RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 10 भारत और इसके पड़ोसी देशों के तुलनात्मक विकास अनुभव

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 10 भारत और इसके पड़ोसी देशों के तुलनात्मक विकास अनुभव Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 11 Economics Solutions Chapter 10 भारत और इसके पड़ोसी देशों के तुलनात्मक विकास अनुभव

RBSE Class 11 Economics भारत और इसके पड़ोसी देशों के तुलनात्मक विकास अनुभव InText Questions and Answers

पृष्ठ - 192.

प्रश्न 1. 
विद्वानों का मानना है कि भारत, चीन एवं पाकिस्तान सहित अनेक विकासशील देशों में पुत्र को वरीयता देना एक सामान्य बात है। क्या आप इस बात को अपने परिवार या पड़ोस में देखते हैं? लोग लड़के और लड़कियों में भेदभाव क्यों करते हैं? आप इस बारे में क्या सोचते हैं? कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
यह सत्य है तथा हमने अपने आस - पड़ोस में भी देखा है कि विकासशील राष्ट्रों में पुत्र को वरीयता दी जाती है। विकासशील राष्ट्रों में पुत्र को वरीयता प्रदान करने के अनेक कारण हैं -  एक तो विकासशील देशों में यह परम्परा तथा रूढ़िवादिता है कि पुत्र द्वारा ही परिवार का वंश आगे बढ़ता है तथा पुत्र ही माता - पिता को मृत्यु के पश्चात् अग्नि प्रदान कर मोक्ष प्रदान करता है। विकासशील राष्ट्रों में पुत्री को पराया धन माना जाता है जो शादी के पश्चात् अन्य घर चली जाती है अत: लड़के एवं लड़की में भेदभाव किया जाता है। हमारी राय में लड़के एवं लड़की में भेदभाव करना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है तथा वर्तमान में लोगों की मानसिकता में परिवर्तन भी हो रहा है। अब कई शिक्षित लोग लड़के एवं लड़की को समानता की दृष्टि से देखते हैं।

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प्रश्न 2. 
क्या आप समझते हैं कि चीन की भाँति भारत और पाकिस्तान को भी विनिर्माण क्षेत्रक पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। क्यों?
उत्तर:
विगत कुछ वर्षों में भारत, चीन तथा पाकिस्तान में विकास कार्यक्रमों को अपनाया गया है। विगत वर्षों में तीनों राष्ट्रों में हुए विकास के आधार पर कहा जा सकता है कि चीन की आर्थिक संवृद्धि का मुख्य आधार विनिर्माण क्षेत्रक रहा है तथा भारत एवं पाकिस्तान में विनिर्माण के स्थान पर सेवा क्षेत्र में अधिक वृद्धि हो रही है।

हमारे अनुसार चीन तथा भारत - पाकिस्तान सभी राष्ट्रों की नीतियाँ सही हैं। भारत तथा पाकिस्तान को चीन की भाँति विनिर्माण क्षेत्रक पर अधिक ध्यान नहीं देना चाहिए क्योंकि भारत एवं चीन दोनों ही विकासशील राष्ट्र हैं तथा दोनों की ही आर्थिक स्थिति सही नहीं है जिस कारण वे विनिर्माण क्षेत्रक की बजाय सेवा क्षेत्रक पर अधिक ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं क्योंकि सेवा क्षेत्रक में विनिर्माण क्षेत्रक की तुलना में कम विनियोग की आवश्यकता पड़ती है तथा बढ़ती हुई जनसंख्या के अनुरूप अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न किए जा सकते हैं। अतः भारत तथा पाकिस्तान को सेवा क्षेत्र के विकास पर अधिक ध्यान देना चाहिए।

