Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit Ruchira Chapter 11 सावित्री बाई फुले Textbook Exercise Questions and Answers.
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प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत
(क) कीदृशीनां कुरीतीनां सावित्री मुखरं विरोधम् अकरोत्?
(ख) के कूपात् जलोद्धरणम् अवारयन्?
(ग) का स्वदृढनिश्चयात् न विचलति?
(घ) विधवानां शिरोमुण्डनस्य निराकरणाय सा कैः मिलिता?
(ङ) सा कासां कृते प्रदेशस्य प्रथमं विद्यालयम् आरभत?
उत्तराणि :
(क) सामाजिककुरीतीनाम्।
(ख) उच्चवर्गीयाः।
(ग) सावित्रीबाईफुले।
(घ) नापितैः।
(ङ) कन्यानां कृते।
प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत -
(क) किं किं सहमाना सावित्रीबाई स्वदृढनिश्चयात् न विचलति?
उत्तरम् :
मार्गे कश्चित् तस्याः उपरि धूलिं कश्चित् च प्रस्तरखण्डान् क्षिपति। परं सर्वमिदं सहमाना सावित्रीबाई स्वदृढनिश्चयात् न विचलति।
(ख) सावित्रीबाईफुलेमहोदयायाः पित्रोः नाम किमासीत्?
उत्तरम् :
सावित्रीबाईफुले महोदयायाः मातुः नाम लक्ष्मीबाई पितुश्च नाम खंडोजी आसीत्।
(ग) विवाहानन्तरमपि सावित्र्याः मनसि अध्ययनाभिलाषा कथम् उत्साहं प्राप्तवती?
उत्तरम् :
यतोहि सावित्र्याः पतिः स्त्रीशिक्षायाः प्रबल: समर्थकः आसीत्। अतः तस्याः मनसि अध्ययनाभिलाषा उत्साहं प्राप्तवती।
(घ) जलं पातुं निवार्यमाणा: नार्यः सा कुत्र नीतवती किञ्चाकथयत्?
उत्तरम् :
जलं पातुं निवार्यमाणाः नार्यः सा निजगृहं नीतवती। तडागं दर्शयित्वा च सा अकथयत् यत् “यथेष्टं जलं नयत/सार्वजनिकोऽयं तडागः। अस्मात् जलग्रहणे नास्ति जातिबन्धनम्।"
(ङ) कासां संस्थानां स्थापनायां फुलेदम्पत्योः अवदानं महत्त्वपूर्णम्?
उत्तरम् :
'महिला सेवामण्डल', 'शिशुहत्या प्रतिबन्धकगृह' इत्यादीनां संस्थानां स्थापनायां फुलेदम्पत्योः अवदानं महत्त्वपूर्णम् अस्ति।
(च) सत्यशोधकमण्डलस्य उद्देश्यं किमासीत्?
उत्तरम् :
सत्यशोधकमण्डलस्य उद्देश्यम् उत्पीडितानां समुदायानां स्वाधिकारान् प्रति जागरणम् आसीत्।
(छ) तस्याः द्वयोः काव्यसङ्कलनयोः नामनी के?
उत्तरम् :
तस्याः 'काव्यफुले' 'सुबोधरत्नाकर' चेति काव्यद्वयमस्ति।
प्रश्न 3.
रेखांकितपदानि अधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत -
(क) सावित्रीबाई, कन्याभिः सविनोदम् आलपन्ती अध्यापने संलग्ना भवति स्म।
(ख) सा महाराष्ट्रस्य प्रथमा महिला शिक्षिका आसीत्।
(ग) सा स्वपतिना सह कन्यानां कृते प्रदेशस्य प्रथमं विद्यालयम् आरभत।
(घ) तया मनुष्याणां समानतायाः स्वतन्त्रतायाश्च पक्षः सर्वदा समर्थितः।
(ङ) साहित्यरचनया अपि सावित्री महीयते।
उत्तरम् :
प्रश्ननिर्माणम्
(क) सावित्रीबाई काभिः सविनोदम् आलपन्ती अध्यापने संलग्ना भवति स्म?
(ख) सा कस्य प्रथमा महिला शिक्षिका आसीत्?
(ग) सा स्वपतिना सह कासां कृते प्रदेशस्य प्रथमं विद्यालयम् आरभत?
