Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 भगवान के डाकिये Textbook Exercise Questions and Answers.
कविता से -
प्रश्न 1.
कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए बताया है, क्योंकि ये दोनों मनुष्य द्वारा बनाई सीमा-रेखा को पार कर एक देश से दूसरे देश में जाते हैं। पक्षी अपने पंखों द्वारा फूलों की सुगन्ध दूर-दूर के देशों तक फैलाते हैं और बादल एक देश के पानी से बनकर दूसरे देश में जाकर बरसते हैं। इसलिए ये मानो भगवान् की ओर से संसार में भाईचारा, प्रेम, सद्भाव और एकता का सन्देश देते हैं।
प्रश्न 2.
पक्षी और बादलों द्वारा लाई गयी चिट्ठियों को कौन-कौन पढ़ पाते हैं? सोचकर लिखिए।
उत्तर :
पक्षी और बादलों द्वारा लाई गयी चिट्ठियों को मनुष्य के अलावा प्रकृति के विभिन्न अंग पेड़-पौधे, तालाब, नदियाँ, सागर तथा पहाड़ पढ़ पाते हैं।
प्रश्न 3.
किन पंक्तियों का भाव है
(क) पक्षी और बादल प्रेम, सद्भाव और एकता का सन्देश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।
उत्तर :
(क) भाव
पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से,
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं,
मगर उनकी लायी चिट्ठियाँ,
पेड़-पौधे, पानी और पहाड़
बाँचते हैं।
(ख) प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।
उत्तर :
(ख) भाव -
हम तो केवल यह आँकते हैं
कि एक देश की धरती
दूसरे देश को सुगन्ध भेजती है।
और वह सौरभ हवा में तैरते हुए
पक्षियों की पाँखों पर तिरता है।
और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।
प्रश्न 4.
पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?
उत्तर :
पक्षी और बादल की चिट्ठियों में से पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ ईश्वर द्वारा दिया गया प्रेम, सद्भाव, परस्पर भाईचारा और एकता का सन्देश पढ़ लेते हैं और उसी को विश्व के आँगन में प्रसारित करते हैं।
प्रश्न 5.
"एक देश की धरती दूसरे देश को सुगन्ध भेजती है।" कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
भाव-प्रकृति के लिए सभी मनुष्य समान हैं। अपनेपराये की भावना तो मनुष्य में स्वार्थ के कारण ही पनपती है। प्रकृति तो मनुष्य को समान दृष्टि से देखती है। वह प्रेम, एकता एवं सद्भाव की सन्देश रूपी सुगन्ध हवा और पक्षियों के माध्यम से एक देश से दूसरे देश को भेजती है जिससे मनुष्य-मनुष्य के बीच विश्वबन्धुत्व की भावना का प्रसार हो।
पाठ से आगे -
प्रश्न 1.
पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देखते हैं?
उत्तर :
पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को हम प्रेम और सद्भाव का सन्देश देने की दृष्टि से देखते हैं, क्योंकि उन चिट्ठियों में ईश्वर के प्रेम, एकता, सद्भाव, भाईचारे और आपस में मिलकर रहने का सन्देश छिपा होता है। यह सन्देश किसी क्षेत्र विशेष के लिए न होकर पूरी धरती के लिए होता है।
प्रश्न 2.
आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इन्टरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इन्टरनेट से करते हुए दस पंक्तियों में लिखिए।
उत्तर :
आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और उसे पाने का एक बड़ा साधन इन्टरनेट है। इस साधन के माध्यम से व्यक्ति जब चाहे, जहाँ चाहे, घर बैठे-बैठे अपना सन्देश अपने प्रियजन को भेज सकता है और साथ ही उत्तर रूप में उसका सन्देश पा सकता है। इससे बहुत कम समय लगता है जबकि पक्षी और बादल की चिट्ठियों में छिपा ईश्वरीय सन्देश सम्पूर्ण मानवता के लिए होता है। वहीं हमारा सन्देश केवल हमारे प्रियजनों के लिए ही होता है। उसमें सुख-दु:ख की भावनाएँ समायी हुई होती हैं जबकि ईश्वरीय सन्देश में प्रेम, सद्भाव और एकता की भावनाएँ समायी हुई होती हैं।
प्रश्न 3.
हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका क्या है? इस विषय पर दस वाक्य लिखिए।
उत्तर :
हमारे जीवन में डाकिए की महत्त्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि वह पत्रों के माध्यम से एक मनुष्य से दूर-दराज बैठे दूसरे मनुष्य तक सन्देश पहुंचाता है। आज धन कमाने की लालसा व एकाकी परिवारों के प्रचलन से संयुक्त परिवार टूटते जा रहे हैं जिससे सगे-सम्बन्धी भी दूर-दूर रहने लगे हैं। ऐसे में उनके विचार, भावनाएँ, सुख-दुःख की बातें पत्राचार द्वारा डाकिया के माध्यम से पहुँचायी जाती हैं। इसलिए जब डाकिया आता है तो किसी के लिए खुशियों का सन्देश और किसी के लिए दु:खों का सन्देश लेकर आता है। इस प्रकार डाकिया हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसीलिए डाकिए को देवदूत से कम नहीं समझा जाता है।
अनुमान और कल्पना -
प्रश्न 1.
डाकिया, इंटरनेट के वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यू, डब्ल्यू, डब्ल्यू) तथा पक्षी और बादल-इन तीनों संवादवाहकों के विषय में अपनी कल्पना से एक लेख तैयार कीजिए। लेख लिखने के लिए आप 'चिट्ठियों की अनूठी दुनिया' पाठ का सहयोग ले सकते हैं।
उत्तर :
डाकिया सरकारी नौकर होता है। वह मेहनती, ईमानदार और धैर्यवान होता है। वह मौसम की परवाह न करके अपने दायित्व को हर संभव निभाता रहता है। इन्टरनेट सूचना प्रसारण का आधुनिक साधन है, जो सूचनाओं की जानकारी भी देता है और उन्हें प्रेषित भी करता है। पक्षी हमारे यहाँ प्राचीन काल से ही संदेशवाहक के रूप में कार्य करते हुए आए हैं। पुराने जमाने में कबूतर, तोते आदि के माध्यम से सन्देश भेजे और प्राप्त किए जाते थे। बादलों के माध्यम से कालिदास तथा अन्य कवियों ने अपने काव्यों में पात्रों के सन्देश भिजवाने का वर्णन किया है।
प्रश्न 1.
पक्षी और बादलों के सन्देश को समझ लेते हैं -
(क) पेड़-पौधे
(ख) सागर
(ग) पहाड़
(घ) समस्त प्रकृति।
उत्तर :
(घ) समस्त प्रकृति।
प्रश्न 2.
'पाँखों' शब्द का अर्थ है
(क) गोद
(ख) पखावज
(ग) पंखों
(घ) पक्ष।
उत्तर :
(ग) पंखों
प्रश्न 3.
'पक्षी और बादल' सन्देश देते हैं -
(क) ईश्वर का
(ख) विश्वबन्धुत्व का
(ग) प्रकृति की मनोरमता का
(घ) सम्मान करने का।
उत्तर :
(ख) विश्वबन्धुत्व का
प्रश्न 4.
भगवान के डाकिए कहा गया है?
(क) पक्षी को ।
(ख) बादल को
(ग) पक्षी और बादल को
(घ) नदी और पहाड़ को।
उत्तर :
(ग) पक्षी और बादल को
प्रश्न 5.
बादलों व पक्षियों की लाई चिट्ठियों को कौन समझ लेते हैं?
(क) पेड़-पौधे
(ख) नदी और पहाड़
(ग) संसार में रहने वाले सभी लोग
(घ) पेड़-पौधे, सरोवर, नदियाँ, समुद्र व पर्वत
उत्तर :
(घ) पेड़-पौधे, सरोवर, नदियाँ, समुद्र व पर्वत
प्रश्न 6.
