Rajasthan Board RBSE Class 12 Biology Important Questions Chapter 4 जनन स्वास्थ्य Important Questions and Answers.
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अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
शब्द कोम STDS को विस्तारित कीजिष्ट।
उत्तर:
सैक्युअली ट्रांसमिटेड डिसोजेज (Sexually transmitted diseases)
प्रश्न 2.
वियेगा शब्द संक्षेपों को विस्तारित कीजिए एम एम आर तथा आई एम जार।
उत्तर:
एम एम आर - मेटरनल मोटॅलिटी रेट।
आई एम आर - इन्फैट मोटॅलिटी रेट।
प्रश्न 3.
किसी एक मुखीय गर्भ निरोधक टिकिया का नाम लिखिए।
उत्तर:
सटेली
प्रश्न 4.
आवधिक संयम (periodic abstinence) में मासिक चक्र के किन दिनों में सहवास से बचा जाता है?
उत्तर:
10 - 17 वें दिन तक जब अण्डोत्सर्ग तथा निषेचन हो सकता है।
प्रश्न 5.
उस स्थिति को क्या नाम दिया गया है जब प्रसव के बाद कुछ माह तक एक स्त्री को ऋतुस्राव नहीं होता।
उत्तर:
दुग सावण अनार्तव स्तनपान अनार्तव (Lactational Arnorrhea)।
प्रश्न 6.
गर्भ निरोध के उस रोध उपाय का नाम बताइये जो पुरुष व स्त्री दोनों के लिए उपलब्ध होता है?
उत्तर:
कन्डोम।
प्रश्न 7.
कन्डोम से गर्भ निरोध के अतिरिक्त और क्या लाभ हैं?
उत्तर:
यह प्रयोगकर्ता को यौनजनित रोगों (STD/AIDS) से सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
प्रश्न 8.
स्त्रियों के कन्डोम व डायाफ्राम में एक अन्तर बताइये।
उत्तर:
डायाफ्राम पुनः इस्तेमाल किये जाने योग्य होते हैं जबकि कन्डोम का प्रयोग एक बार ही किया जाता है।
प्रश्न 9.
रोध (बैरियर) गर्भ निरोधकों की कार्यक्षमता बढ़ाने हेतु प्रायः क्या उपाय अपनाया जाता है?
उत्तर:
रोध जैसे डायाफ्राम, सरवाइकल कैप्स आदि के साथ शुक्राणुनाशक रसायनों (स्पर्मिसिडल क्रोम, फोम) आदि का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 10.
लिप्पेस लूप क्या है?
उत्तर:
लिप्पेस लूप (Lippes Loop) एक औषधि रहित अन्त: गर्भाशयी युक्ति (Intra Uterine Device - IUD) है।
प्रश्न 11.
तांडा मुक्त करने वाली किसी आई. यू. डी. का नाम लिखिए।
उत्तर:
Cu T, Cu 7.
प्रश्न 12.
ताँबा मुक्त करने वाली गर्भाशयी गर्भ निरोधक युक्तियाँ किस प्रकार कार्य करती हैं?
उत्तर:
कॉपर आयन्स शुक्राणु की गति व निषेचन की क्षमता को बाधित कर देते है।
प्रश्न 13.
हार्मोन सावित करने वाली गर्भाशयी युक्तियाँ किस प्रकार कार्य करती है?
उत्तर:
हामोन सावित करने वाली आई. यू. डी. गर्भाशय में प्रतिकूल परिस्थितियों बना देती है जिससे अन्तरोपण रुक जाता है। यह गर्भाशयी ग्रीवा को शुक्राणुओं के लिए घातक बना देती है।
प्रश्न 14.
हार्मोन आधारित गर्भ निरोधक गोलियाँ मासिक चक्र के कितने दिनों तक ली जाती हैं?
उत्तर:
प्रथम 21 दिनों तक।
प्रश्न 15.
उन दो अंतःगर्भाशयी गर्भ निरोधक युक्तियों के नाम बताइए जो शुक्राणुओं की गतिशीलता को प्रभावित करते हैं।
उत्तर:
कॉपर टी० (Cu. T) तथा मल्टीलोड 375।
प्रश्न 16.
गर्भ निरोध की शल्य चिकित्सीय विधियाँ किस सिद्धान्त पर कार्य करती हैं?
उत्तर:
यह विधियाँ युग्मकों का स्थानान्तरण/परिवहन रोक देती है। अत: युग्मको का मिलन नहीं हो सकता।
प्रश्न 17.
प्रेरित गर्भपात सगर्भता की किस अवधि तक अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता है?
उत्तर:
सगर्भता की पहली तिमाही में।
प्रश्न 18.
यौनजनित रोगों से होने वाली किन्हीं दो जटिलताओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 19.
बन्ध्य दंपति सहायक जनन प्रौद्योगिकियों के अतिरिक्त अन्य किस प्रकार सन्तान प्राप्त कर सकते हैं?
उत्तर:
शिशु को वैधानिक रूप से गोद लेकर।
प्रश्न 20.
अगर पति वीर्य सेचन करने में असमर्थ है तो कौन - सी जनन प्रौद्योगिकी उसकी मदद कर सकती है?
उत्तर:
कृत्रिम वीर्यसेचन (artificial insemination AI)/पात्रे निषेचन व भ्रूण स्थानान्तरण।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
स्त्रियों द्वारा प्रयोग की जाने वाली किसी गर्भ निरोधक गोली (pill) का नाम लिखिए। मुखीय गोलियाँ जन्म नियन्त्रण में कैसे काम करती है?
