Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Chapter 10 ध्वनि
RBSE Solutions for Class 8 Science
RBSE Class 8 Science ध्वनि Intext Questions and Answers
पाठगत प्रश्नोत्तर
पृष्ठ 108.
प्रश्न 1.
ध्वनि की उत्पत्ति का कारण क्या है?
उत्तर:
वस्तुओं में कम्पन के कारण ध्वनि उत्पन्न होती है।
पृष्ठ 112.
प्रश्न 2.
दी गई सारणी में कम्पन कर रही तीन वस्तुओं से सम्बन्धित तथ्य हैं। सरल गणना करके रिक्तस्थानों की पूर्ति कीजिए।
किस वस्तु द्वारा एक सेकण्ड में किए गए कम्पनों की संख्या अधिक है?
उत्तर:
- वस्तु A के लिए 1 सेकण्ड में किए गए कम्पनों की संख्या = \(\frac { 500 }{ 10 }\) = 50 कम्पन
- वस्तु B के लिए 1 सेकण्ड में किए गए कम्पनों की संख्या =\(\frac { 400 }{ 10 }\) = 40 कम्पन
- वस्तु C के लिए 1 सेकण्ड में किए गए कम्पनों की संख्या =\(\frac { 100 }{ 5 }\) = 20 कम्पन
अतः वस्तु A द्वारा किए गए कम्पनों की संख्या अधिक है और C की कम है।
पृष्ठ 108.
प्रश्न 3.
एक थाली को उल्टा रखकर उसके ऊपर कागज के टुकड़ों की दो – तीन गोलियाँ बनाकर रखिए। अब एक चम्मच से उसे बजाइए। आप क्या देखते हैं?
उत्तर:
कागज के टुकड़े ध्वनि के कम्पन के कारण ऊपर – नीचे हिलते हैं।
पृष्ठ 108.
प्रश्न 4.
कम्पन किसे कहते हैं?
उत्तर:
वस्तु की माध्य स्थिति के दोनों ओर दोलन करने को कम्पन कहते हैं।
पृष्ठ 108.
प्रश्न 5.
चित्र के अनुसार एक रबर बैण्ड के एक सिरे को दीवार से कील के सहारे बाँधकर उसे तानिए। अपने दूसरे हाथ से रबर बैण्ड को मध्य से खींचकर छोड़िए। क्या ध्वनि उत्पन्न होती है?
उत्तर:
रबर बैण्ड के कम्पन के कारण ध्वनि उत्पन्न होती है। रबर को खींचकर छोड़ने पर यह ऊपर-नीचे कम्पन करता है। यह गति कम्पन कहलाती है।
पृष्ठ 108.
प्रश्न 6.
यदि रबर बैण्ड की गति रोक दी जाये तो क्या ध्वनि सुनाई देगी?
उत्तर:
रबर बैण्ड की गति रोक देने पर उसकी कम्पन गति रुक जायेगी तथा हमें ध्वनि नहीं सुनाई देगी। वस्तुओं के कम्पन के कारण ध्वनि उत्पन्न होती है।
पृष्ठ 108.
प्रश्न 7.
इसी प्रकार ढोल, तबला, ढोलक, विद्यालय की घण्टी आदि को बजाकर इनको छूकर देखिए। क्या इनमें भी कम्पन होते हैं?
उत्तर:
दिए गए सभी वाद्य यन्त्रों में कम्पन होते हैं जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है।
पृष्ठ 110.
प्रश्न 8.
मनुष्य में वाक् तन्तु कहाँ पाए जाते हैं?
उत्तर:
मनुष्य के गले की कंठ नली में दो वाक् तन्तु पाए जाते हैं।
पृष्ठ 110.
प्रश्न 9.
वाक् तन्तुओं से ध्वनि किस प्रकार उत्पन्न होती है?
उत्तर:
जब फेफड़ों की हवा वाक् तन्तुओं के मध्य स्थित झिरों में से तेजी से निकलती है तो वाक् तन्तुओं में कम्पन उत्पन्न होते हैं तथा ध्वनि उत्पन्न होती है।
पृष्ठ 110.
प्रश्न 10.
एक मीटर स्केल, लगभग 2 मीटर लम्बा धातु का तार एवं इतना ही लम्बा धागा लीजिए। मीटर स्केल के एक सिरे को अपने कान पर लगाएँ तथा दूसरे सिरे पर अपने मित्र को नाखून से हल्के-हल्के रगड़ने को कहिए। क्या आपको स्केल पर रगड़ने की ध्वनि सुनाई देती है?
