Rajasthan Board RBSE Class 11 Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी Important Questions and Answers.
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बहुचयनात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
तापीय संतुलन में होने पर निकायों में कौनसे ऊष्मागतिक गुण का मान समान होता है:
(अ) ताप
(ब) दाब
(स) आयतन
(द) निम्न में से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) ताप
प्रश्न 2.
चक्रीय प्रक्रम में आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन-
(अ) दाब पर निर्भर करता है
(ब) आयतन पर निर्भर करता है।
(स) पथ पर निर्भर करता है
(द) शून्य होता है
उत्तर:
(द) शून्य होता है
प्रश्न 3.
किसी चक्रीय प्रक्रम में:
(अ) किया गया कार्य शून्य होता है।
(ब) निकाय द्वारा किया गया कार्य, निकाय को दी गई ऊष्मा के बराबर होता है।
(स) किया गया कार्य ऊष्मा पर निर्भर नहीं करता है।
(द) निकाय की आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि होती है।
उत्तर:
(ब) निकाय द्वारा किया गया कार्य, निकाय को दी गई ऊष्मा के बराबर होता है।
प्रश्न 4.
किसी गैस को 120 जूल ऊष्मा देने पर इसकी आन्तरिक ऊर्जा 50 जूल बढ़ जाती है। किया गया बाह्य कार्य है-
(अ) 170 जूल
(ब) 50 जूल
(स) 120 जूल
(द) 70 जूल
उत्तर:
(द) 70 जूल
प्रश्न 5.
आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा निर्भर करती है, केवल-
(अ) दाब पर
(ब) आयतन पर
(स) ताप पर
(द) अणुओं के आकार पर
उत्तर:
(स) ताप पर
प्रश्न 6.
किसी गैस का प्रारम्भिक दाब P है। इसका रुद्धोष्म संपीडन किया जाता है जिससे इसका घनत्व प्रारम्भिक घनत्व का चार गुना हो जाता है। गैस का अन्तिम दाब होगा- (y = 1.5)
(अ) 4P
(ब) 16P
(स) 2P
(द) 8P
उत्तर:
(द) 8P
प्रश्न 7.
चाय से भरी एक थर्मस बोतल को तीव्र गति से हिलाया जाता है। निकाय (चाय) की आन्तरिक ऊर्जा में
(अ) वृद्धि होगी
(ब) कमी होगी
(स) परिवर्तन नहीं होगा
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) वृद्धि होगी
प्रश्न 8.
ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम:
(अ) ताप को परिभाषित करता है।
(ब) ऊष्मा को परिभाषित करता है।
(स) ऊष्मा तथा यांत्रिकी ऊर्जा की तुल्यता को परिभाषित करता है।
(द) ऊष्मा के प्रवाह की दिशा को निर्धारित करता है।
उत्तर:
(अ) ताप को परिभाषित करता है।
प्रश्न 9.
चित्र में तीन ग्राफ दर्शाये गये हैं:
(अ) वक्र (ख) तथा (ग) समदाबी तथा (क) समआयतनी परिवर्तन दर्शाते हैं।
(ब) तीनों वक्र समतापी क्रियाओं को दर्शाते हैं।
(स) तीनों वक्र रुद्धोष्म क्रियाओं को दर्शाते हैं।
(द) तीनों वक्र समदाबी क्रियाओं को दर्शाते हैं।
उत्तर:
(ब) तीनों वक्र समतापी क्रियाओं को दर्शाते हैं।
प्रश्न 10.
समतापी प्रक्रम में गैस के प्रति ग्राम अणु के द्वारा किया गया कार्य होता है:
उत्तर:
\(\text { (स) } \mathrm{RT} \log _{\mathrm{e}}\left(\frac{\mathrm{V}_2}{\mathrm{~V}_1}\right)\)
प्रश्न 11.
एक ट्यूब में पंक्चर हो जाने के कारण निकलने वाली हवा ठण्डी क्यों लगती है?
(अ) रुद्धोष्म प्रक्रम में
(ब) समतापीय प्रक्रम से
(स) वातावरण को ऊष्मा देने से
(द) वातावरण से ऊष्मा लेने से
उत्तर:
(अ) रुद्धोष्म प्रक्रम में
प्रश्न 12.
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम की व्याख्या की जा सकती है:
(अ) बॉयल के नियम से
(ब) चार्ल्स के नियम से
(स) जूल के नियम से
(द) गैस समीकरण से
उत्तर:
(स) जूल के नियम से
प्रश्न 13.
कानों इंजन की दक्षता कब अधिक होगी?
(अ) जब स्रोत का ताप बढ़ाया जाये
(ब) जब सिंक का ताप बढ़ाया जाये
(स) इंजन की दक्षता नियत रहती है।
(द) कुछ कहा नहीं जा सकता
उत्तर:
(अ) जब स्रोत का ताप बढ़ाया जाये
प्रश्न 14.
एक कार्नो इंजन 727°C एवं 27°C तापों के मध्य कार्य करता है। इंजन की दक्षता होगी:
(अ) 0.7
(ब) 0.96
(स) 0.35
(द) 0.29
उत्तर:
(अ) 0.7
प्रश्न 15.
कान चक्र पूर्ण करने पर कार्यकारी द्रव्य की आन्तरिक ऊर्जा:
(अ) बढ़ जाती है।
(ब) कम हो जाती है1
(स) स्रोत ताप T1 व सिंक ताप T2 पर निर्भर होती है।
(द) प्रारम्भिक मान के तुल्य होती है।
उत्तर:
(द) प्रारम्भिक मान के तुल्य होती है।
प्रश्न 16.
ऊष्मारोधित कमरे में रखा चालू दशा में रेफ्रिजरेटर का दरवाजा खोल दिया जाये तो:
(अ) कमरे का ताप निश्चित डिग्री तक कम हो जायेगा।
(ब) कमरे को रेफ्रिजरेटर के ताप तक ठण्डा किया जा सकता है।
(स) कमरा थोड़ा सा गर्म हो जायेगा।
(द) कमरा न गर्म होगा न ठण्डा।
उत्तर:
(स) कमरा थोड़ा सा गर्म हो जायेगा।
प्रश्न 17.
रुद्धोष्म सम्पीडन में निकाय का
(अ) दाब कम होता है।
(ब) ताप कम होता है
(स) ताप बढ़ता है
(द) ऊष्मा बढ़ती है
उत्तर:
(स) ताप बढ़ता है
प्रश्न 18.
रुद्धोष्म प्रक्रम में किसी गैस के प्रसरण में:
(अ) ताप में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
(ब) ताप घटता है।
(स) ताप बढ़ता है।
(द) ताप पहले बढ़ता है फिर घटता है।
उत्तर:
(ब) ताप घटता है।
प्रश्न 19.
आदर्श गैस के एक मोल के लिये pv/T का मान होता है:
(अ) 2 कैलोरी
(ब) 2 किलो कैलोरी
(स) 4.18 कैलोरी
(द) 4.18 किलो कैलोरी
उत्तर:
(अ) 2 कैलोरी
प्रश्न 20.
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम:
(अ) ताप की व्याख्या करता है।
(ब) ऊष्मा को परिभाषित करता है।
(स) यांत्रिक ऊर्जा को ऊष्मा के रूप में रूपान्तरण होने की अधिकतम सीमा को व्यक्त करता है।
(द) ऊष्मा तथा यांत्रिक ऊर्जा की तुल्यता को व्यक्त करता है।
उत्तर:
(द) ऊष्मा तथा यांत्रिक ऊर्जा की तुल्यता को व्यक्त करता है।
प्रश्न 21.
निम्न में से कौनसा प्रक्रम रुद्धोष्म नहीं होता है:
(अ) CO2 गैस से भरी सिलिण्डर का एकाएक खोलना।
(ब) बर्फ का गलना।
(स) वायु में अनुदैर्ध्य तरंगों का संचरण।
(द) वायु में भरे गुब्बारे का अचानक फटना।
उत्तर:
(ब) बर्फ का गलना।
प्रश्न 22.
द्रव का वाष्प में परिवर्तन प्रक्रम है:
(अ) केवल समतापी प्रक्रम
(ब) केवल समदाबी प्रक्रम
(स) केवल रुद्धोष्म प्रक्रम
(द) समतापी व समदाबी प्रक्रम
उत्तर:
(द) समतापी व समदाबी प्रक्रम
प्रश्न 23.
आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा का मान निर्भर करता है:
(अ) दाब पर
(ब) आयतन पर
(स) ताप पर
(द) उपरोक्त सभी पर
उत्तर:
(स) ताप पर
प्रश्न 24.
रुद्धोष्म परिवर्तन के लिये सत्य है:
(अ) PVY-1 = नियतांक
(ब) TVF = नियतांक
(स) TV = नियतांक
(द) TVY = नियतांक
उत्तर:
(ब) TVF = नियतांक
प्रश्न 25.
समतापी, समदाबी व रुद्धोष्म प्रक्रम में समान आयतन परिवर्तन के लिये किये गये कार्य का मान न्यूनतम होता है:
(अ) समतापी
(ब) समदाबी
(स) रुद्धोष्म
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(स) रुद्धोष्म
प्रश्न 26.
कार्नो इंजन की दक्षता अधिकतम होगी, जब वह कार्य करता है:
(अ) 300K तथा 250K ताप के बीच
(ब) 600K तथा 300K ताप के बीच
(स) 800K तथा 400K ताप के बीच
(द) 100K तथा 10K ताप के बीच
उत्तर:
(द) 100K तथा 10K ताप के बीच
प्रश्न 27.
समान तापों के मध्य कार्य करने वाले सभी उत्क्रमणीय ऊष्मा इंजनों की दक्षता-
(अ) समान होती है।
(ब) कार्यकारी पदार्थ पर निर्भर करती है।
(स) दाब को बदलने पर परिवर्तित होती है।
(द) अन्य भौतिक राशियों पर निर्भर करती है।
उत्तर:
(अ) समान होती है।
प्रश्न 28.
एक घर्षण रहित इंजन की दक्षता 100% केवल उसी समय हो सकती है, जब सिंक का ताप होगा-
(अ) स्रोत के ताप के बराबर
(ब) स्रोत के ताप से कम
(स) 0K
(द) 0°C
उत्तर:
(स) OK
प्रश्न 29.
वह ताप जिस पर पदार्थ की तीनों अवस्थायें साम्य में होती हैं, कहलाता है:
(अ) क्रान्तिक बिन्दु
(ब) त्रिक बिन्दु
(स) उत्क्रमण बिन्दु
(द) बॉयल बिन्दु
उत्तर:
(ब) त्रिक बिन्दु
प्रश्न 30.
T1 व T2 ताप के बीच कार्य कर रहे कार्नो इंजन की दक्षता होती है:
उत्तर:
\(\text { (ब) }\left(1-\frac{\mathrm{T}_2}{\mathrm{~T}_1}\right)\)
प्रश्न 31.
