Rajasthan Board RBSE Class 11 Accountancy Important Questions Chapter 13 कंप्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली Important Questions and Answers.
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बहुचयनात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
प्रचालन वातावरण में सम्मिलित होता है:
(अ) हार्डवेयर
(ब) सॉफ्टवेयर
(स) हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर दोनों
(द) दोनों में से कोई नहीं
उत्तर:
(स) हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर दोनों
प्रश्न 2.
हार्डवेयर का चुनाव निर्भर करता है:
(अ) उपयोगकर्ता की संख्या पर
(ब) गोपनीयता के स्तर पर
(स) संगठन के विभिन्न विभागों की प्रकृति पर
(द) उपर्युक्त सभी पर
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी पर
प्रश्न 3.
कम्प्यूटरीकृत लेखांकन की प्रक्रिया सामग्री के संघटक हैं:
(अ) विक्रय
(ब) क्रय
(स) खाताबही
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 4.
लेखांकन (कम्प्यूटरीकृत) प्रणाली की विशेषता है:
(अ) क्रय-विक्रय छपे हुए रूप में
(ब) लेखा समंकों का ऑनलाइन निवेश
(स) उपर्युक्त दोनों
(द) कोई नहीं
उत्तर:
(स) उपर्युक्त दोनों
प्रश्न 5.
लेखांकन प्रणाली की दो मूलभूत आवश्यकताएँ हैं:
(अ) लेखांकन कार्यों का ढाँचा
(ब) संचालन प्रक्रिया
(स) प्रणाली का निर्माण
(द) अ एवं ब दोनों
उत्तर:
(द) अ एवं ब दोनों
प्रश्न 6.
लेखांकन प्रक्रिया के प्रकार:
(अ) प्रयोग के लिए तैयार, उपभोक्तानुकूल, उपयुक्त
(ब) प्रणाली, प्रचालन सामग्री
(स) हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर
(द) कोई नहीं
उत्तर:
(अ) प्रयोग के लिए तैयार, उपभोक्तानुकूल, उपयुक्त
प्रश्न 7.
लेखांकन की सीमाएँ हैं:
(अ) समय की बर्बादी
(ब) प्रशिक्षण लागत
(स) उपर्युक्त दोनों
(द) कोई नहीं
उत्तर:
(स) उपर्युक्त दोनों
प्रश्न 8.
लेखांकन प्रणाली के लाभ हैं:
(अ) गुणवत्ता प्रतिवेदन
(ब) मापन योग्य
(स) सुपाठ्य
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 9.
डाटाबेस आधारित कार्य में कम्प्यूटर प्रयोग करने की मूलभूत आवश्यकता है:
(अ) फ्रन्ट-एण्ड इंटरफेस
(ब) इनपुट
(स) संचालन
(द) कोई नहीं
उत्तर:
(अ) फ्रन्ट-एण्ड इंटरफेस
प्रश्न 10.
उपयुक्त (Tailored) लेखांकन सॉफ्टवेयर में प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है:
(अ) कम
(ब) मध्यम
(स) अत्यधिक
(द) कोई आवश्यकता नहीं
उत्तर:
(स) अत्यधिक
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
प्रश्न 1.
प्रतिवेदन प्रणाली उन वस्तुओं का समुच्चय है जिनसे ................... बनता है।
उत्तर:
प्रतिवेदन
प्रश्न 2.
कम्प्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली में लेखांकन अभिलेख स्वतः ही .................... हो जाते हैं।
उत्तर:
अद्यतन
प्रश्न 3.
कम्प्यूटरीकृत लेखांकन पैकेज के लिए सामान्यतः ...................... कर्मचारियों की आवश्यकता होती है।
उत्तर:
प्रशिक्षित
प्रश्न 4.
भारत में सबसे अधिक लोकप्रिय लेखांकन सॉफ्टवेयर .....................
उत्तर:
Tally,Ex
सत्य/असत्य बताइए:
प्रश्न 1.