उत्तर:
हाँ, स्केल पर रगड़ने की ध्वनि सुनाई देती है। इसी प्रकार धातु के तार तथा धागे को तानकर यह प्रक्रिया दोहराइए। एक सिरे को रगड़ने से उसमें उत्पन्न कम्पन ठोस के कणों से उत्तरोत्तर आगे बढ़ते हुए दूसरे सिरे तक पहुँचते हैं अतः स्पष्ट है कि ठोस में भी ध्वनि का संचरण होता है। प्रयोगशाला में स्वरित्र को कम्पन कराने के बाद उसको कान के पास लाने पर ध्वनि सुनाई देती है।
प्रश्न 11.
विभिन्न माध्यमों में ध्वनि का संचरण किस प्रकार होता है?
उत्तर:
विभिन्न माध्यमों (ठोस, द्रव तथा गैस) में कम्पनों के माध्यम के कणों में उत्तरोत्तर आगे बढ़ने से ध्वनि का संचरण होता है।
पृष्ठ 111.
प्रश्न 12.
माचिस की दो खाली डिब्बियों के अन्दर वाले भाग को लेकर उसमें छेद कीजिए। इन छेदों में तीलियों से लम्बा धागा बाँधिए। दो विद्यार्थी दोनों डिब्बियों को अलग-अलग पकड़कर एक-दूसरे से दूर चले जाइए। एक विद्यार्थी डिब्बी को कान के पास रखें तथा दूसरा विद्यार्थी डिब्बी में धीरे-धीरे बोले। यह आपका खिलौना टेलीफोन है। इस गतिविधि में माचिस की एक डिब्बी से दूसरी डिब्बी में ध्वनि का संचरण कैसे होता है?
उत्तर:
माचिस की एक डिब्बी से दूसरी डिब्बी में ध्वनि का संचरण धागे के माध्यम से होता है।
प्रश्न 13.
पानी से भरी बाल्टी में दो पत्थरों को आपस में बजाइए। क्या पास खड़े व्यक्ति को यह ध्वनि सुनाई देती है? निर्वात में ध्वनि का संचरण क्यों नहीं होता है?
उत्तर:
हाँ, पास खड़े व्यक्ति को यह ध्वनि सुनाई देती है। निर्वात में ध्वनि संचरण के लिए माध्यम के कण उपस्थित नहीं होते हैं इसलिए निर्वात में ध्वनि का संचरण नहीं होता है।
पृष्ठ 111.
प्रश्न 14.
एक थाली या अन्य धातु पात्र पर चम्मच से पहले धीरे तथा बाद में जोर से चोट कीजिए। किस स्थिति में ध्वनि तीव्र या अधिक प्रबल है तथा किसमें क्षीण या कम प्रबल है?
उत्तर:
थाली पर चम्मच द्वारा धीरे चोट करने पर उत्पन्न ध्वनि क्षीण या कम प्रबल होती है तथा जोर से चोट करने पर तीव्र या प्रबल ध्वनि उत्पन्न होती है।
प्रश्न 15.
आगे दी गई सारणी में दिए जोड़ों में से क्षीण एवं प्रबल ध्वनियों की पहचान कीजिए।
उत्तर:
सारणी
पृष्ठ 113.
प्रश्न 16.
एक चिमटा एवं घण्टी को बजाकर देखिए। किसकी ध्वनि महीन तीखी या बारीक है तथा किसकी ध्वनि मोटी या भारी है?
उत्तर:
चिमटा की ध्वनि मोटी या भारी है जबकि घण्टी की ध्वनि तीखी तथा बारीक है।
प्रश्न 17.
आप अपने अनुभव के आधार पर ध्वनि यन्त्रों के जोड़े बनाकर उनकी ध्वनियों को तीक्ष्ण (बारीक) या भारी (मोटी) आवाजों में वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
सारणी
प्रश्न 18.
ध्वनि के तीक्ष्ण (महीन) अथवा भारी (मोटी) होने के लक्षण को क्या कहते हैं?
उत्तर:
तारत्व।
पृष्ठ 114.
प्रश्न 19.
ध्वनि का तारत्व किंस पर निर्भर करता है?
उत्तर:
आवृत्तिं पर।
पृष्ठ 115.
प्रश्न 20.
तारत्व का प्रभाव होने से क्या पता चलता है?
उत्तर:
तारत्व का प्रभाव अधिक होने के कारण महिलाओं और बच्चों की आवाज पुरुषों की तुलना में सुरीली व बारीक होती
कारण खोजिए
प्रश्न 1.
ढोलक की ध्वनि की अपेक्षा सितार की ध्वनि अधिक मधुर लगती है।
उत्तर:
ढोलक की ध्वनि की तुलना में सितार की ध्वनि का तारत्व या आवृत्ति अधिक होने के कारण सितार की ध्वनि अधिक मधुर लगती है।
प्रश्न 2.
