Rajasthan Board RBSE Class 11 Economics Important Questions Chapter 8 आधारिक संरचना Important Questions and Answers.
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वस्तुनिष्ठ प्रश्न:
प्रश्न 1.
आर्थिक आधारिक संरचना में शामिल किया जाता है।
(अ) ऊर्जा
(ब) परिवहन
(स) संचार
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 2.
सामाजिक आधारिक संरचना में निम्न में से किसे सम्मिलित किया जाता है।
(अ) शिक्षा
(ब) स्वास्थ्य
(स) आवास
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 3.
ऊर्जा के व्यावसायिक स्रोत में सम्मिलित हैं।
(अ) कोयला
(ब) पैट्रोल
(स) बिजली
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 4.
ऊर्जा के गैर-व्यावसायिक स्रोतों में निम्न में से किसे सम्मिलित किया जाता है।
(अ) जलाऊ लकड़ी
(ब) कृषि का कूड़ा-कचरा
(स) सूखा गोबर
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 5.
ऊर्जा के गैर-पारम्परिक स्रोतों में शामिल किया जाता।
(अ) सौर ऊर्जा
(ब) पवन ऊर्जा
(स) ज्वार ऊर्जा
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(अ) सौर ऊर्जा
प्रश्न 6.
व्यावसायिक ऊर्जा के कुल उपभोग में सर्वाधिक अंश किस स्रोत का है।
(अ) कोयला
(ब) तेल
(स) प्राकृतिक गैस
(द) जल ऊर्जा।
उत्तर:
(स) प्राकृतिक गैस
प्रश्न 7.
वर्तमान में व्यावसायिक ऊर्जा का सर्वाधिक उपयोग किस क्षेत्रक में किया जाता है।
(अ) परिवार
(ब) कृषि
(स) उद्योग
(द) परिवहन।
उत्तर:
(द) परिवहन।
प्रश्न 8.
भारत में निम्न में से कौनसी चिकित्सा प्रणाली है।
(अ) आयुर्वेद
(ब) यूनानी
(स) होम्योपैथी
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी।
रिक्त स्थान वाले प्रश्ननीचे दिए गए वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:
प्रश्न 1.
ऊर्जा, परिवहन, संचार आदि ................आधारिक संरचना श्रेणी में आते हैं।
उत्तर:
आर्थिक
प्रश्न 2.
भारत आधारिक संरचना पर अपने सकल घरेलू उत्पाद का मात्र ............. प्रतिशत निवेश करता है।
उत्तर:
34
प्रश्न 3.
भारत में ऊर्जा के कुल उपभोग का .............. व्यावसायिक ऊर्जा से पूरा होता है।
उत्तर:
74 प्रतिशत
प्रश्न 4.
2014 - 15 में...........क्षेत्रक व्यावसायिक ऊर्जा का सबसे बड़ा उपभोक्ता था।
उत्तर:
उयोग
प्रश्न 5.
भारत में...........प्रतिशत से अधिक अस्पतालों का संचालन निजी क्षेत्रक कर रहा है।
उत्तर:
70
प्रश्न 6.
भारतीय चिकित्सा प्रणाली की...........व्यवस्थाएँ हैं।
उत्तर:
6
सत्य / असत्य वाले प्रश्ननीचे दिए गए कथनों में सत्य / असत्य कथन छाँटिए:
प्रश्न 1.
शिक्षा, स्वास्थ्य व आवास सामाजिक आधारिक संरचना की श्रेणी में आते हैं।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
ऊर्जा के व्यावसायिक स्रोतों में कोयला, पैट्रोल और बिजली आते हैं।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 3.
1953 - 54 में परिवार क्षेत्रक व्यावसायिक ऊर्जा का सबसे बड़ा उपभोक्ता था।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 4.
एल.ई.डी. बल्ब ताप्तदीप्त बल्बों की केवल 10 प्रतिशत तथा सी.एफ.एल. बल्बों से काफी ऊर्जा का प्रयोग करती है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 5.
भारत में विश्व की कुल जनसंख्या का लगभग 26 प्रतिशत निवास करता है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 6.
भारत में 2015-17 में शिशु मृत्यु दर 46 प्रति हजार थी।
उत्तर:
असत्य।
मिलान करने वाले प्रश्न निम्न को सुमेलित कीजिए:
प्रश्न 1.
1. 2010 - 12 में सकल घरलूू उत्पाद संवृद्धि दर |
(अ) 48 प्रतिशत |
2. 2010 - 12 में रोजगार संवृद्धि दर |
(ब) 26.8 प्रतिशत |
3. 2011 - 12 में प्राथमिक क्षेत्र में श्रमबल |
(स) 7.8 प्रतिशत |
4. 2011 - 12 में द्वितीयक क्षेत्रक में श्रमबल |
(द) 1.12 प्रतिशत |
5. 2011 - 12 में सेवा क्षेत्रक में श्रमबल |
(य) 38.6 प्रतिशत |
6. 2011 - 12 में कार्यरत जनसंख्या अनुपात |
(र) 24.3 प्रतिशत |
उत्तर:
1. 2010 - 12 में सकल घरलूू उत्पाद संवृद्धि दर |
(स) 7.8 प्रतिशत |
2. 2010 - 12 में रोजगार संवृद्धि दर |
(द) 1.12 प्रतिशत |
3. 2011 - 12 में प्राथमिक क्षेत्र में श्रमबल |
(य) 38.6 प्रतिशत |
4. 2011 - 12 में द्वितीयक क्षेत्रक में श्रमबल |
(अ) 48 प्रतिशत |
5. 2011 - 12 में सेवा क्षेत्रक में श्रमबल |
(ब) 26.8 प्रतिशत |
6. 2011 - 12 में कार्यरत जनसंख्या अनुपात |
(र) 24.3 प्रतिशत |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
GDB (जी.डी.बी.) का पूरा नाम बताओ।
उत्तर:
GDB का तात्पर्य 'विश्व रोग भार' से है।
प्रश्न 2.
भारत में औद्योगिक दृष्टि से सम्पन्न किन्हीं दो राज्यों का नाम बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 3.