अधिकतम दक्षता वाला ऊष्मा इंजन होता है:
(अ) डीजल इंजन
(ब) भाप इंजन
(स) ऑटो इंजन
(द) कार्नो इंजन
उत्तर:
(द) कार्नो इंजन
प्रश्न 32.
यदि ऊष्मा रोधित बंद कमरे में बिजली का पंखा चलायें तो कमरे के वायु का ताप होगा;
(अ) कम
(ब) अधिक
(स) अपरिवर्तित
(द) पहले कम फिर अधिक
उत्तर:
(ब) अधिक
प्रश्न 33.
किसी युक्ति द्वारा ऊष्मा का कार्य में पूर्णतः परिवर्तित करना सम्भव नहीं है, यह कथन दिया गया है:
(अ) ऊष्मागतिकी के शून्यांकी नियम से
(ब) ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से
(स) ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम से
(द) जूल के नियम से
उत्तर:
(स) ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम से
प्रश्न 34.
एक लीटर गैस का आयतन 1 एटमॉस (105 N/m2 ) के नियत दाब पर प्रसारित होकर दुगुना हो जाता है। गैस द्वारा किया गया कार्य कितना होगा?
(अ) 105 जूल
(ब) 104 जूल
(स) 103 जूल
(द) 102 जूल
उत्तर:
(द) 102 जूल
प्रश्न 35.
निम्न प्रक्रमों में से कौनसा प्रक्रम अनुत्क्रमणीय है?
(अ) धीमी गति से समतापी परिवर्तन
(ब) धीमी गति से रुद्धोष्म परिवर्तन
(स) वाष्पन प्रक्रिया
(द) गैसों का विसरण
उत्तर:
(द) गैसों का विसरण
प्रश्न 36.
एक इंजन 727°C और 227°C तापों के मध्य कार्य करता है। इंजन की अधिकतम सम्भावित दक्षता है:
(अ) 1/2
(ब) 1/4
(स) 3/4
(द) 1
उत्तर:
(अ) 1/2
प्रश्न 37.
यदि M अणु भार वाली एक आदर्श गैस की प्रति ग्राम की विशिष्ट ऊष्माओं को Cp तथा CV द्वारा दर्शाते हैं तो:
(अ) Cp - Cv = R/M2
(ब) Cp - Cv = R
(स) Cp - Cv = R/M
(द) Cp - Cv = MR
उत्तर:
(स) Cp - Cv = R/M
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
प्रश्न 1.
ऊष्मा इंजन ऊष्मीय ऊर्जा को ....................... ऊर्जा में बदलता है।
उत्तर:
यांत्रिक
प्रश्न 2.
Cp - Cv = .........................
उत्तर:
R
प्रश्न 3.
रूद्धोष्म प्रक्रम के लिए 4Q = .................
उत्तर:
शून्य
प्रश्न 4.
गैस द्वारा किया गया कार्य PV सूचक आरेख व आयतन अक्ष के बीच के .......................... के बराबर होता है।
उत्तर:
क्षेत्रफल
प्रश्न 5.
किसी निकाय की आन्तरिक ऊर्जा उसके अणुओं की ......................... का योग होती है।
उत्तर:
कुल ऊर्जाओं
प्रश्न 6.
किसी ऊष्मीय इंजन की दक्षता, कानों इंजन से ...................... नहीं हो सकती।
उत्तर:
अधिक
प्रश्न 7.
आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा निर्भर करती है, केवल ................................
उत्तर:
ताप पर
प्रश्न 8.
ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम को ..................... परिभाषित करता है।
उत्तर:
ताप
प्रश्न 9.
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम की व्याख्या की जा सकती है, ............................ के नियम से।
उत्तर:
जूल
प्रश्न 10.
रुद्धोष्म प्रक्रम में किसी गैस के प्रसरण में ....................... घटता है।
उत्तर:
ताप
नीचे दिये गये वाक्यों में सत्य / असत्य कथन का चयन कीजिए:
प्रश्न 1.
समआयतनी प्रक्रम में कार्य का मान शून्य होता है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
कार्नो इंजन की दक्षता, अन्य ऊष्मीय इंजनों की तुलना में सर्वाधिक होती है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 3.
आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा केवल ताप पर निर्भर नहीं करती है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 4.
गैस की आन्तरिक ऊर्जा अधिकतम और ठोस की आन्तरिक ऊर्जा न्यूनतम होती है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 5.
एक घर्षण रहित इंजन की दक्षता 100% केवल उसी समय हो सकती है, जबकि सिंक का ताप OK होगा।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 6.
अधिकतम दक्षता वाला ऊष्मा इंजन भाप इंजन होता है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 7.
किसी युक्ति द्वारा ऊष्मा के कार्य में पूर्णतः परिवर्तित करना सम्भव नहीं है, यह कथन ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से दिया गया है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 8.
वह ताप जिस पर पदार्थ की तीनों अवस्थाएँ साम्य में होती हैं, वह त्रिक् बिन्दु कहलाता है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 9.
रूद्धोष्म परिवर्तन के लिए TV-1= नियतांक होता है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 10.
समान तापों के मध्य कार्य करने वाले सभी उत्क्रमणीय ऊष्मा इंजनों की दक्षता समान होती है।
उत्तर:
सत्य
कॉलम - A से कॉलम - B का सही मिलान कीजिए:
प्रश्न 1.
कॉलम-A |
कॉलम-B |
1. चाय से भरी एक थर्मस बोतल को तीव्र गति से हिलाया जाता है। निकाय की आन्तरिक ऊर्जा में- |
(A) dQ = 0 |
2. रूद्धोष्म सम्पीड़न में निकाय का बढ़ता है। |
(B) W/Q |
3. इंजन के समतापीय कार्य के लिये |
(C) ताप |
4. समतापी प्रक्रम में किया गया कार्य |
(D) T1 = T2 |
5. रूद्धोष्म परिवर्तन में गैस की विशिष्ट ऊष्मा का मान शून्य होता है क्योंकि |
(E) 2.303 P1V1 log10 V2/V1 |
6. ऊष्मा इंजन की दक्षता θ |
\(\text { (F) } \frac{\Delta P}{\Delta V}\) |
7. रूद्धोष्म वक्र का ढलान, समतापी वक्र के ढलान की अपेक्षा अधिक होता है। |
(G) शून्य |
8. समआयतनिक प्रक्रम के लिए W का मान होगा। |
\(\text { (H) } \frac{Q_2}{Q_1-Q_2}\) |
9. प्रशीतक का निष्पादन गुणांक α का मान होगा। |
(I) प्रारम्भिक मान के तुल्य |
10. कार्नो चक्र पूर्ण करने पर कार्यकारी द्रव की आन्तरिक ऊर्जा होती है। |
(J) वृद्धि होगी |
उत्तर:
कॉलम-A |
कॉलम-B |
1. चाय से भरी एक थर्मस बोतल को तीव्र गति से हिलाया जाता है। निकाय की आन्तरिक ऊर्जा में- |
(J) वृद्धि होगी |
2. रूद्धोष्म सम्पीड़न में निकाय का बढ़ता है। |
(C) ताप |
3. इंजन के समतापीय कार्य के लिये |
(E) 2.303 P1V1 log10 V2/V1 |
4. समतापी प्रक्रम में किया गया कार्य |
(D) T1 = T2 |
5. रूद्धोष्म परिवर्तन में गैस की विशिष्ट ऊष्मा का मान शून्य होता है क्योंकि |
(A) dQ = 0 |
6. ऊष्मा इंजन की दक्षता θ |
(B) W/Q |
7. रूद्धोष्म वक्र का ढलान, समतापी वक्र के ढलान की अपेक्षा अधिक होता है। |
\(\text { (F) } \frac{\Delta P}{\Delta V}\) |
8. समआयतनिक प्रक्रम के लिए W का मान होगा। |
(G) शून्य
|
9. प्रशीतक का निष्पादन गुणांक α का मान होगा। |
\(\text { (H) } \frac{Q_2}{Q_1-Q_2}\) |
10. कार्नो चक्र पूर्ण करने पर कार्यकारी द्रव की आन्तरिक ऊर्जा होती है। |
(J) वृद्धि होगी |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से किसी क्रिया के होने की दिशा का ज्ञान होता है। उक्त कथन सत्य है अथवा असत्य।
उत्तर:
असत्य है।
प्रश्न 2.
रुद्धोष्म प्रक्रम में निकाय द्वारा अवशोषित ऊर्जा का मान कितना होता है?
उत्तर:
शून्य।
प्रश्न 3.
समआयतनी प्रक्रम में कार्य का मान कितना होता है?
उत्तर:
शून्य।
प्रश्न 4.
कार्नो इंजन की दक्षता, अन्य ऊष्मीय इंजनों की तुलना में सर्वाधिक होती है। उक्त कथन सत्य है अथवा असत्य।
उत्तर:
सत्य है।
प्रश्न 5.
किसी निकाय की अवस्था a से b तक ले जाने में उसकी आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन पथ पर निर्भर करता है अथवा नहीं।
उत्तर:
नहीं, चूंकि आन्तरिक ऊर्जा केवल प्रारम्भिक व अन्तिम अवस्थाओं पर निर्भर करती है पथ पर नहीं।
प्रश्न 6.
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम लिखिये।
उत्तर:
किसी तंत्र को दी गई ऊष्मा का मान उसके आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन व उस पर किये गये कार्य के योग के बराबर होता है।
∆Q = dU + ∆W
प्रश्न 7.
किसी निकाय को दी गई ऊष्मा किस प्रक्रिया में पूर्णत: कार्य में परिवर्तित हो जाती है?
उत्तर:
समतापी प्रक्रम में चूंकि इस प्रक्रम में du = 0 होता है।
प्रश्न 8.
10 न्यूटन / मी. स्थिर दाब पर एक गैस के आयतन में 1 लीटर का प्रसार होता है। इस समदाबी प्रसार के दौरान किये गये कार्य की गणना कीजिये।
उत्तर:
∆W = PdV
[ दिया गया है dV = 1 लीटर = 10-3 मी.3]
= 105 × 10-3 = 100 जूल
किया गया कार्य ∆W = 100 जूल
प्रश्न 9.
समआयतनीय प्रक्रम के लिए ताप दाब वक्र खींचिये।
उत्तर:
PV = nRT
दिया गया है। V = नियतांक = C
अतः
p = (nR/C)T
∴ P α T
प्रश्न 10.
समतापीय प्रक्रम में किसी गैस के एक मोल का आयतन को V1 से V2 करने के लिये किये गये कार्य का सूत्र लिखिये।
उत्तर:
समतापी प्रक्रम में किया गया कार्य
W = RTloge V2/V1
= 2.303P1V1 log 10 V2/V1
प्रश्न 11.
