Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Important Questions Chapter 11 बल तथा दाब Important Questions and Answers.
बहुचयनात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
निम्न में बल के कार्य हैं।
(अ) बल किसी वस्तु को विराम अवस्था से गति में ला सकता है।
(ब) बल किसी गतिशील वस्तु की चाल परिवर्तित कर सकता है।
(स) बल किसी गतिशील वस्तु की दिशा में परिवर्तन कर सकता है।
(द) बल उपरोक्त सभी कार्य करने में सक्षम है।
उत्तर:
(द) बल उपरोक्त सभी कार्य करने में सक्षम है।
प्रश्न 2.
पेशीय बल है।
(अ) सम्पर्क बल
(ब) असम्पर्क बल
(स) घर्षण बल
(द) उपरोक्त में कोई नहीं
उत्तर:
(अ) सम्पर्क बल
प्रश्न 3.
निम्न में असम्पर्क बल का उदाहरण नहीं है।
(अ) चुम्बक का लोहे पर बल
(ब) स्थिरवैद्युत बल
(स) पेशीय बल
(द) गुरुत्व बल
उत्तर:
(स) पेशीय बल
प्रश्न 4.
दाब का सूत्र है।
(स) दाब = बल x क्षेत्रफल
(द) अ तथा ब दोनों
उत्तर:
प्रश्न 5.
225kg द्रव्यमान के किसी पिंड का भार होगा।
(अ) 225N
(ब) 2250N
(स) 2500N
(द) अनिश्चित
उत्तर:
(ब) 2250N
रिक्त स्थानों की पूर्ति:
प्रश्न 1.
................ दो वस्तुओं के बीच अन्योन्य क्रिया केकारण लगता है।
उत्तर:
बल
प्रश्न 2.
प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को .............. कहते हैं।
उत्तर:
दाब
प्रश्न 3.
सभी वस्तुएँ एक - दूसरे के ऊपर बल लगाती हैं, यह ............ बल कहलाता है।
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण
सत्य / असत्य:
निम्नलिखित कथनों में सही के लिए 'T' तथा गलत के लिए 'F' अंकित कीजिए:
प्रश्न 1.
बल दो वस्तुओं के बीच अन्योन्य क्रिया के कारण लगता है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
बल में केवल दिशा होती है परिमाण नहीं होता।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 3.
बल किसी वस्तु की आकृति में परिवर्तन नहीं कर सकता।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 4.
घर्षण बल ही हमें अपने सभी क्रियाकलाप करने योग्य बनाता है।
उत्तर:
प्रश्न 5.
मांसपेशियों के क्रियास्वरूप लगने वाले बल को पेशीय बल कहते हैं।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 6.
किसी एक चुम्बक पर दूसरे चुम्बक द्वारा लगाया गया बल असम्पर्क बल का उदाहरण है।
उत्तर:
सत्य
'कॉलम - A' में दिए गए शब्दों का मिलान 'कॉलम - B' से कीजिए:
प्रश्न 1.
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(i) गुरुत्व बल |
(a) मांसपेशियों द्वारा लगाया गया बल |
(ii) स्थिर वैद्युत बल |
(b) वायु द्वारा लगाया गया दाब |
(iii) वायुमंडलीय दाब |
(c) आवेशित वस्तु द्वारा लगाया गया बल |
(iv) पेशीय बल |
(d) पृथ्वी द्वारा लगाया गया आकर्षण बल |
उत्तर:
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(i) गुरुत्व बल |
(d) पृथ्वी द्वारा लगाया गया आकर्षण बल |
(ii) स्थिर वैद्युत बल |
(c) आवेशित वस्तु द्वारा लगाया गया बल |
(iii) वायुमंडलीय दाब |
(b) वायु द्वारा लगाया गया दाब |
(iv) पेशीय बल |
(a) मांसपेशियों द्वारा लगाया गया बल |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
बल किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी वस्तु पर लगने वाले धक्के (अभिकर्षण) या खिंचाव (अपकर्षण) को बल कहते हैं।
प्रश्न 2.
बल के अभाव में पिंडों की प्रवृत्ति क्या होती है?
उत्तर:
बल के अभाव में पिंड या तो विरामावस्था में रहेगा या सरल रेखा में एक समान वेग से गति करेगा।
प्रश्न 3.