आधुनिक कम्प्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली डाटा बेस की प्रणाली पर आधारित है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
डाटा प्रक्रम, डाटा भण्डारण की प्रणाली है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 3.
कम्प्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली में परिशुद्धता का अभाव रहता है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 4.
सॉफ्टवेयर और उपयोगकर्ता के मध्य कुछ लचीलापन होना चाहिए।
उत्तर:
सत्य।
सही मिलान कीजिए:
प्रश्न 1.
कॉलम - 1 |
कॉलम - 2 |
1. Cash Manager |
(अ) प्रचालन वातावरण |
2. प्रयोग के लिए तैयार पैकेज |
(ब) बैक-इन्ड डाटा बेस |
3. आँकड़ों का भण्डारण व प्रक्रिया का कार्य-ढाँचा |
(स) छोटा व्यापारी |
4. डाटा भण्डारण की प्रणाली |
(द) लेखांकन सॉफ्टवेयर |
उत्तर:
कॉलम - 1 |
कॉलम - 2 |
1. Cash Manager |
(द) लेखांकन सॉफ्टवेयर |
2. प्रयोग के लिए तैयार पैकेज |
(स) छोटा व्यापारी |
3. आँकड़ों का भण्डारण व प्रक्रिया का कार्य-ढाँचा |
(अ) प्रचालन वातावरण |
4. डाटा भण्डारण की प्रणाली |
(ब) बैक-इन्ड डाटा बेस |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
प्रचालन वातावरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
कम्प्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली में आँकड़ों के भण्डारण तथा प्रक्रिया के कार्य-ढाँचे को प्रचालन वातावरण कहते हैं।
प्रश्न 2.
उपयोगिता क्रमादेश क्या है?
उत्तर:
उपयोगिता क्रमादेश पूर्वलिखित निर्देशों का ऐसा समूह है जो सिस्टम की क्षमता को बढ़ाता है।
प्रश्न 3.
अनुप्रयोग प्रक्रिया सामग्री का उल्लेख करो।
उत्तर:
अनुप्रयोग प्रक्रिया सामग्री ऐसे क्रमादेश होते हैं जो कार्य की प्रकृति के अनुरूप डिजाइन्ड होते हैं तथा उसी के अनुरूप कार्य करते हैं। जैसे - एम.एस. वर्ड, एम.एस. एक्सेल।
प्रश्न 4.
प्रक्रिया सामग्री प्रणाली का उपयोग लिखो।
उत्तर:
प्रक्रिया सामग्री प्रणाली कम्प्यूटर के आंतरिक कार्यों का नियंत्रण करता है। यह भी क्रमादेशों का ही समूह है, जो पहले से ही लिखित होते हैं।
प्रश्न 5.
आँकड़े (data) क्या हैं?
उत्तर:
आँकड़े वे तथ्य हैं जिन्हें इकट्ठा करके सिस्टम में डाला जाता है तथा जो अपरिष्कृत होते हैं।
प्रश्न 6.
मानवीय लेखांकन में अंतिम खाते बनाने में खाताबही की गणितीय शुद्धता की जाँच करने के लिए क्या बनाना आवश्यक है?
उत्तर:
तलपट।
प्रश्न 7.
मानवीय लेखांकन सूचना प्रणाली किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब सूचनाओं को मानवीय संसाधनों द्वारा एकत्रित एवं तैयार किया जाता है तो उसे मानवीय लेखांकन सूचना प्रणाली कहते हैं।
प्रश्न 8.
किन्हीं दो बहु-उपयोगी संक्रिया प्रणाली के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 9.
कम्प्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली के कोई चार लाभ लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 10.
कम्प्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली की कोई दो सीमाएँ बतलाइए।
उत्तर:
प्रश्न 11.
लेखांकन सॉफ्टवेयर की आवश्यकता किन स्थितियों में उत्पन्न होती है?
उत्तर:
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
लेखांकन प्रणाली के दो मुख्य पक्ष क्या हैं?
