Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 16 प्रकाश Textbook Exercise Questions and Answers.
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प्रश्न 1.
यदि दर्पण पर प्रकाश अभिलम्ब के अनुदिश डाला जाये तो क्या होगा?
उत्तर:
यदि दर्पण पर प्रकाश अभिलम्ब के अनुदिश डाला जाता है तो आपतन कोण तथा परावर्तन कोण का मान शून्य होगा।
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प्रश्न 2.
यदि परावर्तित किरणें किसी अन्य दर्पण पर आपतित हों, तो क्या वे फिर परावर्तित हो सकती है?
उत्तर:
हाँ, वे पुनः परावर्तित हो सकती हैं। उदाहरणएक दर्पण में दूसरे दर्पण की सहायता से प्रतिबिम्ब देखना।
प्रश्न 1.
मान लीजिए आप एक अंधेरे कमरे में हैं। क्या आप कमरे में वस्तुओं को देख सकते हैं? क्या आप कमरे के बाहर वस्तुओं को देख सकते हैं? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
अंधेरे कमरे में वस्तुओं को नहीं देख सकते हैं। किसी वस्तु को हम तब ही देख पाते हैं जब उस वस्तु से आने वाला प्रकाश हमारे नेत्रों में प्रवेश करे। हाँ, हम कमरे के बाहर वस्तुओं को देख सकते हैं क्योंकि प्रकाश अब वस्तुओं द्वारा उत्सर्जित अथवा उनसे परावर्तित हो सकता है।
प्रश्न 2.
नियमित तथा विसरित परावर्तन में अन्तर बताइए।क्या विसरित परावर्तन का अर्थ है कि परावर्तन के नियम विफल हो गए हैं?
उत्तर:
नियमित परावर्तन (Regular Reflection) |
विसरित परावर्तन (Diffused Reflection) |
1. यह परावर्तन समतल तथा चिकने पृष्ठ पर होता है। |
1. यह परावर्तन विषम एवं अनियमित पृष्ठ पर होता। |
2. परावर्तित किरणें समान्तर होती हैं। |
2. परावर्तित किरणें समान्तर नहीं होती हैं। |
विसरित परावर्तन, परावर्तन के नियम का विफल होना नहीं है। यह विषम पृष्ठ पर अनियमितताओं के कारण होता है।
प्रश्न 3.
निम्न में से प्रत्येक के स्थान के सामने लिखिए, यदि प्रकाश की एक समान्तर किरण-पुंज इनसे टकराए तो नियमित परावर्तन होगा या विसरित परावर्तन होगा। प्रत्येक स्थिति में अपने उत्तर का औचित्य बताइए:
(क) पॉलिशयुक्त लकड़ी की मेज
(ख) चॉक पाउडर
(ग) गत्ते का पृष्ठ
(घ) संगमरमर के फर्श पर फैला जल
(ङ) दर्पण
(च) कागज का टुकड़ा।
उत्तर:
(क) पॉलिशयुक्त लकड़ी की मेज-नियमित परावर्तन क्योंकि लकड़ी की मेज का पृष्ठ पॉलिश होने के कारण समताल है।
(ख) चॉक पाउडर - विसरित परावर्तन, क्योंकि चाक पाउडर रुक्ष पृष्ठ प्रदान करता है।
(ग) गत्ते का पृष्ठ - विसरित परावर्तन, विषम परावर्ती पृष्ठ पर अनियमितताओं के कारण होता है।
(घ) संगमरमर के फर्श पर फैला जल-नियमित परावर्तन, क्योंकि जल से समतल तल बन जाता है।
(ङ) दर्पण - नियमित परावर्तन, क्योंकि दर्पण का पृष्ठ समतल होता है।
(च) कागज का टुकड़ा-नियमित परावर्तन, यदि कागज समतल है एवं विसरित परावर्तन, यदि कागज रुक्ष है।
प्रश्न 4.
परावर्तन के नियम बताइए।
उत्तर:
परावर्तन के नियम:
प्रश्न 5.
यह दर्शाने के लिए कि आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिन्नु पर अभिलम्ब एक ही तल में होते हैं.एक क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
क्रियाकलाप: एक मेज पर कागज की एक सफेद शीट फैलाइए। इस पर MM' एक सीधी रेख खौंचिए । इस रेखा के अनुदिश समतल दर्पण की एक पट्टी ध्याधर स्थिति में रखें। अब टार्च की सहायता से प्रकाश दर्पण पर इस प्रकार डाले कि इससे निकलने वाला प्रकाश पुंज मेज के समान्तर हो एक पेन्सिल से किसी भी आपतित किरण पर तीन बिन्दु A, B तथा C अंकित करें और इसके संगत परावर्तित किरण पर बिन्दु D, E तथा F अंकित करें। यर्च बंद कर दें। दर्पण हय दें।
अब बिन्दुओं को मिलाकर दर्पण तक बढ़ायें। ABC रेखा MM' पर O पर मिलती है। इसी प्रकार DEF रेखा MM' पर O पर मिलती हैं। OA आपतित किरण है जबकि OF परावर्तित किरण है। O पर अभिलम्ब ON खींचें। इससे सिद्ध होता है कि आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब सभी एक ही तल में हैं।
प्रश्न 6.
नीचे दिए गए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
(a) एक समतल दर्पण के सामने 1 m दूर खड़ा एक व्यक्ति अपने प्रतिविम्य से .............................. m दूर दिखाई देता है।
(b) यदि किसी समतल दर्पण के सामने खड़े होकर आप अपने दाएँ हाथ से अपने .............................. कान को छुएँ तो दर्पण में ऐसा लगेगा कि आपका दायाँ कान .............................. हाथ से छुआ गया है।
(c) जब आप मंद प्रकाश में देखते हैं तो आपकी पुतली का साइन .............................. हो जाता है।
(d) रात्रि पक्षियों के नेत्रों में शलाकाओं की संख्या की अपेक्षा शंकुओं की संख्या .............................. होती है।
उत्तर:
(a) 2
(b) बाएँ, बाएँ
(c) बड़ा
(d) कम।
प्रश्न 7 तथा 8 में सही विकल्प छाँटिए:
प्रश्न 7. आपतन कोण (angle of incidence) परावर्तन कोण (angle of reflection) के बराबर होता है:
(क) सदैव
(ख) कभी - कभी
(ग) विशेष दशाओं में
(घ) कभी नहीं
उत्तर:
(क) सदैव।
प्रश्न 8.
समतल दर्पणद्वारा बनाया गया प्रतिबिम्ब होता है:
(क) आभासी, दर्पण के पीछे तथा आवर्धित।
(ख) आभासी, दर्पण के पीछे तथा बिंब के साइन के बराबर।
(ग) वास्तविक, दर्पण के पृष्ठ पर तथा आवर्षित।
(घ) वास्तविक, दर्पण के पोछे तथा बिंब के साइज के बराबर।
उत्तर:
(ख) आभासी, दर्पण के पीछे तथा बिंध के साइज के बराबर।
प्रश्न 9.
कैलाइडोस्कोप (Kaleidkoscope) की रचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कैलाइडोस्कोप बनाने के लिए दर्पण की लगभग 15 cm लम्बी, 4 cm चौड़ी तीन आयताकार पट्टियाँ लीजिए। इन्हें चित्र में दर्शाए अनुसार एक प्रिज्म की आकृति में जोडिए। इन्हें गत्ते या मोटे चार्ट पेपर की बनी एक बेलनाकार ट्युब में दृढ़ता से लगाइए। सुनिश्चित कीजिए कि ट्यूब दर्पण की पट्टियों से थोड़ी लम्बी हो । ट्यूब के एक सिरे को गते की एक ऐसी डिस्क से बन्द कीजिए जिसमें भीतर का दृश्य देखने के लिए एक छिद्र बना हो।
डिस्क को टिकाऊ बनाने के लिए इसके नीचे पारदर्शी प्लास्टिक की शोट चिपका दीजिए। ट्यूब के दूसरे सिरे पर समतल कांच की एक वृत्ताकार प्लेट दर्पणों को छूते हुए दृढ़तापूर्वक लगाइए। इस प्लेट पर छोटे-छोटे रंगीन काँच के कुछ टुकड़े (रंगीन चूड़ियों के टुकड़े) रखिए। ट्यूब के इस सिरे को पिसे हुए कांच की प्लेट से बन्द कीजिए। रंगीन टुकड़ों की हलचल के लिए पर्याप्त जगह रहने दीजिए। आपका कैलाइडोस्कोप तैयार है।
प्रश्न 10.
