Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit Ruchira Chapter 15 लालनगीतम् Textbook Exercise Questions and Answers.
The questions presented in the RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 7 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts. Read कक्षा 7 संस्कृत श्लोक written in simple language, covering all the points of the topic.
प्रश्न 1.
गीतम् सस्वरं गायत।
(गीत को स्वरपूर्वक गाइए।)
उत्तर :
[नोट-गीत को अपने अध्यापकजी की सहायता से गाइए।]
प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत-(एक पद में उत्तर दीजिए-)
(क) का विहसति?
(ख) किम् विकसति?
(ग) व्याघ्रः कुत्र गर्जति?
(घ) हरिणः किं खादति?
(ङ) मन्दं कः गच्छति?
उत्तरम् :
(क) धरती
(ख) कमलम्
(ग) गहने विपिने
(घ) नवघासम्
(ङ) उष्ट्रः।
प्रश्न 3.
रेखाड़ितपदानि आधुत्य प्रश्ननिर्माणं करुत(रेखांकित पदों के आधार पर प्रश्न निर्माण कीजिए-) :
(क) सलिले नौका सेलति।
(ख) पुष्पेषु चित्रपतङ्गाः डयन्ते।
(ग) उष्ट्रः पृष्ठे भारं वहति।
(घ) धावनसमये अश्वः किमपि न खादति।
(ङ) सूर्ये उदिते धरणी विहसति।
उत्तरम् :
प्रश्ननिर्माणम् -
(क) सलिले का सेलति?
(ख) केषु चित्रपतङ्गाः डयन्ते?
(ग) कः पृष्ठे भारं वहति?
(घ) कदा अश्वः किमपि न खादति?
(ङ) कस्मिन् उदिते धरणी विहसति?
प्रश्न 4.
मञ्जूषातः समानार्थकपदानि चित्वा लिखत
(मञ्जूषा से समानार्थक पद चुनकर लिखिए-)
[पृथिवी देवालये जले वने मृगः भयङ्करम्।]
उत्तरम् :
प्रश्न 5.
विलोमपदानि मेलयत(विलोम पदों को मिलाइए-)
उत्तरम् :
पदम् - विलोमपदम्
प्रश्न 6.
उचितकथनानां समक्षम् 'आम्' अनुचितकथनानां समक्षं 'न' इति लिखत -
(उचित कथन के सामने 'हाँ' अनुचित कथन के सामने 'नहीं' लिखिए-)
(क) धावनसमये अश्वः खादति। [ ]
(ख) उष्ट्रः पृष्ठे भारं न वहति। [ ]
(ग) सिंह : नीचैः क्रोशति। [ ]
(घ) पुष्पेषु चित्रपतङ्गाः डयन्ते। [ ]
(ङ) वने व्याघ्रः गर्जति। र्जति। [ ]
(च) हरिणः नवघासम् न खादति। [ ]
उत्तरम् :
(क) न
(ख) न
(ग) न
(घ) आम्
(ङ) आम्
(च) न।
प्रश्न 7.
अधोलिखितानि पदानि निर्देशानुसार परिवर्तयत -
(अधोलिखित पद निर्देशानुसार बदलिए-)
यथा- चित्रपतङ्गः (प्रथमा-बहुवचने) -चित्रपतङ्गाः
उत्तरम् :
भल्लुकः (तृतीया-एकवचने) - भल्लुकेन
उष्ट्रः (पञ्चमी-द्विवचने) - उष्ट्राभ्याम्
हरिणः (सप्तमी-बहुवचने) - हरिणेषु
व्याघ्रः (द्वितीया-एकवचने) - व्याघ्रम्
घोटकराजः (सम्बोधन-एकवचने) - हे घोटकराजः!
प्रश्न 8.
चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषातः पदानि च प्रयुज्य वाक्यानि रचयत
(चित्र देखकर और मञ्जूषा से पद प्रयुक्त करके वाक्य बनाइए-)
[नोट-पाठ्यपुस्तक में दिये गए चित्र को देखकर करें।]
[खगाः विकसन्ति कमलानि उदेति क्रीडन्ति डयन्ते सूर्यः चित्रपतङ्गाः कूजन्ति बालाः]
उत्तरम् :
प्रश्न: 1.
