Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 3 Hindi Chapter 8 गीत यहाँ खुशहाली के Textbook Exercise Questions and Answers.
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सोचें और बताएँ -
गीत यहाँ खुशहाली के कविता प्रश्न 1.
युग-युग से हम किसके उपासक रहे हैं?
उत्तर :
युग-युग से हम गैंती और कुदाली के उपासक रहे हैं।
Class 3 Hindi Chapter 8 प्रश्न 2.
आसमान में किस-किस के दर्शन होते हैं?
उत्तर :
आसमान में इंद्रधनुष और संध्या की लाली के दर्शन होते हैं।
Class 3 Hindi Chapter 8 Question Answer प्रश्न 3.
हम कौन-कौन से उत्सव मनाते हैं?
उत्तर :
हम होली और दीवाली जैसे अनेक उत्सव मनाते
लिखें -
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पर्ति करें
(इंद्रधनुष, महके, दाने, नदी)
(क) मिट्टी ............... पाँव तले।
(ख) दर्शन होते ............... के।
(ग) पर्वत पर से .............. उछलती।
(घ) मोती जैसे ............... हँसते।
उत्तर :
(क) महके
(ख) इंद्रधनुष
(ग) नदी
(घ) दाने।
युग युग से हम रहे उपासक प्रश्न 2.
इंद्रधनुष के दर्शन कब होते हैं?
उत्तर :
इंद्रधनुष के दर्शन वर्षा ऋतु में होते हैं।
Class 3 Chapter 8 Hindi प्रश्न 3.
किसान का पसीना कब बहता है?
उत्तर :
किसान का पसीना तेज़ धूप में तथा परिश्रम करने पर बहता है।
Class 3 Chapter 8 Hindi Question Answer प्रश्न 4.
काली घटा छाने पर कौन-कौन गीत गाने लगते हैं?
उत्तर :
काली घटा छाने पर कोयल, मोर और पपीहे गीत गाने लगते हैं।
Class 3 Hindi Lesson 8 Question Answer प्रश्न 5.
नदी कहाँ से बहकर आती है और उसका मैदानों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर :
नदी पहाड़ों से बहकर आती है और इससे मैदानों में हरियाली और खेतों में फसल पैदा होती है।
Class 3 Hindi Chapter 8 Kab Aau Question Answer प्रश्न 6.
गली-गली में उत्सव कब मनाते हैं?
उत्तर :
फसल पैदा होने के बाद गली-गली में उत्सव मनाते हैं।
भाषा की बात -
प्रश्न :
निम्नलिखित बहुवचन रूपों को एकवचन में लिखें -
चौपालों - चौपाल
पेड़ों - ...............
बैलों - .............
गीतों - .............
स्वरों - .............
मैदानों - ............
उत्तर
पेड़ों - पेड़
बैलों - बैल
गीतों - गीत
स्वरों - स्वर
मैदानों - मैदान
वस्तुनिष्ठ प्रश्न -
कक्षा 3 हिंदी पाठ 8 प्रश्न उत्तर प्रश्न 1.
हल की नोक से खुशहाली के गीत कौर लिखता है?
(अ) व्यापारी
(ब) शिक्षक
(स) किसान
(द) विद्यार्थी।
उत्तर :
(स) किसान
Class 3rd Hindi Chapter 8 Question Answer प्रश्न 2.
श्यामघटा कब घहराती है?
(अ) वर्षा ऋतु में
(ब) गर्मी में
(स) बसंत ऋतु में
(द) सर्दी में।
उत्तर :
(अ) वर्षा ऋतु में
Class 3 Hindi Lesson 8 प्रश्न 3.
नदियाँ कहाँ से आती हैं?
(अ) मैदानों से
(ब) पर्वतों से
(स) आसमान से
(द) समुद्र से।
उत्तर :
(ब) पर्वतों से
Lesson 8 Hindi Class 3 प्रश्न 4.
झाँझ-मंजीरों के साथ तरानों की धुन कहाँ सुनाई पड़ती है?
(अ) बाजार में
(ब) खेतों में
(स) शहरों में
(द) चौपालों में
उत्तर :
(द) चौपालों में
रिक्त स्थान भरो -
प्रश्न 1.
.......... की नोक लिए लिखते हम। (गैंती/हल)
उत्तर :
हल
प्रश्न 2.
वन बागों में .......... बंधते, जब पेड़ों की डाली से। (डोले/झूले)
उत्तर :
झूले
प्रश्न 3.
उत्पादन की .......... जगाती। (धूम/अलख)
उत्तर :
अलख
प्रश्न 4.
गली-गली में .......... मनते ।(मेले/उत्सव)
उत्तर :
उत्सव।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
हल की नोक से हम किसके गीत लिखते हैं?
उत्तर :
हल की नोक से हम खुशहाली के गीत लिखते हैं।
प्रश्न 2.
बैलों के पाँव तले क्या महकती है?
उत्तर :
बैलों के पाँव तले मिट्टी महकती है।
प्रश्न 3.
वन-बागों में पेड़ों की डालियों पर क्या बाँधे जाते हैं?
उत्तर :
वन-बागों में पेड़ों की डालियों पर झूले बाँधे जाते हैं।
प्रश्न 4.
मोती जैसे दाने कहाँ हँसते हैं?
उत्तर :
गेहूँ की बाली में मोती जैसे दाने हँसते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
वर्षा ऋतु में क्या-क्या होता है?
उत्तर :
वर्षा ऋतु में सब तरफ हरियाली छा जाती है। आसमान में इंद्रधनुष दिखाई देता है। कोयल, मोर और पपीहे बोलते हैं। बागों में पेड़ों की डालियों से झूले बाँधे जाते हैं।
प्रश्न 2.
'बहे पसीना तेज धूप में या बादल की छाँव तले' से क्या आशय है?
उत्तर :
किसान तेज धूप में पसीना बहाते हुए या बादलों की छाया में रहकर दिनभर काम करता है। वह सर्दी, गर्मी और वर्षा ऋतु में बिना रुके, बिना थके काम करता है।
प्रश्न 3.
ग्रामीण संस्कृति में चौपाल का क्या महत्त्व है?
उत्तर :
ग्रामीण संस्कृति में चौपाल का बहुत महत्त्व है। गाँव में एक मुख्य स्थान पर सभी लोग संध्या के समय एकत्र होते हैं। एक-दूसरे के बारे में जानते हैं। सभी लोग साथ मिलकर अपने अनुभव बाँटते हैं और साथ मिलकर अपने सुख-दुःख बाँटते हैं। इससे ग्रामीण लोगों में आपसी सहयोग और सामंजस्य बना रहता है।।
प्रश्न 4.
खुशहाली के गीत कब और कहाँ गाये जाते हैं?
