Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 Accountancy Chapter 12 लेखांकन में कंप्यूटर का अनुप्रयोग Textbook Exercise Questions and Answers.
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प्रश्न 1.
उपभोक्ता के अनुकूल बनाया गया प्रोग्राम कुछ विशेष कार्य के लिये डिजाइन एवं विकसित किया गया है, उसे .................. कहते हैं।
उत्तर:
अनुप्रयोग प्रक्रिया सामग्री
प्रश्न 2.
भाषा की वाक्य संरचना को जिस सॉफ्टवेयर से जाँचा जाता है उसे .................. कहते हैं।
उत्तर:
भाषा संसाधक
प्रश्न 3.
वे लोग जो डाटा लेन-देन प्रणाली डिजाइन को लागू करने के लिये प्रोग्राम लिखते हैं, ................... कहलाते हैं।
उत्तर:
क्रमादेशक (प्रोग्रामर)
प्रश्न 4.
................... कम्प्यू टर का मस्तिष्क है।
उत्तर:
केन्द्रीय प्रक्रम एकक
प्रश्न 5.
.................... एवं ................... लेखा प्रतिवेदन की दो महत्वपूर्ण आवश्यकताएं हैं।
उत्तर:
प्रासंगिकता
प्रश्न 6.
उत्तरदायित्व विवरण का एक उदाहरण ...................... हैं।
उत्तर:
धन की स्थिति, प्रबन्ध उत्तरदायित्व।
लघु उत्तरीय प्रश्न:
प्रश्न 1.
कम्प्यूटर प्रणाली के विभिन्न अंगों (elements) का वर्णन करें।
उत्तर:
कम्प्यूटर प्रणाली के विभिन्न अंग/घटक/तत्व (Various Elements of Computer System): एक कम्प्यूटर प्रणाली के छः घटक होते हैं
1. यंत्र सामग्री हार्डवेयर
2. प्रक्रिया सामग्री (सॉफ्टवेयर):
3. उपयोगकर्ता:
4. क्रियाविधियाँ
5. डाटा
6. संयुक्तिकरण।
प्रश्न 2.
मानवीय प्रणाली पर कम्प्यूटर प्रणाली की विशिष्ट उपयोगिता को सूचीबद्ध करें।
उत्तर:
मानवीय प्रणाली पर कम्प्यूटर प्रणाली की विशिष्ट उपयोगिता निम्न प्रकार स्पष्ट है:
प्रश्न 3.
कम्प्यूटर के मुख्य अंगों को चौकोर खाने में दर्शाते हुए रेखांकित करें।
उत्तर:
प्रश्न 4.
लेन-देन प्रक्रम प्रणाली के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
लेन-देन प्रक्रम प्रणाली के तीन उदाहरण हैं:
प्रश्न 5.
सूचना व निर्णय के बीच संबंध का वर्णन करें।
उत्तर:
सूचना व निर्णय के बीच महत्त्वपूर्ण सम्बन्ध है। संगठन के किसी भी कार्य के लिए सूचना एक महत्त्वपूर्ण साधन है। संगठन का सूचना विभाग संगठन के प्रबंधक या प्रबन्ध समिति को महत्त्वपूर्ण सूचनाएँ उपलब्ध कराता है, जिसके आधार पर ही उनके द्वारा महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये जाते हैं। इस प्रकार सूचना, निर्णय का आधार होती है।
प्रश्न 6.
लेखांकन सचना प्रणाली क्या है?
उत्तर:
लेखांकन सूचना प्रणाली-लेखांकन सूचना प्रणाली किसी संस्था विशेष की वित्तीय सूचनाओं को इकट्ठा करने, उन पर आधारित गणनाएँ करके रुचि रखने वाले पक्षों तक पहुँचाने वाली प्रणाली है।
यह प्रणाली लेखांकन कार्य करने के साथ-साथ व्यवसाय के सम्मुख आने वाली विभिन्न कठिनाइयों को हल करने के लिए वैकल्पिक उपाय एवं रिपोर्ट भी उपलब्ध कराती है।
प्रश्न 7.
लेखांकन प्रतिवेदन के विभिन्न लक्षणों का वर्णन करो।
उत्तर:
लेखांकन प्रतिवेदन के लक्षण:
प्रश्न 8.