हम किसे नहीं समझ पाते हैं?
(क) पक्षी और बादल की भाषा को
(ख) पक्षी और बादल की गति को
(ग) पक्षी और बादल की लाई चिट्ठियों को
(घ) बादलों की चिट्रियों को।
उत्तर :
(ग) पक्षी और बादल की लाई चिट्ठियों को
प्रश्न 7.
प्रकृति को संदेशवाहक माना गया है -
(क) ईश्वर का
(ख) पृथ्वी का
(ग) आकाश का
(घ) पक्षी और बादल का
उत्तर :
(क) ईश्वर का
प्रश्न 8.
सौरभ किस पर तैरता है?
(क) हवा के झोंकों पर
(ख) पक्षियों के पंखों पर
(ग) नदियों की लहरों पर
(घ) पहाड़ों की हवा पर।
उत्तर :
(ख) पक्षियों के पंखों पर
प्रश्न 9.
प्रकृति की क्या विशेषता है?
(क) किसी के साथ भेदभाव न करना
(ख) किसी को भी अलग न करना
(ग) किसी के बंधन में न बंधना
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर :
(क) किसी के साथ भेदभाव न करना
प्रश्न 10.
मनुष्य को किस राह पर चलना चाहिए?
(क) पक्षियों की राह पर
(ख) बादलों की राह पर
(ग) प्रकृति की राह पर
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर :
(क) पक्षियों की राह पर
रिक्त स्थानों की पूर्ति -
प्रश्न 11.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिए गये सही शब्दों से कीजिए -
उत्तर :
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 12.
पक्षी और बादलों के सन्देश कौन पढ़ने में सक्षम होते हैं?
उत्तर :
पक्षी और बादलों के सन्देश पेड़-पौधे, सरोवर, पर्वत आदि पढ़ने में सक्षम होते हैं।
प्रश्न 13.
कवि ने भगवान के डाकिए किन्हें कहा है?
उत्तर :
कवि ने भगवान के डाकिए पक्षी और बादल को कहा है।
प्रश्न 14.
'हम तो केवल यह आँकते हैं। हम केवल क्या आँकते हैं?
उत्तर :
हम केवल यह आँकते हैं कि एक देश की धरती से दूसरे देश में सुगन्ध फैलती है।
प्रश्न 15.
'भगवान के डाकिए' कविता किसके द्वारा रचित है?
उत्तर :
'भगवान के डाकिए' कविता रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित है।
प्रश्न 16.
बादल और पक्षी किसके द्वारा भेजे गए संदेश को लेकर आते हैं?
उत्तर :
बादल और पक्षी भगवान द्वारा दिए संदेश को लेकर आते हैं।
प्रश्न 17.
बादल और पक्षी एक देश से दूसरे देश को किस भावना से मुक्त होकर जाते हैं?
उत्तर :
बादल और पक्षी एक देश से दूसरे देश को बैर भावना से मुक्त होकर जाते हैं।
प्रश्न 18.
एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजकर हमें क्या संदेश देती है?
उत्तर :
एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजकर हमें सद्भावना व एकता का संदेश देती है।
प्रश्न 19.
प्रकृति के माध्यम से मनुष्य को क्या संदेश दिया गया है?
उत्तर :
प्रकृति के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि मनुष्य को भी प्रकृति की तरह भेदभाव त्याग कर ही रहना चाहिए।
लघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 20.
पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ ही भगवान के डाकिए का सन्देश समझने में क्यों सक्षम हैं?
उत्तर :
पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ ही भगवान के डाकिए का सन्देश समझने में सक्षम हैं, क्योंकि उनके मन में किसी के प्रति भेदभाव की भावना नहीं होती है और न इनकी कोई सीमा-रेखा ही होती है।
प्रश्न 21.