कोयल और कौए की ध्वनि में से कोयल की ध्वनि अधिक मधुर लगती है।
उत्तर:
कोयल की ध्वनि का तारत्व या आवृत्ति अधिक होने के कारण कोयल की ध्वनि अधिक मधुर लगती है।
RBSE Class 8 Science ध्वनि Text Book Questions and Answers
सही विकल्प का चयन कीजिए
Question 1.
निम्नांकित में से किसमें ध्वनि का संचरण संभव नहीं ……………….
(अ) लोहे की छड़
(ब) पानी
(स) हवा
(द) निर्वात
उत्तर:
(द) निर्वात
Question 2.
किसी कण या वस्तु के माध्य स्थिति के ऊपर – नीचे 6 (इर्द-गिर्द) गति को कहते हैं ……………….
(अ) कम्पन
(ब) आयाम
(स) आवृत्ति
(द) आवर्तकाल
उत्तर:
(अ) कम्पन
Question 3.
0°C पर वायु में ध्वनि की चाल होती है ……………….
(अ) 350 मी/से
(ब) 200 मी/से
(स) 400 मी/से
(द) 331 मी/से
उत्तर:
(द) 331 मी/से
Question 4.
एक कम्पन में लगे समय को कहते हैं ……………….
(अ) आवृत्ति
(ब) आवर्तकाल
(स) आयाम
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) आवर्तकाल
निम्नांकित कथनों में से सही व गलत को छाँटकर चिन्हित कीजिए –
- ध्वनि वस्तुओं में कम्पन से उत्पन्न होती है।
- ध्वनि तरंगों के संचरण के लिए माध्यम आवश्यक नहीं है।
- ध्वनि का वेग ठोस में सर्वाधिक होता है।
- ध्वनि की प्रबलता का मात्रक डेसीबल होता है।
उत्तर:
- सही
- गलत
- सही
- सही
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- मनुष्य में वाक् ध्वनि का मुख्य स्रोत ……………….. है।
- 20,000 हर्ट्स से अधिक आवृत्ति की ध्वनि तरंगों को ……………….. कहते हैं।
- आवृत्ति का मात्रक ……………….. होता है।
- ध्वनि की प्रबलता ……………….. पर निर्भर करती है।
- ध्वनि का तारत्व ……………….. पर निर्भर करता है।
उत्तर:
- वाक् – तन्तु
- पराश्रव्य
- हर्ट्ज (Hz)
- कम्पन के आयाम
- ध्वनि की आवृत्ति
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
एक वाद्य यन्त्र 200 कम्पन पूर्ण करने में 2 सेकण्ड समय लेता है तो उसकी आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
= \(\frac { 200 }{ 2 }\) = 100 कम्पन प्रति सेकण्ड या ह (Hz)
प्रश्न 2.
यदि किसी मन्दिर की घण्टी से उत्पन्न ध्वनि की आवृत्ति 400 कम्पन प्रति सेकण्ड है तो इसका आवर्तकाल ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
= आवृत्ति
= 400 = 00025 सेकण्ड
प्रश्न 3.
श्रव्य, अपश्रव्य तथा पराश्रव्य ध्वनि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
- श्रव्य ध्वनि (Audible Sound) – 20 Hz से 20,000 Hz की आवृत्ति वाली ध्वनि को ही हम सुन सकते हैं, इसे श्रव्य ध्वनि कहते हैं।
- अपश्रव्य ध्वनि (Infrasonic Sound) – 20 Hz से कम आवृत्ति की ध्वनि को अपश्रव्य ध्वनि कहते हैं। उदाहरणार्थसरल लोलक से उत्पन्न ध्वनि।
- पराश्रव्य ध्वनि (Ultrasonic Sound) – 20,000 Hz से अधिक आवृत्ति की ध्वनि पराश्रव्य ध्वनि कहलाती है। उदाहरणार्थ-गाल्टन की सीटी से उत्पन्न ध्वनि।
प्रश्न 4.
आवृत्ति व आवर्तकाल किसे कहते हैं? इनके सम्बन्ध को सूत्र से व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
- आवृत्ति (Frequency) – 1 सेकण्ड में किए गए कम्पनों की संख्या आवृत्ति कहलाती है।
- आवर्तकाल (Time Period) – 1 कम्पन पूर्ण करने में लगा समय आवर्तकाल कहलाता है। आवृत्ति तथा आवर्तकाल में निम्न सम्बन्ध होता है
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मानव वाक् यन्त्र का चित्र बनाकर कार्य प्रणाली समझाइए।
उत्तर:
मनुष्य के गले की कंठ नली में दो स्नायु या सन्धि बंधन होते हैं जिन्हें हम वाक् – तन्तु कहते हैं। इसकी संरचना आगे चित्र में प्रदर्शित है। वाक् – तन्तु बोलते समय इस तरह से खिंच जाते हैं कि इनमें एक पतली झिरी बन जाती है। जब फेफड़ों की हवा इस झिरों में से तेजी से निकलती है तो वाक-तन्तु में कम्पन होता है और ध्वनि उत्पन्न होती है।
प्रश्न 2.
