Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Chapter 16 वायु एवं जल प्रदूषण व नियन्त्रण
RBSE Solutions for Class 8 Science
RBSE Class 8 Science वायु एवं जल प्रदूषण व नियन्त्रण Intext Questions and Answers
पृष्ठ 169.
पाठगत प्रश्नोत्तर
सोचिए और बताइए
प्रश्न 1.
चौराहे पर खड़ा ट्रैफिक पुलिस का जवान मास्क क्यों पहनता है?
उत्तर:
वायु प्रदूषण से बचाव के लिये ट्रैफिक पुलिस का जवान मास्क पहनता है।
प्रश्न 2.
ईंट के भट्टे में काला धुआँ क्यों निकलता है?
उत्तर:
भट्टे में कोयले के जलने से कार्बन उत्पन्न होता है। यह काले धुएँ के रूप में बाहर निकलता है।
प्रश्न 3.
भीड़ वाली सड़क पर चलते समय कई बार आपको खाँसी क्यों आती है?
उत्तर:
भीड़ वाली सड़क पर ऑक्सीजन की कमी से साँस लेने में तकलीफ होती है इसी कारण खाँसी आती है।
प्रश्न 4.
क्या आप बगीचे में अच्छा महसूस करते हैं, क्यों?
उत्तर:
शुद्ध वायु के कारण हम बगीचे में अच्छा महसूस करते हैं।
प्रश्न 5.
क्या वायुमण्डल में धुएँ की मात्रा में अंतर आया है?
उत्तर:
हाँ, चौराहे की अपेक्षा बगीचे में धुएँ की मात्रा में कमी आई है।
पृष्ठ 171.
प्रश्न 6.
सर्वेक्षण कार्य – अपने मौहल्ले के 25 परिवारों का सर्वेक्षण कर यह पता लगाइए कि कितने लोग श्वसन सम्बन्धी बीमारियों से ग्रसित हैं।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें। संकेत-अपने मौहल्ले के 25 परिवारों के सदस्यों का सर्वेक्षण कीजिए तथा पता लगाइए कि उनमें से कितने लोग दमा, खाँसी, अस्थमा तथा क्षयरोग से पीड़ित हैं तथा सूची बनाकर निष्कर्ष/परिणाम प्राप्त कीजिए।
पृष्ठ 172.
प्रश्न 7.
वायु प्रदूषण द्वारा होने वाली हानियाँ चार्ट द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
चार्टः वायु प्रदूषण से होने वाली हानियाँ
पृष्ठ 175.
प्रश्न 8.
आपके निवास एवं विद्यालय के आस-पास जल के प्रदूषित होने के विभिन्न कारणों को सूचीबद्ध कर रिपोर्ट तैयार कीजिए।
उत्तर:
संकेत – हमारे निवास एवं विद्यालय के आस – पास जल के प्रदूषित होने के विभिन्न कारण:
1. घरेलू अपशिष्ट:
- मानव और जन्तु का मल – मूत्र
- अपमार्जक
- जीवाणु
- जैविक पदार्थ।
2. औद्योगिक अपशिष्ट – निकटवर्ती फैक्ट्री से निकलने वाला अपशिष्ट जैसे – पारा, सीसा, कॉपर, कैडमियम, आर्सेनिक।
3. नगरीय अपशिष्ट – नगर परिषद् द्वारा इकट्ठा किए गए कूड़े का घरेलू पाइप लाइन व नालियों में प्रवाह होना।
पृष्ठ 176.
प्रश्न 9.
जल प्रदूषण से होने वाली हानियों को चार्ट द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
चार्ट : जल प्रदूषण से होने वाली हानियाँ
- आहारनाल सम्बन्धी रोग जैसे – हैजा, टाइफॉइड, अतिसार, संग्रहणी रोग उत्पन्न हो जाते हैं।
- जल प्रदूषण के कारण जलीय पौधों, जलीय जन्तुओं को पर्याप्त ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण इनकी वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा उनकी संख्या कम हो जाती है।
- भूमि की उर्वरता में कमी आती है।
- औद्योगिक संस्थानों से निष्कासित रसायन यथा आर्सेनिक, लेड तथा फ्लुओराइड कृषि भूमि में मिल जाने पर पौधों तथा जन्तुओं में
- आविषता (Toxicity) उत्पन्न करते विद्युत संयत्रों तथा उद्योगों से निकला गर्म जल जलीय पौधों एवं जन्तुओं के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
- जल में घुले कीटनाशक, अपतृणनाशक तथा अन्य रासायनिक पदार्थ जीवधारियों मे अनेकों व्याधियाँ उत्पन्न करते हैं।
RBSE Class 8 Science वायु एवं जल प्रदूषण व नियन्त्रण Text Book Questions and Answers
सही विकल्प का चयन कीजिए
Question 1.