भारत में आधारिक संरचना के विकास हेतु कोई एक सुझाव दीजिए।
उत्तर:
देश में आधारिक संरचना के विकास हेतु निवेश में वृद्धि करनी होगी।
प्रश्न 4.
ऊर्जा के गैर व्यावसायिक स्रोतों की एक विशेषता बताइए।
उत्तर:
ऊर्जा के गैर व्यावसायिक स्रोतों का पुनर्नवीनीकरण हो सकता है।
प्रश्न 5.
उष्ण प्रदेश होने के कारण भारत में किस
उत्तर:
उष्ण प्रदेश होने के कारण भारत में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा एवं ज्वार ऊर्जा उत्पादन की असीमित संभावनाएँ।
प्रश्न 6.
जीवाश्म ईंधन का कोई एक दोष बताइए।
उत्तर:
जीवाश्म ईंधन से कार्बन उत्सर्जन होता है।
प्रश्न 7.
भारत में आधारिक संरचना पर सकल घरेलू क उत्पाद का कितना प्रतिशत व्यय किया जाता है?
उत्तर:
लगभग 34 प्रतिशत।
प्रश्न 8.
आधारिक संरचना को कितने भागों में विभाजित किया जा सकता है?
उत्तर:
आधारिक संरचना को दो भागों में विभाजित अ किया जा सकता है-आर्थिक आधारिक संरचना तथा सामाजिक आधारिक संरचना।
प्रश्न 9.
आर्थिक आधारिक संरचना में शामिल किन्हीं दो मदों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 10.
सामाजिक आधारिक संरचना में शामिल कोई दो मदों का नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 11.
आधारिक संरचना विकास का कोई एक महत्त्व बताइए।
उत्तर:
आधारिक संरचना विकास से देश के कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्र का विकास होता है।
प्रश्न 12.
भारत स्वास्थ्य पर सकल घरेलू उत्पाद का कितने प्रतिशत व्यय करता है?
उत्तर:
भारत स्वास्थ्य पर सकल घरेलू उत्पाद का. लगभग 4.7 प्रतिशत व्यय करता है।
प्रश्न 13.
कोई अर्थव्यवस्था जैसे-जैसे विकसित होती जाती है, किस क्षेत्रक की हिस्सेदारी कम होती जाती है?
उत्तर:
किसी अर्थव्यवस्था में विकास के साथ-साथ कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी कम होती चली जाती है।
प्रश्न 14.
ऊर्जा के किन्हीं दो व्यावसायिक स्रोतों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 15.
ऊर्जा के किन्हीं दो गैर-व्यावसायिक स्रोतों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 16.
ऊर्जा के पारम्परिक स्रोत कौनसे हैं?
उत्तर:
ऊर्जा के व्यावसायिक एवं गैर-व्यावसायिक स्रोत ही ऊर्जा के पारम्परिक स्रोत हैं।
प्रश्न 17.
भारत में विद्युत क्षेत्र की कोई दो समस्याएँ बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 18.
भारत में विद्युत क्षेत्र की समस्या के समाधान हेतु एक सुझाव दीजिए।
उत्तर:
हमें विद्युत बोर्डों की कार्यकुशलता में वृद्धि करनी चाहिए।
प्रश्न 19.
ऊर्जा के कोई दो गैर-परम्परागत स्रोतों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 20.
भारत में व्यावसायिक ऊर्जा का सर्वाधिक अंश किस स्रोत द्वारा पूरा किया जाता है?
उत्तर:
भारत में व्यावसायिक ऊर्जा का सर्वाधिक अंश कोयले द्वारा पूरा होता है।
प्रश्न 21.
भारत में व्यावसायिक ऊर्जा का सर्वाधिक अंश किस क्षेत्र में उपभोग किया जाता है?
उत्तर:
भारत में व्यावसायिक ऊर्जा का सर्वाधिक अंश उद्योग क्षेत्र में उपभोग किया जाता है।
प्रश्न 22.
भारत में ऊर्जा उत्पादन में परमाणु ऊर्जा का अंश कम होने का कोई एक कारण बताइए।
उत्तर:
परमाणु ऊर्जा उत्पादन की लागत काफी ऊँची आती है।
प्रश्न 23.
स्वास्थ्य आधारिक संरचना के कोई दो घटक बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 24.
देश में स्वास्थ्य आधारिक संरचना की कोई एक कमी बताइए।
उत्तर:
देश में मांग को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं की काफी कमी है।
प्रश्न 25.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड ब्यूरो साइंस कहाँ स्थित है?
उत्तर:
बंगलौर।
प्रश्न 26.
ऑल इण्डिया इंस्टीट्यूट ऑफ हाइजीन एंड पब्लिक हेल्थ कहाँ स्थित है?
उत्तर:
कोलकाता।
प्रश्न 27.
भारत में कुल विद्युत उत्पादन में सर्वाधिक उत्पादन किस स्रोत द्वारा किया जाता है?
उत्तर:
भारत में कुल विद्युत उत्पादन का सर्वाधिक अंश तापीय स्रोत द्वारा उत्पादित किया जाता है।
प्रश्न 28.
भारत में विद्युत क्षेत्र के सम्मुख कोई एक चुनौती बताइए।
उत्तर:
भारत में विद्युत की माँग बहुत अधिक है जबकि विद्युत उत्पादन क्षमता काफी कम है।
प्रश्न 29.
लोगों के स्वास्थ्य को निर्धारित करने वाले किन्हीं दो सूचकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 30.
भारतीय चिकित्सा प्रणाली की प्रमुख व्यवस्थाएं कौन-कौनसी हैं?
उत्तर:
भारतीय चिकित्सा प्रणाली में 6 व्यवस्थाएंआयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, प्राकृतिक चिकित्सा और होम्योपैथी हैं।
प्रश्न 31.
भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार हेतु: कोई एक सुझाव दीजिए।
उत्तर:
भारत में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में तीव्र विस्तार: किया जाना चाहिए।
प्रश्न 32.