उत्तर:
सहेली एक गर्भ निरोधक गोली है जो गैर स्टीराइड गर्भ निरोधक है। मुखीय गोलियाँ प्रायः अकेले प्रोजेस्टीरॉन या प्रोजेस्टीरॉन - एस्ट्रोजन संयोजन से बनी होती हैं। वह गोलियाँ रक्त में इन हामोनों का स्तर बढ़ा देती है फलस्वरूप फीडबैक इनहिबिशन प्रभाव के कारण अग्रपिट्यूटरी के हामोनों का स्रावण कम होता है। एफ. एस. एच. (FSH) के अभाव में पुटकीय विकास व ल्यूटीनाइजिंग हार्मोन (LH) के अभाव में अण्डोत्सर्ग नहीं होता जो निषेचन हेतु आवश्यक होता है। अत: यह गोलियाँ गर्भ निरोधक की भाँति कार्य करती है।
प्रश्न 2.
उन समस्याओं की चर्चा कीजिए जिनका समाधान 'जनन एवं शिशु - स्वास्थ्य कल्याण कार्यक्रम' के द्वारा किया जाता है।
उत्तर:
जनन एवं शिशु - स्वास्थ्य कल्याण कार्यक्रम के द्वारा निम्नलिखित समस्याओं का समाधान करने हेतु निम्नलिखित लक्ष्य निर्धारित किए गए है-
इस कार्यक्रम को दो भागों में बाँटकर छोटी अवधि के लक्ष्य भी निर्धारित किए गए हैं, जैसे
प्रश्न 3.
हमारे देश में जनसंख्या वृद्धि के चार प्रमुख कारणों की सूची बनाइए जिन पर आप अपने सहपाठियों से चर्चा करना चाहेंगे।
उत्तर:
हमारे देश में जनसंख्या वृद्धि के अनेक कारण है जिनमें प्रमुख चार कारण निम्नवत् हैं-
प्रश्न 4.
जनसंख्या विस्फोट को नियंत्रित करने हेतु किन्हीं दो उपायों (चरणों) को लिखिए जिन पर आप जोर देना चाहेंगे।
उत्तर:
जनसंख्या विस्फोट को नियंत्रित करने हेतु प्रमुख उपाय-
प्रश्न 5.
गर्भनिरोधक गोलियों के रचक दो हार्मोनों के नाम बताइए। इन्हें उत्तम और कारगर गर्भ निरोधक क्यों माना जाता है। वह गैर स्टेरॉयह गोली कौन-सी है, जिसको खाने की सलाह आमतौर से चिकित्सक देते हैं?
उत्तर:
गर्भ निरोधक गोलियों के रचक हामोन हैं - प्रोजेस्टीरॉन तथा एस्ट्रोजन। प्रोजेस्टीरॉन या प्रोजेस्टीरॉन व एस्ट्रोजन के संयोजन शरीर में एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टीरॉन का स्तर बढ़ा देते हैं। इन हामोन्स का बड़ा स्तर अग्र पिट्यूटरी से स्रावित गोनेडोट्रापिन्स जैसे - फालिकिल स्टीमुलेटिंग हामोंन (FSH) व ल्युटिनाइजिंग हार्मोन (LH) के स्राव को कम कर देता है। फलस्वरूप अण्डोत्सर्जन (Pulation) रूक जाता है। जिन गोलियों में केवल प्रोजेस्टीरॉन होता है, वह गर्भाशयी ग्रीवा (cervix) के श्लेष्मा (Mucous) को इतना गाढ़ा बना देती है कि वह शुक्राणुओं के लिए अपारगम्य (impermeable) हो जाता है। अत: इन गोलियों को उत्तम और कारगर गर्भ निरोधक माना जाता है। 'सहेली' एक गैर - स्टीरॉइड गर्भ निरोधक गोली है जिसको खाने की सलाह आमतौर से चिकित्सक देते हैं।
प्रश्न 6.
अतिवचक्र की सही - सही जानकारी परिवार नियोजन में अत्यधिक सहायता कर सकती है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? अपने उत्तर के लिए कारण दीजिए।
अथवा
मानव स्त्रियों में आर्तव चक्र की वैज्ञानिक समझ गर्भ निरोधक उपाय के रूप में किस प्रकार सहायक हो सकती है?
उत्तर:
स्त्रियों में आर्तव चक्र की वैज्ञानिक समझ अर्थात् आर्तव चक्र की सही - सही जानकारी परिवार नियोजन में अथवा गर्भ निरोधक उपाय के रूप में सहायता कर सकती है। अतिय चक्र के 10वें से 17वे दिन तक सम्भोग करने से परहेज करना चाहिए। क्योंकि यह वह समय होता है जब अण्डोत्वर्ग की संभावना सबसे अधिक होती है। अत: इस अवधि में सम्भोग से बचे रहकर गर्भाधान (conception) से बचा जा सकता है।
प्रश्न 7.
किन्हीं दो प्रकार के अंतःगर्भाशयी युक्तियों (आई०यू०डी०) के नाम लिखिष्ट तथा उनकी क्रियाविधि की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
(i) कॉपर मोचक आई०यी०डी० जैसे - Cu T (कॉपर टी), CuY मल्टीलोड 375।
(ii) हामोंन मोचक आई०यू०डी० जैसे - प्रोजेस्टासर्ट, एल०एन०जी० - 20 कॉपर मोचक आई०यू०डी से मुक्त हुए कॉपर ऑयन शुक्राणुओं का गतिशीलता तथा निषेचन क्षमता को कम कर देते हैं। तथा हामोंन मुजा करने वाली आई०यू०डी० गर्भाशय को अन्तर्रोपण के लिए अनुपयुक तथा गर्भाशबी ग्रीवा को शुक्राणुओं का विरोधी बना देती है। अत: गर्भाशयी युक्तियाँ (IUDS) डॉक्टरों या प्रशिक्षित व अनुभवी नसा द्वारा मोनिमार्ग के रास्ते से गर्भाशय में लगाई जाती है।
प्रश्न 8.
