Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Important Questions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव Important Questions and Answers.
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बहुचयनात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
निम्न में से विद्युत का कुचालक है।
(अ) नींबू का रस
(ब) आसुत जल
(स) सिरका
(द) समुद्री जल
उत्तर:
(ब) आसुत जल
प्रश्न 2.
प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED) के साथ जुड़े लम्बे तार को जोड़ा जाता बैटरी के।
(अ) धन सिरे से
(ब) ऋण सिरे से
(स) धन या ऋण किसी से भी
(द) न धन से वन ऋण से
उत्तर:
(अ) धन सिरे से
प्रश्न 3.
जल में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर हाइड्रोजन गैस इकट्ठी होती है
(अ) एनोड (धन सिरे) पर
(ब) कैथोड (ऋण सिरे) पर
(स) न एनोड पर न कैथोड पर
(द) दोनों पर
उत्तर:
(ब) कैथोड (ऋण सिरे) पर
प्रश्न 4.
जल के विद्युत अपघटन पर धन टर्मिनल पर एकत्रित होने वाली गैस है।
(अ) ऑक्सीजन
(ब) हाइड्रोजन
(स) ऑक्सीजन व हाइड्रोजन दोनों
(द) नाइट्रोजन
उत्तर:
(अ) ऑक्सीजन
प्रश्न 5.
साइकिल हैन्डिल पर लेपन होता है।
(अ) कॉपर का
(ब) सिल्वर का
(स) क्रोमियम का
(द) लोहे का
उत्तर:
(स) क्रोमियम का
रिक्त स्थानों की पूर्ति:
प्रश्न 1.
पदार्थों को .................. तथा ............ के रूप में वर्गीकृत करने की अपेक्षा अच्छे चालकों तथा हीन चालकों के रूप में वर्गीकृत करने को अधिक मान्यता दी जाती है।
उत्तर:
चालकों, विद्युतरोधियों
प्रश्न 2.
टिन .................... से कम क्रियाशील होता है।
उत्तर:
लोहे।
सत्य / असत्य:
निम्नलिखित कथनों में सही के लिए 'T' तथा गलत के लिए 'F' अंकित कीजिए:
प्रश्न 1.
नमक का घोल विद्युत का अच्छा चालक है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
आसुत जल विद्युत का हीन चालक होता है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 3.
विधुतलेपन एक अनुपयोगी उपक्रम है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 4.
लोहे में संक्षारित होने तथा जंग लगने की प्रवृत्ति होती है।
उत्तर:
सत्य
'कॉलम - A' में दिए गए शब्दों का मिलान 'कॉलम - B' से कीजिए:
प्रश्न 1.
कौलम - A |
कॉलम - B |
(i) सुचालक |
(a) रबड़ |
(ii) हीन चालक |
(b) टिन |
(iii) कुचालक |
(c) वायु |
(iv) विद्युत लेपन |
(d) ताँबा |
उत्तर:
कौलम - A |
कॉलम - B |
(i) सुचालक |
(d) ताँबा |
(ii) हीन चालक |
(c) वायु |
(iii) कुचालक |
(b) टिन |
(iv) विद्युत लेपन |
(a) रबड़ |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
इलेक्ट्रोड्स क्या होते हैं?
उत्तर:
चालक छड़, प्लेटें आदि जिनमें से धारा विद्युत अपघट्य में प्रवेश करती है या बाहर निकलती है, इलेक्ट्रोड्स कहलाती हैं।
प्रश्न 2.
वैद्युत अपघट्यों के विलयन में विद्युत की चालकता कैसे होती है?
उत्तर:
वैद्युत अपघट्य अपने विलयनों में आयन देते हैं। धनायनों का कैथोड की ओर तथा ऋणायनों का एनोड की ओर गतिमान होने से विद्युत चालन होता है।
प्रश्न 3.
हमें वैद्युत साधित्रों का उपयोग कभी भी गीले हाथों से अथवा गीले फर्श पर खड़े होकर क्यों नहीं करना चाहिए?
उत्तर:
जल में थोड़ी मात्रा में प्राकृतिक रूप से विद्यमान खनिज लवण जल को चालक बना देते हैं। इसीलिए हमें वैधुत साधित्रों का उपयोग कभी भी गीले हाथों से अथवा गीले फर्श पर खड़े होकर नहीं करना चाहिए।
प्रश्न 4.
