Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 8 यह सबसे कठिन समय नहीं Textbook Exercise Questions and Answers.
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पाठ से -
प्रश्न 1.
"यह कठिन समय नहीं है?" यह बताने के लिए कविता में कौन-कौनसे तर्क प्रस्तुत किए गए हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
"यह कठिन समय नहीं है?" यह बताने के लिए कविता में निम्नलिखित तर्क प्रस्तुत किए गये हैं
इन सब तर्कों के माध्यम से कवयित्री यही कहना चाहती है कि अभी कठिन समय नहीं है, सभी कार्य हो रहे हैं। इसलिए अभीष्ट मार्ग पर बढ़ने हेतु समय का विचार मत करो, आगे बढ़ो और सफलता प्राप्त करो।
प्रश्न 2.
चिड़िया चोंच में तिनका दबाकर उड़ने की तैयारी में क्यों है? वह तिनकों का क्या करती होगी? लिखिए।
उत्तर :
चिड़िया चोंच में तिनका दबाकर उड़ने की तैयारी में इसलिए है, क्योंकि वह उस तिनके को यथास्थान रखकर और भी तिनके एकत्र कर उन्हें भी यथा स्थान रखना चाहती है। वह इन तिनकों को एकत्र कर उनसे अपने तथा अपने अण्डे-बच्चों के लिए घोंसला बनाना चाहती है।
प्रश्न 3.
कविता में कई बार 'अभी भी' का प्रयोग करके बातें रखी गई हैं। अभी भी का प्रयोग करते हुए तीन वाक्य बनाइए और देखिए उनमें लगातार, निरन्तर, बिना रुके चलने वाले किसी कार्य का भाव निकल रहा है या नहीं।
उत्तर :
प्रश्न 4.
'नहीं' और 'अभी भी' को एक-साथ प्रयोग करके तीन वाक्य लिखिए और देखिये 'नहीं', 'अभी भी' के पीछे कौन-कौनसे भाव छिपे हो सकते हैं?
उत्तर :
कविता से आगे -
प्रश्न 1.
घर के बड़े-बूढ़ों द्वारा बच्चों को सुनाई जाने वाली किसी ऐसी कथा की जानकारी प्राप्त कीजिए जिसके आखिरी हिस्से में कठिन परिस्थितियों से जीतने का सन्देश हो।
उत्तर :
एक बार की बात है कि राजा शिवि अपने दरबार में बैठे हुए थे। वे बहुत दयालु और दानी राजा थे। तभी एक कबूतर उनकी गोद में गिरा और उसने कहा कि हे राजन्! बाज से हमारे प्राणों की रक्षा करो। पीछे से बाज ने आकर कहा कि 'कबूतर को छोड़ दो। यह मेरा भोजन है।' राजा ने बाज को समझाते हुए कहा कि "यदि तुम्हें कबूतर इतना ही पसन्द है, तो मैं उसके बदले में अपने शरीर का माँस काट कर देता हूँ।" बाज राजी हो गया। राजा ने तराजू मँगवाया।
एक पलड़े में कबूतर रखा गया और दूसरे पलड़े में राजा ने अपनी जाँघ का माँस काटकर रखा लेकिन कबूतर वाला पलड़ा भारी था। इस पर राजा ने दोनों जाँघों का माँस काटकर रख दिया लेकिन स्थिति वही रही। अन्त में राजा स्वयं पलड़े में बैठ गए। यह देखकर कबूतर और बाज की जगह इन्द्रदेव और अग्निदेव प्रकट हुए। उन दोनों ने प्रणाम करते हुए कहा कि "हम दोनों आपकी परीक्षा ले रहे थे। आप परीक्षा में खरे उतरे हो।" उन्होंने प्रसन्न होकर राजा को आशीर्वाद दिया और स्वर्ग को चले गए। इस प्रकार राजा शिवि ने अपने जीवन में आयी कठिन परिस्थिति को जीत कर अपनी दानशीलता और अपने नाम को अमर बना दिया।
प्रश्न 2.