(घ) तया केषां समानतायाः स्वतन्त्रतायाश्च पक्षः सर्वदा समर्थित:?
(ङ) साहित्यरचनया अपि का महीयते?
प्रश्न 4.
यथानिर्देशमुत्तरत
(क) इदं चित्रं पाठशालायाः वर्तते-अत्र 'वर्तते' इति क्रियापदस्य कर्तृपदं किम्?
उत्तरम् :
चित्रम्।
(ख) तस्याः स्वकीयम् अध्ययनमपि सहैव प्रचलतिअस्मिन् वाक्ये विशेष्यपदं किम्?
उत्तरम् :
अध्ययनम्।
(ग) अपि यूयमिमां महिलां जानीथ-अस्मिन् वाक्ये 'यूयम्' इति पदं केभ्यः प्रयुक्तम्?
उत्तरम् :
छात्रेभ्ये:/अस्मभ्यम्।
(घ) सा ताः स्त्रियः निजगृहं नीतवती-अस्मिन् वाक्ये 'सा' इति सर्वनामपदं कस्यै प्रयुक्तम्?
उत्तरम् :
सावित्र्य।
(ङ) शीर्णवस्त्रावृताः तथाकथिता: निम्नजातीयाः काश्चित् नार्यः जलं पातुं याचन्ते स्म-अत्र 'नार्यः' इति पदस्य विशेषणपदानि कति सन्ति, कानि च इति लिखत?
उत्तरम् :
चत्वारि विशेषणपदानि सन्ति-शीर्णवस्त्रावृताः, तथाकथिताः, निम्नजातीयाः, काश्चित्।।
प्रश्न 5.
अधोलिखितानां पदानि आधृत्य वाक्यानि रचयत।
उत्तरम् :
(क) स्वकीयम्-सः स्वकीयं गृहं दर्शयति।
(ख) सविनोदम्-रमेशः सविनोदं वार्ता करोति।
(ग) सक्रिया-रमा तदा गृहकार्ये सक्रिया आसीत्।
(घ) प्रदेशस्य-अस्य प्रदेशस्य जनाः प्रसन्नाः सन्ति।
(ङ) मुखरम्-सावित्री तस्य मुखरं विरोधं कृतवती।
(च) सर्वथा-सा दीनानां सर्वथा सेवामकरोत्।
प्रश्न 6.
(अ) अधोलिखितानि पदानि आधुत्य वाक्यानि रचयत।
उत्तरम् :
(क) उपरि - वृक्षस्य उपरि कपोताः सन्ति।
(ख) आदानम् - सः नित्यम् धनस्य आदानं करोति।
(ग) परकीयम् - इदं धनं परकीयम् अस्ति।
(घ) विषमता - अधुना समाजे विषमता दृश्यते।
(ङ) व्यक्तिगतम् - इदं मम व्यक्तिगतं कार्यमस्ति।
(च) आरोहः - धावकः पर्वते आरोहति।
(आ) अधोलिखितपदानां समानार्थकपदानि पाठात् चित्वा लिखत
(मार्गे, अविरतम्, अध्यापने, अवदानम्, यथेष्टम, मनसि)
उत्तरम् :
(क) शिक्षणे - अध्यापने
(ख) पथि - मार्गे
(ग) हृदये - मनसि
(घ) इच्छानुसारम् - यथेष्टम्
(ङ) योगदानम् - अवदानम्
(च) निरन्तरम् - अविरतम्।
प्रश्न 7.
(अ) अधोलिखितानां पदानां लिङ्ग, विभक्तिं, वचनं च लिखत।
उत्तरम् :
(आ) उदाहरणमनसत्य निर्देशानुसारं लकारपरिवर्तनं कुरुत -
यथा - सा शिक्षिका सा शिक्षिका आसीत्।
अस्ति। (लङ्लकार:)
उत्तरम् :
प्रश्न 1.
अधोलिखितप्रश्नानाम् उत्तराणि प्रदत्त विकल्पेभ्यः चित्वा लिखत -
(i) 'सावित्री बाई फले' कस्य प्रथमा महिला शिक्षिका आसीत्?
