Rajasthan Board RBSE Class 11 Economics Important Questions Chapter 7 रोजगार - संवृद्धि, अनौपचारीकरण एवं अन्य मुद्दे Important Questions and Answers.
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वस्तुनिष्ठ प्रश्न:
प्रश्न 1.
सकल घरेलू उत्पाद का तात्पर्य है।
(अ) एक वर्ष में उत्पादित सभी वस्तुओं का मौद्रिक मूल्य
(ब) एक वर्ष में उत्पादित सभी सेवाओं का मौद्रिक मूल्य
(स) एक वर्ष में उत्पादित सभी अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं का मौद्रिक मूल्य
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(स) एक वर्ष में उत्पादित सभी अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं का मौद्रिक मूल्य
प्रश्न 2.
दूसरे के खेतों पर अनियमित रूप से कार्य कर रहे मजदूर को शामिल किया जाएगा।
(अ) स्वनियोजित श्रमिक वर्ग में
(ब) अनियत मजदूरी वाले श्रमिक वर्ग में
(स) नियमित वेतनभोगी श्रमिक वर्ग में
(द) बेरोजगार वर्ग में
उत्तर:
(ब) अनियत मजदूरी वाले श्रमिक वर्ग में
प्रश्न 3.
भारत में सर्वाधिक श्रमिक वर्ग किस वर्ग के अन्तर्गत आते हैं।
(अ) स्वनियोजित श्रमिक वर्ग में
(ब) नियमित वेतनभोगी वर्ग में
(स) अनियत मजदूरी वाले श्रमिक वर्ग में
(द) सेवा क्षेत्र में लगे श्रमिक वर्ग में
उत्तर:
(अ) स्वनियोजित श्रमिक वर्ग में
प्रश्न 4.
एक सरकारी विद्यालय का अध्यापक शामिल होगा।
(अ) स्वनियोजित अमिक वर्ग में
(ब) नियमित वेतनभोगी वर्ग में
(स) अनियत मजदूरी वाले वर्ग में
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) नियमित वेतनभोगी वर्ग में
प्रश्न 5.
भारतीय अर्थव्यवस्था में सर्वाधिक श्रम बल किस क्षेत्रक में लगा हुआ है।
(अ) प्राथमिक क्षेत्रक में
(ब) द्वितीयक क्षेत्रक में
(स) सेवा क्षेत्रक में
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) प्राथमिक क्षेत्रक में
प्रश्न 6.
द्वितीयक क्षेत्रक में सम्मिलित है।
(अ) विनिर्माण
(ब) विद्युत, गैस एवं जलापूर्ति
(स) निर्माण कार्य
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 7.
निम्न में से कौनसी क्रिया सेवा क्षेत्र के अन्तर्गत सम्मिलित नहीं है।
(अ) वाणिज्य
(ब) खनन
(स) परिवहन
(द) बैंकिंग
उत्तर:
(ब) खनन
प्रश्न 8.
अनौपचारिक क्षेत्र में सम्मिलित है।
(अ) कृषि श्रमिक
(ब) किसान
(स) स्वनियोजित व्यक्ति
(द) उपर्यक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्यक्त सभी
प्रश्न 9.
देश के कुल श्रम वर्ग का कितना प्रतिशत भाग अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत है?
(अ) लगभग 67 प्रतिशत
(ब) लगभग 74 प्रतिशत
(स) लगभग 83 प्रतिशत
(द) लगभग 94 प्रतिशत
उत्तर:
(द) लगभग 94 प्रतिशत
प्रश्न 10.
देश में छिपी हुई अथवा प्रच्छन्न बेरोजगारी सर्वाधिक किस क्षेत्र में पाई जाती है?
(अ) कृषि क्षेत्र में
(ब) निर्माण क्षेत्र में
(स) सेवा क्षेत्र में
(द) बैंकिंग क्षेत्र में
उत्तर:
(अ) कृषि क्षेत्र में
रिक्त स्थान वाले प्रश्ननीचे दिए गए वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:
प्रश्न 1.
वर्ष 2011 - 12 में भारत की कुल श्रम शक्ति का आकार लगभग ........... मिलियन आँका गया।
उत्तर:
473
प्रश्न 2.
भारत में श्रम बल में लगभग ............. प्रतिशत पुरुष है तथा शेष महिलाएं हैं।
उत्तर:
70
प्रश्न 3.
.............. शब्द का अभिप्राय किसी क्षेत्र विशेष में किसी समय विशेष पर रह रहे व्यक्तियों की कुल संख्या है।
उत्तर:
जनसंख्या
प्रश्न 4.
जो अपने उद्यम के स्वामी और संचालक है उन्हें ............. कहा जाता है।
उत्तर:
स्वनियोजित
प्रश्न 5.
भारत में वर्ष 2011 - 12 में द्वितीयक क्षेत्रक में लगभग ............. प्रतिशत श्रमबल नियोजित है।
उत्तर:
24
प्रश्न 6.
भारत में वर्ष 2011 - 12 में प्राथमिक क्षेत्रक में लगभग ............... प्रतिशत श्रमबल नियोजित है। (49 / 56)
उत्तर:
49
सत्य / असत्य वाले प्रश्ननीचे दिए गए कथनों में सत्य / असत्य कथन छाँटिए:
प्रश्न 1.