निम्नलिखित में से कौन-सी हरित गृह गैस नहीं है?
(अ) कार्बन डाइऑक्साइड
(ब) सल्फर डाइऑक्साइड
(स) मेथेन
(द) नाइट्रोजन
उत्तर:
(द) नाइट्रोजन
Question 2.
निम्नलिखित में से विषैली गैस है ……………….
(अ) कार्बन मोनोऑक्साइड
(ब) हाइड्रोजन
(स) ऑक्सीजन
(द) नाइट्रोजन
उत्तर:
(अ) कार्बन मोनोऑक्साइड
Question 3.
रेफ्रिजरेटर में प्रयुक्त किया जाता है ……………….
(अ) हाइड्रोजन
(ब) क्लोरोफ्लोरो कार्बन
(स) नाइट्रोजन
(द) ऑक्सीजन
उत्तर:
(ब) क्लोरोफ्लोरो कार्बन
Question 4.
भारत की पवित्र नदी है ……………….
(अ) गंगा
(ब) बेड़च
(स) बनास
(द) कोसी
उत्तर:
(अ) गंगा
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- जल को प्रदूषित करने वाले पदार्थों को ……………… कहते हैं।
- वायुमण्डल के औसत ताप में निरंतर वृद्धि हो रही है। इसे ………………. कहते हैं।
- ऐरोसॉल फुहार में ………………. का प्रयोग होता है।
- स्वच्छ तथा पीने योग्य जल को ………………. कहते हैं।
उत्तर:
- जल प्रदूषक
- वैश्विक ऊष्णन
- क्लोरोफ्लोरो कार्बन
- पेयजल
कॉलम अ तथा ब का मिलान कीजिए
उत्तर:
1. (3)
2. (1)
3. (4)
4. (2)
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वायु प्रदूषण से होने वाली हानियाँ लिखिए।
उत्तर:
वायु प्रदूषण से होने वाली प्रमुख हानियाँ अग्रवत् हैं:
- पेट्रोल तथा डीजल के अपूर्ण दहन से उत्पन्न कार्बन मोनोऑक्साइड रक्त की ऑक्सीजन वहन क्षमता घटा देती है।
- सीसायुक्त पेट्रोल में पाया जाने वाला टेट्रा ऐथिल लैड (TEL) कैंसर तथा क्षय रोग का कारक है।
- धूम – कोहरा (Smog) दमा, खाँसी, अस्थमा आदि रोग उत्पन्न करता है।
- प्रमुख वायु प्रदूषक सल्फर डाइ ऑक्साइड फेफड़े सम्बन्धी रोग उत्पन्न करती है।
- क्लोरीन, अमोनिया, नाइट्रस ऑक्साइड से आँखों में जलन तथा गले के रोग उत्पन्न होते हैं।
- क्लोरोफ्लोरो कार्बन ओजोन परत अपक्षय के लिए उत्तरदायी है।
प्रश्न 2.
विश्व ऊष्णन किसे कहते हैं?
उत्तर:
विश्व ऊष्णन (Global Warming)वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक होने पर यह सूर्य के पृथ्वी द्वारा परावर्तित होकर जाने वाले विकिरणों को रोक लेती है जिससे वायुमण्डल के औसत ताप में निरन्तर वृद्धि हो रही है। इसे विश्व ऊष्णन (Global warming) कहते हैं।
प्रश्न 3.
अम्ल वर्षा किसे कहते हैं? यह हमें कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर:
अम्ल वर्षा (Acid Rain):
वायुमण्डल में उपस्थित प्रदूषक गैसे – नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइ ऑक्साइड, कार्बन डाइ – ऑक्साइड पानी से क्रिया करके नाइट्रस अम्ल, नाइट्रिक अम्ल, सल्फ्यूरस अम्ल, सल्फ्यूरिक अम्ल तथा कार्बनिक अम्ल बनाती हैं। ये अम्ल वर्षा जल को अम्लीय बनाकर वर्षा के साथ पृथ्वी पर बरसते हैं। यह वर्षा अम्ल वर्षा (Acid rain) कहलाती है।
अम्ल वर्षा के प्रमुख प्रभाव निम्नवत् हैं:
- अम्ल वर्षा के कारण विभिन्न ऐतिहासिक इमारतों जैसेताजमहल का संगमरमर संक्षारित हो रहा है।
- अम्ल वर्षा से इमारतों, पुलों, मूर्तियों, रेलिंग व रेलवे लाइन संक्षारित होते हैं।
- जलाशय तथा मृदा का pH मान कम होने के कारण मृदा बंजर हो जाती है।
- अम्ल वर्षा के कारण प्राणियों की आँख व त्वचा में जलन होती है एवं पादपों एवं जन्तुओं की झिल्लियाँ खराब हो जाती हैं।
प्रश्न 4.
