Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 3 Hindi Chapter 14 अब तक बहुत बह चुका पानी Textbook Exercise Questions and Answers.
सोचें और बताएँ -
प्रश्न 1.
उड़ता-उड़ता कौआ आकर कहाँ पर बैठा?
उत्तर :
उड़ता-उड़ता कौआ आकर पेड़ की डाली पर बैठा।
प्रश्न 2.
कौआ चोंच में क्या लेकर आया?
उत्तर :
कौआ चोंच में एक रोटी लेकर आया।
प्रश्न 3.
लोमड़ मीठी बोली में क्यों बोला?
उत्तर :
लोमड़ मीठी बोली में इसलिए बोला जिससे कि कौए की चोंच से रोटी गिर जाए।
लिखें -
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें। (दाल, बह, लोमड़, मीठा)
(क) ............... राग सुनाओ मुझको।
(ख) बोला ............... दादा से यों।
(ग) अब न तुम्हारी ............... गलेगी।
(घ) अब तक बहुत ............... चुका पानी।
उत्तर :
(क) मीठा
(ख) लोमड़
(ग) दाल
(घ) बह ।
प्रश्न 2.
सही अर्थ के साथ मिलान करें -
उत्तर :
प्रश्न 3.
कौए के दादा-नाना ने कौनसी कला दिखाई थी?
उत्तर :
कौए के दादा-नाना ने मीठा राग सुनाने की। कला दिखाई थी।
प्रश्न 4.
रोटी की कौन-कौनसी विशेषताएँ बताई गई हैं?
उत्तर :
रोटी की विशेषताएँ ये बताई गई हैं कि वह ताजा, चुपड़ी हुई, गोल और मोटी थी।
प्रश्न 5.
गरदन ऊँची कर लोमड़ ने क्या कहा?
उत्तर :
लोमड़ ने गरदन ऊँची कर कहा कि कौए बेटा, मैंने तुम्हें पहचान लिया है।
प्रश्न 6.
कौआ कौनसी नादानी नहीं दोहराना चाहता था?
उत्तर :
कौआ लोमड़ की मीठी बातों में आकर गाना गाने और अपनी रोटी खो देने की नादानी नहीं दोहराना चाहता था।
प्रश्न 7.
"अब तक बहुत बह चुका पानी" इस कथन का क्या आशय है?
उत्तर :
"अब तक बहुत बह चुका पानी" कथन से आशय है कि कौआ कहता है कि अब मेरी समझ पुरानी नहीं रही है। अब मैं होशियार हो गया हूँ। अब तक मीठी बातों के बहकावे में आकर बहुत कुछ खो चुके हैं। अब तुम्हारी चालाकी नहीं चलेगी।
भाषा की बात -
प्रश्न :
पाठ में आए विशेषण शब्दों की सूची बनाइए -
जैसे - ताजी ..............
.......... ...........
.......... ...........
.......... ...........
उत्तर :
चुपड़ी
मधुर
गोल
मोटी
मीठा
वस्तुनिष्ठ प्रश्न -
प्रश्न 1.
रोटी लेकर कौन आया था?
(अ) लोमड़
(ब) दादा
(स) कौआ
(द) नाना।
उत्तर :
(स) कौआ
प्रश्न 2.
रोटी कैसी थी?
(अ) ताजी
(ब) बासी
(स) पुरानी
(द) ठंडी।
उत्तर :
(अ) ताजी
प्रश्न 3.
कौआ आकर कहाँ बैठ गया?
(अ) तने पर
(ब) डाली पर
(स) मकान पर
(द) मुंडेर पर।
उत्तर :
(ब) डाली पर
प्रश्न 4.
गाना गाने के लिए किसने कहा?
(अ) नाती ने
(ब) कौए ने
(स) बेटे ने
(द) लोमड़ ने।
उत्तर :
(द) लोमड़ ने।
रिक्त स्थान भरो -
प्रश्न 1.
लिए ......... में पूरी रोटी। (पंजे/चोंच)
उत्तर :
चोंच
प्रश्न 2.
बैठ चुका था जब .......... पर। (तने/डाली)
उत्तर :
डाली
प्रश्न 3.
तुम हो बेटे या हो ..........। (पोते/नाती)
उत्तर :
नाती
प्रश्न 4.
.......... का अनुभव पाया है। (पुरखों/बड़ों)
उत्तर :
पुरखों
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
कौए को रोटी लाते किसने देखा?
उत्तर :
कौए को रोटी लाते लोमड़ ने देखा।
प्रश्न 2.
लोमड़ ने कैसी बोली में कौए से बात की?
उत्तर :
लोमड़ ने मीठी बोली में कौए से बात की।
प्रश्न 3.
कौए ने कुछ बोलने से पहले रोटी किससे पकड़ी?
