Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Important Questions Chapter 9 जंतुओं में जनन Important Questions and Answers.
Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 8. Students can also read RBSE Class 8 Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 8 Science Notes to understand and remember the concepts easily. Browsing through class 8 science chapter 14 extra questions that includes all questions presented in the textbook.
बहुचयनात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
निम्न में जरायुज जन्तु नहीं है।
(अ) मनुष्य
(ब) मुर्गी
(स) कुता
(द) गाय
उत्तर:
(ब) मुर्गी
प्रश्न 2.
निम्नलिखित में अण्डप्रजक जन्तु है।
(अ) मेंढक
(ब) छिपकली
(स) मुर्गी
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 3.
निम्न में नर जननांग का भाग नहीं है।
(अ) वृषण
(ब) शुक्रवाहिनी
(स) अण्डवाहिनी
(द) शिश्न
उत्तर:
(स) अण्डवाहिनी
प्रश्न 4.
अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है।
(अ) अमीबा में
(ब) पैरामीशियम में
(स) हाइड्रा में
(द) प्लाज्मोडियम में
उत्तर:
(स) हाइड्रा में
प्रश्न 5.
सबसे बड़ा अण्डा जिस जीव का होता है, वह है।
(अ) मेंढक
(ब) मानव
(स) मुर्गी
(द) शुतुर्मुर्ग
उत्तर:
(द) शुतुर्मुर्ग
रिक्त स्थानों की पूर्ति:
प्रश्न 1.
वृषण ................ जननांग है।
उत्तर:
नर
प्रश्न 2.
नर युग्मक एवं मादा युग्मक के ..................... द्वारा जनन को लैंगिक जनन कहते हैं।
उत्तर:
संलयन
प्रश्न 3.
निषेचित अण्डा ............... कहलाता है।
उत्तर:
युग्मनज
प्रश्न 4.
हाइड्रा में .................. द्वारा नए जीव का विकास होता है।
उत्तर:
मुकुल।
सत्य / असत्य:
निम्नलिखित कथनों में सही के लिए 'T ' तथा गलत के लिए 'F' लिखिए:
प्रश्न 1.
प्रत्येक अण्डाणु एकल कोशिका है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
शुक्राणु और अण्डाणु का संलयन युग्मनज कहलाता है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 3.
गर्भाशय वह भाग है जहाँ शिशु का विकास होता है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 4.
नर युग्मक शुक्राणु कहलाता है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 5.
वे जन्तु जो अण्डे देते हैं जरायुज जन्तु कहलाते हैं।
उत्तर:
असत्य
'कॉलम - A' में द्वि गए शब्दों का मिलान 'कॉलम - B' से कीजिए:
प्रश्न 1.
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(i) टैडपोल |
(a) लार्वा |
(ii) बाह्य निषेचन |
(b) मछली |
(iii) जरायुज |
(c) मनुष्य |
(iv) अण्डाणु |
(d) एकल कोशिका |
उत्तर:
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(i) टैडपोल |
(a) लार्वा |
(ii) बाह्य निषेचन |
(b) मछली |
(iii) जरायुज |
(c) मनुष्य |
(iv) अण्डाणु |
(d) एकल कोशिका |
प्रश्न 2.
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(i) हाइड्रा |
(a) अण्डप्रजक |
(ii) अमीबा |
(b) जरायुज |
(iii) मानव |
(c) मुकुलन |
(iv) मुर्गी |
(d) द्विखण्डन |
उत्तर:
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(i) हाइड्रा |
(c) मुकुलन |
(ii) अमीबा |
(d) द्विखण्डन |
(iii) मानव |
(b) जरायुज |
(iv) मुर्गी |
(a) अण्डप्रजक |
प्रश्न 3.
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(i) निषेचन |
(a) टैडपोल का वयस्क में रूपान्तरण |
(ii) कायान्तरण |
(b) एकल जीव द्वारा जनन |
(iii) गर्म |
(c) विकसित भ्रुण |
(iv) अलैंगिक जनन |
(d) शुक्राणु और अण्डाणु का संलयन |
उत्तर:
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(i) निषेचन |
(d) शुक्राणु और अण्डाणु का संलयन |
(ii) कायान्तरण |
(a) टैडपोल का वयस्क में रूपान्तरण |
(iii) गर्म |
(c) विकसित भ्रुण |
(iv) अलैंगिक जनन |
(b) एकल जीव द्वारा जनन |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
लैंगिक जनन से क्या आशय है?