रुद्धोष्म दीवारों वाले किसी पात्र में दो कक्ष हैं। एक कक्ष में गैस भरी है और दूसरा निर्वात है कक्ष - विभाजक एकाएक फट जाता है। इस प्रक्रिया में गैस की आन्तरिक ऊर्जा में क्या परिवर्तन होगा ?
उत्तर:
आन्तरिक ऊर्जा अपरिवर्तित रहेगी।
प्रश्न 12.
आंतरिक ऊर्जा से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
गैस में अणुओं की गति के कारण ऊर्जा को आंतरिक ऊर्जा कहते हैं। यह अणुओं की गतिज ऊर्जा, कम्पन ऊर्जा, घूर्णन ऊर्जा आदि से मिलकर बनती है।
प्रश्न 13.
एक जहाज समुद्री पानी की आन्तरिक ऊर्जा को इसको चलाने में क्यों प्रयुक्त नहीं कर सकता?
उत्तर:
चूंकि जहाज में कोई अभिगम नहीं होता अतः पानी की आन्तरिक ऊर्जा को इंजन चलाने के काम में नहीं लाया जा सकता है।
प्रश्न 14.
क्या वास्तविक रूप से कार्नो इंजन को मूर्त रूप दिया जा सकता है?
उत्तर:
नहीं, यह एक आदर्श ऊष्मा इंजन है।
प्रश्न 15.
आदर्श ऊष्मा इंजन के दो आवश्यक गुण लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 16.
समतापीय दशा में कार्य करने वाला इंजन क्यों लाभप्रद कार्य नहीं कर सकता?
उत्तर:
इंजन के समतापीय कार्य के लिये T1 = T2
अतः n = 0 इसलिये समतापीय दशा में कार्यरत इंजन कोई लाभप्रद कार्य नहीं कर सकता।
प्रश्न 17.
समतापी तथा रुद्धोष्म प्रक्रमों के लिये P-V आरेखों की प्रवणताओं में कौनसे वक्र की प्रवणता अधिक होती है?
उत्तर:
रुद्धोष्म वक्र की प्रवणता अधिक होती है।
प्रश्न 18.
एक आदर्श गैस को नियत ताप पर संपीडित करने पर उसकी आन्तरिक ऊर्जा में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर:
आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा केवल ताप पर निर्भर करती है, अतः इसमें कोई परिवर्तन नहीं होता है।
प्रश्न 19.
उत्क्रमणीय प्रक्रम का तात्पर्य समझाइये।
उत्तर:
यदि किसी प्रक्रम में बाह्य अवस्थाओं के परिवर्तनों को प्रत्यक्ष प्रक्रम के सापेक्ष विपरीत क्रम व विपरीत दिशा में लगाने पर प्रत्येक स्तर पर वही अवस्था प्राप्त होती है, जैसे कि प्रत्यक्ष प्रक्रम में प्राप्त हुई थी तो वह प्रक्रम उत्क्रमणीय प्रक्रम होता है।
प्रश्न 20.
किसी प्रक्रम के उत्क्रमणीय होने के लिये आवश्यक शर्तें क्या होती हैं?
उत्तर:
प्रश्न 21.
उत्क्रमणीय कार्नो इंजन में कौनसा कार्यकारी पदार्थ उपयोग में लाया जाता है?
उत्तर:
उत्क्रमणीय कार्नो इंजन में आदर्श गैस कार्यकारी पदार्थ के रूप में प्रयोग की जाती है।
प्रश्न 22.
ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
किसी निकाय से निरन्तर ऊष्मा प्राप्त कर उसके ताप को परिवेश के ताप से कम करके कार्य की सतत प्राप्ति असम्भव है 1 (केल्विन का कथन ) ऊष्मा का स्वतः निम्न ताप वाले निकाय से उच्च ताप वाले निकाय की ओर प्रवाहित होना असम्भव होता है। (क्लोसियस का कथन )
प्रश्न 23.
क्या किसी गैस का दाब उसके ताप तथा आयतन दोनों को स्थिर रखकर परिवर्तित किया जा सकता है?
उत्तर:
हाँ, गैस की मात्रा को परिवर्तित करके।
प्रश्न 24.
क्या दो समतापीय वक्र एक दूसरे को काट सकते हैं? क्यों?
उत्तर:
नहीं, यदि वह एक-दूसरे को काटते कटान बिन्दु पर दो भिन्न तापों के लिये गैस का दाब व आयतन समान होंगे, जो कि सम्भव नहीं है।
प्रश्न 25.
समान द्रव्यमान और समान ताप पर रखे ठोस, द्रव . और गैस में से किसकी आंतरिक ऊर्जा अधिकतम और किसकी न्यूनतम होगी?
उत्तर:
गैस की आंतरिक ऊर्जा अधिकतम और ठोस की आंतरिक ऊर्जा न्यूनतम होगी।
प्रश्न 26.
रुद्धोष्म परिवर्तन में गैस की विशिष्ट ऊष्मा का मान कितना होता है?
उत्तर:
रुद्धोष्म परिवर्तन में गैस की विशिष्ट ऊष्मा का मान शून्य होता है, क्योंकि Q = 0 है।
प्रश्न 27.
क्या ऐसा सम्भव है कि किसी निकाय को ऊष्मा देने पर भी उसका ताप न बढ़े? क्या यह ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम के विरुद्ध है?
उत्तर:
यदि निकाय को दी गई सम्पूर्ण ऊष्मा कार्य में परिवर्तित हो जाये तो उसका ताप नहीं बढ़ेगा अर्थात् यह सम्भव है। यह ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम के विरुद्ध नहीं है।
प्रश्न 28.
समतापीय समदाबीय व रुद्धोष्म प्रक्रम में एक- समान आयतन परिवर्तन के लिये किस प्रक्रम में किये गये कार्य का मान अधिक होता है?
उत्तर:
समदाबीय प्रक्रम।
प्रश्न 29.
किसी ठोस का पिघलना किस प्रकार का परिवर्तन होता है?
उत्तर:
किसी ठोस का पिघलना समतापीय परिवर्तन होता है, क्योंकि जब ठोस पिघलता है तो उसके ताप में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
प्रश्न 30.
उत्क्रमणीय इंजन की दक्षता किन बातों पर निर्भर करती है?
उत्तर:
उत्क्रमणीय इंजन की दक्षता केवल स्रोत तथा सिंक के ताप पर निर्भर करती है।
प्रश्न 31.
कानों के प्रमेय का कथन दीजिये।
उत्तर:
दो समान तापों के मध्य कार्य करने वाले सभी उत्क्रमणीय इंजन की दक्षता समान होती है।
प्रश्न 32.
एक घर्षण रहित ऊष्मा इंजन की दक्षता 100% कब हो सकती है?
उत्तर:
जब सिंक का ताप परम शून्य या स्रोत का ताप अनन्त होता है। ये दोनों ही असम्भव हैं।
प्रश्न 33.
कार्नो इंजन के मुख्य भागों के नाम लिखिये।
उत्तर:
प्रश्न 34.
रुद्धोष्म परिवर्तन में किया गया कार्य केवल किस पर निर्भर होता है?
उत्तर:
ताप में परिवर्तन पर।
प्रश्न 35.
जूल का नियम लिखिये।
उत्तर:
जूल के नियमानुसार उचित परिस्थितियों में किसी निकाय पर किया गया कार्य (W) तथा उत्पन्न ऊष्मा (H) परस्पर समानुपाती होते हैं। अर्थात्
W α H ⇒ W = JH
जहाँ J ऊष्मा का यांत्रिक तुल्यांक है।
प्रश्न 36.
जल का अपने क्वथनांक पर उबलना किस प्रक्रम का उदाहरण है?
उत्तर:
जल सामान्य दाब पर 100°C पर उबलता है, इस प्रक्रम में ताप नियत रहता है। अतः जल का अपने क्वथनांक पर उबलना समतापी प्रक्रम है।
प्रश्न 37.
प्रशीतक से ऊष्मा इंजन कैसे भिन्न है?
उत्तर:
प्रशीतक से विपरीत दिशा में कार्य करने वाला ऊष्मा इंजन है।
प्रश्न 38.
सूचक आरेख क्या होता है?
उत्तर:
किसी निकाय के P तथा V के आरेख को सूचक आरेख कहते हैं।
प्रश्न 39.
भाप का अति तप्त होना समदाबी प्रक्रम है या समतापी और क्यों?
उत्तर:
भाप का अति तप्त होना समदाबी प्रक्रम है, क्योंकि भाष को ऊष्मा देते रहने पर भाप का ताप नियत नहीं रहता, बल्कि ताप बढ़ता है।
प्रश्न 40.
मोम का जमना कौन-सा परिवर्तन है?
उत्तर:
समतापी प्रक्रम, क्योंकि ताप नियत रहता है।
प्रश्न 41.
साइकिल ट्यूब में हवा भरते समय पम्प गर्म क्यों हो जाता है?
उत्तर:
साइकिल ट्यूब में हवा भरते समय वायु का रुद्धोष्म सम्पीडन होता है और इस दौरान वायु पर किया गया सम्पूर्ण कार्य वायु की आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि करता है, जिससे वायु व पम्प का ताप बढ़ जाता है।
प्रश्न 42.
समतापी प्रक्रम में किसी गैस की विशिष्ट ऊष्माधारिता कितनी होती है?
उत्तर:
∵ समतापी प्रक्रम में ∆T = 0
∴ विशिष्ट ऊष्मा \(C=\frac{Q}{m \Delta T}=\infty\)
अतः विशिष्ट ऊष्माधारिता अनन्त होगी।
प्रश्न 43.
रुद्धोष्म प्रक्रम के दौरान किसी गैस की विशिष्ट ऊष्माधारिता कितनी होती है?
उत्तर:
रुद्धोष्म प्रक्रम के लिए Q = 0
अतः विशिष्ट ऊष्मा \(C=\frac{\mathrm{Q}}{\mathrm{m} \Delta \mathrm{T}}=0\)
अतः विशिष्ट ऊष्मा शून्य होगी।
प्रश्न 44.
ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम का केल्विन प्लांक का प्रकथन बताइये।
उत्तर:
इस प्रकथन के अनुसार ऐसा कोई प्रक्रम सम्भव नहीं है, जो किसी ऊष्मा भण्डार से ली गई सम्पूर्ण ऊष्मा को पूर्णत: कार्य में बदल सके।
प्रश्न 45.
