Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit व्याकरण धातु-रूपाणि Questions and Answers, Notes Pdf.
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पढ़ना, लिखना, जाना आदि क्रियाओं को संस्कृत में धातु कहते हैं। इनके रूप तीन पुरुषों व तीन वचनों में चलते हैं। यथा -
पठ् (पढ़ना) धातु के रूप
श्रु( सुनना) धातु, लट्लकारः
दा (देना) धातुः
ज्ञा (जानना) धातु, लट्लकार:
खाद् (खाना)
इष् (इच्छा करना)
गम् (गच्छ् = जाना) धातु
दृश् ( पश्य = देखना) धातु
स्था (तिष्ट् = रुकना) धातु
कृ (करना) धातु
अस् (रहना, होना) धातु
आत्मनेपदी धातुएँ
धातुएँ दो प्रकार की होती हैं - परस्मैपदी और आत्मनेपदी। पूर्व में सभी धातुएँ परस्मैपद की दी गई हैं और इनके रूप भी परस्मैपद में बताये गये हैं। आत्मनेपदी धातुओं के रूप इनसे भिन्न होते हैं। यहाँ पाठ्यक्रम में निर्धारित आत्मनेपदी धातुओं के रूप पाठ्यक्रमानुसार लट् एवं लृट् लकार में ही दिये जा रहे हैं -
1. सेव् (सेवा करना) धातु
2. लभ् (पाना) धातु
3. मुद् (प्रसन्न होना) धातु
प्रश्न 3.
निर्देशानुसारेण रिक्तस्थाने क्रियायाः रूपं लिखत -
उत्तराणि :
प्रश्न 4.
निर्देशानुसारं धातु-रूपाणि लिखत -
उत्तराणि :