These comprehensive RBSE Class 12 Chemistry Notes Chapter 8 d- एवं f-ब्लॉक के तत्व will give a brief overview of all the concepts.
Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Chemistry in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 12. Students can also read RBSE Class 12 Chemistry Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 12 Chemistry Notes to understand and remember the concepts easily.
→ संक्रमण तत्व (Transition Elements):
वे तत्व जिनमें अपनी निम्नतम ऊर्जा अवस्था या सामान्य ऑक्सीकरण अवस्था में d. उपकोश आंशिक रूप से भरे होते हैं, संक्रमण तत्व कहलाते हैं। s-ap-ब्लॉक तत्वों के मध्य स्थित होने के कारण ही इन्हें d संक्रमण तत्व कहते हैं।
→ अविशेष संक्रमण तत्व (Non-typical Transition Elements):
वर्ग 3 [Sc, Y, La,Ac] के तत्व व वर्ग-12 [Zn, Cd, Hg, Uub] के तत्व अविशेष संक्रमण तत्व कहलाते हैं। ये कुल 8 तत्व हैं।
→ विशेष संक्रमण तत्व (Typical Transition Elements):
अन्य संक्रमण तत्व विशेष संक्रमण तत्व होते हैं।
→ प्रतिचुम्बकत्व (Diamagnetism):
ऐसे पदार्थ जो कि चुम्बकीय क्षेत्र में प्रतिकर्षित होते हैं प्रतिचुम्बकीय पदार्थ कहलाते हैं तथा इस गुण को प्रतिचुम्बकत्व कहते हैं।
→ अनुचुम्बकत्व (Paramagnetism):
ऐसे पदार्थ जो कि चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर आकर्षित होते हैं अनुचुम्बकीय पदार्थ कहलाते हैं तथा इस गुण को अनुचुम्बकत्व कहते हैं।
→ लौह-चुम्बकत्व (Ferromagnetism):
ऐसे पदार्थ जिनमें अनुचुम्बकीय गुण अत्यधिक होते हैं; अतः ये चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा प्रबल रूप से आकर्षित होते हैं और चुम्बकीय क्षेत्र हटा लेने के बाद भी वे स्वयं स्थायी चुम्बक की तरह व्यवहार प्रदर्शित करते हैं, लौह चुम्बकीय पदार्थ कहलाते हैं एवं यह गुण लौहचुम्बकत्व कहलाता है।
→ समभ्रंश कक्षक (Degenerate Orbitals):
संक्रमण धातु परमाणु या आयन में उपस्थित सभी पाँचों d-कक्षकों की ऊर्जा समान होती है। अतः इन्हें समभ्रंश कक्षक कहते हैं।
→ अन्तराकाशी यौगिक (Interstitial Compounds):
संक्रमण धातुओं के क्रिस्टल में परमाणुओं के निकटतम रूप से व्यवस्थित होने के बाद भी इनके मध्य छोटे-छोटे रिक्त स्थान शेष रह जाते हैं, जिन्हें अन्तराकाश कहते हैं। इन अन्तराकाशों में छोटे-छोटे परमाणु; जैसे C, H, B, N आदि स्थान ग्रहण कर लेते हैं। ऐसे यौगिकों को अन्तराकाशी यौगिक कहते हैं।
→ मिश्र-धातु (Alloys):
क्रिस्टल जालक में एक धातु के परमाणु दूसरे धातु के परमाणु द्वारा आसानी से प्रतिस्थापित हो जाते हैं और इन धातुओं के मिश्रण को मिश्र-धातु कहते हैं।
→ दुर्लभ मृदा तत्व (Rare Earth Erement):
लैन्थेनॉइडों को दुर्लभ मृदा तत्व कहते हैं क्योंकि इन तत्वों को दुर्लभ खनिजों से मूलतः मृदाओं से प्राप्त किया गया था अतः इन्हें दुर्लभ मृदा तत्व कहते हैं।
→ लैन्थेनॉइड संकुचन (Lanthanoid Contraction):
लैन्थेनॉइड श्रेणी में बायें से दायें चलने पर परमाण्विक एवं आयनिक त्रिज्या का मान घटत्ता जाता है। इसे ही लैन्थेनॉइड संकुचन कहते हैं।
→ मिश धातु (Mish Metal):
लैन्थेनॉइड तत्वों से बने मिश्र-धातुओं को मिश धातु कहते हैं। उदाहरण-Mg मिशः धातु।
→ परायरेनियम तत्व (Transuranic Elements):
यूरेनियम के बाद आने वाले सभी तत्व कृत्रिम तथा अस्थायी होते हैं। ये प्रकृति में नहीं पाये जाते हैं; अतः इन्हें परायूरेनियम तत्व कहते हैं।
→ अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य (Other Important Points)