सिल्वर विद्युतलेपन में कौन से विद्युत अपघट्य का उपयोग होता है?
उत्तर:
सिल्वर नाइट्रेट विलयन का उपयोग होता है।
प्रश्न 5.
कॉपर लेपन में स्वतंत्र कॉपर (ताँबा) बैटरी के किस टर्मिनल पर एकत्रित होता है?
उत्तर:
कॉपर लेपन में स्वतंत्र कॉपर ऋण टर्मिनल से संयोजित इलेक्ट्रोड पर एकत्रित होता है।
प्रश्न 6.
विद्युतधारा का रासायनिक प्रभाव क्या है?
उत्तर:
वह प्रक्रिया जिसके द्वारा कुछ द्रव विद्युत का संवहन करते हैं तथा आयनों में विभक्त हो जाते हैं, विद्युतधारा का रासायनिक प्रभाव है।
प्रश्न 7.
ऐसे द्रवों के नाम बताइए जिनसे विद्युत का संवहन नहीं होता।
उत्तर:
आसुत जल, तेल।
प्रश्न 8.
ऐसे द्रव का नाम बताइए जो विद्युत का सुचालक है परन्तु विद्युतधारा प्रवाहित करने पर विद्युत अपघटित नहीं होता।
उत्तर:
मर्करी।
प्रश्न 9.
किन्हीं चार द्रवों के नाम लिखिए जो विद्युत के चालक हैं।
उत्तर:
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1. LED का पूरा नाम लिखिए। इसका एक उपयोग भी लिखिए।
उत्तर:
LED का पूरा नाम 'प्रकाश उत्सर्जक डायोड' है। उपयोग - दुर्बल विद्युत धारा प्रवाहित होने पर LED का उपयोग किया जाता है क्योंकि यह उसमें भी दीप्त होता।
प्रश्न 2.
विद्युतलेपन विधि किसे कहते हैं? इसके दो उपयोग लिखिए।
उत्तर:
विद्युतलेपन विधि-विद्युत धारा द्वारा किसी पदार्थ पर वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की विधि को विद्युतलेपन विधि कहते हैं।
उपयोग:
प्रश्न 3.
विद्युत के सुचालक तथा विद्युत के हीनचालक या कुचालक से क्या समझते हो?
उत्तर:
वह पदार्थ जो अपने से होकर विद्युतधारा को प्रवाहित होने देते हैं, वे विद्युत के सुचालक होते हैं। इसके विपरीत वह पदार्थ जो अपने से होकर विद्युतधारा को आसानी से प्रवाहित नहीं होने देते, वे विद्युत के हीन चालक होते हैं। कॉपर तथा ऐलमिनियम विद्युत का चालन करते हैं जबकि रबड़, प्लास्टिक तथा लकड़ी विद्युत का चालन नहीं करते।
प्रश्न 4. किसी एक संपरीक्षित्र (tester) का चित्र बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न 5.
नींबू के रस में विद्युतचालन का परीक्षण कैसे करेंगे?
उत्तर:
एक प्लास्टिक के बीकर में नींबू का थोड़ा-सा रस लीजिए। संपरीक्षित्र को इसके समीप लाकर उसके सिरों को नींबू के रस में डुबोइए। ध्यान रखिए कि दोनों सिरे परस्पर 1 cm से अधिक दूरी पर न हों, लेकिन इसी के साथ - साथ वे एक - दूसरे को स्पर्श भी न करें। यदि बल्ब है तो यह बताता है कि नींबू का रस विद्युत का चालन करता है।
प्रश्न 6.
दुर्बल विद्युतधारा में भी प्रदीप्त होने वाली युक्ति का नाम लिखें। इसे परिपथ में कैसे जोड़ा जाता है? विद्युत परिपथ का रेखाचित्र बनाइए।
उत्तर:
प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED) दुर्बल विद्युत धारा प्रवाहित होने पर भी दीप्त होता है। LED को परिपथ में जोड़नाLED के साथ दो तार जुड़े होते हैं। इन तारों को लीड्स कहते हैं। एक तार दूसरे की अपेक्षा थोड़ा लम्बा होता है। LED को किसी मपरिपथ में जोड़ते समय इसके लम्बे चित्र - LED का तार को सदैव बैटरी के धन टर्मिनल विद्युत परिपथ से तथा छोटे तार को बैटरी के ऋण टर्मिनल से जोड़ते हैं।
प्रश्न 7.