अधोलिखित प्रश्नानां प्रदत्तविकल्पेभ्यः उचितम् उत्तरं चित्वा लिखत -
(i) उदिते सूर्य का विहसति?
(अ) धरणी
(ब) रात्री
(स) बालिका
(द) अजा
उत्तरम् :
(अ) धरणी
(ii) सरितः सलिले का सेलति?
(अ) मकरः
(ब) हंसः
(स) नौका
(द) पृथ्वी
उत्तरम् :
(स) नौका
(iii) गहने विपिने क; गर्जति?
(अ) हरिणः
(ब) व्याघ्रः
(स) भल्लुकः
(द) अश्वः
उत्तरम् :
(ब) व्याघ्रः
(iv) कः क्षिप्रं धावति?
(अ) गजराजः
(ब) भल्लु क:
(स) बलिवर्दः
(द) घोटकराजः
उत्तरम् :
(द) घोटकराजः
(v) कः पृष्ठे प्रचुरं भारं वहति?
(अ) उष्ट्रः
(ब) वानरः
(स) सिंहः
(द) हरिणः
उत्तरम् :
(अ) उष्ट्रः
प्रश्न: 2.
अधोलिखितवाक्येषु मञ्जूषातः उचितक्रियापदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत -
[मञ्जूषा - नर्दति गर्जति विकसति विहसति डयन्ते।]
उत्तराणि :
अतिलघूत्तरात्मकप्रश्ना:
प्रश्न:-एकपदेन प्रश्नान् उत्तरत -
(क) मन्दिरे उच्चैः किम् नदति?
(ख) सरितः सलिले का सेलति?
(ग) पुष्पे पुष्पे के डयन्ते?
(घ) गहने विपिने कः गर्जति?
(ङ) कः क्षिप्रं धावति?
उत्तराणि-
(क) ढक्का
(ख) नौका
(ग) चित्रपतङ्गाः
(घ) व्याघ्रः
(ङ) घोटकराजः।
लघूत्तरात्मकप्रश्ना:
प्रश्न: - पूर्णवाक्येन प्रश्नान् उत्तरत -
(क) धेनुः कीदृशं दुग्धं यच्छति?
उत्तरम् :
धेनुः शुद्ध स्वच्छं मधुरं स्निग्धं दुग्धं यच्छति।
(ख) सिंहः कुत्र उच्चैः नर्दति?
उत्तरम् :
सिंह: गहने विपिने उच्चैः नर्दति।
(ग) हरिणः सर्वत्र कथं पश्यति?
उत्तरम् :
हरिणः सर्वत्र सविलासं पश्यति।
(घ) उष्ट्रः पृष्ठे किं निवहति?
उत्तरम् :
उष्ट्रः पृष्ठे प्रचुरं भारं निवहति।
(ङ) धावनसमये कः किमपि न खादति?