लेन-देन प्रक्रम प्रणाली के तीन अंगों के नाम बताइए।
उत्तर:
लेन-देन प्रक्रम प्रणाली सबसे पहली कम्प्यूटरीकृत प्रणाली है जो कि बड़ी से बड़ी कारोबारी कम्पनियों की आवश्यकताओं को पूरा करती है। लेन-देन प्रक्रम प्रणाली प्रत्येक संस्था की आन्तरिक तथा बाह्य सूचनाओं से सम्बन्ध रखती है तथा समस्याओं को हल करने के लिए इसमें विशिष्ट प्रकार से क्रम की व्यवस्था की गई है।
लेन देन प्रक्रम प्रणाली के तीन अंगों के नाम निम्न प्रकार हैं:
प्रश्न 9.
मानव संसाधन सूचना प्रणाली व प्रबंधन सूचना प्रणाली के बीच संबंध का उदाहरण दें।
उत्तर:
प्रबन्धन सूचना प्रणाली एक ऐसी प्रणाली है जो निर्णय लेने एवं किसी संस्था के सुचारु रूप से प्रबंधन के लिए जरूरी सूचना तैयार करती है। किसी संगठन में प्रबंधन सूचना प्रणाली एवं मानव संसाधन सूचना प्रणाली में भी सम्बन्ध पाया जाता है। उदाहरण के लिए, संस्था का उत्पादन विभाग मानव संसाधन विभाग से मजदूरों का ब्यौरा लेकर उनके द्वारा उत्पादन प्राप्त करने की जानकारी मानव संसाधन विभाग व लेखा विभाग को भेजता है ताकि उनका पारिश्रमिक देय हो।
लेखांकन विभाग द्वारा देय पारिश्रमिक का विवरण उत्पादन विभाग व मानव संसाधन विभाग को दिया जाता है ताकि मजदूरों की कार्यशैली पर नजर रखी जा सके। मानव संसाधन विभाग उन मजदूरों की अच्छी व खराब कार्यशैली की जानकारी अन्य विभाग को देता है। इन जानकारियों के आधार पर प्रबंधन सूचना प्रणाली प्रबन्धन के लिए आवश्यक सूचना तैयार करती है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:
प्रश्न 1.
"एक संस्था पारस्परिक निर्णयों का समूह है, जो कि एक संस्थागत उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कार्य करता है।" इस कथन के अनुसार सूचना एवं निर्णय के बीच संबंध को समझाइये।
उत्तर:
सूचना एवं निर्णय के बीच सम्बन्ध: "एक संस्था पारस्परिक निर्णयों का समूह है, जो कि अपने संस्थागत उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कार्य करता है।" किसी भी संस्था में अनेक प्रणालियाँ कार्य करती हैं जो समूह के रूप में अपने उद्देश्यों को पूरा करने हेतु मिल-जुलकर कार्य करती हैं। इसके लिए ये सूचनाएँ एकत्रित करती हैं और प्रबंधन तक पहुँचाती हैं ताकि महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये जा सकें । अतः सूचनाएँ, निर्णयों का आधार होती हैं। प्रत्येक संगठन की विभिन्न प्रणालियाँ कुछ सूचनाओं को प्राप्त कर उसे अपने अनुकूल रूपान्तरित कर देती हैं जिससे वह एक महत्त्वपूर्ण सूचना का रूप ले लेती हैं।
प्रत्येक संगठन के कुछ उद्देश्य होते हैं जिनके आधार पर वह संसाधनों का बंटवारा करता है और निरन्तर कार्य करता रहता है। संगठन का प्रबंधन, प्रबंधक द्वारा लिये गये निर्णयों से अपने उन उद्देश्यों को प्राप्त करता है। संगठन के कार्यकारी संसाधनों को बाँटने में सूचनाएँ एवं जानकारियों से मदद मिलती है। अतः संगठन के किसी भी कार्य के लिए सूचना एक महत्त्वपूर्ण साधन है। हर छोटे-बड़े संगठन के पास स्वयं द्वारा स्थापित सूचना विभाग होता है जो कि संगठन के प्रबंधक या प्रबंध समिति द्वारा लिये जाने वाले निर्णय के लिए महत्वपूर्ण सूचनाओं का प्रबंध करता है।
संगठन के सूचना विभाग में होने वाली बढ़ोतरी के परिणामस्वरूप लेन-देन प्रक्रम प्रणाली भी अब कारोबार संक्रिया के लिए महत्त्वपूर्ण हो गया है। प्रत्येक लेन-देन प्रक्रम प्रणाली के तीन अंग होते है-निवेश, संसाधन, और निर्गम। चूंकि सूचना प्रौद्योगिकी गारबेज इन गारबेज आऊट का अनुसरण करती है, इसलिए आवश्यक है कि सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित सभी सूचनायें शुद्ध, पूर्ण एवं अधिकृत हो। निर्गम को स्वचालित करने से इसे प्राप्त किया जा सकता है। अब निर्गम प्रक्रिया को स्वचालित करने के लिए विभिन्न युक्तियाँ मौजूद हैं। इस प्रकार संगठन एक पारस्परिक निर्णय लेने वाली प्रणालियों का समूह है जो कि अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कार्य करता है।
प्रश्न 2.