ध्वनि प्रदूषण क्या है? ध्वनि प्रदूषण हमें किस प्रकार प्रभावित करता है? इसे किस प्रकार नियंत्रित किया जा सकता है? विस्तार से लिखिए।
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण (Sound Pollution)- वायुमण्डल में उत्पन्न की गई अवांछित ध्वनि, जिसका मानव तथा अन्य प्राणियों के श्रवण तन्त्र एवं स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है को शोर या ध्वनि प्रदूषण कहते हैं। ध्वनि प्रदूषण में ध्वनि की तीव्रता 80 डेसीबल (dB) से अधिक होती है। ध्वनि प्रदूषण निरन्तर होने वाले तीव्र शोर; जैसे- मोटरगाड़ियों की आवाज, कारखानों, रेल इंजन की आवाज, लाउडस्पीकर की ध्वनि आदि से होता है। ध्वनि प्रदूषण के कारण दैनिक जीवन की गतिविधियाँ प्रभावित होती हैं। इससे स्वास्थ्य सम्बन्धी अनेक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं; जैसे-चिड़चिड़ापन, अनिद्रा, उच्च रक्तचाप, सुनने की क्षमता, अस्थायी या स्थायी रूप से कम होना व कभी-कभी बहरापन भी आ जाता है।
ध्वनि प्रदूषण को सीमित रखने के उपाय:
- यातायात के समस्त वाहनों, औद्योगिक मशीनों तथा घरेलू विद्युत उपकरणों में शोर कम करने वाली युक्ति (साइलेंसर) का उपयोग किया जाना चाहिए।
- शोर उत्पन्न करने वाले क्रियाकलाप आवासीय क्षेत्रों से दूर संचालित होने चाहिए।
- टेलीविजन व लाउडस्पीकर की ध्वनि प्रबलता कम रखनी चाहिए।
- सड़कों व भवनों के आस-पास पेड़ लगाने चाहिए ताकि ध्वनि अवशोषित हो सके।
प्रश्न 3.
ध्वनि संकेतों के मस्तिष्क तक पहुँचने की प्रक्रिया को मानव कर्ण के नामांकित चित्र की सहायता से समझाइए।
उत्तर:
मनुष्य के कान के बाह्य भाग की आकृति कीपनुमा होती है। इसे पिन्ना कहते हैं। जब ध्वनि इसमें प्रवेश
करती है तो यह एक नलिका से गुजरती है जिसे श्रवण गुहिका कहते हैं। इस नली के सिरे पर एक पतली झिल्ली दृढ़ता से तनित होती है। यह झिल्ली कर्ण पटल (Ear drum) कहलाती है। ध्वनि के कम्पन कर्ण पटल को कंपित करते हैं। कर्ण पटल कम्पनों को अन्तः कर्ण (Internal ear) तक भेज देता है। यहाँ से श्रवण तंत्रिका द्वारा संकेतों को मस्तिष्क तक भेजा जाता है। इस प्रकार हमें ध्वनि सुनाई देती है।
प्रश्न 4.
ठोस, द्रव और गैस माध्यम में ध्वनि किस प्रकार संचारित होती है? समझाइए।
उत्तर:
1. ठोस में ध्वनि का संचरण – ठोस में उत्पन्न ध्वनि कम्पन ठोस के कणों द्वारा उत्तरोत्तर आगे बढ़ते हुए दूसरे सिरे तक पहुँचते हैं तथा ध्वनि का संचरण होता है।
2. द्रव में ध्वनि का संचरण – द्रवों में ध्वनि के कम्पन द्रव के कणों द्वारा उत्तरोत्तर आगे बढ़ते हुए संचरित होते हैं।
3. गैस (वायु) में ध्वनि का संचरण – गैस (वायु) में ध्वनि का संचरण कम्पनों के द्वारा होता है। जब वस्तु कम्पन करती है तो उसके आस-पास की गैस के कण भी कम्पन करने लगते हैं। प्रत्येक कम्पित कण इन कम्पनों को अपने सम्पर्क में आने वाले अन्य कणों को स्थानान्तरित करते हैं। इस प्रकार ध्वनि गैस (वायु) में संचरित होती है।
क्रियात्मक कार्य
Question 1.
मानव कर्ण का चार्ट बनाकर कक्षा-कक्ष में लगाइए।
उत्तर:
Question 2.