भगवान के डाकिए' कविता में क्या सन्देश दिया गया है?
उत्तर :
'भगवान के डाकिए' कविता में पक्षी और बादल को भगवान का डाकिया बताकर सन्देश दिया गया है कि हमें आपस में मिल-जुल कर रहना चाहिए और जीवन में ऐसे कार्य करने चाहिए जिनकी सुगन्ध सारे विश्व में फैल जाए।
प्रश्न 22.
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव लिखिए'और एक देश का भाप दूसरे देश में पानी बनकर गिरता है।'
उत्तर :
एक देश का पानी भाप बनकर बादल के रूप में दूसरे देश में जाता है और पानी बनकर बरसता है। इस प्रकार वह कोई भेदभाव नहीं रखता है।
निबन्धात्मक प्रश्न -
प्रश्न 23.
पक्षी और बादलों को भगवान के डाकिए क्यों कहा गया है?
उत्तर :
डाकिया एक मनुष्य का सन्देश दूसरे मनुष्य तक पहुँचाने में जिस प्रकार सक्षम होता है, उसी प्रकार पक्षी और बादल सभी को एक-दूसरे से प्रेम, सद्भाव और बन्धुत्व की भावना से रहने का सन्देश देते हैं। तभी तो पक्षी अपने पंखों से फूलों की सुगन्ध को दूर-दराज तक के देशों में फैलाते हैं और बादल एक देश की भाप से बनकर दूसरे देश में जल रूप में बरसात करते हैं। इसी कारण से पक्षी और बादलों को भगवान के डाकिए कहा गया है।
सप्रसंग व्याख्याएँ :
1. पक्षी और बादल ................................................ बाँचते हैं।
कठिन शब्दार्थ :
प्रसंग - यह पद्यांश 'भगवान के डाकिए' कविता से लिया गया है। इसके रचयिता श्री रामधारी सिंह दिनकर हैं। कवि ने यहाँ बताना चाहा है कि पक्षी और बादल भगवान के डाकिए हैं जो मुक्तभाव से विश्वबन्धुत्व का सन्देश एक देश से दूसरे देश को पहुँचाना चाहते हैं।
व्याख्या - कवि के अनुसार पक्षी और बादल भगवान के डाकिए हैं। पक्षी एक देश से दूसरे देश में घूम-घूमकर और बादल इधर-उधर घुमड़-घुमड़कर आपसी भाईचारे का सन्देश पूरी प्रकृति अर्थात् पेड़-पौधों, तालाब, नदियों, सागर व पर्वतों तक पहुंचाते हैं। कवि का मानना है कि पक्षी और बादलों के सन्देश को प्रकृति तो समझ लेती है, लेकिन उनके द्वारा दिये जाने वाले सन्देशों को मनुष्य नहीं समझ पाते हैं।
2. हम तो केवल ...................................................... गिरता है।
कठिन शब्दार्थ :
प्रसंग - यह पद्यांश श्री रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित कविता 'भगवान के डाकिए' से लिया गया है। यहाँ कवि ने बताना चाहा है कि पक्षी और बादल भगवान के डाकिए हैं जो स्वतन्त्र भाव से पूरित होकर विश्व-बन्धुत्व का सन्देश एक देश से दूसरे देश में पहुंचाते हैं।
व्याख्या - कवि बतलाता है कि धरती पर एक प्रदेश के फूलों की सुगन्ध हवा में तैरकर व पक्षियों के पंखों द्वारा दूसरे देश में बिना किसी बाधा अर्थात् रुकावट के जाती है। एक देश में बादल बनते हैं और दूसरे देश में बरसते हैं। भाव यह है कि प्रकृति न किसी बन्धन में बंधती है और न किसी के प्रति कोई भेदभाव रखती है। मनुष्य को भी इस राह पर चलना चाहिए। आपसी भेदभाव को मिटाकर प्रेमपूर्वक रहना चाहिए। कवि यहाँ विश्व एकता का सन्देश देता है।