वर्ष 2011 - 12 में देश में तृतीयक क्षेत्र में 26.8 प्रतिशत श्रमबल नियोजित है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
निराशावादी भविष्य के संकेत दे रहे हैं।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 3.
सभी सार्वजनिक क्षेत्रक प्रतिष्ठान संगठित क्षेत्रक के अन्तर्गत आते हैं।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 4.
भारत में प्रत्येक 100 व्यक्तियों में लगभग 46 श्रमिक।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 5.
ग्रामीण भारत की लगभग 64 प्रतिशत श्रम - शक्ति कृषि, वन और मत्स्य पर निर्भर है।
उत्तर:
सत्य।
मिलान करने वाले प्रश्ननिम्न को सुमेलित कीजिए:
प्रश्न 1.
1. 2010 -12 में सकल घरलू उत्पाद संवृद्धि दर |
(अ) 48 प्रतिशत |
2. 2010 -12 में रोजगार संवृद्धि दर |
(ब) 26.8 प्रतिशत |
3. 2011-12 में प्राथमिक क्षेत्र में श्रमबल |
(स) 7.8 प्रतिशत |
4. 2011-12 में द्वितीयक क्षेत्रक में श्रमबल |
(द) 1.12 प्रतिशत |
5. 2011-12 में सेवा क्षेत्रक में श्रमबल |
(य) 38.6 प्रतिशत |
6. 2011-12 में कार्यरत जनसंख्या अनुपात |
(र) 24.3 प्रतिशत |
उत्तर:
1. 2010 -12 में सकल घरलू उत्पाद संवृद्धि दर |
(स) 7.8 प्रतिशत |
2. 2010 -12 में रोजगार संवृद्धि दर |
(द) 1.12 प्रतिशत |
3. 2011-12 में प्राथमिक क्षेत्र में श्रमबल |
(अ) 48 प्रतिशत |
4. 2011-12 में द्वितीयक क्षेत्रक में श्रमबल |
(ब) 26.8 प्रतिशत |
5. 2011-12 में सेवा क्षेत्रक में श्रमबल |
(य) 38.6 प्रतिशत |
6. 2011-12 में कार्यरत जनसंख्या अनुपात |
(र) 24.3 प्रतिशत |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
सकल घरेलू उत्पाद से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
एक वर्ष में एक देश में उत्पादित अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं के मौद्रिक मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद कहा जाता है।
प्रश्न 2.
यदि निर्यात आयातों से अधिक है तो सकल घरेलू उत्पाद पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
यदि निर्यात आयातों से अधिक है तो देश का सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि होगी।
प्रश्न 3.
यदि कोई कर्मचारी बीमारी के कारण अस्थायी रूप से कार्य पर नहीं आ सकता है। क्या वह श्रमिक माना जाएगा?
उत्तर:
बीमारी के कारण अस्थायी रूप से अवकाश पर रहे कर्मचारी को श्रमिक माना जाएगा।
प्रश्न 4.
आर्थिक क्रियाओं से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
सकल घरेलू उत्पाद में योगदान देने वाले सभी क्रियाकलापों को आर्थिक क्रियाएँ कहते हैं।
प्रश्न 5.
भारत में बेरोजगारी के दो प्रमुख कारण बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 6.
श्रम बल किसे कहते हैं?
उत्तर:
श्रम बल व्यक्तियों की वह संख्या है जो वर्तमान मजदूरी दर पर कार्य करने के योग्य एवं इच्छुक हैं।
प्रश्न 7.
जो व्यक्ति स्व नियोजित हैं क्या वे श्रमिक माने जाऐंगे?
उत्तर:
जो व्यक्ति स्व नियोजित होते हैं वे भी श्रमिक ही होते हैं।
प्रश्न 8.
श्रमिक जनसंख्या अनुपात अधिक होने का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
इसका तात्पर्य है कि जनता की काम में भागीदारी अधिक है।
प्रश्न 9.
श्रमिक जनसंख्या अनुपात ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 10.
जनसंख्या का क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
जनसंख्या का अभिप्राय किसी क्षेत्र विशेष में किसी समय विशेष पर रह रहे व्यक्तियों की कुल संख्या से है।
प्रश्न 11.
ग्रामीण अथवा शहरी क्षेत्र में से किस क्षेत्र के श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी अधिक है?
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों में श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी अधिक है।
प्रश्न 12.
स्वनियोजित किसे कहा जाता है?
उत्तर:
जो व्यक्ति अपने स्वयं के उद्यम के स्वामी और संचालक होते हैं, उन्हें स्वनियोजित कहा जाता है।
प्रश्न 13.
नियमित वेतनभोगी कर्मचारी किसे कहा जाता है?
उत्तर:
वह श्रमिक जिसे कोई व्यक्ति या उद्यम नियमित रूप से काम पर रख कर मजदूरी देता है।
प्रश्न 14.
सामान्य आर्थिक क्रियाओं के आधार पर किन्हीं दो औद्योगिक वर्गों का नाम बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 15.
मुख्य रूप से अर्थव्यवस्था को कितने भागों में विभाजित किया जाता है?
उत्तर:
एक अर्थव्यवस्था को मुख्य रूप से तीन भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है
प्रश्न 16.
प्राथमिक क्षेत्रक में किन क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है?
