RBSE Class 12 Biology Notes Chapter 7 विकास

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RBSE Class 12 Biology Chapter 7 Notes विकास

→ पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति का अध्ययन पूरे ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति विशेष रूप से स्वयं पृथ्वी की उत्पत्ति की पृष्ठभूमि में ही किया जा सकता है। अधिकांश वैज्ञानिक रासायनिक विकास की संकल्पना पर विश्वास करते हैं। रासायनिक विकास का अर्थ है जीवन के कोशिकीय रूप के प्रकट होने से पहले दीर्घ जैव अणुओं का निर्माण। प्रथम बनी कोशिका के आगे का उत्तरोत्तर घटनाक्रम प्राकृतिक चयन द्वारा जीव विकास के डार्विन के विचारों पर आधारित कल्पना की उड़ाने हैं। पृथ्वी पर पाये जाने वाले जीवों की विविधता लाखों वर्षों में बदलती रही है।

→ सामान्यत: ऐसा माना जाता है कि किसी समष्टि की विभिन्नताएँ उस समष्टि के जीवों की भिन्न उपयुक्तता या फिटनेस के लिए उत्तरदायी होती हैं। कुछ अन्य घटनाएँ जैसे पर्यावासों का विखण्डन या भौगोलिक पृथक्करण, आनुवंशिक अपवाह आदि इन विभिन्नताओं को और प्रबल बना देते हैं, जिससे नई प्रजाति की उत्पत्ति अर्थात विकास होता है। समजातता (होमोलोगी), शाखायीं अवतरण या ब्राँचिंग डिसेन्ट का स्पष्टीकरण प्रस्तुत.करती हैं। तुलनात्मक शारीरिकी, फॉसिल (जीवाश्म) व तुलनात्मक जैव रसायन जैव विकास के पक्ष में अनेक प्रमाण प्रस्तुत करते हैं। वैयक्तिक जीवों के विकास की कहानियों में से मनुष्य के विकास की कहानी सबसे अधिक रोचक है। मानव मस्तिष्क व भाषाई कौशल का विकास मानव विकास के समानान्तर प्रतीत होता है।

→ Abiogenesis (अजीवात जनन)-सिद्धान्त, जिसके अनुसार जीवों की उत्पत्ति अजैविक पदार्थों से होती है।

→ Adaptation (अनुकूलन)-जीव के शारीरिक (आकारिकीय व आन्तरिक शारीरिकीय), कार्यात्मक व व्यवहारत्मक लक्षण/परिवर्तन जो उसे किसी पर्यावरण विशेष में सफलता से जीवनयापन हेतु उपयुक्त बनाते

→ Adaptive radiation (अनकली विकिरण)-एक समान पूर्वजों से विभिन्न प्रकार की प्रजातियों का विकास जो अपने अपने पर्यावासों हेतु अनुकूलित होती हैं।

→ Allopatric speciation (एलोपेट्रिक स्पेसिएशन)-भौगोलिक रूप से पृथक्कित समष्टियों से नई प्रजातियों की उत्पत्ति।

→ Analogous organs (तुल्यरूप अंग)-कार्यों की समानता लेकिन संरचना व उद्भव की असमानता, अभिसारी विकास (convergent evolution) की परिचायक।

→ Big Bang (बिग बैंग)-एबी लैमेत्रे (Abbe Lemaitree) द्वारा 1931 में प्रस्तावित अधिकांश वैज्ञानिकों को मान्य परिकल्पना जिसके अनुसार एक अत्यंत सघन ब्रह्माण्डीय पदार्थ में हुए महाविस्फोट से ही पूरे । ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति हुई है, जिसमें निहारिकाएँ (Galaxies) एक दूसरे से दूर जा रही हैं।

→ Bio-geography (जैव भूगोल)-विज्ञान की वह शाखा जिसमें पृथ्वी पर फ्लोरा व फॉना (fauna) के वितरण का अध्ययन किया जाता