फर्श पर लुढ़क रही गेंद कुछ देर पश्चात् स्वयं रुक जाती है, इसके लिए कौन-सा बल उत्तरदायी है?
उत्तर:
फर्श पर लुढ़क रहीं गेंद के स्वयं रुकने के लिए घर्षण बल उत्तरदायी है।
प्रश्न 4.
यदि किसी वस्तु पर दो बल विपरीत दिशा में कार्य करते हैं तो कुल बल का मान कितना होगा?
उत्तर:
बल का कुल मान दोनों बलों के अन्तर के बराबर होगा।
प्रश्न 5.
पेशीय बल से क्या आशय है?
उत्तर:
हमारे शरीर की मांसपेशियों द्वारा लगाया गया बल पेशीय बल होता है।
प्रश्न 6.
विद्युत बल क्या है?
उत्तर:
दो आवेशित वस्तुओं के बीच लगने वाले आकर्षण या प्रतिकर्षण बल को विद्युत बल कहते हैं।
प्रश्न 7. चुम्बकीय बल को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
दो चुम्बकीय ध्रुवों के बीच अथवा एक चुम्बकीय ध्रुव तथा किसी चुम्बकीय पदार्थ जैसे लोहे के बीच लगने वाले बल को चुम्बकीय बल कहते हैं।
प्रश्न 8.
उस बल का नाम बताइए जो केवल सम्पर्क में रखी दो वस्तुओं के बीच ही कार्य करता है।
उत्तर:
घर्षण बल।
प्रश्न 9.
दो उदाहरण दीजिए जहाँ वस्तु की गति बदलने के लिए बल लगाया जाता है।
उत्तर:
ठोकर मारना, खींचना।
प्रश्न 10.
दाब किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं।
प्रश्न 11.
सम्पर्क बल के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 12.
असम्पर्क बल किसे कहते हैं?
उत्तर:
वस्तुओं के सम्पर्क में न होने पर भी लगने वाला बल असम्पर्क बल कहलाता है।
प्रश्न 13.
असम्पर्क बल के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
बल किसे कहते हैं? अन्योन्य क्रिया के कारण बल कैसे कार्य करता है?
उत्तर:
बल - किसी वस्तु पर लगने वाले धक्के (अभिकर्षण) या खिंचाव (अपकर्षण) को बल कहते हैं। अन्योन्य क्रिया के कारण बल-हम यह कह सकते हैं कि बल लगने के लिए कम से कम दो वस्तुओं में अन्योन्य क्रिया होनी आवश्यक है। जैसे हम केवल कार के पीछे खड़े रहने मात्र से उसे गति नहीं दे सकते जब तक कि हम कार को धक्का नहीं लगाते । इस प्रकार हमारे व कार के मध्य यह क्रिया अन्योन्य क्रिया कहलाती है।
प्रश्न 2.
बल के परिमाण से क्या आशय है? समझाइए।
उत्तर:
हम जानते हैं कि यदि किसी वस्तु को दो व्यक्ति एक साथ एक ही दिशा में धकेलें तो वस्तु आसानी से आगे खिसक जाती है तथा यह कार्य दोनों विपरीत दिशा में खड़े रहकर करेंगे तो वस्तु को गति मिलना मुश्किल होगा। इस आधार पर यह कह सकते हैं कि किसी वस्तु पर एक ही दिशा में लगाए गए बल जुड़ जाते है तथा यदि दा बल विपरीत दिशा में कार्य करते हैं तो इस पर लगने वाला कुल (नेट) बल दोनों बलों के अन्तर के बराबर होता है। यही बल का परिमाण होता है। इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि एक बल दूसरे से बड़ा या छोटा हो सकता है । बल की प्रबलता प्रायः इसके परिमाण से मापी जाती है। अत: बल की गणना में परिमाण व दिशा का ज्ञान होना अतिआवश्यक है।
प्रश्न 3.