उत्तर:
प्राथमिक क्षेत्रक में कृषि एवं कृषि सम्बद्ध क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है।
प्रश्न 17.
भारत में सर्वाधिक श्रम शक्ति किस क्षेत्र में लगी हुई है?
उत्तर:
भारत में सर्वाधिक श्रम शक्ति प्राथमिक क्षेत्र में लगी हुई है?
प्रश्न 18.
ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश श्रम बल किस क्षेत्रक में लगा हुआ है?
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश श्रम बल प्राथमिक क्षेत्रक में लगा हुआ है।
प्रश्न 19.
श्रमिक कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
श्रमिक तीन प्रकार के होते हैं
प्रश्न 20.
भारत में सर्वाधिक किस प्रकार के श्रमिक पाए जाते हैं?
उत्तर:
भारत में सर्वाधिक स्वनियोजित श्रमिक पाए जाते
प्रश्न 21.
स्वनियोजित श्रमिक के कोई दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 22.
भाड़े के अथवा किराए के श्रमिक कितने |प्रकार के हैं?
उत्तर:
भाड़े के श्रमिक दो प्रकार के हैं
प्रश्न 23.
नियमित वेतनभोगी कर्मचारी के कोई दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 24.
अनियमित मजदूरी वाले श्रमिक के कोई दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 25.
खुली बेरोजगारी का क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
खुली बेरोजगारी का तात्पर्य उस अवस्था से है जब श्रमिक को काम ही न मिले।
प्रश्न 26.
मौसमी बेरोजगारी किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब व्यक्तियों को मौसम विशेष में रोजगार मिले तथा शेष अवधि में वह बेरोजगार रहे।
प्रश्न 27.
भारत में बेरोजगारी को कम करने हेतु एक सुझाव दीजिए।
उत्तर:
हमें अपनी शिक्षा प्रणाली को रोजगारोन्मुख बनाना होगा।
प्रश्न 28.
भारत में कृषि क्षेत्र में मुख्य रूप से कौनसी बेरोगारी पाई जाती है?
उत्तर:
कृषि क्षेत्र में प्रच्छन्न या छिपी हुई बेरोजगारी । पाई जाती है।
प्रश्न 29.
असंगठित क्षेत्रक का कोई एक दोष बताइए।
उत्तर:
असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों का शोषण अधिक होता है एवं मजदूरी कम मिलती है।
प्रश्न 30.
श्रम बल के अनियतीकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
स्वरोजगार तथा नियमित वेतन से अनियत श्रम रोजगार की ओर जाने की प्रक्रिया को श्रम बल का = अनियतीकरण कहा जाता है।
प्रश्न 31.
श्रमिक संघों का कोई एक महत्त्व बताइए।
उत्तर:
श्रमिक संघ रोजगारदाताओं से बेहतर मजदूरी एवं अन्य सामाजिक सुरक्षा उपायों हेतु सौदेबाजी करते हैं।
प्रश्न 32.
वर्ष 1999 - 2001 में देश का कितना प्रतिशत श्रम बल अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत था?
उत्तर:
वर्ष 1999 - 2001 में देश का लगभग 94 प्रतिशत भाग अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत था।
प्रश्न 33.
निजी क्षेत्र के किन उपक्रमों को संगठित क्षेत्र में सम्मिलित किया जाता है?
उत्तर:
निजी क्षेत्र के वह उपक्रम जिनमें 10 या 10 से अधिक कर्मचारी कार्य करते हैं।
प्रश्न 34.
बेरोजगार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
वे व्यक्ति जो काम करने के योग्य हैं तथा काम करने की इच्छा रखते हैं; किन्तु उन्हें काम नहीं मिलता।
प्रश्न 35.
राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन ने बेरोजगारी को किस प्रकार परिभाषित किया है?
उत्तर:
बेरोजगारी वह अवस्था है जिसमें व्यक्ति काम : के अभाव के कारण बिना काम के रह जाते हैं।
प्रश्न 36.
भारत में बेरोजगारी के आंकड़ों के कोई तीन स्रोत बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 37.
प्रच्छन्न बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
किसी कार्य पर आवश्यकता से अधिक श्रमिकों का लगना जिनकी सीमान्त उत्पादकता शून्य होती है।
प्रश्न 38.
बेरोजगारी के कोई दो प्रकार बताइये।
उत्तर:
प्रश्न 39.
भारत में रोजगार सजन हेतु ग्रामीण क्षेत्र में चलाए जाने वाले किसी एक कार्यक्रम का नाम लिखिए।
उत्तर:
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम।
प्रश्न 40.
ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार वृद्धि हेतु कोई एक सुझाव दीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार द्वारा सामुदायिक विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए।
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
सामान्य आर्थिक क्रियाओं को कितने औद्योगिक वर्गों में विभाजित किया जा सकता है?
उत्तर:
सामान्य आर्थिक क्रियाओं को मुख्य रूप से आठ विभिन्न औद्योगिक वर्गों में विभाजित किया जा सकता है। ये आठ औद्योगिक वर्ग निम्न प्रकार हैं
प्रश्न 2.
भारत में बेरोजगारी के कोई तीन प्रकार बताइये।
उत्तर:
प्रश्न 3.
भारत में बढ़ती हुई बेरोजगारी को रोकने हेतु कोई तीन सुझाव दीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 4.
