Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Chapter 11 विद्युत धारा के प्रभाव
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RBSE Class 8 Science विद्युत धारा के प्रभाव Intext Questions and Answers
पाठगत प्रश्नोत्तर
पृष्ठ 119.
प्रश्न 1.
चित्र में दिखाए अनुसार नाइक्रोम के पतले तार को एक पेन्सिल पर लपेटिए। नाइक्रोम का तार आप किसी विद्युत के उपकरणों की मरम्मत करने वाली दुकान से प्राप्त कर सकते हैं अथवा आप किसी विद्युत हीटर के बेकार तापन अवयव का तार उपयोग में ला सकते हैं। नाइक्रोम तार के एक सिरे को सेल से तथा दूसरे सिरे को कुंजी से चित्रानुसार जोड़ कर विद्युत परिपथ संयोजित कीजिए। कुंजी में प्लग लगाने पर तार में विद्युत धारा प्रवाहित होती है। अब तार को स्पर्श कीजिए। तार गर्म क्यों हो जाता है?
उत्तर:
सुचालक तार से विद्युत धारा प्रवाहित करने पर वह विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव के कारण गर्म हो जाता है।
प्रश्न 2.
विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव का कारण बताइए।
उत्तर:
विद्युत धारा के प्रवाह से चालक में ऊष्मा उत्पन्न होती है जिससे उसका ताप बढ़ जाता है।
पृष्ठ 123.
प्रश्न 3.
एक कार्ड बोर्ड के टुकड़े पर कुछ दूरी पर दो छिद्र कर उसमें तार लगाइए एवं चित्र में दिखाए अनुसार एक चुम्बकीय सुई या चुम्बकीय कम्पास रखिए।अब कार्ड बोर्ड को इतना घुमाकर इस प्रकार व्यवस्थित कीजिए कि कम्पास की सुई ऊपर से देखने पर तार के ठीक नीचे आ जाए, जैसा कि चित्र अ में दिखाया गया है। तार के स्वतंत्र सिरों को सेल से चित्र ‘ब’ के अनुसार जोड़ दीजिए, तो आप क्या देखते हैं? क्या चुम्बकीय सुई विक्षेपित होती है?
उत्तर:
तार के स्वतंत्र सिरों को सेल से जोड़ने पर विद्युत धारा प्रवाहित होती है तब चालक तार चुम्बक के समान व्यवहार करता है तथा चुम्बकीय सुई विक्षेपित हो जाती है।
प्रश्न 4.
यदि तार के स्वतंत्र सिरों को परस्पर बदल दें तो आप क्या देखते हैं? क्या चुम्बकीय सुई विपरीत दिशा में विक्षेपित होती है?
उत्तर:
चुम्बकीय सुई विपरीत दिशा में विक्षेपित हो जाती है।
पृष्ठ 124.
प्रश्न 5.
चित्र के अनुसार लगभग 10 से 15 सेमी लम्बी लोहे की कील लीजिए एवं लगभग 50 सेमी लम्बा ताँबे का पतला. विद्युतरोधी पदार्थ (एनामल) चढ़ा हुआ तार लीजिए।
अब इसके दोनों सिरों को रेगमाल से रगड़कर इन पर चढ़े हुए एनामल को हटा दीजिए एवं इस तार को कील पर लपेटिए तथा तार के दोनों खुले सिरों को कुंजी एवं सेल से चित्रानुसार जोड़कर विद्युत परिपथ पूरा कीजिए। जब विद्युत परिपथ में कुंजी दबी हुई न हो तो कील के पास आलपिन ले जाने पर क्या देखते हैं? क्या आलपिन कील की ओर आकर्षित होती है?
उत्तर:
इस स्थिति में आलपिन कील की ओर आकर्षित नहीं होती है क्योंकि विद्युत धारा का प्रवाह बन्द होने के कारण कील में चुम्बकीय गुण उत्पन्न नहीं होते हैं।
प्रश्न 6.
कुंजी को दबाकर परिपथ में धारा प्रवाहित कीजिए। आलपिन को कील के पास ले जाइए। आप क्या देखते हैं? आलपिन कील से क्यों चिपक जाती है?