संस्थागत प्रबंधन सचना प्रणाली और अन्य क्रियाशील सचना प्रणाली के मध्य एक संस्था में सम्बन्ध को उदाहरण देकर स्पष्ट करो। लेखांकन सूचना प्रणाली व प्रबंधन सूचना प्रणाली की क्रियाओं में सूचनाओं के होने वाले आदान-प्रदान का वर्णन करें।
उत्तर:
संस्थागत प्रबंधन सूचना प्रणाली और अन्य क्रियाशील सूचना प्रणाली के मध्य सम्बन्ध-प्रबन्धन सूचना प्रणाली एक ऐसी प्रणाली है जो निर्णय लेने एवं किसी संस्था के सुचारु रूप से प्रबन्धन के लिए जरूरी सूचना तैयार करती है। इसके लिए वह अन्य क्रियाशील सूचना प्रणालियों से आवश्यक सूचनाएँ प्राप्त करती है। उदाहरण के लिए, प्रबंधन द्वारा लेखांकन सूचना प्रणाली का प्रयोग अनेक स्तरों पर किया जाता है-संचालन, कौशल एवं सामरिक।
लेखांकन सूचना प्रणाली किसी वस्तु या व्यक्ति के बारे में आर्थिक सूचना को अनेक प्रकार के उपभोक्ताओं के लिये पहचान, संग्रह एवं प्रक्रम तैयार करती है और उसे दूसरों तक पहुँचाती है। सूचना उपयोगी डाटा इस तरह से व्यवस्थित होते हैं कि उसकी मदद से सही निर्णय लिया जा सके। एक प्रणाली अन्योन्याश्रित अंगों से बनी होती है जो एक-दसरे के लिये निरंतर एवं सचेत आदान-प्रदान में सक्षम हैं ताकि इच्छित उददेश्य प्राप्त किया जा प्रत्येक लेखा प्रणाली लेखांकन सूचना प्रणाली का निश्चित रूप से एक अंग है जो दूसरे शब्दों में संस्था की प्रबंध सूचना प्रणाली का एक अंग है।
निम्नलिखित आरेख परिकलन प्रणाली का अन्य कार्यशील प्रबंध सूचना प्रणालियों के साथ उसके संबंध को दर्शाता है
ऊपर दर्शाये गये चित्र में प्रबंधन के चार बहुप्रचलित कार्यक्षेत्र बताये गये हैं। संस्था, एक आपूर्तिकर्ता एवं उपभोक्ता द्वारा घिरे एक दिए हुए माहौल में काम करती है। सूचना संबंधी जरूरतें व्यावसायिक प्रक्रियाओं से निकलती हैं जो विभिन्न कार्यक्षेत्रों में बँटी होती हैं जहाँ लेखांकन उनमें से एक है। लेखांकन सूचना प्रणाली संस्थागत प्रबंधन सूचना प्रणाली की विभिन्न उपप्रणालियों के साथ सूचना का आदान-प्रदान करता है।
लेखांकन सूचना प्रणाली संसाधनों एवं उपकरण का एक संग्रह है जिसे वित्तीय एवं अन्य डाटाओं को सूचना में परिवर्तित करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह सूचना विविध प्रकार के निर्णयकर्ताओं को प्रदान की जाती है। प्राप्त करने वाली सूचना प्रणालियाँ इस परिवर्तित कार्य को पूरा करती हैं चाहे वे मानवीय प्रणाली हों या पूर्ण कम्प्यूटरीकृत।
लेखांकन सूचना प्रणाली व प्रबंधन सूचना प्रणाली की क्रियाओं में सूचनाओं का होने वाला आदान प्रदान-लेखांकन सूचना प्रणाली किसी भी संस्था की एक महत्त्वपूर्ण प्रणाली है। यह प्रबन्ध सूचना प्रणाली के लिए अन्य क्रियाशील प्रणालियों से सूचनाओं का आदान-प्रदान करती है। इसे निम्न उदाहरण द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है