वायु प्रदूषण रोकने के उपाय लिखिए।
उत्तर:
वायु प्रदूषण नियंत्रण के उपाय:
- सभी कारखानों की चिमनियों पर गैस अवशोषक लगवाने चाहिए।
- प्रदूषक कणों को छन्नों (filters) द्वारा दूर करना चाहिए।
- समय – समय पर दहन इंजन का परीक्षण किया जाना चाहिए।
- आदर्श ईंधनों का उपयोग किया जाना चाहिए जिससे कम धुआँ और दूषित गैसें बाहर निकलें।
- अपशिष्ट गैसों एवं धुएँ का पूर्ण ऑक्सीकरण कराना चाहिए ताकि प्रदूषण कम हो सके।
- औद्योगिक प्रतिष्ठानों को शहर से दूर स्थापित किया जाना चाहिए।
- वनों की कटाई पर रोक लगानी चाहिए तथा अधिकाधिक वृक्षारोपण किया जाना चाहिए।
- वाहन चलाने हेतु सीसा रहित पेट्रोल, CNG तथा LPG का प्रयोग करना चाहिए।
- ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का अधिकाधिक प्रयोग किया जाना चाहिए।
- सरकार द्वारा वायु की गुणवत्ता की नियमित मॉनीटरिंग करनी चाहिए।
प्रश्न 5.
पौधा घर प्रभाव (Green House Effect) क्या है?
उत्तर:
सूर्य की किरणें वायुमण्डल से होती हुई पृथ्वी पर पहुँचकर पृथ्वी की सतह को गर्म करती हैं। सूर्य के विकिरणों का कुछ भाग पृथ्वी द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है और कुछ परावर्तित होकर अंतरिक्ष की ओर पुनः चला जाता है। परावर्तित विकिरणों का कुछ भाग वायुमण्डल में रुक जाता है। ये रुकी हुई किरणें वातावरण का ताप बढ़ा देती हैं। इस प्रभाव को हरित गृह प्रभाव. या पौधा घर प्रभाव (Greenhouse effect) कहते हैं।
प्रश्न 6.
वायु प्रदूषक किसे कहते हैं?
उत्तर:
वायु को संदूषित करने वाले पदार्थ वायु प्रदूषक कहलाते हैं। जैसे – वाहनों के धुएँ में कार्बन मोनो ऑक्साइड (CO), कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), नाइट्रोजन के ऑक्साइड (NO2) आदि वायु प्रदूषक उपस्थित होते हैं। इनके अतिरिक्त रासायनिक, इस्पात, खाद, सीमेंट, चीनी उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट, कीटनाशक आदि भी प्रमुख वायु प्रदूषक हैं।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जल प्रदूषण क्या है? जल प्रदूषण से होने वाली हानियाँ क्या हैं? जल प्रदूषण को रोकने के उपाय लिखिए।
उत्तर:
जल प्रदूषण (Water Pollution):
आधुनिक युग में कल-कारखानों और जनसंख्या वृद्धि के परिणामस्वरूप भूमि पर बहने वाले जल (नदी, नाले और झरनों का जल), भूमि पर संग्रहित जल (हैण्डपंपों, कुओं, ट्यूबवेलों आदि से प्राप्त) में धीरे-धीरे कुछ अवांछित पदार्थ मिलते जाते हैं। जिससे जल की गुणवत्ता कम होती है और उसका रंग एवं गंध भी बदल जाते हैं। इसे जल प्रदूषण (Water Pollution) कहते हैं।
जल प्रदूषण से होने वाली हानियाँ – जल प्रदूषण से होने वाली प्रमुख हानियाँ निम्नवत् हैं:
- वाहित मल द्वारा प्रदूषित जल में जीवाणु, विषाणु, कवक एवं परजीवी होते हैं। मल युक्त संदूषित जल के उपयोग से विभिन्न संक्रमण हो सकते हैं। प्रदूषित जल को ग्रहण करने से मानव में कई रोग; जैसे-हैजा, पेचिश, चर्म रोग आदि उत्पन्न हो जाते हैं।
- जल प्रदूषण के कारण जलीय पौधों, जलीय जन्तुओं को ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा नहीं मिल पाती है जिससे उनकी वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और जलीय जन्तुओं की संख्या भी घट रही है।
- जल प्रदूषण के कारण उपजाऊ मृदा भी संदूषित हो रही है और भूमि की उर्वरकता भी कम हो रही है।
- तेल परिष्करणशालाओं, कागज उद्योग, फैक्टरियों, वस्त्र तथा चीनी मिलें आदि से निष्कासित रसायनों में आर्सेनिक, लैड तथा फ्लुओराइड होते हैं। जिनके कृषि भूमि में मिल जाने पर पौधों तथा जन्तुओं में आविषता (Toxicity) उत्पन्न हो जाती है।
