RBSE Class 11 Economics Important Questions Chapter 9 पर्यावरण और धारणीय विकास

Rajasthan Board RBSE Class 11 Economics Important Questions Chapter 9 पर्यावरण और धारणीय विकास Important Questions and Answers.

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RBSE Class 11 Economics Important Questions Chapter 9 पर्यावरण और धारणीय विकास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न:

प्रश्न 1. 
एक अर्थव्यवस्था में पर्यावरण का कार्य है।
(अ) संसाधनों की पूर्ति करना 
(ब) अवशेष को समाहित करना
(स) जीवन का पोषण करना
(द) उपर्युक्त सभी। 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी। 

RBSE Class 11 Economics Important Questions Chapter 9 पर्यावरण और धारणीय विकास 

प्रश्न 2. 
विश्व में पर्यावरण संकट उत्पन्न करने वाले कारणों में शामिल हैं।
(अ) देशों की बढ़ती हुई जनसंख्या 
(ब) विकसित देशों के समृद्ध उपभोग मानक 
(स) प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक शोषण
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 3. 
पर्यावरण संकट के कारण उत्पन्न प्रमुख समस्याओं में शामिल हैं।
(अ) वायु प्रदूषण 
(ब) जल प्रदूषण
(स) वैश्विक उष्णता 
(द) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी 

प्रश्न 4. 
भारत में केन्द्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड (CPCB) की स्थापना किस वर्ष की गई? 
(अ) 1964 
(ब) 1974 
(स) 1984 
(द) 1994
उत्तर:
(द) 1994

प्रश्न 5. 
भारत में भूमि के अपक्षय के उत्तरदायी कारणों में सम्मिलित हैं।
(अ) वन भूमि का अतिक्रमण 
(ब) कृषि में रसायनों का अनुचित प्रयोग 
(स) सिंचाई व्यवस्था का अविवेकपूर्ण नियोजन तथा प्रबंधन 
(द) उपर्युक्त सभी। 
उत्तर:
(ब) कृषि में रसायनों का अनुचित प्रयोग 

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प्रश्न 6. 
भारत में औद्योगिकीकरण के कारण उत्पन्न प्रमुख समस्या।
(अ) अनियोजित शहरीकरण 
(ब) वायु प्रदूषण
(स) जल प्रदूषण 
(द) उपर्युक्त सभी। 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी। 

प्रश्न 7. 
धारणीय विकास की रणनीतियों में सम्मिलित है।
(अ) ऊर्जा के गैर पारम्परिक स्रोतों का उपयोग 
(ब) ग्रामीण क्षेत्रों में गोबर गैस का उपयोग 
(स) शहरी क्षेत्रों में उच्च दाब प्राकृतिक गैस का उपयोग 
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी।

रिक्त स्थान वाले प्रश्ननीचे दिए गए वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:

प्रश्न 1. 
........... का अर्थ पर्यावरण की अपक्षय को सोखने की क्षमता से है।
उत्तर:
अवशोषी क्षमता

प्रश्न 2. 
........... जल प्रदूषण के कारण होने वाला रोग है।
उत्तर:
हैजा

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प्रश्न 3. 
भारत में विश्व के समस्त लौह अयस्क भण्डार का...........उपलब्ध है।
उत्तर:
20 प्रतिशत

प्रश्न 4. 
भारत सरकार ने .............. में केन्द्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड (CPCB) की स्थापना की थी।
उत्तर:
1974

प्रश्न 5. 
दमा, श्वास सम्बन्धी रोग तथा उच्च रक्तचाप ............... से होने वाले रोग है।
उत्तर:
वायु प्रदूषण

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प्रश्न 6. 
खनिज तेल, कोयला, खनिज संसाधन आदि ............... संसाधनों की श्रेणी में आते हैं।
उत्तर:
 गैर-नवीकरणीय। 


सत्य / असत्य वाले प्रश्ननीचे दिए गए कथनों में सत्य / असत्य कथन छाँटिए:

प्रश्न 1. 
गैर नवीकरणीय साधनों के उदाहरणों में वनों में पेड़ समुद्र में मछलियाँ हैं।
उत्तर: 
असत्य

प्रश्न 2. 
वैश्विक उष्णता पृथ्वी और समुद्र के वातावरण के औसत तापमान में वृद्धि को कहते हैं। 
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 3. 
ओजोन अपक्षय की समस्या का कारण समतापमण्डल में क्लोरीन और ब्रोमीन के ऊँचे स्तर है। 
उत्तर:
सत्य

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प्रश्न 4. 
थर्मल पावर संयन्त्र बडी मात्रा में कार्बन डाई ऑक्साइड गैस का उत्सर्जन करते हैं, जो एक ग्रीन हाऊस गैस
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 5. 
वर्ष 2007 में जापान के क्योटो शहर में जलवायु परिवर्तन पर एक संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन हुआ। 
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 6. 
खनिज तेल व लौह अयस्क नवीकरणीय संसाधनों की श्रेणी के अन्तर्गत आते हैं। 
उत्तर:
असत्य। 

मिलान करने वाले प्रश्ननिम्न को सुमेलित कीजिए:

प्रश्न 1. 

1. नवीकरणीय संसाधन

(अ) कार्बन डाई ऑक्साइड 

2. गैर नवीकरणीय संसाधन

(ब) कर्नाटक 

3. ग्रीन हाऊस गैस

(स) कोयला व पैट्रोल 

4. जल प्रदूषण से होने वाला

(द) पेड़ व मछलियाँरोग 

5. वायु प्रदूषण से होने वाला

(य) हैजा रोग

6. अप्पिको आन्दोलन वाला

(र) दमा

उत्तर:

1. नवीकरणीय संसाधन

(द) पेड़ व मछलियाँरोग  

2. गैर नवीकरणीय संसाधन

(स) कोयला व पैट्रोल  

3. ग्रीन हाऊस गैस

(य) हैजा रोग 

4. जल प्रदूषण से होने वाला

(र) दमा 

5. वायु प्रदूषण से होने वाला

(अ) कार्बन डाई ऑक्साइड  

6. अप्पिको आन्दोलन वाला

(ब) कर्नाटक  


अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
पर्यावरण के अन्तर्गत किसका अध्ययन किया जाता है?
उत्तर:
पर्यावरण में जैविक एवं अजैविक घटकों के मध्य अन्तर्संबंधों का अध्ययन किया जाता है।

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प्रश्न 2. 
जल प्रदूषण से होने वाले किन्हीं दो रोगों का नाम बताइए।
उत्तर:

  1. हैजा 
  2. पीलिया।

प्रश्न 3. 
ध्वनि प्रदूषण से होने वाले किन्हीं दो रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. मानसिक विकृत 
  2. अनिद्रा। 

प्रश्न 4. 
वैश्विक उष्णता का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर:
वैश्विक उष्णता का मुख्य कारण ग्रीन हाउस गैसों में वृद्धि होना है।

प्रश्न 5. 
ओजोन अपक्षय का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
इससे पराबैंगनी विकिरणों का अवशोषण नहीं हो पाता जिससे जीवों एवं वनस्पति को क्षति पहुंचती है।

प्रश्न 6. 
दक्षिण के पठार की काली मिट्टी किस फसल के लिए उपयुक्त है?
उत्तर:
काली मिट्टी कपास की फसल के लिए उपयुक्त

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प्रश्न 7. 
वायु प्रदूषण से होने वाली कोई दो बीमारियाँ बताइए।
उत्तर:

  1. दमा एवं श्वास सम्बन्धी रोग 
  2. रक्त चाप।

प्रश्न 8. 
बढ़ते हुए पर्यावरण प्रदूषण को रोकने हेतु आप किस पारम्परिक ऊर्जा स्रोत का उपयोग विद्युत उत्पादन संयंत्र हेतु करेंगे? किसी एक स्त्रोत का नाम लिखिए।
उत्तर:
पन बिजली। 

प्रश्न 9. 
पर्यावरण का क्या अर्थ है?
उत्तर:
समस्त भूमंडलीय विरासत तथा सभी संसाधनों को समग्र रूप से पर्यावरण कहा जाता है।

प्रश्न 10. 
पर्यावरण का कोई एक प्रमुख कार्य बताइए।
उत्तर:
पर्यावरण जननिक और जैविक विविधता प्रदान करके जीवन का पोषण करता है।

प्रश्न 11. 
यदि संसाधनों का निष्कर्षण इनके पुनः सृजन की दर से अधिक है तो पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
यदि संसाधनों का निष्कर्षण इनके पुनः सृजन की दर से अधिक है तो पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

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प्रश्न 12. 
पर्यावरण की अवशोषी क्षमता का क्या अर्थ।
उत्तर:
पर्यावरण की अवशोषी क्षमता का अर्थ पर्यावरण की अपक्षय को सोखने की योग्यता से है।

प्रश्न 13. 
जल एक आर्थिक उपभोक्ता वस्तु क्यों बन गया है?
उत्तर:
देश में नदियाँ तथा जल के अन्य स्रोत प्रदूषित हो गए हैं या सूख गए हैं अत: जल एक आर्थिक वस्तु बन गया है।

प्रश्न 14. 
वैश्विक उष्णता किसे कहते हैं?
उत्तर:
वैश्विक उष्णता पृथ्वी और समुद्र के वातावरण के औसत तापमान में वृद्धि को कहते हैं।

प्रश्न 15. 
वर्ष 1997 में जापान के किस शहर में जलवायु परिवर्तन पर एक संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन हुआ?
उत्तर:
वर्ष 1997 में जापान के क्योटो शहर में जलवायु परिवर्तन पर एक संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन हुआ।

प्रश्न 16. 
चिपको आन्दोलन का उद्देश्य क्या था?
उत्तर:
चिपको आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य हिमालय पर्वत-श्रेणी में वनों का संरक्षण करना था।

प्रश्न 17. 
भारत में केन्द्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड की स्थापना कब एवं क्यों की गई?
उत्तर:
केन्द्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड की स्थापना 1974 में वायु एवं जल प्रदूषण की रोकथाम हेतु की गई।

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प्रश्न 18. 
विश्व में उत्पन्न वैश्विक उष्णता की समस्या के कोई दो कारण बताइए।
उत्तर:

  1. वनों का विनाश होना। 
  2. ग्रीन हाउस गैसों में वृद्धि होना। 

प्रश्न 19. 
नवीकरणीय संसाधन कौनसे हैं?
उत्तर:
वे संसाधन जिनका उपयोग संसाधन के क्षय या समाप्त होने की आशंका के बिना किया जाता है।

प्रश्न 20. 
कोई दो नवीकरणीय संसाधनों का नाम बताइए।
उत्तर:

  1. वनों में पेड़ 
  2. समुद्र में मछलियाँ। 

प्रश्न 21. 
गैर नवीकरणीय योग्य संसाधन कौनसे होते।
उत्तर:
गैर नवीकरणीय योग्य संसाधन वे संसाधन हैं जो कि निष्कर्षण एवं उपभोग से समाप्त हो जाते हैं।

प्रश्न 22. 
किन्हीं दो गैर नवीकरणीय योग्य संसाधनों का नाम बताइए।
उत्तर:

  1. खनिज तेल के भण्डार 
  2. लौह अयस्क। 

प्रश्न 23. 
ओजोन अपक्षय का अर्थ बताइए।
उत्तर:
ओजोन अपक्षय का अर्थ समताप मंडल में ओजोन की मात्रा की कमी है।

प्रश्न 24. 
ओजोन अपक्षय के लिए जिम्मेदार प्रमुख गैस का नाम बताइए।
उत्तर:
क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स (CFC)।

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प्रश्न 25. 
संसाधनों के निष्कर्षण की दर के संसाधनों की पुनः सूजन दर से अधिक होने के कोई दो कारण बताइए।
उत्तर:

  1. जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि होना। 
  2. तीव्र गति से बढ़ता हुआ औद्योगीकरण।

प्रश्न 26. 
भारत में किन्हीं दो खनिज संसाधनों के नाम बताइए जिनके देश में प्रचुर भंडार हैं।
उत्तर:

  1. लौह अयस्क 
  2. कोयला।

प्रश्न 27.
भारत की कोई दो प्रमुख पर्यावरण समस्याएँ बताइए।
उत्तर:

  1. भूमि अपक्षय 
  2. शहरों में बढ़ता हुआ वायु प्रदूषण।

प्रश्न 28. 
भारत में भूमि के अपक्षय के लिए उत्तरदायी कोई दो कारण बताइए।
उत्तर:

  1. वन भूमि का अतिक्रमण
  2. भू-संरक्षण हेतु समुचित उपायों को न अपनाया जाना।

प्रश्न 29. 
धारणीय विकास का तात्पर्य बताइए।
उत्तर:
धारणीय विकास का तात्पर्य विकास के साथसाथ पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों तथा भावी पीढ़ी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखने से है।

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प्रश्न 30. 
धारणीय विकास की कोई दो रणनीतियाँ बताइए।
उत्तर:

  1. ऊर्जा के गैर पारम्परिक स्रोतों का उपयोग करना
  2. ग्रामीण क्षेत्रों में एल.पी.जी. तथा गोबर गैस का उपयोग। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
जैविक कंपोस्ट खाद क्या है?
उत्तर:
जैविक कंपोस्ट खाद रासायनिक खाद का विकल्प है। देश में लम्बे समय से कृषि उत्पादन बढ़ाने हेतु रासायनिक खाद का प्रयोग किया जा रहा है जिसका भूमि, जल, स्वास्थ्य, पर्यावरण आदि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा अतः कृषक इन प्रतिकूल प्रभावों से बचने हेतु अब जैविक खाद का उपयोग कर रहे हैं । इसमें मुख्य रूप से करकट से बनी कंपोस्ट खाद, केंचुए की खाद, गोबर से बनी खाद आदि का प्रयोग किया जा रहा है।

प्रश्न 2. 
लघु जलीय प्लांट क्या है? इनका क्या महत्त्व।
उत्तर:
लघु जलीय प्लांट पहाड़ी झरनों पर लगे मिनिहाइडल प्लांट है जो झरनों की ऊर्जा से छोटी टरबाइन चलाते हैं जिससे बिजली का उत्पादन होता है। इन प्लांटों हेतु बड़े-बड़े संचरण टावर एवं तारों की आवश्यकता नहीं पड़ती है जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। साथ ही जहां पर ये प्लांट लगाए जाते हैं वहाँ ये भूउपयोग की प्रणाली में कोई परिवर्तन नहीं करते हैं।

प्रश्न 3. 
"आपकी आवश्यकताएँ असीमित हैं तथा उनकी पूर्ति के लिए आपके पास साधन सीमित हैं।" इस कथन को किन्हीं दो उदाहरणों द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:

  1. देश में बढ़ते औद्योगीकरण एवं बढ़ती जनसंख्या के कारण पेट्रोलियम संसाधन की माँग बहुत अधिक बढ़ गई है जबकि पेट्रोलियम संसाधन की पूर्ति अत्यन्त सीमित है।
  2. देश में जनसंख्या में तीव्र वृद्धि हो रही है जिससे शुद्ध पेयजल की मांग बहुत अधिक बढ़ गई है जबकि शुद्ध पेयजल की पूर्ति सीमित है तथा बढ़ते हुए जल प्रदूषण के कारण पेयजल की पूर्ति और अधिक सीमित हो गई है।

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प्रश्न 4. 
पर्यावरण से प्राप्त विभिन्न संसाधनों को कितने भागों में विभाजित किया जा सकता है?
उत्तर:
पर्यावरण से प्राप्त विभिन्न संसाधनों को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है।

  1. नवीकरणीय संसाधन: नवीकरणीय योग्य संसाधनों में उन संसाधनों को शामिल किया जाता है जिनका उपयोग संसाधन के क्षय या समाप्त होने की
  2. आशंका के बिना किया जाता है। उदाहरण के लिए वनों में पेड़, समुद्र में मछलियाँ आदि।
  3. गैर नवीकरणीय संसाधन: गैर नवीकरणीय संसाधनों में उन संसाधनों को शामिल किया जाता है जिनके निष्कर्षण तथा उपयोग करने से वे समाप्त हो जाते हैं। उदाहरण के लिए पेट्रोलियम संसाधन, खनिज पदार्थ आदि।

प्रश्न 5. 
ओजोन अपक्षय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
ओजोन अपक्षय का तात्पर्य समतापमंडल में ओजोन की मात्रा की कमी से है। ओजोन अपक्षय की समस्या का कारण समतापमंडल में क्लोरीन और ब्रोमीन के ऊँचे स्तर हैं तथा ओजोन अपक्षय का मुख्य कारण क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) गैस है जो कई कारणों से उत्सर्जित होती है। ओजोन अपक्षय के कारण पराबैंगनी विकिरण पृथ्वी पर आ जाती है जिससे पर्यावरण को कई प्रकार से क्षति पहुँचती है, पृथ्वी पर रहने वाले जीवजन्तुओं को क्षति पहुंचती है। विश्व में ओजोन क्षय एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या बनी हुई है तथा इसे रोकने हेतु सभी देश प्रयास कर रहे हैं। 


प्रश्न 6. 
प्राचीन समय में पर्यावरण समस्याएँ उत्पन्न क्यों नहीं हुई? 
उत्तर:
प्राचीन समय में जनसंख्या बहुत कम थी तथा तब औद्योगिकीकरण अधिक नहीं था अतः उस समय पर्यावरण संसाधनों की मांग बहुत कम थी तथा इन संसाधनों की पूर्ति अधिक थी। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि प्रदूषण, पर्यावरण की अवशोषी क्षमता के भीतर या और संसाधनों के निष्कर्ष की दर इन संसाधनों की पुनः सृजन की दर से कम थी अत: उस समय पर्यावरण की समस्या उत्पन्न नहीं हुई थी।

प्रश्न 7. 
क्या आप इस कथन से सहमत हैं कि भारतीय भू-संसाधनों पर अत्यधिक दबाव है?
उत्तर:
हाँ, हम इस कथन से पूर्णतया सहमत हैं कि भारतीय भू-संसाधनों पर अत्यधिक दबाव है। भारत में विश्व के कुल भू-भाग का मात्र 25 प्रतिशत भू-भाग ही है किन्तु इस 25 प्रतिशत भू-भाग पर विश्व की लगभग 17 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। भारत के इस 25 प्रतिशतं भू-भाग पर विश्व के कुल पशुधन का लगभग 20 प्रतिशत निवास करता है। अतः जनसंख्या और पशुधन का अधिक घनत्व और वानिकी, कृषि, चराई, मानव बस्तियाँ और उद्योगों के प्रतिस्पर्धी उपयोगों से देश के निश्चित भूसंसाधनों पर भारी दबाव है।

प्रश्न 8. 
जैविक कीट नियन्त्रण से आप क्या समझते हैं? उपयुक्त उदाहरण देवें।
उत्तर:
कृषि में रासायनिक कीटनाशकों के स्थान पर जैविक विधियों से कीटों को नियन्त्रित करना जैविक कीट नियन्त्रण कहते हैं। उदाहरण के लिए नीम के पेड़ से अनेक कीट नियंत्रक रसायन बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त यदि खेत में सांपों को रहने दिया जाए तो वे चूहों एवं अन्य कीड़ों को खा जाएंगे। इसी प्रकार उल्लू, मोर जैसे पक्षी भी अनेक कीटों का भक्षण करते हैं। इन विधियों से पर्यावरण एवं मृदा पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता।

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प्रश्न 9. 
देश में मृदा क्षरण से क्या हानि होती है?
उत्तर:
देश में मृदा क्षरण की प्रमुख समस्या है। मृदा क्षरण के अनुमान यह दर्शाते हैं कि पूरे देश में एक वर्ष में भूमि का क्षरण 53 बिलियन टन प्रतिशत की दर से हो रहा है और इसके फलस्वरूप देश को प्रत्येक वर्ष 0.8 मिलियन टन नाइट्रोजन, 1.8 मिलियन टन फॉस्फोरस और 263 मिलियन टन पोटेशियम का नुकसान होता है। भारत सरकार के अनुसार प्रत्येक वर्ष भूमि क्षय से 5.8 मिलियन टन से 8.4 मिलियन टन पोषक तत्त्वों को क्षति होती है।

प्रश्न 10. 
धारणीय विकास हेतु प्रमुख आवश्यकताएँ क्या है?
उत्तर:
विख्यात पर्यावरणवादी अर्थशास्वी हरमन डेली के अनुसार धारणीय विकास की प्राप्ति के लिए निम्नलिखित आवश्यकताएँ हैं।

  1. मानव जनसंख्या को पर्यावरण की धारण समता के स्तर तक सीमित करना होगा।
  2. प्रौद्योगिक प्रगति आगत निपुण हो न कि आगत उपयोगी।
  3. नवीकरणीय संसाधनों का निष्कर्षण धारणीय आधार पर हो ताकि किसी भी स्थिति में निष्कर्षण की दर पुनः सृजन की दर से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  4. गैर नवीकरणीय संसाधनों की अपक्षय दर नवीनीकृत प्रतिस्थापकों से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  5. प्रदूषण के कारण उत्पन्न अक्षमताओं का सुधार किया जाना चाहिए।

प्रश्न 11. 
धारणीय विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
अर्थव्यवस्था तथा पर्यावरण परस्पर एक - दूसरे पर निर्भर हैं तथा एक- दूसरे के लिए आवश्यक हैं। माँ पर्यावरण को ध्यान में रखे बिना किये जाने वाले विकास - से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। धारणीय विकास की अवधारणा में भावी पीढ़ियों की आवश्यकताओं को ने ध्यान में रखा जाता है। इसके अन्तर्गत गरीबों के जीवन के भौतिक मानकों को ऊँचा उठाने पर बल दिया जाता है तथा उन्हें सभी बुनियादी आवश्यकताएँ उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जाता है, साथ ही भावी पीढ़ी हेतु अच्छी क गुणवत्ता वाली सम्पत्तियों का भंडार छोड़ने पर बल दिया जाता है।

प्रश्न 12. 
धारणीय विकास की किन्हीं दो रणनीतियों क का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
(1) ऊर्जा के गैर पारम्परिक स्त्रोतों का उपयोग-देश में थर्मल तथा हाइड्रो पावर का पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा इससे विभिन्न प्रकार के प्रदूषण फैलते हैं। अतः धारणीय विकास के तहत वायु शक्ति तथा में सौर ऊर्जा जैसे गैर पारम्परिक स्रोतों का उपयोग किया जाना चाहिए। 

(2) ग्रामीण क्षेत्रों में एल.पी.जी. व गोबर गैस ग्रामीण क्षेत्रों में लकड़ी, उपले तथा अन्य जैविक पदार्थों पर का इस्तेमाल ईंधन के रूप में करते हैं, इसका पर्यावरण से पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में कम कीमत पर तरल पैट्रोलियम गैस (एल. पी. जी.) एँ तथा ऋण एवं सहायिकी देकर गोबर गैस संयंत्र उपलब्ध करवाए जा रहे है। इससे पर्यावरण स्वच्छ रहगा तथा नी ऊर्जा का अपव्यय भी न्यूनतम होगा।

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प्रश्न 13. 
धारणीय विकास की निम्न रणनीतियों को स्पष्ट कीजिए
(क) पारम्परिक ज्ञान व व्यवहार
(ख) जैविक कम्पोस्ट खाद। 
उत्तर:
(क) पारम्परिक ज्ञान व व्यवहार: प्राचीन समय पर विभिन्न आर्थिक कार्य परम्परागत प्रणालियों से र किए जाते थे किन्तु वर्तमान में हम परम्परागत प्रणालियों नः को छोड़ रहे हैं। वर्तमान में पुनः परम्परागत विधियों का सकते हैं।

(ख) जैविक कम्पोस्ट खाद: विगत कुछ वर्षों से र कृषि में रासायनिक खाद का प्रयोग अत्यधिक बढ़ गया है। इसका पर्यावरण तथा भूमि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अब इन प्रतिकूल प्रभावों से बचने के लिए जैविक कम्पोस्ट खाद का प्रयोग बढ़ रहा है।

प्रश्न 14. 
धारणीय विकास की प्राप्ति हेतु किए जाने वाले किन्हीं चार प्रयासों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:

  1. भारत में ऊर्जा के पारम्परिक स्रोतों से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है अत: गैर पारम्परिक स्रोतों के उपभोग पर जोर दिया जा रहा है।
  2. भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में एल. पी. जी. तथा गोबर गैस के उपयोग पर बल दिया जा रहा है।
  3. शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को कम करने हेतु उच्च दाब प्राकृतिक गैस (CNG) का प्रयोग किया जा रहा है।
  4. देश में पवन चक्कियों के माध्यम से विद्युत उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

प्रश्न 15. 
वायु प्रदूषण क्या है? वायु प्रदूषण के कारण बताइए।
उत्तर:
स्वच्छ वायु में विभिन्न प्रकार के हानिकारक रसायनों, विषैला धुआँ, हानिकारक गैसों आदि के मिलने को वायु प्रदूषण कहते हैं। वायु प्रदूषण के अनेक कारण हैं जैसे।

  1. बढ़ता हुआ शहरीकरण 
  2. वाहनों से निकलने वाला विषैला धुआँ 
  3. उद्योगों से निकलती हानिकारक गैसें 
  4. थर्मल पावर संयंत्रों का अवशिष्ट 
  5. बढ़ता औद्योगिकीकरण।

प्रश्न 16. 
पर्यावरण असन्तुलन अथवा संकट से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
पर्यावरण असन्तुलन तथा संकट का तात्पर्य पर्यावरण सम्बन्धी कई समस्याएँ उत्पन्न होने से है। जब पर्यावरण के संसाधनों की मांग उनकी पूर्ति से कम होती है तो पर्यावरण सम्बन्धी कोई संकट उत्पन्न नहीं होता है तथा पर्यावरण सन्तुलन में रहता है। जब संसाधनों की मांग संसाधनों की पूर्ति से अधिक हो जाती है तथा प्राकृतिक संसाधनों की निष्कर्षण की दर इनके पुनः सृजन की दर से अधिक हो जाती है तो पर्यावरण में| असन्तुलन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है तथा पर्यावरण में कई प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं जैसे जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, वैश्विक उष्णता इत्यादि।

प्रश्न 17. 
फोटोवॉल्टीय सेल क्या है?
उत्तर:
फोटोवॉल्टीय सेलों की मदद से सौर ऊर्जा को विद्युत में परिवर्तन किया जा सकता है। ये सेल सौर ऊर्जा को एक विशिष्ट प्रकार के उपकरण प्रदान करते हैं और फिर ऊर्जा को बिजली में बदल देते हैं। यह प्रौद्योगिकी दूर दराज के क्षेत्रों में ऐसी जगहों के लिए उपयोगी है जहाँ ग्रिड अथवा तारों द्वारा विद्युत पूर्ति या तो संभव नहीं है या अत्यन्त खर्चीली है। इस प्रौद्योगिकी का पर्यावरण पर कोई ने प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।

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प्रश्न 18. 
वैश्विक उष्णता का अर्थ लिखिए।
उत्तर:
हाल ही के वर्षों में सम्पूर्ण विश्व के सम्मुख 7 वैश्विक उष्णता की समस्या उत्पन्न हो गई है। वैश्विक उष्णता पृथ्वी और समुद्र के वातावरण के औसत तापमान में वृद्धि को कहते हैं। वैश्विक उष्णता औद्योगिक क्रान्ति से ग्रीन हाउस गैसों में वृद्धि के परिणामस्वरूप पृथ्वी के निचले वायुमण्डल के औसत तापमान में होने वाली वृद्धि है। वैश्विक उष्णता में वायुमण्डल का तापमान बढ़ जाता है, बर्फ पिघलने लगती है जिससे समुद्र का जल स्तर ऊपर उठ जाता है तथा पर्यावरण में कई प्रकार के असन्तुलन उत्पन्न होने लगते हैं।

प्रश्न 19. 
निम्न धारणीय विकास रणनीतियों को स्पष्ट कीजिए।
(क) वायु शक्ति 
(ख) फोटो - वोल्टीय सेल द्वारा सौर शक्ति।
उत्तर:
(क) वायु शक्ति: देश के विभिन्न क्षेत्रों में जहाँ हवा में तेजी होती है वहाँ पर पवन चक्की के माध्यम से बिजली प्राप्त की जा रही है इस प्रकार वायु से प्राप्त बिजली से पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।


(ख) फोटो - वोल्टीय सेल द्वारा सौर शक्ति: भारत में सौर ऊर्जा को भी बढ़ावा दिया जा रहा है क्योंकि इससे पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। भारत में अब फोटोवोल्टीय सेलों की सहायता से सौर ऊर्जा को विद्युत में परिवर्तित किया जा सकता है। ये सेल सौर ऊर्जा को एक विशिष्ट प्रकार के उपकरण से पकड़ते हैं तथा फिर ऊर्जा को बिजली में बदल देते हैं।

प्रश्न 20. 
वायु प्रदूषण को रोकने हेतु कोई तीन उपाय बताइए।
उत्तर:

  1. विभिन्न औद्योगिक इकाइयों की स्थापना शहरों से बहुत दूर हो एवं उनमें अवशिष्ट निस्तारण की उपयुक्त व्यवस्था हो।
  2. लोगों को सी.एन.जी, चालित वाहनों के उपयोग हेतु प्रोत्साहित करना चाहिए।
  3. अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए, वृक्ष वायु प्रदूषण को कम करने में सहायक होते हैं। 

प्रश्न 21. 
वायु, जल एवं ध्वनि प्रदूषण के कोई तीन प्रभाव बताइए।
उत्तर:

  1. वायु, जल एवं ध्वनि प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य एवं वनस्पति पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
  2. मनुष्य इन प्रदूषणों से रोग ग्रस्त हो जाता है।
  3. वायु, जल एवं ध्वनि प्रदूषण से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है एवं पर्यावरण असन्तुलन उत्पन्न होता है। 

RBSE Class 11 Economics Important Questions Chapter 9 पर्यावरण और धारणीय विकास

प्रश्न 22. 
नवीकरणीय तथा गैर नवीकरणीय = संसाधनों में अन्तर बताइए।
उत्तर:
नवीकरणीय योग्य संसाधनों में उन संसाधनों को शामिल किया जाता है जिनका उपयोग संसाधन के क्षय या समाप्त होने की आशंका के बिना किया जाता है जैसे वनों में पेड़, समुद्र में मछलियाँ इत्यादि। इसके विपरीत गैर नवीकरणीय संसाधनों में उन संसाधनों को शामिल किया जाता है जिनके निष्कर्षण तथा उपयोग करने से वे समाप्त हो जाते हैं जैसे जीवाश्म इंधन।

प्रश्न 23.
"अवशिष्ट सृजन और प्रदूषण के पर्यावरण मुद्दे आजकल बहुत गंभीर हो गए हैं।" इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वर्तमान में जनसंख्या में तीव्र वृद्धि तथा विभिन्न देशों में औद्योगीकरण के फलस्वरूप उत्पादन और उपभोग के लिए संसाधनों की मांग संसाधनों की पुनः सृजन की दर से बहुत अधिक हो गई, पर्यावरण की अवशोषी क्षमता पर बुरी तरह दबाव बढ़ गया है। यह प्रवृत्ति आज भी जारी है। इस तरह से पर्यावरण की गुणवत्ता के मामले में मांग-पूर्ति सम्बन्ध पूरी तरह से उलट गया है। अब हमारे सामने पर्यावरण संसाधनों और सेवाओं की मांग अधिक है लेकिन उनकी पूर्ति सीमित है, जिसके कारण अधिक उपयोग और दुरुपयोग है। इसीलिए, अवशिष्ट सूजन और प्रदूषण के पर्यावरण मुद्दे आजकल बहुत गंभीर हो गए हैं।

प्रश्न 24. 
भारत में पर्यावरण सम्बन्धी खतरों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत के पर्यावरण को दो तरह से खतरा हैएक तो गरीबी के कारण पर्यावरण का अपक्षय और दूसरा खतरा साधन-सम्पन्नता और तेजी से बढ़ता हुआ औद्योगिक क्षेत्रक के प्रदूषण से है। भारत की अत्यधिक गंभीर पर्यावरण समस्याओं में वायु प्रदूषण, दूषित जल, मृदा क्षरण, वन्य कटाव और वन्य जीवन की विलुप्ति हैं। इनमें से प्रमुख ये हैं:

  1. भूमि अपक्षय 
  2. जैविक विविधता की हानि 
  3. शहरी क्षेत्रों में वाहन प्रदूषण से उत्पन्न वायु प्रदूषण 
  4. ताजे पानी का प्रबन्धन और 
  5. ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन।

प्रश्न 25. 
धारणीय विकास की लघु जलीय प्लांट सम्बन्धी रणनीति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पहाड़ी इलाकों में कई झरने मिलते हैं तथा इन झरनों में से अधिकांश स्थायी हैं जिन पर मिनिहाइडल प्लांट लगाए जा रहे हैं। मिनिहाइडल प्लांट इन झरनों की ऊर्जा से छोटी टरबाइन चलाते हैं। टरबाइन से बिजली का उत्पादन होता है, जिसका प्रयोग स्थानीय स्तर पर किया जाता है। इस प्रकार ये पावर प्लांट पर्यावरण के लिए हितकर होते हैं, क्योंकि जहाँ वे लगाये जाते हैं वहां भू उपयोग की प्रणाली में कोई परिवर्तन नहीं करते। इस प्रकार के प्लांटों के संचालन हेतु बड़े-बड़े संचरण टावर तथा तारों की जरूरत भी नहीं पड़ती है। अतः लघु जलीय प्लांटों के उपयोग से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों को रोका जा सकता है।

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प्रश्न 26. 
भूमि अपक्षय को रोकने हेतु कोई चार 7 उपाय बताइए।
उत्तर:

  1. भूमि अपक्षय रोकने हेतु अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए।
  2. कृषि में जैविक खाद एवं जैविक कीटनाशकों का उपयोग किया जाना चाहिए।
  3. सिंचाई व्यवस्था का सही नियोजन एवं विवेकपूर्ण न| प्रबन्धन किया जाना चाहिए।
  4. भूमि के फसलों का सही चुनाव किया जाए एवं जल व्यवस्था को सही करना चाहिए। 

निबन्धात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
पर्यावरण का क्या अभिप्राय है? पर्यावरण के असन्तुलन अथवा संकट को स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
पर्यावरण - पर्यावरण का तात्पर्य समस्त भूमंडलीय विरासत तथा सभी संसाधनों की समग्रता के योग से है। इसमें र सभी प्रकार के जैविक तथा अजैविक तत्त्वों को शामिल किया ग जाता है। जैविक तत्त्वों में वन, पशु, पौधे, पक्षी, मत्स्य आदि को शामिल किया जाता है जबकि अजैविक तत्वों में हवा, को पानी, भूमि, चट्टान, पहाड़, सूर्य प्रकाश आदि को शामिल किया जाता है। अत: पर्यावरण के अन्तर्गत जैविक तथा अजैविक तत्त्वों के अन्तसंबंधों का अध्ययन किया जाता है।
 

पर्यावरण असन्तुलन अथवा संकट-पर्यावरण क असन्तुलन तथा संकट का तात्पर्य पर्यावरण सम्बन्धी कई समस्याएँ उत्पन्न होने से है। जब पर्यावरण के संसाधनों की मांग उसकी पूर्ति से कम होती है तो पर्यावरण सम्बन्धी ये कोई संकट उत्पन्न नहीं होता है तथा पर्यावरण सन्तुलन में नि रहता है। जब संसाधनों की मांग संसाधनों की पूर्ति से ण अधिक हो जाती है तथा प्राकृतिक संसाधनों की निष्कर्षण न। की दर इनके पुनः सृजन की दर से अधिक हो जाती है तो ट पर्यावरण संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है तथा पर्यावरण . में कई प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं जैसे जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, वैश्विक उष्णता इत्यादि जिससे पर्यावरण में असन्तुलन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

प्रश्न 2. 
वैश्विक उष्णता पर एक लेख लिखिए। 
उत्तर:
वैश्विक उष्णता हाल ही के वर्षों में सम्पूर्ण विश्व के सम्मुख वैश्विक उष्णता की समस्या उत्पन्न हो गई है। वैश्विक उष्णता पृथ्वी। और समुद्र के वातावरण के औसत तापमान में वृद्धि को कहते हैं। वैश्विक उष्णता, औद्योगिक क्रान्ति से ग्रीन हाउस गैसों में वृद्धि के परिणामस्वरूप पृथ्वी के निचले वायुमंडल के औसत तापमान में होने वाली निरन्तर वृद्धि है। वैश्विक उष्णता हेतु मानव भी काफी हद तक जिम्मेदार है। वैश्विक उष्णता मानव द्वारा वन विनाश तथा जीवाश्म ईंधन के जलने से कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीन हाउस गैसों में वृद्धि के कारण होता है, वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड, मिथेन गैस तथा दूसरी गैसों के कारण वातावरण में गर्माहट उत्पन्न होती है तथा भूमंडल की सतह का तापमान भी बढ़ता है।

वैश्विक उष्णता के कारण से विश्व में कई प्रकार की समस्याएं बढ़ रही हैं तथा भविष्य में अनेक नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। वैश्विक उष्णता के फलस्वरूप विश्व का तापक्रम बढ़ने से बर्फ पिघल रही है जिससे समुद्र के स्तर में वृद्धि हो रही है तथा पारिस्थितिक असन्तुलन उत्पन्न होने के कारण कई प्रजातियाँ विलुप्त होती जा रही हैं। अतः वैश्विक उष्णता के कारण भविष्य में पर्यावरण संकट बढ़ने की काफी संभावनाएँ हैं तथा विश्व के विभिन्न देश वैश्विक उष्णता को कम करने हेत प्रयासरत हैं।

प्रश्न 3. 
भारत में पर्यावरण की स्थिति पर एक लेख लिखिए।
उत्तर:
भारत की पर्यावरण स्थिति भारत प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से काफी सम्पन्न राष्ट्र है। भारत में उच्च गुणवत्ता वाली भूमि है, कई नदियाँ एवं उनकी सहायक नदियाँ हैं, कई खनिजों के विपुल भण्डार हैं, पहाड़ हैं, महासागर हैं तथा वनों के रूप में प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं। देश में दक्षिण के पठार की काली| मिट्टी कपास की खेती हेतु उपयुक्त है। अरब सागर से बगाल की खाड़ी के बीच गंगा का उपजाऊ मैदान है। भारत में अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक वातावरण में निवास करती है।

भारत में अनेक खनिज पदार्थों के काफी भण्डार हैं। अतः यह कहा जा सकता है कि भारत प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से एक सम्पन्न राष्ट्र है। भारत में बढ़ती जनसंख्या तथा औद्योगिकीकरण की प्रक्रिया के कारण प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव निरन्तर बढ़ता जा रहा है। अब भारत में प्राकृतिक संसाधनों की मांग निरन्तर बढ़ती जा रही है तथा पूर्ति निरन्तर कम होती जा रही है। इस कारण देश में पर्यावरण में असन्तुलन उत्पन्न हो गया तथा देश में पर्यावरण सम्बन्धी अनेक गंभीर समस्याएँ जैसे वायु प्रदूषण, दूषित जल, मृदा क्षरण, वन कटाव आदि बढ़ती जा रही हैं। 
भारत में पर्यावरण सम्बन्धी प्रमुख समस्याएँ निम्न प्रकार हैं:

  1. भूमि अपक्षय 
  2. जैविक विविधता की हानि
  3. शहरी क्षेत्रों में वाहन प्रदूषण के कारण वायु प्रदूषण
  4. ताजे पानी का प्रबन्ध 
  5. ठोस अपशिष्ट प्रबन्ध आदि।

भारतीय भू - भाग पर भी बढ़ती जनसंख्या के कारण निरन्तर दबाव बढ़ता जा रहा है तथा भारत में कई कारणों से भूमि अपक्षय बढ़ रहा है जिस कारण काफी हानि होती है।

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प्रश्न 4. 
भारत के 'प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड' पर एक लेख लिखिए।
उत्तर:
'प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड भारत में स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् पर्यावरण सम्बन्धी समस्याएँ बढ़ने लगीं। देश में विशेष रूप से जल प्रदूषण तथा वायु प्रदूषण में वृद्धि हो रही थी अतः सरकार ने इन समस्याओं से निपटने हेतु एक केन्द्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड (CPCB) की स्थापना वर्ष 1974 में की। इसके पश्चात् राज्य स्तर पर भी विभिन्न पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने हेतु प्रदूषण नियन्त्रण बोडौं की स्थापना की गई। ये बोर्ड जल, वायु और भूमि प्रदूषण से सम्बन्धित सूचनाओं का संकलन और वितरण करते हैं।

ये बोर्ड कचरे तथा व्यापार विकास एवं उत्सर्जन सम्बन्धी मानकों का निर्धारण करते हैं। ये बोर्ड विभिन्न सरकारों को जल प्रदूषण की रोकथाम, नियन्त्रण और कमी के लिए जल धाराओं द्वारा नदियों और कुओं की स्वच्छता के संवर्द्धन के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करते हैं। प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड जल तथा वायु से सम्बन्धित समस्याओं की जांच व अनुसंधान भी करते हैं तथा ऐसी जांच एवं अनुसंधान को प्रायोजित करते हैं। इसके लिए वे जनसाधारण के माध्यम से जन-जागरूकता कार्यक्रम भी संगठित करते हैं। प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड कचरे व व्यापारिक अपशिष्टों के निपटान और उपचार से सम्बन्धित नियमावली, संहिता और मार्गदर्शक सूचिका तैयार करते हैं। प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड जल प्रदूषण से सम्बन्धित तकनीकी और सांख्यिकी आंकड़ों का संकलन, संपादन और वितरण करते हैं।