प्रश्न 3. 
अनेक विद्वानों का तर्क है कि सेवा क्षेत्रक को संवृद्धि का इंजन नहीं माना जाना चाहिए, जबकि भारत और पाकिस्तान में उत्पादन में वृद्धि मुख्यतः इसी क्षेत्रक में हुई है। आपका क्या विचार है?
उत्तर:
विकास की सामान्य प्रक्रिया के दौरान सबसे पहले कृषि क्षेत्र से अधिक ध्यान को हटाकर विनिर्माण क्षेत्रक में लगाना चाहिए तथा उसके पश्चात् विनिर्माण क्षेत्र से सेवा क्षेत्र में। किन्तु भारत एवं पाकिस्तान में कृषि क्षेत्र से सीधे ही सेवा क्षेत्रक पर अधिक बल दिया गया है तथा इन राष्ट्रों की अर्थव्यवस्था की दृष्टि से यह नीति सही भी है क्योंकि ये दोनों ही राष्ट्र विकासशील राष्ट्र हैं तथा दोनों की आर्थिक स्थिति सही नहीं है जबकि विनिर्माण क्षेत्र में विनियोग, सेवा क्षेत्रक से अधिक होता है साथ ही सेवा क्षेत्रक में कम विनियोग से रोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न किए जा सकते हैं, अतः पाकिस्तान एवं भारत में विनिर्माण क्षेत्र के बजाय 

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प्रश्न 1. 
क्षेत्रीय और आर्थिक समूहों के बनने के कारण दीजिए।
उत्तर:
विश्व के विभिन्न राष्ट्रों द्वारा अपनी - अपनी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने हेतु अनेक कदम उठाए गए। इसी क्रम में विभिन्न राष्ट्रों द्वारा मिलकर कई क्षेत्रीय तथा आर्थिक समूहों का गठन किया गया जैसे सार्क, यूरोपियन संघ, ब्रिक्स, आसियान, जी-8, जी-20 आदि। इन संगठनों की स्थापना के पीछे आपस में मिलकर आर्थिक विकास करने का प्रमुख उद्देश्य रहा है। ये देश संगठनों के सदस्यों के रूप में एक-दूसरे राष्ट्र की सहायता कर उनके विकास में सहयोग प्रदान करते हैं। अत: विभिन्न देशों द्वारा मिलकर अर्थव्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने हेतु विभिन्न क्षेत्रीय तथा आर्थिक समूहों की स्थापना की गई।

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प्रश्न 2. 
वे विभिन्न साधन कौनसे हैं जिनकी सहायता से देश अपनी घरेल व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने का प्रयत्न कर रहे हैं?
उत्तर:
विभिन्न देश अनेक साधनों की सहायता से अपनी घरेलू व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने का प्रयास कर रहे हैं। तथा सभी राष्ट्रों की नीतियाँ इस संदर्भ में भिन्न-भिन्न हैं। विकासशील राष्ट्रों जैसे भारत, पाकिस्तान तथा चीन में घरेलू व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने हेतु नियोजन का मार्ग अपनाया गया है। इसके अन्तर्गत सरकार द्वारा विभिन्न साधनों का नियोजन कर पूर्व निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है। तीनों राष्ट्रों में विभिन्न योजनाओं में भिन्न भिन्न लक्ष्य निर्धारित किए गए तथा उन्हें प्राप्त करने का प्रयास किया गया।

प्रश्न 3. 
वे समान विकासात्मक नीतियाँ कौनकौनसी हैं जिनका कि भारत और पाकिस्तान ने अपनेअपने विकासात्मक पथ के लिए पालन किया है?
उत्तर:
भारत तथा पाकिस्तान एक ही दिन स्वतन्त्र हुए तथा दोनों ही राष्ट्रों ने देश के विकास हेतु लगभग समान नीतियाँ अपनाई अर्थात् दोनों राष्ट्रों की विकासात्मक नीतियो में काफी समानताएँ पाई गई हैं। भारत तथा पाकिस्तान दोनों ही राष्ट्रों में आर्थिक विकास हेतु योजनाबद्ध विकास का मार्ग अपनाया गया तथा दोनों ही राष्ट्रों में पंचवर्षीय योजनाओं को लागू कर विकास किया गया। भारत तथा पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था काफी मिलती - जुलती है अतः दोनों देशों की नीतियाँ भी समान हैं। पाकिस्तान तथा भारत दोनों देशों में सार्वजनिक क्षेत्र का सृजन कर विकास को बढ़ावा दिया गया तथा दोनों ही राष्ट्रों में सामाजिक विकास हेतु सार्वजनिक व्यय किया गया। 