एक उदाहरण से समझाइए कि बल (खिंचाव अथवा धक्का) किसी वस्तु की स्थिरावस्था में परिवर्तन उत्पन्न कर सकता है।
उत्तर:
किसी कमरे में एक मेज स्थिर अवस्था में रखी है। इसे खींचकर अथवा धक्का देकर विस्थापित किया जा सकता है। दूसरी ओर समान बल लगाकर एक स्थिर दीवार की स्थिति में परिवर्तन नहीं किया जा सकता। इस प्रकार बल किसी वस्तु की स्थिरावस्था में परिवर्तन उत्पन्न कर सकता है या परिवर्तन करने का प्रयास कर सकता है।
प्रश्न 4.
एक उदाहरण से समझाइए कि बल किसी समरूप गति को परिवर्तित कर देता है अथवा परिवर्तन करने का प्रयास करता है।
उत्तर:
एक गेंद किसी चिकनी सतह पर एक समान वेग से गतिशील है। इसे विपरीत दिशा में बल लगाकर रोका जा सकता है लेकिन इतना ही बल आरोपित कर गतिमान कार को नहीं रोका जा सकता। इस प्रकार बल किसी समरूप गति को परिवर्तित कर देता है अथवा परिवर्तन करने का प्रयास करता है।
प्रश्न 5.
एक उदाहरण द्वारा समझाइए कि क्या बल किसी वस्तु की आकृति में परिवर्तन कर सकता है?
उत्तर:
यह सत्य है कि बल लगाने से वस्तु की आकृति परिवर्तित हो सकती है। जैसे-यदि हम एक फूले हुए गुब्बारे को हथेलियों के मध्य दबाएँ तो उसकी आकृति बदल जाएगी। रबर की गेंद को दबाने पर भी उसकी आकृति बदल जाती है।
प्रश्न 6.
सम्पर्क बल से क्या आशय है? उदाहरण द्वारा समझाइए।
उत्तर:
सम्पर्क बल: यदि किसी वस्तु पर बल लगाने के लिए वस्तु के साथ सीधा सम्पर्क करना पड़े तो वह बल सम्पर्क बल कहलाता है। जैसे-यदि हम पानी की बाल्टी को उठाते हैं तो बाल्टी का हाथ से सम्पर्क आवश्यक है तथा इस पर लगने वाला बल हमारी मांसपेशियों की क्रिया के कारण उत्पन्न होता है। यह बल पेशीय बल कहलाता है। अत: पेशीय बल एक सम्पर्क बल है। यह बल वस्तु के सम्पर्क के माध्यम से ही कार्य करता है।
प्रश्न 7.
घर्षण बल क्या है? यह कैसे कार्य करता है?
उत्तर:
घर्षण बल: दो वस्तुओं की सतह के मध्य कार्यरत बल घर्षण बल है। यह बल गति की अवस्था में परिवर्तन कर देता है। इसकी दिशा सदैव गति की दिशा के विपरीत होती है क्योंकि यह बल दो सतहों के बीच सम्पर्क से उत्पन्न होता है, अत: यह भी एक सम्पर्क बल
प्रश्न 8.
दो चुम्बकों के मध्य किस प्रकार बल कार्य करता है? समझाइए।
उत्तर:
हम जानते हैं कि दो चुम्बकों के समान ध्रुव एकदूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं तथा असमान ध्रुव एक - दूसरे को आकर्षित करते हैं, अत: यह भी सामान्य बल खींचने व धक्के देने के अनुरूप है। किन्तु यह बल बिना सम्पर्क में आए कार्य कर सकता है, अत: यह एक प्रकार का असम्पर्क बल है। इसी प्रकार लोहे व चुम्बक के मध्य कार्यरत बल भी असम्पर्क बल होगा।
प्रश्न 9.
गुरुत्व बल किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
विश्व में सभी वस्तुएँ, चाहे वे छोटी हों या बड़ी हों, एक-दूसरे के ऊपर बल लगाती हैं। इसे ही गुरुत्व बल कहते हैं। यह एक आकर्षण बल है। गुरुत्व बल प्रत्येक वस्तु पर लगता है। यह हम सभी पर बगैर हमारी जानकारी के हर समय लगता रहता है। वस्तुएँ पृथ्वी पर इसीलिए गिरती हैं क्योंकि वह उन्हें आकर्षित करती हैं। पेड़ों से पत्तों तथा फलों का जमीन पर गिरना, नल खोलने पर पानी जमीन पर गिरना, नदियों का पानी नीचे की ओर बहना गुरुत्व बल के ही उदाहरण हैं।
प्रश्न 10.