ऊष्मा इंजन की दक्षता की परिभाषा लिखिये।
उत्तर:
किसी ऊष्मा द्वारा प्रदान किये गये यांत्रिक कार्य W तथा इंजन द्वारा स्रोत से ली गई ऊष्मा Q का अनुपात इंजन की दक्षता कहलाता है। इसे " से प्रदर्शित करते हैं।
ऊष्मा इंजन की दक्षता n = W/Q
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
तापीय संतुलन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
तापीय संतुलन अवस्था किसी निकाय की वह अवस्था है। जिसमें उसके ऊष्मागतिकी निर्देशांक, दाब, आयतन, ताप आदि समय के साथ अपरिवर्तित रहते हैं। उदाहरण के लिये एक ठोस कुचालक दीवारों वाले पात्र में भरी गैस पर विचार करें जो कि वातावरण से पूर्ण रूप से विलगित है। यह निकाय (अर्थात् गैस) वातावरण से किसी भी प्रकार की ऊर्जा का आदान-प्रदान नहीं कर पाता है, जिसके कारण उसके दाब, आयतन ताप आदि स्थिर रहते हैं एवं निकाय तापीय संतुलन अवस्था में रहता है।
प्रश्न 2.
Cp का मान Cv से अधिक क्यों होता है?
उत्तर:
अर्थात्
Cp - Cv = R
Cp > Cv
ऐसा इसलिये होता है क्योंकि नियत आयतन पर दी गयी ऊष्मा का उपयोग केवल ताप वृद्धि में होता है इस प्रक्रम में कार्य शून्य होता है। [∆W = PdV = 0] जबकि स्थिर दाब पर दी गयी ऊष्मा का उपयोग ताप वृद्धि व कार्य दोनों में होता है। इसलिये Cp का मान Cv से अधिक होता है।
प्रश्न 3.
उत्क्रमणीय एवं अनुत्क्रमणीय क्रियाओं की परिभाषा दीजिये एवं इनका एक-एक उदाहरण लिखिये।
उत्तर:
उत्क्रमणीय क्रिया ऐसी क्रिया जिनके पूर्ण होने पर निकाय एवं उसका परिवेश अपनी मूल अवस्था आ जाये, उत्क्रमणीय क्रिया कहलाती है। इस क्रिया में शेष स्रोत व सिंक अप्रभावित रहता है। उदाहरण- कार्नो इंजन।
अनुत्क्रमणीय क्रिया: कोई भी क्रिया जो उत्क्रमणीय नहीं है, अनुत्क्रमणीय क्रिया कहलाती है। इसको विपरीत दिशा में नहीं किया जा सकता है।
उदाहरण: चालन, विकिरण इत्यादि।
प्रश्न 4.
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से, एक ग्राम मोल आदर्श गैस के समआयतनी प्रक्रम के लिये निम्न सम्बन्ध सिद्ध कीजिये:
∆Q = CvdT
जहाँ Cv ग्राम अणुक स्थिर आयतन वि. ऊष्मा है।
उत्तर:
समआयतनी प्रक्रम में निकाय का आयतन अपरिवर्तित रहता है अर्थात् dV = 0, अतः प्रथम नियम से
∆Q = dU + ∆W
∆Q = dU + PdV
∆Q = dU
∴ dV = 0
अतः इस क्रिया में दी गयी ऊष्मा का उपयोग आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि (अर्थात् ताप में भी वृद्धि) के रूप में होता है। यदि आयतन को स्थिर रखते हुये ग्राम अणुक विशिष्ट ऊष्मा Cv में dT वृद्धि के लिये आवश्यक ऊष्मा
हो तो एक ग्राम अणु गैस के ताप
∆Q = CCT
प्रश्न 5.
समान ताप पर समान द्रव्यमान के ठोस, द्रव तथा गैस में किसकी आन्तरिक ऊर्जा अधिक होती है?
उत्तर:
हम जानते हैं आन्तरिक ऊर्जा आन्तरिक गतिज ऊर्जा आन्तरिक स्थितिज ऊर्जा, समान ताप पर समान द्रव्यमान के लिये पदार्थ की सभी अवस्थाओं की आन्तरिक गतिज ऊर्जा समान रहती है। ठोसों में अन्तर आणविक बल आकर्षण के सबसे प्रबल पाये जाते हैं। अतः ठोसों में आन्तरिक स्थितिज ऊर्जा ऋणात्मक होती है तथा इसका परिमाण सबसे अधिक पाया जाता है जबकि गैसों में अन्तर आणविक बल सबसे कम नगण्य पाया जाता है। अतः गैसों के लिये आन्तरिक स्थितिज ऊर्जा शून्य पायी जाती है। इसलिये समान ताप पर समान द्रव्यमान के लिये गैस की आन्तरिक ऊर्जा सबसे अधिक होती है।
प्रश्न 6.
समतापी प्रक्रम के लिये किसी निकाय की विशिष्ट ऊष्मा की गणना कीजिये।
उत्तर:
निकाय में परिवर्तन स्थिर ताप पर होता है। निकाय को ऊष्मा देने पर इस परिवर्तन में उसके दाब तथा आयतन दोनों में परिवर्तन होता है।
माना dQ ऊष्मा की मात्रा देने से दाब में परिवर्तन d P तथा
आयतन में परिवर्तन DV होता हो तब
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से
dQ = dU + PdV
dQ = CvdT + PdV
dT = 0
∴ dQ = PdV
इस परिवर्तन में निकाय को दी गई ऊष्मा केवल बाह्य कार्य करने के लिये काम में आती है। इस परिवर्तन में निकाय के आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन का मान शून्य होता है या आन्तरिक ऊर्जा नियत रहती है। अर्थात् dU = 0 या U = नियतांक पदार्थ की समतापीय परिवर्तन में विशिष्ट ऊष्मा का मान अनन्त होता है।
अर्थात् चूँकि हम जानते हैं।
Sलेकिन = ∞
विशिष्ट ऊष्मा \((\mathrm{s})=\frac{\mathrm{Q}}{m \times \Delta T}\)
Sलेकिन
∆T = 0 है।
विशिष्ट ऊष्मा \(=\frac{\mathrm{Q}}{m \times 0}=\infty\)
प्रश्न 7.
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम के दोषों का उल्लेख करते हुये, द्वितीय नियम की आवश्यकता को प्रतिपादित कीजिये।
उत्तर:
प्रथम नियम की अपर्याप्तता
प्रथम नियम के दोष:
(i) इसमें क्रिया की दिशा का ज्ञान नहीं होता है। जैसे उदाहरण के लिये जब किसी कार को रोकने के लिये ब्रेक का उपयोग किया जाता है तो घर्षण बलों के विरुद्ध किया गया कार्य ऊष्मा में परिवर्तित हो जाता है और कार रुक जाती है। लेकिन जब कार ठंडी हो जाती है तो वही ऊष्मा कार की गतिज ऊर्जा में परिवर्तित क्यों नहीं हो जाती है और कार पुनः चलना आरम्भ क्यों नहीं कर देती ? इस प्रकार का उत्तर प्रथम नियम से ज्ञात नहीं होता है।
(ii) ऊर्जा रूपान्तरण की दक्षता का ज्ञान नहीं होता है। ऊष्मीय इंजन ऊष्मा को यांत्रिक कार्य में रूपान्तरित करता है। लेकिन कोई भी इंजन स्रोत से अवशोषित ऊष्मा को शत-प्रतिशत कार्य में क्यों नहीं रूपांतरित कर सकता। इस प्रश्न का उत्तर भी ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से नहीं मिलता है। अतः किसी क्रिया के होने अथवा न होने तथा उस क्रिया के होने की दिशा का ज्ञान अर्जित करने के लिये अन्य नियम की आवश्यकता होती है। जिसे ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम कहते हैं।
प्रश्न 8.
स्त्रोत एवं सिंक की ऊष्माधारितायें अनन्त होनी चाहिये। ऐसा क्यों?
उत्तर:
ऊष्मा के स्रोत की ऊष्माधारिता अनन्त होनी चाहिये जिससे कि ऊष्मा इंजन द्वारा ली गई ऊष्मा से स्रोत का ताप नहीं हो और उसका ताप स्थिर रहे। सिंक की ऊष्माधारिता भी अनन्त होनी चाहिये जिससे ऊष्मा इंजन द्वारा सिंक को त्याग की गई ऊष्मा से उसका ताप बढ़े नहीं और स्थिर बना रहे।
प्रश्न 9.
समदाबी प्रक्रम को समझाइये।
उत्तर:
समदाबी प्रक्रम (Isobaric Process) वह प्रक्रम जिसमें निकाय का दाब नियत रहता है, अर्थात P नियत समदाबी प्रक्रम कहलाता है। द्रव्यों का अवस्था परिवर्तन (ठोस से द्रव, द्रव से गैस या विलोमतः ) समदाबी प्रक्रम का उदाहरण है। यदि प्रक्रम में आयतन V1 से V2 परिवर्तित होता है तो गैस द्वारा किया गया कार्य:
\(\begin{aligned} & \Delta \mathrm{W}=\int_{\mathrm{V}_1}^{\mathrm{V}_2} \mathrm{P} d \mathrm{~V}=\mathrm{P} \int_{\mathrm{V}_1}^{\mathrm{V}_2} d \mathrm{~V} \\ & \Delta \mathrm{W}=\mathrm{P}\left(\mathrm{V}_2-\mathrm{V}_1\right) \end{aligned}\)
अतः ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से
ΔQ = dU + P(V2 - V1)
प्रश्न 10.
रुद्धोष्म वक्र का ढलान, समतापी वक्र के ढलान की अपेक्षा अधिक होने का कारण लिखिये।
उत्तर:
दाब में समान कमी होने पर गैस के रुद्धोष्म प्रसार में आयतन वृद्धि समतापी प्रसार की अपेक्षा कम होती है, क्योंकि रुद्धोष्म प्रसार में गैस का ताप गिर जाता है। अतः रुद्धोष्म वक्र का ढलान अधिक ΔP/ΔV होता है।
प्रश्न 11.
निम्न में से कौनसी प्रक्रिया उत्क्रमणीय है तथा कौनसी
अनुत्क्रमणीय है
प्रदान।
(i) गैस का समतापी प्रसार
(ii) गैस का रुद्धोष्म संपीड़न
(iii) घर्षण से ऊष्मा की ओर प्रवाह
(iv) विद्युत धारा से प्रतिरोध का गर्म होना
(v) ऊष्मा का गर्म से ठण्डी वस्तु की ओर प्रवाह
(vi) कार्नो इंजन
(vii) साइकिल ट्यूब का फटना
(viii) गैस का विसरण
(ix) स्प्रिंग का धीरे-धीरे खिंचना या दबाना
(x) समान ताप पर दो वस्तुओं के बीच ऊष्मा का आदान-
उत्तर:
(i) उत्क्रमणीय
(iii) अनुत्क्रमणीय
(v) अनुत्क्रमणीय
(vii) अनुत्क्रमणीय
(ii) उत्क्रमणीय
(iv) अनुत्क्रमणीय
(vi) उत्क्रमणीय
(viii) उत्क्रमणीय
(ix) उत्क्रमणीय
(x) उत्क्रमणीय।
प्रश्न 12.
कार्नो इंजन की दक्षता के मुख्य बिन्दु लिखिये।
उत्तर:
दक्षता के मुख्य बिन्दु:
प्रश्न 13.