उत्तर:
लैंगिक जनन - इसमें नर तथा मादा युग्मक का संलयन होता है।
प्रश्न 2.
निषेचन किसे कहते हैं?
उत्तर:
शुक्राणु तथा अंडाणु का संलयन निषेचन कहलाता है।
प्रश्न 3.
मुर्गी में निषेचन क्रिया आन्तरिक होती है अथवा बाह्म?
उत्तर:
मुर्गी में आन्तरिक निषेचन होता है।
प्रश्न 4.
रेशम कीट के जीवन चक्र की विभिन्न अवस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
रेशम कीट का जीवन चक्र: अण्डा \(\rightarrow\) लारवा \(\rightarrow\) प्यूपा \(\rightarrow\) वयस्क।
प्रश्न 5.
मेंबक में अण्डे से प्रारम्भ करके वयस्क बनने तक विभिन्न अवस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
अण्डा \(\rightarrow\) टैडपोल (लारवा) \(\rightarrow\) वयस्क।
प्रश्न 6.
दो ऐसे जन्तुओं के नाम लिखिए जिनमें अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है।
उत्तर:
प्रश्न 7.
दो ऐसे जन्तुओं के नाम लिखिए जिनमें अलँगिक जनन विखंडन द्वारा होता है।
उत्तर:
प्रश्न 8.
क्लोनिंग किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी समरूप कोशिका अथवा किसी अन्य जीवित भाग अथवा सम्पूर्ण जीव को कृत्रिम रूप से उत्पन्न करने की प्रक्रिया क्लोनिंग कहलाती है।
प्रश्न 9.
डाली नामक क्लोन की मृत्यु कब हुई थी?
उत्तर:
14 फरवरी, 2003 को।
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
अलैंगिक जनन तथा लैंगिक जनन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction) |
लैंगिक जनन (Sexual Reproduction) |
1. केवल एक ही जनक भाग लेता है। |
1. दो जनक भाग लेते हैं। |
2. युग्मकों का बनना अथवा संलयन नहीं होता है। |
2. युग्मकों का बनना अथवा संलयन होता है। |
3. उत्पन्न जीव अपने जनक . से मिलते-जुलते होते हैं। |
3. पीढ़ी दर पीढ़ी विभिन्नताएँ आती हैं। |
4. इसका विकास से कोई सम्बन्ध नहीं होता है। |
4. यह विकास में महत्वपूर्ण कार्य करता है। |
प्रश्न 2.
मानव नर जननांग के विभिन्न भागों के नाम लिखिए। शुक्राणु की संरचना को समझाइए।
उत्तर:
मानव नर जननांग के मुख्य अंगों में एक जोड़ा वृषण, दो शुक्राणु नलिकाएँ तथा एक शिश्न (लिंग) होता है। शुक्राणु की संरचना-मानय में वृषण नर युग्मक उत्पन्न करता है, जिन्हे शुक्राणु कहते हैं। इनकी संख्या लाखों में होती है। ये बहुत सूक्ष्म होते हैं। इनमें एक सिर, एक मध्य भाग व एक पूँछ पाई जाती है।
प्रश्न 3.
मानव में नर जननांग का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न 4.
मादा जनन अंग के विभिन्न भागों के नाम लिखिए। अंडाणु की संरचना समझाइए।
उत्तर:
मानव मादा जनन अंग में एक जोड़ी अंडाशय, अंडवाहिनी और एक गर्भाशय होता है। अंडाणु (ovum) की संरचना - अंडाशय द्वारा मादा युग्मक
उत्पन्न होता है जिसे अण्डाणु (डिंब ) कहते हैं। मानव (स्त्रियों) में प्रति मास दोनों अण्डाशयों में से किसी एक अण्डाशय से एक विकसित अण्डाणु अथवा डिम्ब का निर्मोचन अंडवाहिनी में होता है। यह एकल कोशिका होती है
प्रश्न 5.