(अ) राजस्थानस्य
(ब) महाराष्ट्रस्य
(स) मध्यप्रदेशस्य
(द) उत्तरप्रदेशस्य
उत्तर :
(ब) महाराष्ट्रस्य
(ii) सावित्र्याः जन्म कदा अभवत्?
(अ) 03-01-1857 ई. वर्षे
(ब) 03-01-1937 तमे वर्षे
(स) 03-01-1868 तमे वर्षे
(द) 03-01-1831 तमे वर्षे
उत्तर :
(द) 03-01-1831 तमे वर्षे
(iii) सावित्र्याः मातुः किन्नाम आसीत्?
(अ) लक्ष्मीबाई
(ब) शारदा
(स) सुजाता
(द) कमलाबाई
उत्तर :
(अ) लक्ष्मीबाई
(iv) सावित्री कन्यानां कृते प्रदेशस्य प्रथम विद्यालयम कुत्र आरभत?
(अ) इलाहाबादनगरे
(ब) प्रयागनगरे
(स) पुणेनगरे
(द) भोपालनगरे
उत्तर :
(स) पुणेनगरे
(v) सावित्र्याः पितुः नाम किम् आसीत्?
(अ) रामोजी
(ब) खंडोजी
(स) शिवाजी
(द) महोजी
उत्तर :
(ब) खंडोजी
(vi) ज्योतिबा फुले महोदयः कस्य प्रबलः समर्थकः आसीत्?
(अ) बालविवाहस्य
(ब) प्रौढशिक्षायाः
(स) मुगलशासकस्य
(द) स्त्रीशिक्षायाः
उत्तर :
(द) स्त्रीशिक्षायाः
(vii) 'साहित्यरचनया अपि सावित्री महीयते'-अत्र अव्ययपदं किम्?
(अ) अपि
(ब) साहित्य
(स) सावित्री
(द) महीयते
उत्तर :
(अ) अपि
(viii) यथेष्ट जलं नयत'-रेखातिपदस्य सन्धिच्छेदं किं भवति?
(अ) यत् + इष्टम्
(ब) यदा + इष्टम्
(स) यथा + इष्टम्
(द) यथे + अष्टम्
उत्तर :
(स) यथा + इष्टम्
प्रश्न 2.
अधोलिखितवाक्येषु कोष्ठकात् उचितपदं चित्त्वा रिक्तस्थानानि पूरयत -
उत्तराणि :
अतिलघूत्तरात्मकप्रश्नाः
प्रश्न 1.
एकपदेन प्रश्नान् उत्तरत -
(क) सावित्री बाई फुले कस्य प्रदेशस्य प्रथमा महिला शिक्षिका आसीत्?
(ख) सावित्री बाई फुले केन सह परिणीता?
(ग) ज्योतिबा-फुले कस्या प्रबल: समर्थकः आसीत्?
(घ) सार्वजनिकतडागात् जलग्रहणे किं नास्ति?
(ङ) सावित्री कया अपि महीयते?
उत्तराणि :
(क) महाराष्ट्रस्य
(ख) ज्योतिबा फुले-महोदयेन
(ग) स्त्रीशिक्षायाः
(घ) जातिबन्धनम्
(ङ) साहित्यरचनया।
लघूत्तरात्मकप्रश्ना:
प्रश्न 1.
पूर्णवाक्येन प्रश्नान् उत्तरत -
(क) सावित्री कदा कुत्र च अजायत?
उत्तरम् :
सावित्री जनवरी मासस्य तृतीये दिवसे 1831 तमे खिस्ताब्दे (03-01-1831) महाराष्ट्रस्य नायगांव-नाम्नि स्थाने अजायत।
(ख) सावित्री साग्रहम् कस्याः अपि अध्ययनं कृतवती?
उत्तरम् :
सावित्री साग्रहम् आङ्ग्लभाषायाः अपि अध्ययन कृतवती?
(ग) सावित्री कासां मुखरं विरोधम् अकरोत्?
उत्तरम् :
सावित्री सामाजिककुरीतीनां मुखरं विरोधम् अकरोत्।
(घ) सावित्र्या कस्याः पक्षः सर्वदा सर्वथा समर्थितः?
उत्तरम् :
सावित्र्या मनुष्याणां समानतायाः स्वतन्त्रतायाश्च पक्ष: सर्वदा सर्वथा समर्थितः।
(ङ) सावित्री अनेकाः संस्थाः केन सञ्चालितवती?
