These comprehensive RBSE Class 11 Physics Notes Chapter 13 अणुगति सिद्धांत will give a brief overview of all the concepts.
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→ अणु-प्रत्येक पदार्थ अत्यन्त सूक्ष्म कणों से मिलकर बना है। इन्हें 'अणु' (molecules) कहते हैं ।
→ ब्राउनी गति को प्रभावित करने वाले कारक
→ गैसों का गत्यात्मक सिद्धान्त (Kinetic Theory of Gases):
→ आदर्श गैस (Ideal Gas)- यदि किसी गैस के अणुओं की स्थितिज ऊर्जा शून्य मान ली जाये तो उसकी कुल ऊर्जा उसकी गति ऊर्जा के रूप में होगी और इस प्रकार की गैस को आदर्श गैस कहते हैं। आदर्श गैस काल्पनिक गैसें होती हैं। दाब (P), आयतन (V) और परम ताप (T) में संबंध स्थापित करने वाली आदर्श गैस समीकरण है,
PV = nRT = kNT
यहाँ n गैस में मोलों की संख्या और N अणुओं की संख्या है। R तथा k क्रमशः सार्वत्रिक गैस नियतांक एवं बोल्ट्ज़मान नियतांक हैं।
R = 8.314J/gm.mol-1K-1, k = \(\frac{\mathrm{R}}{\mathrm{N}_{\mathrm{A}}}\) =1.38 × 10-23JK-1
वास्तविक गैसें, आदर्श गैस समीकरण का अधिकाधिक पालन केवल उच्च ताप तथा निम्न दाब पर ही करती हैं।
→ किसी आदर्श गैस का दाब–आदर्श गैस के अणुगति सिद्धान्त के अनुसार P = \(\frac{1}{3}Nm\overline{\mathrm{C}^2}\)
यहाँ पर N अणुओं की संख्या घनत्व, m अणु का द्रव्यमान एवं \(\overline{\mathrm{C}^2}\) इनकी माध्य वर्ग चाल है। इसको आदर्श गैस समीकरण के साथ मिलाने से ताप की एक अणुगतिक व्याख्या प्राप्त होती है।
\(\frac{1}{2}m\overline{\mathrm{C}^2} = \frac{3}{2}\)KT
\(\mathrm{C}_{\mathrm{rms}}=\left(\overline{\mathrm{C}^2}\right)^{\frac{1}{2}}=\sqrt{\frac{3 \mathrm{kT}}{m}}\)
इससे यह ज्ञात होता है कि किसी गैस का ताप उसके किसी अणु की औसत गतिज ऊर्जा की माप है और यह गैस या अणु की प्रकृति पर निर्भर नहीं करता। एक नियत ताप पर गैसों के मिश्रण में भारी अणु की औसत चाल अपेक्षाकृत कम होती है।
→ स्थानांतरीय गतिज ऊर्जा
E = \(\frac{3}{2}\)kNT
इससे हमें यह सूत्र प्राप्त होता है
PV = \(\frac{2}{3}\)E
→ ऊर्जा समविभाजन का नियम किसी गतिज निकाय में जो कि समान परम ताप T पर है, उसकी सभी स्वातंत्र्य की कोटियों में उसकी कुल ऊर्जा समान परिमाण में वितरित होती है और प्रत्येक अणु की प्रत्येक स्वातंत्र्य की कोटि के साथ सम्बन्धित ऊर्जा का मान, मैक्सवेल व बोल्ट्समान (Maxwell and Boltzmann) सांख्यिकी के आधार पर \(\frac{1}{2}\)k होता है, यहाँ k बोल्ट्समान नियतांक है जिसका मान 1.38 × 10-23 जूल/ प्रतिमोल कैल्विन होता है।
→ विशिष्ट ऊष्माधारिता
(i) एक परमाणुक गैसों के लिये
γ = \(\frac{C_P}{C_V}=\frac{5}{3}\), CP = \(\frac{5}{2}\) R, CV = \(\frac{3}{2}\) R
(ii) द्वि-परमाणुक गैसों के लिये
Cv = \(\frac{5}{2} \mathrm{R}, \mathrm{C}_{\mathrm{P}}=\frac{7}{2} \mathrm{R}, \gamma=\frac{7}{5} \mathrm{R}\)
(iii) बहुपरमाणुक गैसों के लिये किसी बहुपरमाणुक अणु में 3 स्थानांतरीय, 3 घूर्णी स्वातंत्र्य कोटि एवं कुछ निश्चित संख्या f के कम्पन रूप | होते हैं।
Cv = (3 + f)R, Cp = (4 + f)R
γ = \(\frac{4+f}{3+f}\)
लेकिन यहाँ पर यह ध्यान देने योग्य है कि Cp - Cv =R सभी आदर्श गैसों के लिये सत्य है।
→ ऊर्जा समविभाजन का नियम लागू करके हम गैसों की मोलर विशिष्ट ऊष्माधारिता ज्ञात कर सकते हैं और इस प्रकार प्राप्त विशिष्ट ऊष्माधारिताओं के मान कई गैसों के प्रयोगों द्वारा प्राप्त विशिष्ट ऊष्माधारिताओं के मानों से मिलते हैं। यदि गति के कंपन रूपों को भी परिकलनों में सम्मिलित करें तो यह साम्यता और भी सटीक बैठेगी।
→ माध्य मुक्त पथ λ अणु के दो क्रमिक संघट्टों के बीच उसके द्वारा चलित औसत दूरी है
λ = \(\frac{1}{\sqrt{2} n_0 \pi d^2}\)
जहाँ n0 संख्या घनत्व एवं d अणु का व्यास है। उपरोक्त समीकरण द्वारा दिया गया माध्य मुक्त पथ का मान अणु की आमाप एवं संख्या घनत्व पर प्रतिलोम निर्भर करता है। किसी अत्यधिक निर्वातित नली में चाहे n0 कितना भी कम क्यों न हो, माध्य मुक्त पथ का मान नली की लम्बाई के बराबर हो सकता है।