Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit Ruchira Chapter 15 प्रहेलिकाः Textbook Exercise Questions and Answers.
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प्रश्न 1.
श्लोकांशेषु रिक्तस्थानानि पूरयत।
उत्तरम् :
(क) सीमन्तिनीषु का शान्ता, राजा कोऽभूत् गुणोत्तमः।
(ख) क सञ्जघान कृष्णः का शीतलवाहिनी गङ्गा?
(ग) के दारपोषणरता: कं बलवन्तं न बाधते शीतम्।
(घ) वृक्षाग्रवासी न च पक्षिराजः त्रिनेत्रधारी न च शूलपाणिः।
प्रश्न 2.
श्लोकांशान् योजयत।
उत्तरम् :
किं कुर्यात् कातरो युद्धे मृगात् सिंहः पलायते।
विद्वद्भिः का सदा वन्द्या अत्रैवोक्तं न बुध्यते।
कं सञ्जघान कृष्ण: का शीतलवाहिनी गङ्गा।
कथं विष्णुपदं प्रोक्तं तक्रं शक्रस्य दुर्लभम्।
प्रश्न 3.
उपयुक्तकथनानां समक्षम् आम्' अनुपयुक्तकथनानां समक्षं'न' इति लिखत
यथा-सिंहः करिणां कुलं हन्ति। [आम्]
उत्तरम् :
(क) कातरो युद्धे युद्ध्यते। [न]
(ख) कस्तूरी मृगात् जायते। [आम्]
(ग) मृगात् सिंहः पलायते। [आम्]
(घ) कंस: जघान कृष्णम्। [न]
(ङ) तक्रं शक्रस्य दुर्लभम्। [आम्]
(च) जयन्तः कृष्णस्य पुत्रः। [न]
प्रश्न 4.
सन्धिविच्छेदं पूरयत।
उत्तरम् :
(क) करिणां कुलम्- करिणाम् + कुलम्
(ख) कोऽभूत् - कः + अभूत्।
(ग) अत्रैवोक्तम् - अत्रैव + उक्तम्।
(घ) वृक्षाग्रवासी - वृक्ष + अग्रवासी।
(ङ) त्वग्वस्त्रधारी - त्वक् + वस्त्रधारी।
(च) बिभ्रन्न - बिभ्रत् + न।
प्रश्न 5.
अधोलिखितानां पदानां लिङ्ग विभक्ति वचनञ्च लिखत -
उत्तरम् :
प्रश्न 6.
(अ) विलोमपदानि योजयत -
उत्तरम् :
(आ) समानार्थकपदं चित्वा लिखत -
(क) करिणाम् ....................। (अश्वानाम्/गजानाम्/गर्दभानाम्)
(ख) अभूत् ................। (अचलत्/अहसत्/अभवत्)
(ग) वन्द्या .......................। (वन्दनीया/स्मरणीया/कर्तनीया)
(घ) बुध्यते ........................। (लिख्यते/अवगम्यते/पठ्यते)
(ङ) घटः ............................। (तडाग:/नल:/कुम्भः)
(च) सञ्जघानः .........................। (अमारयत्/अखादत्/अपिबत्)
उत्तरम् :
(क) करिणाम् - गजानाम्
(ख) अभूत् - अभवत्
(ग) वन्द्या - वन्दनीया
(घ) बुध्यते - अवगम्यते
(ङ) घटः - कुम्भः
(च) सञ्जघानः - अमारयत्।
प्रश्न 7.