उत्तर :
जब समय पर वर्षा होती है, खेत हरे-भरे हो जाते हैं, उनमें फसल लहलहा जाती है और किसान अच्छी फसल की आशा में खब मेहनत करते हैं, तब चौपालों, घरों व खेतों में खुशहाली के गीत गाये जाते हैं।
गीत यहाँ खुशहाली के कठिन-शब्दार्थ एवं सरलार्थ
1. युग-युग से हम रहे उपासक,
गैंती और कुदाली के।
हल की नोक लिए लिखते हम,
गीत यहाँ खुशहाली के॥
कठिन-शब्दार्थ :
सरलार्थ - हम युगों-युगों से गैंती और कुदाली के उपासक रहे हैं, अर्थात् हम श्रम की पूजा करते आए हैं। हम हल की नोक से खुशहाली के गीत लिखते हैं, अर्थात् खेतों में अनाज पैदा करते हैं।
2. घुघरू वाले बैलों के जब,
मिट्टी मह के पाँव तले,
बहे पसीना तेज धूप में,
या बादल की छाँव तले॥
कठिन-शब्दार्थ :
सरलार्थ - जब खेतों में घुघरू बजते बैलों के पाँवों के नीचे से मिट्टी की खुशबू आती है, जब तेज तपती धूप और छाँव में किसान का पसीना बहता है, अर्थात् किसान परिश्रम करता है।
3. दर्शन होते इन्द्रधनुष के,
या संध्या की लाली के।
हल की नोक लिए लिखते हम,
गीत यहाँ खुशहाली के॥
कठिन-शब्दार्थ :
सरलार्थ - कवि कहता है कि खेतों में श्रम करते हुए किसानों को इंद्रधनुष भी दिखाई पड़ता है और शाम की लाली भी, अर्थात् चाहे जैसा मौसम और समय हो, किसान हल की नोक से खुशहाली के गीत लिखते हैं।
4. कोयल, मोर, पपीहे गाते,
श्याम घटा घहराती है।
मधुर स्वरों में कोकिल-कंठी,
बहुएँ गीत सुनाती हैं।
कठिन-शब्दार्थ :
सरलार्थ - बारिश के मौसम में यहाँ कोयल. मोर. पपीहे इत्यादि बोलते हैं और काली घटाएँ उमड़घुमड़ कर आसमान पर छा जाती हैं, खुशी के मारे घर की बहुएँ कोयल जैसे मीठे स्वर में गीत गाती हैं।
5. वन-बागों में झूले बँधते,
जब पेड़ों की डाली से।
हल की नोक लिए लिखते हम,
गीत यहाँ खुशहाली के॥
कठिन-शब्दार्थ :
सरलार्थ - बारिश के मौसम में बाग-बगीचों में पेड़ों की डालियों से झूले बांधे जाते हैं, जहाँ सब झूलाझलते अपनी खुशियों का इजहार करते हैं। हम हल की नोक से खुशहाली के गीत लिखते हैं।
6. पर्वत पर से नदी उछलती,
मैदानों में आती है।
हरियाली की चूनर धानी,
खेतों में लहराती है।
कठिन-शब्दार्थ :
सरलार्थ - पहाड़ों से नदियाँ कल-कल करती हुई मैदान में आती हैं। खेतों में धान की फसल ऐसे लहराती है, जैसे कोई हरी-भरी चुनरी खेतों में लहरा रही हो।
7. मोती जैसे दाने हँसते,
हर गेहूँ की बाली के।
हल की नोक लिए लिखते हम,
गीत यहाँ खुशहाली के॥
कठिन-शब्दार्थ :
सरलार्थ - हरे भरे खेतों में उगी गेहूँ की हर बाली में अनाज के दाने मोतियों जैसे चमकते हैं। किसान कहता है कि हम हल की नोक से खुशहाली के गीत लिखते हैं।
8. उत्पादन की अलख जगाती,
फसलें सभी जवानों में।
चौपालों पर झाँझ-मंजीरे,
बजते नए तरानों में।
कठिन-शब्दार्थ :
सरलार्थ - खेतों में लहलहाती फसलें सभी मेहनतकश किसानों के मन में उत्पादन के प्रति जोश पैदा करती हैं। किसानों का यह उत्साह शाम के समय चौपालों पर लोकगीत संगीत की धुनों पर झाँझ-मंजीरे बजाते-गाते, नाचते दिखाई पड़ता है।
9. गली-गली में उत्सव मनते,
होली और दीवाली के।
हल की नोक लिए लिखते हम,
गीत यहाँ खुशहाली के॥
कठिन-शब्दार्थ
सरलार्थ - यहाँ हर तरफ उत्साह और उमंग के साथ होली और दीवाली के त्योहार मनाए जाते हैं। यहाँ हम अर्थात् किसान हल की नोक से खुशहाली के गीत लिखते हैं।