उल्बलेधन (एम्नियोसेटिसिस) क्या होता है? इस पर वैधानिक प्रतिबंध क्यों लगाया गया है?
उत्तर:
एम्नियोसेटेसिस (amniocentesis) भ्रूणीय परीक्षण की एक विधि है। इस विधि में एक नीडिल द्वारा गर्भाशय में भ्रूण के चारों ओर स्थित एम्नियोटिक द्रव की कुछ मात्रा को निकाला जाता है। इस द्रव की जैव रासायनिक जाँच की जाती है तथा इसमें उपस्थित कोशिकाओं को सेण्ट्रीफ्यूज द्वारा अलग कर उनकी गुणसूत्रीय जाँच की जाती है। यह तकनीक भ्रूणीय विसंगतियों या असामान्यताओं की जांच की एक महत्त्वपूर्ण विधि है, ताकि गम्भीर असामान्यता होने पर माता - पिता का सही समय पर इसके बारे में बताकर प्रेरित गर्भपात का निर्णय लिया जा सके। लेकिन इस तकनीक का दुरुपयोग भ्रूण का लिंग पता लगाने के लिए करके महिला भ्रूण हत्या का कार्य भी लोगों ने किया है। भारत सरकार ने भ्रूणीय लिंग परीक्षण के लिए एम्नियोसेंटेसिस का प्रयोग प्रतिबन्धित कर दिया है।
प्रश्न 9.
सन्तान के बीच अन्तर रखने के लिए हार्मोन मोचक IUD को एक अच्छा गर्भ निरोधक माना जाता है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हामोंन मोचक IUD को अच्छा गर्भ निरोधक मानने के निम्न कारण हैं-
प्रश्न 10.
एक आदर्श गर्भ निरोधक की कोई चार विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
एक अच्छे गर्भ निरोधक के निम्न गुण हैं-
प्रश्न 11.
गर्भ निरोधक के रूप में प्रयोग किये जाने वाले अन्तर्रोपण क्या है?
उत्तर:
अन्तरोंप (implants) गर्भ निरोध की वह युक्तियाँ हैं जिन्हें त्वचा के नीचे, प्रायः बाँह में स्थापित कर दिया जाता है। यह रक्त में अकेले प्रोजेस्टीरॉन अथवा प्रोजेस्टीरॉन - एस्ट्रोजन संयोजन मुक्त करते रहते हैं। यह गर्भ निरोध के कारगर उपाय हैं। इनको लगाने का एक लाभ यह है कि रोजाना गर्भ निरोध की चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं रहती साथ ही इन्हें निकलवाकर गर्भ धारण किया जा सकता है।
प्रश्न 12.
गर्भ निरोधकों के प्रयोग के कुछ दुष्परिणाम बताइये।
उत्तर:
मुखीय गर्भ निरोधक (oral contraceptives) आई.यू.डी. आदि के निम्न दुष्प्रभाव हो सकते हैं
प्रश्न 13.
सगर्भता का चिकित्सीय समापन किन परिस्थितियों में किया जाता है?
उत्तर:
सगर्भता का चिकित्सीय समापन (medical termination of pregnancy MTP) जिसे प्रेरित गर्भपात (induced abortion) भी कहते हैं के निम्न कारणों से किया जाता है-
प्रश्न 14.
हमारी सरकार ने हमारे देश में M.T.P. के लिए जानबूझकर सख्त शर्ते लगा दी हैं। कारण बताते हुए इसकी पुष्टि कीजिष्ट।
उत्तर:
प्रेरित गर्भपात के लिए कड़ी शतें इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए लगाई गई है। कुछ लोग एम्नियोसेंटेसिस जैसी तकनीकों से भ्रूण का लिंग पता कर, कन्याभ्रूण होने पर M.T.P. या प्रेरित गर्भपात करा लेते हैं जो एक खतरनाक व अमानवीय कृत्य है। दूसरे अधिकांश गर्भपात अवैधानिक रूप से नीम-हकीमों द्वारा किये जा रहे है। सरकार ने नियम बनाकर इन घटनाओं को रोकने का प्रयास किया है।
प्रश्न 15.
शारीरिक कारणों के अलावा बन्ध्यता के अन्य किस प्रकार के कारण हो सकते हैं?
उत्तर:
शारीरिक कारणों के अतिरिक्त बध्यता के अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे जन्मजात (congenital) रोगों जैसे (PID), अन्य संक्रमणों के कारण उपजी बन्ध्यता, औषधियों व ड्रग्स, प्रतिरक्षात्मक (immunological) व मनोवैज्ञानिक (Psychological)।
प्रश्न 16.
'सहेली' नामक गोली का गर्भनिरोधक के रूप में उपयोग करने के लाभों की सूची बनाइट।
उत्तर:
सहेली नामक गोली का गर्भ निरोधक के रूप में उपयोग करने के लाभ
प्रश्न 17.
उल्बबेधन का एक लाभ (सदुपयोग) व एक हानि (दुरुपयोग) का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
लाभ (सदुपयोग)-इससे भ्रूण के गम्भीर गुणसूत्रीय विकारों का पता लगाया जा सकता है तथा समय से माता - पिता को प्रेरित गर्भपात के बारे में सलाह दी जा सकती है। हानि (दुरुपयोग) - इसका प्रयोग कन्या भ्रूण हत्या के उद्देश्य से भ्रूणीय लिंग परीक्षण हेतु किया जाता है।
प्रश्न 18.
