RBSE Class 7 Social Science Important Questions Civics Chapter 5 औरतों ने बदली दुनिया

Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Important Questions Civics Chapter 5 औरतों ने बदली दुनिया Important Questions and Answers. 

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RBSE Class 7 Social Science Important Questions Civics Chapter 5 औरतों ने बदली दुनिया

वस्तुनिष्ठ प्रश्न-

प्रश्न 1. 
जेवियर क्या पढ़ना चाहता था? 
(अ) गणित
(ब) रसायनशास्त्र 
(स) इतिहास 
(द) जीवशास्त्र 
उत्तर:
(स) इतिहास

प्रश्न 2. 
रमाबाई को पंडित कहते थे, क्योंकि वह-
(अ) संस्कृत की विद्वान थी 
(ब) हिन्दी की विद्वान थी 
(स) अंग्रेजी की विद्वान थी 
(द) बंग्ला की विद्वान थी 
उत्तर:
(अ) संस्कृत की विद्वान थी 

प्रश्न 3. 
कितने प्रतिशत लड़के प्राथमिक स्तर पर स्कूल छोड़ देते हैं? 
(अ) 5.0%
(ब) 4.36% 
(स) 17.21%
(द) 3.88% 
उत्तर:
(ब) 4.36%

प्रश्न 4. 
किस वर्ष में स्त्रियों को घरेलू हिंसा से बचाने के लिए कानून पारित किया गया? 
(अ) 1997 में 
(ब) 2001 में 
(स) 1897 में 
(द) 2006 में 
उत्तर:
(द) 2006 में 

प्रश्न 5. 
'सुलताना का स्वप्न' कहानी की लेखिका हैं-
(अ) रास सुंदरी देवी 
(ब) रुकैया सखावत हुसैन 
(स) रमाबाई
(द) सत्यारानी 
उत्तर:
(ब) रुकैया सखावत हुसैन

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रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-

1. हम ऐसे समाज में रह रहे हैं, जहाँ सभी बच्चों को अपने चारों ओर की दुनिया के ............... का सामना करना पडता है। 
2. महिलाएँ अच्छी नसें हो सकती हैं क्योंकि वे अधिक ................. और ................ होती हैं। 
3. भारत में ................. प्रतिशत महिलाएँ खेती में काम करती हैं।
4. भारत में बहुत सी लड़कियाँ गरीबी ................ सुविधाओं के अभाव तथा भेदभाव के कारण स्कूल जाना छोड़ देती हैं। 
5. महिलाओं द्वारा परिवर्तनों के लिए किये जाने वाले संघर्षों को ................. कहा जाता है। 
उत्तर:
1. दबावों 
2. सहनशील, विनम्र 
3. 83.6 
4. शिक्षण 
5. महिला आन्दोलन। 

सत्य/असत्य कथन छाँटिये-

1. न्याय के अन्य मुद्दों व औरतों के साथ बंधुत्व व्यक्त करना भी महिला आंदोलन का हिस्सा है। 
2. 14 अगस्त को दुनियाभर की औरतें अपने संघर्षों को ताजा करने और जश्न मनाने के लिए इकट्ठी होती हैं। 
3. 'बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ' अभियान 1990 में शुरू हुआ।
4. कुम्हार के व्यवसाय में स्त्रियाँ मिट्टी एकत्र करतीं, बर्तन बनाने के लिए उसे तैयार करतीं तथा चाक चलाती थीं। 
5. कृषक महिलाएँ पौधे रोपने, खरपतवार निकालने और फसल काटने का कार्य करती हैं।
उत्तर:
1. सत्य 
2. असत्य 
3. असत्य 
4. असत्य 
5. सत्य 

निम्नलिखित के सही जोड़े बनाएँ-

1. गुड़िया

(अ) लड़कियाँ और महिलाएँ तकनीकी कार्य में सक्षम नहीं

2. कार

(ब) रास सुंदरी देवी

3. रूढ़िवादी धारणा

(स) रुकैया सखावत हुसैन

4. आमार जीवोन

(द) लड़कियाँ 

5. सुलताना का स्वप्न

(य) लड़के

उत्तर:

1. गुड़िया

(द) लड़कियाँ

2. कार

(य) लड़के 

3. रूढ़िवादी धारणा

(अ) लड़कियाँ और महिलाएँ तकनीकी कार्य में सक्षम नहीं

4. आमार जीवोन

(ब) रास सुंदरी देवी

5. सुलताना का स्वप्न

(स) रुकैया सखावत हुसैन

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अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
भारत में कितने प्रतिशत महिलाएँ खेती में काम करती हैं? 
उत्तर:
83.6 प्रतिशत। 

प्रश्न 2. 
2011 की जनसंख्या के अनुसार महिलाओं की शिक्षा का प्रतिशत क्या है? 
उत्तर:
65 प्रतिशत। 