श्रमिक जनसंख्या अनुपात का क्या महत्त्व
उत्तर:
श्रमिक जनसंख्या अनुपात का प्रयोग देश के रोजगार की स्थिति का विश्लेषण करने हेतु किया जाता है। इससे यह ज्ञात करने में सहायता मिलती है कि देश की कितने प्रतिशत जनसंख्या वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन में सक्रिय योगदान दे रही है। यदि श्रमिक जनसंख्या अनुपात ज्यादा है तो इसका तात्पर्य है कि जनता की काम करने की भागीदारी अधिक होगी। इसके विपरीत अनुपात कम होने का तात्पर्य है कि जनता की काम करने की भागीदारी कम है।
प्रश्न 5.
भारत में श्रम बल में पुरुषों की भागीदारी -अधिक होने का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर:
भारत पुरुष प्रधान समाज है, जिसमें प्राय: धनार्जन का कार्य पुरुषों द्वारा किया जाता है। प्राय: पुरुषों की परम्परावादी एवं रूढ़िवादी सोच के कारण घर की महिलाओं के घर से बाहर काम करने पर रोक लगाई जाती है। इसके अतिरिक्त श्रम हेतु अधिक कौशल एवं शिक्षा की आवश्यकता होती है, जिसका प्रायः भारतीय महिलाओं में अभाव पाया जाता है। अतः भारत के श्रम बल में पुरुषों की भागीदारी अधिक है।
प्रश्न 6.
बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
साधारण बोलचाल की भाषा में बेरोजगारी का अभिप्राय किसी व्यक्ति द्वारा रोजगार के अवसर प्राप्त न होने से लिया जाता है। अन्य शब्दों में, बेरोजगारी का अर्थ उन व्यक्तियों को काम नहीं मिलने से है, जो काम करने के इच्छुक एवं योग्य हैं पर उनकी इच्छा एवं योग्यता के बावजूद उन्हें काम नहीं मिलता है। यदि किसी व्यक्ति को काम मिला हुआ है परन्तु उस काम से उस व्यक्ति के पूरे समय, शक्ति एवं योग्यता का उपयोग नहीं होता तो वह अर्द्ध बेरोजगार होता है।
प्रश्न 7.
भारत में बेरोजगारी के कारणों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारत में बेरोजगारी की समस्या एक व्यापक एवं गंभीर समस्या है। इस समस्या हेतु देश में अनेक कारण जिम्मेदार हैं। जैसे—जनसंख्या में तीव्र वृद्धि, शिक्षा का प्रसार, दोषपूर्ण शिक्षा प्रणाली, कृषि का पिछड़ापन, दोषपूर्ण रोजगार नीति, रोजगार हेतु मार्गदर्शन का अभाव, मानव शक्ति नियोजन का अभाव, औद्योगिक पिछड़ापन, विनियोगों का अभाव आदि।
प्रश्न 8.
प्रच्छन्न अथवा छिपी हुई बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
प्रच्छन्ना अथवा छिपी हुई बेरोजगारी वह स्थिति है जिसमें किसी काम पर आवश्यकता से अधिक श्रमिक लगे होते हैं तथा उनमें से प्रत्येक अतिरिक्त श्रमिक की सीमान्त उत्पादकता शून्य होती है अर्थात् यदि उन्हें हटा भी दिया जाए तो उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उदाहरण के लिए कृषि क्षेत्र में एक पूरा परिवार लगा हुआ रहता है, जबकि वह कार्य कम व्यक्तियों द्वारा भी किया जा सकता है। यदि उन अतिरिक्त श्रमिकों को हटा भी दिया जाए तो कृषि उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
प्रश्न 9.
मौसमी बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जब श्रमिकों को वर्ष भर निरन्तर काम नहीं मिलता या किसी मौसम विशेष में ही श्रमिकों को काम मिलता है तथा शेष अवधि में वे बेरोजगार रहते हैं तो उसे मौसमी बेरोजगारी कहा जाता है। जैसे - भारत में रबी और खरीफ की फसलों के बीच की अवधि में वर्षा न होने के कारण किसान को बेरोजगार रहना पड़ता है तथा इसी प्रकार चीनी, गुड़ आदि बनाने वाले उद्योगों में केवल मौसम में ही काम होता है, शेष अवधि में श्रमिक बेरोजगार होते हैं।
प्रश्न 10.
खुली बेरोजगारी एवं प्रच्छन्न बेरोजगारी में अन्तर बताइए।
उत्तर:
खुली बेरोजगारी में व्यक्ति काम करने की योग्यता रखता है तथा इच्छा भी रखता है लेकिन उसे काम नहीं मिलता है किन्तु प्रच्छन बेरोजगारी में व्यक्ति काम पर तो लगा प्रतीत होता है किन्तु वास्तविकता में वह बेरोजगार होता है; क्योंकि उसका उत्पादन में कोई योगदान नहीं होता; क्योंकि उस कार्य में आवश्यकता से अधिक लोग लगे हुए होते हैं।
प्रश्न 11.