यदि पुरुष नसबंदी करते समय चिकित्सक दायीं तरफ की शुक्रवाहक को बांधना भूल जाता है तो बन्थ्यकरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
पुरुष नसबन्दी (वेसेक्टॉमी) में दोनों ओर की शुक्रवाहक (vas deferens) को काट कर उनके किनारों को अलग - अलग बाँधना अनिवार्य होता है। इसका कारण यह है कि पुरुषों में दो वृषण व दो शुक्रवाहक होते हैं। दोनों ओर की शुक्रवाहक बाद में मूत्रनली में मिल जाती है। अगर एक ओर की शुक्रवाहक नहीं बंधी है तो बन्थ्यकरण सफल नहीं होगा तथा पुरुष की संतान उत्पन्न करने की क्षमता बनी रहेगी।
प्रश्न 19.
एक स्त्री जिसे आगे गर्भावस्था नहीं चाहिए किस विधि को अपनाएगी और क्यों?
उत्तर:
स्त्रियों के लिए स्थायी गर्भनिरोध विधि नलबंदी (Tubectomy) है जिसमें दोनों ओर की अण्डवाहिनी को काटकर इसके दोनों सिरों को बाँध दिया जाता है। यह गर्भनिरोध की सर्वाधिक कारगर (effective) स्थायी विधि है। अन्य सभी गर्भ निरोध विधियाँ अस्थायी हैं।
प्रश्न 20.
आप बन्थ्य दम्पतियों को संतान सुख प्राप्त करने हेतु, कौन-से सुझाव देना उचित समझेंगे।
or
जीव - विज्ञान का विद्यार्थी होने के नाते बन्ध्य दम्पतियों को संतान प्राप्ति हेतु आप क्या सुझाव देना चाहेंगे।
उत्तर:
बन्थ्य दम्पतियों की मदद के लिए अनेक सहायक जनन प्रौद्योगिकियाँ उपलब्ध हैं। जैसे पात्रे निषेचन (in vitro fertilization) व भ्रूण स्थानान्तरण (embryo transfer)। अगर स्त्री की अण्डवाहिनी में रुकावट है तो टेस्ट ट्यूब बेबी की यह विधि उपयुक्त है। पति अगर वीर्यसेचन में अक्षम है तो कृत्रिम वीर्य सेचन (AI - artificial insemination) की मदद ली जा सकती है। अन्य अनेक ART विधियाँ उपलब्ध हैं जैसे ICSI, ZIFT, सरोगेट मदर आदि, जिनका यह लाभ उठा सकते है। इसके अतिरिक्त यह किसी बच्चे को वैधानिक रूप से गोद लेकर मानवीय कार्य भी कर सकते हैं।
प्रश्न 21.
किसी एक बाँझ दम्पति के लिए किन्हीं तीन सहायतित जनन प्रौद्योगिकियों (ART) का सुझाव दीजिए और उनके विषय में समझाइये।
उत्तर:
बन्ध्य दम्पतियों को सन्तान प्राप्ति में मदद करने वाली तकनीकों को सहायक जनन प्रौद्योगिकियों कहा जाता है। प्रमुख तकनीके निम्न है-
1. पुरुष के वीर्य में अगर शुक्राणु कम है या पुरुष वीर्य सेचन में सक्षम नहीं है तब कृत्रिम वीर्य सेचन (AI) (arfiticial insemination) की मदद ली जाती है। इस तकनीक में पति से वीर्य एकत्रित कर उसे पत्नी की योनि अथवा गर्भाशय में प्रविष्ट करा दिया जाता है। गर्भाशय में बीयं प्रविष्ट कराने को (IUI) इंट्रा यूटेराइन इन्सेमीनेशन कहते हैं।
2. अगर पुरुष में शुक्राणु बनते ही नहीं या असामान्य हैं तो दाता (donar) से वीर्य लेकर कृत्रिम निषेचन कराया जाता है।
3. अगर स्त्री की फैलोपियन नलिका में रुकावट है या अण्डोत्सर्ग नहीं हो पाता या निषेचन नहीं हो पाता तब पात्रे निषेचन या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (in vitro fertilization) की मदद ली जाती है।
इस तकनीक में पति/दाता के शुक्राणु लेकर उन्हें स्त्री के अण्डाणु के साथ प्रयोगशाला में निषेचित कराया जाता है। भ्रूण को 8 कोशिकीय अवस्था में फैलोपियन नलिका में स्थानान्तरित कर दिया जाता है। यह तकनीक भ्रूण स्थानान्तरण (Embryo transfer) कहलाती है। इस पूरी तकनीक को सामान्य भाषा में 'टेस्ट ट्यूब बेबी' तकनीक भी कहते है।
अगर भ्रूण को 8 कोशिकीय अवस्था में स्थानान्तरित किया जाय तो तकनीक युग्मनज अंतः फैलोपियन स्थानान्तरण या ZIFT (Zygote intra fallopian transfer) कहलाती है। 8 से अधिक कोशिकाएँ होने पर इसे गर्भाशय में स्थानान्तरित किया जाता है। इस तकनीक को इन्दा यूटेराइन ट्रांसफर IUT (Intra uterine transfer) कहते हैं।
4. अगर शुक्राणु निषेचन करने में अक्षम है तो इन्हें इंजैक्शन की मदद से प्रयोगशाला में सीधे ही अण्ड कोशिका में प्रवेश करा दिया जाता है। यह तकनीक अन्तः कोशिकाद्रव्यी शुक्राणु अन्तःक्षेपण (intra cytoplasmic sperm injection, ICSI) कहलाती है।
5. युग्मक अंतः फैलोपियन स्थानान्तरण GIFT (Gamete intra fallopian transfer) उन महिलाओं के लिए प्रयोग की जाती है जो अण्डाणु उत्पन्न करने में अक्षम है लेकिन निषेचन, अन्तर्रोपण व सगर्भता में सक्षम। ऐसी स्थिति में एक दाता महिला से अण्डाण लेकर बन्थ्य महिला की फैलोपियन नलिका में स्थानान्तरित कर दिया जाता है।
प्रश्न 22.