(1) लेखांकन सूचना प्रणाली, विनिर्माण सूचना प्रणाली व मानव संसाधन सूचना प्रणाली-संगठन का उत्पादन विभाग मानव संसाधन विभाग से मजदूरों का ब्यौरा लेता है। यह मजदूरों के द्वारा उत्पादन प्राप्त करने की जानकारी मानव संसाधन विभाग व लेखा-विभाग को भेजता है ताकि उनका पारिश्रमिक देय हो। लेखांकन विभाग द्वारा देय पारिश्रमिक का विवरण उत्पादन विभाग व मानव संसाधन विभाग को दिया जाता है ताकि मजदूरों की कार्यशैली पर नजर रख सकें । मानव संसाधन विभाग उन मजदूरों की अच्छी व खराब कार्यशैली की जानकारी अन्य विभाग को देता है।
(2) लेखांकन सूचना प्रणाली और विपणन सूचना प्रणाली-संगठन के व्यापार की प्रगति में विपणन व विक्रय विभाग अनेक कार्य सक्रियता का पालन करते हैं, यथा-पूछताछ, संपर्क स्थापना, प्रवेश का क्रम, माल भेजना, उपभोक्ता रसीद आदि। लेखांकन उप-प्रणाली के लेन-देन के कार्यों में विक्रय विवरण, प्रतिष्ठा प्राधिकृत, तालिका सुरक्षा, तालिका स्थान, परिवहन सूचना, प्राप्तांक आदि भी होते हैं। इसके अतिरिक्त उपभोक्ता के खातों पर भी नजर रखी जाती है। उदाहरणार्थ एजिंग प्रतिवेदन, जो कि प्रणाली द्वारा उत्पन्न किया जाना चाहिए।
(3) लेखांकन सूचना प्रणाली और निर्माण सूचना प्रणाली-इसी तरह व्यापार प्रगति में उत्पादन विभाग निम्नलिखित कार्य करता है:
लेन-देन उप-प्रणाली लेन-देन वृत्त में खरीद बही, विक्रेता/सप्लायर की अग्रिम, सूची को बढ़ाना, खाते की देनदारी आदि सभी कुछ होती है। ये सभी सूचनायें प्रबंध सूचना प्रणाली संस्था के अन्य विभागों को वितरित करता है। अतः यह निर्णय लेने वाले व्यक्तियों को जरूरी वित्तीय डाटाओं की सूचना देता है जो कि कम्प्यूटरीकृत सूचना प्रणाली का एक उपभाग है।
प्रश्न 3.
"एक लेखांकन प्रतिवेदन ऐसा प्रतिवेदन है जो सभी मूल आवश्यकताओं के मापदण्डों को पूर्ण करता है।" इस कथन को स्पष्ट करें। लेखांकन प्रतिवेदन के विभिन्न प्रकारों की सूची बनायें।
उत्तर:
लेखांकन प्रतिवेदन (Accounting Report): विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजरकर डाटा, सूचना बनते हैं। जब सम्बद्ध सूचना को एक खास जरूरत को पूरा करने के लिए संक्षेप में प्रस्तुत किया जाता है तो वह प्रतिवेदन कहलाता है। प्रतिवेदन का विषय एवं प्रारूप अलग-अलग स्तरों के लिये अलग-अलग होता है। प्रतिवेदन को उपभोक्ता के लिये प्रभावी एवं योग्य होना चाहिए एवं निर्णय लेने की प्रक्रिया को व्याख्यायित करना चाहिए। लेखांकन प्रतिवेदन में लेखांकन से सम्बन्धित सचनाएँ होती हैं। प्रतिवेदन के अनेक मापदण्ड होते सभी मूल आवश्यकताओं के मापदण्डों को पूरा करता है। अन्य प्रतिवेदन की तरह प्रत्येक लेखांकन
प्रतिवेदन निम्नलिखित शर्तों/मापदण्डों को भी अवश्य पूरा करता है:
लेखांकन प्रतिवेदन के प्रकार-लेखांकन प्रतिवेदन प्रायः लेखांकन सॉफ्टवेयर द्वारा तैयार किया जाता है। फ्टवेयर द्वारा तैयार किया गया लेखांकन प्रतिवेदन या तो दैनिक विवरण की तरह हो सकता है या फिर उपभोक्ता की खास जरूरतों पर आधारित हो सकता है। उदाहरण के लिये, पार्टी के अनुसार बहीखाता एक आम प्रतिवेदन है जबकि किसी पार्टी द्वारा एक खास वस्तु की आपूर्ति पर तैयार किया गया विवरण माँग पर आधारित विवरण है।
एक बड़े परिप्रेक्ष्य के लिहाज से लेखांकन संबंधित प्रबंधन सूचना प्रणाली प्रतिवेदन निम्नलिखित प्रकार के हो सकते:
प्रश्न 4.