- विद्युत संयंत्रों तथा उद्योगों से निकला गर्म जल जलाशयों के तापमान को बढ़ा देता है जिससे उसमें रहने वाले पौधों और जीव-जन्तुओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- फसलों की सुरक्षा हेतु पीड़कनाशी एवं कीटनाशी रसायनों का उपयोग किया जाता है जो जल में घुलकर खेतों से जलाशयों में पहुँचते हैं तथा भूमि में रिसाव द्वारा भूमिगत जल को प्रदूषित करते हैं।
जल प्रदूषण नियन्त्रण के उपाय – जल प्रदूषण नियन्त्रण के प्रमुख उपाय निम्नवत् हैं
- कल – कारखानों, उद्योगों के अपशिष्ट नदियों और जलाशयों में नहीं डालने चाहिए।
- सरकार ने प्रदूषण को रोकने के लिए विभिन्न अधिनियम बनाए जिसके अनुसार उद्योगों को इन निष्कासित अपशिष्टों को उपचारित करने के पश्चात् ही जल में प्रवाहित करने चाहिए। औद्योगिक इकाइयों के लिए बनाए गए कानूनों का से पालन करना चाहिए।
- समुद्र में परमाणु विस्फोट नहीं किए जाने चाहिए।
- जलाशयों, नदियों, तालाबों आदि के जल में गन्दे बर्तन साफ करने, कपड़े धोने एवं पशुओं को नहलाने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
- नदी, तालाब और कुएँ के निकट मल – मूत्र नहीं करना चाहिए।
- पेयजल स्रोत की सफाई तथा जाँच नियमित होनी चाहिए।
- घरों का कूड़ा – कचरा निर्धारित स्थान पर कचरा पात्र में डालना चाहिए।
- प्रत्येक नगर एवं तहसील स्तर पर जल शोधक यंत्र लगाए जाने चाहिए ताकि जल से प्रदूषणकारी तत्वों को अलग किया जा सके।
प्रश्न 2.
गंगा नदी पर आए संकट का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गंगा भारत की प्रसिद्ध नदियों में से एक पवित्र नदी है। गंगा नदी को गंगा माता भी कहते हैं। गंगा नदी का जल कई दिनों तक रखने पर भी शुद्ध रहता है। गंगानदी अधिकांश उत्तरी, पूर्वी भारतीय जनमानस का पोषण करती है। विश्व वन्यजीव कोष (WWF) द्वारा किए गए अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि गंगा संसार की दस नदियों में से एक है जिसका अस्तित्व खतरे में है। बढ़ती जनसंख्या और औद्योगिकीकरण तथा गंगा नदी जिन शहरों एवं गाँवों से गुजरती है तो वहाँ पर रहने वाले निवासियों द्वारा अत्यधिक मात्रा में कूड़ा-करकट, अनुपचारित वाहित मल, मृतजीव, फूल, पूजा सामग्री, पॉलिथीन तथा अनेक हानिकारक पदार्थ सीधे ही विसर्जित करने से गंगा नदी प्रदूषित हो रही है। वर्ष 1985 में गंगा नदी के संरक्षण के लिए गंगा कार्य परियोजना आरम्भ की गई, किन्तु बढ़ती हुई जनसंख्या और औद्योगिकीकरण ने पहले ही गंगा नदी को काफी नुकसान पहुँचा दिया है। वर्तमान में सरकार ने गंगा नदी के संरक्षण हेतु एक एकीकृत कार्यक्रम “नमामि गंगा” प्रारम्भ किया है। लेकिन इसकी सफलता हेतु सरकार के सभी विभागों एवं जनमानस की भागीदारी अत्यन्त आवश्यक है।
RBSE Class 8 Science वायु एवं जल प्रदूषण व नियन्त्रण Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
Question 1.
भोपाल गैस त्रासदी हुई थी।
(अ) 3 दिसम्बर 1984
(ब) 3 दिसम्बर 1994
(स) 2 दिसम्बर 1981
(द) 2 दिसम्बर 1983
उत्तर:
(अ) 3 दिसम्बर 1984
Question 2.
निम्न में से वायु प्रदूषक नहीं है ………………….
(अ) कार्बन मोनो ऑक्साइड
(ब) कार्बन डाइ – ऑक्साइड
(स) नाइट्रोजन
(द) नाइट्रस ऑक्साइड
उत्तर:
(स) नाइट्रोजन
Question 3.
ओजोन परत अपक्षय के लिए प्रमुखतः जिम्मेदार है ………………….
(अ) कार्बन डाइ – ऑक्साइड
(ब) क्लोरोफ्ओरो कार्बन
(स) नाइट्रोजन
(द) सल्फर डाइ ऑक्साइड
उत्तर:
(ब) क्लोरोफ्ओरो कार्बन
Question 4.
दूषित पेय जल से होने वाला रोग नहीं है ………………….