युग्मनज का अन्तः फैलोपियन स्थानान्तरण (ZIFT) तकनीक की व्याख्या करें। यह अन्तः गर्भायसी स्थानान्तरण (IUT) से किस प्रकार भिन्न है
उत्तर:
बन्ध्य दम्पतियों को सन्तान प्राप्ति में मदद करने वाली तकनीकों को सहायक जनन प्रौद्योगिकियों कहा जाता है। प्रमुख तकनीके निम्न है-
1. पुरुष के वीर्य में अगर शुक्राणु कम है या पुरुष वीर्य सेचन में सक्षम नहीं है तब कृत्रिम वीर्य सेचन (AI) (arfiticial insemination) की मदद ली जाती है। इस तकनीक में पति से वीर्य एकत्रित कर उसे पत्नी की योनि अथवा गर्भाशय में प्रविष्ट करा दिया जाता है। गर्भाशय में बीयं प्रविष्ट कराने को (IUI) इंट्रा यूटेराइन इन्सेमीनेशन कहते हैं।
2. अगर पुरुष में शुक्राणु बनते ही नहीं या असामान्य हैं तो दाता (donar) से वीर्य लेकर कृत्रिम निषेचन कराया जाता है।
3. अगर स्त्री की फैलोपियन नलिका में रुकावट है या अण्डोत्सर्ग नहीं हो पाता या निषेचन नहीं हो पाता तब पात्रे निषेचन या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (in vitro fertilization) की मदद ली जाती है।
इस तकनीक में पति/दाता के शुक्राणु लेकर उन्हें स्त्री के अण्डाणु के साथ प्रयोगशाला में निषेचित कराया जाता है। भ्रूण को 8 कोशिकीय अवस्था में फैलोपियन नलिका में स्थानान्तरित कर दिया जाता है। यह तकनीक भ्रूण स्थानान्तरण (Embryo transfer) कहलाती है। इस पूरी तकनीक को सामान्य भाषा में 'टेस्ट ट्यूब बेबी' तकनीक भी कहते है।
अगर भ्रूण को 8 कोशिकीय अवस्था में स्थानान्तरित किया जाय तो तकनीक युग्मनज अंतः फैलोपियन स्थानान्तरण या ZIFT (Zygote intra fallopian transfer) कहलाती है। 8 से अधिक कोशिकाएँ होने पर इसे गर्भाशय में स्थानान्तरित किया जाता है। इस तकनीक को इन्दा यूटेराइन ट्रांसफर IUT (Intra uterine transfer) कहते हैं।
4. अगर शुक्राणु निषेचन करने में अक्षम है तो इन्हें इंजैक्शन की मदद से प्रयोगशाला में सीधे ही अण्ड कोशिका में प्रवेश करा दिया जाता है। यह तकनीक अन्तः कोशिकाद्रव्यी शुक्राणु अन्तःक्षेपण (intra cytoplasmic sperm injection, ICSI) कहलाती है।
5. युग्मक अंतः फैलोपियन स्थानान्तरण GIFT (Gamete intra fallopian transfer) उन महिलाओं के लिए प्रयोग की जाती है जो अण्डाणु उत्पन्न करने में अक्षम है लेकिन निषेचन, अन्तर्रोपण व सगर्भता में सक्षम। ऐसी स्थिति में एक दाता महिला से अण्डाण लेकर बन्थ्य महिला की फैलोपियन नलिका में स्थानान्तरित कर दिया जाता है।
प्रश्न 23.
शिक्षा विभाग द्वारा आपके विद्यालय को "जनन स्वास्थ्य समस्याएं और पद्धतियाँ" पर एक अन्तर विद्यालयीं गोष्ठी का आयोजन और मेजबानी करने के लिए चुना है। हालांकि, अनेक माता-पिता अपने बच्चों के इस श्रेणी में भाग लेने के इच्छुक" नहीं हैं। उनका तर्क है कि गोष्ठी का विषय “बहुत संकोचजनक" है। विषय को अति आवश्यक और सामयिक बताते हुए चार तकों का उपयुक्त कारणों सहित स्पष्टीकरण कीजिए।
उत्तर:
गोष्ठी का विषय अत्यन्त महत्त्वपूर्ण व सामयिक है, अत: इसमें भाग लेने में संकोच करना किसी दृष्टि से उचित नहीं ठहराया जा सकता। विषय की आवश्यकता निम्न तथ्यों से स्पष्ट होती है।
1. किशोरावस्था जिज्ञासा की अवस्था है। एक किशोर की जिज्ञासा का तार्किक उचित व सकारात्मक समाधान उसे चरित्रवान व जागरूक नागरिक बनाना है। समस्याओं व जिज्ञासाओं के सही समाधान न होने पर वह कुंठा व निराशा का शिकार न बन सकता है तथा वह इधर - उधर गलत से जानकारी प्राप्त कर गलत राह का अनुसरण कर सकता है।
2. किशोरों को शरीर, विशेष रूप से लैंगिक अंगों, द्वितीयक लेगिक लक्षणों की उचित जानकारी उन्हें शारीरिक, मानसिक व मनोवैज्ञानिक रूप से स्वस्थ रखने में आवश्यक है। एक किशोर बालिका को ऋतुस्त्राव (menstruation) व इसकी अनियमितताओं आदि की जानकारी का होना आवश्यक है।
3. किशोर व युवा (15 - 25 वर्ष) यौन संचरित रोगों (STDs) का शिकार होने वाला प्रमुख वर्ग है। अत: उन्हें इससे बचाने के लिए जनन स्वास्थ्य की जानकारी आवश्यक है।
4. यह किशोरों को किशोरावस्था की सामान्य समस्याओं, यौन दुर्व्यवहार, यौन अपराधों से छुटकारा दिलाने का सशक्त माध्यम है। भारत की अधिकांश जनसंख्या युवा है अतः यह विषय अधिक महत्त्वपूर्ण व सामयिक हो जाता है।
प्रश्न 24.