→ Bipedalism (द्विपद चलन)-दो पैरों पर सीधा खड़ा होकर 4 चलना। 

RBSE Class 12 Biology Notes Chapter 7 विकास 

→ Bottleneck effect (बॉटलनेक प्रभाव)-आनुवंशिक अपवाह (genetic drift) का कारण, तब उत्पन्न होता है जब अधिकांश जीनोटाइप प्राकृतिक आपदा या. मानवीय दखल के कारण नई पीढ़ी के निर्माण से वंचित रह जाते हैं।

→ Branching Descent (शाखायी अवरोहण)-जीव विकास अर्थात पूर्वजों से आकारिक व आनुवंशिक रूप से भिन्न संततियों का विकास या अवतरण का रूप शाखायी (Branching) है, सीढ़ी समान नहीं।

→ Chemical Evolution (रासायनिक विकास)-आद्य पृथ्वी पर सरल अकार्बनिक तत्वों से दीर्घ अणुओं व प्रथम जीवन विकास।

→ Convergent evolution (अभिसारी विकास)-एक समान पर्यावरणीय परिस्थितियों हेतु या समान कार्य करने हेतु विभिन्न पूर्वज परम्पराओं (ancestry) वाले जीवों में विकसित हुई समानताएँ। तुल्यरूपी अंग अभिसारी विकास के परिचायक हैं।

→ Continentral Drift (महाद्वीपीय अपवाह)-महाद्वीपों का प्लेट टेक्टोनिक्स या अन्य कारकों से एक दूसरे दूर होना।

→ Coelacanth (सीलाकैन्थ)-एक जीवित जीवाश्म मछली जिसे : पहले विलुप्त मान लिया गया था, लोबफिन के नाम से जानी जाने वाली इन मछलियों से ही आज के उभयचरों का विकास हुआ है।

→ Co-evolution (सह-विकास)–संयुक्त विकास जिसमें एक व प्रजाति दूसरे पर चयनात्मक बल (selective pressure) आरोपित करती है।

→ Common Ancestor (साझा पूर्वज)-कम से कम दो वंश परम्पराओं (line of descent) के समान पूर्वजा 

→ Disruptive selection (विदारक चयन)-प्राकृतिक चयन का वह परिणाम जिसमें औसत जीनोटाइप की अपेक्षा दो अतिकारी फीनोटाइप (extreme phenotype) का चयन होता है, जिससे एक प्रजाति के दो च भिन्न रूप प्रकट होते हैं।

→ Directional Selection (दिशात्मक चयन)-प्राकृतिक चयन ते का वह परिणाम जिसमें एक अतिकारी फीनोटाइप का चयन होता है जिससे एक नये रूप का चयन हो जाता है जैसे औद्योगिक मीलनता में।

→ Divergent Evolution (अपसारी विकास)–एक ही प्रकार ने की संरचना का विभिन्न प्रकार के जीवों में विभिन्न आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न रूपों में विकसित होना। यह समरूपता (homology), क अपसारी विकास (divergent evolution) है।

→ Dinosaurs (डाएनोसॉर)-मीजोजोइक विशेषतः जुरैसिक पीरियड ॥ में पृथ्वी पर राज करने वाले भीमकाय सरीसृप जो लगभग 65 मिलियन स वर्ष पूर्व अचानक विलुप्त हो गये।

→ Evolution (विकास)-समय के साथ विभिन्न पर्यावरणीय 7 परिस्थितियों के लिए अनुकूलन हेतु हुए आनुवंशिक व बाह्य लक्षणों में क हुए बदलाव के कारण समान पूर्वजों से भिन्न जीवों का अवतरण।।

→ Extinct (विलुप्त)-किसी प्रजाति या समूह का पूर्णरूप से रे समाप्त/लुप्त हो जाना। .

