RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit Ruchira Chapter 15 मातुलचन्द्र

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit Ruchira Chapter 15 मातुलचन्द्र Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 6 Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 15 मातुलचन्द्र

RBSE Class 6 Sanskrit मातुलचन्द्र Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1. 
बालगीतं साभिनयं सस्वरं गायत। (बालगीत को अभिनय के साथ गाइए।) 
उत्तरम् : 
(नोट-छात्र बालगीत को अपने अध्यापकजी की सहायता से सस्वर गाएँ।) 

प्रश्न 2. 
पद्यांशान् योजयत - 
(पद्यांशों का मिलान कीजिए-) 
(क) मातुल! किरसि     सितपरिधानम् .................। 
(ख) तारकखचितं        श्रावय गीतिम् ...................। 
(ग) त्वरितमेहि मां        चन्द्रिकावितानम् ..............। 
(घ) अतिशयविस्तृत      कथं न स्नेहम् .................। 
(ङ) धवलं तव             नीलाकाशः ..................। 
उत्तरम् : 
(क) मातुल! किरसि कथं न स्नेहम्। 
(ख) तारकखचितं सितपरिधानम्। 
(ग) त्वरितमेहि मां श्रावय गीतिम्। 
(घ) अतिशयविस्तृतनीलाकाशः। 
(ङ) धवलं तव चन्द्रिकावितानम्। 

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प्रश्न 3. 
पद्यांशेषु रिक्तस्थानानि पूरयत(पद्यांशों में रिक्तस्थानों की पूर्ति कीजिए-) 
(क) प्रिय मातुल! ............... प्रीतिम्। 
(ख) कथं प्रयास्यसि ..............? 
(ग) ............ क्वचिदवकाशः। 
(घ) .............. दास्यसि मातुलचन्द्र? 
(ङ) कथमायासि न .... ... गेहम्। 
उत्तरम् : 
(क) वर्धय मे 
(ख) मातुलचन्द्र 
(ग) नैव दृश्यते 
(घ) मह्यं 
(ङ) भो! मम।

प्रश्न 4. 
प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत - 
(प्रश्नों के उत्तर लिखिए-) 
(क) अस्मिन् पाठे कः मातुल:? 
उत्तरम् : 
अस्मिन् पाठे चन्द्रः मातुलः। 

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(ख) नीलाकाशः कीदृशः अस्ति? 
उत्तरम् : 
नीलाकाशः अतिशयविस्तृतः अस्ति। 

(ग) मातुलचन्द्रः किं न किरति? 
उत्तरम् : 
मातुलचन्द्रः स्नेहं न किरति। 

(घ) किं श्रावयितुं शिशुः चन्द्रं कथयति?
उत्तरम् : 
गीतिं श्रावयितुं शिशुः चन्द्रं कथयति। 

(ङ) चन्द्रस्य सितपरिधानं कथम् अस्ति? 
उत्तरम् : 
चन्द्रस्य सितपरिधानं तारकखचितम् अस्ति। 

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प्रश्न 5. 
उदाहरणानुसारं निम्नलिखितपदानि सम्बोधने परिवर्तयत
(उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित पदों को संबोधन में बदलिए-) 
यथा - चन्द्रः - चन्द्र! 
(क) शिष्यः - ..............
(ख) गोपालः - .............. 
उत्तरम् : 
(क) शिष्य! 
(ख) गोपाल! 

यथा - बालिका - बालिके! 
(क) प्रियंवदा - .............. 
(ख) लता - .............. 
उत्तरम् : 
(क) प्रियंवदे! 
(ख) लते! 

यथा - फलम् - फल! 
(क) मित्रम् - .............. 
(ख) पुस्तकम् - ..............
उत्तरम् : 
(क) मित्र! 
(ख) पुस्तक! 

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यथा - रविः - रवे! 
(क) मुनिः - .............. 
(ख) कविः - .............. 
उत्तरम् : 
(क) मुने! 
(ख) कवे! 

यथा - साधुः - साधो! 
(क) भानुः - .............. 
(ख) पशुः - ..............
उत्तरम् : 
(क) भानो!
(ख) पशो! 

यथा - नदी - नदि! 
(क) देवी - .............. 
(ख) मानिनी - .............. 
उत्तरम् : 
(क) देवि! 
(ख) मानिनि! 