ध्वनि प्रदूषण, उसके दुष्प्रभावों तथा इनकी रोकथाम के उपायों को प्रदर्शित करने वाले अलग-अलग चार्ट एवं पोस्टर बनाएँ। इन्हें विद्यालय तथा ग्राम में प्रदर्शित कर जागरूकता उत्पन्न करें।
उत्तर:
Question 3.
बाँसुरी के विभिन्न छेदों के क्रमांक 1, 2, 3 ………… देकर अलग-अलग छेदों पर अंगुली रखकर बजाएँ तथा उत्पन्न ध्वनि के तारत्व की तुलना करें।
संकेत –
बाँसुरी बाँसुरी बजाने पर पाया कि छिद्र 1 को दबाने पर अधिक तारत्व या आवृत्ति की सुरीली (महीन) ध्वनि निकलती है जो क्रमशः आगे के छिद्रों को दबाने पर ध्वनि का तारत्व कम होने के कारण ध्वनि मोटी (भारी) होती जाती है।
Question 4.
राजस्थान के विभिन्न वाद्य – यन्त्रों के बारे में जानकारी प्राप्त कर चार्ट तैयार कीजिए।
संकेत – चार्ट : राजस्थान के प्रमुख वाद्य – यन्त्र
- तार वाद्य (तन्तु वाद्य)-इकतारा, दोतारा, चौतारा, जंतर, रबाव, रावण हत्था, चिंकारा, जोगी, सारंगी, खाज, तंदूरा, अपंग, कायादन्ता, सितार, गिटार, वायलिन आदि।
- अलगोजा – फूंककर बजाया जाने वाला वाद्य – यन्त्र।
- गों – कालबेलियों का प्रमुख वाद्य यन्त्र।
- भुंगल या भेरी – रण क्षेत्र में बजाया जाने वाला वाद्य यन्त्र।
- मशक – चमड़े का बना वाद्य यन्त्र जिसके एक सिरे पर लगी नली में मुँह से हवा भरी जाती है तथा दूसरे सिरे की नली से स्वर निकाले जाते हैं।
- मॉदल – आदिवासियों का मिट्टी का बना मृदंग के समानवाद्य यन्त्र जिस पर हिरण या बकर की खाल मढ़ी होती है।
- डैरू – जाहरपीर और गोगा भक्तों का प्रमुख वाद्य यन्त्र।
- खंजरी – चमड़े से मढ़ा वाद्य यन्त्र।
- ढोल, नगाड़ा – चमड़े तथा लकड़ी से बने वाद्य यन्त्र।
- धौंसा – घोड़े पर दोनों तरफ रखकर बजाया जाने वाला नगाड़े की तरह का वाद्य यन्त्र।
- शहनाई – विवाह समारोह के समय बजाया जाने वाला वाद्य यन्त्र।
- वांकिया – मांगलिक अवसरों पर बजाया जाने वाला पीतल का बना बिगुल के समान वाद्य यन्त्र।
RBSE Class 8 Science ध्वनि Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
Question 1.
ध्वनि की चाल वायु की अपेक्षा स्टील में अधिक होती है तो बताइए निम्नलिखित में से किसमें ध्वनि की चाल अधिक होती है ………………..
(अ) वायु में
(ब) जल में
(स) ठोस में
(द) निर्वात में
उत्तर:
(स) ठोस में
Question 2.
आवर्तकाल तथा आवृत्ति के मध्य सम्बन्ध है ………………..
(अ)
(ब)
(स) आवृत्ति x आवर्तकाल = 1
(द) (आवृत्ति)2 = आवर्तकाल
उत्तर:
(स) आवृत्ति x आवर्तकाल = 1
Question 3.
हज मात्रक है ………………..
(अ) ऊर्जा का
(ब) आवृत्ति का
(स) आयाम का
(द) वेग का
उत्तर:
(ब) आवृत्ति का
Question 4.
एक कम्पन कण का आवर्तकाल 0.02 सेकण्ड है। उसकी आवृत्ति होगी ………………..
(अ) 0.02 प्रति सेकण्ड
(ब) 50 प्रति सेकण्ड
(स) 100 प्रति सेकण्ड
(द) 2 प्रति सेकण्ड
उत्तर:
(ब) 50 प्रति सेकण्ड
Question 5.
‘अल्ट्रासोनोग्राफी’ में प्रयुक्त ध्वनि है ………………..
(अ) श्रव्य
(ब) अपश्रव्य
(स) पराश्रव्य
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(स) पराश्रव्य
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- वस्तुओं में …………………. के कारण ध्वनि उत्पन्न होती है।
- हमारे वाक्-तन्तु प्राकृतिक …………………. हैं।
- 0°C पर वायु में ध्वनि की चाल …………………. मीटर प्रति सेकण्ड होती है।
- ध्वनि की प्रबलता का मात्रक …………………. है।
- प्रति सेकण्ड होने वाले दोलनों की संख्या को दोलन की …………………. कहते हैं।
उत्तर:
- कम्पनों
- वाद्य यन्त्र
- 331
- डेसीबल
- आवृत्ति
सुमेलित कीजिए
उत्तर:
1. → F
2. → A
3. → E
4. → D
5.→ C
6. → B
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
वस्तुओं में ध्वनि किसके कारण उत्पन्न होती है?
उत्तर:
वस्तुओं में ध्वनि कम्पनों के कारण उत्पन्न होती है।
प्रश्न 2.
मनुष्य में पाए जाने वाले ध्वनि उत्पादक यन्त्र का नाम लिखिए।
उत्तर:
स्वर यन्त्र (Larynx)
प्रश्न 3.
निर्वात में ध्वनि का संचरण क्यों नहीं होता है?
उत्तर:
निर्वात में कोई कण उपस्थित नहीं होते हैं इसलिए निर्वात में ध्वनि का संचरण नहीं होता है।
प्रश्न 4.
आयाम किसे कहते हैं?
उत्तर:
कम्पन करने वाली वस्तु का माध्य स्थिति से अधिकतम विस्थापन आयाम कहलाता है।
प्रश्न 5.
आवृत्ति का मात्रक लिखिए।
उत्तर:
कम्पन प्रति सेकण्ड या हर्ट्ज़ (Hz)।
प्रश्न 6.
आवर्तकाल तथा आवृत्ति में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
आवर्तकाल तथा आवृत्ति एक – दूसरे के व्युत्क्रम होते हैं।
प्रश्न 7.
हमारे कानों में ध्वनियों के अनुभव को किन लक्षणों के आधार पर पहचाना जा सकता है?
उत्तर:
ध्वनियों के अनुभव को प्रबलता, तारत्व तथा गुणता के आधार पर पहचाना जा सकता है।
प्रश्न 8.
ध्वनि की तीव्रता किस पर निर्भर करती है?
उत्तर:
ध्वनि की तीव्रता उसके कम्पन के आयाम पर निर्भर करती है।
प्रश्न 9.
तारत्व किसे कहते हैं?
उत्तर:
ध्वनि के तीक्ष्ण (बारीक) तथा भारी (मोटी) होने के लक्षण को ध्वनि का तारत्व (pitch) कहते हैं।
प्रश्न 10.
चमगादड़ किस प्रकार की ध्वनि तरंगें उत्पन्न करता है?
उत्तर:
पराश्रव्य (Ultrasonic)
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
चन्द्रमा पर एक अंतरिक्ष यात्री दूसरे अंतरिक्ष यात्री से आपस में बातचीत नहीं कर सकता है। क्यों?
उत्तर:
चन्द्रमा पर एक अंतरिक्ष यात्री दूसरे अंतरिक्ष यात्री से आपस में बातचीत नहीं कर सकता है क्योंकि चन्द्रमा पर वायु नहीं होती है। अतः ध्वनि संचरण को आगे बढ़ने के लिए कोई माध्यम नहीं मिलता।
प्रश्न 2.
आयाम, आवृत्ति तथा आवर्तकाल को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
- आयाम (Amplitude) – कम्पन करने वाली वस्तु का माध्य स्थिति से अधिकतम विस्थापन आयाम कहलाता है।
- आवृत्ति (Frequency) – 1 सेकण्ड में किये गये कम्पनों की संख्या को आवृत्ति कहते हैं। इसका मात्रक ‘कम्पन प्रति सेकण्ड’ या ‘ह’ (Hz) होता है।
- आवर्तकाल (Time Period) – 1 कम्पन करने में लगा समय आवर्तकाल कहलाता है। यह आवृत्ति का व्युत्क्रम होता है। इसका मात्रक ‘सेकण्ड’ होता है।
प्रश्न 3.
ध्वनि की तीव्रता आयाम से किस प्रकार सम्बन्धित होती है?
उत्तर:
ध्वनि की तीव्रता उसके कम्पन के आयाम पर निर्भर करती है। अर्थात् ध्वनि की प्रबलता कम्पन के आयाम बढ़ने पर बढ़ती है। जब हम धीमे बोलते हैं तो कम प्रबलता की ध्वनि निकलती है लेकिन जोर से बोलने पर अधिक प्रबलता की ध्वनि निकलती है।
प्रश्न 4.
ध्वनि का तारत्व किसे कहते हैं? महिलाओं और बच्चों की आवाज पुरुषों की तुलना में सुरीली एवं बारीक क्यों होती है?
उत्तर:
ध्वनि के तीक्ष्ण (महीन) अथवा भारी (मोटी) होने के लक्षण को तारत्व (pitch) कहते हैं। ध्वनि का तारत्व ध्वनि की आवृत्ति पर निर्भर करता है। तारत्व या आवृत्ति अधिक होने के कारण महिलाओं और बच्चों की आवाज पुरुषों की तुलना में सुरीली व बारीक होती है।
प्रश्न 5.