कोई गैस प्रारम्भिक आयतन V1 से V,2तक तीन प्रक्रमों में प्रसारित है, जिनका P-V वक्र चित्र में प्रदर्शित किया गया है, कौन-सा प्रक्रम क्या है? इनमें से किस प्रक्रम में गैस द्वारा सबसे अधिक कार्य किया जायेगा?
उत्तर:
दिये गये चित्र में समदाबी प्रक्रम AB, समतापी प्रक्रम AC तथा रुद्धोष्म प्रक्रम AD हैं। इनमें समदाबी प्रक्रम AB तथा आयतन अक्ष के बीच घिरा क्षेत्रफल अधिकतम है। अतः इसी प्रक्रम में सबसे अधिक कार्य किया जायेगा।
प्रश्न 14.
सिद्ध कीजिये कि ऊष्मागतिक निकाय द्वारा किया गया कार्य उस पथ पर निर्भर करता है जिस पर प्रसरण होता है।
उत्तर:
दिये गये चित्र में प्रतिक्रियाओं को दिखाया गया है:
(i) यदि परिवर्तन i व f मार्ग द्वारा किया जाये तो:
dω = आयत (iqfed) का क्षेत्रफल
= dω(s) + dω(or)
dω(ar) = P (V2 - V1) + 0
= P1 (V2 - V1)
(ii) यदि परिवर्तन ibf मार्ग द्वारा किया जाता है तो-
dω(ibf) = आयत (ibfcdi) का क्षेत्रफल
= dω(s) + dω(bf)
= 0 + P2 (V2 - V1)
∵ dV = 0
dω(ibf) = P2 (V2 - V1)
इसी तरह से dω(ibf) = वक्र (iefcdi) मार्ग का क्षेत्रफल अतः स्पष्ट है कि dw का मान विभिन्न पथों के लिये अलग- अलग होता है। यह भी स्पष्ट है कि-
dω(idf) अधिक है।
dω(ief) कम है।
dω(ibf) सबसे कम है।
(iii) कार्नो इंजन की दक्षता केवल स्रोत तथा सिंक के तापों पर निर्भर करती है।
(iv) दो समान तापों के मध्य कार्य करने वाले सभी उत्क्रमणीय (आदर्श) इंजन की दक्षता समान होती है।
प्रश्न 15.
चक्रीय प्रक्रम से क्या तात्पर्य है? सिद्ध कीजिये कि चक्रीय प्रक्रम में ग्रहण की गई ऊष्मा उसके द्वारा किये गये कार्य के बराबर होती है।
उत्तर:
चक्रीय प्रक्रम (Cyclic Process): जब कोई निकाय किसी परिवर्तन से होता हुआ पुनः अपनी प्रारम्भिक स्थिति पर आ जाये तो इसे चक्रीय प्रक्रम कहते हैं। चूँकि आन्तरिक ऊर्जा प्रक्रम की प्रारम्भिक व अन्तिम स्थिति पर निर्भर करती है। अतः चक्रीय प्रक्रम के लिये
dU = 0
0 = ∆Q - ∆W
∆Q = ∆W
अथात् चक्राय प्रक्रम में कसा नकाय का दा गइ ऊष्मा निकाय द्वारा किये गंये कार्य के बराबर होती है।
प्रश्न 16.
किसी गैस के रुद्धोष्म सम्पीडन में गैस को बाहर से कोई ऊष्मा नहीं दी जाती फिर भी गैस का ताप बढ़ जाता है। इसका कारण स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
रुद्धोष्म संपीडन में∆Q = 0 तथा कार्य ∆W = 0 ॠणात्मक है ( चूँकि आयतन घटेगा), अतः ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से
dU = ∆Q - ∆W
dU = 0 - (-∆W)
dU = + ∆W
अर्थात् आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि होगी, फलस्वरूप गैस का ताप बढ़ जायेगा।
प्रश्न 17.
संलग्न चित्र में एक गैस का P - V आरेख दिखाया गया है। बिन्दु A की स्थिति से बिन्दु B की स्थिति तक गैस को ले जाने में कितना कार्य करना होगा?
उत्तर:
A से B तक प्रक्रम नियत दाब पर है, अत: किया गया कार्य
\(\begin{aligned} \mathrm{W} & =\int_{V_1}^{V_2} P d V \\ & =P \int_{V A}^{V_B} d V=P[V]_{V_A}^{V_B}=P\left(V_B-V_A\right) \end{aligned}\)
यहाँ पर P = 5 न्यूटन/मी2 VA = 2 मी
VB = 6 मी
कार्य W = 5 x ( 6 - 2) = 5 x 4 = 20 जूल
प्रश्न 18.
चित्र में किसी गैस के प्रारम्भिक आयतन V से अन्तिम आयतन V, तक प्रसारित होने के तीन प्रक्रम A, B, C चित्र में प्रदर्शित हैं, बताइये कि इनमें से कौन-सा परिवर्तन समतापी है, समदाबी है तथा रुद्धोष्म है?
उत्तर:
समदाबी परिवर्तन में PV वक्र का ढाल शून्य होता है, अतः प्रक्रम A समदाबी है, रुद्धोष्म परिवर्तन में P- V वक्र का ढाल, समतापी वक्र के ढाल से γ गुना अधिक होता है, अतः प्रक्रम B समतापी तथा प्रक्रम C रुद्धोष्म है।
प्रश्न 19.
जब एक बस पहाड़ी सड़क पर एक नियत चाल से नीचे उतरती है, तो ब्रेक-ड्रम गर्म हो जाते हैं, क्यों?
उत्तर:
नियत चाल से चलने वाली बस की गतिज ऊर्जा नियत रहती है, अत: बस के नीचे उतरते समय बस की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा, आन्तरिक ऊर्जा में बदलती है, जिसके कारण ब्रेक ड्रम गर्म हो जाते हैं।
प्रश्न 20.
एक थर्मस प्लास्क में जल भरा है। थर्मस को कुछ समय के लिये हिलाया जाता है जिससे जल का ताप बढ़ जाता है। कारण बताइये कि (i) क्या जल पर कार्य किया गया? (ii) क्या जल को ऊष्मा दी गयी? (iii) क्या जल की आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि होगी?
उत्तर:
(i) हाँ, क्योंकि जल की परतों को श्यान बल के विरुद्ध सापेक्ष गति करनी पड़ती है, अतः जल पर बाह्य कारक द्वारा कार्य किया गया।
(ii) नहीं, क्योंकि प्लास्क ऊष्मारोधी आवरण से युक्त है।
(iii) हाँ, क्योंकि ताप के बढ़ने से अणुओं की अनियन्त्रित गति से गतिज ऊर्जा में और जल के ऊष्मीय प्रसार की वजह से अन्तराण्विक स्थितिज ऊर्जा में वृद्धि होती है।
प्रश्न 21.
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से समझाइये कि रुद्धोष्म प्रसार में गैस का ताप क्यों गिरता है?
उत्तर:
रुद्धोष्म प्रसार में ∆Q = 0 अतः
ऊष्मागतिक के प्रथम नियम से dU= ∆Q - ∆W से, dU = -W, परन्तु प्रसार में कार्य गैस द्वारा किया जायेगा जो धनात्मक होगा।
अत: du ऋणात्मक होगी।
चूँकि आन्तरिक ऊर्जा ताप पर निर्भर करती है अतः आन्तरिक ऊर्जा में कमी होने से गैस का ताप गिर जायेगा।
आंकिक प्रश्न:
प्रश्न 1.
0.1 मोल नाइट्रोजन गैस को 27°C से 327° C तक नियत दाब पर गरम किया जाता है। दी गई ऊष्मा, गैस द्वारा किया गया कार्य तथा गैस की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन ज्ञात कीजिये। नाइट्रोजन
के लिये C = 6.93 तथा C = 4.96 कैलोरी/मोल/°C है।
उत्तर:
दिया गया है:
n = 0.1 मोल
∆T = 327° - 27°C = 300°C
Cp = 6.93 कैलोरी/मोल-1 °C-1
Cv = 4.96 कैलोरी/मोल-1 °C-1
दी गई ऊष्मा
∆Q = nCp∆T
= 0.1 × 6.93 × 300°C = 207.9
= 208 लगभग कैलोरी
गैस द्वारा किया गया कार्य = PdV
= nR∆T
= n(Cp − Cv)∆T
= 0.1(6.93 - 4.96) × 300
= 0.1 × 1.97 × 300
= 59.1 कैलोरी
गैस की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन
dU = ∆Q - ∆W
= 207.9 - 59.1
= 148.8 कैलोरी
प्रश्न 2.
एक द्विपरमाणुक गैस को अचानक उसके प्रारम्भिक आयतन के 1/4 भाग तक संपीड़ित किया जाता है। अन्तिम व प्रारम्भिक दाबों का अनुपात ज्ञात करो। ( y = 1.5)
उत्तर:
दिया गया है:
v2 = 1/4v1
तथा
Y = 1.5
हम जानते हैं:
P1V1 = P2V2
P2 : P1 = 8 : 1
प्रश्न 3.
105 N/m2 दाब पर एक घन मीटर गैस का आयतन प्रसारित होकर दुगुना हो जाता है किये गये कार्य का मान: (i) स्थिर दाब पर (ii) स्थिर ताप पर ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
दिया गया है:
V1 = 1 घन मीटर
गया कार्य
P1 = 105 न्यूटन/मी.2
V2 = 2 घन मीटर
(i) स्थिर दाब पर W = PdN
W = 105( 2 - 1) = 105 जूल
(ii) स्थिर ताप पर - अतः हम जानते हैं कि स्थिर ताप पर किया
W = 2.303RTlog10 V2/V1
W = 2.303P1 V1 10g10 V2/V1
[∵ P1V1 = P2V2 = RT]
W = 2.303 x 105 x 1 log1o 2/1
W = 2.303 x 105 x 0.3010
= 6.93 × 104 जूल
प्रश्न 4.
80 सेमी. पारे के दाब पर 1 लीटर आयतन वाली गैस रुद्धोष्म प्रक्रम में 1.190 लीटर तक प्रसारित होती है। यदि गैस का दाब 62.6 सेमी. तक गिर जाता है तो हल दिया गया है: का मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
P1 = 80 सेमी.
P2 = 62.6 सेमी.
V1 = 1 लीटर
V2 = 1.190 लीटर
रुद्धोष्म परिवर्तन के लिये P1V1 = P2V2'
या
\(\left(\frac{\mathrm{V}_1}{\mathrm{~V}_2}\right)^\gamma=\left(\frac{\mathrm{P}_2}{\mathrm{P}_1}\right)\)
या
y(logV1 - logV2) = log P2 - log P1
\(\begin{aligned} \gamma & =\frac{\log \mathrm{P}_2-\log \mathrm{P}_1}{\log \mathrm{V}_1-\log \mathrm{V}_2} \\ & =\frac{\log 62.6-\log 80}{\log 1-\log 1.190} \\ & =\frac{1.7966-1.9031}{0-0.0755}=\frac{0.1065}{0.0755} \end{aligned}\)
Y = 1.41
प्रश्न 5.