प्रकृति में विद्यमान कुछ मूल बलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रकृति में विद्यमान कुछ मूल बल निम्नलिखित हैं।
प्रश्न 11.
बल द्वारा उत्पन्न किये जा सकने वाले प्रमुख प्रभाव बतलाइए।
उत्तर:
बल द्वारा निम्न प्रभाव उत्पन्न किये जा सकते हैं।
प्रश्न 12.
दाब किसे कहते हैं? इसमें बल लगने वाले क्षेत्रफल की भूमिका समझाइए।
उत्तर:
दाब - किसी पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं। अर्थात्
क्षेत्रफल (जिस पर यह लगता है) किसी पृष्ठ का क्षेत्रफल जितना कम होगा, उस पर दाब उतना ही अधिक होगा। कील के नुकीले सिरे का क्षेत्रफल इसके शीर्ष की अपेक्षा बहुत कम होता है। अत: वही बल कील के नुकीले सिरे को लकड़ी के तख्ते में ठोकने के लिए पर्याप्त दाब उत्पन्न कर देता है तथा कील आसानी से तख्ते में चली जाती है। कुली भारी बोझ उठाने के लिए एक कपड़े को गोल लपेटकर सिर पर रख लेते हैं जिससे शरीर से बोझ के सम्पर्क का क्षेत्रफल बढ़ जाता है। इससे शरीर पर दाब कम लगता है तथा वे बोझ आसानी से उठा लेते हैं।
प्रश्न 13.
स्कूल बैगों की चौड़ी पट्टियाँ क्यों होती हैं?
उत्तर:
स्कूल बैगों में कैनवस की बनी हुई चौड़ी पट्टी होती है जिससे कि बालक के कंधे के बड़े क्षेत्र पर बैग का भार पड़े और कंधे पर कम दाब उत्पन्न हो और कम दाब के कारण, भारी स्कूल बैग का ढोना अधिक आरामदायक होता है। दूसरी ओर, यदि स्कूल बैग में पतली रस्सी की बनी हुई पट्टी हो, तो स्कूल बैग का भार कंधे के छोटे से क्षेत्र पर पड़ेगा। इससे बालक के कंधे पर अधिक दाब उत्पन्न होगा और भारी स्कूल बैग ढोना काफी कष्टदायक हो जायेगा।
प्रश्न 14.
द्रव के दाब से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
द्रव के अन्दर द्रव के अणु भिन्न - भिन्न दिशाओं में अनियमित गति करते हैं। ये परस्पर तथा बर्तन की दीवारों से टकराते रहते हैं। बर्तन की दीवारें तथा तली अणुओं की टक्कर के कारण बल का अनुभव करती है, अत: बर्तन की दीवार अथवा तली के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को द्रव का दाब कहते हैं।
प्रश्न 15.
वायुमण्डलीय दाब के कारण किसी व्यक्ति पर कार्यरत कुल बल 15 टन है। व्यक्ति इतने अधिक बल को कैसे सहन कर लेता है जबकि उसके द्वारा एक टन लोड को भी ले जाना सम्भव नहीं है?
उत्तर:
मानव शरीर की त्वचा में बहुत सारे छोटे - छोटे छिद्र होते हैं। इन छिद्रों के द्वारा वायु शरीर के भीतर प्रवेश कर -जाती है और उसके अन्दर एवं बाहर मुक्त रूप से संचरित होती है। मानव शरीर के अन्दर उपस्थित वायु का दाब उसके बाह्य दाब को प्रतिसंतुलित करता है।
प्रश्न 16.
जब मनुष्य चलता है तो भूमि पर दाब क्यों अधिक पड़ता है, अपेक्षाकृत कि जब वह खड़ा होता।
उत्तर:
जब मनुष्य चलता है, तो एक समय पर उसका एक ही पैर भूमि पर होता है। इसके कारण, मनुष्य के भार का बल भूमि के छोटे से क्षेत्र पर लगता है और भूमि पर अधिक दाब उत्पन्न करता है। दूसरी ओर, जब मनुष्य खड़ा होता है, तो उसके दोनों पैर भूमि पर होते हैं। इसके कारण मनुष्य के भार का बल भूमि के बड़े क्षेत्र पर लगता है और भूमि पर कम दाब उत्पन्न करता है।
प्रश्न 17.