विद्युतधारा के चुम्बकीय प्रभाव का उपयोग करके कोई संपरीक्षित्र कैसे बना सकते हैं?
उत्तर:
माचिस की खाली डिबिया से ट्रे निकालिए। पर चित्र में दर्शाए अनुसार एक विद्युत तार के कुछ फेरे लपेटिए। ट्रे के भीतर एक छोटी चुम्बकीय सुई रखिए। अब तार के एक स्वतंत्र सिरे को बैटरी में एक टर्मिनल से जोडिए। तार के दूसरे सिरे को स्वतंत्र छोड़ दीजिए। तार का एक दूसरा टुकड़ा लेकर बैटरी के दूसरे टर्मिनल से जोड़िए। दोनों तारों के स्वतंत्र सिरों को क्षणमात्र के लिए एक - दूसरे से स्पर्श कराइए। चुम्बकीय सुई में विक्षेप दिखाई पड़ता है। इस प्रकार तार के दो स्वतंत्र सिरों वाला संपरीक्षित्र तैयार है।
प्रश्न 8.
दर्शाइए कि आसुत जल (distilled water) को कैसे विद्युत का चालक बनाया जा सकता है।
उत्तर:
एक स्वच्छ तथा सूखे प्लास्टिक के बीकर में थोड़ा आसुत जल भरिए। संपरीक्षित्र से परीक्षण करने पर ज्ञात होगा कि आसुत जल विद्युत चालन नहीं करता है। अब एक चुटकी साधारण नमक लेकर इसे आसुत जल में घोलिए। फिर परीक्षण कीजिए। हम देखते हैं कि अब यह विद्युत का चालन करता है।
प्रश्न 9.
विद्युतधारा के रासायनिक प्रभाव बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 10.
आलू की चालकता का परीक्षण कैसे करेंगे?
उत्तर:
एक आलू को दो बराबर भागों में काटिए तथा संपरीक्षित्र के ताँबे के तारों को इसमें निर्विष्ट करा दीजिए। धन टर्मिनल से संयोजित तार के चारों ओर नीला धब्बा बनता है। यह दर्शाता है कि आलू विद्युत का सुचालक है।
प्रश्न 11.
कॉपर अपघटन धारामापी का एनोड कॉपर का ही बना होता है। समझाइए क्यों?
उत्तर:
कॉपर अपघटन धारामापी में धारा प्रवाहित करने पर इसमें विद्युत अपघट्य के रूप में प्रयुक्त कॉपर सल्फेट विलयन कॉपर तथा सल्फेट में वियोजित हो जाता है। स्वतंत्र कॉपर (ताँबा) बैटरी के ऋण टर्मिनल से संयोजित इलेक्ट्रोड की ओर आकर्षित होता है तथा उस पर निक्षेपित हो जाता है किन्तु विलयन में इससे कॉपर की मात्रा कम होती जाती है। इसे पूरा करने के लिए इसमें एनोड ताँबे की प्लेट का बनाते हैं जिससे समान मात्रा में कॉपर विलयन में घुलता जाता है। इस प्रकार विलयन में जो कॉपर कम हुआ, वह विलयन में पुनः स्थापित हो जाता है। यही कारण है कि कॉपर अपघटनी धारामापी का एनोड कॉपर का ही बनाते हैं।
प्रश्न 12.
चित्र की सहायता से धात्विक वस्तु के ऊपर कॉपर का निक्षेपित होना दर्शाइए।
उत्तर:
इसके लिए किसी स्वच्छ तथा सूखे बीकर में 250ml आसुत जल लेकर इसमें दो चम्मच कॉपर सल्फेट घोलिए। इसे अधिक चालक बनाने के लिए कुछ बूंदें तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की डाल दें। दो ताँबे की प्लेटों को साफ करके इस विलयन में डुबोइए तथा इन प्लेटों को बैटरी के टर्मिनलों से संयोजित कर दीजिए। परिपथ में लगभग 15 मिनट तक विद्युतधारा प्रवाहित करते हैं। इससे कॉपर ऋण ध्रुव पर एकत्रित होता जाता है। धारा प्रवाह बन्द करके प्लेटों के अवलोकन से यह विदित होगा कि ऋण ध्रुव पर संयोजित प्लेट पर ताँबे की परत चढ़ जाती है। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि विद्युत लेपन की प्रक्रिया में धात्विक वस्तु के ऊपर कॉपर निक्षेपित होता है।
प्रश्न 13.