उत्तर:
प्रत्येक लेखांकन प्रणाली चाहे कम्प्यूटरीकृत हो या मानवीय हो, उसके दो पक्ष होते हैं:
प्रश्न 2.
आधुनिक कम्प्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली किस पर आधारित है?
उत्तर:
आधुनिक कम्प्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली डाटा बेस की प्रणाली पर आधारित है। डाटा बेस को डाटा बेस प्रबंधन प्रणाली द्वारा लागू किया जाता है जो कम्प्यूटर प्रोग्राम (सॉफ्टवेयर) का वह समूह है जो डाटों को प्रभावी रूप से व्यवस्थित एवं संगठित करता है तथा एकत्रित डाटों को प्राप्त करने में सहायता करता है। लेखांकन डाटा बेस, इंटरफेस क्रिया की सहायता से लेखांकन अनुप्रयोग प्रतिवेदन और विवरणों की पद्धति के प्रयोग हेतु इसे सुसंगठित करता है।
प्रश्न 3.
लेखांकन प्रणाली की दो मूलभूत आवश्यकताएँ कौनसी हैं?
उत्तर:
प्रत्येक लेखांकन प्रणाली की दो मूलभूत आवश्यकताएँ होती हैं, जो निम्न प्रकार हैं:
प्रश्न 4.
विभिन्न लेखांकन पैकेज (Accounting Packages) में अन्तर बताइये।
उत्तर:
विभिन्न लेखांकन पैकेज में अन्तर अग्र प्रकार है:
प्रयोग के लिए तैयार (Ready to use) |
व्यवस्थित (Customised) |
उपयुक्त (Tailored) |
यह छोटे व्यापार के लिए उपयुक्त है। |
यह बड़े व मध्यम व्यापार के लिए उपयुक्त है। |
यह केवल बड़ी व्यापारिक इकाइयों के लिए उपयुक्त है। |
इसकी स्थापना व देखरेख की लागत बहुत कम आती है। |
इसकी स्थापना व देखरेख की लागत प्रथम विधि से अधिक आती है। |
इसकी स्थापना व देखरेख की लागत सबसे अधिक लगती है। |
इसके प्रयोगकर्ताओं की संख्या सीमित होती है तथा अधिक मात्रा में समायोजन होते हैं। |
प्रयोगकर्ता प्रथम विधि से कम होते हैं परन्तु समायोजन प्रथम विधि की तुलना में अधिक होते हैं। |
इसमें प्रयोग करने वाले असीमित होते हैं तथा विशेष प्रकार के समायोजन होते हैं। |
इसका अन्य सूचना प्रणाली से कोई सम्बन्ध नहीं होता है। |
इसका अंन्य सूचना प्रणाली से सम्बन्ध रहता है। |
यह अन्य सूचना प्रणालियों से घनिष्ठता रखती है और उनसे सूचनाओं का आदान-प्रदान भी चलता रहता है। |
इसके प्रशिक्षण की आवश्यकता बहुत ही क़म रहती है। |
इसको प्रयोग करने के लिए मध्यम श्रेणी का प्रशिक्षण आवश्यक होता है। |
इसका प्रयोग तभी संभव है जब विशिष्ट प्रकार का प्रशिक्षण प्राप्त किया गया है। |
इसमें गोपनीयता बहुत कम पायी जाती है। |
इसमें प्रथम विधि की तुलना में गोपनीयता अधिक पायी जाती है। |
इसमें गोपनीयता सबसे अधिक पायी जाती है। |
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
