Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 8 सूचकांक Textbook Exercise Questions and Answers.
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प्रश्न 1.
उदाहरण 2 में दिए गए आँकड़ों में वर्तमान अवधि के मूल्यों को आधार अवधि के मूल्यों में परिवर्तित कीजिए। लेस्पेयर तथा पाशे के सूत्रों का प्रयोग करते हुए कीमत सूचकांक परिकलित कीजिए। पूर्ववर्ती उदाहरण की तुलना में आप क्या अन्तर पाते हैं?
उदाहरण 2
सारणी
वस्तुएँ |
आधार अवधि |
परिवर्तित अवधि |
||
कीमत(p°) |
मात्रा(q°) |
कीमत (p°) |
मात्रा (q°) |
|
A |
2 |
10 |
4 |
5 |
B |
5 |
12 |
6 |
10 |
C |
4 |
20 |
5 |
15 |
D |
2 |
15 |
3 |
10 |
उत्तर:
उदाहरण में आधार अवधि के मूल्यों एवं वर्तमान अवधि के मूल्यों को आपस में परिवर्तित करके प्रश्न को हल करेंगे। लेस्पेयर कीमत सुचकांक - भारित समूहित कीमत सूचकांक, जब आधार अवधि की मात्रा को भार के रूप में प्रयोग करता है तो उसे
लस्पेयर कीमत सूचकांक: इसे निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जाएगा पाशे का कीमत सूचकांक - जब भारित समूहित कीमत सूचकांक वर्तमान अवधि परिमाण को भार के रूप में प्रयोग करता है, तो उसे पाशे का कीमत सूचकांक कहा जाता है। इसे
\(\mathrm{P}_{01}=\frac{\Sigma \mathrm{p}_{1} \mathrm{q}_{0}}{\Sigma \mathrm{p}_{0} \mathrm{q}_{0}} \times 100\)
सारणी
वस्तुएँ |
p ° |
q ° |
p1 |
q1 |
p°q ° |
p1q1 |
A |
4 |
10 |
2 |
5 |
20 |
40 |
B |
6 |
12 |
5 |
10 |
60 |
72 |
C |
5 |
20 |
4 |
15 |
80 |
100 |
D |
3 |
15 |
2 |
10 |
30 |
45 |
|
|
|
|
|
\(\begin{aligned} &\Sigma \mathrm{p}_{1} \mathrm{q}_{0} \\ &=190 \end{aligned}\) |
\(\begin{aligned} &\Sigma \mathrm{p}_{0} \mathrm{q}_{0} \\ &=257 \end{aligned}\) |
\(\begin{aligned} \mathrm{P}_{01} &=\frac{\Sigma \mathrm{p}_{1} \mathrm{q}_{0}}{\mathrm{p}_{0} \mathrm{q}_{0}} \times 100=\frac{190}{257} \times 100 \\ &=73.93 \end{aligned}\)
पूर्ववर्ती उदाहरण से तुलना: किताब में दिए गए उदाहरण दो में लेस्पेयर सूत्र से सूचकांक 1353 व पाशे सूत्र से सूचकांक 132.1 था। परन्तु आधार कीमत एवं वर्तमान कीमतों को आपस में बदलने से लेस्पेयर सूत्र से सूचकांक 73.93 व पाशे सूत्र से सूचकांक 75.68 आया। अत: अवधि आपस में बदलने से पूर्व कीमतों में वृद्धि हुई जबकि अवधि बदलने से कीमतों में कमी आई।
प्रश्न 1.
मदों के सापेक्षिक महत्त्व को बताने वाले सूचकांक को।
(क) भारित सूचकांक कहते हैं।
(ख) सरल समूहित सूचकांक कहते हैं।
(ग) सरल मूल्यानुपातों का औसत कहते हैं।
उत्तर:
(क) भारित सूचकांक कहते हैं।
प्रश्न 2.
अधिकांश भारित सूचकांकों में भार का संबंध।
(क) आधार वर्ष से होता है।
(ख) वर्तमान वर्ष से होता है।
(ग) आधार एवं वर्तमान वर्ष दोनों से होता है।
उत्तर:
(क) आधार वर्ष से होता है।
प्रश्न 3.
ऐसी वस्तु जिसका सूचकांक में कम भार है, उसकी कीमत में परिवर्तन से सूचकांक में कैसा परिवर्तन होगा।
(क) कम
(ख) अधिक
(ग) अनिश्चित
उत्तर:
(क) कम
प्रश्न 4.
कोई उपभोक्ता कीमत सूचकांक किस परिवर्तन को मापता है?