उत्तर:
आलपिन कील से चिपक जाती है क्योंकि कील पर लपेटे हुए तार में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर कील चुम्बक के समान व्यवहार करती है।
पृष्ठ 126.
प्रश्न 7.
माचिस की खाली डिब्बियों से ट्रे निकालिए एवं ट्रे के भीतर एक छोटी चुम्बकीय सुई रखिए। इस पर चित्र के अनुसार एनामल चढ़े ताँबे के तार के कुछ फेरे लपेटिए। अब इस तार के एक स्वतंत्र सिरे को बैटरी के एक टर्मिनल से जोड़ दीजिए तथा दूसरे सिरे को स्वतंत्र छोड़ दीजिए।
बैटरी के दूसरे टर्मिनल से तार का एक टुकड़ा जोड़कर दूसरे सिरे को स्वतंत्र छोड़ दीजिए। इस प्रकार प्राप्त दो स्वतंत्र सिरों को यदि परस्पर स्पर्श कराएँ तो चुम्बकीय सुई विक्षेपित होती है। इस प्रकार तार के दो स्वतंत्र सिरों वाला संपरीक्षित (Tester) तैयार होता है। अब संपरीक्षित के दोनों स्वतंत्र सिरों के बीच एक स्वच्छ तथा सूखे प्लास्टिक के ढक्कन में आसुत जल भर कर रखते हैं। क्या आसुत जल विद्युत का चालन करता है?
उत्तर:
आसुत जल विद्युत का चालन नहीं करता है।
प्रश्न 8.
अब एक चुटकी साधारण नमक लकर उसे आसुत जल में घोलिए। फिर परीक्षण कीजिए तो क्या निष्कर्ष निकलता है।
उत्तर:
साधारण नमक जल में अपने आयनों में वियोजित हो जाता है। आयन विद्युत चालन में भाग लेते हैं तथा चुम्बकीय सुई विक्षेपित हो जाती है।
प्रश्न 9.
इस क्रिया को भिन्न-भिन्न द्रव विलयनों के साथ दोहराइए एवं प्रत्येक स्थिति में देखिए कि चुम्बकीय सुई विक्षेप दर्शाती है या नहीं?
उत्तर:
अपने प्रेक्षणों को निम्नांकित सारणी में भरिए –
पृष्ठ 127.
प्रश्न 10.
दो बेकार सेल से सावधानीपूर्वक कार्बन की छड़ें निकालिए। उनकी धातु की टोपियों को रेगमाल से साफ करके इन पर
ताँबे के तार लपेटिए और उन्हें एक बैटरी से जोड़िए। इन दो छड़ों को हम इलेक्ट्रॉड कहते हैं। बैटरी के धन टर्मिनल से जुड़ी प्लेट को एनोड तथा ऋण टर्मिनल से जुड़ी प्लेट को कैथोड कहते हैं। विद्युत सेल के प्रतीक में लम्बी रेखा धन टर्मिनल को व छोटी रेखा ऋण टर्मिनल को व्यक्त करती है। इन इलेक्ट्रोड को नींबू के रस या नमक युक्त जल से भरे प्लास्टिक के पात्र या काँच के गिलास में चित्र के अनुसार डुबोइए। यह सुनिश्चित कीजिए कि कार्बन की छड़ों की धातु की टोपियाँ जल से बाहर रहें। 3 – 4 मिनट तक प्रतीक्षा कीजिए एवं इलेक्ट्रोड को ध्यानपूर्वक देखिए।
प्रश्न 1.
क्या आप इलेक्ट्रोडों के समीप किसी गैस के बुलबुले देख पाते हैं?
उत्तर:
चालक विलयन से विद्युत धारा प्रवाहित करने पर इलेक्ट्रोड पर गैस के बुलबुले दिखाई देने लगते हैं।
प्रश्न 2.
क्या इलेक्ट्रोड पर धातु के निक्षेप दिखाई देते हैं?
उत्तर:
इलेक्ट्रोड पर धातु के निक्षेप तब दिखाई देते हैं जब चालक विलयन के रूप में धातु के लवण के विलयन का प्रयोग किया जाय।
प्रश्न 3.
क्या विलयन का रंग भी परिवर्तित हो सकता है?
