Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 10 किशोरावस्था की ओर Textbook Exercise Questions and Answers.
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प्रश्न 1.
शरीर में होने वाले ऐसे परिवर्तन जिनसे जनन परिपक्वता आती है, की अवधि कब तक रहती है?
उत्तर:
शरीर में होने वाले ऐसे परिवर्तन की अवधि लगभग 11 वर्ष की आयु से प्रारम्भ होकर 18 अथवा 19 वर्ष की आयु तक रहती है।
प्रश्न 2.
क्या बाल्यकाल एवं युवावस्था के मध्य की अवधि का कोई विशेष नाम है?
उत्तर:
बाल्यकाल एवं युवावस्था के मध्य की अवधि को किशोरावस्था कहते हैं।
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प्रश्न 3.
यौवनारम्भ में होने वाले परिवर्तनों का प्रारम्भ कौन करता है?
उत्तर:
यौवनारम्भ में होने वाले परिवर्तनों का प्रारम्भ विभिन्न हार्मोन करते हैं।
प्रश्न 4.
क्या जननकाल एक बार प्रारम्भ होने के बाद जीवन पर्यन्त तक चलता रहता है या कभी समाप्त होता है?
उत्तर:
जननकाल जीवन पर्यन्त नहीं चलता है। स्वियों में यह सामान्यतः 45 से 50 वर्ष की आयु तक चलता है। पुरुषों में स्त्रियों की अपेक्षा अधिक अवधि तक चलता है।
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प्रश्न 5.
स्त्रियों में जननकाल की अवधि रजोदर्शन से रजोनिवृत्ति तक होती है। क्या वह सही है?
उत्तर:
हाँ, वह सही है।
प्रश्न 6.
इस बात का निर्धारण कैसे होता है कि निषेचित अण्डाणु लड़के में अथवा लड़की में विकसित होगा?
उत्तर:
निषेचित अण्डाणु अथवा युग्मनज में जन्म लेने वाले शिशु के लिंग निर्धारण का संदेश होता है। इस क्रिया में लिंग गुणसूत्र सहयोग करते हैं। हम जानते हैं कि मनुष्यों की कोशिका के केन्द्रक में 23 जोड़े गुणसूश पाये जाते हैं। इनमें से 2 गुणसूत्र (1 जोड़ी) लिंग गुणसूत्र होते हैं जिन्हें X तथा Y कहते हैं। स्त्री में दो गुणसूत्र होते हैं जबकि पुरुष में एक x तथा एक Y गुणसूत्र होता है।
युग्मक (अण्डाणु तथा शुक्राणु) में एक जोड़ा गुणसूत्रों का होता है जबकि अनिषेचित अण्डाणु में सदैव X गुणसूत्र होता है किन्तु शुक्राणु दो प्रकार के होते हैं जिनमें एक प्रकार में x गुणसूत्र एवं दूसरे प्रकार में Y गुणसूत्र होता है। जब गुणसूत्र वाला शुक्राणु अण्डाणु को निषेचित करता है तो युग्मनज में दो X गुणसूत्र होंगे तथा वह मादा शिशु में विकसित होगा। यदि अण्डाणु को निषेचित करने वाले शुक्राणु में Y गुणसूत्र है तो युग्मनज नर शिशु में विकसित होगा।
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प्रश्न 7.
क्या अन्य जन्तुओं में भी हार्मोन स्वावित होते हैं? क्या जनन प्रक्रिया में उनका कोई योगदान है?
उत्तर:
हाँ, अन्य जन्तुओं में भी हार्मोन स्रावित होते हैं। जनन प्रक्रिया में इनका योगदान होता है।
प्रश्न 8.
यदि व्यक्ति के आहार में पर्याप्त आयोडीन न हो तो क्या उन्हें थायरॉक्सिन की कमी के कारण 'गॉयटर' हो जायेगा?
उत्तर:
थायरॉइड ग्रन्धि को थायरॉक्सिन हार्मोन बनाने के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती है। यदि व्यक्ति के आहार में पर्याप्त आयोडीन न हो तो पर्याप्त थायरॉक्सिन का निर्माण नहीं होगा जिससे उसे 'गॉयटर'(घेंघा) रोग हो जायेगा।
प्रश्न 1.
शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी अंतःस्त्रावी ग्रन्थियों द्वारा स्वावित पार्थ का क्या नाम है?
उत्तर:
हार्मोन।
प्रश्न 2.
किशोरावस्था को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
जीवनकाल की वह अवधि जब शरीर में ऐसे परिवर्तन होते है जिसके परिणामस्वरूप जनन परिपक्वता आती है, किशोरावस्था कहलाती है। यह अवस्था 11 वर्ष की आयु से प्रारम्भ होकर 18 अथवा 19 वर्ष तक होती है।
प्रश्न 3.