(क) खुदरा कीमत
(ख) थोक कीमत
(ग) उत्पादकों की कीमत
उत्तर:
(क) खुदरा कीमत
प्रश्न 5.
औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक में किस मद के लिए उच्चतम भार होता।
(क) खाद्य पदार्थ
(ख) आवास
(ग) कपड़े
उत्तर:
(क) खाद्य पदार्थ
प्रश्न 6.
सामान्यतः मुद्रा स्फीति के परिकलन में किसका प्रयोग होता है?
(क) थोक कीमत सूचकांक
(ख) उपभोक्ता कीमत सूचकांक
(ग) उत्पादक कीमत सूचकांक
उत्तर:
(क) थोक कीमत सूचकांक
प्रश्न 7.
हमें सूचकांक की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
सूचकांक की आवश्यकता सूचकांक काफी आवश्यक एवं महत्त्वपूर्ण होता है। सूचकांक की आवश्यकता अथवा महत्त्व को निम्न बिन्दुओं से स्पष्ट किया जा सकता है।
(1) उपभोक्ता कीमत सूचकांक का महत्त्वउपभोक्ता कीमत सूचकांक अथवा निर्वाह सूचकांक, मजदूरी समझौता, आय नीति, कीमत नीति, किराया नियन्त्रण, कराधान तथा सामान्य आर्थिक नीतियों के निर्माण में सहायक होते हैं। उपभोक्ता कीमत सूचकांकों की सहायता से समाज के विभिन्न वर्गों के रहन-सहन के व्यय में होने वाले परिवर्तनों का पता चलता है।
(2) थोक कीमत सूचकांक का प्रयोग: थोक कीमत सूचकांक (WPI) का प्रयोग समुच्चयों की कीमतों में परिवर्तन जैसे कि राष्ट्रीय आय, पूँजी निर्माण आदि के परिवर्तनों के प्रभाव को समाप्त करने के लिए किया जाता है। थोक कीमत सूचकांक (WPI) का प्रयोग सामान्य रूप से मुद्रा स्फीति दर को मापने के लिए किया जाता है।
(3) मुद्रा की क्रय शक्ति का मापन: मुद्रा की क्रय शक्ति में निरन्तर परिवर्तन होता रहता है अर्थात् मुद्रा के मूल्य में कमी-वृद्धि होती रहती है। मुद्रा का वास्तविक मूल्य क्या है? इसकी जानकारी हमें सूचकांकों के द्वारा ही प्राप्त होती है।
(4) वास्तविक मजदूरी का मापन: मौद्रिक मजदूरी में समय-समय में परिवर्तन होता रहता है। साथ ही कीमतों में भी परिवर्तन होता है। कीमतों में परिवर्तन क कारण वास्तविक मजदूरी में क्या परिवर्तन होगा? इसका मापन सूचकांक के माध्यम से ही किया जा सकता है।
(5) औद्योगिक उत्पादन सूचकांक का महत्त्व: औद्योगिक उत्पादन सूचकांक अनेक उद्योगों के औद्योगिक उत्पादन के स्तर में परिवर्तन को मापता है। इसके अन्तर्गत सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रक के उत्पादन शामिल होते हैं। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक हमें औद्योगिक क्षेत्र में उत्पादन में परिवर्तन के बारे में परिमाणात्मक अंक प्रदान करता है।
(6) मानव विकास सूचकांक का महत्व: इस सूचकांक का उपयोग एक देश के विकास के अध्ययन के लिए किया जाता है।
(7) संवेदी सूचकांक का महत्त्व: संवेदी सूचकांक स्टॉक मार्केट में निवेशकों के लिए उपयोगी मार्गदर्शक का काम करता है। यदि सूचकांक चढ़ता है तो निवेशक भावी अर्थव्यवस्था के निष्पादन की दिशा में आशावादी होते हैं।
(8) तुलनात्मक अध्ययन में सहायकसूचकांकों द्वारा तथ्यों में होने वाले सापेक्ष परिवर्तनों का माप किया जाता है, निरपेक्ष परिवर्तनों का नहीं। इसके कारण समय व स्थान के आधार पर घटनाओं की तुलना आसानी से की जा सकती है।
प्रश्न 8.
आधार अवधि के वांछित गुण क्या होते हैं?
उत्तर:
आधार अवधि में निम्न वांछित गुण होने चाहिए।
प्रश्न 9.
