RBSE Class 12 Biology Notes Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

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RBSE Class 12 Biology Chapter 10 Notes मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

→ ऑलोसाइरा फर्टिलिसिमा (Aulosira fertilissima) खेतों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाला सबसे सक्रिय जीव है।

→ डी डी टी (DDT), एल्ड्रिन (Aldrin) व बी एच सी (BHC) खतरनाक आर्गेनोक्लोरीन (organochlorine) प्रकार के कीटनाशी हैं।

→ खरपतवारों (weeds) के नियंत्रण के लिए उनके रोगजनकों (Pathogens) के रूप में कवक बीजाणु (fungal spores) का प्रयोग किया जाता है।

→ विषाणु चूंकि अन्तः कोशिकीय अविकल्पी परजीवी होते हैं। अत: उनको मृत पोषक माध्यम (dead nutrient medium) पर नहीं उगाया जाता। जीवित अण्डों में विकसित हो रहे पक्षियों के भ्रूणों में विषाणु इन्जैक्ट करके इनका सम्वर्धन किया जाता है।

→ मनुष्यों की क्रुटजफेल्ट जेकोब डिसीज (Creutzfeldt Jakob disease) का कारण प्रियान (prion) नामक संक्रामक प्रोटीन कण है जिनमें किसी प्रकार का नाभिकीय अम्ल नहीं होता।

→ राइजोबिया (Rhizobia) के पैकेट बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध हैं।

→ लैक्टोवेसीलस जीवाणु. गोली व कैप्सूल के रूप में अनेक ब्रांडनामों से बाजार में उपलब्ध हैं। 

RBSE Class 12 Biology Notes Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव 

→ जल के प्रदूषण को कोलाई जीवाणु (Coliform bacteria) की संख्या के रूप में मापा जाता है। जीवाणु की अधिक संख्या अधिक प्रदूषण की परिचायक है। इनकी उपस्थिति इस बात का प्रतीक है कि जल, वाहित मल या मनुष्य के मल से प्रदूषित है।

→ देश के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग आधारी पदार्थों (substrate) के प्रयोग से ऐल्कोहॉलिक पेय बनाये जाते हैं। गोवा में काजू से फैनी बनती है, मध्य प्रदेश व राजस्थान में महुए के फूलों से देशी शराब, पूर्वोत्तर भारत में चावल से अनासवित (Undistilled) पेय बनता है जिसे स्थानीय लोगों ने अलग-अलग नाम दिये हैं।

→ एंटीबायोटिक शब्द जो इतना अधिक प्रचलित है सन् 1942 में प्रतिपादित हुआ जबकि एंटीबायोटिक्स की खोज अलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने 1928 में ही कर दी थी।

→ स्ट्रेप्टोमाइसिस एक महत्त्वपूर्ण जीवाणु (एक्टीनोमाइसिटीज) वंश है जिसकी भिन्न-भिन्न प्रजातियों से भिन्न-भिन्न एंटीबायोटिक मिलती हैं।
इनमें प्रमुख हैं

  • स्ट्रेप्टोमाइसिस ग्रीसियस-स्ट्रोप्टोमाइसिन
  • स्ट्रेप्टोमाइसिस राइमोसस-टेरामाइसिन (ऑक्सीटेट्रासाइक्लिन)
  • स्ट्रेप्टोमाइसिस वेनेजुएली-क्लोरोमाइसिटीन (क्लोरेम्फेनीकॉल)
  • स्ट्रेप्टोमाइसिस इरिथ्रियस–इरिथ्रोमाइसिन
  • स्ट्रेप्टोमाइसिस फ्रेडी-नियोमाइसिन
  • स्ट्रेप्टोमाइसिस आरियोफेसिएंस-टेट्रासाइक्लिन (आरियोमाइसिन)।

→ कवकनाशी बोरडॉक्स मिश्रण (Bordeaux mixture) की खोज की कहानी
कवकनाशी (Fungicide) बोरडॉक्स मिश्रण की खोज की कहानी बड़ी रोचक है। सन् 1882 की यह बात फ्रांस के बोरडॉक्स स्थान की है। अंगूर का एक बाग एक आम सड़क से सटा था। लोग आते जाते सड़क पर झुक आयी लताओं से कुछेक अंगूर तोड़ने से अपने आपको नहीं रोक पाते थे। लोगों की इस छोटी-सी शैतानी को रोकने के लिए अंगूर के बाग के मालिक को एक उपाय सूझा। उसने पानी में चूना और कॉपर सल्फेट डालकर एक मिश्रण बनाया और उस बेल पर छिड़क दिया जिसके अंगूर सड़क पर लटक जाते थे। उसने अंगूरों का स्वाद खराब करने के इस प्रयास के साथ वहाँ एक बोर्ड पर जहर' लिखकर लगा दिया।