पाकिस्तान ने भी भारत के ही समान मिश्रित अर्थव्यवस्था को अपनाया तथा दोनों क्षेत्रों की भूमिका को महत्वपूर्ण माना। शुरू में भारत तथा पाकिस्तान दोनों ने ही व्यापार पर नियन्त्रण की नीतियाँ अपनाई ताकि देश के उद्योगों को प्रतिस्पर्धा से बचाया जा सके। दोनों देशों में पंचवर्षीय योजनाओं में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा दिया गया तथा सामाजिक विकास हेतु सार्वजनिक व्यय किया गया। दोनों देशों में कृषि क्षेत्र के विकास हेतु हरित क्रान्ति की नीति को अपनाया गया जिसका काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ा।

पाकिस्तान तथा भारत दोनों देशों में ही कृषि क्षेत्रक - के पश्चात् सेवा क्षेत्रक पर अधिक ध्यान दिया गया था। दोनों देशों में प्रारम्भ में राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा दिया गया तथा कुछ समय पश्चात् दोनों देशों द्वारा निजीकरण को बढ़ावा दिया गया। अत: भारत तथा पाकिस्तान की विकासात्मक नीतियाँ लगभग समान रही हैं।

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प्रश्न 4. 
1958 में प्रारम्भ की गई चीन के ग्रेट लीप फॉरवर्ड अभियान की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
चीन सरकार ने वर्ष 1958 में 'ग्रेट लीप फॉरवर्ड' अभियान प्रारम्भ किया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण करना था। इस अभियान में सरकार |ने लोगों को घर पर ही उद्योग लगाने हेतु प्रोत्साहित किया।

प्रश्न 5. 
चीन की तीव्र औद्योगिक संवृद्धि 1978 में उसके सुधारों के आधार पर हुई थी। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
चीन में औद्योगिक क्षेत्र में तीव्र वृद्धि हुई तथा इस वृद्धि के पीछे 1978 में किए गए सुधारों को आधार माना है। हम इस कथन से सहमत हैं क्योंकि वर्ष 1978 में चीन में सुधारों का प्रारम्भ हुआ। चीन में आर्थिक सुधार कई चरणों में हुआ। प्रारम्भिक चरण में चीन में कृषि, विदेशी व्यापार तथा निवेश क्षेत्रकों में सुधार किए गए। उदाहरण हेतु कृषि क्षेत्रक में कम्यून भूमि को छोटे-छोटे खण्डों में विभाजित किया गया तथा उन खण्डों को अलगअलग परिवारों को सौंपा गया। चीन में बाद के चरण में। औद्योगिक क्षेत्र में सुधार प्रारम्भ किया। चीन में नगरीय तथा उत्पादित करने की अनुमति दी गई, जो स्थानीय लोगों के स्वामित्व और संचालन के अधीन थे। इस प्रकार 1978 में प्रारम्भ किए गए सुधारों के फलस्वरूप चीन में तीव्र औद्योगिक संवृद्धि को बल मिला।

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प्रश्न 6. 
पाकिस्तान द्वारा अपने आर्थिक विकास के लिए किए गए विकासात्मक पहलों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
पाकिस्तान द्वारा अपने आर्थिक विकास के लिए किए गए पहलों को निम्न बिन्दुओं से स्पष्ट किया जा सकता है:

  1. पाकिस्तान में आर्थिक विकास हेतु नियोजन का मार्ग अपनाया गया जिसमें देश में पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से आर्थिक विकास एवं संवृद्धि का प्रयास किया गया।
  2. पाकिस्तान में आर्थिक विकास एवं संवृद्धि हेतु मिश्रित अर्थव्यवस्था की अवधारणा को अपनाया गया जिसमें निजी तथा सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को महत्त्व प्रदान किया गया। 
  3. पाकिस्तान में आधारिक संरचना के विकास एवं सामाजिक कल्याण हेतु अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक व्यय किया गया।
  4. पाकिस्तान में औद्योगिकीकरण की नीति को अपनाया गया तथा सार्वजनिक क्षेत्र के सृजन पर बल दिया गया तथा सार्वजनिक क्षेत्र के विकास पर बल दिया गया।
  5.  पाकिस्तान के द्वारा अपने उद्योगों को विदेशी उद्योगों की प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए नियन्त्रण की नीति अपनाई गई।
  6. पाकिस्तान द्वारा कृषि क्षेत्र के विकास हेतु हरित क्रान्ति की नीति अपनाई गई जिसका कृषि क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।
  7. पाकिस्तान में कृषि क्षेत्रक के पश्चात् आर्थिक संवृद्धि हेतु सेवा क्षेत्रक की ओर विशेष ध्यान दिया गया जिसका सकारात्मक परिणाम देखा गया।
  8. पाकिस्तान में प्रारम्भ में राष्ट्रीयकरण की नीति को अपनाया गया तथा उसके पश्चात् निजीकरण को प्रोत्साहित किया गया। 