एक मोटर कार के पहिये का दाब किसी क्षण 2 वायुमण्डलीय दाब के बराबर है तथा ताप 15°C है। इसी क्षण पहिये का ट्यूब फट जाता है। मुक्त होने वाली हवा के ताप में कमी ज्ञात कीजिये। ( y = 1.4)
उत्तर:
दिया गया है:
P = 2 वायुमण्डलीय
T1 = 15°C = 15 + 273 = 288K
Y = 1.4
T2 = ?
और
P2 = 1 वायुमण्डलीय
हम जानते हैं।
p11-γT1γ = P21-γT2γ = नियतांक
दोनों तरफ लघुगणक लेने पर
logT2 = log 288 - 2/7log2
= 2.4594 - 2/7(0.3010)
= 2.4594 - 0.086
log T2 = 2.3734
T2 = Anti log 2.3734
T2 = 236.3 K
ताप में कर्मी = 288 - 236.3
= 51.7K
प्रश्न 6.
0.1 ग्राम अणु द्विपरमाणविक गैस का समतापी प्रसार 293K पर उसके प्रारम्भिक आयतन के दो गुने तक किया जाता है। उसके पश्चात् उसका रुद्धोष्म प्रसार तब तक किया जाता है, जब तक कि अंतिम आयतन प्रारम्भिक आयतन का चार गुना नहीं हो जाता है। गैस का अन्तिम ताप ज्ञात कीजिये एवं दोनों प्रसारों के लिये कार्य की भी गणना कीजिये। R = 8.3 जूल मोल-1 K-1 y = 1.4।
उत्तर:
n = 0.1 ग्राम अणु द्विपरमाणविक गैस का
समतापीय प्रक्रम में
प्रारम्भ में
V1 = V तथा T1 = 293 K
अन्त में
V2 = 2V तथा T2 = 293 K
रुद्धोष्म प्रक्रम में
Vi = 2V, Ti = 293K
Vf = 4V T = ?
Y = 1.4
रुद्धोष्म प्रक्रम में परिवर्तन के लिये
⇒ 0.4 (log 1 - log 2) = logT2 - log 293
⇒ 0.4(0 - 0.3010) = logT2 - 2.4669
⇒ - 0.1204 + 2.4669 = logT2
⇒ 2.3465 = logT2
∴ T2 = Antilog{2.3465}
T2 = 222.1K
समताप प्रक्रम में किया गया कार्य का सूत्र
W = 2.303 x nRT log 10 V2/V1
मान रखने पर W = 2.303 x 0.1 x 8.3 x 293 log10 (v2/v1)
W = 560.07 x log 2
= 560.07 x 0.3010 = 168.58K
W = 168.58 जूल
अब उसका रुद्धोष्म प्रसार तब तक किया जाता है जब तक कि अंतिम आयतन प्रारम्भिक आयतन का चार गुना नहीं हो जाता। रुद्धोष्म प्रक्रम में किया गया कार्य
W = 147.12 जूल
प्रश्न 7.
300 K ताप पर एक गैस को एकाएक सम्पीड़ित करके उसका दाब, प्रारम्भिक दाब का 8 गुना कर दिया जाता है। सम्पीड़न के कारण ताप वृद्धि की गणना कीजिये। (γ = 1.5 )
उत्तर:
T1 = 300K
माना
P1 = P तथा P2 = 8P
सम्पीड़न के कारण ताप में वृद्धि माना T2 है।
रुद्धोष्म प्रक्रम है।
सम्पीड़न के कारण ताप में वृद्धि
= 600K - 300K
= 300K
प्रश्न 8.
23°C से 27°C ताप पर प्रति सेकण्ड औसत 265J ऊष्मा एक प्रशीतक द्वारा स्थानांतरित की जाती है। आदर्श उत्क्रमणीय चक्र मानते हुये तथा और किसी प्रकार की हानि न लेते हुये औसत उपयुक्त शक्ति का आकलन कीजिए।
उत्तर:
दिया गया है:
T1 = 27 + 273 = 300K
T2 = -23 + 273 = 250K
Q2 = 265J/s
हम जानते हैं
Q1/Q2 = T1/T2
या Q1 = (T1/T2) x Q2
मान रखने पर
\(\begin{aligned} Q_1 & =\frac{300}{250} \times 265 \\ & =\frac{6}{5} \times 265 \end{aligned}\)
= 6 x 53 = 318J/S
∴ उपयुक्त औसत शक्ति
= Q1 - Q2
=318 - 265
= 53W
प्रश्न 9.
40°C और 0°C के बीच कार्यरत कार्नो प्रशीतक का निष्पादन गुणांक α का मान क्या होगा?
उत्तर:
T2 = 0°C = 273K
T1 = 40°C = 273 + 40 = 313K
α = ?
सम्बन्ध
\(\alpha=\frac{T_2}{T_1-T_2}\) का प्रयोग करने पर
\(\alpha=\frac{273}{313-273}=\frac{273}{40}\)
α = 6.825
∴ α = 6.835 प्राप्त करते हैं।
प्रश्न 10.
बर्फ के पिघलने के बिन्दु और कमर के ताप 27°C क बीच कार्यरत एक घरेलू प्रशीतक को उत्क्रमणीय इंजन मानते हुए 1Kg पानी को जमाने के लिये जूल (J) में प्रद्त ऊर्जा का आकलन कीजिये। पानी का ताप 0°C, L = 80cal g-1 में दिये हैं।
उत्तर:
दिया गया है:
T1 = 27 + 273 = 300K
T2 = 0 + 273 = 273K
m = 1kg = 1000g, L = 80calg-1
पिघलने वाली ऊर्जा Q2 = m x L
= 1000 × 80 cal
= 8 ×104 cal
सम्बन्ध Q1/Q2 = T1/T2 का प्रयोग करने पर
\(\mathrm{Q}_1=\left(\frac{\mathrm{T}_1}{\mathrm{~T}_2}\right) \times \mathrm{Q}_2=\frac{300}{273} \times 8 \times 10^4\)
= 8.79 × 104
वांछित देने योग्य ऊर्जा
W = Q1 - Q2
W = 8.79 × 104 - 8 × 104
= 0.79 × 104 cal
= 7.9 किलो कैलोरी
प्रश्न 11.
287K पर प्रशीतक के अन्दर से 310 K पर एक कमरे में ऊष्मा स्थानान्तरित की जाती है। आदर्श रूप में विद्युत् ऊर्जा के प्रत्येक जूल के व्यय से कितनी ऊष्मा (जूल में) कमरे को दी जायेगी?
उत्तर:
दिया गया है:
2 = 287K
T1 = 310K
Q1 = ? W = 1J
सम्बन्ध \(\alpha=\frac{\mathrm{T}_2}{\mathrm{~T}_1-\mathrm{T}_2}\)
का प्रयोग करने पर
\(\alpha=\frac{287}{310-287}=\frac{287}{23}\)
α = 12.48 प्राप्त करते हैं।
हम यह भी जानते हैं
α = Q2/W = Q2/1
α = Q2
∴ Q2 = 12.48J
∴ अब W = Q1 - Q2
या
Q1 = W + Q2
या कमरे को प्रदत्त कुल
Q1 = 1 + 12.48
Q1 = 13.48J
प्रश्न 12.
एक प्रशीतक के मोटर की निर्गत शक्ति 240 W है। हिमायन कक्ष का ताप 240 K और बाह्य वायु 300 K पर है। 10 मिनट में हिमायन कक्ष से कितनी ऊष्मा निकाली जा सकती है? यह मानते हुये कि आदर्श दक्षता है? यह न्यूनतम समय क्या है जिससे 273K पर 10 kg पानी बर्फ में बदला जा सकता है?
J = 4.2 × 103 J k CAL-1
उत्तर:
हम जानते हैं
\(\alpha=\frac{Q_2}{W}=\frac{Q_2}{Q_1-Q_2}=\frac{T_2}{T_1-T_2}\)
यहाँ पर दिया है।
T1 = 300K
T2 = 240K
W = 240W = 240J/s
Q1 = ?
t = ?
∴ Q2 = W(a) = \(\frac{\mathbf{W} \cdot \mathrm{T}_2}{\mathrm{~T}_1-\mathrm{T}_2}\)
\(\begin{aligned} & =240 \times \frac{240}{300-240} \\ & =240 \times \frac{240}{60}=240 \times 4 \end{aligned}\)
= 960J/s
(i) माना 10 min में हिमायन कक्ष से निकाली गई ऊष्मा = Q
∴ Q = Q2 x 10 min
= 960 × 10 × 60 = 576000J
Q = 576000J
\(=\frac{576000}{4.2 \times 10^3}=137.14 \mathrm{~K} \mathrm{cal} .\)
[∵ J = 4.2 × 10' जूल /कि. कैलोरी ]
(ii) 273K पर 1 kg पानी को बर्फ में परिवर्तित करने के लिये वांछित ऊष्मा
Q1 = m x L = 1 x 80K cal
= 80 × 4.2 × 103J
माना समय में निकाली गई ऊष्मा Q है।
∴ हिमायन कक्ष से ऊष्मा निकालने की दर
\(=\frac{80 \times 4.2 \times 10^3}{t} \mathrm{~J} / \mathrm{s}\)
यह दर Q2 के बराबर होनी चाहिये अर्थात्
t = 3.5 × 102s
= 350s
प्रश्न 13.
एक गैस को उसके मूल आयतन से 1/4 आयतन तक अचानक संपीड़ित किया जाता है। ताप में वृद्धि का आकलन कीजिये, मूल ताप 300K और y = 1.5 है।
उत्तर:
माना V1 = प्रारम्भिक आयतन
V2 = अन्तिम आयतन = V1/4
या
V1/V2 = 4 ∴ V2/V1 = 1/4
T1 = 300K, T2 = ?
γ = 1.5
हम जानते हैं कि रुद्धोष्म परिवर्तन के लिये
T1V1γ-1 = T2V2γ-1
∴ T = 600K
अतः ताप में वृद्धि = T2 - T1
= 600 - 300 = 300K
प्रश्न 14.
एक आदर्श इंजन की दक्षता है। अभिगम का ताप 100K तक कम करने पर, यह मूल एवं अंतिम ताप ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
दिया गया है:
η1 = 1/8 स्थिति प्रथम से
η2 = 1/6 स्थिति द्वितीय से
माना
T1 = स्रोत का ताप
T2 = अभिगम का मूल ताप
प्रश्न 15.