→ Fitness (उपयुक्तता)-किसी जीव की प्रजनन कर अपने में जीन/अलील को अगली पीढ़ी तक पहुँचने की क्षमता, जिसे अन्य जीवों की इसी प्रकार के पर्यावरण में प्रजनन करने की क्षमता की तुलना में आँका जाता है।

→ Fossil (जीवाश्म)-पृथ्वी की भूपर्पटी (earth crust) में संरक्षित किसी जीव के अवशेष/चिह्न। 

→ Fossil Record (जीवाश्मी अभिलेख)-प्राचीन समय/भूतकाल ग के अवशेषों के अभिलेख जो जीवन का इतिहास बताते हैं।

RBSE Class 12 Biology Notes Chapter 7 विकास

→ Founder effect (संस्थापक प्रभाव)-किसी समष्टि के केवल कुछेक जीवों, जो जनक समष्टि से भिन्न जीन आवृत्तियाँ प्रदर्शित करते हैं, के संयोग के कारण नई पीढ़ी के उत्पादन की आनुवंशिक अपवाह (genetic drift) की प्रक्रिया (जनक समष्टि, प्राय: किसी आपदा या अन्य कारण से अगली पीढ़ी के निर्माण से वंचित रहती है)।

→ Gene flow (जीन प्रवाह)-अन्तःप्रजनन द्वारा दो समष्टियों के बीच जीन की साझेदारी।

→ Gene pool (जीन पूल)-किसी समष्टि के सभी जीवों की सभी अलील व जीन।

→ Genetic Drift (आनुवंशिक अपवाह)-किसी समष्टि की अलील आवृत्तियों में यादृच्छिक बदलाव के कारण होने वाली विकास की क्रिया, जो प्राय: छोटी समष्टि में होती है, जब केवल कुछ जीव प्रजनन कर पाते

→ Geological time scale (भूवैज्ञानिक समय सारणी)-चट्टानों व उनमें दबे जीवाश्मों के सम्बंधों के आधार पर तैयार पृथ्वी का इतिहास जिसमें पुरानी समयावधियों को दर्शाया गया है।

→ Hominid (होमीनिड)—कुल होमीनिडी के सदस्य जिसमें आस्ट्रेलोपिथकिन्स व होमो वंश शामिल हैं।

→ Hominoid (होमीनॉइड)-कपि, मनुष्य व उनके निकट पूर्वजों का समूह।

→ Homology (समजातता)-विभिन्न जीवों के अंगों/संरचनाओं की समानता जो उनके समान पूर्वजों में विकसित होने के कारण होती है तथा आण्विक स्तर पर भी हो सकती है।

→ Homologous organ (समजात अंग)—विभिन्न जीवों के अंग 3 जो विभिन्न कार्य करने के कारण अलग-अलग प्रकार से अनुकूलित होते हैं मगर संरचना में समान होते हैं। 

→ Macro-evolution (मैक्रोइवोल्यूशन)-बड़े विकासीय बदलाव जैसे नई प्रजाति की उत्पत्ति।

→ Micro-evolution (माइक्रोइवोल्यूशन)-समष्टि की जीन आवृत्तियों में समय के साथ होने वाला बदलाव।

→ Palaeontology (जीवाश्म विज्ञान)-जीवाश्मों के अध्ययन से सम्बंधित जीव विज्ञान की शाखा।

→ Parallel Evolution (समानान्तर विकास)–समान जीव समूहों में रचनाओं की समानताएँ जिनमें पूर्वज समान नहीं होते।

→ Population (समष्टि)-किसी भौगोलिक क्षेत्र में पाया जाने वाला एक समान (एक ही प्रजाति) के जीवों का समूह (किसी विशिष्ट समय)।

→ Population Genetics (समष्टि आनुवंशिकी)-समष्टि में जीन आवृत्तियों व उसके बदलावों का अध्ययन।

→ Primate (प्राइमेट)-स्तनधारियों के गण प्राइमेटा के सदस्य जैसे लीमर, बन्दर, कपि व मनुष्य।

→ Species (प्रजाति)-एक समान जीवों का समूह (इनकी सभी समष्टियाँ) जो आपस में अन्तःप्रजनन कर प्रजननक्षम जीव बनाते हैं। वर्गीकरण की सबसे छोटी इकाई।

→ Stabilizing selection (स्थायीकारी चयन)-प्राकृतिक चयन का प्रकार जिसमें औसत फीनोटाइप का चयन होता है तथा अतिकारी फीनोटाइप (extreme phenotype) समाप्त होते जाते हैं।

Prasanna
Last Updated on Dec. 7, 2023, 9:26 a.m.
Published Dec. 6, 2023