गलित सोडियम क्लोराइड विद्युत का चालन क्यों करता है?
उत्तर:
ठोस अवस्था में सोडियम क्लोराइड (NaCl) भी आयनिक रूप होता है। परन्तु ये आयन्स (Na+ तथा Cl-) एक-दूसरे से बहुत निकट होते हैं तथा एक - दूसरे से बन्धित होते हैं। जब NaCl गलित अवस्था में होता है तो Na+ तथा CI- आयन्स के मध्य आकर्षण बल बहुत कम हो जाता है तथा आयन्स गति के लिए स्वतंत्र हो जाते हैं। ये आयन्स विद्युत का चालन करते हैं।
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
विद्युतलेपन क्या है? यह क्यों किया जाता है? चित्र की सहायता से इसके करने की विधि की व्याख्या कीजिए।
अथवा
चाँदी के आभूषणों पर सोने का लेप चढ़ाने हेतु उपयोग में ली जाने वाली विधि का नाम लिखें। इस विधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विद्युतलेपन (electroplating):
विद्युतधारा द्वारा किसी पदार्थ पर किसी वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को विद्युतलेपन कहते हैं। चाँदी के आभूषणों पर विद्युतलेपन विधि द्वारा ही सोने का लेप चढ़ाया जाता है। विधुतलेपन निम्न कारणों से किया जाता है।
विद्युतलेपन की विधि: जिस पर लेपन करना है उसे बैटरी के ऋण ध्रुव पर और जिसका लेपन करना है उसे बैटरी के धन ध्रुव पर संयोजित करते हैं और विद्युत अपघट्य लेपन वाले धातु के लवण के विलयन में डुबोते हैं। जब धारा प्रवाहित की जाती है तो एक पतली परत (धन ध्रुव) वाले धातु की ऋण ध्रुव पर रखी वस्तु पर जमा हो जाती है।
प्रश्न 2.
विद्युत लेपन एक महत्त्वपूर्ण प्रक्रम है। क्यों? समझाइए।
उत्तर:
हम जानते हैं कि विद्युत लेपन प्रक्रम में धातु की वस्तुओं पर किसी दूसरी धातु की पतली परत चढ़ाई जाती है। इसमें चढ़ाई गई धातु की परत में कुछ ऐसे वांछित गुण होते हैं जो उस वस्तु की धातु में नहीं होते, जिस पर निक्षेपण किया जाता है, जैसे कार के कुछ भागों में, स्नानगृह की टोंटी, साइकिल का हैंडिल, पहिए की रिम आदि पर क्रोमियम का लेपन किया जाता है। क्रोमियम चमकदार होता है तथा यह संक्षारण को रोकता है । क्रोमियम एक महंगी धातु है, अतः पूरी वस्तु क्रोमियम की बनाना आर्थिक दृष्टि से व्यावहारिक नहीं होता।
अतः वस्तु को किसी सस्ती धातु से निर्मित करके उस पर क्रोमियम की परत निक्षेपित कर देते हैं। आभूषण बनाने वाले सस्ती धातुओं पर चाँदी तथा सोने का विद्युत लेपन करते हैं। ये दिखने में चाँदी - सोने जैसे लगते हैं किन्तु ये सस्ते होते हैं। खाद्य पदार्थों के भण्डारण में प्रयुक्त टिन डिब्बों में लोहे के ऊपर टिन का विद्युतलेपन करते हैं। टिन लोहे से कम क्रियाशील होता है तथा इससे खाद्य पदार्थ लोहे के सम्पर्क में नहीं आते तथा खराब होने से बच जाते हैं। पुलों तथा स्वचालित वाहनों को प्रबल बनाने के लिए लोहा उपयोग में लाते हैं। यद्यपि लोहे में संक्षारित होने तथा जंग लगने की प्रवृत्ति होती है अतः इसे संक्षारण तथा जंग लगने से बचाने के लिए लोहे पर जिंक की परत निक्षेपित कर दी जाती है। इस प्रकार विद्युतलेपन की प्रक्रिया का व्यापक उपयोग है।