→ संयोग से अंगूर के खेत पर एक कवक रोग जिसका नाम डाउनी मिल्ड्यू है का प्रकोप हो गया। यह रोग प्लाज्मोपारा विटिकोला (Plasmopara viticola) नामक कवक से होता है। अंगूर की सभी बेल इस रोग से नष्ट हो गई सिवाय उसके जिस पर वह मिश्रण पड़ा था। तभी से इस बोरडॉक्स मिश्रण का प्रयोग प्रारम्भ हो गया। यह मिश्रण 5 लिटर पानी में 40 ग्राम कॉपर सल्फेट व 40 ग्राम कैल्शियम हाइड्राक्साइड डालकर बनाया जाता है। इसके प्रयोग से फ्रांस में अंगूर व अन्य फसलों का उत्पादन बढ़ा, है न रोचक। 

→ दूध को 15 सेकण्ड तक 72°C पर गर्म करना व फिर ठण्डा कर देना पाश्चुरीकरण (Pasteurization) कहलाता है। इससे दूध में उपस्थित हानिकारक जीवाणु मर जाते हैं।

→ आधुनिक वर्गीकरण में आर्किआ (Archaea) को जीवाणुओं से अलग जगत (Kingdom) का सदस्य माना जाता है।

→ बरसात की पहली बूदों के बाद सूखी मिट्टी से आने वाली सोंधी सी खुशबू (earthy smell) मिट्टी में उपस्थित कुछ तंतुवत जीवाणु एक्टीनोमाइसिटीज (Actinomycetes) स्ट्रेप्टोमाइसिस वंश के कारण आती है। इसे जियोस्मिन (geosmin) कहा जाता है।

→ सूक्ष्मजीव पृथ्वी पर जीवन का एक अत्यधिक महत्वपूर्ण घटक हैं। सभी सूक्ष्मजीव रोगजनक नहीं होते। वास्तव में यह हमारे दोस्त व दुश्मन दोनों ही हैं। अनेक सूक्ष्मजीव मनुष्यों के लिए बहुत लाभकारी हैं। हम अपने रोजमर्रा के जीवन में सूक्ष्मजीवों व सूक्ष्मजीवों के उत्पादों का नियमित प्रयोग करते हैं। लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्मजीव (जीवाणु) दूध में वृद्धि कर इसको दही में बदल देते हैं। गीला गुंथा आटा जिससे डबलरोटी बनाई जाती है। एक यीस्ट, सैकेरोमाइसिस सेरेविसी द्वारा किण्वित किया जाता है। अनेक खाद्य पदार्थ जैसे इडली व डोसा, भटूरे, जलेबी, खमण आदि को बनाने में सूक्ष्मजीवों के किण्वन की स्पष्ट भूमिका होती है। अनेक जीवाणुओं व कवकों का प्रयोग पनीर को विशिष्ट गठन संरचना या टेक्सचर, सुवास या फ्लेवर व स्वाद देने के लिए किया जाता है।

→ सूक्ष्मजीवों का प्रयोग अनेक औद्योगिक उत्पादों जैसे लैक्टिक अम्ल, एसीटिक अम्ल, एंजाइम, ऐल्कोहॉल, जैव सक्रिय अणु के निर्माण में किया जाता है। इनके उत्पादन के लिए एक बड़े फर्मेन्टर की आवश्यकता होती है। एंटीबायोटिक्स जैसे पेनिसिलीन आदि सूक्ष्मजीवों द्वारा ही बनाई जाती है। इसका प्रयोग जीवाणु जन्य संक्रामक रोगों, जैसे-डिफ्थीरिया, काली खांसी, टी बी व न्यूमोनिया आदि के उपचार में किया जाता है। सौ से भी अधिक वर्ष पहले से सूक्ष्मजीवों का प्रयोग वाहित मल या सीवेज के उपचार में किया जा रहा है। इस हेतु सक्रियत आपंक निर्माण विधि अपनाई जाती है। सीवेज के उपचार से प्रकृति में जल के पुनर्चक्रणं में मदद मिलती है। पौधों के अपशिष्ट व गोबर के अपघटन द्वारा मेथेनोजेन मेथेन (बायोगैस) उत्पन्न करते हैं। इस प्रकार सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पन्न बायोगैस का प्रयोग ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा के स्रोत के रूप में होता है। 

