Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Important Questions Civics Chapter 6 संचार माध्यमों को समझना Important Questions and Answers.
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वस्तुनिष्ठ प्रश्न-
प्रश्न 1.
भारत में आपातकाल का समय रहा-
(अ) 1975-77
(ब) 1977-80
(स) 1980-82
(द) 1914-1918
उत्तर:
(अ) 1975-77
प्रश्न 2.
निम्न में से मीडिया का अंग है-
(अ) टी.वी.
(ब) रेडियो
(स) समाचार पत्र
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 3.
समाचार पत्रों की आय का मुख्य स्रोत है-
(अ) सामान्य समाचार
(ब) समाचारपत्र की दैनिक बिक्री
(स) विज्ञापन
(द) उक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(स) विज्ञापन
प्रश्न 4.
जब सरकार मीडिया पर नियंत्रण कर लेती है, तो उसे कहते हैं-
(अ) आपातकाल
(ब) सेंशरशिप
(स) संचार माध्यम की स्वतंत्रता
(द) संतुलित मीडिया
उत्तर:
(ब) सेंशरशिप
प्रश्न 5.
लोकतंत्र में किस प्रकार की मीडिया महत्त्वपूर्ण है?
(अ) सेंसर मीडिया
(ब) मास मीडिया
(स) स्वतंत्र मीडिया
(द) पत्र-मीडिया
उत्तर:
(स) स्वतंत्र मीडिया
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
1. खबर लहरिया एक ................ समाचार पत्र है।
2. मीडिया अंग्रेजी के .............. शब्द का बहुवचन है।
3. जिन संचार माध्यमों की पहुँच लाखों लोगों तक है, उन्हें .............. कहते हैं।
4. जनसंचार माध्यमों के लिए प्रयोग में आने वाली प्रौद्योगिकी निरंतर ................. रहती है।
5. अधिकांश टी.वी. चैनल और समाचार पत्र किसी ................. प्रतिष्ठान का भाग होते हैं।
उत्तर:
1. स्थानीय
2. मीडियम
3. मासमीडिया
4. बदलती
5. बड़े व्यापारिक।
सत्य/असत्य कथन छांटिये-
1. टी.वी. पर विज्ञापनों की बार-बार आवृत्ति इस आशा से की जाती है कि इसे देख-देख कर आप चिढ़ जाएँ।
2. लोकतंत्र में देश और संसार के बारे में समाचार देने तथा उनमें होने वाली घटनाओं पर चर्चा करने में संचार माध्यमों की भूमिका अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है।
3. संतुलित रिपोर्ट लिख पाना, संचार माध्यमों के स्वतंत्र होने पर निर्भर करता है।
4. स्वतंत्र संचार माध्यमों से तात्पर्य है कि उनके द्वारा दिए जाने वाले समाचारों पर सरकार का नियंत्रण हो।
5. संचार माध्यम हमारा मसौदा तय नहीं करते हैं।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य
3. सत्य
4. असत्य
5. असत्य
निम्नलिखित का सही मिलान करें-
1. खबर लहरिया |
(अ) संचार माध्यमों पर सरकारी नियंत्रण |
2. कौन बनेगा करोड़पति |
(ब) जनसंचार माध्यम |
3. सेंसरशिप |
(स) टेलीविजन का प्रारंभिक रूप |
4. मास मीडिया |
(द) टी.वी. धारावाहिक |
5. टेलीवाइजर |
(य) स्थानीय बुंदेली भाषा |
उत्तर:
1. खबर लहरिया |
(य) स्थानीय बुंदेली भाषा |
2. कौन बनेगा करोड़पति |
(द) टी.वी. धारावाहिक |
3. सेंसरशिप |
(अ) संचार माध्यमों पर सरकारी नियंत्रण |
4. मास मीडिया |
(ब) जनसंचार माध्यम |
5. टेलीवाइजर |
(स) टेलीविजन का प्रारंभिक रूप |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
मीडिया या संचार माध्यम से क्या आशय है?
उत्तर:
वे सब माध्यम जिनके द्वारा हम समाज में विचारों का आदान-प्रदान करते हैं, संचार माध्यम या मीडिया कहलाते हैं।
प्रश्न 2.
जन-संचार माध्यम या मासमीडिया किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऐसे संचार माध्यमों को, जिनकी पहुँच लाखों लोगों तथा देश-विदेश के लोगों तक है, जनसंचार माध्यम या मास मीडिया कहते हैं।
प्रश्न 3.
मास-मीडिया के किन्हीं तीन संचार माध्यमों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 4.
जन-संचार माध्यम द्वारा अर्जित किए जाने वाले किसी एक तरीके का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
जन-संचार माध्यम विभिन्न वस्तुओं के विज्ञापन द्वारा धन अर्जित करते हैं।
प्रश्न 5.
लोकतंत्र में संचार माध्यमों की भूमिका क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर:
लोकतंत्र में संचार माध्यमों की भूमिका इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि ये देश व संसार के बारे में समाचार देकर व उन पर चर्चा कर जनमत निर्माण करते हैं।
प्रश्न 6.
संतुलित रिपोर्ट कौनसी होती है?
उत्तर:
संतुलित रिपोर्ट वह होती है जिसमें किसी भी विषय पर हर दृष्टिकोण से चर्चा की जाती है, फिर पाठकों को स्वयं अपनी राय बनाने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया जाता है।
प्रश्न 7.
सेंशरशिप किसे कहा जाता है?
उत्तर:
जब सरकार, समाचार के किसी अंश, फिल्म के किसी दृश्य या गीत की अभिव्यक्ति को जनसमुदाय तक पहुँचने से रोक देती है, तो इसे सेंसरशिप कहते हैं।
प्रश्न 8.
भारत में किस काल में सरकार ने संचार माध्यमों के ऊपर सेंसर लगाया था?
उत्तर:
सन् 1975 से 1977 तक के काल में।
प्रश्न 9.
सरकार द्वारा सेंसरशिप न होने पर भी आजकल अधिकांश समाचारपत्र संतुलित विवरण देने में असफल क्यों रहते हैं?
उत्तर:
संचार माध्यमों पर व्यापारिक प्रतिष्ठानों के नियंत्रण के कारण।
प्रश्न 10.
संचार माध्यम किसी खास मुद्दे के खास पक्ष पर ध्यान क्यों केन्द्रित करते हैं? कोई दो कारण बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 11.
सामाजिक विज्ञापन से क्या आशय है?
उत्तर:
ऐसे विज्ञापन जिनसे समाज के किसी बड़े संदेश का प्रसारण हो, सामाजिक विज्ञापन कहलाते हैं।
प्रश्न 12.
सार्वजनिक विरोध से क्या आशय है?
उत्तर:
रैली आयोजन, हस्ताक्षर अभियान या सड़कों पर चक्का जाम लगाकर जब विशाल संख्या में एकत्रित होकर किसी विषय पर खुले में विरोध प्रकट करते हैं उसे सार्वजनिक विरोध कहते हैं।
लघुत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
जनसंचार माध्यमों के लिए प्रयोग में आने वाली तकनीक और मशीनों के निरंतर बदलने से क्या लाभ होता है?
उत्तर:
जनसंचार माध्यमों के लिए प्रयोग में आने बाली तकनीक और मशीनों के निरन्तर बदलने से निम्न लाभ होते हैं-
प्रश्न 2.
आज हमारे लिए टेलीविजन के बिना जीवन की कल्पना करना क्यों कठिन है?
उत्तर:
आज हमारे लिए टेलीविजन के बिना जीवन की कल्पना करना कठिन है क्योंकि-
प्रश्न 3.
जनसंचार माध्यमों को अपना काम करने के लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
जनसंचार माध्यमों को निम्नलिखित खर्चों के कारण अपना काम करने के लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता होती है-
प्रश्न 4.