उत्तर:
विलयन का रंग हल्का (फीका)पड़ सकता है क्योंकि विलयन से धातु आयन इलेक्ट्रोड पर निक्षेपित हो जाते हैं।
प्रश्न 4.
विद्युत लेपन का उपयोग लिखिए।
उत्तर:
विद्युत लेपन का उपयोग उद्योगों में होता है; जैसे – गहनों पर सोने या चाँदी की परत चढ़ाना, कार के कुछ भाग, स्नानगृह की टोंटी, गैस बर्नर, साइकिल का हैण्डिल, पहियों के रिम पर क्रोमियम की परत चढ़ाना आदि विद्युत लेपन द्वारा ही संभव होता है।
प्रश्न 5.
लोहे को संक्षारित होने व जंग लगने से बचाने के लिए किसकी परत चढ़ाई जाती है?
उत्तर:
जिंक की परत विद्युत लेपित की जाती है।
RBSE Class 8 Science विद्युत धारा के प्रभाव Text Book Questions and Answers
सही विकल्प का चयन कीजिए
Question 1.
विद्युत घण्टी विद्युत धारा के किस प्रभाव पर आधारित ……………..
(अ) तापीय प्रभाव
(ब) चुम्बकीय प्रभाव
(स) रासायनिक प्रभाव
(द) जूल प्रभाव
उत्तर:
(ब) चुम्बकीय प्रभाव
Question 2.
कबाड़ से चुम्बकीय पदार्थों को पृथक् करने के लिए निम्न में से किसका उपयोग होता है?
(अ) विद्युत चुम्बक
(ब) विद्युत सेल
(स) फ्यूज
(द) निमज्जन छड़
उत्तर:
(अ) विद्युत चुम्बक
Question 3.
निम्नलिखित में से किस विलयन में विद्युत धारा का प्रवाह नहीं होता है?
(अ) कॉपर सल्फेट
(ब) सिल्वर नाइट्रेट
(स) आसुत जल
(द) नमक युक्त जल
उत्तर:
(स) आसुत जल
Question 4.
निम्नलिखित में से विद्युत घण्टी का अवयव नहीं ……………..
(अ) लोहे की पत्ती
(ब) कुण्डली
(स) सम्पर्क पेच
(द) चुम्बकीय सुई
उत्तर:
(द) चुम्बकीय सुई
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
- विद्युत सेल के प्रतीक में लम्बी रेखा ………………… टर्मिनल को, छोटी रेखा ………………… टर्मिनल को निरूपित करती
- विद्युत धारा के तापीय प्रभाव पर आधारित सुरक्षा युक्ति को ………………… कहते हैं।
- सेल के धन टर्मिनल से जुड़ी प्लेट को ………………… व ऋण टर्मिनल से जुड़ी प्लेट को ………………… कहते हैं।
- विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव की खोज ………………… ने की।
उत्तर:
- धन (+), ऋण (-)
- फ्यूज
- एनोड, कैथोड
- ऑरस्टेड
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
फ्यूज क्या होता है?
उत्तर:
फ्यूज ताँबा, जस्ता, टिन आदि की मिश्र धातु से बना तार होता है जिसका गलनांक उपकरणों व परिपथों में उपयोग में लाए गए विद्युत तारों के गलनांक से कम होता है। जब परिपथ अतिभारित (over loaded) या लघुपथित (short circuit) हो जाता है तब फ्यूज तार पिघलकर टूट जाता है और परिपथ में धारा प्रवाहित होना बन्द हो जाती है।
प्रश्न 2.
विद्युत चुम्बक के कोई तीन उपयोग लिखिए।
उत्तर:
- कबाड़ से चुम्बकीय पदार्थों को पृथक् करने के लिए विद्युत चुम्बक का प्रयोग करते हैं।
- दुर्घटनावश आँख में गिरे चुम्बकीय पदार्थ के छोटे टुकड़ों को बाहर निकालने के लिए डॉक्टर विद्युत चुम्बक का प्रयोग करते हैं।
- लोहे की भारी वस्तुओं को उठाने में विद्युत चुम्बकीय क्रेन का उपयोग करते हैं।
प्रश्न 3.
विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव क्या है? इस प्रभाव पर आधारित किन्हीं चार उपकरणों के नाम लिखिए।
उत्तर:
विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव (Heating Effect of Electric Current) – जब किसी सुचालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वह गर्म हो जाता है। इस प्रभाव को विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव कहते हैं। विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित उपकरणों के नाम निम्नवत् हैं
- विद्युत ओवन
- विद्युत टोस्टर
- विद्युत प्रेस
- विद्युत बल्ब
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विद्युत घण्टी की बनावट एवं कार्य – प्रणाली समझाइए।
उत्तर:
विद्युत घण्टी की संरचना (Structure of Electric Bell) – विद्युत घण्टी में संलग्न चित्रानुसार अग्रलिखित प्रमुख अवयव होते हैं –
- कुण्डली
- लोहे की पत्ती
- सम्पर्क पेंच
- हथौड़ी
- घण्टी
कुण्डली में लोहे के क्रोड पर ताँबे के विद्यतरोधी तार के कई फेरे लिपटे होते हैं। कुण्डली के निकट लोहे की पत्ती लगी होती है जिसके एक सिरे पर हथौड़ी जुड़ी होती है। लोहे की पत्ती समीप स्थित सम्पर्क पेच से सटी होती है।
कार्यविधि (Mechanism):
जब स्विच चालू किया जाता है तो कुण्डली में विद्युत धारा प्रवाहित होती है और विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव के कारण कुण्डली विद्युत चुम्बक बन जाती है। इसके कारण लोहे की पत्ती कुण्डली की ओर आकर्षित होती है एवं लोहे की पत्ती से जुड़ी हथौड़ी की घण्टी से टक्कर के कारण ध्वनि उत्पन्न होती है। जब विद्युत चुम्बक लोहे की पत्ती को अपनी ओर खींचता है तो यह पेच के सम्पर्क में नहीं रहती है जिससे परिपथ टूट जाता है। इससे कुण्डली में विद्युत धारा का प्रवाह समाप्त हो जाता है। इस स्थिति में कुण्डली में विद्युत चुम्बक नहीं बनी रहती है। तब लोहे की पत्ती पर कुण्डली का आकर्षण समाप्त होने से लोहे की पत्ती पुनः पूर्वावस्था में आ जाती है एवं कुण्डली में पुनः धारा प्रवाहित होने लगती है। इस कारण हथौड़ी पुनः घण्टी से टकराती है। यह प्रक्रिया बार-बार से दोहरायी जाती है।
प्रश्न 2.
विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव किसे कहते हैं? विद्युत लेपन की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव (Chemical Effect of Electric Current) – किसी चालक विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर वह अपने अवयवों में वियोजित हो जाता है। इस प्रभाव को विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव कहते हैं।
विद्युत लेपन (Electroplating) – विद्युत द्वारा किसी पदार्थ पर किसी वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया विद्युत लेपन कहलाती है। विद्युत लेपन की प्रक्रिया में एक
बीकर में धातु जिसकी परत चढ़ानी हो, के लवण का विलयन लेते हैं तथा उसी धातु का ऐनोड (+) टर्मिनल बनाते हैं। धातु जिस पर परत चढ़ानी होती है का प्रयोग कैथोड (-) टर्मिनल के रूप में करते हैं। अब उपकरण में उचित समय तक विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं। विद्युत धारा प्रवाहित करने पर लवण के विलयन से धातु धनायन मुक्त होकर कैथोड पर निक्षेपित हो जाते हैं तथा ऐनोड से धातु धनायन मुक्त होकर लवण के विलयन में पहुँच जाते हैं। इस प्रकार कैथोड पर वांछित धातु की परत चढ़ जाती है।
क्रियात्मक कार्य
प्रश्न 1.