वर्ष 1960 से 2012 के मध्य देश की आर्थिक संवृद्धि दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में 1960 से 2012 के मध्य देश की आर्थिक संवृद्धि दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, उसे निम्न तालिका से स्पष्ट किया जा सकता है, जिसमें संवृद्धि दर में निरन्तर वृद्धि हो रही है।
समय अवधि |
वार्षिक औसत संवृद्धि दर |
1961 - 66 |
2.8 |
1974 - 79 |
4.8 |
1980 - 85 |
5.7 |
1985 - 90 |
5.8 |
1997 - 2000 |
6.1 |
1999 - 2005 |
6.1 |
2005 - 10 |
8.7 |
2010 - 12 |
7.8 |
प्रश्न 12.
"भारत में वर्ष 1960 से 2012 के मध्य देश की रोजगार वृद्धि दर लगभग स्थिर रही।" उक्त कथन को आँकड़ों की सहायता से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यह सत्य है कि वर्ष 1960 से 2012 के मध्य देश में रोजगार वृद्धि दर लगभग स्थिर रही। इसे निम्न तालिका में दर्शाए आंकड़ों से स्पष्ट किया जा सकता है
समय अवधि |
रोजगार की वार्षिक औसत वृद्धि दर |
1961 - 66 |
2.03 |
1974 - 79 |
1.84 |
1980 - 85 |
1.73 |
1985 - 90 |
1.89 |
1997 - 2000 |
0.98 |
1999 - 2005 |
2.98 |
2005 - 10 |
0.89 |
2010 - 12 |
2.83 |
उपर्युक्त तालिका से स्पष्ट है कि देश में 1960 से रोजगार की वार्षिक दर मामूली उतार-चढ़ावों को छोड़कर लगभग 2 प्रतिशत पर स्थिर बनी रही।
प्रश्न 13.
प्राथमिक क्षेत्र में अधिकांश महिलाएँ ही क्यों कार्य करती हैं?
उत्तर:
वर्ष 2011 - 2012 में प्राथमिक क्षेत्र में पुरुष श्रम बल का लगभग 44 प्रतिशत एवं महिला वर्ग का लगभग 63 प्रतिशत भाग प्राथमिक क्षेत्र में लगा था। महिलाओं के अधिक भागीदारी के कई कारण हैं, एक तो गांवों में महिलाएं अपने खेतों पर अधिक काम करती हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर कम होते हैं। इसके अतिरिक्त सेवा क्षेत्र में महिलाओं हेतु रोजगार के अवसर कम हैं क्योंकि देश में महिलाओं में उच्च कौशल एवं शिक्षा का अभाव पाया जाता है।
प्रश्न 14.
अनौपचारिक क्षेत्र के प्रमुख दोषों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
देश में अनौपचारिक क्षेत्र में उद्यमों एवं उनके श्रमिकों की आय नियमित नहीं होती है तथा उन्हें सरकार की तरफ से भी किसी प्रकार का संरक्षण प्राप्त नहीं हो पाता है और न ही उनका नियमन हो पाता है। अनौपचारिक क्षेत्र में श्रमिकों को बिना क्षतिपूर्ति के ही काम से निकाल दिया जाता है। अनौपचारिक क्षेत्र में पुरानी तकनीक काम में ली जाती है तथा इन क्षेत्रों में लेखा-जोखा भी नहीं रखा जाता
प्रश्न 15.
औपचारिक अथवा संगठित क्षेत्र के कोई। तीन लाभ बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 16.
सरकार द्वारा रोजगार सृजन हेतु किए प्रयासों का अर्थव्यवस्था पर क्या प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
सरकार द्वारा किए रोजगार सृजन हेतु प्रयासों के फलस्वरूप सरकार ने स्वयं के विभागों में नियुक्तियाँ की, उद्योगों की स्थापना की, होटलों की स्थापना की। इससे लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त हुआ। जब सार्वजनिक क्षेत्र में उत्पादन वृद्धि हुई तो इसके फलस्वरूप सार्वजनिक उपक्रमों को पूर्ति करने वाले निजी क्षेत्र के उपक्रमों का भी विकास हुआ। अत: निजी क्षेत्र का विकास सरकार द्वारा किए प्रयासों का महत्त्वपूर्ण अप्रत्यक्ष प्रभाव रहा है।
प्रश्न 17.
स्वनियोजित श्रमिक तथा अनियत श्रमिक में अन्तर बताइए।
उत्तर:
स्वनियोजित वर्ग में उन श्रमिकों को शामिल |किया जाता है जिनका स्वयं का कोई उद्यम या व्यवसाय होता है तथा वे उसका संचालन करते हैं जैसे पान वाला, परचूनी की दुकान वाला इत्यादि इसके विपरीत अनियत मजदूरी वर्ग वाले श्रमिकों में वे श्रमिक आते हैं जो प्रायः थोड़ी-थोड़ी अवधि के लिए रोजगार प्राप्त करते हैं तथा इनके पास रोजगार का कोई नियमित स्रोत नहीं होता है जैसे निर्माण कार्य पर लगा हुआ मजदूर, दूसरे के खेतों पर अनियमित रूप से कार्य करने वाला मजदूर आदि।
प्रश्न 18.