भिन्न उपभोक्ताओं के लिए भिन्न उपभोक्ता कीमत सूचकांकों की अनिवार्यता क्यों होती
उत्तर:
भिन्न उपभोक्ताओं के लिए भिन्न उपभोक्ता कीमत सूचकांकों की आवश्यकता होती है क्योंकि भिन्नभिन्न उपभोक्ता प्रायः भिन्न-भिन्न वस्तुओं का उपयोग करते हैं अर्थात् विभिन्न उपभोक्ता समूहों के मद समान महत्त्व वाले नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि संभवतः एक निर्धन कृषि मजदूर को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित नहीं करेगी जबकि एक बस के मालिक को यह प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करेगी। अतः भिन्न-भिन्न उपभोक्ता कीमत सूचकांकों का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 10.
औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक क्या मापता है?
उत्तर:
औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक को सामान्य मुद्रा स्फीति का उपयुक्त संकेतक माना जाता है, जो जन साधारण के जीवन निर्वाह पर कीमत वृद्धि के सबसे उपयुक्त प्रभाव को दर्शाता है।
प्रश्न 11.
कीमत सूचकांक तथा मात्रा सूचकांक में क्या अन्तर है?
उत्तर:
कीमत सूचकांक कुछ वस्तुओं की कीमतों का माप करता है जिससे उनकी तुलना संभव हो पाती है जबकि मात्रा सूचकांक एक निश्चित समय में विभिन्न वस्तुओं की भौतिक मात्राओं में होने वाले परिवर्तनों को ज्ञात करने के लिए बनाए जाते हैं, इनकी रचना मात्राओं में वृद्धि या कमी को प्रदर्शित करने के लिए की जाती है।
प्रश्न 12.
क्या किसी भी तरह का कीमत परिवर्तन एक कीमत सूचकांक में प्रतिबिम्बित होता है?
उत्तर:
किसी भी तरह का कीमत परिवर्तन एक कीमत सूचकांक में प्रतिबिम्बित नहीं होता है। जैसे सरल समूहित कीमत सूचकांक वर्तमान अवधि तथा आधार अवधि में वस्तुओं की कीमत को इंगित करता है। इस प्रकार के सूचकांकों का प्रयोग सीमित होता है क्योंकि विभिन्न वस्तुओं के कीमतों के माप की इकाइयाँ समान नहीं होती हैं। यह अभारित सूचकांक है क्योंकि इसमें मदों का सापेक्षिक महत्त्व उपयुक्त रूप से प्रतिबिम्बित नहीं होता है। अतः किसी भी तरह का कीमत परिवर्तन एक कीमत सूचकांक में प्रतिबिम्बित नहीं होता है।
प्रश्न 13.
क्या शहरी गैर शारीरिक कर्मचारियों - के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक भारत के राष्ट्रपति _ के निर्वाह लागत में परिवर्तन का प्रतिनिधित्व कर । सकता है?
उत्तर:
भारत में शहरी गैर शारीरिक कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक भारत के राष्ट्रपति के निर्वाह लागत में परिवर्तन का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता क्योंकि राष्ट्रपति एक विशिष्ट व्यक्ति है।
प्रश्न 14.
नीचे एक औद्योगिक केन्द्र के श्रमिकों द्वारा 1980 एवं 2005 के दौरान निम्न मदों पर प्रति व्यक्ति मासिक व्यय को दर्शाया गया है। इन मदों का भार क्रमश: 75, 10,5,6 तथा 4 है। 1980 को आधार मानकर 2005 के लिए जीवन निर्वाह लागत का एक भारित सूचकांक तैयार कीजिए।
मद |
वर्ष 1980 में कीमत |
वर्ष 2005 में कीमत |
खाद्य पदार्थ |
100 |
200 |
कपड़े |
20 |
25 |
ईैधन एवं बिजली |
15 |
20 |
मकान किराया |
30 |
40 |
विविध |
35 |
65 |
उत्तर:
जीवन निर्वाह लागत के भारित सूचकांक की गणना
जीवन निर्वाह लागत का भारित सूचकांक \(=\frac{\Sigma \mathrm{RW}}{\Sigma \mathrm{W}}\)
\(=\frac{18459.1}{100}\)
= 18 .4512
प्रश्न 15.