एक दम्पत्ति में पति तथा पत्नी दोनों कार्यशील युग्मक उत्पन्न कर रहे हैं लेकिन पत्नी में गर्भाधान (Conceive) नहीं हो पा रहा है तथा वह चिकित्सीय मदद लेना चाहते हैं। इनके लिए कोई एक उपाय बताइये जिससे यह खशहाल माता - पिता बन सकें।
उत्तर:
यह ZIFT या IUT तकनीक की मदद ले सकते हैं। इसमें पति से शुक्राणु व पत्नी से अण्ड कोशिका प्राप्त कर इन विट्रो निषेचन कराया जाता है तथा प्रयोगशाला में बने 8 कोशिकाओं के भ्रूण को फैलोपियन नलिका या अधिक कोशिकाओं के भ्रूण को गर्भाशय में स्थानान्तरित कर दिया जाता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न (प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न सहित)
प्रश्न 1.
निम्न में से कौन - सा जन्म नियंत्रण उपाय स्त्री व पुरुष दोनों के लिए उपलब्ध है।
(a) मुखीय गोली
(b) कॉपर - टी
(c) कन्डोम
(d) डायाफ्राम।
उत्तर:
(c) कन्डोम
प्रश्न 2.
निम्न में से कौन - सी एक जन्म नियंत्रण विधि है-
(a) IVF - ET
(b) GIFT
(c) ICSI
(d) IUD
उत्तर:
(d) IUD
प्रश्न 3.
एम्नियोसेंटेसिस में विश्लेषण किया जाता है-
(a) उल्ब तरल का
(b) उल्ब का
(c) भ्रूणीय रक्त का
(d) देहद्रव्य का।
उत्तर:
(a) उल्ब तरल का
प्रश्न 4.
निम्नलिखित गर्भनिरोधक उपायों में कौन सर्वाधिक विश्वसनीय
(a) कन्डोम (Condome)
(b) शुक्राणु नाशक (spermicides)
(c) वासैक्टॉमी (Vasectomy)
(d) अंतरित मैथुन (coitus interruptus)।
उत्तर:
(c) वासैक्टॉमी (Vasectomy)
प्रश्न 5.
पुरुषों के लिए स्थायी गर्भ नियंत्रण उपाय है-
(a) ट्यूबेक्टॉमी
(b) डायाफ्राम
(c) वैसेक्टामी
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) वैसेक्टामी
प्रश्न 6.
संतति निग्रह (बर्थ कन्ट्रोल) के लिए एक वैध विधि है-
(a) उपयुक्त औषधि द्वारा गर्भपात करवा लेना।
(b) आर्तव चक्र के 10वें दिन से लेकर 17वें दिन तक मैथुन से बचना।
(c) प्रात:काल मैथुन करना।
(d) मैथुन के दौरान कालपूर्व स्खलन करना।
उत्तर:
(b) आर्तव चक्र के 10वें दिन से लेकर 17वें दिन तक मैथुन से बचना।
प्रश्न 7.
कृत्रिम वीर्यसेचन से आपका क्या तात्पर्य है?
(a) किसी स्वस्थ दाता के शुक्राणुओं को ऐसी परखनली में स्थानान्तरित कर देना जिसमें अंडाणु मौजूद हो।
(b) पति के शुक्राणुओं को ऐसी परखनली में स्थानान्तरित कर देना जिसमें अंडाणु मौजूद हो।
(c) स्वस्थ दाता के शुक्राणुओं को कृत्रिम तरीके से सीधे योनि के अन्दर डाल देना।
(d) स्वस्थ दाता के शुक्राणुओं को सीधे ही अण्डाशय के अन्दर डाल
उत्तर:
(c) स्वस्थ दाता के शुक्राणुओं को कृत्रिम तरीके से सीधे योनि के अन्दर डाल देना।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित में से किस समूह में यौन संचरित रोग सम्मिलित है?
(a) एड्स, सिफलिस, हैजा
(b) एच.आई.वी., मलेरिया, ट्राइकोमोनिएसिस
(c) गोनोरिया, हिपेटाइटिस - बी, क्लेमाइडिएसिस
(d) हिपेटाइटिस - B, हीमोफिलिया, एड्स।
उत्तर:
(c) गोनोरिया, हिपेटाइटिस - बी, क्लेमाइडिएसिस
प्रश्न 9.
नीचे दिये गये चित्र में विशिष्टतः क्या दर्शाया गया है?
(a) अण्डाशयी कैसर
(b) गर्भाशयी कैसर
(c) ट्यूबैक्टॉमी
(d) वैसेक्टॉमी
उत्तर:
(c) ट्यूबैक्टॉमी
प्रश्न 10.
चिकित्सकीय सगर्भता समापन (MTP) को कितने सप्ताह की गर्भावस्था तक सुरक्षित माना जाता है?
(a) 6 सप्ताह
(b) 12 सप्ताह
(c) 18 सप्ताह
(d) 8 सप्ताह।
उत्तर:
(b) 12 सप्ताह
प्रश्न 11.
एम्नियोसेंटेसिस वह विधि है जिससे पहचानते हैं-
(a) हृदय का कोई रोग
(b) भ्रूण का आनुवंशिक रोग
(c) मस्तिष्क का कोई रोग
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(b) भ्रूण का आनुवंशिक रोग
प्रश्न 12.
सहेली है-
(a) महिलाओं के लिए मुखीय गर्भनिरोधक।
(b) महिलाओं के लिए डायाफ्राम
(c) महिलाओं के लिए बन्ध्यकरण की शल्य विधि
(d) पुरुषों द्वारा प्रयोग किये जाने वाला डायाफ्राम।
उत्तर:
(a) महिलाओं के लिए मुखीय गर्भनिरोधक।
प्रश्न 13.
निम्न में से कौन - सी एक गर्भ निरोधक विधि नहीं है?
(a) कन्डोम
(b) आक्सीटोसिन व वैसोप्रेसिन हार्मोनल गोलियाँ
(c) लिप्पस लूप
(d) ट्यूबेक्टॉमी।
उत्तर:
(b) आक्सीटोसिन व वैसोप्रेसिन हार्मोनल गोलियाँ
प्रश्न 14.
भारत में परिवार नियोजन कार्यक्रम का प्रारम्भ हुआ-
(a) 1951 में
(b) 1971 में
(c) 1978 में
(d) 2001 में।
उत्तर:
(a) 1951 में
प्रश्न 15.
सीडीआरआई, लखनऊ द्वारा विकसित गर्भनिरोधक है-
(a) कॉपर - टी
(b) सहेली
(c) शुक्राणुनाशक क्रीम
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(b) सहेली
HOTS : Higher Order Thinking Skills
प्रश्न 1.
एक बन्ध्य स्त्री की जांचों से ज्ञात हुआ कि उसकी दोनों ओर की फैलोपियन नलिकाएँ बन्द हैं तथा वह संतान उत्पन्न नहीं कर सकती। क्या सहायक जनन प्रौद्योगिकी उसकी मदद कर सकती है? यदि हाँ तो कैसे?
उत्तर:
जी हाँ, सहायक जनन प्रौद्योगिकियां इस बन्ध्य स्त्री को संतान प्राप्ति के अवसर उपलब्ध करा सकती हैं। इस स्त्री के अण्डाशय से अण्डाणु प्राप्त कर उनको इसके पति के शुक्राणुओं के साथ प्रयोगशाला में पात्रे निषेचन (in vitro fertilization) कराया जा सकता है। फिर भ्रूण के 8 से अधिक कोशिकीय हो जाने पर उसका IUT अन्तःगर्भाशयी स्थानान्तरण करा सगर्भता की स्थिति बनाई जा सकती है, जिससे उसे सन्तान की प्राप्ति होगी।
प्रश्न 2.
पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिसीसेज से बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने पर एक स्त्री का गर्भाशय शल्य क्रिया द्वारा निकालना पड़ा। क्या अब भी वह माँ बन सकती है? कोई दो विकल्प बताइये।
उत्तर:
1. इस स्त्री के अण्डाशय से अण्डाणु लेकर उसे इसके पति के शुक्राणुओं के साथ पात्रे निषेचन (in vitro fertilization) कराना तथा फिर बने भ्रूण को ET (भ्रूण स्थानान्तरण) तकनीक द्वारा किसी सरोगेट माँ की फैलोपियन नलिका (ZIFT) अथवा सीधे गर्भाशय (IUT) में स्थानान्तरण कर सरोगेट माँ में सगर्भता उत्पन्न की जा सकती है। यह स्त्री पूर्ण गर्भधारण अवधि के बाद उस महिला के शिशु को जन्म दे सकती है।
2. यह स्त्री किसी स्वस्थ शिशु को वैधानिक रूप से गोद ले सकती है।
NCERT EXEMPLAR PROBLEMS
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सहायक जनन प्रौद्योगिकी की वह तकनीक जिसमें एक शुक्राणु को सीधे अण्डाणु में अन्तःक्षेपित (इन्जैक्ट) कर दिया जाता है-
(a) GIFT
(b) ZIFT
(c) ICSI
(d) ET
उत्तर:
(c) ICSI
प्रश्न 2.
किसी समष्टि (population) में बढ़ी हुई शिशु मृत्यु दर (IMR) व घटी मातृ मृत्युदर (MMR) इसे कैसे प्रभावित करेगी।
(a) वृद्धि दर में तीन बढ़ोत्तरी करेगी
(b) वृद्धि दर में कमी लायेगी
(c) वृद्धि दर में उल्लेखनीय परिवर्तन नहीं लाएगी
(d) जनसंख्या विस्फोट का कारण बनेगी।
उत्तर:
(c) वृद्धि दर में उल्लेखनीय परिवर्तन नहीं लाएगी
प्रश्न 3.
माताओं में तीव्र (भरपूर) दुगधण प्राकृतिक गर्भ निरोधक का कार्य करता है। इसका कारण है-
(a) गोनेडोट्रापिन्स का निरोधन
(b) गोनेडोट्रापिन्स का अतिस्त्रावण
(c) युग्मक स्थानंतरण का निरोधन
(d) निषेचन का दमन
उत्तर:
(a) गोनेडोट्रापिन्स का निरोधन
प्रश्न 4.