आप जब भी घर से स्कूल जाते हैं, कोई आपकी प्रतीक्षा कर रहा होता है। सूरज डूबने का समय भी आपको खेल के मैदान से घर लौट चलने की सूचना देता है कि घर में कोई आपकी प्रतीक्षा कर रहा है। प्रतीक्षा करने वाले व्यक्ति के बारे में आप क्या सोचते हैं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
प्रतीक्षा करने वाला व्यक्ति स्वजन ही होता है। उसके मन में हमेशा अपनत्व और प्यार ही रहता है। जब हम विद्यालय से घर जाते हैं या शाम को खेल के मैदान में डूबता हुआ सूरज यह सन्देश देता है कि घर जाना चाहिए, तो उस समय मन में केवल एक ही भाव उठता है कि माँ प्रतीक्षा कर रही होगी, क्योंकि वही घर में सबसे अधिक प्रेम और स्नेह करती है। उसका प्रेम और स्नेह अपनी सन्तान के प्रति निःस्वार्थ होता है।
प्रश्न 1.
'यह सबसे कठिन समय नहीं' कविता में सन्देश
(क) निराशावाद का
(ख) लक्ष्य की ओर बढ़ने का
(ग) अपनत्व भाव का
(घ) प्रेम और सहयोग का।
उत्तर :
(ख) लक्ष्य की ओर बढ़ने का
प्रश्न 2.
कवयित्री के अनुसार यह समय कैसा है?
(क) सबसे कठिन समय है।
(ख) यह सबसे कठिन समय नहीं है।
(ग) थोड़ा कठिन समय है।
(घ) कोई नहीं है।
उत्तर :
(ख) यह सबसे कठिन समय नहीं है।
प्रश्न 3.
'यह सबसे कठिन समय नहीं' कविता की कवयित्री हैं
(क) सुभद्राकुमारी चौहान
(ख) महादेवी वर्मा
(ग) जया जादवानी
(घ) सुदेश बत्रा
उत्तर :
(ग) जया जादवानी
प्रश्न 4.
कविता में 'तिनका' कहाँ है?
(क) पानी में
(ख) चोंच में
(ग) जमीन पर
(घ) पेड़ पर
उत्तर :
(ख) चोंच में
प्रश्न 5.
कविता में 'सदियों से कहानी कौन सुनाती आ रही है?
(क) बूढ़ी काकी
(ख) बूढ़ी नानी
(ग) पड़ोसिन
(घ) अम्मा
उत्तर :
(ख) बूढ़ी नानी
प्रश्न 6.
रेल्वे स्टेशन पर क्या दिखाई देता है?
(क) रेलगाड़ियों का आना-जाना
(ख) यात्रियों की भीड़
(ग) ढेर सारा सामान
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) यात्रियों की भीड़
प्रश्न 7.
'यह सबसे कठिन समय नहीं' कविता में कवयित्री का कौनसा दृष्टिकोण प्रकट हुआ है?
(क) आशावादी
(ख) निराशावादी
(ग) रूढ़िवादी
(घ) परम्परावादी
उत्तर :
(क) आशावादी
प्रश्न 8.
कविता में नानी जो कथा सुनाती है उसके आखिरी हिस्से में बस कहाँ से आती है?
(क) सागर के पार की दुनिया से
(ख) पर्वत के पार की दुनिया से
(ग) नदी के पार की दुनिया से
(घ) अन्तरिक्ष के पार की दुनिया से
उत्तर :
(घ) अन्तरिक्ष के पार की दुनिया से
प्रश्न 9.
'थामने को बैठा है हाथ एक' किसे थामने के लिए कहा गया है?
(क) पुरस्कार
(ख) मेहनत का फल
(ग) गिरते हुए फल
(घ) गिरती हुई पत्ती
उत्तर :
(घ) गिरती हुई पत्ती
प्रश्न 10.
बस किनकी खबर लाती है
(क) शहर जाने वालों की
(ख) अन्तरिक्ष में बचे हुए लोगों की
(ग) युद्ध में बचे हुए लोगों की
(घ) शहर में बचे हुए लोगों की
उत्तर :
(ख) अन्तरिक्ष में बचे हुए लोगों की
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 11.
रेलगाड़ियाँ यात्रियों को कहाँ पहुँचाती हैं?
उत्तर :
रेलगाड़ियाँ यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुँचाती हैं।
प्रश्न 12.
उड़ने की तैयारी में कौन है?
उत्तर :
उड़ने की तैयारी में चिड़िया है।
प्रश्न 13.
चिड़िया अपनी चोंच में क्या दबाये हुए है?