ऋतुस्त्राव (menstruation) क्या है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
यदि अण्डाणु का निषेचन नहीं हो पाता तब उस स्थिति में अण्डाणु तथा गर्भाशय का मोटा स्तर उसकी रुधिर वाहिकाओं सहित निस्तारित हो जाता है। इससे स्त्रियों में रक्तस्त्राव होता है, जिसे ऋतुस्खाव कहते हैं। ऋतुस्राव लंगभग 28 से 30 दिन में एक बार होता है। पहला ऋतुस्राव यौवनारम्भ में होता है जिसे रजोदर्शन कहते हैं। लगभग 45 से 50 वर्ष की आयु में ऋतुस्राव होना रुक जाता है, जिसे रजोनिवृत्ति कहते हैं।
प्रश्न 4.
यौवनारम्भ के समय होने वाले शारीरिक परिवर्तनों की सूची बनाइए।
उत्तर:
यौवनारम्भ के समय होने वाले शारीरिक परिबर्तन:
1. लम्बाई में वृद्धि-इस समय शरीर की लम्बी अस्थियों की लम्बाई में वृद्धि होती है और व्यक्ति लम्बा हो जाता है। लगभग 18 वर्ष की आयु तक लड़के व लड़कियाँ अपनी अधिकतम लम्बाई प्राप्त कर लेते हैं, जो आनुवंशिक जीन पर निर्भर करती है।
2. शारीरिक आकृति में परिवर्तन:
लड़कों में कंधे फैलकर चौड़े हो जाते हैं और लड़कियों की कमर का निचला भाग चौड़ा हो जाता है। लड़कों में शारीरिक पेशियाँ लड़कियों की अपेक्षा सुस्पष्ट एवं गठी दिखाई देती हैं।
3. स्वर में परिवर्तन:
लड़कों का स्वरयंत्र विकसित होकर बड़ा हो जाता है और कभी - कभी आवाज भर्राने या फटने लगती है। लड़कियों का स्वरयंत्र अपेक्षाकृत छोटा और स्वर उच्चतारत्व वाला होता है।
4. स्वेद एवं तैलग्रन्थियों में वृद्धि:
किशोरावस्था में इनका साव बढ़ जाता है, जिससे कुछ व्यक्तियों में चेहरे पर फुसियाँ एवं मुंहासे आदि हो जाते हैं।
5. जनन अंगों का विकास:
नर जननांग विकसित हो जाते हैं। वृषण से शुक्राणुओं का उत्पादन प्रारम्भ हो जाता है। लड़कियों में अण्डाशय के आकार में वृद्धि होती है तथा अण्ड परिपक्व होने लगते हैं। अण्डाशय से अण्डाणुओं का निर्मोचन भी प्रारम्भ हो जाता है।
6. मानसिक, बौद्धिक एवं संवेदनात्मक परिपक्वता:
किशोर अधिक स्वतंत्र तथा सचेत होते हैं। इस समय सीखने की क्षमता सर्वाधिक होती है। कभी - कभी परिवर्तनों की वजह से किशोर अपने आपको असुरक्षित महसूस करते हैं।
प्रश्न 5.
दो कॉलम वाली एक सारणी बनाइए जिसमें अंतःस्त्रावी ग्रन्थियों के नाम तथा उनके द्वारा स्वावित हार्मोन के नाम दर्शाए गए हों।
उत्तर:
अंतःस्त्रावी ग्रन्थि |
हार्मोन |
1. पीयूष |
वृद्धि हार्मोन |
2. थायरॉड |
थायरॉक्सिन हार्मोन |
3. एडोनल |
एडिनलिन |
4. अग्न्याशय |
इंसुलिन |
5. वृषण |
पौरुष हार्मोन (टेस्टोस्टेरॉन) |
6. अण्डाशय |
एस्ट्रोजन |
प्रश्न 6.
लिंग हार्मोन क्या हैं? उनका नामकरण इस प्रकार क्यों किया गया? उनके प्रकार्य बताइए।
उत्तर:
लिंग हार्मोन:
नर में वृषण द्वारा एवं मादा में अण्डाशय द्वारा स्रावित हार्मोन, लिंग हार्मोन कहलाते हैं। इन्हें यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह नर और मादा लिंग में भिन्न-भिन्न होते हैं।
नर लिंग हार्मोन (टेस्टोस्टेरॉन):
मावा लिंग हार्मोन (एस्ट्रोजन):
प्रश्न 7.