कम्प्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली की सीमाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कम्प्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली की सीमायें (Limitations of Computerised Accounting System): कम्प्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली की प्रमुख सीमायें निम्न प्रकार हैं
(1) प्रशिक्षण की लागत (Cost of Training): कम्प्यूटरीकृत लेखांकन के लिए सामान्यतः प्रशिक्षित कर्मचारियों की आवश्यकता होती है। फलतः कम्प्यूटर लेखांकन प्रणाली को प्रभावशाली एवं कार्यदक्षता के लिए, हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर के प्रयोग करने की तकनीक की जानकारी को प्राप्त करने के लिए होती है जिस पर काफी ज्यादा लागत आती है।
(2) कर्मचारियों का विरोध (Staff Opposition): जब कभी भी लेखांकन को कम्प्यूटरीकृत किया जाता है तब लेखा कर्मचारियों द्वारा इसका विरोध किया जाता है। ये कर्मचारी इस पूर्वधारणा से ग्रसित होते हैं कि कम्प्यूटरों के प्रयोग से संगठन में उनका महत्त्व कम हो जायेगा तथा संगठन में इनकी संख्या पर भी प्रभाव पड़ेगा।
(3) विघटन (Disruption): अथवा समय की बर्बादी-जब कोई संगठन कम्प्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली की ओर अग्रसर होता है तो उसे लेखांकन प्रणाली के कार्य में समय की बर्बादी के दौर से गुजरना पड़ता है। यह केवल कार्य के वातावरण में परिवर्तन के कारण होता है एवं इसके लिए ऐसे लेखा कर्मचारियों की आवश्यकता होती है जो इस प्रणाली व उसके कार्य करने के तरीके को अपना सकें।
(4) प्रणाली की विफलता (System Failure): कम्प्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली की गम्भीर सीमा तब आती है जब प्रणाली में टकराव के कारण हार्डवेयर की विफलता और अनुवर्ती कार्य की हानि के कारण भयानक स्थिति उत्पन्न हो जाती है। सॉफ्टवेयर की विफलता उस पर वाइरस के आक्रमण के कारण भी हो सकती है।
(5) अप्रत्याशित गलती की जाँच में असमर्थ (Inability to check Unanticipated Error): सामान्यतः कम्प्यूटर द्वारा की जाती हैं उसका प्रभाव अन्त तक होता है। अतः गलती किस स्तर पर हुई है यह पता करना एक कठिन कार्य है।
(6) सुरक्षा में दरार (Breaches of Security): मानवीय लेखांकन प्रणाली में त्रुटियों को प्रथम दृष्टि में ही साधारण रूप से ढूँढ़ लिया जाता है जबकि कम्प्यूटर में ढूँढ़ना एक कठिन कार्य है। लेखांकन अभिलेखों को उपयोगकर्ता के पासवर्ड की चोरी या अधिकृत जानकारी में फेरबदल कर इसे प्राप्त कर सकते हैं। इसे दूरसंचार की टेपिंग, लाइन टेपिंग अथवा प्रोग्रामों को पुनः खोलकर प्राप्त किया जाता है।
(7) स्वास्थ्य पर बीमारी का प्रभाव (IIl-effects on Health): कम्प्यूटर के व्यापक प्रयोग से कई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं जैसे कमर दर्द, आँखों पर तनाव आदि।
प्रश्न 2.