(अ) हैजा
(ब) पेचिश
(स) चर्म रोग
(द) एड्स
उत्तर:
(द) एड्स
Question 5.
क्लोरोफ्लोरो कार्बन का प्रयोग होता है ………………….
(अ) रेफ्रीजरेटर में
(ब) एयर कण्डीशनर में
(स) गद्देदार फोम में
(द) उपर्युक्त सभी में
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी में
Question 6.
ताजमहल के संगमरमर का संक्षारण हो रहा है जिसका कारण है ………………….
(अ) वायु प्रदूषण
(ब) अम्ल वर्षा
(स) ओजोन क्षय
(द) वैश्विक ऊष्णन
उत्तर:
(ब) अम्ल वर्षा
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- वायु के सामान्य संगठन में गुणात्मक या मात्रात्मक परिवर्तन ………………. कहलाता है।
- सीसा युक्त पेट्रोल में ………………. पदार्थ पाया जाता है।
- वायुमण्डल के औसत ताप में वृद्धि ………………. कहलाती है।
- गंगा नदी के संरक्षण हेतु भारत सरकार ने एकीकृत कार्यक्रम ………………. प्रारम्भ किया है।
उत्तर:
- वायु प्रदूषण
- टेट्रा ऐथिल लैड
- विश्व ऊष्णन
- नमामि गंगे
सुमेलित कीजिए
उत्तर:
1. → C
2. → A
3. → D
4. → B
अतिलघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वायु का संघटन बताइए।
उत्तर:
वायु में 78% नाइट्रोजन, 21% ऑक्सीजन तथा 1% अन्य गैसें पायी जाती हैं।
प्रश्न 2.
वायु प्रदूषण को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
वायु के सामान्य संघटन में गुणात्मक या मात्रात्मक परिवर्तन वायु प्रदूषण (air pollution) कहलाता है।
प्रश्न 3.
वायु प्रदूषण के लिए उत्तरदायी प्राकृतिक घटनाएँ लिखिए।
उत्तर:
ज्वालामुखी, भूगर्भीय विस्फोट, आँधी, तूफान आदि वायु प्रदूषण के लिए उत्तरदायी प्राकृतिक घटनाएँ हैं।
प्रश्न 4.
कुछ प्रमुख वायु प्रदूषकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइ – ऑक्साइड, नाइट्रोजन के ऑक्साइड तथा सल्फर डाइ – ऑक्साइड प्रमुख वायु प्रदूषक हैं।
प्रश्न 5.
अम्ल वर्षा ऐतिहासिक धरोहरों के लिए किस प्रकार घातक है?
उत्तर:
अम्ल वर्षा के कारण विभिन्न ऐतिहासिक धरोहरों के संगमरमर का संक्षारण होता है। यह परिघटना संगमरमर का कैंसर कहलाती है।
प्रश्न 6.
हरितगृह के प्रभाव के लिए उत्तरदायी गैसों के नाम लिखिए।
उत्तर:
कार्बन डाइ – ऑक्साइड, मेथेन, नाइट्रस ऑक्साइड तथा जलवाष्प आदि।
प्रश्न 7.
वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सौर ऊर्जा, जल ऊर्जा तथा पवन ऊर्जा आदि।
प्रश्न 8.
प्रदूषित पेयजल जनित प्रमुख रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर:
हैजा, पेचिस तथा चर्म रोग आदि।
प्रश्न 9.
जल प्रदूषण मृदा को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर:
जब प्रदूषण से मृदा की उर्वरता (Fertility) समाप्त हो जाती है।
प्रश्न 10.
गंगा नदी संरक्षण के लिए भारत सरकार ने क्या प्रयास किए हैं?
उत्तर:
भारत सरकार ने वर्ष 1985 में गंगा नदी संरक्षण के लिए गंगा कार्य योजना तथा वर्तमान में नमामि गंगे परियोजना प्रारम्भ की है।
प्रश्न 11.
कारखानों से निकलने वाली किन्हीं तीन गैसों के नाम बताइये जिनसे आँखों में जलन व गले में रोग होते हैं?
उत्तर:
सल्फर डाई आक्साइड (SO2) क्लोरीन (Cl2), अमोनियाँ (NH3)
प्रश्न 12.
एक ऐसे वायु प्रदूषक का नाम बताइये जो ओजोन परत को क्षति पहुँचाता है?
उत्तर:
क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC)
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
क्लोरोफ्लोरो कार्बन क्या हैं? ये किस प्रकार प्रदूषण उत्पन्न करते हैं?
उत्तर:
क्लोरोफ्लोरो कार्ब कार्बन तथा हैलोजेनों के डाइ हैलोजेन यौगिक हैं जिनका उपयोग रेफ्रीजरेटरों, एअर कण्डीशनरों तथा ऐरोसॉल फुहार में किया जाता है। ये वायुमण्डल की ओजोन परत को क्षति पहँचाते हैं। ओजोन परत सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से हमारी सुरक्षा करती है। अत्यधिक CFCs के वायुमण्डल में घुलने से ओजोन परत में छिद्र होने जैसी गम्भीर स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
प्रश्न 2.
धूम – कोहरा क्या है? इससे क्या हानियाँ होती हैं?
उत्तर:
सर्दियों में वायुमण्डल में धुएँ तथा कोहरे से निर्मित कोहरे जैसी मोटी परत धूम – कोहरा (Smog) कहलाती है। धुएँ में नाइट्रोजन के ऑक्साइड होते हैं जो अन्य वायु प्रदूषकों तथा कोहरे से मिलकर धूम-कोहरा बनाते हैं। इससे दमा, खाँसी, अस्थमा तथा बच्चों में साँस आदि रोग उत्पन्न हो जाते हैं।
प्रश्न 3.
पेट्रोलियम परिष्करणशालाएँ वायुमण्डल को किस प्रकार प्रदूषित करती हैं?
उत्तर:
पेट्रोलियम परिष्करणशालाओं से सल्फर डाइ ऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाइ – ऑक्साइड जैसे गैसीय प्रदूषण उत्पन्न होते हैं। ये ऑक्साइड वायुमण्डल में पहुँचकर वायु को प्रदूषित करते हैं। इनसे युक्त प्रदूषित वायु फेफड़ों से सम्बन्धित बीमारियाँ उत्पन्न करती है। इसके अतिरिक्त सल्फर डाइऑक्साइड पौधों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती है।
प्रश्न 4.
ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण हेतु सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किए गए उपाय लिखिए।
उत्तर:
ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निम्न उपाय किए गए हैं:
- उद्योगों को CNG (संपीडित प्राकृतिक गैस) तथा LPG (दूषित पेट्रोलियम गैस)जैसे स्वच्छ ईंधनों का उपयोग करने हेतु आदेशित किया गया है।
- ताजमहल के क्षेत्र में मोटर वाहनों को सीसारहित पेट्रोल का उपयोग करने हेतु आदेश दिए गए हैं।
प्रश्न 5.
हरितगृह (Greenhouse) क्या होता है? यह गर्म क्यों रहता है?
उत्तर:
ठंडे स्थानों पर पौधों की वृद्धि कराने के लिए खेतों या बगीचों में काँच के घर बनाए जाते हैं, इन्हें हरितगृह (Greenhouse) कहते हैं। हरितगृह में सूर्य की ऊष्मा विकिरणों द्वारा प्रवेश तो करती है पर इससे बाहर नहीं निकल पाती है, इसलिए हरितगृह गर्म रहता है।
प्रश्न 6.
विश्व ऊष्णन को गंभीर संकट क्यों माना जा रहा है?
उत्तर:
विश्व ऊष्णन को गंभीर संकट माना जा रहा है क्योंकि ऊष्णन के कारण विश्व के कई स्थानों के हिमनद पिघलने शुरू हो गए हैं जिससे अनेक स्थानों सर तटीय क्षेत्र जलमग्न हो गये हैं। विश्व ऊष्णन के विस्तृत प्रभाव वर्षा, प्रतिरूप, कृषि, वन, पौधों तथा जन्तुओं पर पड़ रहे हैं। इस प्रभाव के कारण वायुमण्डलीय ताप में अधिक वृद्धि हो सकती है। बहुत से देशों ने हरितगृह गैसों के उत्सर्जन में कमी करने के लिए परस्पर अनुबंध किए हैं।
प्रश्न 7.
जल प्रदूषण के विभिन्न कारणों को सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
जल प्रदूषण के प्रमुख कारण निम्नवत् हैं:
- घरेलू तथा औद्योगिक अपशिष्ट।
- जलाशयों एवं नदियों में कपड़े धोना, नहाना, गंदगी डालना मवेशियों को नहलाना, मलमूत्र त्यागना तथा वाहनों को धोना आदि मानवीय क्रियाकलाप।
- कृषि में रासायनिक खादों, कीटनाशकों का प्रयोग।
प्रश्न 8.
शैवाल ब्लूम क्या है? इसकी क्या हानियाँ हैं?
उत्तर:
अपशिष्ट पदार्थों में उपस्थित नाइट्रेट तथा फॉस्फेट जैसे रसायन अधिक मात्रा में जलाशयों एवं तालाबों में मिल जाते हैं। ये रसायन शैवालों के लिए पोषक पदार्थों का कार्य करते हैं। इसके फलस्वरूप जलाशयों में शैवालों की मात्रा में अत्यधिक वृद्धि हो जाती है। इस घटना को शैवाल ब्लूम (Algal bloom) कहते हैं। ये शैवाल ऑक्सीजन की अत्यधिक मात्रा का उपयोग करते हैं जिससे जल में ऑक्सीजन के स्तर में कमी हो जाती है तथा जलीय जीव मर जाते हैं।
प्रश्न 9.