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प्रश्न 6. 
मञ्जूषातः उपयुक्तानाम् अव्ययपदानां प्रयोगेण रिक्तस्थानानि पूरयत - 
(मंजूषा से उपयुक्त अव्ययों के प्रयोग से रिक्तस्थानों की पूर्ति कीजिए-)
[कुतः कदा कुत्र कथं किम्] 
उत्तरम् : 
(क) जगन्नाथपुरी कुत्र अस्ति?
(ख) त्वं कदा पुरीं गमिष्यसि? 
(ग) गङ्गानदी कुतः प्रवहति? 
(घ) तव स्वास्थ्यं कथम् अस्ति?
(ङ) वर्षाकाले मयूराः किं कुर्वन्ति? 

प्रश्न 7. 
तत्समशब्दान् लिखत(तत्सम शब्दों को लिखिए-) 
[मामा मोर तारा कोयल कबूतर]
उत्तरम् : 

  • मामा - मातुलः। 
  • मोर - मयूरः। 
  • तारा - तारकम्।
  • कोयल - कोकिलः। 
  • कबूतर - कपोतः।

RBSE Class 6 Sanskrit मातुलचन्द्र Important Questions and Answers

प्रश्न:
अधोलिखितप्रश्नानाम्उत्तराणिविकल्पेभ्यः चित्वा लिखत - 
(i) नीलाकाशः कीदृशः अस्ति?
(अ) सूक्ष्मः
(ब) विस्तृतः 
(स) अल्पः
(द) लघुः 
उत्तरम् :
(ब) विस्तृतः

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(ii) अस्मिन् पाठे चन्द्रः कः? 
(अ) जनकः
(ब) मित्रम् 
(स) भ्राता
(द) मातुलः 
उत्तरम् :
(द) मातुलः

(iii) अस्मिन् पाठे मातुलः कः? 
(अ) चन्द्रः
(ब) सूर्यः 
(स) तारकम्
(द) शिशुः 
उत्तरम् :
(अ) चन्द्रः

(iv) .............. कुतः आगच्छसि? रिक्तस्थानं पूरयत। 
(अ) सः
(ब) अहम् 
(स) युवाम्
(द) त्वम् 
उत्तरम् :
(द) त्वम् 

(v) "त्वम् कुत्र .......... ?" रिक्तस्थानं पूरयत। 
(अ) गमिष्यसि 
(ब) गमिष्यति 
(स) गमिष्यामि 
(द) गमिष्याव: 
उत्तरम् :
(अ) गमिष्यसि

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अतिलघूत्तरात्मकप्रश्ना: - 

प्रश्न:
एकपदेन प्रश्नान् उत्तरत -
(क) नीलांकाशे क्वचित् किं न दृश्यते? 
(ख) मातुलचन्द्रः कुत्र न आयाति? 
(ग) चन्द्रिकावितानं कीदृशम् अस्ति? 
(घ) मातुलचन्द्रः मां किं श्रावयतु? 
(ङ) कः मम प्रीतिं वर्धयतु? 
उत्तराणि-
(क) अवकाशः 
(ख) मम गेहम् 
(ग) धवलम् 
(घ) गीतिम् 
(ङ) मातुलचन्द्रः। 

लघूत्तरात्मकप्रश्नाः - 

प्रश्न:
पूर्णवाक्येन प्रश्नान् उत्तरत - 
(क) अतिशयविस्तृतः कः अस्ति? 
उत्तरम् : 
अतिशयविस्तृतः नीलाकाशः अस्ति। 

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(ख) शिशः कं त्वरितम् आगन्तुं कथयति? 
उत्तरम् : 
शिशुः मातुलचन्द्रं त्वरितम् आगन्तुं कथयति। 

(ग) मातुलचन्द्रः शिशवे किं दास्यति? 
उत्तरम् : 
मातुलचन्द्रः शिशवे तारकखचितं सितपरिधानं दास्यति। 

(घ) मातुलचन्द्रः कस्य प्रीतिं वर्धयत? 
उत्तरम् : 
मातुलचन्द्रः शिशोः प्रीतिं वर्धयतु ।

मातुलचन्द्र Summary and Translation in Hindi

पाठ-परिचय - प्रस्तुत पाठ में एक अत्यन्त सरल संस्कृत में बाल-गीत है, जिसमें एक बालक चन्दा-मामा को सम्बोधित करते हुए कहता है कि हे चन्दामामा! तुम कहाँ से आते हो? तुम कहाँ जाते हो? यह नीला आकाश बहुत विशाल है। तुम मेरे घर क्यों नहीं आते हो? हे चन्दामामा ! तुम शीघ्र आओ, मुझे गीत सुनाओ, मेरी प्रसन्नता बढ़ाओ। इस प्रकार एक छोटे बालक द्वारा स्वाभाविक रूप से चन्दामामा के प्रति अपनी इच्छा व्यक्त की गई है।

पाठ के कठिन-शब्दार्थ : 

  • मातुलचन्द्र! = चन्दामामा ! 
  • कुतः (अव्यय) = कहाँ से। 
  • अतिशयविस्तृतः = अति विशाल। 
  • दृश्यते = दिखता है/दिखती है। 
  • क्वचित् (अव्यय) = कहीं भी। 
  • प्रयास्यसि = जाओगे/जाओगी। 
  • गेहम् = घर को। 
  • किरसि = बिखेरते हो/बिखेरती हो।
  • धवलम् = सफेद। 
  • चन्द्रिकावितानम् = फैली हुई चाँदनी। 
  • तारकखचितं = तारों से शोभित।
  • सितपरिधानम् = सफेद वस्त्र। 
  • मह्यम् = मुझे। 
  • त्वरितम् = शीघ्र। 
  • एहि = आओ। 
  • श्रावय = सुनाओ। 
  • वर्धय = बढ़ाओ। 

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पाठ का हिन्दी-अनुवाद - 

1. कुत आगच्छसि ............................................ आगच्छसि मातुलचन्द्र? 

अन्वयः - मातुलचन्द्र! (त्वं) कुतः आगच्छसि? मातलचन्द्र! (त्वं) कुत्र गमिष्यसि? - अतिशयविस्तृतनीलाकाशः (अस्ति)। क्वचित् अवकाश: नैव दृश्यते। (हे) मातुलचन्द्र ! (त्वं) कथं प्रयास्यसि? (हे) मातुलचन्द्र ! (त्वं) कुतः आगच्छसि?

हिन्दी अनुवाद - हे चन्दामामा! तुम कहाँ से आते हो? हे चन्दामामा! तुम कहाँ जाओगे? नीला आकाश बहुत विशाल है। कहीं भी खाली स्थान दिखाई नहीं देता है। हे चन्दामामा ! तुम किस प्रकार जाओगे? हे चन्दामामा ! तुम कहाँ से आते हो?

2. कथमायासि न भो! मम गेहम् .............................................. आगच्छसि मातुलचन्द्र? 

अन्वयः - भो! (त्वं) कथम् मम गेहम् न आयासि? मातुल! (त्वं) कथम् स्नेहम् न किरसि? मातुलचन्द्र ! (त्वं) कदा गमिष्यसि! मातुलचन्द्र ! (त्वं) कुतः आगच्छसि!

हिन्दी-अनुवाद - हे (चन्दामामा!) (तुम) मेरे घर क्यों नहीं आते हो? हे मामा ! (तुम) स्नेह (प्रेम) क्यों नहीं | बिखेरते हो? हे चन्दामामा! (तुम) कब आओगे? हे चन्दामामा! (तुम) कहाँ से आते हो?

3. धवलं तव चन्द्रिकावितानम् ........................................... आगच्छसि मातुलचन्द्र?
अन्वयः - मातुलचन्द्र! तव चन्द्रिका-वितानम् धवलम् (अस्ति)। (किं त्वं) तारक-खचितम् सितपरिधानम् मह्यम् दास्यसि? मातुलचन्द्र! कुतः आगच्छसि?

हिन्दी-अनुवाद - हे चन्दामामा ! तुम्हारी फैली हुई चाँदनी सफेद है। (क्या तुम) तारों से सुशोभित अपना सफेद वस्व मुझे दोगे? हे चन्दामामा! (तुम) कहाँ से आते हो?

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4. त्वरितमेहि मां श्रावय गीतिम् ..................................... आगच्छसि मातुलचन्द्र? 

अन्वयः - प्रिय मातुल! (त्वम्) त्वरितम् एहि। माम् गीतिम् श्रावय। मे प्रीतिम् वर्धय। मातुलचन्द्र! किं न आयास्यसि? मातुलचन्द्र! कुतः आगच्छसि?

हिन्दी-अनुवाद - हे प्रिय मामा जी! तुम शीघ्र आओ, मुझे गीत सुनाओ! तुम मेरा प्यार बढ़ाओ। हे चन्दामामा ! क्या तुम नहीं आओगे? हे चन्दामामा! तुम कहाँ से आते हो?

Prasanna
Last Updated on July 2, 2022, 9:17 a.m.
Published July 1, 2022