प्रश्न 7. 
चीन में 'एक संतान' नीति का महत्वपूर्ण निहितार्थ क्या है? 
उत्तर:
जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा राष्ट्र चीन 'एक संतान' की नीति को अपनाकर जनसंख्या वृद्धि को रोकना चाहता था।

प्रश्न 8. 
चीन, पाकिस्तान और भारत के मुख्य जनांकिकीय संकेतकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
चीन, पाकिस्तान तथा भारत के मुख्य जनांकिकीय संकेतकों को निम्न तालिका द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है:

तालिका : जनांकिकीय संकेतक 2015

संकेतक

भारत

चीन

पाकिस्तान

1. अनुमानित जनसंख्या (मिलियन में)

1311

1371

188

2. जनसंख्या की वार्षिक संवृद्धि

1.2

0.5

2.1

3. जनसंख्या का घनत्व (प्रति वर्ग किलोमीटर)

441

146

245

4. लिंग अनुपात

929

941

947

5. प्रजनन दर

2.3

1.6

3.7

6. नगरीकरण

33

56

39

(स्रोत: विश्व विकास सूचक, www.worldbank.org)
उपर्युक्त तालिका के आधार पर तीनों राष्ट्रों के प्रमुख जनांकिकीय संकेतकों को स्पष्ट किया जा सकता है। तीनों राष्ट्रों में चीन की जनसंख्या सर्वाधिक है तथा विश्व में जनसंख्या की दृष्टि से चीन सबसे बड़ा राष्ट्र है तथा भारत का दूसरा स्थान है। जनसंख्या की वार्षिक संवृद्धि दर चीन में सबसे कम तथा पाकिस्तान में सबसे अधिक रही। वर्ष 2015 में भारत में जनसंख्या की वार्षिक संवृद्धि 1.2 प्रतिशत, चीन में 0.5 प्रतिशत तथा पाकिस्तान में 2.1 प्रतिशत रही।

जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से भारत का स्थान तीनों देशों में पहला रहा। वर्ष 2015 में भारत का जनसंख्या घनत्व 441 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर रहा जबकि चीन में यह 146 एवं पाकिस्तान में 245 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर रहा। लिंगानुपात की दृष्टि से तीनों देशों की स्थिति लगभग समान है। वर्ष 2015 में भारत का लिंगानुपात 929, चीन का 941 एवं पाकिस्तान का लिंगानुपात 947 रहा। प्रजनन दर सर्वाधिक पाकिस्तान की है। वर्ष 2015 में भारत की प्रजनन दर 2.3, चीन की 1.6 एवं पाकिस्तान की प्रजनन दर 3.7 रही। तीनों देशों में सर्वाधिक नगरीकरण चीन में रहा एवं भारत में सबसे कम नगरीकरण रहा।

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प्रश्न 9. 
मानव विकास के विभिन्न संकेतकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
किसी भी अर्थव्यवस्था में मानव विकास को विभिन्न संकेतकों द्वारा मापा जा सकता है। किसी भी राष्ट्र के मानव विकास को निम्न संकेतकों द्वारा मापा जा सकता है - जन्म के समय जीवन प्रत्याशा, प्रौढ़ साक्षरता दर, प्रति व्यक्ति जी.डी.पी., निर्धनता रेखा से नीचे लोग, शिशु मृत्युदर, मातृत्व मृत्यु - दर, स्वच्छता, उत्तम जल - स्रोत की उपलब्धता, कुपोषण आदि। भारत, पाकिस्तान तथा चीन में मानव विकास के प्रमुख संकेतकों की स्थिति को निम्न तालिका द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है:

तालिका: प्रमुख मानव विकास संकेतांक, 2016 - 17:

मानव विकास संकेतक

भारत

चीन

पाकिस्तान

1. मानव विकास सूचक (मूल्य)

0.640

0.752

0.562

2. स्थान अथवा पद (एच.डी.आई. पर आधारित)