सही विकल्प चुनिए:
(क) किशोर को सचेत रहना चाहिए कि वह क्या खा रहे हैं, क्योंकि:
(i) उचित भोजन से उनके मस्तिष्क का विकास होता है।
(ii) शरीर में सीव्र गति से होने वाली वृद्धि के लिए उचित आहार की आवश्यकता होती है।
(iii) किशोर को हर समय भूख लगती रहती है।
(iv) किशोर में स्वाद कलिकाएं (ग्रन्थियाँ) भलीभांति विकसित होती हैं।
उत्तर:
(ii) शरीर में सीव्र गति से होने वाली वृद्धि के लिए उचित आहार की आवश्यकता होती है।
(ख) स्त्रियों में जनन आयु (काल) का प्रारम्भ उस समय होता है जब उनके:
(i) ऋतुस्साय प्रारम्भ होता है।
(ii) स्तन विकसित होना प्रारम्भ करते हैं।
(iii) शारीरिक भार में वृद्धि होने लगती है।
(iv) शरीर की लम्बाई बढ़ती है।
उत्तर:
(i) ऋतुस्साय प्रारम्भ होता है।
(ग) निम्न में से कौन-सा आहार किशोर के लिए सर्वाचित है:
(i) चिप्स, नूडल्स, कोक
(ii) रोटी, दाल, सब्जियाँ
(iii) चावल, नूडल्स, बर्गर
(iv) शाकाहारी टिक्की, चिप्स तथा लेमन पेय
उत्तर:
(ii) रोटी, दाल, सब्जियाँ।
प्रश्न 8.
निम्न पर टिप्पणी लिखिए:
1. ऐम्स ऐपल
2. गौण लैंगिक लक्षण
3. गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण।
उत्तर:
1. ऐडेम्स ऐपैल:
यौवनारम्भ में लड़कों के स्वरयंत्र के बढ़ने से जो अंग गले में सुस्पष्ट उभरा हुआ नजर आता है, उसे ऐडम्स ऐपल कहते हैं।
2. गौण लैंगिक लक्षण:
युवावस्था में लड़कियों में स्तनों का विकास होने लगता है तथा लड़कों के चेहरे पर बाल उगने लगते हैं अर्थात् दाढ़ी - मूंछ आने लगती है। ये लक्षण क्योंकि लड़कियों को लड़कों से पहचानने में सहायता करते हैं अतः इन्हें गौण लैंगिक लक्षण कहते हैं। लड़कों के सीने पर भी बाल आ जाते हैं। लड़कों एवं लड़कियों दोनों में ही अगल एवं जॉप के ऊपरी भाग अथवा प्यूविक क्षेत्र में बाल आ जाते हैं।
3. गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण:
सभी मनुष्यों की कोशिकाओं के केन्द्रक में 23 जोड़े गुणसूत्र पाए जाते हैं। इनमें से 2 गुणसूत्र (1 जोड़ी) लिंग सूत्र हैं जिन्हें x एवं Y कहते हैं। स्वी में दो गुणसूत्र होते हैं जबकि पुरुष में एक तथा एक Y गुणसूत्र होता है। युग्मक (अण्डाणु तथा शुक्राणु) में गुणसूत्रों का एक जोड़ा होता है। जब र गुणसूत्र वाला शुक्राणु अण्डाणु को निषेचित करता है तो युग्मनज में दो x गुणसूत्र होंगे तथा वह मादा शिशु में विकसित होगा। यदि अण्डाणु को निषेचित करने वाले शुक्राणु मेंY गुणसूत्र हैं तो युग्मनज नर शिशु में विकसित होगा।
प्रश्न 9.
शब्द पहेली - शब्द बनाने के लिए संकेत संदेश का प्रयोग कीजिए:
बाई से बाई ओर
3. एडिनल ग्रन्थि से स्रावित हार्मोन
4. मेंढक में लारवा से वयस्क तक होने वाला परिवर्तन
5. अंत:स्रावी प्रन्थियों द्वारा स्रावित पदार्थ
6. किशोरावस्था को कहा जाता है
ऊपर से नीचे की ओर
1. अंत:स्रावी ग्रन्थियों का दूसरा नाम
2. स्वर पैदा करने वाला अंग
3. स्वी हार्मोन
उत्तर:
प्रश्न 10.
नीचे दी गई सारणी में आयु वृद्धि के अनुपात में लड़कों एवं लड़कियों की अनुमानित लम्बाई के आँकड़े दर्शाए गए हैं। लड़के एवं लड़कियों दोनों की लम्बाई एवं आयु को प्रदर्शित करते हुए एक ही ग्राफ कागज पर ग्राफ खींचिए। इस ग्राफ से आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
आयु (वर्षो में) |
लम्बाई (सेमी. में) |
|
लड़के |
लड़कियाँ |
|
0 |
53 |
53 |
4 |
96 |
92 |
8 |
114 |
110 |
12 |
129 |
133 |
16 |
150 |
150 |
20 |
173 |
165 |
उत्तर:
उपरोक्त ग्राफ से निष्कर्ष निकलता है कि लड़कों तथा लड़कियों दोनों की जन्म के समय लम्बाई समान होती है, 4 - 8 वर्ष के अन्तराल में लड़कों की लम्बाई लड़कियों से तेज गति से तथा 8 - 12 वर्ष के अन्तराल में लड़कियों की लम्बाई लड़कों से तेज गति से बढ़ती है। 16 वर्ष की आयु तक पहुंचते - पहुँचते दोनों की लम्बाई समान हो जाती है किन्तु 16 से 20 वर्ष की आयु में लड़कों की लम्बाई लड़कियों से अधिक हो जाती है।