अपने घर में प्रयुक्त उपकरणों में होने वाले विद्युत अपव्यय को रोकने का प्रयास कीजिए तथा अपने ग्राम या मोहल्ले में विद्युत की बचत के लिए जन जागृति उत्पन्न कीजिए।
उत्तर:
संकेत – विद्युत अपव्यय को रोकने के लिए निम्न उपाय किये जा सकते हैं:
- अनावश्यक विद्युत प्रकाश स्रोतों को बन्द कर देना चाहिए।
- प्राकृतिक प्रकाश का प्रयोग अधिकाधिक करना चाहिए।
- सीलिंग लाइट, टेबिल लैम्प, मार्ग प्रकाश का यथासंभव कम प्रयोग करना चाहिए।
- अप्रयुक्त इलेक्ट्रॉनिक यन्त्रों के तार परिपथ से हटा देने चाहिए।
- प्रयुक्त विद्युत उपकरण उच्च दक्षता वाले होने चाहिए।
- ऊर्जा के वैकल्पिक तथा नवीनीकरण स्रोतों; यथा – सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा का अधिकाधिक प्रयोग करना चाहिए।
- विद्युत ऊर्जा अपव्यय को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।
प्रश्न 2.
द्युत धारा के चुम्बकीय/रासायनिक/ऊष्मीय प्रभाव को प्रदर्शित करने वाले प्रादर्श बनाइए।
उत्तर:
संकेत –
- विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव को प्रदर्शित करने वाले प्रादर्श को गतिविधि 1 के अनुसार बनाया जा सकता है।
- विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव को प्रदर्शित करने वाले प्रादर्श को गतिविधि 2 के अनुसार बनाया जा सकता है।
- विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव को प्रदर्शित करने वाले प्रादर्श को गतिविधि 3 के अनुसार बनाया जा सकता है।
RBSE Class 8 Science विद्युत धारा के प्रभाव Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
Question 1.
निम्न में से कौन विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित नहीं है?
(अ) विद्युत ओवन
(ब) विद्युत प्रेस
(स) विद्युत बल्ब
(द) विद्युत घण्टी
उत्तर:
(द) विद्युत घण्टी
Question 2.
परिपथ को अतिभारित तथा लघु पथित होने से बचाने में प्रयुक्त युक्ति है?
(अ) फ्यूज
(ब) विद्युत चुम्बक
(स) विद्युत घण्टी
(द) परिनालिका
उत्तर:
(अ) फ्यूज
Question 3.
विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव के खोजकर्ता थे ……………….
(अ) न्यूटन
(ब) फैराडे
(स) ऑरस्टेड
(द) फ्लेमिंग
उत्तर:
(स) ऑरस्टेड
Question 4.
अभ्रक एक विद्युत रोधी है, ऐसा ही पदार्थ है ……………….
(अ) ताँबा
(ब) ऐल्युमीनियम
(स) लोहा
(द) लकड़ी
उत्तर:
(द) लकड़ी
Question 5.
निम्न में से कौन विद्युत चालन नहीं करता है?
(अ) आसुत जल
(ब) नींबू का रस
(स) कॉपर सल्फेट विलयन
(द) नमक का विलयन
उत्तर:
(अ) आसुत जल
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- विद्युत धारा प्रवाहित करने पर सुचालक तार का गर्म हो जाना विद्युत धारा के ……………….. को प्रदर्शित करता है।
- विद्युत परिपथ में फ्यूज को ……………….. में लगाते हैं।
- विद्युत घण्टी, टेलीफोन विद्युत धारा के ……………….. पर ……………….. आधारित है।
- विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव में चालक विलयन अपने ……………….. में वियोजित हो जाता है।
उत्तर:
- ऊष्मीय प्रभाव
- श्रेणीक्रम
- चुम्बकीय प्रभाव
- अवयवों
सुमेलित कीजिए
उत्तर:
1. → B
2. → A
3. → E
4. → F
5. → C
6. → D
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित दो उपकरणों के नाम लिखिए।
उत्तर:
विद्युत बल्ब, विद्युत हीटर।
प्रश्न 2.
लघुपथन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब किसी कारण से फेज व न्यूट्रल आपस में जुड़ जाएँ तो इसे परिपथ का लघुपथन कहते हैं।
प्रश्न 3.
लघुपथन से क्या हानि होती है?
उत्तर:
लघुपथन होने पर परिपथ में अत्यधिक विद्युत धारा बहती है जिससे घर के उपकरण गर्म होकर आग से जल सकते हैं तथा घर में अग्नि दुर्घटना हो सकती है।
प्रश्न 4.
विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव क्या होता है?
उत्तर:
जब किसी चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो चालक तार चुम्बक की भाँति व्यवहार करता है। इसे विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव कहते हैं।
प्रश्न 5.
विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव पर आधारित दो उपकरणों के नाम लिखिए।
उत्तर:
विद्युत घण्टी, टेलीफोन।
प्रश्न 6.
विद्युत चुम्बक किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब कील पर लपेटे हुए तार में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो कील चुम्बक के समान व्यवहार करती है। इस प्रकार बने चुम्बक को विद्युत चुम्बक कहते हैं।
प्रश्न 7.
दो सुचालक तथा दो विद्युतरोधी पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सुचालक – ताँबा, लोहा विद्युतरोधी – रबर, प्लास्टिक।
प्रश्न 8.
किन पदार्थों के जलीय विलयन विद्युत चालन करते हैं?
उत्तर:
अम्लों, क्षारकों तथा लवणों के जलीय विलयन विद्युत चालन करते हैं।
प्रश्न 9.
विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव का प्रयोग किसमें किया जाता है?
उत्तर:
विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव का प्रयोग विद्युत लेपन में किया जाता है।
प्रश्न 10.
लोहे को संक्षारण एवं जंग से बचाने के लिए क्या किया जाता है?
उत्तर:
लोहे को संक्षारण तथा जंग से बचाने के लिए लोहे पर जिंक की परत निक्षेपित हो जाती है।
प्रश्न 11.
विद्युत परिपथ में प्रयुक्त की जाने वाली दो सुरक्षा युक्तियों के नाम बताइये।
उत्तर:
- फ्यूज
- भूसम्पर्कन तार
प्रश्न 12.
न्यूट्रल तार पर बोल्टेज का मान कितना होता है?
उत्तर:
न्यूट्रल तार पर बोल्टेज का मान शून्य होता है।
प्रश्न 13.
फेज व न्यूट्रल तारों के बीच कितने वोल्ट की विद्युत धारा प्रवाहित होती है?
उत्तर:
इन दोनों तारों के बीच 220 वोल्ट की विद्युत धारा प्रवाहित होती है।
प्रश्न 14.
फ्यूज सामान्यतः किस धातु से बना तार होता है?
उत्तर:
फ्यूज सामान्यतः ताँबा, जस्ता, टिन आदि की मिश्र धातु से बना होता है।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
घरेलू विद्युत उपकरणों को भू – सम्पर्कित क्यों किया जाता है?
उत्तर:
घरेलू विद्युत उपकरण; जैसे – हीटर, इस्तरी, फ्रिज आदि के आवरण प्रायः धातु के बने होते हैं। इन उपकरणों का विद्युतरोधन खराब होने के कारण कभी – कभी इनके भीतर की वायरिंग आवरण के सम्पर्क में आ जाती है। इस स्थिति में यदि विद्युत उपकरण सॉकेट से जुड़ा है और कोई व्यक्ति पृथ्वी के सम्पर्क में है यदि वह आवरण से छू जाता है तो उसे बिजली का झटका लगता है। इससे बचने के लिए विद्युत उपकरणों के बाहरी आवरण को ताँबे के मोटे तार द्वारा भू – सम्पर्कित किया जाता है।
प्रश्न 2.
लघुपथन के कारण बताइए।
उत्तर:
लघुपथन के कारण (Causes of Short Circuit):
- जब परिपथ में विद्युत धारा का मान सुरक्षा सीमा से अधिक होता है तो तार गर्म हो जाते हैं जिससे उन पर चढ़ा प्लास्टिक का आवरण पिघल जाता है तथा फेज और न्यूट्रल परस्पर जुड़ जाते हैं और लघुपथन हो जाता है।
- पुराने तारों पर चढ़ा प्लास्टिक आवरण जब कमजोर होकर टूट जाता है तब लघुपथन हो जाता है।
प्रश्न 3.
लघुपथन से कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर:
विद्युत उपकरण को नष्ट होने से बचाने के लिए परिपथ के श्रेणीक्रम में ऐसी युक्ति लगाई जाए जो विद्युत धारा का मान सुरक्षा सीमा से अधिक होने पर वह पिघल जाए तथा परिपथ में धारा प्रवाह बन्द हो जाए। इस युक्ति को फ्यूज कहते हैं।
प्रश्न 4.
