Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit Ruchira Chapter 9 अहमपि विद्यालयं गमिष्यामि Textbook Exercise Questions and Answers.
प्रश्न 1.
उच्चारण कुरुत-(उच्चारण कीजिए-) अग्रिमदिने, षड्वादने, अष्टवर्षदेशीया, अनुगृह्णातु, भवत्सदृशानाम्, गृहसञ्चालनाय, व्यवस्थायै, महापताकाले, अद्यैवास्याः, करतलवादसहितम्!
उत्तरम् :
[नोट-उपर्युक्त शब्दों का शुद्ध उच्चारण अपने अध्यापकजी की सहायता से कीजिए।]
प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तराणि लिखत
(एक पद में उत्तर लिखिए-)
(क) गिरिजायाः गृहसेविकायाः नाम किमासीत्?
उत्तरम् :
दर्शना।
(ख) दर्शनायाः पुत्री कति वर्षीया आसीत्?
उत्तरम् :
अष्टवर्षीया।
(ग) अद्यत्वे शिक्षा अस्माकं कीदृशः अधिकारः?
उत्तरम् :
मौलिकः।
(घ) दर्शनायाः पुत्री कथं नृत्यति?
उत्तरम् :
करतलवादानसहितम्।
प्रश्न 3.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए-)
(क) अष्टवर्षदेशीया दर्शनायाः पुत्री किं समर्थाऽसीत्?
(आठ साल की दर्शना की पुत्री किसमें समर्थ थी?)
उत्तरम् :
अष्टवर्षदेशीया दर्शनायाः पुत्री गृहस्य संपूर्णकार्यकरणे समर्था आसीत्।
(आठ साल की दर्शना की पुत्री घर का सारा काम करने में समर्थ थी।)
(ख) दर्शना कति गृहाणां.कार्यं करोति स्म?
(दर्शना कितने घरों का काम करती थी?)
उत्तरम् :
दर्शना पञ्च-षड्गृहाणां कार्य करोति स्म।
(दर्शना पाँच-छह घरों का काम करती थी।)
(ग) मालिनी स्वप्रतिवेशिनीं प्रति किं कथयति?
(मालिनी अपनी पड़ोसन से क्या कहती है?)
उत्तरम् :
मालिनी स्वप्रतिवेशिनी प्रति कथयति यत्"मम पुत्र: मातुलगृहं प्रति प्रस्थितः। काचिद् अन्य कामपि महिलां कार्यार्थं जानासि तर्हि प्रेषय।" (मालिनी अपनी पड़ोसन से कहती है कि "मेरा पुत्र मामा के घर गया है। किसी दूसरी महिला को काम के लिए जानती हो तो उसे भेज दीजिए।")
(घ) अद्यत्वे छात्राः विद्यालये किं किं निःशुल्क प्राप्नुवन्ति?
(आजकल छात्र विद्यालय में क्या-क्या निःशुल्क प्राप्त करते हैं?)
उत्तरम् :
अद्यत्वे छात्रा: विद्यालय शिक्षा, गणवेषं, पुस्तकानि, पुस्तकस्यूतम्, पादत्राणम्, मध्याह्न भोजनम्, छात्रवृत्तिम् इत्यादिकं निःशुल्कं प्राप्नुवन्ति।
(आजकल छात्र विद्यालय में शिक्षा, गणवेश (वेशभूषा), पुस्तकें, थैला, जूते, दोपहर का भोजन, छात्रवृत्ति आदि निःशुल्क प्राप्त करते हैं।)
प्रश्न 4.
रेखांकितपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत(रेखांकित पदों के आधार पर प्रश्न निर्माण कीजिए-)
(क) मालिनी द्वारमुद्घाटयति।
(ख) शिक्षा सर्वेषां बालानां मौलिक अधिकारः।
(ग) दर्शना आश्चर्येण मालिनीं पश्यति।
(घ) दर्शना तस्याः पुत्री च मिलित्वा परिवारस्य भरणपोषणं कुरुतः स्म।
उत्तरम् :
प्रश्ननिर्माणम्
(क) का द्वारमुद्घाटयति?
(ख) शिक्षा केषां मौलिक अधिकारः?
(ग) दर्शना आश्चर्येण कां पश्यति?
(घ) दर्शना तस्याः पुत्री च मिलित्वा कस्य भरणपोषणं कुरुतः स्म?
प्रश्न 5.
सन्धि-विच्छेद पूरयत(सन्धि-विच्छेद पूर्ण कीजिए-)
(क) ग्राम प्रति - ग्रामम् + .....................
(ख) कार्यार्थम् - ........... + अर्थम्
(ग) करिष्यत्येषा - करिष्यति + .................।
(घ) स्वोदरपूर्तिः - ........... + उदरपूर्तिः
(ङ) अप्येवम् - अपि + .................
उत्तरम् :
(क) ग्रामम् + प्रति।
(ख) कार्य + अर्थम्।
(ग) करिष्यति + एषा।
(घ) स्व + उदरपूर्तिः।
(ङ) अपि + एवम्।
प्रश्न 6.
(अ)समानार्थकपदानि मेलयत -
(समानार्थक पदों का मिलान कीजिए-)
उत्तरम् :
पदम् - समानार्थकपदम्
(आ) विलोमपदानि मेलयत -
(विलोम पदों का मिलान कीजिए-)
उत्तरम् :
पदम् - समानार्थकपदम्
प्रश्न 7.
विशेषणपदैः सह विशेष्यपदानि योजयत
(विशेषण पदों के साथ विशेष्य पदों को जोडिए-)
उत्तरम् :
विशेषणपदम् - विशेष्यपदम्।
प्रश्न 1.
अधोलिखितप्रश्नानाम् उत्तराणि प्रदत्तविकल्पेभ्यः चित्वा लिखत -
(i) अहमपि विद्यालयं गमिष्यामि' इति पाठस्य क्रमः कः?
(अ) नवमः
(ब) पञ्चमः
(स) सप्तमः
(द) दशमः
उत्तरम् :
(अ) नवमः
(ii) मालिन्याः पुत्रः कुत्रः गतः?
(अ) पितृगृहम्
(ब) मित्रस्य गृहम्
(स) मातुलगृहम्
(द) भगिन्याः गृहम्
उत्तरम् :
(स) मातुलगृहम्
(iii) "अद्य प्रातः एव मम.................. ।" अत्र रेखाङ्कितपदस्य विलोमपदं किं भवति?
(अ) ह्यः
(ब) प्रभातम्
(स) श्वः
(द) सायम्।
उत्तरम् :
(द) सायम्।
(iv) ................ बालिका द्वारे तिष्ठति। अत्र पूरणीय संख्यावाचीपदं किम्?
(अ) एकः
(ब) एका
(स) एकम्
(द) एकस्याः
उत्तरम् :
(ब) एका
(v) 'किं कार्य करिष्यत्येषा' अत्र सर्वनामपदं किम्?
(अ) एषा
(ब) एतत्
(स) कार्यम्
(द) करिष्यति
उत्तरम् :
(अ) एषा
प्रश्न 2.
अधोलिखितवाक्येषु कोष्ठकेभ्यः उचितपदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत -
उत्तराणि :
अतिलघूत्तरात्मकप्रश्नाः
प्रश्न: - एकपदेन प्रश्नान् उत्तरत -
(क) मालिन्याः पुत्रः कम् प्रति प्रस्थितः?
(ख) मालिन्याः का आगन्तारं सूचयति?
(ग) कस्याः रुग्णः पतिः किञ्चिदपि कार्यं न करोति स्म?
(घ) केन शिक्षायाः मौलिकाधिकारस्य घोषणा कृता?
(ङ) दर्शनायाः पुत्री का प्रति कृतज्ञता ज्ञापयति?
उत्तराणि :
(क) मातुलगृहम्
(ख) गृह घण्टिका
(ग) दर्शनायाः
(घ) सर्वकारेण
(ङ) मालिनी प्रति।
लघूत्तरात्मकप्रश्ना:
प्रश्न: - पूर्णवाक्येन प्रश्नान् उत्तरत -
(क) गिरिजायाः सहायिका किमर्थं पृच्छति स्म?
उत्तरम् :
गिरिजायाः सहायिका स्वसुतायाः कृते कर्मार्थं पृच्छति स्म।
(ख) शिक्षा तु केषां मौलिकः अधिकार:?
उत्तरम् :
शिक्षा तु सर्वेषां बालकानां सर्वासां बालिकानां च मौलिक अधिकारः।
(ग) दर्शना तस्याः पुत्री च मिलित्वा कस्य भरण-पोषणं कुरुत:?
उत्तरम् :
दर्शना तस्याः पुत्री च स्वपरिवारस्य भरण-पोषणं कुरुतः।
(घ) सर्वकारेण कदा शिक्षायाः मौलिकाधिकारस्य घोषणा कृता?
उत्तरम-
सर्वकारेण 2009 तमे वर्षे शिक्षायाः मौलिकाधिकारस्य घोषणा कृता।
(ङ) दर्शना स्वपुत्र्याः प्रवेशं कुत्र कर्तुम् इच्छति?
उत्तरम् :
दर्शना स्वपुत्र्याः प्रवेशं समीपस्थे विद्यालये कर्तुम् इच्छति।
पाठ-परिचय - 'सभी पढ़ें और आगे बढ़ें' इस भावना को स्वीकार करके तथा इसी भाव को प्रसारित करने के लिए प्रस्तुत पाठ की रचना की गई है। यह संवादात्मक पाठ है। जिसमें एक निर्धन परिवार की आठ वर्ष की बालिका को उसके शिक्षा के मौलिक अधिकार से वञ्चित करके धन कमाने के लिए दूसरे के घरों में काम करने के लिए भेज दिया जाता है, किन्तु गृहस्वामिनी मालिनी द्वारा उस बालिका की माता को समझाया जाता है और बताया जाता है कि आज सरकार द्वारा सभी बालक-बालिकाओं के लिए सरकारी विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा, पुस्तकें, वस्त्र व भोजन आदि की सुविधा दी जा रही है। इससे प्रेरित होकर वह निर्धन स्त्री अपनी पुत्री को विद्यालय में पढ़ने हेतु भेजने को कहती है, जिसे सुनकर वह बालिका प्रसन्नता व्यक्त करती हुई। कहती है कि "मैं विद्यालय जाऊँगी। मैं भी पढूंगी।"
पाठ का हिन्दी-अनुवाद :
1. मालिनी-(प्रतिवेशिनी प्रति) गिरिजे! .................................................... सह वार्ता करिष्यामि।
(अग्रिमदिने प्रातःकाले ...........................अष्टवर्षदेशीया बालिका तिष्ठति।)
हिन्दी अनुवाद :
मालिनी - (पड़ोसन से) हे गिरिजा ! मेरा पुत्र मामा के घर गया है। किसी दूसरी कामवाली किसी भी महिला को जानती हो तो (उसे) भिजवा दो।
गिरिजा - हाँ सखि! आज सुबह ही मेरी सहायिका (काम करने वाली स्त्री) अपनी पुत्री के लिए काम के बारे में पूछ रही थी। कल सुबह ही उसके साथ बात करूंगी। (अगले दिन सुबह छ: बजे ही मालिनी के घर की घण्टी आने वाले किसी की सूचना देती है, मालिनी दरवाजा खोलती है और देखती है कि गिरिजा की सेविका दर्शना के साथ एक लगभग आठ साल की बालिका स्थित है।)
2. दर्शना-महोदये! भवती कार्यार्थं ............................................... क्रीडनस्य च कालः।
हिन्दी अनुवाद :