उत्तरम्-
सावित्री अनेकाः संस्थाः प्रशासनकौशलेन सञ्चालितवती।
प्रश्न 2.
रेखाङ्कितपदानि अधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत -
उत्तरम् :
प्रश्ननिर्माणम् -
प्रश्न 3.
अधोलिखितशब्दानाम् अर्थैः सह समुचितमेलनं कुरुत -
अर्थाः -
उत्तरम् :
शब्दाः - अर्थाः
पाठ-परिचय - शिक्षा हमारा अधिकार है। हमारे समाज में कई समुदाय इससे लम्बे समय तक वञ्चित रहे हैं। उन्हें इस अधिकार को पाने के लिए लम्बा संघर्ष करना पड़ा है। लड़कियों को तो और ज्यादा अवरोध झेलना पड़ता रहा है। प्रस्तुत पाठ इस संघर्ष का नेतृत्व करने वाली सावित्री बाई फुले के योगदान पर केन्द्रित है।
पाठ के गद्यांशों का हिन्दी-अनुवाद एवं पठितावबोधनम् -
1. उपरि निर्मितं ........................................ फुले नामधेया।
कठिन-शब्दार्थ :
हिन्दी अनुवाद - (ऊपर निर्मित) (पाठ्यपुस्तक में दिये गये) चित्र को देखो। यह चित्र किसी पाठशाला का है। यह सामान्य पाठशाला नहीं है। यह महाराष्ट्र की प्रथम कन्या पाठशाला है। एक शिक्षिका घर से पुस्तकें लेकर चलती है। मार्ग में कोई उसके ऊपर धूल और कोई पत्थर के टुकड़ों को फेंकता है। किन्तु वह अपने दृढ़ निश्चय से विचलित नहीं होती है। अपने विद्यालय में बालिकाओं के साथ हँसी-मजाक से बात करती हुई वह अध्यापन कार्य में संलग्न यन भी साथ ही चलता है। यह महिला कौन है? क्या तुम इस महिला को जानते हो? यही महाराष्ट्र की सावित्री बाई फुले नामक प्रथम महिला शिक्षिका है।
पठितावबोधनम् :
निर्देश: - उपर्युक्तं गद्यांशं पठित्वा प्रदत्तप्रश्नानाम् उत्तराणि यथानिर्देशं लिखत प्रश्ना :
(क) गद्यांशस्य उपयुक्तं शीर्षकं किम्?
(ख) शिक्षिका गृहात् कानि आदाय चलति? (एकपदेन उत्तरत)
(ग) शिक्षिका कस्मात् न विचलति? (एकपदेन उत्तरत)
(घ) महाराष्ट्रस्य प्रथमा महिला शिक्षिका का आसीत्? (पूर्णवाक्येन उत्तरत)
(ङ) 'जानीथ' इति क्रियापदस्य गद्यांशे कर्तृपदं किमस्ति? .
(च) 'सा अध्यापने संलग्ना भवति'-अत्र 'सा' सर्वनामस्थाने संज्ञापदं किम्?
उत्तराणि :
(क) सावित्री बाई फुले।
(ख) पुस्तकानि।
(ग) स्वदृढ़निश्चियात्।
(घ) महाराष्ट्रस्य प्रथमा महिला शिक्षिका 'सावित्री बाई फुले' आसीत्।
(ङ) यूयम्।
(च) शिक्षिका।
2. जनवरी मासस्य ........................ अध्ययनं कृतवती।
कठिन-शब्दार्थ :
हिन्दी अनुवाद - तीन जनवरी सन् 1831 ई. को महाराष्ट्र के नायगांव नामक स्थान पर सावित्री का जन्म हुआ। उसकी माता का नाम लक्ष्मीबाई और पिता खंडोजी कहे गये हैं। नौ वर्ष की आयु वाली वह सावित्री ज्योतिबा फुले महोदय के द्वारा ब्याही गयी अर्थात् उनके साथ विवाह हुआ। वह भी उस समय तेरह वर्ष की आयु का ही था। क्योंकि वह स्त्री-शिक्षा का प्रबल समर्थक था, इसलिए सावित्री के मन में स्थित अध्ययन की अभिलाषा प्रवाहित होने लगी। इसके बाद उसने आग्रहपूर्वक अंग्रेजी भाषा का भी अध्ययन किया।
पठितावबोधनम् प्रश्ना :
(क) गद्यांशस्य उपयुक्तं शीर्षकं किम्?