आपातकालीन गर्भनिरोधक कारगर होते हैं यदि उनका प्रयोग निम्न अवधि के अन्दर किया जाय-
(a) सम्भोग के 72 घण्टे के
(b) अण्डोत्सर्ग के ७२ घण्टे के
(c) ऋतुस्राव के 72 घण्टे के
(d) अन्तरोंपण के ७२ घण्टे के।
उत्तर:
(a) सम्भोग के 72 घण्टे के
प्रश्न 5.
निम्न कथनों में से सही का चुनाव कीजिए-
(a) IUD प्रयोगकर्ता स्वयं अपने आप लगा लेता है
(b) IUD गर्भाशय में कोशिकाभक्षण क्रिया बढ़ा देती है
(c) IUD युग्मक जनन को संदमित करती है
(d) एक बार लगा लेने के बाद इन्हें बदलने की आवश्यकता नहीं होती।
उत्तर:
(b) IUD गर्भाशय में कोशिकाभक्षण क्रिया बढ़ा देती है
प्रश्न 6.
नीचे सगर्भता के चिकित्सीय समापन (MTP) के बारे में कुछ कथन दिये गये हैं। नीचे दिये विकल्पों में से सही का चुनाव करें-
(i) MTP सामान्यतः सगर्भता की प्रथम तिमाही में सुझायी जाती है
(ii) MTP को एक गर्भ निरोधक उपाय के रूप में प्रयोग किया जाता है
(iii) MTP हमेशा शल्य क्रिया द्वारा सम्पन्न की जाती है
(iv) MTP कराने के लिए योग्य चिकित्सा कर्मी की सहायता आवश्यक होती है।
(a) (ii) व (iii)
(b) (i) व (iii)
(c) (i) व (iv)
(d) (i) व (ii)।
उत्तर:
(c) (i) व (iv)
प्रश्न 7.
नीचे दिये यौन संचरित रोगों में से उस रोग की पहचान करिए जो विशेष रूप से लैंगिक अंगों को ही प्रभावित नहीं करता
(a) सिफलिस
(b) एड्स
(c) सुजाक (गोनोरिया)
(d) लैंगिक मस्से।
उत्तर:
(b) एड्स
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
जनमानस के जननिक स्वास्थ्य में सुधार के उद्देश्य से चलाये जा रहे सरकार के आर.सी.एच. (RCH) कार्यक्रम पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
जनन सम्बन्धित सभी पहलुओं पर जनता में जागरूकता पैदा करना, एक स्वस्थ समाज के निर्माण हेतु सुविधाएँ उपलब्ध कराना जिसमें माँ और शिशु के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाना सम्मिलित है, आदि आर.सी.एच. कार्यक्रम के उद्देश्य है।
प्रश्न 2.
यौन संचरित रोगों को स्वयं द्वारा आमंत्रित रोगों की तरह देखा जाता है, टिप्पणी करें।
उत्तर:
नाम से ही स्पष्ट है यौन संचरित रोग लैंगिक संसर्ग द्वारा संचरित होते हैं अत: यदि व्यक्ति अनजान व्यक्ति/अनेक व्यक्तियों से सम्बन्ध न बनाए तो इन रोगों से बचा रह सकता है। अत: यह स्वयं द्वारा ही आमंत्रित होते है।
प्रश्न 3.
सहायक जनन प्रौद्योगिकी का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
सहायक जनन प्रौद्योगिकी का प्राथमिक उद्देश्य बन्ध्य दम्पतियों को संतान प्राप्ति के अवसर सुलभ कराना है।
प्रश्न 4.
स्तनपान अनार्तव के एक गर्भनिरोधक के रूप में दो लाभ लिखिए।
उत्तर:
स्तनपान अनार्तव (Lactational amnorrhea) एक कारगर (effective) गर्भ निरोधक उपाय है क्योकि गर्भधारण के अवसर लगभग शून्य होते हैं दूसरे, चूंकि इसमें किसी दवा या अन्य साधन का उपयोग नहीं होता अत: इसके कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होते।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
GIFT तकनीक में युग्मकों का स्थानान्तरण फैलोपियन नलिका में किया जाता है। क्या इसी प्रकार के परिणाम प्राप्त करने के लिए युग्मकों को गर्भाशय में स्थानान्तरित किया जा सकता है? कारण बताइये?
उत्तर:
गर्भाशय का पर्यावरण युग्मकों के जीवित रहने (उत्तर जीविता) के लिए अनुकूल नहीं होता। अगर युग्मकों को सीधे गर्भाशय में स्थानान्तरित कर दिया जाय तो वह या तो गर्भाशयी एण्डोमेट्रियम की कोशिकाओं द्वारा कोशिका भक्षण के शिकार हो जायेंगे अथवा अपक्षयित (degenerate) हो जायेंगे अतः जीवनक्षम युग्मनज का विकास नहीं हो पायेगा।
प्रश्न 2.
जनन अंगों के सभी संक्रमण (reproductive tract infections RTI) यौन जनित रोग होते हैं लेकिन सभी यौन जनित रोग जनन अंगों के संक्रमण (RTI) नहीं होते। कारण बताएँ।
उत्तर:
जनन अंगों के सभी संक्रमण यौन जनित ही होते हैं, इनका संक्रमण अन्य कारणों से नहीं होता। लेकिन सभी यौन जन्य रोगों जैसे गोनोरिया, सिफलिस, जेनाइटल हपीज, क्लेमाइडिएसिस, हेपेटाइटिस - बी, एड्स आदि में से एड्स व हेपेटाइटिस - बी जनन अंगों के संक्रमण नहीं है हाँ उनका संचरण लैंगिक सम्पर्क द्वारा हो सकता है। अन्य सभी रोग लैंगिक सम्पर्क द्वारा फैलते हैं तथा जनन मार्ग (reproductive tract) के संक्रमण भी हैं।