उत्तर :
कौए ने कुछ बोलने से पहले अपने पंजे से रोटी पकड़ी।
प्रश्न 4.
कौए ने किससे अनुभव पाया था?
उत्तर :
कौए ने अपने पुरखों से अनुभव पाया था।
लघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
लोमड़ कौए से गीत क्यों सुनना चाहता था?
उत्तर :
लोमड़ कौए की प्रशंसा करके कौए को गीत गाने के लिए कह रहा था, जिससे वह बोलने के लिए अपनी चोंच खोले और रोटी नीचे गिर जावे, ताकि वह उसे खा सके।
प्रश्न 2.
लोमड़ और कौए में से कौन चालाक निकला? कैसे?
उत्तर :
पहले तो लोमड़ ने अपनी चालाकी दिखाते हुए कौए की झूठी प्रशंसा की और कौए को मूर्ख बनाना चाहा। लेकिन कौए ने भी चालाकी दिखाते हुए रोटी को पहले पंजे से पकड़ कर लोमड़ से बात की। अंत में कौआ ही चालाक निकला।
अब तक बहुत बह चुका पानी किठिन-शब्दार्थ एवं सरलार्थ :
1. उड़ता-उड़ता कौआ आया,
लिए चोंच में पूरी रोटी।
ताजी-ताजी, चुपड़ी-चुपड़ी
गोल-गोल थी मोटी-मोटी।
कठिन-शब्दार्थ :
सरलार्थ - कवि वर्णन करता है कि एक कौआ कहीं से अपनी चोंच में पूरी रोटी लेकर उड़ता-उड़ता आया। रोटी ताजा, चुपड़ी हुई, गोल-गोल और मोटी थी।
2. देखा लोमड़ ने उसको तब
बैठ चुका था जब डाली पर।
लोमड़ तब मीठी बोली से
बोला गरदन ऊँची कर-कर।
कठिन-शब्दार्थ :
सरलार्थ - जब कौआ आकर डाली पर बैठ गया, तब लोमड़ ने उसे देखा और अपनी गर्दन ऊँची कर | मीठी आवाज में उससे बोला।
3. मेरे राजा, कौए बेटे!
मैं तुझको पहचान गया हूँ।
आता-जाता रहा इधर मैं
कई वर्ष से, नहीं नया हूँ।
कठिन-शब्दार्थ :
सरलार्थ - लोमड़ बोला-मेरे कौए राजा बेटा, मैं तुझको पहचान गया हूँ। मैं यहाँ नया नहीं हूँ। मैं कई वर्षों से इधर आता-जाता रहा हूँ।
4. मुझे पता है उस कौए के
तुम हो बेटे या हो नाती।
जिस कौए ने मुझे सुनाई।
यहाँ बैठकर मधुर प्रभाती।
कठिन-शब्दार्थ :
सरलार्थ - लोमड़ ने कहा कि मुझे पता है कि तुम उस कौए के या तो पुत्र हो या नाती हो, जिसने मुझे यहीं, इसी जगह बैठकर अपनी मीठी आवाज़ में प्रभाती सुनाई थी।
5. बैठा था वह इसी डाल पर
'बैठे हो अब तुम जिस पर।
मेरे कहने पर गाया था
उसने अपना गाना स्वर भर।
कौए भैया, तुम भी अपना
मीठा राग सुनाओ मुझको।
अपने दादा-नाना जैसी
अपनी कला दिखाओ मुझको।
कठिन-शब्दार्थ :
सरलार्थ - लोमड़ बोला कि वह इसी डाली पर बैठा था, जिस डाली पर तुम बैठे हो। मेरे कहने पर उसने ऊँचे स्वर में मधुर राग में अपना गीत सुनाया। था। कौए भैया, तुम भी अपने दादा-नाना की तरह अपनी कला का हुनर मुझे दिखाओ और अपना मीठा राग मुझे सुनाओ।
6. कौआ हँसा, चोंच की रोटी
पंजे में पकड़ी जब पहले।
बोला लोमड़ दादा से यों
"कान खोलकर दादा सुन ले।
पुरखों का अनुभव पाया है।
क्यों दुहराऊँ वह नादानी।
अब न तुम्हारी दाल गलेगी
अब तक बहुत बह चुका पानी।"
कठिन-शब्दार्थ :
सरलार्थ - कौआ लोमड़ की बात सुनकर हँसा और पहले चोंच की रोटी अपने पंजे में पकड़ी और फिर बोला कि लोमड़ दादा, ध्यान से सुनो। मैंने अपने पूर्वजों से जो अनुभव पाया है उस नादानी को मैं फिर से क्यों दोहराऊँ। अब तुम्हारा एक भी छल नहीं चलेगा। अब तक जो हुआ सो हुआ, पर अब तुम्हारी दाल नहीं गलने वाली, अर्थात् अब मुझे मूर्ख नहीं बना सकोगे।