RBSE Class 6 Sanskrit व्याकरण प्रत्यय

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit व्याकरण प्रत्यय Questions and Answers, Notes Pdf.

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RBSE Class 6 Sanskrit Vyakaran प्रत्यय

विभक्ति रहित मूल शब्द के अन्त में, अर्थसहित शब्द को बतलाने के लिए जो शब्द अथवा वर्ण प्रयुक्त होता है, 'उसे प्रत्यय कहते हैं। विभक्ति रहित मूल-शब्द को संस्कृत व्याकरण में प्रकृति कहा जाता है। यह प्रकृति दो प्रकार की होती है।

इस प्रकार धातु और प्रातिपदिक के बाद जो वर्ण प्रयुक्त किया जाता है वह प्रत्यय होता है। जैसे-'रामः' इस शब्द में 'राम' प्रातिपदिक है, और विसर्ग (सु) प्रत्यय है। उसी प्रकार 'पठित्वा' इस शब्द में 'पठ्' धातु है और 'क्त्वा' प्रत्यय है। प्रत्यय पाँच प्रकार के होते हैं, जैसे -
1. विभक्ति-प्रत्यय
2. कृत् प्रत्यय 
3. तद्धित प्रत्यय 
4. स्त्री-प्रत्यय तथा 
5. धात्ववयव-प्रत्यय। इन्हें निम्नानुसार समझ सकते हैं - 
(क) विभक्ति-प्रत्यय - धातुओं के बाद जुड़ने वाले 'ति, तः, न्ति'-आदि प्रत्यय और प्रातिपदकों के बाद जुड़ने वाले 'सु, औ, जस्'-आदि प्रत्यय विभक्ति-प्रत्यय होते हैं। जैसे - 
राम + सु = रामः (प्रातिपदिक से निष्पन्न) 
गम् + ति = गच्छति (धातु से निष्पन्न) 
पठ् + न्ति = पठन्ति (धातु से निष्पन्न)

(ख) कृत् प्रत्यय-धातु के बाद प्रयुक्त प्रत्यय कृत्प्रत्यय होते हैं। जैसे - 

पठ् + ल्युट् = पठनम्
गम् + तुमुन् = गन्तुम्।

RBSE Class 6 Sanskrit व्याकरण प्रत्यय

(ग) तद्धित प्रत्यय - संज्ञा और सर्वनाम के बाद प्रयुक्त होने वाले प्रत्यय तद्धित होते हैं। जैसे - 

शिव + अण् - शैवः 
श्री + मतुप् = श्रीमान्।

(घ) स्त्री-प्रत्यय - पुल्लिङ्ग शब्दों को स्त्रीलिङ्ग में बदलने के लिए जो प्रत्ययं प्रयोग में लिये जाते हैं वे स्त्री-प्रत्यय होते हैं। जैसे - 

चतुर + टाप् = चतुरा 
कुशल + टाप् = कुशला 
दातृ + ङीप् = दात्री 
युवन् + ति = युवतिः

(ङ) धात्ववयव-प्रत्यय - धातु और विभक्ति के बीच में प्रयुक्त होने वाले सन्, शप्, णिच् आदि प्रत्यय धात्ववयवप्रत्यय होते हैं। जैसे - 

पठ् + णिच् + तिप् = पाठयति।

कुछ प्रमुख और व्यावहारिक प्रत्यय इस प्रकार हैं - क्त्वा, तुमुन्, शतृ, शानच्, तव्यत्, अनीयर्, क्त, क्तवतु, घञ्, टाप, ल्युट्, णिच्, ल्यप् आदि। कुछ उदाहरण यथा -
क्त्वा - 

  • गम् + क्त्वा = गत्वा = जाकर
  • पठ् + क्त्वा = पठित्वा = पढ़कर
  • हस् + क्त्वा = हसित्वा = हँसकर 

ल्यप - 

  • परि + त्यज् + ल्यप् = परित्यज्य = छोड़कर
  • वि + हस् + ल्यप् = विहस्य = हँसकर
  • उप + गम् + ल्यप् = उपगम्य = समीप जाकर 

तुमुन् - 

  • नी + तुमुन् = नेतुम् = लाने के लिए
  • गम् + तुमुन् = गन्तुम् = जाने के लिए 
  • पठ् + तुमुन् = पठितुम् = पढ़ने के लिए 
  • चल् + तुमुन् = चलितुम् = चलने के लिए

RBSE Class 6 Sanskrit व्याकरण प्रत्यय

अभ्यासार्थ प्रश्नोत्तर :

वस्तुनिष्ठप्रश्ना: - 

प्रश्न 1. 
'दृष्ट्वा' पदे प्रत्ययः अस्ति - 
(अ) क्त्वा 
(स) तव्यत्
(द) टाप्
(ब) ल्य
उत्तरम् :
(अ) क्त्वा

प्रश्न 2.
'श्रीकृष्णः तस्य फणान् आरुह्य अनृत्यत्।' रेखांकितपदे प्रत्ययः अस्ति - 
(अ) यत्
(ब) आ 
(स) ल्यप्
(द) तरप्
उत्तरम् :
(स) ल्यप्

प्रश्न 3. 
'स: कृष्णं प्रहर्तुम् ऐच्छत्।' रेखांकितपदे प्रत्ययः अस्ति - 
(अ) तमप्
(ब) तुमुन् 
(स) क्त्वा
(द) तव्यत् 
उत्तरम् :
(ब) तुमुन् 

RBSE Class 6 Sanskrit व्याकरण प्रत्यय

प्रश्न 4. 
'प्रार्थना सभा अतीव मनोरमा अस्ति।' रेखांकितपदे प्रत्ययः अस्ति - 
(अ) क्त्वा
(ब) ल्यप् 
(स) ङीप्
(द) टाप् 
उत्तरम् : 
(द) टाप् 

अतिलघूत्तरात्मकप्रश्नाः - 

प्रश्न 1. 
निम्नलिखित शब्दानां प्रकृति-प्रत्ययौ लिखतः - 
उत्तरम् : 
शब्दाः       प्रकृतिः + प्रत्ययः 

  • चिन्तयित्वा - चिन्त् + क्त्वा 
  • व्यवहर्तव्यम् - वि, अव, हृ + तव्यत् 
  • मत्वा - मन् + क्त्वा 
  • कुपितः - कुप् + क्त 
  • पीत्वा - पिब् + क्त्वा 
  • आरुह्य - आ, रुह् + ल्यप् 
  • कृत्वा - कृ + क्त्वा 
  • अवलम्ब्य - अव, लम्ब् + ल्यप्
  • क्रीडन् - कृ + शतृ 
  • पतितः - पत् + क्त 
  • प्रसार्य - प्र, सृ + ल्यप् 
  • संयोज्य - सम्, युज् + ल्यप् 

RBSE Class 6 Sanskrit व्याकरण प्रत्यय

प्रश्न 2. 
निम्नलिखित धातुः प्रत्ययं च योजयित्वा पदनिर्माणं कुरुत - 
उत्तरम् :  

  • धातु: + प्रत्ययः  पदम्
  • दा + तुमुन् - दातम 
  • उप, कृ + ल्यप् - उपकृत्य 
  • प्र, नम् + ल्यप् - प्रणम्य 
  • पठ् + तुमुन् - पठितुम् 
  • हस् + क्त्वा - हसित्वा 
  • गम् + क्त्वा - गत्वा
Prasanna
Last Updated on July 2, 2022, 11:40 a.m.
Published July 2, 2022