एक आदर्श कानों इंजन एक आदर्श गैस का उपयोग करता है। स्रोत का ताप 500 K और अभिगम का ताप 375 K है। यदि प्रति चक्र में इंजन स्रोत से 500K cal लेता है तो आकलन कीजिये:
(a) इंजन की दक्षता (b) प्रति चक्र किया गया कार्य (c) प्रति साइकिल अभिगम में निष्कासित ऊष्मा।
उत्तर:
दिया गया है:
T1 = 500K
T2 = 375K
Q1 = प्रति चक्र अवशोषित ऊष्मा
= 500K cal
(a) सम्बन्ध = 1 - T2/T1 का प्रयोग करने पर
\(\eta=\frac{T_1-T_2}{T_1}\)
\(\begin{aligned} & \eta=\frac{500-375}{500} \\ & \eta=\frac{125}{500}=\frac{1}{4} \end{aligned}\)
∴ η % = 1/4 × 100 = 25%
(b) माना W प्रतिचक्र किया गया कार्य है
\(\eta=\frac{Q_1-Q_2}{\mathbf{Q}_1}=\frac{W}{\mathbf{Q}}\)
∴ या W = ηQ1
W = 0.25 × 500 = 125K cal ............. (1)
W = 125 × 103 × 4.2J
W = 5.25 × 105J
(c) माना Q2 = अभिगम में निष्कासित ऊष्मा
∴ W = Q1 - Q2
∴ Q2 = Q1 - W
[समीकरण (1) से मान रखने पर]
Q2 = 500 - 125 = 375Kcal
प्रश्न 16.
एक कार्नो इंजन की दक्षता निम्न तापान्तरों के लिये समान है:
(i) 100 K तथा 500K
(ii) TK तथा 900K
सिंक का ताप T ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
पहले ताप पर इंजन की दक्षता
\(\begin{aligned} & \eta_1=\frac{T_1-T_2}{T_1} \\ & \eta_1=\frac{500-100}{500}=\frac{400}{500}=\frac{4}{5} \\ & \eta_1=\frac{4}{5} \end{aligned}\)
माना दूसरे ताप पर इंजन की η2 दक्षता है।
\(\eta_2=\frac{900-T}{900}\)
लेकिन η1 = η2
∴ 4/5 \(=\frac{900-T}{900}\)
3600 = 4500 - 5T
5T = 4500 - 3600 = 900
T = 900/5 = 180k
प्रश्न 17.
एक इंजन के लिये सिंक का ताप 300K एवं स्रोत का ताप T है। यह स्रोत से 200 जूल ऊष्मा अवशोषित करता है एवं सिंक को 120 जूल ऊष्मा देता है। स्रोत का ताप एवं इंजन की दक्षत सिंक को 120 जूल ऊष्मा देता है। स्रोत का ताप एवं इंजन की दक्षता ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
T2 = 300K
T1 = T (माना)
Q1 = 200
T1 = ?
η = ?
इंजन की दक्षता
\(\eta=\frac{Q_1-Q_2}{Q_1}=\frac{200-120}{200}=\frac{80}{200}\)
η = 0.4
η% = 0.4 x 100 = 40%
हम जानते हैं।
\(\begin{aligned} \eta & =\frac{T_1-T_2}{T_1} \\ 0.4 & =\frac{T-300}{T} \end{aligned}\)
⇒ 0.4T = T - 300
⇒ 300 = T - 0.4T
⇒ 300 = 0.6T
⇒ T = 300/0.6 = 3000/6 = 500K
T = 500K
प्रश्न 18.
एक कार्नो इंजन 500K ताप पर ऊष्मा Q1 लेता है और 300K ताप पर ऊष्मा Q2 सिंक को देता है तथा 8 x 105. जूल कार्य करता है। Q1 तथा Q2 के परिमाण की गणना कीजिये।
उत्तर:
दिया गया है:
T1 = 500K
T2 = 300K
W = 8 x 105
(i) ऊष्मा स्रोत से अवशोषित ऊष्मा
(ii) विसर्जित ऊष्मा Q2 = Q1 -W
= 20 x 105 - 8 x 105
= 12 x 105
प्रश्न 19.
एक कार्नो इंजन T1 K व T2 K तापों के मध्य कार्य करता है। सिद्ध कीजिये कि इसकी दक्षता बढ़ाने के लिये स्रोत के ताप को बढ़ाने की अपेक्षा सिंक के ताप को समान मान से घटाना अधिक प्रभावी होगा।
उत्तर:
T1 K व T2 K तापों के मध्य कार्य कर रहे कार्नो इंजन की दक्षता
अतः स्रोत के ताप को बढ़ाने की अपेक्षा सिंक का ताप समान मान से घटाने पर अधिक दक्षता प्राप्त होती है।
गत वर्षों की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्न:
प्रश्न 1.
एक आदर्श गैस के 0.100 mol को 10 °C से 20 °C ताप पर गर्म किया जाता है। तब गैस का (a) आयतन स्थिर (b) दाब स्थिर होगा। माना आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन ∆U और ∆Ug क्रमश: (a) और (b) प्रक्रम के कथन होगा:
(a) ∆Ua = ∆Ub
(b) ∆Ua > ∆Ub
(c) ∆Ua < ∆Ub
(d) ∆Ua = ∆Ub = 0
उत्तर:
(a) ∆Ua = ∆Ub
प्रश्न 2.
एक खोखले बेलन, जिसमें एक लिए हैं। तब निम्न में से सत्य घर्षण रहित चलायमान पिस्टन लगा है, में एक गैस बन्द है। निकाय की प्रारम्भिक ऊष्मागतिकी अवस्था में गैस का दबाव Pi = 105 Pa एवं आयतन Vi = 10-3 m3 है। एक रूद्धोष्म स्थैतिककल्प की प्रक्रिया, जिसमें P3V5 = स्थिरांक है, से निकाय अन्तिम ऊष्मागतिकी अवस्था (P = (1/ 32) x 105 Pa एवं Vf = 8 x 103m2 ) में परिवर्तित हो जाता है। एक दूसरी ऊष्मागतिकी प्रक्रिया में वही प्रारम्भिक एवं अन्तिम अवस्थाएँ दो चरणों में पूर्ण की जाती हैं पहले चरण में Pi पर समान दबाव वृद्धि के बाद दूसरे चरण में एक समान आयतन प्रक्रिया Vf आयतन पर होती है। दो चरणों वाली प्रक्रिया में निकाय को दी गई ऊष्मा की मात्रा लगभग है:
(a) 112 J
(b) 294 J
(c) 588 J
(d) 813 J
उत्तर:
(c) 588 J
प्रश्न 3.
एक बर्तन में 5 लीटर गैस 0.8 मीटर दाब पर है। इस बर्तन को एक 3 लीटर आयतन वाले निर्वातित (evacuated) बर्तन से जोड़ा जाता है। अन्दर का परिणामी दाब होगा (पूरे निकाय को विलगित मान लिया जाए)
(a) 4/3m
(b) 0.5m
(c) 2.0m
(d) 3/4m
उत्तर:
(b) 0.5m
प्रश्न 4.
एक आदर्श गैस में उत्क्रमणीय समतापीय प्रसार एक अवस्था से f तक होता है। तब एण्ट्रॉपी में परिवर्तन ∆S (i → j) होगा:
(a) 0
(b) > 0
(c) < 0
(d) प्रक्रम के लिए परिभाषित नहीं है
उत्तर:
(b) > 0
प्रश्न 5.
समतापीय प्रक्रम में गैस की विशिष्ट ऊष्मा होती है:
(a) अनन्त
(b) शून्य
(c) ऋणात्मक
(d) नियत
उत्तर:
(a) अनन्त
प्रश्न 6.
किसी गैस को समतापीय रूप से उसके आधे आयतन तक संपीड़ित किया जाता है। इसी गैस को पृथक् रूप से रूद्धोष्म प्रक्रिया द्वारा उसके आधे आयतन तक संपीड़ित किया जाता है। तब:
(a) गैस को समतापीय प्रक्रिया द्वारा संपीड़ित करने में अधिक कार्य करने की आवश्यकता होगी।
(b) गैस को रूद्धोष्म प्रक्रिया द्वारा संपीड़ित करने में अधिक कार्य करने की आवश्यकता होगी।
(c) गैस को समतापीय प्रक्रिया अथवा रूद्धोष्म प्रक्रिया दोनों में ही समान कार्य करने की आवश्यकता होगी।
(d) चाहे समतापीय प्रक्रिया द्वारा संपीड़ित करें अथवा रूद्धोष्म प्रक्रिया द्वारा संपीड़ित करें, किस प्रकरण में अधिक कार्य करने की आवश्यकता होगी, यह गैस की परमाणुकता पर निर्भर करेगा
उत्तर:
(b) गैस को रूद्धोष्म प्रक्रिया द्वारा संपीड़ित करने में अधिक कार्य करने की आवश्यकता होगी।
प्रश्न 7.
सामान्य ताप तथा दाब पर किसी गैस के 4.0g द्रव्यमान का आयतन 22.4 लीटर है। स्थिर आयतन पर इसकी विशिष्ट ऊष्मा धारिता 5.0 JK-1 है। यदि इस गैस में सामान्य ताप व दाब पर ध्वनि का वेग 952 ms है तो इस गैस की स्थिर दाब पर विशिष्ट ऊष्मा धारिता है (गैस नियतांक R = 8.3 JK-1mol-1):
(a) 7.5 JK-1 mol-1
(c) 8.5 JK-1 mol-1
(b) 7.0JK-1mol-1
(d) 8.0 JK-1 mol-1
उत्तर:
(d) 8.0 JK-1 mol-1
प्रश्न 8.
किसी गोलीय कोश (शैल) की त्रिज्या R और इसका ताप T है । इसके भीतर कृष्णिका विकिरणों को फोटोनों की एक ऐसी आदर्श गैस माना जा सकता है जिसकी प्रति इकाई आयतन आन्तरिक
ऊर्जा im तथा दाब P = 1/3(U/V) है। यदि इस को में रूद्धोष्म प्रसार हो तो T तथा R के बीच सम्बन्ध होगा:
(a) T α e-R
(b) T α e-3R
(c) T α 1/R
(d) T α 1/R3
उत्तर:
(c) T α 1/R
प्रश्न 9.
एक ठोस पिण्ड (वस्तु) की स्थिर ऊष्मा धारिता 1 J/°C है। इसको ऊष्मकों (ऊष्मा भण्डारों) के सम्पर्क में रखकर निम्न दो प्रकार से गर्म किया जाता है:
(i) अनुक्रमिक रूप से 2 ऊष्मकों के सम्पर्क में इस प्रकार रखकर कि प्रत्येक ऊष्मक समान मात्रा में ऊष्मा देता है।
(ii) अनुक्रमिक रूप से 8 ऊष्मकों के सम्पर्क में इस प्रकार रखकर कि प्रत्येक ऊष्मक समान मात्रा में ऊष्मा देता है
दोनों स्थितियों में पिण्ड का प्रारम्भिक ताप 100°C तथा अन्तिम 200 °C है, तो इन दो स्थितियों में पिण्ड की एन्ट्रॉपी में परिवर्तन होगा, क्रमश:
(a) In2, 4ln2
(b) In2, In2
(c) In2, 2ln2
(d) 2ln2,
उत्तर:
(b) In2, In2
प्रश्न 10.