निम्नलिखित सारणी को ध्यानपूर्वक पढ़िए एवं अपनी टिप्पणी कीजिए
उद्योग |
भार % में |
1996 - 1997 |
2003 - 2004 |
सामान्य |
100 |
130.8 |
189.0 |
सूचकांक |
10.73 |
118.2 |
146.9 |
खनन एवं |
79.58 |
133.6 |
196.6 |
उत्खनन |
10.69 |
122.0 |
172.6 |
उत्तर:
उपर्युक्त तालिका में विभिन्न उद्योगों का वर्ष 1996 - 97 तथा 2003 - 04 का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक दर्शाया गया है। उपर्युक्त तालिका से स्पष्ट है कि विनिर्माण क्षेत्र की संवृद्धि दर सबसे अधिक है। वर्ष 1996 - 97 में इस क्षेत्र का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 133.6 तथा वर्ष 2003 - 04 में इस क्षेत्र का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 196.6 है।
इसी प्रकार खनन एवं उत्खनन क्षेत्र की संवृद्धि दर सबसे कम है। वर्ष 199697 में इस क्षेत्र का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 118.2 है, वर्ष 2003 - 04 में इस क्षेत्र का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 146:9 है। उपर्युक्त तालिका में विभिन्न उद्योगों का भिन्नभिन्न भार दिया गया है जिसमें विनिर्माण उद्योग का भार सबसे अधिक एवं खनन एवं उत्खनन उद्योग का भार सबसे कम है।
प्रश्न 16.
अपने परिवार में उपभोग की जाने वाली महत्त्वपूर्ण मदों की सूची बनाने का प्रयास कीजिए।
उत्तर:
हमारे परिवार में उपभोग की जाने वाली महत्त्वपूर्ण मदों की सूची निम्न प्रकार है
(1) खाद्य पदार्थ
(2) मकान
(3) वस्त्र
(4) बिजली
(5) रसोई का सामान
(6) पैट्रोल
(7) मनोरंजन
(8) शिक्षा
(9) स्वास्थ्य
(10) विविध व्यय।
प्रश्न 17.
यदि एक व्यक्ति का वेतन आधार वर्ष में 4000 रु. प्रति वर्ष था और उसका वर्तमान वर्ष में वेतन 6000 रु. है। उसके जीवन स्तर को पहले जैसा ही बनाए रखने के लिए उसके वेतन में कितनी वृद्धि होनी चाहिए, यदि उपभोक्ता कीमत सूचकांक 400 हो।
उत्तर:
प्रश्न में दी गई सूचनाएँ निम्न प्रकार हैं
आधार वर्ष का वेतन = 4000
आधार वर्ष का सूचकांक = 100
वर्तमान वर्ष का वेतन = 6000
वर्तमान वर्ष का कीमत सूचकांक = 400
आधार वर्ष तथा वर्तमान वर्ष का उपभोक्ता कीमत सूचकांक में चार गुना का अन्तर है अर्थात् वर्तमान वर्ष का
\(\frac{400}{100}\)
उपभोक्ता कीमत सूचकांक आधार वर्ष से
= 4 गुना
अतः जीवन स्तर को पहले के अनुरूप बनाने हेतु पहले से चार गुना वेतन अर्थात् 16000 रुपये होना चाहिए अर्थात् वेतन \(\frac{400}{100}\) x 4000 = 16000 रुपये होना चाहिए।
वर्तमान में उस व्यक्ति का वेतन 6000 रुपये है।
अत: उस व्यक्ति को पहले वाले जीवन-स्तर पर लाने हेतु उसके वेतन में 16000 - 6000 = 10000 रुपये की वृद्धि करनी होगी।
प्रश्न 18.
जून 2005 में उपभोक्ता कीमत सूचकांक 125 था। खाद्य सूचकांक 120 तथा अन्य मदों का सूचकांक 135 था। खाद्य पदार्थों को दिया जाने वाला भार कुल भार का कितना प्रतिशत है?
उत्तर:
प्रश्नानुसारजून 2005 में खाद्य सूचकांक = 120
जून 2005 में अन्य मदों का सूचकांक = 135
अतः जून 2005 में कुल सूचकांक 120 + 135
= 255
जून 2005 में खाद्य पदार्थों को दिया जाने वाला भार निम्न प्रकार है
\(=\frac{120}{255} \times 100=47.06 \%\)
अतः जून 2005 में खाद्य पदार्थों को दिया जाने वाला भार, कुल भार का 47.06 प्रतिशत है।
प्रश्न 19.