भारत में ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रकों में श्रम शक्ति के वितरण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रकों में श्रम शक्ति के वितरण में काफी असमानता पाई जाती है। भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश जनसंख्या कृषि पर ही आश्रित है अतः श्रम-शक्ति का अधिकांश भाग कृषि क्षेत्र एवं सम्बद्ध गतिविधियों में ही लगा हुआ है। भारत में ग्रामीण क्षेत्र में वर्ष 2011-12 में श्रम-शक्ति का 64.1 प्रतिशत भाग प्राथमिक क्षेत्र में लगा हुआ था। इसी समय अवधि में ग्रामीण क्षेत्र में कुल श्रम शक्ति का 20.4 प्रतिशत भाग द्वितीयक क्षेत्रक तथा 15.5 प्रतिशत भाग सेवा क्षेत्रक में लगा हुआ था।
प्रश्न 19.
भारत में शहरी क्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रकों में श्रम-शक्ति के वितरण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में शहरी क्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रकों में श्रमशक्ति के वितरण में काफी असमानता पाई जाती है। शहरी क्षेत्रों में श्रम-शक्ति का सर्वाधिक हिस्सा सेवा क्षेत्रक में लगा होता है जबकि सबसे कम हिस्सा प्राथमिक क्षेत्रक में लगा हुआ रहता है। भारत में वर्ष 2011 - 12 में शहरी क्षेत्र में कुल श्रम-शक्ति का 6.7 प्रतिशत भाग प्राथमिक क्षेत्रक में लगा हुआ था तथा 35 प्रतिशत श्रम-शक्ति द्वितीयक क्षेत्रक में लगी हुई थी। इसी समय अवधि में सर्वाधिक श्रम-शक्ति अर्थात् 583 प्रतिशत श्रम-शक्ति सेवा क्षेत्र में लगी हुई थी।
प्रश्न 20.
भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न श्रम वर्गों में रोजगार वितरण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश लोग स्वयं नियोजित हैं, क्योंकि वे अपने स्वयं के खेतों पर अधिक कार्य करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित वेतनभोगी कर्मचारियों का अनुपात काफी कम रहता है। वर्ष 2011 - 12 में ग्रामीण क्षेत्रों में कुल श्रमिकों में से लगभग 56 प्रतिशत स्वनियोजित श्रमिक थे, लगभग 35 प्रतिशत अनियत दिहाड़ी मजदूर थे तथा लगभग १ प्रतिशत श्रमिक नियमित वेतनभोगी कर्मचारी थे।
प्रश्न 21.
भारत में बेरोजगारी के कोई चार प्रमुख कारण बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 22.
भारत में रोजगार सृजन करने हेतु सरकार क्या प्रयास कर रही है?
उत्तर:
भारत में केन्द्र व राज्य सरकारों ने रोजगार सृजन हेतु अनेक कार्यक्रम चलाए हैं। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2005 में महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम पारित किया गया। सरकार विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से देश में बेरोजगारों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार से रोजगार प्रदान करती है। भारत में निर्धनता उन्मूलन हेतु चलाए जा रहे कार्यक्रम भी बेरोजगारी की समस्या का समाधान करते हैं। ये कार्यक्रम न केवल लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाते हैं बल्कि पिछड़े लोगों का जीवन स्तर भी ऊपर उठाने का प्रयास करते हैं।
प्रश्न 23.
श्रमिक किसे कहते हैं?
उत्तर:
सकल राष्ट्रीय उत्पादन में योगदान देने वाले सभी क्रियाकलापों को हम आर्थिक क्रियाएँ कहते हैं। वे सभी व्यक्ति जो आर्थिक क्रियाओं में संलग्न होते हैं श्रमिक कहलाते हैं चाहे वे उच्च या निम्न किसी भी स्तर पर कार्य कर रहे हों। यदि इनमें से कोई शारीरिक कष्टों, खराब मौसम, त्यौहार या सामाजिक - धार्मिक उत्सवों के कारण अस्थायी रूप से काम पर नहीं आ पाते, तो भी उन्हें श्रमिक ही माना जाता है। इन कार्यों में लगे मुख्य श्रमिकों की सहायता करने वालों को भी श्रमिक ही माना जाएगा। जो व्यक्ति स्व-नियोजित होते हैं, वे भी श्रमिक ही होते हैं।
प्रश्न 24.
औपचारिक एवं अनौपचारिक क्षेत्र में कोई दो अन्तर बताइए।
अथवा
संगठित एवं असंगठित क्षेत्रक में कोई दो अन्तर बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 25.
भारत में रोजगार की प्रकृति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में रोजगार की प्रकृति बहुमुखी है। कुछ लोगों को वर्ष-भर रोजगार प्राप्त होता है तो कुछ लोग वर्ष में कुछ महीने ही रोजगार प्राप्त कर पाते हैं। भारत में अधिकांश मजदूरों को अपने कार्य की उचित मजदूरी नहीं मिल पाती। देश की अधिकांश जनसंख्या गाँवों में निवास करती है अतः कुल श्रम - शक्ति का लगभग तीन - चौथाई भाग गाँवों में निवास करता है। इसी प्रकार श्रम - शक्ति में लगभग 70 प्रतिशत पुरुष श्रमिक हैं जबकि महिला श्रमिकों का अनुपात लगभग 30 प्रतिशत ही है। महिला श्रमिकों का अनुपात शहरों की तुलना में गाँवों में अधिक है।
प्रश्न 26.
भारत में श्रमिक जनसंख्या अनुपात ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा अधिक क्यों है?