उत्तर :
चिड़िया अपनी चोंच में तिनका दबाये हुए है।
प्रश्न 14.
झरती हुई पत्ती को थामने के लिए कौन बैठा है?
उत्तर :
झरती हुई पत्ती को थामने के लिए एक हाथ बैठा है।
प्रश्न 15.
स्टेशन पर अभी भी भीड़ क्यों है?
उत्तर :
क्योंकि भीड़ रेलगाड़ी की प्रतीक्षा में है जो गंतव्य तक जाती है।
प्रश्न 16.
एक बस कहाँ से आती है?
उत्तर :
एक बस अन्तरिक्ष के पार की दुनिया से आती है।
प्रश्न 17.
बूढ़ी नानी कथा का कौनसा हिस्सा सुनाती है?
उत्तर :
बूढ़ी नानी कथा का आखिरी हिस्सा सुनाती है।
प्रश्न 18.
रेलगाड़ी से जाने वाले की प्रतीक्षा कौन करता
उत्तर :
रेलगाड़ी से जाने वाले की प्रतीक्षा उसके प्रियजन करते हैं।
प्रश्न 19.
प्रतीक्षा करने वाले की चाहत क्या होती है?
उत्तर :
प्रतीक्षा करने वाले स्वजन की यही चाहत होती है कि सूरज ढलने से पहले सभी को अपने घर आ ही जाना चाहिए।
प्रश्न 20.
नानी की परम्परा क्या है?
उत्तर :
नानी की परम्परा यह है कि वह सदियों से बच्चों को शिक्षाप्रद कहानी सुनाती चली आ रही है।
प्रश्न 21.
अंतरिक्ष के पार लोग क्यों गए थे?
उत्तर :
अंतरिक्ष के पार लोग नई जानकारियाँ प्राप्त करने के लिए गए थे।
लघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 22.
अन्तरिक्ष से आने वाली बस किन लोगों की खबर लेकर आयेगी?
उत्तर :
अन्तरिक्ष से आने वाली बस उन लोगों की खबर लेकर आयेगी जिन्होंने हिम्मत न हारकर मृत्यु से जूझते हुए अपने लक्ष्य में सफलता प्राप्त की है।
प्रश्न 23.
चिड़िया चोंच में तिनका दबाए उड़ने की तैयारी में क्यों है?
उत्तर :
चिड़िया अपनी व बच्चों की सुरक्षा के लिए घोंसला बनाना चाहती है। इसीलिए चोंच में तिनका दबाकर उड़ने की तैयारी में है।
प्रश्न 24.
'यह सबसे कठिन समय नहीं' कविता में क्या सन्देश दिया गया है?
उत्तर :
उक्त कविता में सन्देश दिया गया है कि हमें समय की चिन्ता किये बिना अपने लक्ष्य-पथ पर निरन्तर आगे बढ़ना चाहिए। समय की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए।
प्रश्न 25.
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए
"अभी भी कहता है कोई किसी को
जल्दी आ जाओ कि अब....."
उत्तर :
इस संसार में अभी भी किसी के सुख-दुःख का तथा किसी को निरन्तर बढ़ते रहने की प्रेरणा देने का ध्यान रखने वाले लोग मौजूद हैं।
निबन्धात्मक प्रश्न -
प्रश्न 26.
"झरती हुई पत्ती थामने को बैठा है हाथ एक" से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
'झरती हुई पत्ती थामने को बैठा है हाथ एक' पंक्ति से तात्पर्य है कि पेड़ से टूट कर गिरती हुई पत्ती को गिरने से पूर्व कोई सहारा दे देता है, ठीक वैसे ही यदि हम अपने लक्ष्य तक पहुँचने में असफल हो रहे हैं तो कोई न कोई हमारा हौंसला अवश्य बढ़ाएगा।
प्रश्न 27.
अन्तरिक्ष के पार से आने वाली बस के बारे में कवयित्री क्या कहना चाहती है?
