Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 8 बाज़ार में एक कमीज़ Textbook Exercise Questions and Answers.
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पृष्ठ संख्या 93
प्रश्न 1.
क्या स्वप्ना को रुई का उचित मूल्य प्राप्त हुआ?
उत्तर:
नहीं, स्वप्ना को रुई का उचित मूल्य प्राप्त नहीं हुआ। व्यापारी ने उसे 300 रु. प्रति क्विंटल मूल्य कम दिया।
प्रश्न 2.
व्यापारी ने स्वप्ना को कम मल्य क्यों दिया?
उत्तर:
व्यापारी ने स्वप्ना को बुवाई के समय ऋण दिया था और ऋण देते वक्त यह शर्त लगा दी थी कि सारी फसल वह उसके यहाँ ही बेचेगी। इस शर्त की पालना के कारण स्वप्ना दूसरी जगह जा नहीं सकती थी। इस मजबूरी को देखते हुए व्यापारी ने स्वप्ना को कम मूल्य दिया।
प्रश्न 3.
आपके विचार से बड़े किसान अपनी रुई कहाँ बेचेंगे? उनकी स्थिति किस प्रकार स्वप्ना से भिन्न है?
उत्तर:
हमारे विचार से बड़े किसान अपनी रुई बाजार में बेचेंगे क्योंकि उन्हें किसी व्यापारी से कोई ऋण लेने की जरूरत नहीं होती है। उनके पास खेती करने लायक पर्याप्त धन होता है। यही स्थिति उनको स्वप्ना से भिन्न बनाती है क्योंकि उन्हें कोई भी व्यापारी अपने ही यहाँ रुई बेचने के लिए दबाव नहीं डाल सकता।
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प्रश्न 1.
इरोड़ के कपड़ा बाजार में निम्नलिखित लोग क्या काम कर रहे हैं-व्यापारी, बुनकर, निर्यातक?
उत्तर:
व्यापारी-इरोड़ के कपड़ा बाजार में व्यापारी बुनकरों द्वारा बाजार में बिकने के लिए लाये गए कपड़े को खरीदते हैं। बुनकर-आसपास के गाँवों के बुनकर अपने बनाए गए कपडे को बाजार में बेचने के लिए आए हैं। बुनकर कपड़ा बनाते हैं और उसे बेचने के लिए इरोड़ के कपड़ा बाजार में लाते हैं। वे व्यापारियों के ऑर्डर पर भी 'कपड़ा तैयार करते हैं। इसके लिए उन्हें व्यापारी द्वारा सूत दिया जाता है। निर्यातक-निर्यातक कपड़े का उपयोग कमीज बनाने में करते हैं और उन्हें दूसरे देशों के बाजारों में बेचते हैं।
प्रश्न 2.
बुनकर, व्यापारियों पर किस-किस तरह से निर्भर है?
उत्तर:
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प्रश्न 1.
यदि बुनकर खुद सूत खरीदकर बने हुए कपड़े बेचते हैं, तो उन्हें तीन गुना ज्यादा कमाई होती है। क्या यह संभव है? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
यदि बुनकर स्वयं सूत खरीदकर बने हुए कपड़े बेचते हैं तो उन्हें निश्चित रूप से अधिक कमाई होगी। व्यापारी कम से कम संभव कीमत पर सूत खरीदते हैं और लाभ कमाने के लिए इसे उच्चतर दरों पर बाजार में बेचते हैं। यदि बुनकर संगठित होंगे तो वे निम्नतर दरों पर सूत खरीदकर अच्छे दामों पर बाजार में अपने बनाए कपड़ों को बेचेंगे। इससे एक तरफ उन्हें सूत खरीदने में बचत होगी तो दूसरी तरफ कपड़ा भी अधिक कीमत पर बिकेगा। इस प्रकार बुनकर को तीन गुना ज्यादा कमाई होगी।
प्रश्न 2.
क्या इसी तरह की दादन व्यवस्था पापड़, बीड़ी और मसाले बनाने में भी देखने को मिलती है? अपने इलाके से इस सम्बन्ध में जानकारी इकट्ठी कीजिए और कक्षा में उस पर चर्चा कीजिए।
उत्तरं:
हाँ, पापड़, बीड़ी और मसाले बनाने में भी ऐसी दादन व्यवस्था हो सकती है। क्योंकि ये व्यापार घरों से संचालित होते हैं, जिनके घर के सदस्य इनकी विभिन्न गतिविधियों में संलग्न होते हैं। इन उत्पादों को वे अन्ततः व्यापारियों को देते हैं जो उन्हें बाजार में बेचते हैं।
(विद्यार्थी इस सम्बन्ध में स्वयं जानकारी एकत्र कर कक्षा में चर्चा करें।)
प्रश्न 3.
आपने अपने इलाके में सहकारी संस्थाओं के बारे में सुना होगा; जैसे-दूध, किराना, धान आदि के व्यवसाय में। पता लगाइए कि ये किसके लाभ के लिए स्थापित की गई हैं?
उत्तर:
हाँ, दूध, किराना तथा धान आदि के व्यवसाय में सहकारी संस्थाएँ स्थापित की गई हैं। ये सहकारी संस्थाएँ उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं के लाभ के लिए स्थापित की गई हैं. क्योंकि इनके माध्यम से बिचौलियों और व्यापारियों से दोनों को बचाया जाता है। इनके माध्यम से एक तरह जहाँ उत्पादकों को अपने उत्पादों का उचित मूल्य मिलता है, वहीं दूसरी तरफ बिचौलियों व व्यापारियों के बीच में से हट जाने के कारण उपभोक्ताओं को भी ये उचित मूल्य पर मिलते हैं।
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प्रश्न 1.
विदेशों में खरीदार वस्त्र निर्यात करने वालों से क्या-क्या अपेक्षाएँ रखते हैं? वस्त्र निर्यातक इन शर्तों को क्यों स्वीकार कर लेते हैं?
उत्तर:
विदेशों में खरीदार वस्त्र निर्यात करने वालों से निम्न अपेक्षाएँ रखते हैं-
सामान जरा-सा भी दोषयुक्त होने पर या माल देने में जरा भी विलंब होने पर बडी सख्ती से निपटा जाता है। इसलिए निर्यातक इन शक्तिशाली ग्राहकों द्वारा निश्चित की गई शतों को भरसक पूरा करने की कोशिश करते हैं।
प्रश्न 2.
वस्त्र निर्यातक विदेशी खरीदारों की शर्तों को किस प्रकार पूरा करते हैं?
उत्तर:
वस्त्र निर्यातक विदेशी खरीदारों की शर्तों से बढ़ते दबावों के कारण वस्त्र निर्यात करने वाले कारखाने, खर्चे में कटौती करने का प्रयत्न करते हैं। वे काम करने वालों को जहाँ तक संभव हो सके, न्यूनतम मजदूरी देकर अधिकतम काम लेते हैं। इस तरह से वे अपना लाभ तो बढ़ाते ही हैं और विदेशी ग्राहकों को भी सस्ते दामों पर वस्त्र देते हैं।
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प्रश्न 1.
इम्पेक्स गार्मेंट फैक्टरी में अधिक संख्या में महिलाओं को काम पर क्यों रखा गया होगा? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
इम्पेक्स गार्मेंट फैक्टरी अधिक संख्याओं में महिलाओं को काम पर रखती है क्योंकि-
प्रश्न 2.
मंत्री को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखकर आपके विचार से मजदूरों के लिए जो उचित भुगतान है, उसकी माँग कीजिए।
उत्तर:
सेवा में,
(टैक्सटाइल) मंत्रालय
भारत सरकार, नई दिल्ली
विषय-मजदूरों के उचित भुगतान के सम्बन्ध में
महोदय,
टैक्सटाइल. मजदूरों की दशाओं की तरफ आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ कि मजदूरों को भुगतान के सम्बन्ध में एक निश्चित कानून नहीं है, या तो उन्हें बहुत अधिक भुगतान किया जाता है या बहुत कम। कम भुगतान प्राप्त करने वाले मजदूरों का उनकी अज्ञानता तथा आवश्यकताओं की विवशता में शोषण किया जा रहा है। मजदूर अधिक पढ़े-लिखे नहीं हैं, नियोक्ता वास्तविक खर्चों तथा आय को उनसे छिपा कर उन्हें बहुत कम भुगतान कर अत्यधिक लाभ कमाते हैं।
इसलिए, आपसे निवेदन है कि आप मजदूरों के कठिन श्रम और कार्य के प्रति उनकी लगन को देखते हुए उनके लिए उचित भुगतान कराने को सुनिश्चित करें।
इस सम्बन्ध में निम्नलिखित भुगतान के कुछ सुझाव हैं-
प्रार्थी
क ख ग
प्रश्न 3.
नीचे दी गई कमीज के चित्र (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ 98) में दिखाया गया है कि व्यवसायी को कितना मुनाफा हुआ और उसको कितना खर्च उठाना पड़ा। यदि कमीज का लागत मूल्य 600 रु. है, तो इस चित्र से जानिए कि इस कमीज की कीमत में क्या-क्या शामिल होता है?
उत्तर:
इस कमीज की लागत मूल्य में क्रय मूल्य, विज्ञापन खर्चा तथा भंडारण आदि का खर्चा शामिल होता है।
पृष्ठ संख्या 99
प्रश्न 1.
गार्मेंट फैक्ट्री के मजदूर, गार्मेट निर्यातक और विदेशी बाजार के व्यवसायी ने प्रत्येक कमीज पर कितना पैसा कमाया? तुलना करके पता लगाइए।
उत्तर:
विदेशी बाजार के व्यवसायी ने प्रत्येक कमीज पर 900 रु. लाभ कमाया, गार्मेंट निर्यातक ने 150 रु. प्रति कमीज लाभ लिया और गार्मेंट फैक्ट्री के मजदूर को प्रति कमीज 25 रु. मिले। इस प्रकार विदेशी बाजार के व्यवसायी ने अत्यधिक पैसा कमाया और मजदूर को सबसे कम पैसा मिला।
प्रश्न 2.
व्यवसायी बाजार में ऊँचा मुनाफा कमा पाता है? इसका क्या कारण है?
उत्तर:
व्यवसायी बाजार में ऊँचा मुनाफा कमा पाता है, इसके निम्नलिखित कारण हैं-
प्रश्न 3.
आपने विज्ञापन वाला अध्याय पढ़ा है। चर्चा कीजिए कि व्यवसायी प्रत्येक कमीज पर विज्ञापन के लिए 300 रुपये की राशि क्यों खर्च करता है?
उत्तर:
व्यवसायी प्रत्येक कमीज पर विज्ञापन के लिए 300 रुपये की राशि खर्च करता है क्योंकि-
प्रश्न 1.
स्वप्ना ने अपनी रुई कुर्नूल के रुई बाजार में न बेचकर व्यापारी को क्यों बेच दी?
उत्तर:
स्वप्ना ने अपनी रुई कुर्नूल के रुई बाजार में न बेचकर व्यापारी को ही बेच दी क्योंकि-
प्रश्न 2.
वस्त्र निर्यातक कारखाने में काम करने वाले मजदूरों के काम के हालात और उन्हें दी जाने वाली मजदूरी का वर्णन कीजिए। क्या आप सोचते हैं कि मजदूरों के साथ न्याय होता है?
उत्तर:
प्रश्न 3.
ऐसी किसी चीज के बारे में सोचिए, जिसे हम सब इस्तेमाल करते हैं। वह चीनी, चाय, दूध, पेन, कागज, पेंसिल आदि कुछ भी हो सकती है। चर्चा कीजिए कि यह वस्तु बाजारों की किस श्रृंखला से होती हुई, आप तक पहुँचती है। क्या आप उन सब लोगों के बारे में सोच सकते हैं, जिन्होंने इस वस्तु के उत्पादन व व्यापार में मदद की होगी?
उत्तर:
वस्तु-चीनी
(अ) बाजार की श्रृंखला-
(ब) लोग जो चीनी के उत्पादन व व्यापार में मदद करते हैं-