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च आय के अवसर सीमित - हैं, इसी कारण रोजगार बाजार में उनकी भागीदारी अधिक है। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश व्यक्ति स्कूल, महाविद्यालय या किसी प्रशिक्षण संस्थान में नहीं जा पाते यदि कुछ जाते भी हैं तो वे बीच में ही छोड़कर श्रम - शक्ति में शामिल हो जाते हैं। शहरी जनसमुदाय को रोजगार के भी विविधतापूर्ण अवसर सुलभ हो जाते हैं। वे अपनी शिक्षा और योग्यता के अनुरूप रोजगार की तलाश में रहते हैं। किन्तु ग्रामीण क्षेत्र के लोग घर पर नहीं बैठ सकते, क्योंकि उनकी आर्थिक - दशा उन्हें ऐसा नहीं करने देती। अत: ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिक जनसंख्या अनुपात शहरी क्षेत्रों की तुलना में अधिक ग| होता है।
प्रश्न 27.
भारत में महिला श्रमिक अधिक होते हुए ने भी उनकी संख्या को कम क्यों आंका जाता है?
उत्तर:
भारत में महिला श्रमिक काफी अधिक हैं किन्तु - उनकी संख्या बहुत कम आंकी जाती है। इसका मुख्य ई कारण यह है कि महिलाओं द्वारा परिवार के अनेक कार्य किए जाते हैं, उन्हें आर्थिक या उत्पादक कार्य नहीं माना जाता है जो सही नहीं है। यदि कोई महिला अपने घर में र बच्चों का पालन-पोषण करती है, घर की सफाई करती है, भोजन बनाती है तो उन्हें आर्थिक क्रिया नहीं माना जाता है जबकि यही कार्य नौकर से करवाया जाता तो उसे आथिक क्रिया में शामिल किया जाता। अतः महिलाओं द्वारा अपने क परिवार हेतु किया कार्य आर्थिक क्रिया में शामिल न करने के कारण उन्हें श्रमिक नहीं माना जाता तथा उनकी संख्या 2 कम आंकी जाती है।
प्रश्न 28.
विभिन्न क्षेत्रकों में श्रम शक्ति के वितरण में को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विभिन्न क्षेत्रकों में श्रम शक्ति का वितरण काफी असमान है जिसे हम निम्न तालिका से स्पष्ट कर सकते
क्षेत्रक |
श्रम शक्ति ( प्रतिशत में ) |
प्राथमिक क्षेत्रक |
48.9 |
द्वितीयक क्षेत्रक |
28.3 |
तृतीयक/सेवा क्षेत्रक |
37.9 |
प्रश्न 29.
भारत में ग्रामीण एवं शहरी श्रम - बल के वितरण की तुलना कीजिए।
उत्तर:
यदि ग्रामीण और शहरी श्रम - बल के वितरण की तुलना करें तो हमें यह ज्ञात होता है कि अनियत मजदूरी पाने वाले श्रमिक तथा स्वनियोजित श्रमिक ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा अधिक हैं। शहरों में नियमित वेतन वाले रोजगार की संख्या अधिक है। गाँवों में अधिकांश ग्रामीण अपनी जमीन के टुकड़ों पर निर्भर हैं जो स्वतन्त्र रूप से खेती करते हैं, अतः स्वनियोजन में उनकी भागीदारी अधिक है। शहरी क्षेत्रों में काम का स्वरूप भी अलग होता है वहां हर व्यक्ति कारखाना, दुकान और कार्यालयों का संचालक नहीं हो सकता। शहरी उद्यमों में नियमित रूप से कार्य करने वाले श्रमिकों|. की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 30.
भारत में विभिन्न क्षेत्रकों में श्रम - शक्ति में पुरुषों के वितरण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में विभिन्न क्षेत्रकों में श्रम - शक्ति में पुरुषों का अनुपात महिलाओं से अधिक रहा है। विभिन्न क्षेत्रकों में श्रम-शक्ति में पुरुषों के वितरण में काफी असमानता पाई जाती है। भारत में प्राथमिक क्षेत्र में कार्यरत पुरुषों का अनुपात वर्ष 2011 - 12 में 43.6 प्रतिशत था वहीं द्वितीयक क्षेत्र में कुल पुरुष श्रम का 25.9 प्रतिशत भाग कार्यरत था तथा कुल पुरुष श्रम-बल का लगभग 30.5 प्रतिशत भाग सेवा क्षेत्रक में कार्यरत था। इस प्रकार पुरुष श्रम-बल का सर्वाधिक अनुपात प्राथमिक क्षेत्रक में कार्य कर रहा है।
प्रश्न 31.
भारत में विभिन्न क्षेत्रकों में श्रम-शक्ति में महिलाओं के वितरण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में कुल श्रम - बल में महिलाओं का अनुपात कम है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में महिला श्रम - बल का कुल श्रम - बल से अनुपात शहरों की तुलना में अधिक है। वर्ष 2011 - 12 में कल महिला श्रम - बल का लगभग 62.8 प्रतिशत भाग प्राथमिक क्षेत्रक में कार्यरत था। इसी वर्ष महिला श्रम-बल का 20 प्रतिशत भाग द्वितीयक क्षेत्रक में कार्यरत था तथा 17.2 प्रतिशत भाग सेवा क्षेत्रक में कार्यरत था। इस प्रकार भारत में महिला श्रम-बल का सर्वाधिक भाग प्राथमिक क्षेत्रक में कार्यरत है।
प्रश्न 32.