उत्तर :
अन्तरिक्ष के पार से आती बस के बारे में कवयित्री यह कहना चाहती है कि अन्तरिक्ष के पार से वह बस आने वाली है, जो नई खोजों हेतु गयी थी। वह उन बचे हुए लोगों का समाचार लायेगी जिन्होंने हिम्मत न हारकर मृत्यु से जूझते हुए अपने लक्ष्य में सफलता प्राप्त की है।
सप्रसंग व्याख्याएँ -
1. नहीं, यह सबसे ........................................... हाथ एक।
कठिन शब्दार्थ :
प्रसंग - यह पद्यांश जया जादवानी द्वारा रचित कविता 'यह सबसे कठिन समय नहीं' से लिया गया है। इसमें बताया गया है कि आगे बढ़ने से पहले मनुष्य को निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि हम कोशिश करके अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
व्याख्या - कवयित्री कहती है कि हे मनुष्य, अभी तुम्हारे सामने कठिन समय नहीं है। तुम्हें अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए मन में संकोच नहीं करना चाहिए। अभी एक चिड़िया अपना घोंसला बनाने के लिए अपनी चोंच में तिनका दबाकर उड़ान भरने हेतु तैयार है। इसी प्रकार वृक्ष से अन्तिम पत्ती गिरते ही कोई हाथ उसे थामने के लिए तैयार है। आशय यह है कि तुम अपने लक्ष्य की ओर बढ़ो। यदि तुम लक्ष्य से भटक भी जाओगे तो गिरती पत्ती की भाँति सहारा देने के लिए अनुभवी लोगों के हाथ तैयार हैं, जो तुम्हें सही रास्ते पर लाने का प्रयास करेंगे।
2. अभी भी भीड़ ................................................. वक्त हो गया।
कठिन शब्दार्थ :
प्रसंग - यह पद्यांश 'यह सबसे कठिन समय नहीं' कविता से लिया गया है। इसकी रचयिता जया जादवानी है। यहाँ कवयित्री ने बतलाना चाहा है कि लक्ष्य की ओर बढ़ने में हमें अधिक सोचना नहीं चाहिए, क्योंकि आगे बढ़ने पर रास्ते अपने आप निकल आते हैं।
व्याख्या - कवयित्री कहती है कि रेलगाड़ी निरन्तर अपने मार्ग पर चलकर यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुँचाती है। इस कारण अभी भी स्टेशन पर भीड़ है और एक रेलगाड़ी यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुँचाने को तैयार खड़ी है। इस रेलगाड़ी से जाने वालों का वहाँ कोई इन्तजार कर रहा है। अर्थात् अपने प्रियजन की प्रतीक्षा में कोई बेचैन है। वह कह रहा है कि सूर्य डूबने वाला है इसलिए जल्दी से आ जाओ। अर्थात् व्यक्ति के सुख-दुःख का ध्यान रखने वाले लोग अभी भी हैं। इसलिए इस वातावरण में निराश होने की आवश्यकता नहीं है।
3. अभी कहा जाता है ................................................. समय नहीं।
कठिन शब्दार्थ :
प्रसंग - यह पद्यांश जया जादवानी द्वारा रचित कविता 'यह सबसे कठिन समय नहीं' से लिया गया है। कवयित्री ने। यहाँ बताया है कि यदि मनुष्य समय निकल जाने पर भी आशावान बनकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता है तो उसे कभी निराशा नहीं होती है।
व्याख्या - कवयित्री सन्देश रूप में कहना चाहती है कि मनुष्य को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने से पूर्व घबराना या अधिक विचार नहीं करना चाहिए बल्कि उस ओर बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए कवयित्री ने नानी की कहानी और अन्तरिक्ष के पार से आने वाली बस की कहानी के उदाहरण देकर बतलाया है कि नानी अपनी परम्परा को निभाती हुई सारी दुनिया के बच्चों को युगों से अपनी कहानियाँ सुनाती रही है, उसकी कहानी का महत्त्वपूर्ण हिस्सा अर्थात् आखिरी हिस्सा अभी शेष रहता है, अर्थात् अभी तुम कहानी सुन सकते हो, यानी अपने लक्ष्य की ओर बढ़ सकते हो।
कवयित्री कहती है कि अन्तरिक्ष की जानकारी प्राप्त करके अन्तरिक्ष के पार से एक बस अर्थात् यान उन बचे हुए यात्रियों का समाचार ला रही है, जो मुश्किलों से जूझते हुए भी सफलता प्राप्त कर आ रहे हैं। आशय यह है कि मनुष्य को आशावान बनकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए। इसलिए मनुष्य को निराश नहीं होना चाहिए. क्योंकि अभी सबसे कठिन समय नहीं है।