130

86

150

3. जन्म के समय जीवन प्रत्याशा (वर्षों में)

68.8

76.4

66.6

4. विद्यालय में औसत वर्ष(15 वर्ष और अधिक आयु प्रतिशत में)

6.4

7.8

8.6

5. प्रति व्यक्ति जी.डी.पी. (पी.पी.पी. अमेरिकी डॉलर)

6427

15309

5035

6. निर्धनता रेखा से नीचे लोग (प्रतिशत में) ($3.20 तक दिन पी.पी.पी. पर)

60.4

23.5

46.4

7. शिशु मृत्यु दर (प्रति 1000 जीवित जन्मों के अनुसार) (2011)

34.6

8.5

64.2

8. मातृत्व मृत्यु-दर (प्रति 1 लाख जन्म पर)

174

27

178

9. जनसंख्या में सुधार स्वच्छता (%) का उपयोग

44.2

75

58.3

10. सुधार हुआ, पीने के पानी के स्रोतों को स्थायी एक्सेस (%) के साथ जनसंख्या

94

96

91

11.कुपोषण के शिकार बच्चों का प्रतिशत

37.9

8.1

45
 


स्रोत: मानव विकास रिपोर्ट 2018 और विश्व विकास सूचक (www.worldbank.org)
उपर्युक्त तालिका से स्पष्ट है कि कई संकेतकों की दृष्टि से चीन की स्थिति भारत एवं पाकिस्तान से काफी बेहतर है जैसे - जीवन - प्रत्याशा, प्रति व्यक्ति जी.डी.पी., शिशु मृत्यु दर, मातृत्व मृत्यु - दर, अल्प पोषित जनसंख्या इत्यादि। इसी प्रकार कुछ संकेतकों की दृष्टि से भारत की स्थिति पाकिस्तान से बेहतर है जैसे जीवन-प्रत्याशा, प्रति व्यक्ति जी.डी.पी., शिशु मृत्यु - दर, मातृत्व मृत्यु दर इत्यादि। कुछ संकेतकों की दृष्टि से पाकिस्तान की स्थिति भारत से बेहतर है जैसे निर्धनता रेखा से नीचे जनसंख्या का अनुपात।

प्रश्न 10. 
स्वतन्त्रता संकेतक की परिभाषा दीजिए। स्वतन्त्रता संकेतकों के कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
स्वतन्त्रता संकेतक - स्वतन्त्रता संकेतक वे संकेतक हैं जिन्हें मानवीय विकास सूचक की रचना में महत्त्व नहीं दिया गया है किन्तु इन संकेतकों की आवश्यकता है। सामाजिक व राजनीतिक निर्णय प्रक्रिया में लोकतान्त्रिक भागीदारी की सीमा के संकेतक को इसके माप के रूप में जोड़ दिया गया है। 

स्वतन्त्रता संकेतकों के कुछ उदाहरण निम्न प्रकार हैंनागरिक अधिकारों की संवैधानिक संरक्षण की सीमा, न्यायपालिका की स्वतन्त्रता के लिए संवैधानिक संरक्षण की सीमा, न्यायपालिका की स्वतन्त्रता को संरक्षण देने की संवैधानिक सीमा आदि।

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प्रश्न 11. 
उन विभिन्न कारकों का मूल्यांकन कीजिए जिनके आधार पर चीन में आर्थिक विकास में तीव्र वृद्धि (तीव्र आर्थिक विकास हुआ) हुई। 
उत्तर:
चीन में आर्थिक विकास की तीव्र वृद्धि हेतु निम्न कारक महत्त्वपूर्ण रहे। 
(1) चीन में आर्थिक विकास हेतु योजनाबद्ध विकास का मार्ग अपनाया गया तथा विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति हेतु पंचवर्षीय योजनाएं बनाई गईं, इस प्रकार योजनाबद्ध विकास से चीन के आर्थिक विकास को बल मिला।

(2) चीन में प्रारम्भ में बड़े पैमाने के उद्योगों को बढ़ावा दिया गया साथ ही लोगों को घरों में छोटे - छोटे उद्योग लगाने हेतु प्रोत्साहित किया जिससे चीन में औद्योगीकरण को बल मिला तथा देश के आर्थिक विकास की गति तीव्र हुई।

