्न 3.
रक्तदान कौन कर सकता है? रक्तदान के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
ऐसा प्रत्येक पुरुष व महिला:
- जिसकी आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष तक हो।
- जिसका वजन 45 किलो से अधिक हो।
- जो एड्स, हिपेटाइटिस बी और सी, सिफलिस मलेरिया या कोई अन्य गम्भीर बीमारी से ग्रसित न हो।
- जिसने पिछले 3 महीने में रक्तदान नहीं किया हो।
- जिसका 6 महीने के अन्तराल में कोई बड़ा ऑपरेशन नहीं हुआ हो।
- जिसका हीमोग्लोबिन 12.5 से अधिक हो।
- जिसका रक्तदाब सामान्य हो।
- जिसका तापमान 37.5°C व पल्स रेट सामान्य हो।
- महिला जो गर्भवती न हो। ये सभी रक्तदान कर सकते हैं।
रक्तदान के बाद ध्यान देने योग्य बातें –
- रक्तदान के पश्चात् 24 घण्टे तक तरल पदार्थ का सेवन करें; जैसे – जूस, दूध इत्यादि।
- रक्तदान के पश्चात् 24 घण्टे तक अधिक परिश्रम व व्यायाम न करें।
प्रश्न 4.
मनुष्य में रक्त परिसंचरण को समझाइए।
उत्तर:
मनुष्य में रक्त परिसचरण का कार्य हृदय व रक्त वाहिनियाँ मिलकर करती हैं। हृदय एक पम्प की भाँति कार्य करता है जो रुधिर परिसंचरण में सहायक है तथा रक्त वाहिनियाँ रक्त को शरीर को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाती हैं। हृदय चार कक्षों में विभाजित होता है। ऊपरी दो कक्ष आलिन्द और निचले दो कक्ष निलय कहलाते हैं। कक्षों के बीच विभाजन O2 युक्त रक्त और CO2 युक्त रक्त को मिलने नहीं देता है। शरीर के विभिन्न भागों में शिराओं द्वारा रक्त हृदय में आता है। CO2 युक्त इस रक्त को अशुद्ध रक्त कहते हैं। हृदय से अशुद्ध रक्त फेफड़ों में जाकर ऑक्सीजन युक्त होकर वापस आता है। यह रक्त धमनियों द्वारा शरीर की विभिन्न केशिकाओं तक पहुँचता है। इस प्रकार शरीर में रक्त परिसंचरण निरंतर चलता रहता है।