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य आधारिक संरचना - की कोई दो कमियाँ बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 33.
ऊर्जा के व्यावसायिक एवं गैर व्यावसायिक स्रोतों में कोई एक अन्तर बताइए।
उत्तर:
ऊर्जा के व्यावसायिक स्रोतों का पुनर्नवीकरण नहीं किया जा सकता है जबकि गैर व्यावसायिक स्रोतों का पुनर्नवीनीकरण संभव है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
आधारिक संरचना में मुख्य रूप से किनकिन सेवाओं को शामिल करते हैं?
उत्तर:
देश की आधारिक संरचना में कई आर्थिक एवं सामाजिक सेवाओं को सम्मिलित किया जाता है। इन सेवाओं में सड़क, रेल, बन्दरगाह, हवाई अड्डे, बांध, बिजली घर, तेल व गैस, पाइपलाइन, दूरसंचार सुविधाएँ, स्कूल-कॉलेज सहित देश की शैक्षिक व्यवस्था, अस्पताल व स्वास्थ्य व्यवस्था, सफाई, पेयजल, बैंक, बीमा एवं अन्य वित्तीय संस्थाएं तथा मुद्रा प्रणाली को शामिल किया जाता है।
प्रश्न 2.
ऊर्जा के व्यावसायिक एवं गैर-व्यावसायिक स्रोतों में उदाहरण सहित अन्तर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
ऊर्जा के व्यावसायिक एवं गैर व्यावसायिक स्रोतों में तीन अन्तर बताइये।
उत्तर:
प्रश्न 3.
भारतीय अर्थव्यवस्था में ऊर्जा के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में ऊर्जा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। देश में उद्योगों के विकास में ऊर्जा अनिवार्य है क्योंकि बिना ऊर्जा औद्योगिक उत्पादन सम्भव नहीं तथा आधुनिक तकनीकों के कारण ऊर्जा का उपयोग निरन्तर बढ़ता जा रहा है। कृषि क्षेत्र का विकास भी ऊर्जा पर निर्भर करता है क्योंकि कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों में खाद, कीटनाशक, कृषि उपकरणों के उत्पादन तथा परिवहन सुविधाओं में ऊर्जा का ही उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त घरेलू उपयोग में भी ऊर्जा का भारी उपभोग किया जाता है। वर्तमान में वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन ऊर्जा के बिना सम्भव नहीं है।
प्रश्न 4.
भारत में व्यावसायिक ऊर्जा की उपभोग पद्धति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारत में वर्तमान में ऊर्जा के कुल उपयोग का 74 प्रतिशत व्यावसायिक ऊर्जा के द्वारा पूरा किया जाता है तथा 26 प्रतिशत ऊर्जा का उपभोग गैर-व्यावसायिक ऊर्जा के द्वारा पूरा किया जाता है। भारत में व्यावसायिक ऊर्जा के क अन्तर्गत 54 प्रतिशत अंश कोयले के द्वारा पूरा किया जाता है। इसके अतिरिक्त 32 प्रतिशत अंश तेल द्वारा, 10 प्रतिशत - अंश प्राकृतिक गैस के द्वारा तथा 2 प्रतिशत अंश जल ऊर्जा र द्वारा पूरा किया जाता है।
प्रश्न 5.
भारत में ऊर्जा के गैर - पारम्परिक स्रोतों को 5, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में व्यावसायिक तथा गैर - व्यावसायिक ऊर्जा स्रोतों को परम्परागत ऊर्जा स्रोतों में शामिल किया जाता है। इसके अतिरिक्त ऊर्जा के स्रोतों को गैर - परम्परागत ऊर्जा स्रोतों में शामिल किया जाता है। भारत में ऊर्जा के तीन प्रमुख गैर - परम्परागत स्रोत हैं, ये हैं - सौर ऊर्जा, पवन नों ऊर्जा तथा ज्वार ऊर्जा। भारतीय अर्थव्यवस्था एक उष्ण अर्थव्यवस्था है अत: भारत में गैर-परम्परागत ऊर्जा उत्पादन ग की काफी अधिक सम्भावनाएं हैं।
प्रश्न 6.
भारत में ऊर्जा उत्पादन के विभिन्न स्रोतों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में विभिन्न स्रोतों द्वारा ऊर्जा का उत्पादन का किया जाता है। भारत में वर्ष 2016 में कुल ऊर्जा उत्पादन का लगभग 67 प्रतिशत भाग तापीय स्रोतों द्वारा उत्पादित ल किया गया। भारत में बिजली उत्पादन के अन्य स्रोत जल -तथा वायु एवं परमाणु हैं। 2016 में जल स्रोतों का अंश 13.60 प्रतिशत, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का अंश 17.30 प्रतिशत तथा परमाणु स्रोतों का अंश 2.10 प्रतिशत रहा। देश की ऊर्जा नीति में जल तथा वायु स्रोतों को काफी प्रोत्साहन दिया गया है क्योंकि इन स्रोतों से कार्बन उत्सर्जन नहीं होता है। इसके अतिरिक्त परमाणु ऊर्जा से भी पर्यावरण सम्बन्धी फायदा होता है। अतः भारत में अनेक स्रोतों से ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है।
प्रश्न 7.
स्वास्थ्य का देश के आर्थिक विकास में क्या महत्त्व है?
उत्तर:
स्वास्थ्य एक महत्त्वपूर्ण आधारभूत संरचना है। स्वास्थ्य का तात्पर्य केवल बीमारियों के न होने से ही नहीं है बल्कि लोगों की कार्यक्षमता प्राप्त करने की योग्यता से है। किसी भी देश के आर्थिक विकास में स्वास्थ्य सुविधाओं का महत्त्वपूर्ण योगदान रहता है। यदि देश में अधिक स्वास्थ्य सुविधाएँ होंगी तो लोग अधिक स्वस्थ रहेंगे तथा वे अधिक कुशल एवं उत्पादक होंगे। इससे देश के उत्पादन में वृद्धि होगी तथा देश के आर्थिक विकास में सहायता मिलेगी।
प्रश्न 8.