प्रश्न 3. 
कुम्हार के व्यवसाय में स्त्रियों को कुम्हार क्यों नहीं माना जाता था? 
उत्तर:
कुम्हार के व्यवसाय में स्त्रियाँ चूंकि चाक नहीं चलाती थीं। इसलिए उन्हें कुम्हार नहीं माना जाता था। 

प्रश्न 4. 
कुम्हार के व्यवसाय में स्त्रियाँ क्या-क्या कार्य करती थीं? 
उत्तर:
कुम्हार के व्यवसाय में स्त्रियाँ मिट्टी एकत्र करती थीं और बर्तन बनाने के लिए उसे तैयार करती थीं। 

प्रश्न 5. 
खेती के कार्य में स्त्रियाँ क्या-क्या कार्य करती थीं? 
उत्तर:
खेती के कार्य में स्त्रियाँ पौधे रोपना, खरपतवार निकालना, फसल काटना और कुटाई करने का कार्य करती थीं। 

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प्रश्न 6. 
किसान के सम्बन्ध में हम एक पुरुष के बारे में क्यों सोचते हैं? 
उत्तर:
पुरुष चूंकि हल चलाता है तथा अन्य सभी कार्य करता है। इसलिए किसान के सम्बन्ध में हम एक पुरुष के बारे में ही सोचते हैं। 

प्रश्न 7. 
रूढ़िवादी धारणाओं ने समाज में किस प्रकार के व्यवहार को बनाए रखा है?
उत्तर:
रूढ़िवादी धारणाओं ने समाज में लैंगिक असमानता के व्यवहार को बनाए रखा है। 

प्रश्न 8. 
वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार किस वर्ग की लड़कियों की प्राथमिक शिक्षा पूरी करने की संभावना सबसे कम होती है?
उत्तर:
मुस्लिम लड़कियों की, जो औसतन 3 वर्ष ही स्कूल जा पाती हैं। 

प्रश्न 9. 
महिला आंदोलनों के कोई दो उद्देश्य लिखिए। 
उत्तर:

  • महिलाओं में चेतना जागृत करना। 
  • भेदभावों का मुकाबला करना। 

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प्रश्न 10. 
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया जाता है? 
उत्तर:
प्रति वर्ष 8 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। 

प्रश्न 11. 
यौन प्रताड़ना से क्या आशय है? 
उत्तर:
यौन प्रताड़ना से आशय-औरत की इच्छा के विरुद्ध उसके साथ यौन से जुड़ी शारीरिक या मौखिक हरकतें करने से है। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
तीन ऐसी रूढ़िवादी धारणाओं का उल्लेख कीजिए जिनके कारण महिलाओं के साथ असमानता का व्यवहार प्रचलित है। 
उत्तर:
लड़कियों या महिलाओं के साथ असमानता के व्यवहार के लिए उत्तरदायी तीन रूढ़िवादी धारणाएँ निम्नलिखित हैं-

  • घर के बाहर भी महिलाएँ कुछ खास तरह के काम ही अच्छी तरह से कर सकती हैं। 
  • लड़कियाँ तथा महिलाएँ तकनीकी कार्य करने में सक्षम नहीं होती। 
  • लड़कियों के जीवन का मुख्य लक्ष्य शादी है। 

प्रश्न 2. 
19वीं शताब्दी में शिक्षा के बारे में किन नए विचारों ने जन्म लिया? 
उत्तर:
19वीं शताब्दी में शिक्षा के बारे में निम्न नए विचारों ने जन्म लिया-

  • विद्यालय अधिक प्रचलन में आ गए। 
  • वे समाज, जिन्होंने स्वयं कभी पढ़ना-लिखना नहीं सीखा था, अपने बच्चों को स्कूल भेजने लगे। 
  • उस समय भी लड़कियों की शिक्षा को लेकर बहुत विरोध हुआ। इसके बावजूद, बहुत सी स्त्रियों और पुरुषों ने बालिकाओं के लिए स्कूल खोलने के प्रयत्न किए। स्त्रियों ने पढना-लिखना सीखने के लिए संघर्ष किये। 

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प्रश्न 3. 
'अतीत में लिखना-पढ़ना कुछ ही लोग जानते थे।' क्यों? 
उत्तर:
अतीत में लिखना-पढ़ना कुछ ही लोग जानते थे क्योंकि-

  • अधिकांश बच्चे वही काम सीखते थे, जो उनके परिवार में होता था या उनके बुजुर्ग करते थे। 
  • लड़कियों को अक्षर तक सीखने की अनुमति नहीं थी। 
  • कुछ बच्चों के लिए स्कूल जाना और पढ़ना 'पहुँच के बाहर' की बात थी या अनुचित बात मानी जाती थी।