दर्शना - महोदया ! आप काम के लिए गिरिजा महोदया से पूछ रही थी, कृपया मेरी पुत्री के लिए (काम करने का) अवसर देकर आप अनुगृहीत कीजिए। मालिनी - किन्तु यह तो अल्प आयु वाली प्रतीत होती है। यह क्या काम करेगी? यह तो इसके अध्ययन का और खेलने का समय है।
3. दर्शना-एषा एकस्य गृहस्य संपूर्ण .......................................................... धनस्य व्यवस्था भवेत्।
हिन्दी अनुवाद :
दर्शना - यह एक घर का सम्पूर्ण काम करती थी। वह परिवार इस समय विदेश चला गया है। काम के अभाव में मैं इसके लिए काम खोज रही थी जिससे आप जैसों का काम चल सके और हम जैसों का घर चलाने के लिए धन की व्यवस्था हो सके।।
4. मालिनी-परमेतत्तु सर्वथाऽनुचितम् ......................................... धनमानेष्यामि।।
हिन्दी अनुवाद :
मालिनी - परन्तु यह तो सर्वथा अनुचित है। क्या (तुम) नहीं जानती हो कि शिक्षा तो सभी बालकों और सभी बालिकाओं का मौलिक अधिकार है।
दर्शना - महोदया! हम जैसों के तो मौलिक अधिकार केवल अपना पेट भरना ही है। इसकी व्यवस्था के लिए ही मैं पूरे दिन में पाँच-छ: घरों का काम करती हैं। मेरा रोगी पति तो कछ भी काम नहीं। करता है। इसलिए मैं और मेरी पुत्री मिलकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। इस महँगाई के। समय में मूलभूत आवश्यकताओं के लिए ही धन पर्याप्त नहीं होता है तो किस प्रकार विद्यालय का शुल्क, गणवेश, पुस्तक आदि को खरीदने के लिए धन लाऊँगी।
5. मालिनी-अहो! अज्ञानं भवत्याः ............................................ सर्वमेव प्राप्स्यन्ति।
हिन्दी अनुवाद :
मालिनी - अहो! (यह) आपका अज्ञान है। क्या (तुम) नहीं जानती हो कि 2009 ई. वर्ष में सरकार के द्वारा सभी बालकों और सभी बालिकाओं के लिए शिक्षा के मौलिक अधिकार की घोषणा की गई है। जिसके अनुसार छ: वर्ष से लेकर चौदह वर्ष तक के सभी बालक-बालिकाएँ समीप के सरकारी विद्यालय में जाकर न केवल निःशुल्क शिक्षा ही प्राप्त करेंगे, अपितु निःशुल्क गणवेष (ड्रेस), पुस्तकें, पुस्तकों का थैला, जूते, दोपहर का भोजन, छात्रवृत्ति आदि सब कुछ प्राप्त करेंगे।
6. दर्शना-अप्येवम् (आश्चर्येण मालिनीं पश्यति।) ................................................... अहमपि पठिष्यामि!
(इत्युक्त्वा करतलवादनसहितं नृत्यति मालिनीं प्रति च कृतज्ञता ज्ञापयति।)
हिन्दी अनुवाद :
दर्शना - क्या ऐसा है? (आश्चर्य से मालिनी को देखती है।)
मालिनी - हाँ! वास्तव में ऐसा ही है।
दर्शना - (कृतार्थता प्रकट करती हुई) हे महोदया! मैं अनुगृहीत हूँ, इस ज्ञान को कराने के लिए। मैं आज ही इसका प्रवेश समीप के विद्यालय में कराऊँगी। दर्शना की पुत्री-(उल्लास के साथ) मैं विद्यालय जाऊँगी! मैं भी पढूंगी। (ऐसा कहकर तालियाँ बजाते हुए नाचती है और मालिनी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करती है।)
पाठ के कठिन-शब्दार्थ :