सामाजिक तथा आर्थिक आधारिक संरचना की पारस्परिक निर्भरता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सामाजिक तथा आर्थिक आधारिक संरचना परस्पर एक-दूसरे पर निर्भर हैं, इसमें एक के बिना दूसरे का विकास सम्भव नहीं है। किसी भी देश का आर्थिक विकास तथा आर्थिक आधारिक संरचना का विकास शिक्षा, स्वास्थ्य आदि पर निर्भर करता है। यदि देश की जनसंख्या स्वस्थ एवं शिक्षित है तो वह आर्थिक आधारित संरचना के विकास में अधिक योगदान देगी। इसी प्रकार देश की सामाजिक आधारिक संरचना जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएँ आदि के विकास हेतु देश की आर्थिक आधारिक संरचना सुदृढ़ होनी चाहिए। अत: सामाजिक तथा आर्थिक आधारिक संरचना एक-दूसरे पर निर्भर हैं।
प्रश्न 9.
किसी अर्थव्यवस्था में आधारिक संरचना की प्रासंगिकता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किसी भी अर्थव्यवस्था की कार्यकुशलता एवं उसका विकास देश की आधारिक संरचना पर निर्भर करता है। देश की कृषि भी आधुनिक आगतों की उपलब्धता एवं परिवहन व्यवस्था पर निर्भर करती है। वर्तमान में कृषि में बैंकिंग एवं बीमा सुविधाओं का भी विशेष महत्त्व है। आधारिक संरचना देश में उत्पादन के तत्वों की उत्पादकता में वृद्धि करती है तथा लोगों के जीवन-स्तर की गुणवत्ता में सुधार करती है। देश में लोगों के स्वास्थ्य हेतु स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था सुदृढ़ होनी चाहिए। औद्योगिक विकास में भी आधारिक संरचना का महत्त्वपूर्ण योगदान है।
प्रश्न 10.
भारत में विद्युत क्षेत्रक की प्रमुख चुनौतियों को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
भारत में विद्युत क्षेत्र की प्रमुख समस्याएँ क्या हैं?
उत्तर:
भारत में विद्युत क्षेत्रक के सम्मुख अनेक चुनौतियाँ हैं। भारत में विद्युत का कुशलता से उपयोग नहीं किया जाता है। भारत की वर्तमान विद्युत उत्पादन क्षमता देश के आर्थिक विकास एवं संवृद्धि हेतु अपर्याप्त है। राज्य विद्युत बोर्ड जो विद्युत वितरित करते हैं उसमें काफी हानि होती है। विद्युत के क्षेत्र में निजी क्षेत्रक की भूमिका बहुत कम है। भारत में विभिन्न भागों में बिजली की ऊँची दरें तथा लम्बे समय तक बिजली की कटौती से लोगों में काफी असन्तोष है। देश में ऊर्जा की माँग में भी तीव्र गति से वृद्धि हो रही है तथा माँग पूर्ति से बहुत अधिक है।
प्रश्न 11.
व्यावसायिक ऊर्जा के क्षेत्रवार उपभोग की स्थिति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में व्यावसायिक ऊर्जा का उपभोग परिवार, कृषि, उद्योग, परिवहन तथा अन्य क्षेत्रों में किया जाता है। व्यावसायिक ऊर्जा के क्षेत्रवार उपभोग को निम्न तालिका द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है।
प्रश्न 12.
क्या भारत में स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् में विभिन्न क्षेत्रकों में ऊर्जा के उपभोग में परिवर्तन आया कृषि
उत्तर:
यह सत्य है कि भारत में स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् विभिन्न क्षेत्रों में व्यावसायिक ऊर्जा के उपभोग में न्य परिवर्तन आया है। भारत में कृषि क्षेत्र में व्यावसायिक ऊर्जा के उपभोग में वृद्धि हुई है। वर्ष 1953-54 में केवल 1 प्रतिशत व्यावसायिक ऊर्जा का उपभोग कृषि क्षेत्र में किया जाता था वह बढ़कर वर्ष 2014-15 में 18 प्रतिशत हो गया। देश में परिवहन क्षेत्र में ऊर्जा के उपभोग में काफी कमी आई है, वर्ष 1953-54 में 44 प्रतिशत व्यावसायिक ऊर्जा का उपभोग परिवहन क्षेत्र में किया जाता था वह कम होकर 2014-15 में 02 प्रतिशत हो गया। देश में उद्योग एवं परिवार क्षेत्र में व्यावसायिक ऊर्जा का उपभोग लगभग स्थिर रहा है। वर्ष 1953-54 में 40 प्रतिशत ऊर्जा का उपभोग उद्योग क्षेत्र में किया जाता था वह वर्ष 2014-15 में 44 प्रतिशत के स्तर पर रहा।
प्रश्न 13.
भारत में विद्युत क्षेत्र की किन्हीं दो समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 14.
भारत में जनता की स्वास्थ्य सम्बन्धी किन्हीं तीन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 15.
भारत में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की किन्हीं तीन कमियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 16.
सार्वजनिक स्वास्थ्य से आप क्या समझते
उत्तर:
सार्वजनिक स्वास्थ्य का तात्पर्य सरकारी क्षेत्रक अथवा सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं से है। इसके अन्तर्गत सरकार, स्वास्थ्य आधारिक संरचना जैसे अस्पताल, डॉक्टर, नर्सिंग कर्मचारी, चिकित्सा उपकरण, दवाइयों, जाँच सुविधाओं इत्यादि का विकास एवं विस्तार करती है। सरकार पर यह संवैधानिक जिम्मेदारी है कि वह स्वास्थ्य, शिक्षा, भोजन में मिलावट, दवाइयाँ तथा जहरीले पदार्थ, चिकित्सा व्यवसाय, जन्म-मृत्यु सम्बन्धी आँकडे. मानसिक अक्षमता जैसे मुद्दों को निर्देशित एवं नियन्त्रित करे। यह सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य के अन्तर्गत आता है।
प्रश्न 17.