पराश्रव्य ध्वनि के दो महत्वपूर्ण उपयोग लिखिए।
उत्तर:
- पराश्रव्य ध्वनि का प्रयोग रोगों के निदान के लिए प्रयुक्त अल्ट्रासोनोग्राफी में किया जाता है।
- पराश्रव्य ध्वनि का प्रयोग ‘सोनार’ नामक यन्त्र द्वारा समुद्र की गहराई मापने तथा पनडुब्बी की स्थिति व चाल ज्ञात करने में किया जाता है।
प्रश्न 6.
चमगादड़ रात्रि में कैसे उड़ता है?
उत्तर:
चमगादड़ पराश्रव्य ध्वनि को उत्पन्न करके परावर्तित होकर आने वाली ध्वनि को सुनता है जिससे उसे अवरोध का पता चल जाता है। इसी कारण चमगादड़ रात्रि को उड़ सकता है।
प्रश्न 7.
ध्वनि की तीव्रता मापने की इकाई क्या है? विभिन्न ध्वनियों की तीव्रता लिखिए।
उत्तर:
ध्वनि की तीव्रता मापने की इकाई डेसीबल (dB) है। सामान्य बातचीत की ध्वनि लगभग 60 dB की होती है। स्कूटर, बस, ट्रक आदि लगभग 90 dB की ध्वनि उत्पन्न करते हैं, जबकि जेट से लगभग 150 dB की ध्वनि उत्पन्न होती है। रॉकेट की ध्वनि लगभग 180 dB की होती है। 80 dB से अधिक तीव्रता की ध्वनि मनुष्य को हानि पहुँचाती है।
प्रश्न 8.
ध्वनि की प्रबलता से आप क्या समझते हैं? यह किन कारकों पर निर्भर करती है?
उत्तर:
ध्वनि की प्रबलता हमारे कानों की आपेक्षिक संवेदनशीलता की माप होती है। ध्वनि की प्रबलता, ध्वनि तरंग की ऊर्जा के साथ ही हमारे कानों की संवेदनशीलता पर भी निर्भर करती है। एक ही ध्वनि किसी व्यक्ति के लिए अधिक प्रबल हो सकती है तथा वही ध्वनि किसी दूसरे व्यक्ति के लिए कम प्रबल हो सकती है।
प्रश्न 9.
आपके विचार से ध्वनि प्रदूषण पर किस प्रकार नियंत्रण किया जा सकता है?
उत्तर:
- ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए अनिवार्यत : कानून बनाना चाहिए। वातावरण को प्रदूषित करने वाले के प्रति कानून को समयानुसार तथा बदलते हुए स्रोतों के अनुसार बदलते रहना चाहिए।
- उद्योग तथा समुदाय के लिए शोर पर नियन्त्रण पाने के मानक निश्चित होने चाहिए तथा इसके लिए सुरक्षित कार्यक्रम बनाने चाहिए।
प्रश्न 10.
भारतीय संगीत प्रणाली पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारतीय संगीत प्रणाली पूर्णतः वैज्ञानिक है। इसमें संगीत के सात स्वर होते हैं – सा, रे, ग, म, प, ध, नि। संगीतकार इन सुरों का उपयोग करके सुमधुर संगीत की रचना करते हैं। भारतीय संगीत में विभिन्न राग-रागिनियाँ होती हैं। जो इन सात सुरों पर आधारित होती हैं।
प्रश्न 11.
एक बांसुरी 500 कम्पन पूरे करने में कितना समय लेगी? जबकि बांसुरी से उत्पन्न ध्वनि की आवृत्ति 25 Hz है।
उत्तर:
प्रश्नानुसार, कम्पनों की संख्या = 500
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ध्वनि का संचरण किस प्रकार होता है? निर्वात में ध्वनि का संचरण क्यों नहीं होता है? समझाइए।
उत्तर:
ध्वनि का संचरण ठोस, द्रव, गैस तीनों माध्यमों में होता है अर्थात् ध्वनि के संचरण के लिए माध्यम होना आवश्यक होता है। विभिन्न माध्यमों में ध्वनि का संचरण कम्पनों द्वारा होता है। जब वस्तु कम्पन करती है तो ध्वनि संचरण माध्यम के कण भी कम्पन करने लगते हैं। प्रत्येक कम्पित कण इन कम्पनों के सम्पर्क में आने वाले अन्य कणों को स्थानान्तरित कर देते हैं। इस प्रकार ध्वनि एक स्थान से दूसरे स्थान तक संचरित होती है। चूँकि निर्वात में कोई कण उपस्थित नहीं होते हैं अतः निर्वात में ध्वनि का संचरण नहीं होता है; जैसे-चन्द्रमा पर निर्वात होने के कारण दो अन्तरिक्ष यात्री परस्पर बातचीत नहीं कर पाते हैं।
प्रश्न 2.