कोष्ठकान्तर्गतानां पदानामुपयुक्त विभक्तिप्रयोगेन अनुच्छेदं पुरयत।
उत्तरम् :
एकः काकः आकाशे (आकाश) डयमानः आसीत्। तृषार्तः सः जलस्य (जल) अन्वेषणं करोति। तदा सः घटे (घट) अल्पं जलं (जल) पश्यति। सः उपलानि (उपल) आनीय घटे (घट) पातयति। जलं घटस्य (घट) उपरि आगच्छति। काकः (काक) सानन्दं जलं पीत्वा तृप्यति। योग्यता-विस्तारः प्रस्तुत पाठ में दी गयी पहेलियों के अतिरिक्त कुछ अन्य पहेलियाँ अधोलिखित हैं। उन्हें पढ़कर स्वयं समझने की कोशिश करें और ज्ञानवर्धन करें। यदि न समझ पायें तो उत्तर देखें।
(क) चक्री त्रिशूली न हरो न विष्णुः।
महान् बलिष्ठो न च भीमसेनः।
स्वच्छन्दगामी न च नारदोऽपि
सीतावियोगी न च रामचन्द्रः॥
उत्तरम् :
वृषभः।
(ख) न तस्यादिर्न तस्यान्तः मध्ये यस्तस्य तिष्ठति।
तवाप्यस्ति ममाप्यस्ति यदि जानासि तद्वद॥
उत्तरम् :
नयनम्।
(ग) अपदो दूरगामी च साक्षरो न च पण्डितः।
अमुखः स्फुटवक्ता च यो जानाति स पण्डितः।
उत्तरम् :
पत्रम्।
प्रश्न 1.
अधोलिखितप्रश्नानाम् उत्तराणि प्रदत्तविकल्पेभ्यः चित्वा लिखत -
(i) भोजनान्ते किं पेयम्?
(अ) तक्रम्
(ब) जलम्
(स) दुग्धम्
(द) घृतम्
उत्तर :
(अ) तक्रम्
(ii) सीमन्तिनीषु का शान्ता?
(अ) शामा
(ब) रमा
(स) सीता
(द) सीमा
उत्तर :
(स) सीता
(iii) जयन्तः कस्य वै सुतः?
(अ) वरुणस्य
(ब) द्रौणस्य
(स) महेशस्य
(द) शक्रस्य
उत्तर :
(द) शक्रस्य
(iv) किं कुर्यात् कातरो युद्धे?
(अ) हन्यते
(ब) पलायते
(स) पराजयते
(द) विजयते
उत्तर :
(ब) पलायते
(v) 'को हन्ति करिणां कुलम्'-रेखाङ्कितपदे का विभक्ति?
(अ) षष्ठी
(ब) सप्तमी
(ब) सतना
(स) तृतीया
(द) चतुर्थी
उत्तर :
(अ) षष्ठी
(vi) 'कस्तूरी जायते कस्मात्'-रेखाङ्कितपदे कः लकार:?
(अ) लृट्
(ब) लोट
(स) लट्
(द) लङ्
उत्तर :
(स) लट्
(vii) 'विद्वद्भिः का सदा वन्द्या'-इत्यत्र अव्ययपदं किमस्ति?
(अ) वन्द्या
(ब) का
(स) विद्वद्भिः
(द) सदा
उत्तर :
(द) सदा
(viii) कथं विष्णुपदं प्रोक्तम्'-इत्यत्र रेखाङ्कितपदस्य सन्धिविच्छेदं किम्?
(अ) प्रो + तम्
(ब) प्र + उक्तम्
(स) प्री + उक्तम्
(द) प्रे + तम्
उत्तर :
(ब) प्र + उक्तम्
प्रश्न 2.
मञ्जूषातः उचितपदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत -
[मञ्जूषुणोा कम्बलवन्तम्, रामः, शूलपाणिः, कंसम्]
उत्तराणि :
अतिलघूत्तरात्मकप्रश्ना:
प्रश्न 1.
अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत -
(क) कस्तूरी कस्मात् जायते?
(ख) करिणां कुलं को हन्ति?
(ग) कातरः युद्धे किं कुर्यात्?
(घ) सीमन्तिनीषु का शान्ता?
(ङ) राजा कोऽभूत् गुणोत्तमः?
(च) विद्वद्भिः का सदा वन्द्या?