मानव में मादा जनन तन्त्र का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न 6.
IVF ( इनविट्रो निषेचन ) से क्या आशय है? समझाइए।
उत्तर:
कुछ स्त्रियों की अण्डवाहिनी अवरुद्ध हो जाने के कारण वे शिशु उत्पन्न करने में सक्षम नहीं होती हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर ताजा अण्डाणु और शुक्राणु एकत्र करके उचित माध्यम में कुछ घण्टों के लिए एक साथ रखते हैं जिससे IVF अथवा इनविट्रो निषेचन (शरीर से बाहर कृत्रिम निषेचन) हो सके। यदि निषेचन हो जाता है, तो युग्मनज को लगभग एक सप्ताह तक विकसित किया जाता है जिसके पश्चात् उसे माता के गर्भाशय में स्थापित किया जाता है। माता के गर्भाशय में पूर्ण विकास होता है तथा शिशु का जन्म सामान्य शिशु की तरह होता है। इस तकनीकी द्वारा जन्मे शिशु को परखनली शिश् भी कहते हैं।
प्रश्न 7.
बाह्य निषेचन क्या है? मेंढक में यह क्रिया किस प्रकार सम्पन्न होती है?
उत्तर:
बाह्या निषेचन:
जब नर व मादा युग्मक का संलयन मादा के शरीर के बाहर होता है, उसे बाह्य निषेचन कहते हैं। हम देखते हैं कि बसन्त अथवा वर्षा ऋतु में मेंढक तथा टोड पोखर, तालाब और मन्द गति से बहते झरने की ओर जाते हैं। नर और मादा एक साथ पानी में आते हैं तो मादा सैकड़ों अंडे देती है। मुर्गी के अण्डे की तरह मेंढक के अण्डे कवच से ढके नहीं होते और यह अपेक्षाकृत बहुत कोमल होते हैं। जैली की एक परत अण्डों को एक साथ रखती है तथा इनकी सुरक्षा भी करती है।
मादा जैसे ही अण्डे देती है, नर उस पर शुक्राणु छोड़ देता है। प्रत्येक शुक्राणु अपनी लम्बी पूँछ की सहायता से जल में इधर - उधर तैरते रहते हैं। शुक्राणु अण्डकोशिका के सम्पर्क में आते हैं जिसके फलस्वरूप निषेचन होता है। इस प्रकार का निषेचन बाह्य निषेचन कहलाता है।
प्रश्न 8.
मुर्गी में आन्तरिक निषेचन होता है फिर भी यह अण्डे देती है। क्यों?
उत्तर:
मुर्गी में आन्तरिक निषेचन होने के बाद भी यह अण्डे देती है, बच्चों को जन्म नहीं देती। इसका कारण यह है कि मुर्गी में निषेचन होने के बाद जो युग्मनज बनता है, वह लगातार विभाजित होता रहता है तथा अण्डवाहिनी के नीचे की ओर बढ़ता रहता है। इसके नीचे बढ़ने के साथ-साथ इस पर सुरक्षित परत चढ़ती जाती है। कठोर कवच के पूर्ण रूप से बन जाने के बाद मुर्गीं अण्डे का निर्मोचन करती है। मुर्गी के आण्डे को चूजा बनने में लगभग तीन सप्ताह का समय के अण्डे को चूजा बनने में लगभग तीन सप्ताह का समय लगता है। इस समय मुर्गी इन अण्डों पर बैठकर उन्हें ऊष्मा देती रहती है। चूजे के पूर्ण रूप से विकसित होने के बाद कवच के प्रस्फुटन के बाद चूजा बाहर आता है। इसी प्रकार बाह्य निषेचन वाले जन्तुओं में भ्रूण का विकास मादा शरीर के बाहर ही होता है। भ्रूण का विकास पूर्ण होने पर अण्डजोत्पतित होती है।
प्रश्न 9.