जल शुद्धिकरण के लिए क्या प्रयास किए जाने चाहिए?
उत्तर:
अशुद्ध जल को जलाशयों में गिराने से पूर्व विभिन्न भौतिक तथा रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा वाहित मल उपचार संयन्त्रों द्वारा शुद्ध किया जाना चाहिए। सार्वजनिक जल वितरण प्रणाली में जल की घरों में आपूर्ति करने से पूर्व जल को उपचारित किया जाना चाहिए।
प्रश्न 10.
पेयजल को शुद्ध करने के लिए प्रयुक्त विधियों को सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
- घरेलू फिल्टर ( कैंडर फिल्टर) का उपयोग करना।
- जल को उबालना।
- जल को क्लोरीन से उपचारित करना।
- फिटकरी के प्रयोग से अशुद्धियों को स्कंदित करना।
- जल को कृमिमुक्त करने के लिए कुओं में चूना, पौटेशियम परमेग्नेट आदि डालना।
प्रश्न 11.
गंगा नदी का जल प्रदूषित करने वाले कारक कौन – कौन से हैं?
उत्तर:
कूड़ा – करकट, अनुपचारित वाहित मल, मृत जीव, फूल, पूजासामग्री, पॉलिथीन, औद्योगिक अपशिष्ट गंगानदी का जल प्रदूषित करने वाले प्रमुख कारक (प्रदूषक) हैं।
प्रश्न 12.
गंगा नदी की पवित्रता बनाए रखने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर:
गंगा नदी की पवित्रता बनाये रखने के लिए निम्न उपाय करने चाहिए:
- घरेलू तथा औद्योगिक अपशिष्टों का गंगा नदी में विसर्जन पूर्णतः प्रतिबन्धित किया जाना चाहिए।
- गंगा नदी में शव विसर्जन प्रतिबन्धित किया जाना चाहिए।
- धार्मिक क्रियाकलापों में प्रयोज्य विभिन्न पदार्थों का समुचित निस्तारण किया जाना चाहिए।
प्रश्न 13.
गंगा नदी की स्वच्छता हेतु सरकार को क्या-क्या प्रयास करने चाहिए?
उत्तर:
गंगा नदी की स्वच्छता हेतु सरकार को निम्न उपाय करने चाहिए:
- घरेलू तथा औद्योगिक अपशिष्टों का गंगा नदी में विसर्जन पूर्णतः प्रतिबन्धित करने के लिए व्यापक कानून बनाना चाहिए।
- गंगा नदी पर धार्मिक क्रियाकलापों को प्रतिबन्धित करना चाहिए।
- गंगा नदी के संरक्षण हेतु राष्ट्रीय एकीकृत कार्यक्रम लागू करना चाहिए तथा इसमें सभी राजकीय विभागों और जनता की भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वायु प्रदूषण के विभिन्न कारणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वायु प्रदूषण के कारण:
1. वाहनों के द्वारा – सभी प्रकार के वाहनों में ईंधन दहन से अनेक प्रकार की जहरीली गैसें; जैसे – कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड आदि निकलती हैं जो वायु को प्रदूषित कर देती हैं।
2. उद्योगों द्वारा – रासायनिक, इस्पात, खाद, सीमेंट, चीनी आदि के उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट वायु प्रदूषण को बढ़ाते हैं।
3. कृषि क्रियाएँ – फसलों को कीटों से बचाने के लिए कीटनाशक का छिड़काव किया जाता है जिससे कुछ रसायन वायु में मिलकर वायु को संदूषित कर देते हैं।
4. घरेलू प्रदूषण – घरों पर भोजन पकाने हेतु लकड़ी, कंडे (उपले) का उपयोग किया जाता है जिससे निकलने वाला धुआँ वायु को प्रदूषित कर देता है। इसी तरह घर के अपशिष्ट खुली जगह पर छोड़ने से भी वायु प्रदूषण होता है।
5. व्यक्तिगत आदतें – धूम्रपान से निकलने वाला धुआँ भी वायु को प्रदूषित कर देता है।
6. प्राकृतिक स्रोतों द्वारा – ज्वालामुखी, भूगर्भीय विस्फोट, आँधी, तूफान आदि प्राकृतिक आपदाओं के द्वारा भी वायु का प्रदूषण होता है।
7. दुर्घटनाएँ – मानवीय असावधानियों से होने वाली दुर्घटनाएँ; जैसे – आणविक स्टेशन पर विस्फोट, युद्ध सामग्री में आग, कारखानों से गैस रिसाव आदि भी वायुमण्डल को घातक रूप से प्रदूषित कर देती हैं। पेड़ एवं वनों की अंधा – धुंध कटाई-वनोन्मूलन के कारण गैसों के असन्तुलन से भी वायुमण्डल दूषित हो गया है।
8. जनसंख्या वृद्धि – जनसंख्या की तीव्र वृद्धि के कारण भी वायुमण्डल प्रदूषित हो रहा है।
प्रश्न 2.