किसी एक परमाणु आदर्श गैस के 2 मोल 27 °C तापमान पर V आयतन घेरते हैं। गैस का आयतन रूद्धोष्म प्रक्रम द्वारा फैलकर 2V हो जाता है। गैस के (a) अन्तिम तापमान का मान एवं (b) उसकी आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन का मान होगा:
(a) (a) 195 K (b) 2.7 kJ
(b) (a) 189 K (b) 2.7 kJ
(c) (a) 195 K (b) 2.7 kJ
(d) (a) 189K (b) 2.7 kJ
उत्तर:
(b) (a) 189 K (b) 2.7 kJ
प्रश्न 11.
किसी एकपरमाणुक गैस के आयतन (V) में ताप (T) के साथ विचरण ग्राफ में दर्शाए अनुसार होता है। अवस्था A से अवस्था B तक जाने की प्रक्रिया में गैस द्वारा किए गए कार्य और इसके द्वारा अवशोषित ऊष्मा का अनुपात है:
(a) 2/5
(b) 2/3
(c) 1/3
(d) 2/7
उत्तर:
(a) 2/5
प्रश्न 12.
कोई रेफ्रिजरेटर 4 °C और 30°C के बीच कार्य करता है प्रशीतन किये जाने वाले स्थान का ताप नियत रखने के लिये 600 कैलोरी ऊष्मा को प्रति सेकण्ड बाहर निकालना आवश्यक होता है। इसके लिये आवश्यक शक्ति चाहिए:
(1 cal = 4.2 Joules लीजिए)
(a) 2.365 W
(b) 23.65 W
(c) 236.5 W
(d) 2365 W
उत्तर:
(c) 236.5 W
प्रश्न 13.
जल के गलनांक और क्वथनांक के बीच कार्यरत किसी आदर्श ऊष्मा इंजन की दक्षता होती है:
(a) 26.8%
(b) 20%
(c) 6.25%
(d) 12.5%
उत्तर:
(a) 26.8%
प्रश्न 14.
किसी शीतलक (रेफ्रिजरेटर) के भीतर का ताप t2 °C है और कमरे का ताप, t1°C है। आदर्श अवस्था में प्रति जूल विद्युत ऊर्जा के व्यय होने पर कमरे को स्थानान्तरित ऊष्मा का मान होगा:
उत्तर:
\(\text { (c) } \frac{t_1+273}{t_1-t_2}\)
प्रश्न 15.
एक कार्नो इंजन, जिसकी दक्षता 40% है, 500 K के तापमान पर अनुरक्षित एक स्रोत से ऊष्मा लेता है। यह इच्छा की जाती है कि एक इंजन की दक्षता 60% हो। तब तापमान के लिये स्रोत का तापमान होना उसी निष्कास (सिंक )
चाहिए:
(a) एक कार्नो इंजन की दक्षता 50% से अधिक नहीं बनायी जा सकती है।
(b) 1200K
(c) 750 K
(d) 600K
उत्तर:
(c) 750 K
प्रश्न 16.
दक्षता η = 1/10 वाला एक ऊष्मा इंजन, कार्नो इंजन की भाँति कार्य करता है, का उपयोग प्रशीतक में करते हैं। यदि प्रक्रम में सम्पन्न कार्य 10 जूल हो तब कम ताप पर सिंक से अवशोषित ऊर्जा होगी:
(a) 99 J
(b) 90 J
(c) 1 J
(d) 100 J
उत्तर:
(b) 90 J
प्रश्न 17.
किसी प्रशीतक (रेफ्रिजरेटर) का निष्पादन गुणांक 5 है। यदि फ्रीजर ( प्रशीतक) का भीतरी ताप 20 °C है तो प्रशीतक के बाहर चारों ओर जहाँ यह ऊष्मा बाहर फेंकता है, का तापमान होगा:
(a) 41°C
(b) 11°C
(c) 21°C
(d) 31°C
उत्तर:
(d) 31°C
प्रश्न 18.
एक दृढ़ अणुओं वाली द्विपरमाणुक गैस का जब नियत दाब पर प्रसार होता है तो वह 10 J कार्य करती है। इस प्रक्रम में गैस द्वारा अवशोषित ऊष्मा का मान होगा:
(a) 35 J
(b) 40 J
(c) 25 J
(d) 30 J
उत्तर:
(a) 35 J
प्रश्न 19.
एक प्रक्रम में, एक आदर्श एकपरमाणुक गैस के एक मोल का आयतन व तापमान, सम्बन्ध VT = K द्वारा बदलता है, जहाँ कि K एक नियतांक है। इस प्रक्रिया में गैस का तापमान AT बढ़ जाता है। गैस द्वारा अवशोषित ऊष्मा का मान है (R एक गैस स्थिरांक है):
(a) 1/2 R∆T
(b) 3/2 R∆T
(c) 1/2 KR∆T
(d) 2K/3 ∆T
उत्तर:
(a) 1/2 R∆T
प्रश्न 20.
एक कार्नो इंजन की क्षमता 1/6 है। जब ऊष्मा कुण्ड (sink) का तापमान 62°C कम किया जाता है तो क्षमता दोगुनी हो जाती है। ऊष्मा स्त्रोत तथा कुण्ड के क्रमश: तापमान होंगे:
(a) 124 °C, 62 °C
(b) 99 °C, 37 °C
(c) 62°C, 124 °C
(d) 37°C, 99°C
उत्तर:
(b) 99 °C, 37 °C
प्रश्न 21.
सामान्य दाब (1.013 x 105 Nm-2 ) और 100 °C ताप पर 0.1g जल के नमूने को 100 °C की भाप में परिवर्तित करने के लिये 54 cal कैलोरी ऊष्मा ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यदि उत्पन्न भाप का आयतन 167.1 cc है, तो इस नमूने की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन है:
(a) 104.3 J
(b) 208.7 J
(c) 42.2 J
(d) 84.5 J
उत्तर:
(b) 208.7 J
प्रश्न 22.
दर्शाये गये (V-T) आरेख में, दाब P1 तथा P2 के बीच क्या सम्बन्ध है:
(a) निर्धारित नहीं किया जा सकता
(b) P2 = P1
(c) P2 > P1
(d) P2 < P1
उत्तर:
(d) P2 < P1
प्रश्न 23.
द्विपरमाणुक आदर्श गैस का एक मोल चक्रीय प्रक्रिया ABC से गुजरता है जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। प्रक्रिया BC रूद्धोष्म है A, B एवं C के तापमान क्रमश: 400K 800K एवं 600 K हैं। सही कथन चुनिये:
(a) सम्पूर्ण चक्रीय प्रक्रिया में आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन 250R है
(b) प्रक्रिया CA में आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन 700 R है
(c) प्रक्रिया AB में आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन - 350R है
(d) प्रक्रिया BC में आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन 500 R है
उत्तर:
(d) प्रक्रिया BC में आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन 500 R है
प्रश्न 24.
एक ऊष्मागतिक निकाय चक्रीय प्रक्रम ABCDA में होकर गुजरता है जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। निकाय के द्वारा किया गया कार्य है:
(a) PoVo
(b) 2PoVo
(c) PoVo/2
(d) शून्य
उत्तर:
(d) शून्य
प्रश्न 25.
एक परमाण्विक आदर्श गैस (monatomic ideal gas) का एक मोल (one mole), चार ऊष्मागतीय प्रक्रमों (thermodynamic processes) से गुजरता है, जैसा कि नीचे PV व्यवस्था चित्र (schematic diagram) में दर्शाया गया है। यहाँ दिये गये प्रक्रमों में एक समदाबीय (isobaric), एक समआयतनिक (isochoric), एक समतापीय (isothermal ) और एक रूद्धोष्म (adiabatic) हैं। सूची I में दिए गए प्रक्रमों का सूची -II में दिए गए संगत कथनों से सुमेल करें।
सूची-I |
सूची-II |
P. प्रक्रम-I में |
1. गैस द्वारा किया गया कार्य शून्य है |
Q. प्रक्रम-II में |
2. गैस का तापमान नहीं बदलता है |
R. प्रक्रम-III में |
3. गैस और परिवेश के बीच ऊष्मा प्रवाह नहीं होता है |
S. प्रक्रम-IV में |
4. गैस द्वारा किया गया कार्य 6P0V0 है |
Comprehension Type Questions
चित्र में दिखाए गए पात्र में ऊपर की ओर एक घर्षणरहित चल पिस्टन लगा है। पात्र तथा पिस्टन सभी ताप अवरोधी पदार्थ से निर्मित हैं, जिससे पात्र के अन्दर तथा बाहर ऊर्जा का आदान- प्रदान सम्भव नहीं है। पात्र को एक ऊष्मा चालक पदार्थ से बने हुए दृढ़ विभाजक पटल द्वारा दो भागों में बाँटा गया है जिससे ऊष्मा का क्षीण प्रवाह सम्भव है। पात्र का निचला भाग एक आदर्श एक परमाण्विक गैस के 2 मोल से, जिसका ताप 700 K है, से भरा हुआ है। पात्र का ऊपरी भाग एकद्विपरमाण्विक गैस के 2 मोल से, जिसका तापमान 400 K है, से भरा हुआ है। गैस की प्रतिमोल ऊष्मा धारिता
क्रमश: Cv = 3/2R, Cp = 5/2R तथा आदर्श द्विपरमाण्विक गैस
के लिए क्रमश: Cv = 5/2R Cp = 7/2R है
उत्तर:
सूची-I |
सूची-II |
P. प्रक्रम-I में |
3. गैस और परिवेश के बीच ऊष्मा प्रवाह नहीं होता है |
Q. प्रक्रम-II में |
4. गैस द्वारा किया गया कार्य 6P0V0 है |
R. प्रक्रम-III में |
1. गैस द्वारा किया गया कार्य शून्य है |
S. प्रक्रम-IV में |
2. गैस का तापमान नहीं बदलता है |
प्रश्न 26.
यदि विभाजक पटल पात्र से दृढ़ता से जुड़ा है, तब साम्यावस्था में आने पर गैसों का अन्तिम तापमान होगा:
(a) 550K
(b) 525 K
(c) 513K
(d) 490K
उत्तर:
(d) 490K
प्रश्न 27.
अब मान लीजिए कि विभाजक पटल घर्षणहीन गति के लिए स्वतंत्र है जिससे दोनों भागों में गैस का दबाव समान है। गैसों द्वारा साम्यावस्था में पहुँचने तक किया गया कुल कार्य होगा:
(a) 250 R
(b) 200R
(c) 100R
(d) -100R
उत्तर
(d) -100R