ध्वनि की प्रकृति समझाइए तथा ध्वनि संचरण की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
ध्वनि शब्द के दो अर्थ हैं:
1. साधारण बोलचाल की भाषा में ध्वनि उस संवेदना को कहते हैं जो हमें कानों द्वारा अनुभव होती है।
2. भौतिकी में ध्वनि वह बाह्य कारण अथवा विक्षोभ है जिससे यह संवेदना उत्पन्न होती है। ध्वनि की उत्पत्ति का अनुभव हम दैनिक जीवन में प्रतिदिन करते हैं। समस्त ध्वनि स्रोतों के परीक्षण से स्पष्ट होता है कि ध्वनि उत्पन्न करने में उसका कोई न कोई भाग कम्पन करता है। जब हम किसी घण्टे पर हथौड़े से चोट मारते हैं तो हमें ध्वनि सुनाई देती है और घण्टे को छूने पर उसमें झनझनाहट (कम्पन) का अनुभव होता है, जैसे ही झनझनाहट बन्द हो जाती है तब ध्वनि भी बन्द हो जाती है। अतः हम कह सकते हैं कि ध्वनि केवल तब उत्पन्न होती है जब कोई वस्तु कम्पन करती है अर्थात् बिना कम्पन के ध्वनि उत्पन्न नहीं हो सकती है।
ध्वनि संचरण की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- ध्वनि के संचरण के लिए माध्यम (ठोस, द्रव, गैस) का होना आवश्यक होता है। निर्वात में ध्वनि का संचरण नहीं होता है।
- ध्वनि के संचरण में माध्यम अपना स्थान नहीं छोड़ता है।
- ध्वनि के माध्यम में संचरण तरंगों के रूप में होता है।
प्रश्न 3.
पराश्रव्य ध्वनि तरंगों के महत्वपूर्ण उपयोग लिखिए।
उत्तर:
पराश्रव्य ध्वनि तरंगों के उपयोग (Uses of Ultrasonic Sound Waves):
- संकेत भेजने में – चूँकि पराश्रव्य ध्वनि तरंगें बहुत पतले किरण पुंज के तितात हा रूप में बहुत दूर तक जा सकती हैं। इसलिए इन तरंगों द्वारा आसानी से किसी विशेष दिशा में संकेत भेजे जा सकते हैं।
- समुद्र की गहराई ज्ञात करने में – पराश्रव्य ध्वनि तरंगों का उपयोग समुद्र में डूबी हुई चट्टानों, मछलियों, पनडुब्बी की स्थितियाँ तथा समुद्र की गहराई मापने में किया जाता है।
- कृषि में – कुछ छोटे पौधों पर इन ध्वनि तरंगों को डालने से पौधों की लम्बाई शीघ्रता से बढ़ती है।
- चिकित्सा विज्ञान में-पराश्रव्य ध्वनि तरंगें खून रहित ऑपरेशन में, गठिया के दर्द में, माँसपेशियों के दर्द में तथा कीटाणुओं को नष्ट करने में प्रयुक्त की जाती हैं।
प्रश्न 4.
समझाइए कि आवृत्ति ध्वनि को किस प्रकार प्रभावित करती है?
उत्तर:
किसी कंपायमान वस्तु द्वारा एक सेकण्ड में किए गए कंपनों की संख्या को आवृत्ति कहते हैं। आवृत्ति ध्वनि की तीक्ष्णता या तारत्व को निर्धारित करती है। यदि कम्पन की आवृत्ति अधिक है तो ध्वनि को तीखी कह सकते हैं। यदि कम्पन की आवृत्ति कम है तो हम कह सकते हैं कि ध्वनि का तारत्व कम है। उदाहरण के लिए, कोई ढोल मंद आवृत्ति से कम्पित होता है, अत: यह कम तारत्व की ध्वनि उत्पन्न करता है, जबकि सीटी की आवृत्ति अधिक होती है, अतः वह अधिक तारत्व की ध्वनि उत्पन्न करती है। इसी प्रकार पक्षी उच्च तारत्व की ध्वनि उत्पन्न करता है, जबकि शेर की दहाड़ का तारत्व मंद होता है। यद्यपि शेर की दहाड़ अत्यधिक प्रबल है, जबकि पक्षी की ध्वनि दुर्बल होती है। सामान्यतः एक महिला की आवाज पुरुष की अपेक्षा अधिक आवृत्ति की एवं अधिक तीक्ष्ण होती है।