प्रमुख वायु प्रदूषकों के दुष्प्रभावों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वायु प्रदूषकों के दुष्प्रभाव प्रमुख वायु प्रदूषकों के दुष्प्रभाव निम्नवत् हैं:
1. पेट्रोल तथा डीजल के अपूर्ण दहन से कार्बन मोनोऑक्साइड उत्पन्न होती है जो एक विषैली गैस है। यह रक्त में ऑक्सीजन । वहन क्षमता घटा देती है।
2. सीसायुक्त पैट्रोल में पाया जाने वाला टेट्रा एथिल लैड भी एक घातक प्रदूषक है। यह कैंसर एवं क्षय रोग का कारक है।
3. सर्दियों में आपने वायुमण्डल में कोहरे जैसी मोटी परत देखी होगी। यह धुएँ तथा कोहरे से बनती है। इसे धूम-कोहरा कहते हैं। धुएँ में नाइट्रोजन के ऑक्साइड होते हैं जो अन्य वायु प्रदूषकों तथा कोहरे से मिलकर धूम-कोहरा बनाते हैं। इससे दमा, खाँसी, अस्थमा तथा बच्चों में साँस के साथ हरहराहट आदि रोग उत्पन्न होते हैं।
4. पेट्रोलियम परिष्करणशालाओं से सल्फर डाइऑक्साइड या नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे गैसीय प्रदूषक उत्पन्न होते हैं। विद्युत संयत्रों में प्रयुक्त ईंधन से भी सल्फर डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है। यह फेफड़ों संबंधी बीमारियाँ फैलाती है।
5. क्लोरोफ्लोरो कार्बन्स (CFCs) एक प्रकार के वायु प्रदूषक हैं, जिनका उपयोग रेफ्रिजरेटरों, एयर कंडीशनरों एवं ऐरोसॉल फहार में होता है। ये वायुमण्डल की ओजोन परत को क्षति पहुँचाते हैं। ओजोन परत सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से हमारी सुरक्षा करती है। अत्यधिक CFCs के वायुमण्डल में घुलने से ओजोन परत में छिद्र होने जैसी गम्भीर स्थिति उत्पन्न हो गई है।
6. कारखानों से निकलने वाली सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), क्लोरीन (Cl2), अमोनिया (NH3), नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) जैसी गैसों से आँखों में जलन होती है व गले के रोग होते हैं।
7. ऐल्युमिनियम तथा सुपर फॉस्फेट का निर्माण करने वाले कारखानों से निकलने वाली गैसों से भी कई रोग हो जाते हैं।
8. वायु प्रदूषक पौधों को भी हानि पहँचाते हैं। सल्फर डाइऑक्साइड गैस तो पौधों को मृत कर देती है।
प्रश्न 3.
जल प्रदूषण के प्रमुख कारणों का वर्णन कीजिए। पेयजल शुद्धिकरण के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए।
उत्तर:
जल प्रदूषण के कारण जल प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं:
- उद्योगों से निकलने वाले विषैले रासायनिक अपशिष्ट पदार्थ, कचरा, पॉलिथीन और अन्य गंदगी जल में मिलने से जल प्रदूषित हो जाता है। गाँव अथवा शहर की नालियों का पानी जलाशय एवं नदियों में गिरने से भी जल प्रदूषित हो रहा है।
- जलाशयों एवं नदियों में कपड़े धोने, नहाने, बर्तन साफ करने, गंदगी को इनमें डालने, मवेशियों को नहलाने, मल – मूत्र त्यागने, वाहनों को धोने आदि से जल दूषित हो जाता है।
- फसलों के अधिक उत्पादन के लिए प्रयुक्त की गई रासायनिक खाद एवं कीटनाशक दवाएँ (पेस्टीसाइड्स) वर्षा के जल के साथ नदियों या तालाबों में पहुँचकर जल को प्रदूषित करते हैं।
- समुद्री जल का प्रदूषण नदियों का दूषित जलों का समुद्र में मिलने से समुद्री जल प्रदूषित हो जाता है। समुद्र में परमाणु विस्फोटों के परीक्षण से समुद्री जल विकिरण युक्त हो जाता है, जो हानिकारक है।
पेयजल शुद्धिकरण के लिए उपाय – अशुद्ध जल को जलाशयों में गिराने से पूर्व विभिन्न भौतिक तथा रासायनिक क्रियाओं द्वारा शुद्ध किया जाना चाहिए। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में जल की घरों में आपूर्ति करने से पूर्व जल का उपचार किया जाना चाहिए।