RBSE Class 12 Chemistry Notes Chapter 16 दैनिक जीवन में रसायन

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RBSE Class 12 Chemistry Chapter 16 Notes दैनिक जीवन में रसायन

→ रसायन चिकित्सा (Chemotherapy):
रसायनों के चिकित्सकीय उपयोग को रसायन चिकित्सा कहते हैं।

→ एन्जाइम (Enzyme):
जैविक वृहद्णु शरीर में विभिन्न कार्य करते हैं; जैसे-जैव उत्प्रेरक का कार्य करने वाले प्रोटीनों को एन्जाइम कहते हैं।

→ एन्जाइम संदमक (Enzyme inhibitors):
ऐसी औषध जो एन्जाइम - के उत्प्रेरक कार्य में अवरोध उत्पन्न कर सकती है। एन्जाइम संदमक कहलाती है।

→ रासायनिक संदेशवाहक (Chemical messengers):
शरीर में दो तन्त्र कोशिकाओं एवं पेशी के मध्य सन्देश का संचार कुछ रसायनों के द्वारा होता है। इन रसायनों को रासायनिक संदेशवाहक कहते हैं।

→ विरोधी (Antagonists):
जो औषध ग्राही की सतह पर आबन्धित होकर इसके प्राकृतिक कार्य में अवरोध उत्पन्न करती हैं, वे विरोधी कहलाती हैं। ये संदेश अवरुद्ध करने के लिये लाभकारी होती हैं।

RBSE Class 12 Chemistry Notes Chapter 16 दैनिक जीवन में रसायन 

→ ऐगोनिस्ट (Agonists):
वे औषध जो प्राकृत संदेशवाहक की नकल करके ग्राही को सक्रिय कर देती हैं, ऐगोनिस्ट कहलाती हैं। ये प्राकृत रासायनिक संदेशवाहक की कमी होने पर लाभदायक होती हैं।

→ प्रति अम्ल (Antacids):
वे रासायनिक पदार्थ जो आमाशय की अम्लीयता को कम करने हेतु प्रयुक्त किये जाते हैं, प्रति अम्ल या एण्टासिड कहलाते हैं। उदाहरण-कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड, रैनिटिडीन (जेनटेक)।

→ प्रतिहिस्टैमिन (Antihistamines):
ऐसी औषधि जो हिस्टैमिन के विरुद्ध कार्य करती हैं, प्रतिहस्टैिमिन कहलाती हैं। उदाहरणब्रोमफेनिरामिन, टरफेनाडीन आदि।

→ प्रशांतक (Tranquilizers):
प्रशांतक रासायनिक यौगिकों का बह वर्ग है जिनका उपयोग तनाव तथा छोटी या बड़ी मानसिक बीमारियों में करते हैं। उदाहरण-इप्रोनाइजिड, फिनाल्जिन आदि।

→ बार्बिट्यूरेट (Barbiturate):
बार्बिट्यूरिक अम्ल के व्युत्पन्न जैसे वेरोनल, ऐमीटल, नेम्बुटल आदि बार्बिट्यूरेट कहलाते हैं। इनके प्रयोग से नींद आती है अर्थात् ये निद्राजनक होते हैं।

→ पीड़ाहारी (Analgesies):
पीड़ाहारी दर्द को बिना चेतना-क्षीणता, मनो-संभ्रम, असमन्वय या पक्षाघात अथवा तन्त्रिका तन्त्र में अन्य कोई बाधा उत्पन्न किये कम अथवा समाप्त-करते हैं।

→ अस्वापक (नॉन-एडिक्टिव) पीड़ाहारी (Non-narcotic (nonaddictive) Analgesics):
अस्वापक पीड़ाहारी दर्द में आराम देने में फायदा करती हैं। लेकिन ये आदत डालने वाली नहीं होती हैं। इनके द्वारा निद्रा अथवा निश्चेतना का प्रभाव नहीं पड़ता है। उदाहरण-ऐस्पिरिन, पैरासिटामोल। 

→ स्वापंक (एडिक्टिव) पीड़ाहारी (Narcotic Analgesics):
वे औषध जो निद्रा व अचेतना उत्पन्न करती हैं तथा आदत डालने वाली होती हैं, स्वापक पीड़ाहारी कहलाती हैं। उदाहरण-मॉर्फीन, हेरोइन आदि।

→ प्रतिसूक्ष्म जैविक (Antimicrobials):
वे औषध जो कि सूक्ष्मजीवों जैसे-जीवाणु, वायरस इत्यादि के विरुद्ध कार्य करती हैं प्रतिसूक्ष्म जैविक कहलाती हैं।