उत्तराणि :
(क) मृगात्
(ख) सिंहः
(ग) पलायते
(घ) सीता
(ङ) रामः
(च) विद्या।
लघूत्तरात्मकप्रश्ना:
प्रश्न 1.
अधोलिखितान् पदान् चित्वा पद्यस्य (श्लोकस्य) पूर्तिं कुरुत -
(i) (त्वगवस्त्रधारी, पक्षिराजः, बिभ्रन्न, शूलपाणि:)
वृक्षाग्रवासी न च ................. त्रिनेत्रधारी न च .........।
.......... न च सिद्धयोगी जलं च ........... घटो न मेघः॥
उत्तरम् :
वृक्षाग्रवासी न च पक्षिराजः, त्रिनेत्रधारी न च शूलपाणिः।
त्वगवस्त्रधारी न च सिद्धयोगी जलं च बिभ्रन्न घटो न मेघः॥
(ii) (विष्णुपदं, भोजनान्ते, शक्रस्य, कस्य)
.................. च किं पेयम्? जयन्त : ............... वै सुतः।
कथं ..................... प्रोक्तम्? तक्रं ................... दुर्लभम्॥
उत्तरम् :
भोजनान्ते च किं पेयम्? जयन्तः कस्य वै सुतः।
कथं विष्णुपदं प्रोक्तम्? तक्रं शक्रस्य दुर्लभम्॥
प्रश्न 2.
रेखाङ्कितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत -
उत्तरम् :
प्रश्न-निर्माणम्
प्रश्न 3.
अधोलिखितशब्दानाम् अर्थैः सह समुचितमेलनं कुरुत -
शब्दाः - अर्थाः
उत्तरम् :
शब्दाः - अर्थाः
पाठ-परिचय - पहेलियाँ मनोरञ्जन की प्राचीन विधा है। ये प्रायः विश्व की सारी भाषाओं में उपलब्ध हैं। संस्कृत के कवियों ने इस परम्परा को अत्यन्त समृद्ध किया है। पहेलियाँ जहाँ हमें आनन्द देती हैं, वहीं समझ-बूझ की हमारी मानसिक व बौद्धिक प्रक्रिया को तीव्रतर बनाती हैं। इस पाठ में संस्कृत प्रहेलिका (पहेली) बूझने की परम्परा के कुछ रोचक उदाहरण प्रस्तुत किए गए हैं।
पाठ के श्लोकों का अन्वय, कठिन-शब्दार्थ एवं हिन्दी-भावार्थ -
1. कस्तूरी जायते ........................................... पलायते॥
अन्वयः - कस्तूरी कस्मात् जायते? करिणां कुलं को हन्ति? कातरो युद्धे किं कुर्यात्? मृगात् सिंहः पलायते।
कठिन-शब्दार्थ :
हिन्दी भावार्थ - कस्तूरी किससे उत्पन्न होती है? हाथियों के समूह को कौन मारता है? कमजोर युद्ध में क्या करता है? मृग से सिंह भाग जाता है। इस प्रकार प्रस्तुत पहेली के प्रथम तीन चरणों में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर अन्तिम चरण के तीन पदों द्वारा क्रमशः दिया गया है, जो निम्न प्रकार से होगा -
प्रश्न - उत्तर
(i) कस्तूरी कस्मात् जायते? - मृगात्।
(ii) करिणां कुलं को हन्ति? - सिंहः।
(iii) कातरो युद्धे किं कुर्यात्? - पलायते।
2. सीमन्तिनीषु ..................................................... बुध्यते॥
अन्वयः - सीमन्तिनीषु का शान्ता? कः गुणोत्तमः राजा अभूत्? विद्वद्भिः सदा का वन्द्या? अत्र एव उक्तम्, न बुध्यते।
कठिन-शब्दार्थ :
हिन्दी भावार्थ - नारियों में शान्त स्वभाव वाली कौन है? गुणों में श्रेष्ठ राजा कौन हुआ? विद्वानों के द्वारा सदा वन्दनीय कौन है? इनका उत्तर यहीं पर दिया गया है, जो ज्ञात नहीं है। इस पहेली के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरणों में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर उनके प्रथम वर्ण का अन्तिम वर्ण के साथ संयोग करने से निम्न प्रकार से प्राप्त होता है -
प्रश्न - उत्तर
(i) सीमन्तिनीषु का शान्ता? - सीता।
(ii) राजा कोऽभूत् गुणोत्तमः? - रामः।
(iii) विद्वद्भिः का सदा वन्द्या? - विद्या।
3. कं सञ्जघान ........................................................ बाधते शीतम्॥
अन्वयः - कं सञ्जघान कृष्णः? का शीतलवाहिनी गङ्गा? के दारपोषणरताः? कम् बलवन्तं न बाधते शीतम्?