किसी शहर में एक मध्यवर्गीय पारिवारिक बजट में जाँच - पड़ताल से अनलिखित जानकारी प्राप्त होती है।
मदों पर व्यय |
खाद्य पदार्थ 35% |
ईंधन 10% |
कपड़ा 20% |
किराया 15% |
विविध 25% |
2004 में कीमत (रु. में) |
1500 |
250 |
750 |
300 |
400 |
1995 में कीमत (रु. में) |
1400 |
200 |
500 |
200 |
250 |
उत्तर:
मद |
वर्ष 1995 में कीमत p |
वर्ष 2004 में कीमत p |
\(\mathrm{R}=\frac{\mathrm{p}_{1}}{\mathrm{p}_{0}} \times 100\) |
w |
RW |
खाद्य पदार्थ |
1400 |
1500 |
107.14 |
35 |
3749.9 |
ईँधन |
200 |
250 |
125 |
10 |
1250.0 |
कपड़ा |
500 |
300 |
150 |
20 |
3000.0 |
किराया |
200 |
750 |
150 |
15 |
2250.0 |
विविध |
250 |
250 |
160 |
20 |
3200.0 |
|
|
|
|
100 |
1344.0 |
जीवन निर्वाह सूचकांक \(=\frac{\Sigma \mathrm{RW}}{\sum \mathrm{W}}\)
\(\begin{aligned} &=\frac{13449.9}{100} \\ &=134.50 \end{aligned}\)
अतः वर्ष 1995 की तुलना में 2004 में निर्वाह
प्रश्न 20.
दो सप्ताह तक अपने परिवार के ( प्रति इकाई ) दैनिक व्यय, खरीदी मात्रा तथा दैनिक खरीददारी को अभिलेखित कीजिए। कीमत में आए परिवर्तन आपके परिवार को किस तरह से प्रभावित करते हैं?
उत्तर:
वस्तुएँ |
पहला सप्ताह |
दूसरा सप्ताह |
||
कुल व्यय |
मात्रा |
कुल व्यय |
मात्रा |
|
A |
80 |
10 |
108 |
9 |
B |
120 |
12 |
126 |
14 |
C |
160 |
20 |
190 |
38 |
D |
100 |
15 |
126 |
10 |
भारित कीमत सूचकांक = \(\frac{\Sigma \mathrm{p}_{1} \mathrm{q}_{1}}{\Sigma \mathrm{p}_{0} \mathrm{q}_{1}} \times 100\)
\(=\frac{550}{444} \times 100\)
= 1. 2387 X 100
= 12.378
उपर्युक्त गणना से स्पष्ट है कि पहले सप्ताह की अपेक्षा दूसरे सप्ताह में कीमत में परिवर्तन पाये गए। अतः जब वर्तमान वस्तुओं की आधार वर्ष से तुलना की जाती है अर्थात् जब 100 रुपये का व्यय किया जाता है तो वर्तमान में अर्थात् दूसरे सप्ताह में कीमत सूचकांक 123.87 है जो कीमतों में 23.87 प्रतिशत की वृद्धि को व्यक्त किया जाता है। अतः वर्तमान अवधि भार का प्रयोग करते हुए यह कहा जाएगा कि कीमत 23.87 प्रतिशत बढ़ गई।
प्रश्न 21.
निम्नलिखित आँकड़े दिए गए हैं।
वर्ष |
औद्योगिक श्रमिकों CPI (1982 = 100) |
कृषि श्रमिक CPI (1986 - 87 = 100) |
थोक कीमत सूचकांक |
1995 -96 |
313 |
234 |
121.6 |
1996 – 97 |
342 |
256 |
127.8 |
1997 – 98 |
366 |
244 |
132.2 |
1998 – 99 |
414 |
293 |
140.7 |
1999 – 2000 |
428 |
306 |
145.3 |
2000 – 01 |
444 |
306 |
155.7 |
2001 – 2002 |
463 |
309 |
161.3 |
2002 – 2003 |
482 |
319 |
166.8 |
2003 - 2004 |
500 |
331 |
175.9 |
(क) सूचकांकों के सापेक्षिक मानों पर टिप्पणी कीजिए।
(ख ) क्या ये तुलना योग्य हैं?
उत्तर:
(क) उपर्युक्त तालिका के विश्लेषण से स्पष्ट है कि वर्ष 1995 - 96 से लेकर 2003 - 04 तक की अवधि में सभी वर्षों में औद्योगिक श्रमिकों का उपभोक्ता कीमत सूचकांक सबसे अधिक है तथा इस समय अवधि में सभी वर्षों में थोक कीमत सूचकांक सबसे कम है। उपर्युक्त तालिका में सभी प्रकार के उपभोक्ता कीमत सूचकांकों के आधार वर्ष भिन्न - भिन्न हैं।
(ख) उपर्युक्त तालिका में विभिन्न उपभोक्ता कीमत सूचकांक दिए गए हैं। औद्योगिक श्रमिकों के CPI का आधार वर्ष 1982 है, कृषि श्रमिकों का CPI का आधार वर्ष 1986 - 87 है तथा थोक कीमत सूचकांक का आधार वर्ष 1993 - 94 है। अतः उपर्युक्त सभी सूचकांकों की तुलना नहीं की जा सकती है क्योंक सभी सूचकांकों का आधार वर्ष भिन्न - भिन्न है।