जरायुज एवं अण्डप्रजक जन्तु से क्या आशय है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जरायुज (Viviparous):
वे जन्तु जो सीधे शिशु को जन्म देते हैं, जरायुज जन्तु कहलाते हैं; जैसे - गाय, बिल्ली, कुता आदि। ये अण्डे उत्पन्न नहीं करते; इनकी मादा विकसित शिशु को जन्म देती है। इन्हें जरययुज कहा जाता है।
अण्डप्रजक (Oviparous):
वे जन्तु जो अण्डे देते हैं, अण्डप्रजक जन्तु कहलाते हैं; जैसे मेंढक, छिपकली, तितली आदि। ये जन्तु अण्डे देते हैं। इनके शिशु अण्डों से विकसित होते हैं।
प्रश्न 10.
यदि मादा के शरीर से अणडवाहिनियाँ हटा दी जाये तो जनन पर क्या प्रभाव होगा?
उत्तर:
मादा शरीर की अण्डवाहिनियों में शुक्राणु एवं अण्डाणु का संलयन होता है जिससे युग्मनज का निर्माण होता है जो विकसित होकर संतति (शिशु) में परिवर्तित हो जाता है। मादा शरीर से अण्डवाहिनियाँ हटाने पर युग्मक संलयन नहीं होगा जिससे जनन क्रिया रुक जाएगी।
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
लँगिक जनन किसे कहते हैं? मनुष्य में युग्मनज बनने व भ्रूण के विकास को नामांकित चित्र सहित समझाइए।
अथवा
मानव में भूरण परिवर्धन की क्रिया को समझाइए।
उत्तर:
लैंगिक जनन: ऐसा जनन जिसमें नर तथा मादा युग्मक का संलयन होता है, लँगिक जनन कहलाता है।
मनुष्य में युग्मनज का बनना तथा भ्रूण का विकास:
मनुष्य में जनन प्रक्रिया में जब शुक्राणु, अण्डाणु के सम्पर्क में आते हैं, तो इनमें से एक शुक्राणु अण्डाणु के साथ संलयिंत हो जाता है। शुक्राणु और अण्डाणु का यह संलयन निषेचन कहलाता है। निषेचन के समय शुक्राणु तथा अण्डाणु संलयित होकर एक हो जाते हैं। निषेचन के परिणामस्वरूप युग्मनज का निर्माण होता है। यही युग्मनज विकसित होकर भ्रूण बनाता है। युग्मनज लगातार विभाजित होकर कोशिकाओं के गोले में बदल जाता है। तत्पश्चात् कोशिकाएँ समूंहीकृत होने लगती हैं तथा विभिन्न अतकों और अंगों में परिवर्धित हो जाती हैं। इस विकसित हुई संरचना को भूरण कहते हैं। भूरण गर्भाशय की दीवार में रोपित होकर विकसित होता रहता है। गर्भाशय में भ्रूण का निरन्तर विकास होता रहता है। धीरे - धीरे विभिन्न शारीरिक अंग जैसे कि हाथ, पैर, सिर, आँख, कान इत्यादि विकसित हो जाते हैं। भूण की वह अवस्था जिसमें सभी शारीरिक भागों की पहचान हो सके, गर्भ कहलाता है। जब गर्भ का विकास पूरा हो जाता है, तो माँ नवजात शिशु को जन्म देती है।
प्रश्न 2.
निषेचन किसे कहते हैं? जन्तुओं में निषेचन कितने प्रकार का होता है? नाम लिखिए। निषेचन क्रिया का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
निषेचन: जब नर शुक्राणु मादा अण्डाणु के सम्पर्क में आते हैं तो एक शुक्राणु अण्डाणु के साथ संलयित हो जाता है। शुक्राणु और अण्डाणु का यह संलयन निषेचन कहलाता है।
प्रकार: जन्तुओं में निषेचन दो प्रकार से होता है
निषेचन क्रिया: वृषण, नर युग्मक उत्पन्न करते हैं, जिन्हें शुक्राणु कहते हैं। वृषण लाखों शुक्राणु उत्पन्न करते हैं। अण्डाशय मादा युग्मक उत्पन्न करते हैं जिसे अण्डाणु (डिम्ब) कहते हैं। जब शुक्राणु, अण्डाणु के सम्पर्क में आते हैं, तो इनमें से एक शुक्राणु अण्डाणु के साथ संलयित हो जाता है। शुक्राणु और अण्डाणु का यह संलयन निषेचन कहलाता है। निषेचने के समय शुक्राणु और अण्डाणु संलयित होकर एक हो जाते हैं। निषेचन के परिणामस्वरूप युग्मनज का निर्माण होता है।
प्रश्न 3.
