RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit Ruchira Chapter 8 सूक्तिस्तबकः

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit Ruchira Chapter 8 सूक्तिस्तबकः Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 6 Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 8 सूक्तिस्तबकः

RBSE Class 6 Sanskrit सूक्तिस्तबकः Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
सर्वान् श्लोकान् सस्वरं गायत। (सभी श्लोकों का स्वर सहित गान कीजिए।) 
उत्तरम् : 
[नोट-अपने अध्यापकजी की सहायता से स्वरसहित श्लोकों का गान कीजिए।] 

प्रश्न 2. 
श्लोकांशान् योजयत - 
(श्लोकांशों का मिलान कीजिए-)
       क                           ख
तस्मात् प्रियं हि वक्तव्यं - सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः। 
गच्छन् पिपीलको याति - जीवने यो न सार्थकः। 
प्रियवाक्यप्रदानेन - को भेदः पिककाकयोः। 
किं भवेत् तेन पाठेन - योजनानां शतान्यपि। 
काकः कृष्णः पिकः कृष्णः - वचने का दरिद्रता। 
उत्तरम् : 
       क                               ख
तस्मात् प्रियं हि वक्तव्यम् - वचने का दरिद्रता। 
गच्छन् पिपीलको याति - योजनानां शतान्यपि। 
प्रियवाक्यप्रदानेन - सर्व तुष्यन्ति जन्तवः। 
किं भवेत् तेन.पाठेन - जीवने यो न सार्थकः। 
काकः कृष्णः पिकः कृष्णः - को भेदः पिककाकयोः। 

RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit Ruchira Chapter 8 सूक्तिस्तबकः

प्रश्न 3. 
प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत(प्रश्नों के उत्तर लिखिए-) 
(क) सर्वे जन्तवः केन तुष्यन्ति? 
(ख) पिककाकयोः भेदः कदा भवति? 
(ग) कः गच्छन् योजनानां शतान्यपि याति? 
(घ) अस्माभिः किं वक्तव्यम्?
उत्तराणि-
(क) सर्वे जन्तवः प्रियवाक्यप्रदानेन तुष्यन्ति।
(ख) पिककाकयो: भेदः वसन्तसमये भवति। 
(ग) पिपीलक: गच्छन् योजनानां शतान्यपि याति। 
(घ) अस्माभिः प्रियं वक्तव्यम्।

प्रश्न 4. 
उचितकथनानां समक्षम्'आम्' अनुचितकथनानां समक्षं 'न' इति लिखत(उचित कथनों के सामने 'आम्' और अनुचित कथनों के सामने 'न' लिखिए-) 
(क) काकः कृष्णः न भवति। [ ]
(ख) अस्माभिः प्रियं वक्तव्यम्। [ ] 
(ग) वसन्तसमये पिककाकयोः भेदः भवति। [ ]
(घ) वैनतेयः पशुः अस्ति। [ ]
(ङ) वचने दरिद्रता न कर्त्तव्या। [ ] 
उत्तरम् : 
(क) न। 
(ख) आम्।
(ग) आम्। 
(घ) न।
(ङ) आम्। 

RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit Ruchira Chapter 8 सूक्तिस्तबकः

प्रश्न 5. 
मञ्जूषातः समानार्थकानि पदानि चित्वा लिखत(मंजूषा से समानार्थक पद चुनकर लिखिए-) 
[ग्रन्थे कोकिलः गरुड़ः परिश्रमेण कथने]
उत्तरम् : 

  • वचने - कथने
  • वैनतेयः - गरुड़: 
  • पुस्तके - ग्रन्थे 
  • उद्यमेन - परिश्रमेण
  • पिकः - कोकिल: 

प्रश्न 6. 
विलोमपदानि योजयत 
(विलोम पदों का मिलान कीजिए-)
क           ख
सार्थकः - आगच्छति
कृष्णः - श्वेतः
अनुक्तम् - सुप्तस्य
गच्छति - उक्तम् 
जागृतस्य - निरर्थकः 
उत्तरम् : 
क          ख
सार्थकः - निरर्थकः 
कृष्णः - श्वेतः 
अनुक्तम् - उक्तम् 
गच्छति - आगच्छति 
जागृतस्य - सुप्तस्य

RBSE Class 6 Sanskrit सूक्तिस्तबकः Important Questions and Answers

प्रश्न: -
अधोलिखितप्रश्नानाम् उत्तराणि विकल्पेभ्यः चित्वा लिखत - 
(i) कार्याणि केन सिध्यन्ति? 
(अ) उद्यमेन
(ब) धनेन 
(स) मनोरथेन
(द) बलेन 
उत्तरम् : 
(अ) उद्यमेन

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(ii) 'प्रविशन्ति' इति पदे कः उपसर्ग:?
(अ) वि
(ब) प्रति 
(स) प्र
(द) आ 
उत्तरम् : 
(स) प्र

(iii) जीवने कीदृशः पाठः साधनीयः? 
(अ) अपठितः 
(ब) पठितः 
(स) कठिनः
(द) सरलः 
उत्तरम् : 
(ब) पठितः 

(iv) प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे मानवाः रिक्तस्थानं पूरयत। 
(अ) गच्छन्ति
(ब) रुदन्ति 
(स) हसन्ति
(द) तुष्यन्ति 
उत्तरम् : 
(द) तुष्यन्ति 

RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit Ruchira Chapter 8 सूक्तिस्तबकः

(v) .............. वैनतेयोऽपि पदमेकं न गच्छति। रिक्तस्थानं पूरयत।
(अ) अगच्छन्
(ब) गच्छन्
(स) वदन्
(द) हसन् 
उत्तरम् : 
(अ) अगच्छन्

(vi) तस्मात् .................... हि वक्तव्यम्। रिक्तस्थानं पूरयत। 
(अ) अप्रियं
(ब) असत्यं 
(स) प्रियम्।
(द) सत्यं 
उत्तरम् : 
(स) प्रियम्।

अतिलघूत्तरात्मकप्रश्नाः - 

प्रश्न: -
एकपदेन प्रश्नान् उत्तरत - 
(क) कार्याणि केन सिध्यन्ति? 
(ख) सर्वदा कीदृशं वक्तव्यम्? 
(ग) कस्मिन् दरिद्रता न करणीया:? 
(घ) पिककाकयो: भेदः कदा दृश्यते? 
(ङ) अगच्छन् कः पदमेकं न गच्छति? 
उत्तराणि-
(क) उद्यमेन 
(ख) प्रियम् 
(ग) वचने 
(घ) वसन्तसमये 
(ङ) वैनतेयः 

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लघूत्तरात्मकप्रश्ना: - 

प्रश्न:
पूर्णवाक्येन प्रश्नान् उत्तरत - 
(क) कस्य मुखे मृगाः न प्रविशन्ति? 
उत्तरम् : 
सुप्तस्य सिंहस्य मुखे मृगा नः प्रविशन्ति। 

(ख) कार्याणि कैः न सिध्यन्ति? 
उत्तरम् : 
कार्याणि मनोरथैः न सिध्यन्ति।

(ग) पुस्तके पठितः पाठः कुत्र साधनीयः? 
उत्तरम् : 
पुस्तके पठितः पाठः जीवने साधनीयः।

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(घ) प्रियवाक्यप्रदानेन के तुष्यन्ति? 
उत्तरम् : 
प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे मानवा: तुष्यन्ति।

सूक्तिस्तबकः Summary and Translation in Hindi

पाठ-परिचय - प्रस्तुत पाठ में संस्कृत की कुछ श्रेष्ठ सूक्तियों का संकलन हुआ है। 'सूक्ति' शब्द का अर्थ हैअच्छा वचन। कम शब्दों में जीवन के मूल्यवान् आदर्शों को सुन्दरता से व्यक्त करने के लिए संस्कृत-साहित्य में हजारों सूक्तियाँ प्रसिद्ध हैं। इस पाठ में पाँच महत्त्वपूर्ण सूक्तियों से युक्त प्रेरणास्पद श्लोक दिये गये हैं। 

पाठ के कठिन-शब्दार्थ : 

  • उद्यमेन = परिश्रम से। 
  • मनोरथैः = मन की इच्छा से। 
  • सिंहः = शेर। 
  • मृगाः = हिरण/पशु। 
  • दरिद्रता = दीनता/कृपणता। 
  • प्रियवाक्यप्रदानेन = प्रिय वचन बोलने से।
  • तुष्यन्ति = सन्तुष्ट/प्रसन्न होते हैं। 
  • मानवाः = मनुष्य। 
  • तस्मात् = इसलिये। 
  • वक्तव्यम् = बोलना चाहिए। 
  • वचने = बोलने में। 
  • साधितः = उपयोग किया। 
  • भवेत् = होगा/होना चाहिए। 
  • सार्थकः = अर्थपूर्ण/प्रयोजन युक्त। 
  • काकः = कौआ। 
  • कृष्णः = काला। 
  • पिकः = कोयल। 
  • पिककाकयोः = कोयल और कौए में।
  • प्राप्ते = आने पर। 
  • गच्छन् = जाता हुआ। 
  • पिपीलकः = नर चींटी। 
  • याति = जाता है। 
  • योजनानाम् = 4 कोसों का (लगभग 12 किमी.)। 
  • शतानि = सौ। 
  • अगच्छन् = न चलते हुए।
  • वैनतेयः = गरुड़। 

RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit Ruchira Chapter 8 सूक्तिस्तबकः

पाठ के श्लोकों का अन्वय एवं हिन्दी-भावार्थ - 

1. उद्यमेन हि सिध्यन्ति ............................................. प्रविशन्ति मुखे मृगाः।। 
अन्वयः - कार्याणि उद्यमेन हि सिध्यन्ति, मनोरथैः न (सिध्यन्ति)। हि सुप्तस्य सिंहस्य मुखे मृगाः न प्रविशन्ति।
हिन्दी-भावार्थ-परिश्रम से ही सभी कार्य सिद्ध (पूर्ण) होते हैं, मन की इच्छा मात्र से सिद्ध नहीं होते हैं। क्योंकि सोये हुए शेर के मुख में हिरण (पशु) प्रवेश नहीं करते हैं। अतः हमें सदैव परिश्रम करते रहना चाहिए।

2. पुस्तके पठितः पाठः ............................... जीवने यो न सार्थकः॥ 

अन्वयः - (यदि) पुस्तके पठितः पाठः जीवने न साधितः। (तर्हि) जीवने यः सार्थकः न, तेन पाठेन किं भवेत्?

हिन्दी-भावार्थ - (यदि) पुस्तक में पढ़ा गया पाठ जीवन में उपयोग में नहीं लाया गया (तो) जीवन में जो (पाठ) सार्थक (अर्थपूर्ण) नहीं है उस पाठ से क्या लाभ? अर्थात् पुस्तक में से प्राप्त ज्ञान का उपयोग जीवन में अवश्य ही करना चाहिए।

3. प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे, ..................................... वचने का दरिद्रता।। 

अन्वयः - सर्वे मानवाः प्रियवाक्यप्रदानेन तुष्यन्ति; तस्मात् प्रियं हि वक्तव्यम्; वचने का दरिद्रता (स्यात्)।
हिन्दी-भावार्थ - सभी मनुष्य प्रिच वचन कहने से प्रसन्न (सन्तुष्ट) हो जाते हैं। इसलिए मधुर वचन ही बोलने चाहिए। बोलने में कंजूसी क्यों? अर्थात् मधुर वचन से सभी प्रसन्न होते हैं, इसलिए सदैव मधुर वाणी का ही प्रयोग करना चाहिए।

RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit Ruchira Chapter 8 सूक्तिस्तबकः

4. गच्छन् पिपीलको याति ...........................................पदमेकं न गच्छति।। 

अन्वयः - गच्छन् पिपीलकः शतानि योजनानाम् अपि याति। अगच्छन् वैनतेयः एकं पदं अपि न गच्छति।
हिन्दी-भावार्थ - चलती हुई चींटी सैकड़ों योजन पार कर लेती है। (किन्तु) न चलता हुआ गरुड़ एक कदम भी नहीं जाता है। अर्थात् निरन्तर प्रयास करने से सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं।

5. काकः कृष्णः पिकः कृष्णः ................................................... काकः काकः पिकः पिकः।। 

अन्वयः - काकः कृष्णः पिकः (च) कृष्णः। पिककाकयोः कः भेदः? वसन्तसमये प्राप्ते काकः काकः, पिकः पिकः (भवति)।
हिन्दी-भावार्थ - कौआ काला है, (और) कोयल काली है। (तब) कोयल और कौए में क्या अन्तर है? वसन्त ऋत आने पर कौआ. कौआ है और कोयल, कोयल ही है। अर्थात् बाह्य रूप से एकसमान होने पर भी समय आने पर उनके आन्तरिक गुणों के प्रकट हो जाने से दोनों का अन्तर स्पष्ट हो जाता है।

Prasanna
Last Updated on June 30, 2022, 4:23 p.m.
Published June 30, 2022