(ख) सावित्र्याः मनसि स्थिता का उत्सं प्राप्तवती? (एकपदेन उत्तरत)
(ग) सावित्री केन सह परिणीता? (एकपदेन उत्तरत)
(घ) सावित्र्याः माता-पिता च कौ अभिहितौ? (पूर्णवाक्येन उत्तरत)
(ङ) अजायत' इति क्रियापदस्य गद्यांशे कर्तृपदं किमस्ति?
(च) 'सोऽपि' इति पदस्य सन्धिच्छेदं किं भवति?
उत्तराणि-
(क) सावित्री बाई।
(ख) अध्ययनाभिलाषा।
(ग) ज्योतिबाफुलेमहोदयेन।
(घ) सावित्र्याः माता लक्ष्मीबाई पिता च खंडोजी इति अभिहितौ।
(ङ) सावित्री।
(च) सः + अपि।
3. १८४८ तमे .................................... विद्यालयः प्रारब्धः।
कठिन-शब्दार्थ :
हिन्दी अनुवाद - सन् 1848 ई. में पुणे (पूना) नगर में सावित्री ने ज्योतिबा महोदय के साथ कन्याओं के लिए प्रदेश का प्रथम विद्यालय आरम्भ किया। उस समय वह केवल सत्रह वर्ष की आयु की थी। सन् 1851 में छुआछूत के कारण तिरस्कृत समुदाय की बालिकाओं के लिए अलग से उसके द्वारा दूसरा विद्यालय आरम्भ किया गया।
पठितावबोधनम् प्रश्नाः
(क) पुणे नगरे कन्यानां कृते प्रदेशस्य प्रथमं विद्यालयं का आरभत? (एकपदेन उत्तरत)
(ख) तदानी सावित्री कति वर्षीया आसीत्? (एकपदेन उत्तरत)
(ग) 1851 तमे खिस्ताब्दे सावित्र्या कीदृशः अपरः विद्यालयः प्रारब्धः? (पूर्णवाक्येन उत्तरत)
(घ) 'आरभत' इति क्रियापदस्य गद्यांशे कर्तृपदं किमस्ति?
(ङ) 'विद्यालयः' इति पदस्य गद्यांशे विशेषणपदं किं प्रयुक्तम्?
(च) 'महोदयेन' इति पदे का विभक्तिः?
उत्तराणि-
(क) सावित्री।
(ख) सप्तदशवर्षीया।
(ग) 1851 तमे खिस्ताब्दे सावित्र्या अस्पृश्यत्वात् तिरस्कृतस्य समुदायस्य बालिकानां कृते पृथक्तया अपरः विद्यालयः प्रारब्धः।
(घ) सावित्री।
(ङ) अपरः।
(च) तृतीया।
4. सामाजिककुरीतीन ............................... सर्वथा समर्थितः।
कठिन-शब्दार्थ :
हिन्दी अनुवाद : सामाजिक कुरीतियों का सावित्री ने मुखर विरोध किया। विधवाओं के शिर-मुण्डन की प्रथा को दूर करने के लिए वह नाइयों से मिली। फलस्वरूप कुछ नाइयों ने इस रूढ़ि में साथ देना छोड़ दिया। एक बार सावित्री ने मार्ग में देखा कि कुएँ के निकट फटे-पुराने वस्त्र पहने हुई तथाकथित निम्न जाति की कुछ स्त्रियाँ जल पीने के लिए याचना कर रही थीं।
उच्च वर्ग के लोग उपहास करते हुए कुएँ से जल निकालने के लिए मना कर रहे थे। सावित्री इस अपमान को सहन करने में समर्थ नहीं हुई। वह उन स्त्रियों को अपने घर ले गई और तालाब दिखलाकर बोली कि इच्छानुसार जल ले जाओ। यह तालाब सार्वजनिक है। इससे जल ग्रहण करने में जाति का बन्धन नहीं है। उसके द्वारा मनुष्यों की समानता और स्वतन्त्रता के पक्ष का हमेशा सभी प्रकार से समर्थन किया गया।
पठितावबोधनम् :
(क) गद्यांशस्य उपयुक्तं शीर्षकं किम्?