(3) चीन में कृषि क्षेत्र के विकास हेतु सामूहिक रूप से कृषि करने पर बल दिया गया तथा कृषि को छोटे - छोटे भागों में बाँटकर अलग-अलग परिवारों को आबंटित किया गया।

(4) चीन में औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु अनेक नीतियाँ बनाईं जिनका औद्योगिक क्षेत्र के विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। नगरीय तथा ग्रामीण उद्यमों की निजी क्षेत्रक की उन फर्मों को वस्तुएँ उत्पादित करने की अनुमति दी, जो स्थानीय लोगों के स्वामित्व और संचालन के अधीन थे।

(5) चीन में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित किए गए।

(6) चीन में कृषि क्षेत्र के बाद विनिर्माण क्षेत्र में विशेष बल दिया गया। चीन में कृषि में लगी अतिरिक्त जनसंख्या को हस्तशिल्प, वाणिज्य तथा परिवहन जैसी गतिविधियों को अपनाने हेतु सरकार द्वारा प्रेरित किया गया जिसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा तथा चीन में विनिर्माण क्षेत्र का तीव्र विकास हुआ। चीन में जी.डी.पी. में सबसे अधिक योगदान विनिर्माण क्षेत्र का है। अतः चीन की आर्थिक संवृद्धि का मुख्य आधार विनिर्माण क्षेत्र है।

प्रश्न 12. 
भारत, चीन और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्थाओं से सम्बन्धित विशेषताओं को तीन शीर्षकों के अन्तर्गत समूहित कीजिए। 
1. एक सन्तान का नियम 
2. निम्न प्रजनन दर 
3. नगरीकरण का उच्च स्तर 
4. मिश्रित अर्थव्यवस्था 
5. अति उच्च प्रजनन दर 
6. भारी जनसंख्या 
7. जनसंख्या का अत्यधिक घनत्व 
8. विनिर्माण क्षेत्र के कारण संवृद्धि
9. सेवा क्षेत्रक के कारण संवृद्धि। 
उत्तर:
भारत, चीन तथा पाकिस्तान की अर्थव्यवस्थाओं की विशेषताएँ:

1. भारत:

  • मिश्रित अर्थव्यवस्था 
  • भारी जनसंख्या 
  • जनसंख्या का अत्यधिक घनत्व 
  • सेवा क्षेत्र के कारण संवृद्धि

2. चीन 

  • एक सन्तान का नियम 
  • निम्न प्रजनन दर 
  • नगरीकरण का उच्च स्तर 
  • भारी जनसंख्या 
  • विनिर्माण क्षेत्र के कारण संवृद्धि

3. पाकिस्तान 

  • नगरीकरण का उच्च स्तर 
  • मिश्रित अर्थव्यवस्था 
  • अति उच्च प्रजनन दर 
  • सेवा क्षेत्र के कारण संवृद्धि

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प्रश्न 13. 
पाकिस्तान में धीमी संवृद्धि तथा पुनः निर्धनता के कारण बताइए।
उत्तर:
पाकिस्तान में धीमी संवृद्धि तथा पुनः निर्धनता के कारणों को निम्न बिन्दुओं से स्पष्ट किया जा सकता

(1) पाकिस्तान में कृषि संवृद्धि और खाद्य पूर्ति, तकनीकी परिवर्तन संस्थागत प्रक्रिया पर आधारित न होकर अच्छी फसल पर आधारित थी। अतः जब फसल अच्छी होती थी तो अर्थव्यवस्था भी ठीक रहती थी तथा यदि फसल अच्छी नहीं होती थी तो अर्थव्यवस्था भी ठीक नहीं रहती थी तो आर्थिक संकेतक नकारात्मक प्रवृत्तियाँ दर्शाते थे।

(2) पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा का कोई स्रोत नहीं है। पाकिस्तान में अधिकांश विदेशी मुद्रा मध्य-पूर्व में काम करने वाले पाकिस्तानी श्रमिकों की आय प्रेषण तथा अति अस्थिर कृषि उत्पादों के निर्यात से प्राप्त होती है। अतः पाकिस्तान में एक तरफ तो विदेशी ऋणों पर निर्भर रहने की प्रवृत्ति बढ़ रही थी तथा दूसरी तरफ पुराने ऋणों को चुकाने में कठिनाई बढ़ती जा रही थी।