RBSE Class 12 Chemistry Notes Chapter 16 दैनिक जीवन में रसायन

→ प्रतिजैविक (Antibiotics):
वे औषध जो कम सान्द्रता में सूक्ष्मजीवों के उपापचयी प्रक्रमों में अवरोध उत्पन्न करके उनकी वृद्धि को रोकती हैं अथवा उनका विनाश करती हैं, प्रतिजैविक कहलाती हैं। उदाहरण-सल्फापिरिडीन, सल्फैनिलऐमाइड आदि।

→ पूतिरोधी (Antiseptics):
ये सूक्ष्मजीवों का विनाश करती हैं अथवा इनकी वृद्धि रोकती हैं इन्हें सजीव ऊतकों जैसे-घाव, चोट इत्यादि पर लगाते हैं। ये प्रति जीवाणु की तरह खायी नहीं जा सकती। उदाहरण-फ्यूरासिन, सोफ्रामाइसिन आदि।

→ विसंक्रामी (Disinfectant):
ये भी सूक्ष्मजीवों का विनाश करते हैं अथवा उनकी वृद्धि रोकते हैं, परन्तु इनका प्रयोग निर्जीव वस्तुओं जैसे-फर्श, नालियों इत्यादि पर करते हैं। उदाहरण-फीनॉल का 1 प्रतिशत विलयन।

→ प्रतिजनन क्षमता औषध (Antifertility Drugs):
वे औषध जो कि जनन अथवा उत्पादकता नियन्त्रित करती हैं, प्रतिजनन क्षमता औषध कहलाती हैं। उदाहरण- एथाइनिल एस्ट्राडाइऑल, गॉसीपॉल।

→ कृत्रिम मधुरक (Artificial Sweetening Agents):
ऐसे कार्बनिक यौगिक जो स्वाद में मीठे होते हैं परन्तु उनका शर्करा मान शून्य हो, उन्हें कृत्रिम मधुरक कहते हैं। उदाहरण-सैकरीन, ऐस्पार्टेम आदि।

→ खाद्य परिरक्षक (Food Preservatives):
ये खाद्य पदार्थों को सूक्ष्मजीवों की वृद्धि के कारण होने वाली खराबी से बचाते हैं। उदाहरण-खाने का नमक, चीनी आदि।

→ शोधन अभिकर्मक (Cleansing Agents):
ऐसे पदार्थ जो सफाई के कार्य में प्रयुक्त होते हैं, शोधन अभिकर्मक कहलाते हैं।

→ साबुन (Soap):
उ वसा अम्लों जैसे-स्टियरिक अम्ल, ओलिक अम्ल तथा पामिटिक अम्लों के सोडियम तथा पोटैशियम लवण साबुन कहलाते हैं।

→ अपर्माजक (Detergents):
अपमार्जक वे शोधन अभिकर्मक होते हैं जिनमें साबुन के सभी गुण होते हैं परन्तु जो वास्तव में साबुन नहीं होते हैं। ये मृदु व कठोर दोनों प्रकार के जल में प्रयुक्त किये जा सकते हैं।

→ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts)

  • सल्फा औषधियों को सल्फैनिलैमाइड कहते हैं।
  • ज्वरनाशी दवाइयाँ रोगी के शरीर से ज्वर कम करने में प्रयुक्त होती
  • पैरासिटामॉल एक ज्वरनाशी औषध का उदाहरण है।
  • प्रतिजैविक औषधियाँ वे पदार्थ होती हैं जो सूक्ष्म जीवाणुओं से पृथक् की जाती हैं तथा अन्य सूक्ष्म जीवाणु जो कि मनुष्य के शरीर में रोग उत्पन्न करती हैं, की वृद्धि को रोकती हैं।
  • ऐसे रासायनिक यौगिक जो कि सूक्ष्म जीवों को मारकर उनकी वृद्धि को रोकते हैं, पूतिरोधी कहलाते हैं। उदाहरण-टिंक्चर ऑफ आयोडीन, मर्ग्युरोकोम आदि।
  • फीनॉल का 1% विलयन रोगाणुनाशक जबकि 0.2% विलयन पूतिरोधी होता है।
  • क्लोरोजाइलीनॉल, टर्पिनॉल तथा एथिल ऐल्कोहॉल का मिश्रण डेटॉल कहलाता है।
  • ऐसे रासायनिक पदार्थ जो कि निद्रा के साथ मानसिक तनाव को कम करते हैं, सम्मोहक कहलाते हैं।
Prasanna
Last Updated on Nov. 29, 2023, 4:31 p.m.
Published Nov. 28, 2023