Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit व्याकरण कारकम् Questions and Answers, Notes Pdf.
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वाक्य में क्रिया का शीघ्र ही अन्वय जिस पद अथवा शब्द के साथ होता है, उस पद को कारक कहते हैं। कारकों का अर्थ प्रकाशित करने के लिए जिन प्रत्ययों का संयोजन (मेल) शब्दों के साथ होता है वे प्रत्यय कारक-विभक्तियाँ होते हैं। सामान्यतः विभक्तियाँ दो प्रकार की होती हैं
(i) कारक-विभक्ति
(i) उपपद-विभक्ति।
कारक-विभक्ति - कारक द्वारा प्रयुक्त विभक्ति कारकविभक्ति होती है। जैसे - 'बालकः विद्यालयं गच्छति।' यहाँ 'बालकः' इस पद में कर्तृकारक होने से प्रथमा विभक्ति है। 'विद्यालयम्' यहाँ कर्मकारक होने से द्वितीया विभक्ति है।
उपपद - विभक्ति-पद को आश्रित करके जो विभक्ति प्रयुक्त होती है, उसे उपपद विभक्ति कहते हैं। जैसे-'गुरवे नमः'। यहाँ 'नमः' इस पद के प्रयोग के कारण 'गुरवे' में चतुर्थी विभक्ति है। संस्कृत में कारक छ: माने जाते हैं और प्रत्येक कारक के लिए एक विभक्ति आती है। सम्बन्ध और सम्बोधन को कारक नहीं मानते हैं, परन्तु इनके लिए विभक्ति आती है। कारक, विभक्ति तथा इसके चिह्न यहाँ दिये जा रहे हैं -
सामान्य रूप से कारक या विभक्ति का प्रयोग ऊपर लिखे चिह्न या अर्थ के लिए किया जाता है, परन्तु संस्कृत में कुछ अव्ययों, उपसर्गों, धातुओं या प्रत्ययों के कारण उनके साथ के पदों में विशेष विभक्ति आती है। इनको 'उपपद विभक्ति' कहते हैं। जैसे -
अभितः, परितः, उभयतः-इन शब्दों के साथ द्वितीया विभक्ति का प्रयोग होता है। जैसे-ग्रामं परितः क्षेत्राणि सन्ति (गाँव के चारों ओर खेत हैं)। विद्यालयं अभितः वृक्षाः सन्ति (विद्यालय के दोनों ओर वृक्ष हैं)। माम् उभयतः बालको स्तः (मेरे दोनों ओर दो बालक हैं)।
हा, धिक्, प्रति- इन अव्ययों के साथ द्वितीया विभक्ति आती है। जैसे - धिक् दुर्जनम् (दुर्जन को धिक्कार), हा कष्टम् (हाय कष्ट है), स: ग्राम प्रति गच्छति (वह गाँव की ओर जाता है), बालकाः गृहं प्रति धावन्ति (बालक घर की ओर दौड़ रहे हैं)।
अलम् (मत या बस) इस अव्यय के साथ तृतीया विभक्ति आती है। जैसे - अलं भोजनेन (भोजन मत करो)।
विना-इस अव्यय के साथ द्वितीया, तृतीया और पञ्चमी विभक्ति आती है। जैसे-धनं विना कार्य न चलति (धन के बिना काम नहीं चलता है)।
सह, साकम्, समम् (साथ)-इन अव्ययों के योग में तृतीया विभक्ति आती है। जैसे - रामेण सह सीता गच्छति (राम के साथ सीता जाती है)। बालकः पिता साकं गच्छति (बालक पिता के साथ जाता है)। छात्रः मित्रेण समं पठति (छात्र मित्र के साथ पढ़ता है)।
अंग विकार-शरीर के जिस अंग में विकार हो अर्थात् विकृत अंगवाची शब्द में तृतीया विभक्ति आती है। जैसेनेत्रेण काणः, कर्णाभ्याम् बधिरः (आँख से काना, कानों से बहरा)। पादेन खञ्जः (पैर से लंगड़ा)। शिरसा खाल्वाट: (सिर से गंजा)।