लोकतंत्र में संचार माध्यमों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। सोदाहरण समझाइये।
उत्तर:
लोकतंत्र में देश और संसार के बारे में समाचार देने और उनमें होने वाली घटनाओं पर चर्चा करने में संचार माध्यमों की भूमिका अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होती है। उदाहरण के लिए, संचार माध्यमों से नागरिक जान सकते हैं कि सरकार किस प्रकार काम कर रही है। यदि लोग चाहें, तो इन समाचारों के आधार पर कार्रवाई भी कर सकते हैं। ऐसा वे संबंधित मंत्री को पत्र लिखकर, सार्वजनिक विरोध आयोजित करके, हस्ताक्षर अभियान चला कर सरकार से पुनः उसके कार्यक्रम पर विचार करने का आग्रह कर सकते हैं।
प्रश्न 5.
'स्वतंत्र संचार माध्यमों से क्या आशय है और लोकतंत्र में इसका होना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
स्वतंत्र संचार माध्यमों से तात्पर्य है कि उनके द्वारा दिए जाने वाले समाचारों को कोई भी नियंत्रित या प्रभावित न करे। समाचार का विवरण देने में कोई भी उन्हें निर्देशित न करे कि उसमें क्या सम्मिलित किया जाना है और क्या नहीं?
लोकतंत्र में स्वतंत्र संचार माध्यमों की आवश्यकता-
निबन्धात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
संचार माध्यम किन कारणों से स्वतंत्रतापूर्वक समाचारों को प्रसारित/प्रकाशित नहीं कर पाते हैं?
उत्तर:
संचार माध्यम प्रायः स्वतंत्र नहीं हैं। वे निम्नलिखित कारणों से तटस्थ तथा संतुलित विचारों को प्रसारित या प्रकाशित नहीं कर पाते हैं-
(1) सेंसरशिप-'सरकार का उन पर नियंत्रण' संचार माध्यमों की स्वतंत्रता को हनन करने वाला एक प्रमुख कारण है। जब सरकार, समाचार के किसी अंश, फिल्म के किसी दृश्य या गीत की किसी अभिव्यक्ति को जनसमुदाय तक पहुँचने से प्रतिबंधित करती है तो इसे सेंशरशिप कहा जाता है। भारत के इतिहास में ऐसे समय भी आए हैं, जब सरकार ने संचार माध्यमों के ऊपर सेंसर लगाया। इसमें सबसे बुरा समय 1975-77 तक आपातकाल का था।
(2) व्यापारिक प्रतिष्ठानों का नियंत्रण-सरकार द्वारा सेंशरशिप न होने पर भी आजकल अधिकांश समाचार पत्र संतुलित विवरण देने में असफल रहते हैं क्योंकि संचार माध्यमों पर व्यापारिक प्रतिष्ठानों का नियंत्रण है। कई बार किसी विवरण के एक पक्ष पर ही ध्यान केन्द्रित करना इनके हित में होता है।
(3) विज्ञापनों पर निर्भरता-संचार माध्यमों को निरन्तर धन की आवश्यकता होती है और धन के लिए ये विज्ञापनों पर निर्भर रहते हैं। विज्ञापनों पर निर्भरता के कारण भी उन लोगों के विरोध में लिखना कठिन हो जाता है, जो विज्ञापन देते हैं। इसीलिए व्यापार से गहन जुड़ाव होने के कारण अब संचार माध्यमों को स्वतंत्र नहीं समझा जाता।
(4) जन-समर्थन बढ़ाने की आवश्यकता-संचार माध्यम किसी मुद्दे के एक पक्ष पर इसलिए भी ध्यान केन्द्रित करते हैं, क्योंकि उसे विश्वास है कि इससे विवरण रुचिकर हो जाएगा तथा जन समर्थन बढ़ेगा। इस प्रकार किसी विषय पर जन-समर्थन बढ़ाने की चाह के कारण भी संचार माध्यम किसी मुद्दे के एक पक्ष पर ही ध्यान केन्द्रित करते हैं।