क्या भारत में स्वास्थ्य आधारिक संरचना पर निजी क्षेत्र का वर्चस्व है?
उत्तर:
हाँ, यह सत्य है कि भारत में स्वास्थ्य आधारिक संरचना पर निजी क्षेत्र का वर्चस्व है। वर्तमान में भारत में लगभग 70 प्रतिशत से अधिक अस्पतालों का संचालन निजी क्षेत्र में ही किया जा रहा है तथा लगभग 60 प्रतिशत दवाखाने निजी क्षेत्र के उद्यमियों के द्वारा चलाए जा रहे हैं। देश में उपलब्ध बिस्तरों का लगभग 2/5 भाग निजी क्षेत्र के अस्पतालों में है। भारत में लगभग 80 प्रतिशत बहिर्रागियों - तथा लगभग 46 प्रतिशत अंतः रोगियों का उपचार निजी क्षेत्र के अस्पतालों में किया जाता है। अत: उपर्युक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि भारत में स्वास्थ्य आधारिक संरचना में निजी क्षेत्र का वर्चस्व है।
प्रश्न 18.
भारत में ऊर्जा संकट को कम करने हेतु न कोई तीन सुझाव दीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 19.
भारत में स्वास्थ्य आधारिक संरचना के विकास हेतु कोई तीन सुझाव दीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 20.
भारत में ऊर्जा के गैर परम्परागत स्रोतों के कोई तीन लाभ बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 21.
भारत में स्वास्थ्य आधारिक संरचना के प्राथमिक स्तर व्यवस्था का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत में स्वास्थ्य आधारिक संरचना तथा स्वास्थ्य सुविधाओं की तीन स्तरीय व्यवस्था है प्राथमिक, द्वितीयक तथा तृतीयक। देश में प्राथमिक स्तर सुविधाओं में प्रचलित स्वास्थ्य समस्याओं का ज्ञान तथा उन्हें पहचानने, रोकने तथा नियन्त्रित करने की विधि, खाद्य पूर्ति तथा उचित पोषण, जल की पर्याप्त पूर्ति तथा मूलभूत स्वच्छता, शिशु एवं मातृत्व देखभाल, प्रमुख संक्रामक बीमारियों और चोटों से प्रतिरोध, मानसिक स्वास्थ्य का संवर्धन और आवश्यक दवाओं का प्रावधान शामिल हैं। देश में प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने हेतु गाँवों एवं छोटे कस्बों में छोटे अस्पताल बनाए जाते हैं, जिन्हें प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र, सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र तथा उपकेन्द्रों के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 22.
क्या भारत में आर्थिक विकास के साथसाथ आधारिक संरचना का विकास करना होगा?
उत्तर:
यह सत्य है कि भारत में आर्थिक विकास के साथ - साथ आधारिक संरचना का भी विकास एवं विस्तार करना होगा। किसी भी देश में आय में वृद्धि के साथ-साथ आधारिक संरचना के गठन में भी महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आते हैं। अल्प आय वाले देशों के लिए सिंचाई, परिवहन और बिजली जैसी बुनियादी आधारिक संरचना सेवाएँ अधिक महत्त्वपूर्ण हैं। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था परिपक्व होती है और उनकी बुनियादी उपयोग योग्य मांगों की पूर्ति होती है, वैसे-वैसे अर्थव्यवस्था में कृषि की हिस्सेदारी कम होती जाती है और सेवा से सम्बन्धित आधारिक संरचना की आवश्यकता पड़ती है। अत: आधारिक संरचना का विकास एवं आर्थिक विकास साथ-साथ होते हैं अतः भारत में आर्थिक विकास के साथ-साथ आधारिक संरचना का भी विकास करना होगा।
प्रश्न 23.
भारत में गैर-परम्परागत ऊर्जा के प्रयोग का कोई उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
भारत में महाराष्ट्र के थाणे शहर ने गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोत का प्रयोग कर पर्यावरण मित्र शहर के रूप में अपनी पहचान बनाई है। सौर ऊर्जा जिसे कभी असम्भव माना जाता था, के बड़े पैमाने के उपयोग के द्वारा वहाँ वास्तविक लाभ मिले हैं तथा लागत और ऊर्जा की बचत हुई है। इसका प्रयोग पानी गरम करने, विद्युतचालित यातायात प्रकाश व्यवस्था और विज्ञापन होर्डिंगों को प्रकाशमान करने के लिए किया जाता है। थाणे नगरपालिका का इस अद्वितीय प्रयोग में अग्रणी स्थान है। शहर में सभी इमारतों के लिए सौर्य जल तापन पद्धति को स्थापित करना अनिवार्य कर दिया गया है।
प्रश्न 24.
स्वास्थ्य से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
स्वास्थ्य से हमारा अभिप्राय केवल बीमारियों के न होने से ही नहीं है, बल्कि यह अपनी कार्यक्षमता प्राप्त करने की योग्यता भी है। स्वास्थ्य राष्ट्र की समग्र संवृद्धि और विकास से जुड़ी एक पूर्ण प्रक्रिया है। किसी भी राष्ट्र की स्वास्थ्य दशा की माप को किसी एक इकाई के रूप में परिभाषित करना कठिन है। आमतौर पर स्वास्थ्य का निर्धारण शिशु मृत्यु-दर और मातृत्व मृत्यु-दर, जीवन प्रत्याशा और पोषण स्तर के साथ-साथ संक्रामक और -असंक्रामक रोगों की घटनाओं जैसे सूचकों द्वारा किया जाता
प्रश्न 25.
भारत में चिकित्सा पर्यटन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारत में चिकित्सा पर्यटन का निरन्तर विकास हो रहा है क्योंकि भारत की स्वास्थ्य सेवाओं में आधुनिकतम चिकित्सा प्रौद्योगिकी है, हमारे पास योग्य डॉक्टर हैं तथा विदेशियों को उनके देश में ऐसी चिकित्सा के लिए लगने चाली कीमत की अपेक्षा हमारे यहाँ चिकित्सा सेवाएँ काफी सस्ती हैं। वर्ष 2016 में 2,01,000 लाख से भी अधिक पर्यटक चिकित्सा के लिए भारत आए तथा इस संख्या में पतिवर्ष 15 प्रतिशत की वृद्धि होने की सम्भावना है। विशेषज्ञों के अनुसार 2020 तक भारत मेडिकल पर्यटन से 500 अरब रूपयों से अधिक की आय अर्जित कर सकता है।
प्रश्न 26.