नमः (नमस्कार) तथा स्वस्ति (कल्याण हो)इन दोनों अव्ययों के साथ चतुर्थी विभक्ति आती है। जैसे - (i) मित्राय नमः (मित्र को नमस्कार),(i) छात्राय स्वस्ति (छात्र का कल्याण हो)। गुरवे नमः (गुरु को नमस्कार)। हनुमते नमः। गणेशाय नमः। सरस्वत्यै नमः। अध्यापकाय नमः।
क्रुध, कथ्, रुच, दा (देना) धातु-इन धातुओं के क्रियापदों के साथ चतुर्थी विभक्ति आती है। जैसे - (i) मूर्खाय क्रुध्यति, (ii) शिष्याय कथयति, (iii) बालकाय पठनं रोचते (बालक को पढ़ना अच्छा लगता है)। (iv) दरिद्राय धनं ददाति (गरीब को धन देता है)। पिता पुत्राय क्रुध्यति (पिता पुत्र पर क्रोध करता है)।
भी (डरना),त्रा (रक्षा करना)-इन दोनों धातुओं के कारण पञ्चमी विभक्ति आती है। जैसे - अयं चौरात् बिभेति। दुर्जनात् त्रायते। बालकः सिंहात् बिभेति (बालक सिंह से डरता है)। नृपः शत्रुभ्यः त्रायते। सः तस्मात् बिभेति।
तरप् प्रत्यय-इस प्रत्यय से दो की तुलना करने पर एक में पञ्चमी विभक्ति आती है। तुलनावाचक शब्द में पुल्लिंग में तरः, स्त्रीलिंग में तरा तथा नपुंसकलिंग में तरम् जुड़ता है। जैसे-रामात् पटुतरः सुरेशोऽस्ति। [सुरेश राम से अधिक पटु (चतुर) है।] सीता गीतायाः चतुरतरा वर्तते। इदं पुस्तकं तस्मात् दीर्घतरम् वर्तते।
तमप् प्रत्यय-बहुतों में से एक को विशिष्ट बतलाने पर षष्ठी या सप्तमी विभक्ति आती है। जैसे - (i) छात्राणां रमेशः चतुरतमः अस्ति। (ii) छात्रेषु सुधीरः चतुरतमः अस्ति। (छात्रों में सुधीर सबसे चतुर है।) नदीष गंगा पवित्रतमा वर्तते। फलेषु आम्रः मधुरतमः। इदम् पुस्तकं सर्वेषु दीर्घतमम् अस्ति।
लग्नः, चतुरः, कुशलः, प्रवीण:-इन शब्दों के साथ सप्तमी विभक्ति आती है। जैसे - (i) श्यामः कार्ये लग्नः, (ii) देवेन्द्र पठने चतुरः। रमा गृहकर्मणि कुशलाः (रमा घर के कार्य में कुशल है)। प्रदीपः व्यापारे प्रवीण: (प्रदीप व्यापार में प्रवीण है)।
अन्य उदाहरण -
अभ्यासार्थ प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठप्रश्नाः
प्रश्न 1.
'गुरवे नमः।' अत्र रेखांकितपदे का विभक्तिः?
(क) द्वितीया
(ख) तृतीया
(ग) चतुर्थी
(घ) सप्तमी
उत्तरम् :
(ग) चतुर्थी
प्रश्न 2.
'नेत्रेण काणः' इत्यत्र रेखांकितपदे का विभक्तिः?
(क) तृतीया
(ख) चतुर्थी
(ग) पंचमी
(घ) षष्ठी
उत्तरम् :
(क) तृतीया
प्रश्न 3.
'बालकः पित्रा सह गच्छति।' रेखांकितपदे का विभक्तिः ?
(क) प्रथमा
(ख) षष्ठी
(ग) चतुर्थी
(घ) तृतीया
उत्तरम् :
(घ) तृतीया
प्रश्न 4.
'स: गृहात् आगच्छति।' रेखांकितपदे का विभक्तिः ?
(क) द्वितीया
(ख) पंचमी
(ग) तृतीया
(घ) सप्तमी
उत्तरम् :
(ख) पंचमी
प्रश्न 5.
'ग्रामं पारितः वृक्षाः सन्ति।' रेखांकितपदे का विभक्तिः?
(क) प्रथमा
(ख) द्वितीया
(ग) चतुर्थी
(घ) पंचमी
उत्तरम् :
(ख) द्वितीया
लघूत्तरात्मकप्रश्ना:
प्रश्न 1.