कम्प्यूटर प्रणाली के विभिन्न अंगों (elements) का वर्णन करें तथा कम्प्यूटर प्रणाली व मानवीय प्रणाली की आवश्यक विशेषताओं को स्पष्ट करें।
उत्तर:
कम्प्यूटर प्रणाली के विभिन्न अंग/तत्त्व/घटक (Elements of a Computer system) कम्प्यूटर प्रणाली के छः महत्त्वपूर्ण अंग/तत्त्व हैं, जो निम्न प्रकार हैं:
1. यंत्र सामग्री (Hardware): विद्युत एवं विद्युत यांत्रिकीय स्विचन तंत्र पर आधारित की-बोर्ड, माउस, मॉनीटर एवं प्रोसेसर इत्यादि यंत्र-सामग्री कहलाते हैं। Hardware कम्प्यूटर प्रणाली के मुख्य पात्र माने जाते हैं जिनके बिना कम्प्यूटर प्रणाली की परिकल्पना भी सम्भव नहीं है।
2. प्रक्रिया सामग्री (Software): कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर से तात्पर्य कम्प्यूटर भाषा में लिखे गये उन निर्देशों के समूहों, पत्रावलियों व विधियों से है जिनका उपयोग कम्प्यूटर पर कार्य करने के लिए किया जाता है। सॉफ्टवेयर का विकास कम्प्यूटर भाषाओं में किया जाता है जिससे कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर में उपलब्ध निर्देशों का पालन कर सके।
सॉफ्टवेयर निम्न छः प्रकार के होते हैं:
3. उपयोगकर्ता (People): कम्प्यूटर प्रणाली का उपयोग करने वाले व्यक्तियों को लाइववेयर कहा जाता है।
ये मुख्यतः
4. क्रियाविधियाँ (Procedures): क्रियाविधि का अर्थ है ऐच्छिक परिणाम प्राप्त करने के लिये संक्रिया (ऑपरेशन) के क्रम को निश्चित तरीके से चलाना। क्रियाविधि तीन प्रकार की होती हैं जिनमें कम्प्यूटर प्रणाली:
यंत्र सामग्री की ओर की क्रियाविधि कम्प्यूटर के अंगों एवं उनके परिचालन की विधि का विस्तृत विवरण प्रदान करती है।
प्रक्रिया सामग्री की ओर प्रक्रिया कम्प्यूटर प्रणाली के सॉफ्टवेयर को उपयोग करने के लिए आदेशों का समूह प्रदान करती है। सम्पूर्ण कम्प्यूटर प्रणाली की प्रत्येक उपप्रणाली की संक्रिया को क्रमानुसार चलाना एवं डाटा का कम्प्यूटर की धारा का प्रवाह सुनिश्चित करना आंतरिक क्रियाविधि कहलाता है।
5. आँकड़े (Data): अंकों व लेख के रूप में प्रस्तुत तथ्य आँकड़े कहलाते हैं जो कि कम्प्यूटर प्रणाली में भण्डारित होते हैं, आवश्यकता पड़ने पर जिन्हें प्रोसेस किया जा सकता है, ये तुलना करने में सहायक होते हैं।
6. संयुक्तिकरण (Connectivity): इसके द्वारा कम्प्यूटर प्रणाली को सूचनाओं के संग्रहण एवं प्रसार के लिए दूरभाष पथों, उपग्रहों तथा सूक्ष्म तरंग संचरण से जोड़ा जाता है तथा सूचनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शीघ्रता से भेजा जा सकता है।
कम्प्यूटर प्रणाली की आवश्यक विशेषताएँ: कम्प्यूटर प्रणाली की कुछ आवश्यक विशेषताएँ होती हैं, जो इसे मनुष्य से अधिक सामर्थ्यवान बनाती हैं। ये निम्न प्रकार हैं
मानवीय प्रणाली की आवश्यक विशेषताएँ-मानवीय प्रणाली की भी कुछ आवश्यक विशेषताएँ होती हैं, जो कम्प्यूटर प्रणाली में नहीं पाई जाती हैं। ये निम्न प्रकार हैं: