These comprehensive RBSE Class 12 Chemistry Notes Chapter 15 बहुलक will give a brief overview of all the concepts.
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→ बहुलक (Polymer):
वे पदार्थ जिनका अणुभार 10,000 से अधिक होता है, वे वृहद् अणु (macromolecules) कहलाते हैं। ये वृहद् अणु ही बहुलक हैं।
→ एकलक (Monomer):
वृहद् अणु पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाइयों के वृहद् पैमाने पर जुड़ने से बनते हैं। ये पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाइयाँ कुछ सरल और क्रियाशील अणुओं से प्राप्त होती हैं जो कि एकलक (Monomer) कहलाती हैं।
→ बहुलकन (Polymerisation):
एकलक इकाई से बहुलक बनने की प्रक्रिया को बहुलकन (Polymerisation) कहते हैं।
→ प्राकृतिक बहुलक (Natural Polymers):
वे बहुलक जो प्रकृति में मुख्यतः पादपों तथा जन्तुओं में पाये जाते हैं, प्राकृतिक बहुलक कहलाते हैं। उदाहरण-स्टार्च।
→ अर्द्ध-संश्लेषित बहुलक (Semi-synthetic Polymer):
ये बहुलक प्राकृतिक बहुलकों पर कुछ रासायनिक क्रिया को करने पर प्राप्त होते हैं। उदाहरण- सेलुलोज नाइट्रेट।
→ संश्लेषित बहुलक (Synthetic Polymer):
प्रयोगशाला में निर्मित एवं औद्योगिक उत्पादन वाले बहुलक संश्लेषित बहुलक कहलाते हैं। उदाहरण-प्लास्टिक।
→ रेखीय बहुलक (Linear Polymers):
इनमें लम्बी और रेखीय श्रृंखलायें होती हैं जो कि एक के ऊपर एक निकटतम व्यवस्थित होकर एक संकुलित संरचना बनाती हैं। उदाहरणार्थ-नायलॉन।
→ शाखित श्रृंखला बहुलक (Branched Chain Polymers):
इसमें एक मुख्य श्रृंखला होती है एवं इससे जुड़ी हुयी विभिन्न लम्बाई की पार्श्व श्रृंखलाएँ होती हैं जिन्हें शाखा कहते हैं। ये सुसंकलित नहीं होती हैं। उदाहरण-ग्लाइकोजन।
→ तिर्यक् बन्धित अथवा जालक्रम बहुलक (Cross Linked or Network Polymers):
इनमें एकलक इकाइयाँ आपस में बद्ध होकर एक त्रिविम ज्यामिति की संरचना बनाती हैं। उदाहरण-मेलैमीन-फॉर्मेल्डिहाइड रेजिन।
→ योगात्मक बहुलक (Addition Polymers):
जब एकलक इकाइयाँ एक के बाद एक जुड़कर बिना किसी सह-उत्पादक अणु बनाये लम्बी श्रृंखला वाले अणु बनाती हैं तो इन बहुलकों को योगात्मक बहुलक कहते हैं। उदाहरण- पॉलिथीन।
→ समबहुलक (Homopolymers):
एक ही प्रकार की बहुलक स्पीशीज के बहुलकन से बनने वाले बहुलकों को समबहुलक कहते हैं। उदाहरण-पॉलिथीन।
→ सहबहुलक (Copolymers):
दो भिन्न प्रकार के एकलकों के योगात्मक बहुलकन से बनने वाले बहुलकों को सहबहुलक कहा जाता है। उदाहरणार्थ-ब्यूना-S, ब्यूना-N
→ संघनन बहुलक (Condensation Polymers)-इस प्रकार के बहुलकों में एकलक इकाइयाँ आपस में क्रिया करके जल, ऐल्कोहॉल अथवा अमोनिया जैसे अणु निष्कासित कर वृहद् अणु बनाती हैं। उदाहरण- नायलॉन-6, 61
→ प्रत्यास्थ बहुलक (Elastomers):
इसमें बहुलक श्रृंखला दुर्बल आकर्षण बलों से जुड़ी रहती हैं। इन्हीं दुर्बल बलों के कारण इन्हें खींचकर अधिक लम्बा किया जा सकता है एवं बल हटाते ही वे पुनः वास्तविक दशा प्राप्त कर लेते हैं। उदाहरण-प्राकृतिक व कृत्रिम रबर।
→ कृत्रिम रेशे (Artificial Fibres):
इनकी तनन सामर्थ्य व मापांक उच्च होता है। ये हाइड्रोजन बन्ध द्वारा बँधे होते हैं। उदाहरण-नायलॉन-6, 6.
→ ताप सुघट्य बहुलक (Thermoplastic Polymer):
ये रेखीय अथवा किंचित शाखित लम्बी श्रृंखला के अणु होते हैं जो बार-बार गर्म करने पर मृदुल और ठण्डा करने पर कठोर हो जाते हैं। उदाहरण-पॉलिथीन।
→ ताप दृढ़ बहुलक (Thermosetting Plastics):
ये बहुलक गर्म करने पर कठोर हो जाते हैं तथा पिघलते नहीं हैं। गर्म करने पर इनमें अधिक क्रॉस बन्ध बन जाते हैं। इस कारण ये अगलनीय और अघुलनशील कठोर बहुलक बन जाते हैं। उदाहरण-बेकेलाइट।
→ अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु (Some Important Points)