कायान्तरण किसे कहते हैं? मेंढक में अण्डे से वयस्क के बनने तक के विकास को नामांकित चित्र सहित समझाइए।
अथवा
मेंढक में कायान्तरण की क्रिया को सचित्र समझाइए।
उत्तर:
कांयान्तरण: लारवा के कुछ विशेष परिवर्तनों द्वारा वयस्क जन्तु में बदलने की प्रक्रिया को कायान्तरण कहते हैं। टैडपोल लाखवा जिसमें मछली के गुण पाए जाते हैं, से वयस्क मेंढक में परिवर्तन कायान्तरण द्वारा ही होता है।
मेंढक में अण्डे से प्रारम्भ करके वयस्क बनने तक की क्रिया में तीन अवस्थाएँ स्पष्ट दिखाई देती है
मादा मेंबक अण्डे पानी में देती है जहाँ शक्राणुओं द्वारा इनका बाह्य निषेचन होता है। निषेचन के बाद अण्ड़ों से टैडपोल (लारवा) निकलते हैं। इनकी प्रकृति जलीय जीव मछली जैसी होती है। इसमें मेंढक के गुण नहीं होते हैं। टैडपोल में परिवर्तन कई प्रकार से होते हैं, जो वयस्क मेंडक का निर्माण करते हैं।
प्रश्न 4.
क्लोन क्या है? पशु क्लोनीकरण की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
क्लोन: किसी समरूप कोशिका या किसी अन्य जीवित भाग अथवा सम्पूर्ण जीव को कृत्रिम रूप से उत्पन्न करने की प्रक्रिया क्लोनिंग कहलाती है।
पशु क्लोनीकरण (Animal Cloning):
पशु क्लोनीकरण की न्रीव डॉं. इयान विलमट और उनके साथियों द्वारा रखी गई। इस प्रक्रिया में इन्होंने एक मादा भेड़ के स्तन की कोशिकाएँ लेकर इन्हें पोषणविहीन संवर्ध माध्यम में रखा जिससे इन कोशिकाओं की विभाजन क्षमता रूक जाए और इनके क्रियाशील जीन कार्य करना बन्द कर दें। अब स्तन कोशिका से इसके केन्द्रक को अलग किया गया। इसके साथ ही दूसरी मादा भेड़ से ली गई अण्डकोशिका को केन्द्रकरहित किया गया।
इसके बाद स्तन कोशिका केन्द्रक को केन्द्रकविहीन अण्ड कोशिका के साथ विद्युतीय उद्द्रीपन द्वारा संयोजित कर दिया गया, अतः इस अण्डकोशिका में माता का केन्द्रक स्थापित हो गया। बाद में जिसे दूसरी (आतिथेय माँ) भेड़ के गर्भीशय में रोपित कर दिया गया, जहाँ वह एक मेमना के रूप में विकसित हुई। इस प्रकार माँ की आनुवंशिक प्रतिकृति डॉली (Dolly) का जन्म हुआ । इसका प्रथम केन्द्रक माँ भेड़ कोशिका से लिया गया था, अतः आनुर्वशिक रूप से यह माता भेड़ की ही प्रतिकृति है।
प्रश्न 5.
अलैंगिक जनन के लक्षण क्या हैं? अलैंगिक जनन के लाभ तथा हानियाँ लिखिए।
उत्तर:
अलैगिक जनन के लक्षण:
अलैंगिक जनन के लाभ: अलैंगिक जनन सरल और तीव्भ गति से होता है।
अलैगिक जनन से हानियाँ: