Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Chapter 14 प्रकाश का अपवर्तन
RBSE Solutions for Class 8 Science
RBSE Class 8 Science प्रकाश का अपवर्तन Intext Questions and Answers
पाठगत प्रश्नोत्तर
पृष्ठ 150.
प्रश्न 1.
क्या होता है जब प्रकाश किरण, विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करती है?
उत्तर:
प्रकाश की किरण अभिलम्ब को ओर झुक जाती है।
पृष्ठ 150.
प्रश्न 2.
क्या होता है जब प्रकाश किरण, सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है?
उत्तर:
काश की किरण अभिलम्ब से दूर हट जाती है। पानी से भरी एक बाल्टी के पैंदे में एक सिक्का रखिए। अपनी आँख को पानी के ऊपर एक साइड में रखकर सिक्के को एक ही बार में उठाने का प्रयास कीजिए।
पृष्ठ 152.
प्रश्न 3.
क्या आप सिक्का उठाने में सफल हो पाते हैं? इस प्रक्रिया को दोहराइए। आप इसे एक बार में करने में सफल क्यों नहीं हो पाए थे?
उत्तर:
हम एक बार में सिक्का नहीं उठा पाते हैं। अपवर्तन के कारण सिक्के की सही स्थिति प्रथम बार में ज्ञात नहीं हो पाती है। इसलिए हम प्रथम बार में सिक्के को उठाने में सफल नहीं हो पाते हैं।
प्रश्न 4.
अवतल लेंस कैसा प्रतीत होता है?
उत्तर:
अवतल लेंस किनारों पर मोटा तथा बीच में पतला होता है। एक उत्तल लेंस तथा एक कागज लीजिए। सूर्य का प्रकाश उत्तल लेंस से गुजार कर कागज पर इस प्रकार डालिए कि वह एक बिन्दु पर केन्द्रित हो जाए। तब तक रुके रहिए जब तक कि कागज जलने न लग जाए। उत्तल लेंस समांतर आने वाली प्रकाश किरणों को एक बिन्दु पर केन्द्रित (अभिसारित) करता है। इसी कारण इसे अभिसारी लेंस भी कहते हैं।
पृष्ठ 154.
प्रश्न 5.
अवतल लेंस अभिसारी लेंस क्यों नहीं कहलाता है?
उत्तर:
अवतल लेंस समांतर आने वाली प्रकाश किरणों को फैला देता है (अपसारित करता है), इसलिए इसे अपसारी लेंस कहते हैं, अभिसारी लेंस नहीं।
प्रश्न 6.
लेंस से इस प्रतिबिम्ब की दूरी माप कर उत्तल लेंस की लगभग फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
छात्र लेंस व कागज लेकर इस प्रयोग को स्वयं करें। यह बिन्दु सूर्य का अत्यन्त छोटा (बिन्दु आकार का) प्रतिबिम्ब है। चूँकि यह प्रतिबिम्ब पर्दे पर लिया जा सकता है, अतः यह वास्तविक प्रतिबिम्ब है। वास्तविक प्रतिबिम्ब सदैव उल्टे होते हैं।
प्रश्न 7.
उत्तल लेंस से किसी वस्तु की विभिन्न स्थिति में बने प्रतिबिम्ब की स्थिति आकार एवं प्रकृति को सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
सारणी – उत्तल लेंस से प्रतिबिम्ब निर्माण
RBSE Class 8 Science प्रकाश का अपवर्तन Text Book Questions and Answers
सही विकल्प का चयन कीजिए
Question 1.
निम्नलिखित में से कौन – सी घटना अपवर्तन से सम्बन्धित ………………. नहीं है?
(अ) पानी से भरे पात्र का पैदा ऊपर उठा हुआ दिखाई देना
(ब) सूर्योदय से पहले व सूर्यास्त के पश्चात् सूर्य का दिखाई देना
(स) दर्पण से प्रतिबिम्ब निर्माण
(द) तारों का टिमटिमाना
उत्तर:
(स) दर्पण से प्रतिबिम्ब निर्माण
Question 2.
निम्नलिखित में से कौन-सा भाग मानव नेत्र का नहीं ……………….
(अ) रेटिना
(ब) कॉर्निया
(स) पुतली
(द) मध्य पटल
उत्तर:
(द) मध्य पटल
Question 3.
जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम ………………. में प्रवेश करती है तो यह ……………….
(अ) अभिलम्ब से दूर हो जाती है
(ब) अभिलम्ब की ओर झुक जाती है
(स) बिना विचलित हुए सीधी निकल जाती है
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) अभिलम्ब से दूर हो जाती है
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- आँख की ………….. आँख में प्रवेश करने वाले प्रकाश को नियंत्रित करती है।
- …………… लेंस से सदैव सीधा, आभासी एवं छोटा प्रतिबिम्ब बनता है।
- जब प्रकाश की किरण वायु से पानी में प्रवेश करती है तो अभिलम्ब की ………….. झुक जाती है।
उत्तर:
- पुतली
- अवतल लेंस
- ओर।
कॉलम अ तथा ब को सुमेलित कीजिए
उत्तर:
1. (घ)
2. (क)
3. (ख)
4. (ग)
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
अपवर्तन किसे कहते हैं? यह किस कारण होता है?
उत्तर:
अपवर्तन (Refraction) – जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करती है तो यह अपने पथ से विचलित हो जाती है। इस घटना को प्रकाश का अपवर्तन कहते हैं। प्रकाश के एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे में प्रवेश करने पर प्रकाश की चाल में परिवर्तन के कारण अपवर्तन की घटना होती है।
प्रश्न 2.
उत्तल और अवतल लेंस में प्रमुख अन्तर लिखिए।
उत्तर:
- उत्तल लेंस किनारों पर पतला व बीच में मोटा होता है तथा अवतल लेंस किनारों पर मोटा व बीच में पतला होता है।
- उत्तल लेंस समान्तर आपतित प्रकाश किरणों को एक बिन्दु पर केन्द्रित (अभिसारित) करता है जबकि अवतल लेंस समांतर आपतित प्रकाश किरणों को फैला देता है (अपसारित करता है)।
- उत्तल लेंस से प्रतिबिम्ब को पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है लेकिन अवतल लेंस से प्रतिबिम्ब पर्दे पर नहीं प्राप्त किया जा सकता है।
प्रश्न 3.
अपवर्तनांक किसे कहते हैं?
उत्तर:
अपवर्तनांक (Refractive Index) – अपवर्तनांक दिए गए दो माध्यमों में प्रकाश के वेगों का अनुपात होता है। यह नियतांक है तथा मात्रक रहित है।
प्रश्न 4.
वर्ण विक्षेपण किसे कहते हैं? इन्द्रधनुष के रंगों को क्रम से लिखिए।
उत्तर:
वर्ण विक्षेपण (Dispersion) – प्रिज्म में से श्वेत प्रकाश के गुजरने पर यह अपने 7 मूल रंगों में विभाजित हो जाता है। यह घटना वर्ण विक्षेपण कहलाती है। इन्द्रधनुष के रंगों का क्रम बैंगनी (Violet), जामुनी (Indigo), नीला (Blue), हरा (Green), पीला (Yellow), नारंगी (Orange) तथा लाल (Red) होता है। रंगों के इस क्रम को अंग्रेजी के शब्द VIBGYOR से याद रख सकते हैं।
प्रश्न 5.
मीना के दो सहपाठियों में राघव को दूर की वस्तुएँ तथा मेघा को पास की वस्तुएँ स्पष्ट दिखाई नहीं देती हैं। उन्हें कौन-कौन से दृष्टि दोष हैं? इनके निवारण के लिए उन्हें कौन-कौन से लेंस से बने चश्मे प्रयुक्त करने पड़ेंगे?