उत्तरम् :
धावनसमये घोटकराजः किमपि न खादति।
पाठ-परिचय - प्रस्तुत पाठ में बालकों के लिए अत्यन्त सरल संस्कृत-गीत दिया गया है। इसमें बालसुलभ लयबद्ध श्लोकों में प्रकृति की शोभा का सुन्दर चित्रण किया गया है। इन श्लोकों में प्रातः सूर्योदय के समय पृथ्वी की शोभा, पक्षियों का कूजना तथा कमल के खिलने का, मन्दिर में नगाड़ों की ध्वनि का, नदी में हिलती हुई नाव का तथा अन्य पशु-पक्षी, पुष्प, वृक्ष, गाय, सिंह आदि का सुन्दर चित्रण किया गया है।
पाठ के श्लोकों का अन्वय एवं हिन्दी भावार्थ -
1. उदिते सूर्य धरणी .............................................. कमलं विकसति॥
अन्वयः - सूर्ये उदिते धरणी विहसति, पक्षी कूजति, कमलं (च) विकसति।
हिन्दी भावार्थ - सूर्य के उगने (निकलने) पर धरती (पृथ्वी) हँसती है अर्थात् सभी जगह प्रकाश फैल जाता है, पक्षी कूजने लगते हैं तथा कमल खिलते हैं।
2. नदति मन्दिरे उच्चैढक्का ......................................... सेलति नौका।।
अन्वयः - (प्रात:काले) मन्दिरे ढक्का उच्चैः नदति। सरितः सलिले नौका सेलति।
हिन्दी भावार्थ - प्रात:काल मन्दिर में नगाड़ा जोर से बजता है (ध्वनि करता है)। नदी के जल में नाव (नौका) डगमगाती है।
3. पुष्ये पुष्ये नानारङ्गाः ........................................... डयन्ते चित्रपतङ्गाः॥
अन्वयः - पुष्ये पुष्पे नानारङ्गाः (सन्ति)। तेषु चित्रपतङ्गाः डयन्ते।
हिन्दी भावार्थ - प्रात:काल पुष्प-पुष्प अर्थात् प्रत्येक पुष्प में भिन्न-भिन्न रंग हैं तथा उन पर तितलियाँ उड़ती हैं।
4. वृक्षे वृक्षे नूतनपत्रम् ............................................ विभाति चित्रम्।।
अन्वयः - वृक्षे वृक्षे नूतनपत्रम् (अस्ति)। विविधैः वण: चित्रं विभाति।
हिन्दी भावार्थ - प्रात:काल प्रत्येक पेड़ पर नए पत्ते हैं। विभिन्न रंगों से चित्र (दृश्य) सुशोभित है।
5. धेनुः प्रातर्यच्छति दुग्धम् ...................................... मधुरं स्निग्धम्।।
अन्वयः - प्रातः धेनुः शुद्धं स्वच्छं मधुरं स्निग्धं दुग्धं यच्छति।
हिन्दी भावार्थ - प्रात:काल गाय शुद्ध, स्वच्छ, मीठा और चिकना दूध देती है।
6. गहने विपिने व्याघ्रो.................................................सिंह: नर्दति।।
अन्वयः - गहने विपिने व्याघ्रः गर्जति। तत्र सिंहः उच्चै नर्दति।
हिन्दी भावार्थ - घने जंगल में बाघ गरजता है। वहाँ सिंह जोर से दहाड़ता है।
7. हरिणोऽयं खादति ...................................................... पश्यति सविलासम्।।
अन्वयः - अयं हरिणः नवघासं खादति, सर्वत्र च सविलासं पश्यति।
हिन्दी भावार्थ - यह हिरण (मृग) नई घास (मुलायम घास) को खा रहा है और चारों ओर विलासपूर्वक (प्रसन्नता से) देख रहा है।
8. उष्ट्र: तुङ्गः मन्दं ....................................................... भारं निवहति।।
अन्वयः - तुङ्गः उष्ट्रः मन्दं गच्छति। (स:) पृष्ठे प्रचुरं भारं निवहति।
हिन्दी भावार्थ - ऊँचा ऊँट धीरे-धीरे चलता है। (वह).पीठ पर बहुत अधिक भार ढोता है।
9. घोटकराजः क्षिप्रं .......................................................... किमपि न खादति।।
अन्वयः - घोटकराजः क्षिप्रं धावति। (स:) धावनसमये किमपि न खादति।।
हिन्दी भावार्थ - घोड़ा तेजी से दौड़ता है। (वह) दौड़ते समय कुछ भी नहीं खाता है।
10. पश्यत भल्लुकमिमं ................................................... कुरु करतालम्।।
अन्वयः - इमं करालं भल्लुकं पश्यत। (अयम्) थथथै नृत्यति, करतालं कुरु।
हिन्दी भावार्थ - इस भयानक भालू को देखो। (यह) 'थ थ थै' करता हुआ नाचता है। ताली बजाओ।
पाठ के कठिन-शब्दार्थ :