वायुमण्डलीय दाब को एक क्रियाकलाप द्वारा समझाइए।
उत्तर:
वायुमण्डलीय दाब को हम निम्न क्रियाकलाप द्वारा समझ सकते हैंक्रियाकलाप-रबड़ की एक अच्छी चूषक लेते हैं। इसको किसी समतल चिकने पृष्ठ पर जोर से दबाते हैं। यह पृष्ठ पर चिपक जायेगी क्योंकि चूषक को दबाने पर इसके अन्दर की वायु बाहर निकल जाती है तथा चूषक पर वायुमण्डलीय दाब लगता है। इससे वह पृष्ठ पर चिपक जाती है। अब यदि हम चूषक को पृष्ठ से अलग करना चाहें तो हमें काफी बल लगाना पड़ेगा। इसके लिए लगाए गए बल का मान वायुमण्डलीय दाब से अधिक हो तब ही चूषक समतल पृष्ठ से अलग होगी अन्यथा नहीं। इससे हम वायुमण्डलीय दाब का अनुमान लगा सकते हैं।
प्रश्न 18.
मानव शरीर का क्या होगा यदि वायुमण्डलीय दाब अचानक शून्य हो जाये?
उत्तर:
मानव शरीर में रक्त द्वारा वायुमण्डलीय दाब के बराबर व विपरीत दाब लगाया जाता है जिससे यह बाहर के दाब को सन्तुलित कर देता है। यदि वायुमण्डलीय दाब अचानक शून्य हो जाये तो रक्त द्वारा वाहिनियों पर इतना अधिक दाब लगाया जाएगा कि वे फट जाएँगी जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति की मृत्यु हो जाएगी।
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
बल किसे कहते हैं? सम्पर्क और असम्पर्क बलों में अन्तर बताइए।
उत्तर:
बल - किसी वस्तु पर लगने वाले धक्के (अभिकर्षण) या खिंचाव (अपकर्षण) को बल कहते हैं। सम्पर्क और असम्पर्क बलों में अन्तर
(1) सम्पर्क बल: यदि किसी वस्तु पर बल लगाने के लिए वस्तु के साथ सीधा सम्पर्क करना पड़े तो वह बल सम्पर्क बल कहलाता है। जैसे-यदि हम पानी की बाल्टी को उठाते हैं तो बाल्टी का हाथ से सम्पर्क आवश्यक है तथा इस पर लगने वाला बल हमारी मांसपेशियों की क्रिया के कारण उत्पन्न होता है। यह बल पेशीय बल कहलाता है। अत: पेशीय बल एक सम्पर्क बल है। यह बल वस्तु के सम्पर्क के माध्यम से ही कार्य करता है। वर्षण भी सम्पर्क बल का उदाहरण है।
(2) असम्पर्क बल: जब किसी वस्तु पर अन्य किसी वस्तु के सम्पर्क में आये बिना बल लगता है तो वह असम्पर्क बल कहलाता है। जैसे दो चुम्बकों के समान ध्रुव एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं तथा असमान ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। यह बल बिना सम्पर्क में आए कार्य करता है, अत: यह एक प्रकार का असम्पर्क बल है। उदाहरण - चुम्बकीय बल, स्थिरवैद्युत बल एवं गुरुत्वाकर्षण बल।
प्रश्न 2.