प्रश्न 5. 
भारत में धारणीय विकास की रणनीतियों को स्पष्ट कीजिए।
अथवा 
धारणीय विकास क्या है? इसकी कोई चार| रणनीतियाँ समझाइए।
उत्तर:
धारणीय विकास: धारणीय विकास का तात्पर्य है कि अर्थव्यवस्था के विकास के साथ-साथ पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों को भी ध्यान में रखा जाए तथा धारणीय से विकास की सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इसमें भावी पीढ़ी की आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखा जाता है। दूसरे शब्दों में धारणीय विकास ऐसा विकास है जो कि भावी में पीढ़ियों को जीवन की संभावित औसत गुणवत्ता प्रदान करे, जो कम से कम वर्तमान पीढ़ी के द्वारा उपभोग की गई|f सुविधाओं के बराबर हो। धारणीय विकास में गरीबों के जीवन के भौतिक मानकों को ऊँचा उठाने पर बल दिया जाता है तथा उन्हें सभी बुनियादी आवश्यकताएँ उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाता है।

भारत में धारणीय विकास की रणनीतियाँ:
भारत में धारणीय विकास की रणनीतियों को निम्न 1 बिन्दुओं से स्पष्ट किया जा सकता है।
(1) ऊर्जा के गैर पारम्परिक स्रोतों का उपयोगभारत में ऊर्जा उत्पादन हेतु थर्मल तथा हाइड्रो पॉवर संयन्त्रों पर निर्भर रहना पड़ता है जिसका पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है क्योंकि इन स्रोतों से भूमि पर प्रदूषण बढ़ता है तथा ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन होता है। अतः भारत में गैर पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों के उपयोग पर बल दिया जा रहा है। भारत में विशेष रूप से सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है।

(2) ग्रामीण क्षेत्रों में एल.पी.जी. व गोबर गैस: ग्रामीण क्षेत्रों में लोग लकड़ी, उपले तथा अन्य जैविक पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं जिसका पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अतः इस प्रतिकूल प्रभाव को कम करने हेतु सरकार गांवों में रियायती दरों पर एल.पी.जी. गैसों का वितरण कर रही है तथा आसान ऋण एवं सहायिकी देकर गोबर गैस संयंत्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं, जिससे प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

(3) शहरी क्षेत्रों में उच्च दाब प्राकृतिक गैस (CNG): शहरों में प्रतिदिन वाहनों की संख्या बढ़ रही है तथा वायु प्रदूषण में भी तीव्र गति से वृद्धि हो रही है अत: सरकार ने शहरों में वायु प्रदूषण को कम करने हेतु उच्च दाब प्राकृतिक गैस (CNG) के प्रयोग को बढ़ावा दिया है।

(4) वायु शक्ति: देश में विभिन्न क्षेत्रों में जहाँ हवा में तेजी होती है वहाँ पर पवन चक्की के माध्यम से बिजली प्राप्त की जा रही है इस प्रकार प्राप्त बिजली से पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।

(5) फोटोवोल्टीय सेल द्वारा सौर शक्ति: भारत में सौर ऊर्जा को भी बढ़ावा दिया जा रहा है क्योंकि इससे पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। भारत में अब फोटोवोल्टीय सेलों की सहायता से सौर ऊर्जा को विद्युत में परिवर्तित किया जा सकता है। ये सेल सौर ऊर्जा को एक |विशिष्ट प्रकार के उपकरण से पकड़ते हैं तथा फिर ऊर्जा को बिजली में बदल देते हैं। इस पद्धति से किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं फैलता है।

(6) लघु जलीय प्लांट: देश में पहाड़ी इलाकों में कई झरने बहते हैं अतः अब इन झरनों पर मिनिहाइडल प्लांट लगाए जा रहे हैं जिनसे छोटी टरबाइन चलाई जाती है तथा इस टरबाइन से बिजली का उत्पादन होता है तथा जिसका प्रयोग स्थायी स्तर पर किया जा सकता है। इस प्रकार के ऊर्जा उत्पादन से पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।


(7) पारम्परिक ज्ञान व व्यवहार: प्राचीन समय में विभिन्न आर्थिक कार्य परम्परागत प्रणालियों से किए जाते थे किन्तु वर्तमान में हम परम्परागत ज्ञान पर आधारित प्रणालियों को छोड़ रहे हैं जो प्राय: पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते हैं। अतः अब भारत में पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को कम करने हेतु पारम्परिक ज्ञान तथा व्यवहार पर अधिक बल दिया जा रहा है।

(8) जैविक कम्पोस्ट खाद: विगत कुछ वर्षों से कृषि में रासायनिक खाद का प्रयोग अत्यधिक बढ़ गया है, इसका पर्यावरण तथा भूमि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अब इन प्रतिकूल प्रभावों से बचने के लिए जैविक कम्पोस्ट - खाद का प्रयोग बढ़ रहा है। जैविक कम्पोस्ट खाद का - पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता।

(9) जैविक कीट नियन्त्रण: देश में विगत वर्षों में रासायनिक कीटनाशकों का अत्यधिक प्रयोग किया गया है जिससे पर्यावरण तथा भूमि पर अनेक प्रतिकूल प्रभाव पड़े हैं। अतः देश में इन प्रतिकूल प्रभावों से बचने का एक उपाय जैविक कीट नियन्त्रण है। इसमें रासायनिक कीटनाशकों - के स्थान पर जैविक कीट नियंत्रकों का प्रयोग किया जाता

Prasanna
Last Updated on Jan. 2, 2024, 9:16 a.m.
Published July 15, 2022