कठिन-शब्दार्थ :
हिन्दी भावार्थ - कृष्ण ने किसको मारा? (कृष्ण ने कंस को मारा।) शीतलता प्रदान करने वाली गङ्गा कौन है? (काशी की भूमि पर बहने वाली गङ्गा है।) पत्नी के पोषण में संलग्न कौन हैं? (खेत के कार्य में संलग्न हैं।) किस बलवान् को सर्दी पीड़ित नहीं करती है? (जिसके पास कम्बल है उसे सर्दी पीड़ित नहीं करती है।)
इस पहेली के प्रत्येक चरण में प्रथम व द्वितीय अथवा प्रथम तीन वर्षों के संयोग से उस चरण में पूछे गये प्रश्न का उत्तर प्राप्त होता है, जिसे ऊपर हिन्दी-अनुवाद में कोष्ठक के अन्तर्गत दिया गया है। संस्कृत में निम्नानुसार होगा -
प्रश्न - उत्तर
(i) कं सञ्जघान कृष्णः? - कंसम् जघान कृष्णः।
(ii) का शीतलवाहिनी गङ्गा? - काशीतलवाहिनी गङ्गा।
(iii) के दारपोषणरताः? - केदारपोषणरताः।
(iv) कं बलवन्तं न बाधते शीतम्? - कंबलवन्तं न बाधते शीतम्?
4. वृक्षाग्रवासी .......................................................... न मेघः॥
अन्वयः - वृक्षाग्रवासी न च पक्षिराजः, त्रिनेत्रधारी न च शूलपाणिः। त्वग्वस्त्रधारी न च सिद्धयोगी, जलं न बिभ्रत् न घटो न मेघः।
कठिन-शब्दार्थ :
हिन्दी भावार्थ - पेड़ के ऊपर रहने वाला है किन्तु गरुड़ नहीं है और तीन नेत्रों वाला है किन्तु शिव नहीं है। छाल वस्त्र धारण करने वाला है किन्तु सिद्धयोगी नहीं है और जल को धारण करता हुआ वह न तो घड़ा है और न बादल। इस पहेली का उत्तर होगा-'नारियल'।
5. भोजनान्ते च ................................................................... दुर्लभम्॥
अन्वयः - भोजनान्ते च किम पेयम? जयन्तः कस्य वै सतः? विष्णपदं कथं प्रोक्तम? तक्रं शक्रस्य दर्लभम।
कठिन-शब्दार्थ :
हिन्दी भावार्थ - भोजन के अन्त में क्या पीना चाहिए? जयन्त किसका पुत्र था? मोक्ष को कैसा कहा गया है? छाछ इन्द्र के लिए दुर्लभ है। इस पहेली के अन्तिम चरण में क्रमश: तीन प्रश्नों का तीन पदों से उत्तर दिया गया है। यथा
प्रश्न - उत्तर
(i) भोजनान्ते च किं पेयम? - तक्रम्।
(ii) जयन्तः कस्य वै सुतः? - शक्रस्य/इन्द्रस्य।
(iii) कथं विष्णुपदं प्रोक्तम्? - दुर्लभम्