अधोलिखितपदानां प्रयोगेण/योगेन एकैकं वाक्यं लिखत।
उत्तरम् :
पदानि वाक्यम्
1. अभितः - ग्रामम् अभितः वृक्षाः सन्ति।
2. साकम् - बालकः मित्रेण साकं क्रीडति।
3. नमः गुरवे नमः। देवाय नमः।
4. परितः - अध्यापकं परितः छात्राः सन्ति।
5. उभयतः - पर्वतम् उभयतः नदी वहति।
6. सार्धम् - रमेशः मया सार्धं पठति।
7. सह - रमया सह गीता गच्छति।
8. अलम् - अलं कलहेन। अलं भ्रमणेन।
9. सर्वतः - उपवनं सर्वतः वृक्षः सन्ति।
10. समम् - अहं त्वया समं पठिष्यामि।
11. स्वाहा - अग्नये स्वाहा।
12. विना - धनं विना जीवनं व्यर्थम्।
13. धिक् - धिक् दुर्जनम्। धिक् पिशुनम्।
14. प्रति - बालकाः विद्यालयं प्रति गच्छन्ति।
15. ध - पिता पुत्राय क्रुध्यति।
प्रश्न 2.
कोष्ठकप्रदत्तशब्देषु समुचितविभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत -
(क) बालकः .............. सह क्रीडति। (मित्र)
(ख) ........... परितः छात्राः सन्ति। (शिक्षक)
(ग) ............. नमः। (देव)
(घ) अहं .............. समम् गच्छामि। (रमा)
(ङ) ................ स्वधा। (पितृ)।
उत्तराणि :
(क) मित्रेण
(ख) शिक्षकम्
(ग) देवाय
(घ) रमया
(ङ) पितृभ्यः
प्रश्न 3.
'गुरवे नमः'-रेखांकितपदे प्रयुक्तविभक्तिः कारणं च लिखत।
उत्तरम् :
चतुर्थी विभक्तिः , 'नमः' पदयोगे।
प्रश्न 4.
अधोलिखितवाक्येषु रेखांकित पदेषु प्रयुक्तं विभक्तिं लिखत -
उत्तराणि :
प्रश्न 5.
अधोलिखितवाक्येषु रेखांकितपदेषु प्रयुक्तविभक्तिं लिखत -
(क) सः कलमेन लिखति।
(ख) चौरात् विभेति।
(ग) कविषु कालिदास श्रेष्ठतमः।
(घ) गुरवे नमः।
उत्तरम्-
(क) तृतीया
(ख) पञ्चमी
(ग) सप्तमी
(घ) चतुर्थी।
प्रश्न 6.
अधोलिखितवाक्येषु रेखांकितपदेषु प्रयुक्तविभक्तिं लिखत
(क) नगरं परितः वृक्षाः सन्ति।
(ख) हनुमते नमः।
(ग) अलं कलहेन।
(घ) छात्रेषु सुधीर: चतुरतमः।
उत्तरम् :
(क) द्वितीया
(ख) चतुर्थी
(ग) तृतीया
(घ) सप्तमी।
प्रश्न 7.
अधोलिखितवाक्येषु रेखांकितपदेष प्रयुक्तविभक्ति लिखत
(क) सः वृद्धः शिरसा खल्वाटः।
(ख) ग्रामं परितः उद्यानम् अस्ति।
(ग) त्वया साकं अहं गच्छामि।
(घ) हरिः वैकुण्ठम् अधितिष्ठति।
उत्तरम् :
(क) तृतीया
(ख) द्वितीया
(ग) तृतीया
(घ) द्वितीया।
प्रश्न 8.
अधोलिखितवाक्येषु रेखांकितपदेषु प्रयुक्तविभक्तिं लिखत
(क) सोमदत्तः रात्रौ क्षेत्रे कार्यं करिष्यति।
(ख) नदीनां गङ्गा पवित्रतमा।
(ग) गङ्गा हिमालयात् प्रभवति।
(घ) धनं विना जीवनं व्यर्थम्।
उत्तरम् :
(क) सप्तमी
(ख) षष्ठी
(ग) पंचमी
(घ) द्वितीया।
प्रश्न 9.
अधोलिखितवाक्येषु रेखांकितपदेषु प्रयुक्तविभक्तिं लिखत
(क) सः कलमेन लिखति।
(ख) वृक्षात् पत्राणि पतन्ति।
(ग) बालकाय मोदकं रोचते।
(घ) छात्रेषु गोपाल: कुशलः।
उत्तरम् :
(क) तृतीया
(ख) पंचमी
(ग) चतुर्थी
(घ) सप्तमी।