स्थिर वैद्युत बल किसे कहते हैं? स्थिर वैद्युत बल को प्रदर्शित करने वाले प्रयोग को चित्र सहित समझाइए।
उत्तर:
स्थिर वैद्युत बल: एक आवेशित वस्तु द्वारा किसी दूसरी आवेशित अथवा अनावेशित वस्तु पर लगाया गया बल स्थिर वैद्युत बल
कहलाता है। वस्तुओं के सम्पर्क में नहीं होने पर भी यह बल कार्य करता है।
स्थिर वैद्युत बल का प्रदर्शन - प्रयोग: हम प्लास्टिक की एक बड़ी स्ट्रॉ लेंगे और इसे दो बराबर भागों में बाँटेंगे।
अब इसके एक टुकड़े को धागे की सहायता से किसी टेबल के एक किनारे से चित्रानुसार लटकायेंगे। अब स्ट्रॉ के दूसरे टुकड़े को हाथ में पकड़कर इसके स्वतंत्र सिरे को कागज की एक शीट पर रगड़ेंगे। अब स्ट्रॉ के इस सिरे को टेबल पर लटके हुए स्ट्रॉ के सिरे के पास लायेंगे. लेकिन यह एक-दूसरे को छुए नहीं। हम देखते हैं कि कागज की शीट से रगड़ता हुआ स्ट्रॉ टेबल से लटके हुए स्ट्रॉ को आकर्षित करता है। अब हम टेबल से लटके हुए स्ट्रॉ के स्वतन्त्र सिरे को भी कागज पर रगड़ेंगे। अब पहले की तरह दोनों स्ट्रॉ को नजदीक लाते हैं। हम देखते हैं कि अब टेबल से लटका हुआ स्ट्रॉ प्रतिकर्षित होता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि कागज की शीट से रगड़ा जाने पर स्ट्रॉ स्थिर वैद्युत आवेश उपार्जित कर लेता है।
प्रश्न 3.
प्रयोग द्वारा दर्शाइए कि "किसी बर्तन की तली पर पानी द्वारा लगाया जाने वाला दाब पानी के स्तम्भ की ऊंचाई पर निर्भर करता है।"
उत्तर:
पारदर्शी कांच की एक नली अथवा प्लास्टिक का पाइप लीजिए। पाइप / नली की लम्बाई लगभग 25 सेंटीमीटर तथा इसका व्यास लगभग 5 - 75 सेंटीमीटर होना चाहिए। एक अच्छी, पतली रबड़ की शीट भी लीजिए। आप गुब्बारे की रबड़ का भी प्रयोग कर सकते हैं। पाइप के एक सिरे पर रबड़ की शीट को तान कर बाँध दीजिए। पाइप को ऊर्ध्वाधर स्थिति में रखते हुए बीच में से पकड़िए। अपने किसी मित्र से पाइप में कुछ पानी उड़ेलने के लिए कहिए। रबड़ की शीट बाहर की ओर फूल जाती है। पाइप में पानी के स्तम्भ की ऊँचाई नोट कर लेते हैं। पाइप में कुछ पानी और उड़ेलिए। रबड़ शीट के फुलाव तथा पाइप में पानी के स्तम्भ की ऊँचाई को पुन: नोट कीजिए। इस प्रक्रिया को कुछ बार दोहराइए। आप देखेंगे कि जैसे - जैसे पाइप में पानी के स्तम्भ की ऊँचाई बढ़ती है रबड़ शीट का फुलाव भी बढ़ता जाता है। अत: इस प्रयोग द्वारा दर्शाया जा सकता है कि किसी बर्तन की तली पर पानी द्वारा लगाया जाने वाला दाब पानी के स्तम्भ की ऊंचाई पर निर्भर करता है।
प्रश्न 4.
प्रयोग द्वारा समझाइए कि द्रव बर्तन की दीवारों पर समान गहराई पर समान दाब डालता है? आवश्यक चित्र भी बनाइए।
उत्तर:
द्रव बर्तन की दीवारों पर समान गहराई पर समान दाब डालता है। इसे हम निम्न प्रयोग द्वारा समझा सकते।
प्रयोग: हम एक बेलनाकार बर्तन लेंगे। वर्तन ऐसा हो जिसमें सरलता से सुराख किये जा सकें । अतः प्लास्टिक की खाली बोतल अथवा टॉलकम पाउडर का डिब्बा अथवा शीतल पेय की प्लास्टिक की बोतल अधिक उपयुक्त होगी। अब हम बोतल में इसके पैंदे के पास समान ऊँचाई पर चारों दिशाओं में चार सुराख करेंगे। यह ध्यान देना आवश्यक है कि सभी सुराख पैंदे से एकसमान ऊँचाई पर हों। अब बोतल को पानी से भरेंगे। हम देखते हैं कि बोतल के चारों सुराखों से निकलने वाला पानी बोतल से बराबर की दूरी पर गिरता है। इससे स्पष्ट होता है कि द्रव बर्तन की दीवारों पर समान गहराई पर समान दाब डालता है।