फ्यूज कैसे कार्य करता है?
उत्तर:
यदि परिपथ में किसी निर्दिष्ट मान से अधिक मान की विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो फ्यूज तार के ताप में वृद्धि होती है। इससे फ्यूज तार पिघल जाता है तथा परिपथ टूट जाता है। फ्यूज तार को प्रायः धातु के सिरे वाले पोर्सिलेन अथवा इसी प्रकार के विद्युतरोधी पदार्थ के कॉर्टेज में रखा जाता है।
प्रश्न 5.
फ्यूज के प्रयोग में क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
उत्तर:
मुख्य परिपथ से संयोजित फ्यूज को कभी भी स्वयं जाँच करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। इससे खतरा हो सकता है। इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए विद्युत परिपथों की मरम्मत करने वाली दुकान पर जाकर खराब फ्यूज की नये फ्यूज से तुलना करनी चाहिए। हमें सदैव ISI चिन्ह युक्त विद्युत प्यूजों का प्रयोग करना चाहिए। फ्यूज के स्थान पर किसी भी तार अथवा धातु की पत्ती का उपयोग कभी भी नहीं करना चाहिए। उससे घर में आग लगने का खतरा हो सकता है।
प्रश्न 6.
लघु परिपथ विच्छेदक या एम. सी. बी. क्या होता है?
उत्तर:
लघु परिपथ विच्छेदक या एम. सी. बी. (Miniature Circuit Breaker – MCB) – आजकल फ्यूज के स्थान पर लघु परिपथ विच्छेदक या एम. सी. बी. का प्रयोग किया जाता है। ये वे स्विच हैं जो सुरक्षा सीमा से अधिक विद्युत धारा प्रवाहित होने पर अपने आप बन्द हो जाते हैं। यदि हम इन्हें पुनः चालू करते हैं तो परिपथ पूर्ण हो जाता है।
प्रश्न 7.
विद्युत चुम्बक किसे कहते हैं? किन्हीं चार युक्तियों के नाम लिखिए जिनमें विद्युत चुम्बक का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर:
विद्युत चुम्बक (Electromagnetic) – जब कील पर लपेटे हुए तार में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो कील चुम्बक की भाँति व्यवहार करती है। इस प्रकार निर्मित चुम्बक को विद्युत चुम्बक कहते हैं। विद्युत घण्टी, विद्युत क्रेन, टेलीफोन, टेलीग्राफ आदि युक्तियों/उपकरणों में विद्युत चुम्बक का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 8.
विद्युत चालकता के आधार पर पदार्थों को कितने वों में बाँटा जाता है? प्रत्येक वर्ग के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
विद्युत चालकता के आधार पर पदार्थों को तीन वर्गों में बाँटा जाता है
- सुचालक (Good Conductors) – इन पदार्थों से विद्युत चालन सुगमता से होता है; जैसे – ताँबा, ऐल्युमीनियम आदि।
- विद्युतरोधी (Insulator) – इन पदार्थों से विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होती है; जैसे – रबर, प्लास्टिक आदि।
- अर्द्धचालक (Semi – conductors) – ये पदार्थ एक विशेष ताप परिसर में विद्युत का चालन करते हैं। इनकी विद्युत चालकता सुचालक तथा विद्युतरोधियों की मध्यवर्ती होती है; जैसे-सिलिकान, जर्मेनियम आदि।
प्रश्न 9.
विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
किसी चालक विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं। इसके फलस्वरूप इलेक्ट्रोडों पर गैस के बुलबुले बन सकते हैं एवं इलेक्ट्रोडों पर धातु निक्षेपित हो सकती है तथा विलयनों के रंगों में परिवर्तन हो सकता है। ये क्रियाएँ उपयोग किए जाने वाले विलयन तथा इलेक्ट्रोडों पर निर्भर करती हैं।
प्रश्न 10.