(ग) विधवानां शिरोमुण्डनस्य निराकरणाय सा कैः मिलिता? (एकपदेन उत्तरत)
(घ) एकदा सावित्र्या मार्गे किं दृष्टम्? (पूर्णवाक्येन उत्तरत)
(ङ) 'याचन्ते स्म' इति क्रियापदस्य गद्यांशे कर्तृपदं किं प्रयुक्तम् ?
(च) 'पातुम्' इति पदे कः प्रत्ययः?
उत्तराणि :
(क) सावित्री बाई।
(ख) सामाजिककुरीतीनाम्।
(ग) नापितैः।
(घ) एकदा सावित्र्या मार्गे दृष्टं यत् कूपं निकषा शीर्णवस्त्रावृत्ताः तथाकथिताः निम्नजातीयाः काश्चित् नार्यः जलं पातुं याचन्ते स्म।
(ङ) नार्यः।
(च) तुमुन्।
5. 'महिला सेवामण्डल' ............................... अवश्यम् अध्येतव्यम्।
कठिन-शब्दार्थ :
अवदानम् = योगदान।
उत्पीडितानाम् = सताए गए का।
दुर्भिक्षकाले = अकाल के समय।
अश्रान्तम् = बिना थके हुए।
अविरतम् = लगातार।
महारोगप्रसारकाले = महामारी फैलने के समय में।
गहनावबोधनाय = गहराई से समझने के लिए।
हिन्दी अनुवाद : 'महिला सेवामण्डल', 'शिशुहत्या प्रतिबन्धक गृह' इत्यादि संस्थाओं की स्थापना में फुले दम्पती का योगदान महत्त्वपूर्ण है। सत्यशोधक मण्डल की गतिविधियों में भी सावित्री अत्यधिक सक्रिय थी। इस मण्डल का उद्देश्य था-सताए गए समुदायों को अपने अधिकारों के प्रति जगाना।
सावित्री ने अनेकों संस्थाओं का प्रशासनिक कौशल से सञ्चालन किया। अकाल के समय और प्लेग के समय उसने पीड़ित लोगों की बिना थके हुए और लगातार सेवा की। सहायता-सामग्री की व्यवस्था के सभी प्रकार से प्रयास किये। महामारी फैलने के समय सेवा करते हुए स्वयं वह असाध्य रोग से पीड़ित होकर सन् 1897 ई. में मृत्यु को प्राप्त हो गई।
साहित्य रचना में भी सावित्री बढ़-चढ़कर है। उसके दो काव्य-संकलन हैं...'काव्यफुले' और 'सुबोध रत्नाकर'। भारत देश में महिला-उत्थान को गहराई से समझने के लिए सावित्री महोदया के जीवन-चरित्र का भी अवश्य अध्ययन करना चाहिए।
पठितावबोधनम्
प्रश्न 1.
(क) गद्यांशस्य उपयुक्तं शीर्षकं किम्?
(ख) कस्य गतिविधिषु.अपि सावित्री अतीव सक्रिया आसीत्? (एकपदेन उत्तरत)
(ग) सत्यशोधकमण्डलस्य उद्देश्य केषां समुदायानां स्वाधिकारान् प्रति जागरणम् आसीत्? (एकपदेन उत्तरत)
(घ) कासा संस्थाना स्थापनाया फुलेदम्पत्योः अवदान महत्त्वपूर्णम्? (पूर्णवाक्येन उत्तरत)
(ङ) 'योगदानम्' इत्यर्थे गद्यांशे किं पदं प्रयुक्तम्?
(च) 'स्वाधिकारान्' इति पदे का विभक्तिः ?
उत्तराणि :
(क) सावित्र्याः अवदानम्।
(ख) सत्यशोधकमण्डलस्य।
(ग) उत्पीडितानाम्।
(घ) 'महिला सेवामण्डल', 'शिशुहत्या प्रतिबन्धक गृह' इत्यादीनां संस्थानां स्थापनायां फुलेदम्पत्योः अवदानम् महत्त्वपूर्णम्।
(ङ) अवदानम्।
(च) द्वितीया।