चिकित्सा की भारतीय प्रणालियों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
चिकित्सा की भारतीय प्रणाली में छ; व्यवस्थाएँ -आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, प्राकृतिक चिकित्सा तथा होम्योपैथी। इनके अंग्रेजी नामों के अनुसार भारतीय प्रणाली को आयुष भी कहते हैं। भारत में 2017 में चिकित्सा की भारतीय प्रणाली के 51,300 अस्पताल एवं दवाखाने और 10.4 लाख पंजीकृत चिकित्सक थे। लेकिन चिकित्सा की भारतीय प्रणाली में शैक्षिक मानकीकरण या अनुसन्धान को प्रोत्साहित करने के लिए किसी प्रकार की रूपरेखा बनाने हेतु कुछ नहीं किया गया है। चिकित्सा की भारतीय प्रणालियों में काफी सम्भावनाएँ हैं और वे हमारे स्वास्थ्य की देखभाल की अनेक समस्याओं का निराकरण कर सकती हैं क्योंकि ये प्रभावी, सुरक्षित एवं सस्ती हैं।
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
आधारिक संरचना से आप क्या समझते हैं? अर्थव्यवस्था में आधारिक संरचना की प्रासंगिकता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आधारिक संरचना: आधारिक संरचना वह संरचना है जो अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के विकास में सहायक होती है। किसी देश की आधारिक संरचना में सड़क, रेल, बन्दरगाह, हवाई अड्डे, बाँध, बिजली-घर, तेल व गैस, पाइपलाइन, दूरसंचार, शैक्षणिक व्यवस्था, अस्पताल व स्वास्थ्य व्यवस्था, सफाई, पेजयल, बैंकिंग व्यवस्था, बीमा, विभिन्न वित्तीय संस्थाएँ एवं मुद्रा प्रणाली आदि को शामिल किया जाता आधारिक संरचना को हम दो भागों में विभाजित कर सकते हैं-आर्थिक आधारिक संरचना एवं सामाजिक आधारिक संरचना। आर्थिक आधारिक संरचना में ऊर्जा, परिवहन, संचार आदि को सम्मिलित किया जाता है जबकि सामाजिक आधारिक संरचना में देश की शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास व्यवस्था आदि सम्मिलित होती हैं। आधारिक संरचना की प्रासंगिकता आधारिक संरचना का किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान होता है।
आधारिक संरचना से किसी भी अर्थव्यवस्था की कार्यकुशलता एवं उत्पादकता में वृद्धि होती है। एक देश की आधारिक संरचना उस देश के आर्थिक विकास के तत्त्वों की उत्पादकता में वृद्धि करके तथा उसकी जनता के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करके अपना योगदान करती है। यदि देश में परिवहन, संचार तथा बीमा एवं बैंकिंग सुविधाएँ पर्याप्त मात्रा में हैं तो देश के कृषि क्षेत्र का तीव्र गति से विकास होगा क्योंकि कृषि आगतों की उपलब्धता काफी आसान हो जाएगी। देश का औद्योगिक विकास भी मुख्य रूप से देश की आधारिक संरचना पर ही निर्भर करता है। देश की आधारिक संरचना सुदृढ़ होने से देश के औद्योगिक एवं सेवा क्षेत्र का विकास तीव्र गति से होता है। इसके अतिरिक्त यदि देश की जनसंख्या शिक्षित एवं स्वस्थ है तो वह अधिक कार्यकुशल एवं उत्पादक होगी जिसके फलस्वरूप देश के उत्पादन में तीन गति से वृद्धि होती है।
प्रश्न 2.
ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ऊर्जा के विभिन्न स्रोत: ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों को मुख्य रूप से दो भागों में बाँटा जा सकता है।
(1) परम्परागत स्रोत: ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों में व्यावसायिक स्रोतों एवं गैर-व्यावसायिक स्रोतों को शामिल किया जाता है।
(i) व्यावसायिक स्रोत: ऊर्जा के व्यावसायिक स्रोत के अन्तर्गत उन स्रोतों को शामिल किया जाता है जिनका उपयोग व्यावसायिक स्तर पर किया जाता है। ऊर्जा के - व्यावसायिक स्रोतों में कोयला, पैट्रोल, बिजली आदि को शामिल किया जाता है क्योंकि इन्हें खरीदा-बेचा जा सकता है तथा इनका उपयोग व्यावसायिक स्तर पर किया जाता है। नये स्रोत उपयोग करने के पश्चात् समाप्त हो जाते हैं अर्थात् - इनका पुनर्नवीनीकरण नहीं हो सकता।
(ii) गैर - व्यावसायिक स्रोत: ऊर्जा के गैरव्यावसायिक स्रोतों के अन्तर्गत उन स्रोतों को शामिल किया जाता है जिनका उपयोग घरेलू स्तर पर किया जाता है जिनका उपयोग घरेलू स्तर पर किया जाता है। ऊर्जा के गैर-व्यावसायिक स्रोतों में मुख्य रूप से जलाऊ लकड़ी, कृषि का कूड़ा-कचरा, सूखा गोबर आदि सम्मिलित किया जाता है। ऊर्जा के गैर - व्यावसायिक स्रोतों का पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है।
(2) गैर - परम्परागत स्त्रोत: ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों न के अतिरिक्त अन्य स्रोतों को गैर-परम्परागत स्रोतों में शामिल की किया जाता है। भारत में ऊर्जा के गैर - परम्परागत स्त्रोतों में शमुख्य रूप से तीन स्रोतों-सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा तथा ज्वार वो ऊर्जा को शामिल किया जाता है।
प्रश्न 3.