उत्तर:
राघव को निकट दृष्टि दोष (Myopia or Short Sightedness) है। इसके निवारण के लिए अवतल लेंस से बने चश्मे का प्रयोग करना पड़ेगा। मेघा को दूर दृष्टि दोष (Hypermetropia or Long – sightedness) है। इसके निवारण के लिए उत्तल लेंस से बने चश्मे का प्रयोग करना पड़ेगा।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
काँच की आयताकार सिल्ली द्वारा प्रकाश की किरण का अपवर्तन चित्र सहित समझाइए।
उत्तर:
सफेद कागज की एक शीट को ड्राइंग बोर्ड पर ड्राइंग पिनों की सहायता से लगाइए। शीट के ऊपर बीच में काँच की एक आयताकार सिल्ली रखिए । काँच की सिल्ली के परिमाप या रूपरेखा को पेंसिल की सहायता से बनाइए। इस परिमाप का नामांकन PQRS कर दीजिए। सिल्ली को – वहाँ से हटा दीजिए तथा बिन्दु O पर एक अभिलम्ब MON खींचिए तथा चाँद की सहायता से अभिलम्ब के साथ एक आपतन कोण i (30°) पर एक रेखा AB खींचिए। इस रेखा के बिन्दु A व B पर दो ऑलपिनों को ऊर्ध्वाधर गाढ़िए। (देखें संलग्न चित्र)। अब काँच की सिल्ली को पुनः अपने स्थान पर परिमाप PQRS में रखिए और सिल्ली के विपरीत फलक से पिनों A तथा B के प्रतिबिम्बों को देखिए। प्रतिबिम्बों को देखते हुए एक पिन C को इस प्रकार लगाइए कि यह पिन तथा A व B पिनों के प्रतिबिम्ब एक सीधी रेखा पर स्थित हों। एक और ऑलपिन D लेकर इस प्रकार लगाइए कि पिन D व C तथा A व B पिनों के प्रतिबिम्ब एक ही सीध में नजर आएँ।
पिनों तथा सिल्ली को हटा दीजिए। जिस स्थान पर पिन C व D लगाई गई थी, उन पर चिह्न अंकित करके रेखा CD खींचिए। इसे O’ बिन्दु तक मिला दीजिए। 0′ पर पृष्ठ SR के अभिलम्ब O’N’ खींचिए। इसके पश्चात आप 0 तथा O’ को मिलाइए। AB को भी आगे बढ़ा दीजिए, जिसे चित्र में बिन्दुकित रेखा से दिखाया गया है। आप देखते हैं कि रेखा AB के अनुदिश वायु में चलती हुई प्रकाश किरण काँच की सिल्ली के पृष्ठ से टकराकर काँच में प्रवेश करती है। बिन्दु 0 पर प्रकाश किरण AB वायु (विरल माध्यम) से काँच (सघन माध्यम) में प्रवेश करने पर अभिलम्ब की ओर झुक जाती है। इसी प्रकार पृष्ठ SR के बिन्दु 0 पर जब प्रकाश किरण काँच (सघन माध्यम) से बाहर निकल कर वायु (विरल माध्यम) में जाती है तो यह अभिलम्ब से दूर हट जाती है।
प्रश्न 2.
किन प्रकाशीय उपकरणों में लेंस का उपयोग किया जाता है? इनका संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
लेंस का उपयोग व प्रकाशीय उपकरण:
1. दृष्टि दोष निवारण में चश्मे में दोनों प्रकार के लेंस अर्थात् उत्तल एवं अवतल लेंस प्रयुक्त किये जाते हैं। जिन लोगों को दूर की वस्तु स्पष्ट दिखाई नहीं देती है वे आँख के निकट दृष्टि दोष से पीड़ित होते हैं। ऐसे लोग अवतल लेंस लगे चश्मे का उपयोग करते हैं। जिन व्यक्तियों को निकट की वस्तु स्पष्ट दिखाई नहीं देती है। वे आँख के दूर दृष्टि दोष से पीड़ित होते हैं तथा ऐसे व्यक्ति उत्तल लेंस लगे चश्मे का प्रयोग करते हैं।
2. सरल सूक्ष्मदर्शी – सरल सूक्ष्मदर्शी में उत्तल लेंस का प्रयोग आवर्धक लेंस के रूप में किया जाता है। सरल सूक्ष्मदर्शी का उपयोग बहुत छोटे अक्षरों को पढ़ने, घड़ीसाज द्वारा घड़ियों के छोटे पुर्जे देखने में किया जाता है।
3. संयुक्त सूक्ष्मदर्शी – संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में दो उत्तल लेंस एक धातु की नली में लगे होते हैं। जिस ओर वस्तु को रखा जाता है उस ओर स्थित लेंस को अभिदृश्यक (objective) कहते हैं। जिस लेंस पर आँख को रखकर देखा जाता है उसे नेत्रिका (Eye piece) कहते हैं। संयुक्त सूक्ष्मदर्शी द्वारा छोटी वस्तुओं को कई गुना आवर्धित करके देखा जाता है।
प्रश्न 3.
मानव नेत्र की संरचना एवं कार्यप्रणाली का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानव नेत्र (Human Eye):
मानव नेत्र माँसपेशियों से बना लचीला उत्तल लेंस होता है। नेत्र की आकृति गोलाकार होती है। नेत्र का बाहरी आवरण सफेद होता है। इसके आगे के पारदर्शी भाग को कॉर्निया या स्वच्छ मण्डल कहते हैं। कॉर्निया के पीछे एक गहरे रंग की पेशियों की संरचना होती है जिसे परितारिका या आइरिस कहते हैं। आइरिस में एक छोटा छिद्र होता है जिसे पुतली कहते हैं। पुतली के आकार को परितारिका द्वारा नियंत्रित किया जाता है तथा यह आँख में प्रवेश करने वाले प्रकाश को भी नियंत्रित करती है। अधिक प्रकाश की उपस्थिति में पुतली का आकार छोटा व कम प्रकाश की उपस्थिति में बड़ा हो जाता है। पुतली के पीछे नेत्र लेंस स्थित होता है जो माँसपेशियों द्वारा अपनी स्थिति पर टिका रहता है। आँख में कार्निया व लेंस के बीच का भाग एक पारदर्शी द्रव पदार्थ से भरा रहता है जिसे नेत्रोद कहते हैं।
कार्यविधि:
लेंस से उल्टा प्रतिबिम्ब रेटिना पर बनता है। रेटिना प्रकाश सुग्राही पारदर्शी झिल्ली होती है जिस पर अनेक संवेदी तंत्रिकाएँ होती हैं। इसका सम्बन्ध मस्तिष्क से होता है। जब ये तंत्रिकाएँ रेटिना पर बने प्रतिबिम्ब के संकेतों को मस्तिष्क में भेजती हैं तो मस्तिष्क उसका प्रतिबिम्ब सीधा कर देता है और वस्तुएँ दिखाई देती हैं।
RBSE Class 8 Science प्रकाश का अपवर्तन Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
Question 1.
यदि कोई वस्तु एक उत्तल लेंस के सामने 2f दूरी पर रखी हो तो लेंस से उसके प्रतिबिम्ब की दूरी होगी ………………..
(अ) f
(ब) 2f
(स) अनन्त
(द) 2f से अनन्त के बीच
उत्तर:
(ब) 2f
Question 2.
अवतल लेंस द्वारा बना प्रतिबिम्ब सदैव होता है ………………..
(अ) आभासी, सीधा व उल्टा
(ब) आभासी, सीधा व छोटा
(स) आभासी, उल्टा व छोटा
(द) आभासी, उल्टा व बड़ा
उत्तर:
(ब) आभासी, सीधा व छोटा
Question 3.
उत्तल लेंस से किसी वस्तु का वास्तविक, उल्टा तथा बड़ा प्रतिबिम्ब बनाने के लिए वस्तु को रखना होगा ………………..
(अ) लेंस के फोकस पर
(ब) लेन्स से 2f दूरी पर
(स) लेन्स से fतथा 2f के मध्य
(द) 2f से अनन्तता के बीच
उत्तर:
(स) लेन्स से fतथा 2f के मध्य
Question 4.
मनुष्य के स्वस्थ नेत्र में प्रतिबिम्ब बनता है ………………..
(अ) रेटिना पर
(ब) रेटिना से आगे
(स) रेटिना से पीछे
(द) अनन्त पर
उत्तर:
(अ) रेटिना पर
Question 5.
नेत्र लेंस से रेटिना पर उल्टा प्रतिबिम्ब बनता है, नेत्र लेंस होता है ………………..
(अ) अभिसारी
(ब) अपसारी
(स) उत्तल व अवतल
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) अभिसारी
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- अपवर्तनांक दिए गए दो माध्यमों में प्रकाश के वेगों का ……………….. होता है।
- उत्तल लेंस ……………….. तथा अवतल लेंस ……………….. होता है।
- निकट दृष्टि दोष निवारण में ……………….. लेंस का प्रयोग किया जाता है।
- श्वेत प्रकाश का प्रिज्म द्वारा सात रंगों में विभाजित होना प्रकाश का ……………….. कहलाता है।
उत्तर:
- अनुपात
- अभिसारी, अपसारी
- अवतल
- वर्ण विक्षेपण
सुमेलित कीजिए
उत्तर:
1. → D
2. → A
3. → E
4. → C
5. → B
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
अपवर्तनांक का मात्रक लिखिए।
उत्तर:
अपवर्तनांक मात्रक रहित राशि है।
प्रश्न 2.
लेंस किसे कहते हैं?
उत्तर:
दो वक्र पृष्ठों से घिरा हुआ पारदर्शक माध्यम लेंस कहलाता है।
प्रश्न 3.
लेंस कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
लेंस दो प्रकार के होते हैं:
- उत्तल (अभिसारी) लेंस
- अवतल (अपसारी) लेंस।
प्रश्न 4.
प्रकाश केन्द्र क्या होता है?
उत्तर:
लेंस के अन्दर मुख्य अक्ष पर स्थित वह बिन्दु जिससे गुजरने वाली प्रकाश किरण बिना विचलन के सीधी निकल जाती है, प्रकाश केन्द्र कहलाता है।
प्रश्न 5.
फोकस दूरी किसे कहते हैं?
उत्तर:
फोकस बिन्दु व प्रकाश केन्द्र के मध्य की दूरी को फोकस दूरी () कहते हैं।
प्रश्न 6.
अवतल लेंस द्वारा बने प्रतिबिम्ब की प्रकृति बताइए।
उत्तर:
अवतल लेंस से सदैव सीधा, आभासी तथा छोटा प्रतिबिम्ब प्राप्त होता है।
प्रश्न 7.
दूर दृष्टि दोष निवारण में किस लेंस का प्रयोग करते हैं?
उत्तर:
उत्तल लेंस।
प्रश्न 8.
निकट दृष्टि दोष निवारण में किस लेंस का प्रयोग करते हैं?
उत्तर:
अवतल लेंस।
प्रश्न 9.
इन्द्रधनुष क्यों दिखाई देता है?
उत्तर:
वर्षा की बूंदों में प्रकाश के अपवर्तन तथा आन्तरिक परावर्तन के कारण वर्ण विक्षेपण होता है, जिससे इन्द्रधनुष दिखाई देता है।
प्रश्न 10.
रेटिना पर वस्तु का कैसा प्रतिबिम्ब बनता है?
उत्तर:
उल्टा।
प्रश्न 11.
एक विद्यार्थी के चश्में में उत्तल लेंस लगा है। बताइये उस विद्यार्थी की आँख में कौन-सा दोष है?
उत्तर:
दूर दृष्टि दोष।
प्रश्न 12.
एक विद्यार्थी कक्षा में सबसे पीछे वाली पंक्ति में बैठा है, जिसे बोर्ड पर लिखा स्पष्ट दिखाई नहीं पड़ता है। बताइये वह किस दोष से पीड़ित है
उत्तर:
निकट दृष्टि दोष।
प्रश्न 13.
तारों के टिमटिमाने का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर:
वायुमण्डलीय अपवर्तन।
प्रश्न 14.
पुतली क्या है?
उत्तर:
आइरिस में एक छोटा छिद्र होता है, जिसे पुतली कहते हैं।
प्रश्न 15.
पुतली का क्या कार्य है?
उत्तर:
पुतली आँख में प्रवेश करने वाले प्रकाश को नियंत्रित करती है। अधिक प्रकाश की उपस्थिति में पुतली का आकार छोटा व कम प्रकाश में बड़ा हो जाता है।
प्रश्न 16.
घड़ीसाज घड़ी सुधारने के लिए कौन से लेंस का उपयोग करते हैं?
उत्तर:
उत्तल लेंस।
प्रश्न 17.
दूरबीन का उपयोग बताइए।
उत्तर:
दूर की वस्तुओं को स्पष्ट देखने के लिए दूरबीन का उपयोग किया जाता है।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पानी से भरे पात्र में तल पर रखा सिक्का ऊपर उठा हुआ क्यों दिखाई देता है?
उत्तर:
सिक्के से चलने वाली प्रकाश की किरण जब पानी (सघन माध्यम) से वायु (विरल माध्यम) में जाती है तो पानी के पृष्ठ पर अभिलम्ब से दूर हो जाती है और जब यह अपरिवर्तित प्रकाश की किरण हमारी आँख तक पहुँचती है तो सिक्का ऊपर उठा दिखाई देता है।
प्रश्न 2.
आसमान में तारे टिमटिमाते हुए क्यों प्रतीत होते हैं?
उत्तर:
वायुमण्डल की परतों का घनत्व भिन्न – भिन्न होने के कारण उनका अपवर्तनांक भिन्न – भिन्न होता है जिससे तारों से आने वाला प्रकाश वायुमण्डल की विभिन्न परतों से गुजरने के कारण अपने पथ से विचलित होता रहता है। इसी कारण आसमान में तारे टिमटिमाते हुए प्रतीत होते हैं।
प्रश्न 3.
पानी में रखी पेन्सिल टेढ़ी क्यों दिखाई देती है?
उत्तर:
ऐसा प्रकाश के अपवर्तन के कारण होता है। पेंसिल के डूबे हुए भाग से चलने वाली प्रकाश किरणें पानी से बाहर आते समय अभिलम्ब से दूर हट जाती हैं। इसी कारण पानी में रखी पेन्सिल टेढ़ी दिखाई देती है।
प्रश्न 4.
सूर्योदय से पहले व सूर्यास्त के पश्चात सूर्य क्यों दिखाई देता है?
उत्तर:
प्राय : सूर्योदय के समय सूर्य से आने वाले प्रकाश की किरणें वायुमण्डल की विभिन्न परतों से अपवर्तित होकर हमारी आँख तक पहुँचती है जिससे ये हमें क्षितिज के ऊपर से आती हुई प्रतीत होती हैं और सूर्य ऊपर उठा दिखाई देता है। इसी प्रकार सूर्यास्त के समय, सूर्य अस्त होने के दो । मिनट पश्चात् तक भी आकाश में सूर्य दिखाई देता है।
प्रश्न 5.
उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस क्यों कहते हैं? सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उत्तल लेंस समांतर आने वाली प्रकाश किरणों को एक बिन्द पर केन्द्रित (अभिसारित) करता है। इसी कारण इसे अभिसारी लेंस कहते हैं।
प्रश्न 6.
अवतल लेंस को अपसारी लेंस क्यों कहते हैं? सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अवतल लेंस समान्तर आपतित प्रकाश की किरणें को फैला देता है अर्थात् अपसारित करता है। इसी कारण अवतल लेंस को अपसारी लेंस कहते हैं।
प्रश्न 7.
लेंसों में फोकस बिन्दु को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
- मुख्य अक्ष के समांतर आने वाली प्रकाश किरणें उत्तल लेंस से अपवर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के जिस बिन्दु पर एकत्रित होती हैं उसे उत्तल लेंस का फोकस बिन्दु (F) कहते हैं।
- मुख्य अक्ष के समांतर आने वाली प्रकाश की किरणें अवतल लेंस से अपवर्तन के बाद मुख्य अक्ष के जिस बिन्दु से अपसारित होती हुई प्रतीत होती हैं उसे अवतल लेंस का फोकस बिन्दु (f) कहते हैं।
प्रश्न 8.
दृष्टि दोष किसे कहते हैं? मनुष्य में कितने प्रकार के दृष्टि दोष पाये जाते हैं?
उत्तर:
कभी – कभी आँखों की समंजन क्षमता क्षीण हो जाती है जिस कारण वस्तुएँ हमें स्पष्ट नहीं दिखाई देती हैं और दृष्टि धुंधली हो जाती है। इसे ही आँख का दृष्टि दोष कहते है। इसका निवारण चश्मा लगाकर किया जाता है। आँख में निम्नलिखित दृष्टि दोष हो जाते हैं:
- निकट दृष्टि दोष (Myopia or Short Sightedness)
- दूर दृष्टि दोष (Hypermetropia or Long Sightedness)
- जरा दूरदर्शिता (Presbyopia)
- अबिन्दुकता (Astigmatism)
- वर्णान्धता (Colour blindness)
प्रश्न 9.
निकट दृष्टि दोष के क्या कारण हैं?
उत्तर:
निकट दृष्टि दोष के दो कारण हो सकते हैं:
- नेत्र लेन्स के पृष्ठों की वक्रता का बढ़ जाना जिससे उसकी फोकस दूरी कम हो जाती है।
- नेत्र लेन्स व रेटिना के बीच की दूरी बढ़ जाना अर्थात् उसकी फोकस दूरी कम हो जाती है।
प्रश्न 10.
दूर दृष्टि दोष के क्या कारण हैं?
उत्तर:
दूर दृष्टि दोष के दो कारण हो सकते हैं।
- नेत्र लेन्स के पृष्ठों की वक्रता का कम हो जाना जिससे उसकी फोकस दूरी बढ़ जाती है।
- नेत्र के गोले का व्यास कम हो जाना जिससे नेत्र लेन्स व रेटिना के बीच की दूरी कम हो जाती है।
प्रश्न 11.
इन्द्रधनुष क्या है?
उत्तर:
इन्द्रधनुष एक प्राकृतिक स्पैक्ट्रम है जो कि आकाश में बरसात के बाद दिखाई देता है। बरसात की बूंदों में प्रकाश के अपवर्तन एवं आन्तरिक परावर्तन के कारण वर्ण विक्षेपण होता है। जिससे इन्द्रधनुष दिखाई देता
प्रश्न 12.
प्रिज्म में से गुजरने पर सूर्य का प्रकाश विभिन्न रंगों में विभाजित क्यों होता है?
उत्तर:
सूर्य का प्रकाश सात रंगों से मिलकर बना है। जब सूर्य का प्रकाश सघन माध्यम (प्रिज्म) से गुजरता है तो सघन माध्यम में अलग – अलग रंगों की चाल अलग-अलग होती है। लाल रंग की चाल अधिक होने से यह प्रिज्म से गुजरने पर कम विचलित होता है। बाकी रंग लाल और बैंगनी रंग के बीच में विचलित होते हैं। इसलिए सूर्य का प्रकाश सात रंगों में विभाजित हो जाता है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
उत्तल लेंस से प्रतिबिम्ब निर्माण के सारांश को सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
सारणी – उत्तल लेंस से प्रतिबिम्ब निर्माण
प्रश्न 2.
प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश के वर्ण विक्षेपण को चित्र सहित समझाइए।
उत्तर:
श्वेत प्रकाश किरण का अपने अवयवी रंगों की प्रकाश किरणों में विभाजित होना प्रकाश का वर्ण विक्षेपण कहलाता है। जब सूर्य की श्वेत प्रकाश किरण किसी प्रिज्म में होकर से गुजरती है तो वह अपने मार्ग से विचलित होकर प्रिज्म के आधार की ओर झुक कर विभिन्न रंगों की किरणों में विभाजित हो जाती है। इस प्रकार से उत्पन्न विभिन्न रंगों के समूहों को स्पेक्ट्रम (Spectrum) कहते हैं। जब श्वेत प्रकाश की किरण प्रिज्म में से होकर गुजरती है तो श्वेत प्रकाश में उपस्थित भिन्न – भिन्न रंगों की किरणों में प्रिज्म द्वारा उत्पन्न विचलन भिन्न-भिन्न होता है। लाल प्रकाश की किरण में विचलन सबसे कम तथा बैंगनी प्रकाश की किरण में विचलन सर्वाधिक होता है।
प्रश्न 3.
प्रिज्म द्वारा प्रकाश के वर्ण विक्षेपण का कारण
उत्तर:
किसी पारदर्शी पदार्थ; जैसे – काँच का अपवर्तनांक प्रकाश के रंग पर निर्भर करता है। काँच का अपवर्तनांक लाल रंग के प्रकाश के लिए न्यूनतम तथा बैंगनी रंग के प्रकाश के लिए सर्वाधिक होता है। जब कोई प्रकाश की किरण काँच के प्रिज्म से होकर गुजरती है तो वह अपने मार्ग से विचलित होकर प्रिज्म के आधार की ओर झुक जाती है। चूँकि प्रकाश में उपस्थित भिन्न – भिन्न रंगों की किरणों में विचलन भिन्न – भिन्न होता है। अतः लाल रंग के प्रकाश की किरण प्रिज्म के आधार की ओर सबसे कम तथा बैंगनी रंग के प्रकाश की किरण प्रिज्म के आधार की ओर सबसे अधिक झुकेगी। इस प्रकार श्वेत रंग के प्रकाश का प्रिज्म में से गुजरने पर वर्ण विक्षेपण हो जाता है।
प्रश्न 4.
प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. सी. वी. रमन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
डॉ. सी. वी. रमन (डॉ. चन्द्रशेखर वेंकटरमन)-ये एक भारतीय भौतिक शास्त्री थे। प्रकाश के प्रकीर्णन पर उत्कृष्ट कार्य के लिए वर्ष 1930 में इन्हें भौतिकी का प्रतिष्ठित नोबल पुरस्कार दिया गया। प्रकाश के प्रकीर्णन पर उनके द्वारा की गई खोज को ‘रमन प्रभाव’ के नाम से जाना जाता है । वर्ष 1954 ई. में उन्हें भारत सरकार द्वारा भारत रत्न की उपाधि से विभूषित किया गया तथा 1957 में लेनिन शान्ति पुरस्कार प्रदान किया गया। 28 फरवरी 1926 को चन्द्रशेखर वेंकटरमन ने ‘रमन प्रभाव’ की खोज की थी, जिसकी याद में भारत में इस दिन को प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है।