Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 9 समानता के लिए संघर्ष Textbook Exercise Questions and Answers.
पृष्ठ संख्या 103
प्रश्न 1.
मताधिकार की ताकत से आप क्या समझते हैं? इस पर आपस में विचार कीजिए।
उत्तर:
'मताधिकार की ताकत' का अर्थ है-मत देने की ताकत। प्रत्येक 18 वर्ष या उससे अधिक की आयु के वयस्क नागरिक को जो धर्म, जाति, लिंग, वर्ग के भेदभाव के बिना अपना प्रतिनिधित्व चुनने के लिए मत देने का अधिकार है।
पृष्ठ संख्या 106
प्रश्न 1.
'तवा मत्स्य संघ' के संघर्ष का मुद्दा क्या था?
उत्तर:
तवा मत्स्य संघ के संघर्ष का मुद्दा यह था कि यह लोगों के जीवन निर्वाह के लिए तवा बाँध में मछलियाँ पकड़ने का अधिकार चाहता था।
प्रश्न 2.
गाँव वालों ने यह संगठन बनाने की जरूरत महसूस क्यों की?
उत्तर:
गाँव वालों ने यह (तवा मत्स्य संघ) संगठन बनाने की जरूरत महसूस की क्योंकि-
इसके विरोध में गाँव वालों ने एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एक संगठन बनाने की आवश्यकता महसूस की।
प्रश्न 3.
क्या आप सोचते हैं कि 'तवा मत्स्य संघ' की सफलता का कारण था, ग्रामीणों की बड़ी संख्या में भागीदारी? इस संबंध में दो पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर:
हाँ, गाँव वालों द्वारा संगठित होकर निजी ठेकेदारों के विरोध में आवाज उठाने से उन्हें बल मिला। अपने नवगठित संगठन 'तवा मत्स्य संघ' के द्वारा उन्होंने अपने जीवन के अधिकार के तहत रैली निकालकर तथा चक्काजाम करके तवा बाँध से मछली पकड़ने को जारी रखने की माँग की। उनके निरन्तर प्रतिरोध के कारण उन्हें सफलता मिली।
पृष्ठ संख्या 108
प्रश्न 1.
उपर्युक्त गीत (पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 108 पर दिये गए गीत) में से आपको कौनसी पंक्ति प्रिय लगी?
उत्तर:
स्वयं करें।
प्रश्न 2.
'मेरी भूख को ये जानने का हक रे....' इस पंक्ति से कवि का आशय क्या हो सकता है?
उत्तर:
कवि का इस पंक्ति से आशय यह है कि गोदामों में अनाज सड़ रहा है और गरीब लोग भूखे हैं। उसके अनुसार पीड़ित को यह जानने का अधिकार है कि उसके भूखे रहने का कारण क्या है।
प्रश्न 3.
क्या आप अपनी भाषा में अपने क्षेत्र में प्रचलित कोई ऐसा गीत या कविता कक्षा में सुना सकते हैं, जिसमें मनुष्य की समता और गरिमा का वर्णन मिलता हो?
उत्तर:
विद्यार्थी इसे स्वयं करें।
पृष्ठ संख्या 109
प्रश्न 1.
समानता के लिए लोगों के संघर्ष में हमारे संविधान की क्या भूमिका हो सकती है?
उत्तर:
हमारा संविधान कानून के समक्ष समानता के विचार को मान्यता देता है। संविधान हमें कानून के माध्यम से अन्याय तथा असमानता के विरुद्ध लड़ने के दिशा-निर्देश देता है। संविधान धर्म, जाति, लिंग, वंश आदि के आधार पर किसी भेदभाव का निषेध करता है। यह छुआछूत के व्यवहार को प्रतिबंधित करता है। इसने इसे एक दण्डनीय अपराध घोषित किया है। प्रत्येक व्यक्ति को सार्वजनिक स्थानों पर जाने का समान अधिकार है।