"स्वतन्त्रता के बाद से स्वास्थ्य सेवाओं की संख्या में महत्त्वपूर्ण विस्तार हुआ है।" क्या आप इस कथन से सहमत हैं?
उत्तर:
यह कथन एकदम सत्य है कि भारत में स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् किए गए योजनाबद्ध विकास के फलस्वरूप है। स्वास्थ्य सेवाओं की संख्या में महत्त्वपूर्ण विस्तार हुआ है। क इसे हम अग्न तालिका की सहायता से स्पष्ट कर सकते।
आँकड़े केवल सरकारी अस्पतालों से सम्बन्धित उपर्युक्त तालिका से स्पष्ट है कि वर्ष 1951 में अस्पतालों की संख्या मात्र 2,694 थी वह बढ़कर वर्ष 2017 में 23582 हो गई। अस्पतालों में बैडों की संख्या 1,17,000 से बढ़कर 7,10,761 हो गई। दवाखानों की संख्या 6600 से बढ़कर 27.698 तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या 725 से बढ़कर 25,650 हो गई।
इसी प्रकार स्वतन्त्रता के पश्चात् डॉक्टरों की संख्या 1951 में 62,000 थी वह बढ़कर 2017 में 10.4 लाख हो गई तथा इस अवधि में नर्सिंगकर्मियों की संख्या 18,000 से बढ़कर 28.8 लाख हो गई। देश में इन सुविधाओं के विस्तार के फलस्वरूप कई बीमारियों का उन्मूलन कर दिया गया है। अतः देश में स्वतन्यता के पश्चात् स्वास्थ्य सुविधाओं का काफी विस्तार एवं विकास हुआ है हालांकि देश की जनसंख्या को देखते हुए यह पर्याप्त नहीं है।
प्रश्न 4.
भारत में निजी क्षेत्रक में स्वास्थ्य आधारिक संरचना की स्थिति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में स्वतन्त्रता के पश्चात् सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्रक में कई प्रयास किए किन्तु पर्याप्त विकास नहीं हो पाया। देश में पिछले वर्षों में निजी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं में तीव्र वृद्धि हुई है। देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में निजी क्षेत्र के निवेश में निरन्तर वृद्धि हो रही है। वर्तमान में भारत में लगभग 70 प्रतिशत से अधिक अस्पतालों का संचालन निजी क्षेत्र में ही किया जा रहा है तथा लगभग 60 प्रतिशत दवाखाने निजी क्षेत्र के उद्यमियों द्वारा चलाए जा रहे हैं। देश में उपलब्ध बिस्तरों का लगभग 2/5वाँ हिस्सा निजी क्षेत्र के अस्पतालों में है। भारत में लगभग 80 प्रतिशत बहिरोगियों तथा लगभग 46 प्रतिशत अन्त:रोगियों का इलाज निजी क्षेत्र के अस्पतालों में किया जाता है।
विगत वर्षों में निजी क्षेत्र मेडिकल शिक्षा व प्रशिक्षण मेडिकल प्रौद्योगिकी तथा रोग निदान अन्वेषण, दवाइयों की बिक्री, अस्पताल निर्माण व मेडिकल सेवाओं की व्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं तथा निजी क्षेत्र में स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधाओं में निरन्तर विस्तार होता जा रहा है। देश में वर्ष 2001-02 में 13 लाख से अधिक मेडिकल उद्यम थे जिनमें लगभग 22 लाख लोग कार्यरत थे, इनमें से लगभग 80 प्रतिशत उद्यम एक व्यक्ति के स्वामित्व वाले थे। वर्तमान में चिकित्सा पर्यटन में भी निजी क्षेत्र की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। भारत में निजी क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार की काफी सम्भावनाएं हैं।
प्रश्न 5.
भारत में स्वास्थ्य व्यवस्था प्रणाली को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में स्वास्थ्य व्यवस्था प्रणाली भारत में स्वास्थ्य आधारिक संरचना तथा स्वास्थ्य सुविधाओं की तीन स्तरीय व्यवस्था है प्राथमिक, द्वितीयक तथा तृतीयक। प्राथमिक स्तर सुविधाओं में प्रचलित स्वास्थ्य समस्याओं का ज्ञान तथा उन्हें पहचानने, रोकने और नियन्त्रित करने की विधि, खाद्य पूर्ति तथा उचित पोषण, जल की पर्याप्त पूर्ति तथा मूलभूत स्वच्छता, शिशु एवं मातृत्व देखभाल, प्रमुख संक्रामक बीमारियों और चोटों से प्रतिरोध, मानसिक स्वास्थ्य का संवर्द्धन और आवश्यक दवाओं का प्रावधान शामिल है। देश में प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने हेतु गाँवों एवं छोटे कस्बों में छोटे अस्पताल बनाए जाते हैं जिन्हें प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र, सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र तथा उपकेन्द्रों के नाम से जाना जाता है।
द्वितीयक स्तर सुविधाओं के अन्तर्गत मध्य या उच्च श्रेणी के अस्पतालों को शामिल किया जाता है। जिन अस्पतालों में शल्य चिकित्सा, एक्स-रे, ई.सी.जी. जैसी बेहतर सुविधाएँ होती हैं, उन्हें माध्यमिक चिकित्सा संस्थाएँ कहते हैं। ये प्राथमिक चिकित्सा और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ दोनों प्रदान करते हैं, ये प्रायः जिला मुख्यालय तथा बड़े कस्बों में होते तृतीयक स्तर सुविधाओं में ऐसी प्रमुख संस्थाओं को शामिल किया जाता है जो न केवल उत्तम मेडिकल शिक्षा प्रदान करते हैं और अनुसन्धान करते हैं बल्कि ये संस्थान विशिष्ट स्वास्थ्य सेवाएँ भी प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए मेडिकल इंस्टीट्यूट नई दिल्ली, पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट चण्डीगढ़, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस बंगलौर, ऑल इण्डिया इंस्टीट्यूट ऑफ हाइजीन रंड पब्लिक हेल्थ कोलकाता आदि।
प्रश्न 6.
भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं पर एक लेख लखिए।
अथवा
भारत में स्वास्थ्य की स्थिति पर एक लेख लिखिए।
उत्तर:
भारत में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति किसी भी राष्ट्र के सामाजिक विकास में स्वास्थ्य सुविधाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। लोगों के स्वास्थ्य का निर्धारण शिशु मृत्यु-दर, मातृत्व मृत्यु-दर, जीवन प्रत्याशा,| पोषण, विभिन्न संक्रामक और असंक्रामक रोगों जैसे सूचकों द्वारा करते हैं। भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास एवं विस्तार की जिम्मेदारी सरकार की है। भारत में स्वास्थ्य व्यवस्था को निम्न बिन्दुओं से स्पष्ट किया जा सकता है।
(1) स्वास्थ्य आधारिक संरचना की स्थिति-भारत में केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य सम्बन्धी नीतियाँ एवं योजनाएँ बनाती एवं लागू करती है। पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा किए प्रयासों के फलस्वरूप देश में स्वास्थ्य सुविधाओं का काफी विकास एवं विस्तार हुआ है।
(2) निजी क्षेत्रक में स्वास्थ्य आधारिक संरचनादेश में स्वास्थ्य सेवाओं में निजी क्षेत्रक का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पिछले कुछ वर्षों में निजी क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं में तीव्र विकास एवं विस्तार हुआ है तथा भविष्य में भी तीव्र विकास की सम्भावना है। भारत में वर्तमान में 70 प्रतिशत से अधिक अस्पताल एवं 60 प्रतिशत से अधिक दवाखाने निजी क्षेत्र में कार्यरत हैं।
(3) चिकित्सा की भारतीय प्रणाली-भारत में चिकित्सा व्यवस्था में निम्न छः व्यवस्थाएँ हैं-आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, प्राकृतिक चिकित्सा तथा होम्योपैथी।
(4) स्वास्थ्य और स्वास्थ्य आधारिक संरचना के सूचक : एक मूल्यांकन-भारत में स्वास्थ्य आधारिक संरचना का पूरी तरह विकास नहीं हो पाया है। भारत में कई संक्रामक एवं गम्भीर बीमारियाँ फैली हुई हैं। भारत में वर्तमान में स्वास्थ्य सुविधाएँ जनसंख्या को देखते हुए काफी।
(5)शहरी-ग्रामीण तथा धनी: निर्धन विभाजन - भास्त में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं में काफी असमानता है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का काफी अभाव है तथा निर्धन लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं हैं। भारत में स्वास्थ्य की दृष्टि से कुछ राज्यों की स्थिति भी काफी पिछड़ी हुई है।
(6) महिला स्वास्थ्य: भारत में महिला स्वास्थ्य की स्थिति काफी गम्भीर एवं पिछड़ी हुई है। देश में महिलाओं हेतु स्वास्थ्य सुविधाओं का काफी अभाव है। देश की अधिकांश विवाहित महिलाएँ रक्ताभाव एवं रक्तक्षीणता से ग्रस्त हैं।
प्रश्न 7.
स्वास्थ्य का आशय स्पष्ट कीजिए। देश में स्वास्थ्य आधारिक संरचना की स्थिति सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के आधार पर समझाइये।
उत्तर:
स्वास्थ्य का अभिप्राय-स्वास्थ्य से हमारा - अभिप्राय केवल बीमारियों के न होने से ही नहीं लिया - जाता है, बल्कि यह अपनी कार्यक्षमता प्राप्त करने की योग्यता भी है। स्वास्थ्य राष्ट्र की समग्र संवृद्धि और विकास से जुड़ी - एक पूर्ण प्रक्रिया है। किसी भी राष्ट्र की स्वास्थ्य दशा की माप को किसी एक इकाई के रूप में परिभाषित करना कठिन है।
आमतौर पर स्वास्थ्य का निर्धारण शिशु मृत्यु दर और मातृत्व मृत्यु दर, जीवन प्रत्याशा और पोषण स्तर के साथ-साथ संक्रामक और असंक्रामक रोगों की घटनाओं जैसे सूचकों द्वारा किया जाता है। सार्वजनिक क्षेत्र में स्वास्थ्य आधारिक संरचना-भारत में सार्वजनिक क्षेत्र में स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् स्वास्थ्य आधारिक संरचना के विकास हेतु उल्लेखनीय प्रयास किए गए हैं। जिसके परिणामस्वरूप देश में अस्पताल, दवाखानों, सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्रों, डॉक्टरों, नर्सिंगकर्मियों आदि की में संख्या में काफी विस्तार हुआ है।
सरकार द्वारा देश में कई स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाए गए हैं। भारत में वर्ष 1951 में सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या मात्र 725 थी वह वर्ष क 2017 में 25,650 हो गई। वर्ष 1951 में अस्पतालों व ना दवाखानों की संख्या 9300 थी वह वर्ष 2017 में 51,300 हो गई। सार्वजनिक क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार तो हुआ है किन्तु देश की जनसंख्या को देखते हुए यह काफी अपर्याप्त है। निजी क्षेत्र में स्वास्थ्य आधारिक संरचना-देश में स्वास्थ्य सेवाओं में निजी क्षेत्र का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।
पिछले कुछ वर्षों में निजी क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं में तीव्र वृद्धि हुई है। भारत में वर्तमान में 70 प्रतिशत से अधिक अस्पताल एवं 60 प्रतिशत से अधिक दवाखाने एं निजी क्षेत्र में कार्यरत हैं। देश में उपलब्ध बिस्तरों का छ लगभग 2/5वां हिस्सा निजी क्षेत्र के अस्पतालों में है। भारत के लगभग 80 प्रतिशत बहिरोगियों तथा लगभग 46 प्रतिशत की अन्त:रोगियों का इलाज निजी क्षेत्र के अस्पतालों में किया ओं| जाता है। भारत में निजी क्षेत्र मेडिकल शिक्षा व प्रशिक्षण, संश मेडिकल प्रौद्योगिकी तथा रोग निदान अन्वेषण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।