लेखांकन सॉफ्टवेयर के स्रोतीकरण (Sourcing) अथवा लेखांकन सॉफ्टवेयर लेने से पहले किन सामान्य विचारों पर ध्यान दिया जाना चाहिए? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
लेखांकन सॉफ्टवेयर के स्रोतीकरण (Sourcing) अथवा लेखांकन सॉफ्टवेयर लेने से पहले निम्न सामान्य विचारों पर ध्यान दिया जाना चाहिए
(1) लचीलापन (Flexibility): आँकड़ों को, डाटा को उपयोगकर्ता हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर की मदद से अपनी आवश्यकतानुसार प्रयोग में ले सकें। इसलिए सॉफ्टवेयर तथा उपयोगकर्ता के मध्य कुछ लचीलापन होना चाहिए एवं हार्डवेयर तथा सक्रिय प्रणाली और उपयोगकर्ता में भी लचीलापन होना चाहिए।
(2) संस्थापन तथा देखभाल की लागत (Cost of Installation and Maintenance): संस्था के उद्देश्यों के आधार पर ही सॉफ्टवेयर का चुनाव करना चाहिए। ऐसे सॉफ्टवेयर जो मितव्ययी हों उनकी देखभाल आदि में अधिक खर्चा न हो, का उपयोग किया जाना चाहिए।
(3) संगठन का आकार (Size of Organisation): संगठन का आकार जितना बड़ा होगा वहाँ लेखांकन सॉफ्टवेयर अधिक जटिल एवं खर्चीला होगा। छोटे संगठन जहाँ लेखांकन सौदों की संख्या ज्यादा नहीं होती है ऐसे संगठन सरल व सकल उपयोगकर्ता वाले सॉफ्टवेयर को ले सकते हैं जबकि बड़े संगठनों में उपयोगकर्ता की जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है।
(4) सरलता से समायोजित तथा प्रशिक्षण की आवश्यकता (Ease of Adaptation and Training Needs): ऐसे लेखांकन सॉफ्टवेयर का चुनाव करना चाहिए जो उपयोग में सरल हों और जिनके लिए अधिक प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं हो। कुछ सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ता के अनुकूल होते हैं और आसान प्रशिक्षण द्वारा पूर्ण हो जाते हैं। पर कुछ जटिल सॉफ्टवेयर पैकेज जो किसी दूसरी संचार प्रणाली से जुड़े होते हैं उनके लिए व्यापक प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।
(5) उपयोगिता (Utilities): यदि प्रबन्धन सूचना प्रणाली (MIS) का स्तर उच्च है तो वहाँ सॉफ्टवेयर भी उच्च स्तर का ही चाहिए। किसी संगठन में प्र.सू.प्र. तथा उसकी उपयोगिता की दर से सॉफ्टवेयर की आवश्यकता को मालूम किया जाता है।
(6) अपेक्षित गोपनीयता का स्तर (सॉफ्टवेयर व डाटा) [Expected Level of Secrecy (Software): पनीयता को ध्यान में नहीं रखा जाए तो संस्था से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण प्रलेख सार्वजनिक हो सकते हैं जो कि किसी भी संस्था के लिए घातक हो सकते हैं। गोपनीयता का स्तर जितना अधिक होगा, उतना ही संस्था से सम्बन्धित सूचनाओं को सुरक्षित रखा जायेगा।
(7) आयात-निर्यात समंक सुविधा (Exporting/Importing Data Facility): कभी-कभी लेखांकन सॉफ्टवेयर के डाटा बेस को एक प्रणाली या सॉफ्टवेयर से दूसरी प्रणाली या सॉफ्टवेयर में बदलने की जरूरत हो जाती है। संस्था को खाताबही की सूचनाओं को सीधे स्प्रेडशीट सॉफ्टवेयर में बदलना पड़ता है। लेखांकन सॉफ्टवेयर को ऐसा होना चाहिए जो डाटा को मूलरूप से हस्तान्तरित कर सके । प्रयोग के लिए तैयार (ready-to-use) कुछ लेखांकन सॉफ्टवेयरों में आयात-निर्यात की सुविधा उपलब्ध होती है लेकिन ये MS Office Modules तक ही सीमित होते हैं। उपयुक्त (tailored) सॉफ्टवेयर को ऐसे तरीके से तैयार किया जाता है कि वह सभी सूचनाओं को प्रबन्ध सूचना प्रणाली (MIS) के विभिन्न उपघटकों के साथ पारस्परिक आदान-प्रदान कर सके।
(8) विक्रेताओं के नाम व योग्यता (Vendors' Reputation and Capability): अर्थात् विक्रेताओं से सम्बन्धित जानकारी हमेशा क्रेता को रखनी चाहिए। जैसे कि उसका नाम तथा उसकी सुविधा देने की क्षमता की आवश्यक जानकारी ले लेनी चाहिए कि वह कितने समय में सॉफ्टवेयर तैयार करने के व्यापार में संलग्न है।