अतः उपर्युक्त दोनों कारणों से पाकिस्तान की संवृद्धि दर धीमी रही तथा निर्धनता अनुपात भी बढ़ा। इसके अतिरिक्त धीमी संवृद्धि के निम्न कारण भी जिम्मेदार रहे - बाढ़ का आना, आर्थिक सुधारों को लागू करने में देरी करना, सुरक्षा स्थिति का पुराना होना, विदेश प्रत्यक्ष निवेश की कमी के कारण सभी मुख्य क्षेत्रकों में संवृद्धि की दर का धीमा होना आदि।

प्रश्न 14. 
कुछ विशेष मानव विकास संकेतकों के सन्दर्भ में भारत, चीन और पाकिस्तान के विकास की तुलना कीजिए और उनका वैषम्य बताइए।
उत्तर:
(नोट - इस प्रश्न के उत्तर हेतु पाठ्यपुस्तक के प्रश्न संख्या 9 का उत्तर पढ़ें।)

प्रश्न 15. 
पिछले दो दशकों में चीन और भारत में देखी गई संवृद्धि दर की प्रवृत्तियाँ पर टिप्पणी दीजिए।
उत्तर:
पिछले दो दशकों में भारत तथा चीन में देखी गई संवृद्धि दर की प्रवृत्तियों को निम्न तालिका द्वारा स्पष्ट , किया जा सकता है
विभिन्न क्षेत्रों में संवृद्धि दर की प्रवृत्तियाँ:

देश

1980 - 90

2011  - 15

कृषि

उद्योग

सेवा

कृषि

उद्योग

सेवा

भारत

चीन

3.1

5.9

7.4

10.8

6.9

13.5

2.3

4.1

5

8.1

8.4

8.4

उपर्युक्त तालिका में भारत तथा चीन की विभिन्न क्षेत्रों की पिछले दो दशकों की संवृद्धि दर को दर्शाया गया है। दोनों देशों में कृषि क्षेत्र की वार्षिक संवृद्धि दर में कमी आई है। भारत में 1980 - 90 के मध्य कृषि की संवृद्धि दर 3.1 प्रतिशत तथा चीन में 5.9 प्रतिशत रही तथा वर्ष 2011 - 15 के मध्य यह वृद्धि दर कम होकर क्रमश: 2.3 तथा 4.1 प्रतिशत हो गई। उद्योग क्षेत्र की संवृद्धि दर में भारत में वृद्धि हुई। भारत में 1980 - 90 के मध्य संवृद्धि दर 7.4 प्रतिशत से वर्ष 2011 - 15 में 5 प्रतिशत रह गई।

जबकि चीन में इस समय अवधि में उद्योग की संवृद्धि दर में कमी हई, चीन में उद्योग क्षेत्रक की संवद्धि दर 10.8 प्रतिशत से घटकर 8.1 प्रतिशत हो गई। सेवा क्षेत्र की संवृद्धि दर में पिछले दो दशकों में भारत में वृद्धि हुई है तथा चीन में कमी हुई है। भारत में वर्ष 1980 - 90 के मध्य सेवा क्षेत्रक की संवृद्धि दर 6.9 प्रतिशत थी वह 2011 - 15 में बढ़कर 8.4 प्रतिशत हो गई किन्तु चीन में सेवा क्षेत्रक में की संवृद्धि दर में कमी आई, चीन में इसी अवधि में यह संवृद्धि दर 13.5 प्रतिशत से कम होकर 8.4 प्रतिशत रही।

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प्रश्न 16. 
निम्नलिखित रिक्त स्थानों को भरिए: 
(क) 1956 में त नाव की प्रथम पंचवर्षीय योजना शुरू हुई थी। (पाकिस्तान / चीन) 
उत्तर:
पाकिस्तान 

(ख) मातृ - मृत्यु दर .............. में अधिक है। (चीन / पाकिस्तान) 
उत्तर:
पाकिस्तान

(ग) निर्धनता रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का अनुपात .............. में अधिक है। (भारत / पाकिस्तान) 
उत्तर:
भारत

(घ) में आर्थिक सुधार 1978 में शुरू किए गए थे। (चीन / पाकिस्तान) 
उत्तर:
चीन

Prasanna
Last Updated on July 8, 2022, 9:20 a.m.
Published July 5, 2022