→ सूक्ष्मजीवों का प्रयोग हानिकारक पीड़कों को मारने के लिए भी किया जा सकता है। पीड़कों का लाभदायी जीवों द्वारा नियंत्रण जैव नियंत्रण कहलाता है। जैव नियंत्रण हमें पीड़क नियन्त्रण के लिए खतरनाक कृषि रसायनों के अनावश्यक प्रयोग से बचे रहने में मदद करता है। आज रासायनिक खाद की जगह जैव उर्वरक प्रयोग किये जाने की महती आवश्यकता है। इन विभिन्न गतिविधियों में सूक्ष्मजीवों के प्रयोग से यह स्पष्ट हो गया है कि वह मानव कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

RBSE Class 12 Biology Notes Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

→ Aerobe (वायवीय)-वह सूक्ष्मजीव/जीव जो ऑक्सीजन की उपस्थिति में श्वसन करता है।

→ Anaerobe (अवायवीय)-वह सूक्ष्म जो ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में श्वसन कर सकता है।

→ Aeration (वातन)-किसी जल/द्रव से भरे पात्र में वायु का संचरण जैसे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में

→ Activated sludge (सक्रियत आपंक)-कवक ततुओं में फंसे जीवाणुओं के टैंक में अवसादित झुंड जो वायवीय रूप से कार्बनिक पदार्थ का अपघटन करते हैं।

→ Antibiotics (प्रतिजैविक) सूक्ष्मजीवियों द्वारा उत्पादित वह पदार्थ जो रोगजनक जीवाणुओं को या तो मार देते हैं या उनकी वृद्धि को निरोधित कर देते हैं।

→ Baculovirus (बैक्यूलोवाइरस)-दोहरे डी एन ए वाले विषाणु जो कीट व आथ्रोपोड के रोगजनक हैं। जैव नियंत्रण में उपयोगी।

→ Bioactive molecules (जैव सक्रिय अणु)-सूक्ष्म जीवों द्वारा उत्पन्न कुछ रसायन जो मनुष्य की जैविक क्रियाओं को प्रभावित करते हैं, जैसे-स्टेटिन।

→ Biocontrol (जैव नियंत्रण)-रोगकारकों/पीड़कों का लाभप्रद जीवधारियों द्वारा नियंत्रण।

→ Biogas (बायोगैस)-मेथेन सहित कुछ गैसों का ज्वलनशील मिश्रण ३ जो कार्बनिक पदार्थों पर सूक्ष्मजीवों (मेथेनोजेन्स) की क्रिया से उत्पन्न होता है।

→ BOD (बायोकैमीकल ऑक्सीजन डिमाँड)-एक लीटर जल में उपस्थित कार्बनिक पदार्थ के जीवाणुओं द्वारा अपघटन हेतु आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा।।

→ Distillation (आसवन)-द्रव शुद्धीकरण की एक विधि जिसमें द्रव को गर्म कर उसकी वाष्प के संघनीकरण से शुद्ध रूप प्राप्त किया जाता है।

→ Fermentors (किण्वक)-वह बड़ा पात्र जिसमें किण्वन कराया जाता है।

→ Flocs (ऊर्णक या फ्लॉक्स)-कवक तन्तुओं में फंसे जीवाणु झुंड।

→ Inoculum (आरम्भक)-सम्वर्धन को प्रारम्भ कराने वाला।

→ IPM (समाकलित कीट प्रबन्धन)-संश्लेषित पीड़कनाशियों के सीमित अथवा प्रयोग किये बिना जैव नियंत्रण व अन्य इकोफ्रेन्डली विधियों द्वारा पीड़कों का नियंत्रण।

→ Methanogens (मेथेनोजेन्स)-मेथेन उत्पन्न करने वाले सूक्ष्मजीव (आर्किया)।

→ Mycorrhizae (माइकोराइजा)-कवक व उच्च वर्ग पौधों की जड़ों के बीच का सहजीवी सम्बन्ध।

→ Organic Farming (जैविक कृषि)-कृषि का एक पारम्परिक इकोफ्रैंडली तरीका जो संश्लेषित रसायनों के प्रयोग के बिना, प्राकृतिक पद्धतियों के प्रयोग से वहनीय कृषि पर बल देता है।

→ Primany Treatment (प्राथमिक उपचार)-सीवेज का प्रारम्भिक भौतिक/यान्त्रिक उपचार।।

RBSE Class 12 Biology Notes Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

→ Secondary Treatment (द्वितीयक उपचार)-सीवेज का द्वितीयक जैविक वायवीय व अवायवीय) उपचार।

→ Sewage (सीवेज/वाहित मल)-नगरों/शहरों से निकला व्यर्थ/अपशिष्ट जल जिसमें मनुष्य के मलमूत्र व अन्य नगरीय व्यर्थ पदार्थ होते हैं।

Prasanna
Last Updated on Dec. 7, 2023, 9:26 a.m.
Published Dec. 6, 2023