विद्युत लेपन के प्रमुख अनुप्रयोग लिखिए।
उत्तर:
विद्युत लेपन के प्रमुख अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं
- विद्युत लेपन द्वारा गहनों पर सोने या चाँदी की परत चढ़ायी जाती है।
- विद्युत लेपन द्वारा कार के कुछ भाग, स्नानगृह की टोंटी, गैस बर्नर, साइकिल के हैण्डिल, पहियों के रिम पर क्रोमियम तथा निकिल की परत चढ़ाई जाती है।
- लोहे को संक्षारित होने व जंग से बचाने के लिए लोहे पर जिंक की परत चढ़ायी जाती है।
प्रश्न 11.
तीन ऐसे द्रवों के नाम लिखिए जिनका परीक्षण चित्र में दर्शाए अनुसार करने पर चुम्बकीय सुई विक्षेपित हो जाती है।
उत्तर:
चुम्बकीय सुई के विक्षेपण के लिए मिलाया गया विलयन, नींबू का रस, सिरके का विलयन या हाइड्रोक्लोरिक अम्ल होगा क्योंकि अम्लों, क्षारों तथा लवणों के विलयन विद्युत धारा का चालन करते हैं।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विद्युत सॉकेट का नामांकित चित्र बनाइये तथा इसके संदर्भ में फेज, न्यूट्रल तथा भू – संपर्कन को समझाइए।
उत्तर:
विद्युत सॉकेट में तीन छिद्र होते हैं। सॉकेट के जिस सिरे में टेस्टर लगाने पर टेस्टर में चमक उत्पन्न होती है उसे अर्थिंग विद्युन्मय तार या फेज (Phase) कहते हैं। घरेलू विद्युत परिपथ में फेज में सामान्यतः लाल रंग की प्लास्टिक चढ़ा हुआ तार प्रयुक्त किया जाता है। सॉकेट के न्यूटस फेज सिरे के पास स्थित जिस सिरे में टेस्टर लगाने पर – टेस्टर में चमक चित्र – विद्युत सॉकेट उत्पन्न नहीं होती है उसे उदासीन या न्यूट्रल (Neutral) सिरा कहते हैं। न्यूट्रल तार पर सामान्यतः काले रंग की प्लास्टिक चढ़ी रहती है।
इन दोनों तारों के मध्य 220 वोल्ट की विद्युत प्रवाहित होती है। तीसरा तार भू-संपर्कन (Earthing) तार होता है जिस पर हरे रंग का प्लास्टिक चढ़ा रहता है। भू – संपर्कन तार भूमि में गहराई पर दबी ताँबे की प्लेट से संयोजित होता है। भू – संपर्कन एक सुरक्षा उपाय है जो यह सुनिश्चित करता है कि बिजली के किसी उपकरण के धात्विक तार से अगर फेज छु जाये तब उस उपकरण का उपयोग करने वाले व्यक्ति को गम्भीर झटका न लगे।
प्रश्न 2.
विद्युत धारा केरासायनिक प्रभावकाधातुओं केशोधन (refining) में क्या महत्व है? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
धातु कर्म के दौरान प्राप्त धातुएँ अशुद्ध होती हैं। इनको विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव की सहायता से शुद्ध किया जाता है। इसके लिए सामान्यतः विद्युत अपघटनी शोधन (Electrolytic Refining) का प्रयोग किया जाता है। उदाहरणार्थ – अशुद्ध ताँबे के शोधन के लिए निम्न प्रक्रम अपनाया जाता है
सर्वप्रथम एक स्वच्छ बीकर में कॉपर सल्फेट का विलयन लेते हैं। अशुद्ध तथा शुद्ध ताँबे की प्लटों को कॉपर सल्फेट विलयन में डुबोकर परिपथ को चित्रानुसार बैटरी से संयोजित कर देते हैं तथा परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं। जब कॉपर सल्फेट को जल से घोला जाता है तब यह अपने धनायनों तथा ऋणायनों में वियोजित हो जाता है। स्वतंत्र कॉपर धनायन कैथोड के रूप में व्यवस्थित शुद्ध ताँबे की प्लेट पर जमा होने लगते हैं साथ ही ऐनोड के रूप में व्यवस्थित अशुद्ध ताँबे की प्लेट से कॉपर धनायन विलयन में पहुँचते रहते हैं। इस प्रकार कैथोड पर शुद्ध ताँबा जमा हो जाता है।