प्रश्न 4.
महिला शिक्षा के क्षेत्र में रमाबाई के योगदान को स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
रमाबाई (1858-1922) महिला शिक्षा की महान योद्धा थी। उन्होंने-

  • 1898 ई. में, पुणे के पास खेड़ गाँव में एक मिशन स्थापित किया, जहाँ विधवा स्त्रियों और गरीब औरतों को पढ़ने-लिखने तथा स्वतंत्र होने की शिक्षा दी जाती थी। 
  • यहाँ महिलाओं को लकड़ी से चीजें बनाने, छापाखाना चलाने जैसी कुशलताएँ भी सिखाई जाती थीं जो वर्तमान में भी लड़कियों को कम सिखाई जाती हैं। 
  • रमाबाई का मिशन आज भी सक्रिय है। 

निबन्धात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
शिक्षा ने रुकैया सखावत हुसैन का जीवन कैसे बदला? 
उत्तर:
रुकैया सखावत हुसैन को यद्यपि उर्दू पढना और लिखना आता था, परन्तु उन्हें बांग्ला और अंग्रेजी सीखने से रोका गया। उस समय अंग्रेजी को ऐसी भाषा के रूप में देखा जाता था, जो लड़कियों के सामने नए विचार रखती थी, जिन्हें लोग लड़कियों के लिए ठीक नहीं मानते थे। रुकैया ने अपने बड़े भाई और बहन के सहयोग से बांग्ला और अंग्रेजी पढ़ना-लिखना सीखा और आगे चलकर वे एक लेखिका बनीं। उनकी एक उल्लेखनीय कहानी है-'सुलताना का स्वप्न'। इस कहानी से स्पष्ट होता है कि रुकैया उस समय स्त्रियों के हवाई जहाज और कार चलाने का स्वप्न देख रही थीं, जब लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं थी।

इस प्रकार शिक्षा ने रुकैया का जीवन बदल दिया। यथा-

  • रुकैया केवल स्वयं शिक्षित होकर संतुष्ट नहीं हुईं, उनकी शिक्षा ने उन्हें स्वप्न देखने और लिखने की ही शक्ति नहीं दी, बल्कि उससे भी अधिक करने की शक्ति दी। 
  • 1910 में उन्होंने कोलकाता में लड़कियों के लिए एक स्कूल खोला, जो आज भी कार्य कर रहा है। 

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प्रश्न 2. 
महिला आंदोलन से आप क्या समझते हैं? महिला आंदोलन की रणनीतियों का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
महिला आंदोलन-औरतों ने व्यक्तिगत स्तर पर और आपस में मिलकर महिला शिक्षा तथा कानूनी सुधार के लिए तथा महिला हिंसा के विरोध व महिला स्वास्थ्य के लिए जो संघर्ष किए हैं। इन संघर्षों को महिला आंदोलन कहा जाता है।

महिला आंदोलन की रणनीतियाँ 
महिला आंदोलन में चेतना जागृत करने, भेदभावों का मुकाबला करने और न्याय हासिल करने के लिए भिन्न-भिन्न रणनीतियों का उपयोग किया गया है। यथा-

(1) अभियान-भेदभाव और हिंसा के विरोध में अभियान चलाना महिला आंदोलन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। इन अभियानों के कारण उन्हें अनेक सफलताएँ मिली हैं। जैसे-
(क) 1980 के दशक में दहेज सम्बन्धी कानून को बदला गया। 
(ख) 1997 में सर्वोच्च न्यायालय ने कार्य के स्थान पर और शैक्षणिक संस्थानों में महिलाओं के साथ होने वाली 'यौनप्रताड़ना' से उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए निर्देश जारी किए तथा 
(ग) सन् 2006 में एक कानून बना, जिससे घर के अंदर शारीरिक और मानसिक हिंसा को भोग रही औरतों को कानूनी सुरक्षा दी जा सके।

(2) जागरूकता बढ़ाना-औरतों के अधिकारों के सम्बन्ध में समाज में जागरूकता बढ़ाना भी महिला आंदोलन का एक प्रमुख कार्य है। गीतों, नुक्कड़ नाटकों व जनसभाओं के माध्यम से वह अपने संदेश को लोगों के बीच पहुँचाता है। 
(3) विरोध करना-जब किसी कानून या नीति द्वारा महिलाओं के हितों का उल्लंघन होता है, तब महिला आंदोलन ऐसे उल्लंघन के खिलाफ रैलियों, प्रदर्शन आदि के द्वारा आवाज उठाता है। 
(4) बन्धुत्व व्यक्त करना-न्याय के अन्य मुद्दों व औरतों के साथ बन्धुत्व व्यक्त करना भी महिला आंदोलन का ही हिस्सा है।

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Last Updated on June 15, 2022, 10:25 p.m.
Published June 15, 2022