मानव नेत्र का एक नामांकित रेखाचित्र बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न 11.
गुरमीत लेजर टार्च के द्वारा पाठ्यपुस्तक के क्रियाकलाप 16.8 को करना चाहता था। उसके अध्यापक ने ऐसा करने से मना किया। क्या आप अध्यापक की सलाह के आधार की व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर:
लेसर डार्च से उत्पन्न प्रकाश आँख के रेटिना को अति पहुंचा सकता है। इसलिए अध्यापकने लेजर यर्च का उपयोग करने से मना किया।
प्रश्न 12.
वर्णन कीजिए कि आप अपने नेत्रों की देखभाल कैसेकरेंगे?
उत्तर:
हम अपने नेत्रों की देखभाल निम्न प्रकार से कर सकते है:
प्रश्न 13.
यदि परावर्तित किरण आपतित किरण से 90° का कोण बनाए तो आपतन कोणका मान कितना होगा?
उत्तर:
आपतित किरण व परावर्तित किरण के मध्य कोण का मान है - 90°
अर्थात् ∠i+∠r= 90°
परावर्तन के नियमानुसार:
∠i = ∠r
∠i + ∠r= 90°
2∠i = 90° (चूँकि ∠r = ∠i)
∠i = \(\frac{90^{\circ}}{2} \)
∠i = 45°
अतः आपतन कोण का मान 45° होगा।
प्रश्न 14.
यदि दो समान्तर दर्पण एक - दूसरे से 40 cm के अन्तराल पर रखे हों तो इनके बीच रखी एक मोमबत्ती के कितने प्रतिबिम्ब बनेंगे?
उत्तर:
अनन्त प्रतिविम्ब बनेंगे।
प्रश्न 15.
दो दर्पण एक - दूसरे के लम्बवत् रखे हैं। प्रकाश की एक किरण एक वर्पण पर 30° के कोण पर आपतित होती है जैसा कि निम्न चित्र में दर्शाया गया है। दूसरे दर्पण से परावर्तित होने वाली परावर्तित किरण बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न 16.
निम्न चित्र में दशाए अनुसार बूझो एक समतल दर्पण के ठीक सामने पाव से कुछ हटकर एक किनारे A पर खड़ा होता है। क्या वह स्वयं को दर्पण में देख सकता है? क्या वह तथा R पर स्थित वस्तुओं के प्रतिबिम्ब भी देख सकता है?
उत्तर:
शो स्वयं को नहीं देख सकता क्योंकि वह दर्पण सीमा के बाहर है। उसे P और के प्रतिबिम्ब सरलता से दिखाई देंगे परन्तु R का प्रतिविम्ब नहीं दिखेगा।
प्रश्न 17.
(a)A पर स्थित किसी वस्तु के समतल दर्पण में बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति ज्ञात कीजिए। (चित्र)
(b) क्या स्थिति B से पहेली प्रतिविम्ब को देख सकती है?
(c) क्या स्थिति से बूझो इस प्रतिबिम्ब को देख सकता है?
(d) जब पहेली B से C पर चली जाती है तो A का प्रतिबिम्ब किस ओर खिसक जाता है?
उत्तर:
(a) A पर स्थित वस्तु का प्रतिविम्य दर्पण में उतनी ही दूरी पर बनेगा जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के आगे है।
(b) स्थिति B से पहेली प्रतिबिम्ब को देख सकती है।
(c) स्थिति C से शो A का प्रतिविम्य देख सकता है।
(d) A का प्रतिबिम्ब कहीं नहीं खिसकेगा। पहेली के B से जाने पर भी यह पहले वाली जगह पर ही रहेगा।