भारत में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रकों में श्रम-शक्ति के वितरण को उपयुक्त आँकड़ों की सहायता से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में विभिन्न क्षेत्रकों में श्रम-शक्ति के वितरण में काफी असमानता पाई जाती है। भारत में वर्ष 2011 - 12 में ग्रामीण क्षेत्र की कुल श्रम-शक्ति का 64.1 प्रतिशत भाग तथा शहरी क्षेत्र में 6.7 प्रतिशत भाग प्राथमिक क्षत्र में लगा हुआ था। वर्ष 2011 - 12 में ग्रामीण क्षेत्रों में श्रम-शक्ति का 20.4 प्रतिशत भाग द्वितीयक क्षेत्र में लगा हुआ था जबकि इस अवधि में शहरी क्षेत्र में 35 प्रतिशत श्रम - शक्ति द्वितीयक क्षेत्रक में लगी हुई थी। वर्ष 2011 - 12 में देश के ग्रामीण क्षेत्रों की श्रम-शक्ति का 15.5 प्रतिशत भाग सेवा क्षेत्र में लगा हुआ था जबकि शहरी क्षेत्र में यह अनुपात 58.3 प्रतिशत रहा।
प्रश्न 33.
भारत में विभिन्न श्रमिक वर्गों में श्रमशक्ति के वितरण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में श्रम - शक्ति में सर्वाधिक श्रमिक स्वनियोजित श्रमिकों की श्रेणी में आते हैं तथा उसके पश्चात् अनियत दिहाड़ी मजदूरों के अन्तर्गत आते हैं। देश में सबसे कम श्रमिक नियमित वेतनभोगी कर्मचारी हैं। भारत में वर्ष 2011 - 12 में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न श्रमिक वर्गों में श्रम-शक्ति के वितरण को निम्न तालिका द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है
प्रश्न 34.
श्रम - बल के औपचारिक तथा अनौपचारिक वर्गों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हम श्रम - बल को औपचारिक तथा अनौपचारिक वर्गों में विभाजित करते हैं, इन्हें ही क्रमशः संगठित तथा असंगठित क्षेत्रक भी कहा जाता है। सभी सार्वजनिक क्षेत्रक प्रतिष्ठान तथा 10 या अधिक कर्मचारियों को रोजगार देने वाले निजी क्षेत्रक प्रतिष्ठानों को औपचारिक अथवा संगठित क्षेत्रक माना जाता है। अन्य सभी उद्यमों और उनमें कार्य कर रहे श्रमिकों को अनौपचारिक क्षेत्र में सम्मिलित किया जाता है जैसे किसान, कृषि श्रमिक, छोटे - मोटे काम - धन्धे वाले लोग, सभी स्वनियोजित व्यक्ति, दैनिक वेतनभोगी मजदूर आदि।
प्रश्न 35.
भारत में औपचारिक तथा अनौपचारिक क्षेत्र में कार्य कर रहे मजदूरों की स्थिति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में औपचारिक तथा अनौपचारिक क्षेत्र में कार्य कर रहे श्रमिकों में काफी असमानता है। भारत में केवल 6 प्रतिशत श्रमिक ही औपचारिक क्षेत्र में कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त 94 प्रतिशत श्रमिक अनौपचारिक क्षेत्रक में काम कर रहे हैं। यही नहीं, औपचारिक क्षेत्रक के श्रमिकों में महिलाओं की भागीदारी काफी कम है। अनौपचारिक क्षेत्र में भी पुरुषों का योगदान अधिक है।
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
श्रमिक जनसंख्या अनुपात से आप क्या समझते हैं? भारत में वर्ष 2011 - 12 में ग्रामीण एवं शहरी श्रमिक जनसंख्या अनुपात की तुलना कीजिए।
अथवा
श्रमिक जनसंख्या अनुपात से आप क्या समझते हैं? भारत में वर्ष 2011 - 12 में पुरुष एवं महिला श्रमिक जनसंख्या अनुपात की तुलना कीजिए।
उत्तर:
श्रमिक जनसंख्या अनुपात: श्रमिक जनसंख्या अनुपात का तात्पर्य देश में कुल श्रम बल के कुल जनसंख्या से अनुपात से है। इसे निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जा सकता।
ग्रामीण एवं शहरी श्रमिक जनसंख्या अनुपात की तुलना तथा पुरुष एवं महिला श्रमिक जनसंख्या अनुपात की तुलना
भारत में ग्रामीण एवं शहरी श्रमिक जनसंख्या अनुपात में काफी अन्तर है तथा इसी प्रकार पुरुष एवं महिला श्रमिक जनसंख्या अनुपात में भी काफी अन्तर है। इसे अग्र तालिका से स्पष्ट किया जा सकता है।
भारत में कार्यकर्ता जनसंख्या अनुपात 2011 - 12 लिंग
लिंग
|
श्रमिक जनसंख्या अनुपात |
||
कुल |
ग्रामीण |
शहरी |
|
महिला |
54.4 |
54.3 |
54.6 |
कुल |
21.9 |
24.8 |
14.7 |
पुरुष |
38.6 |
39.9 |
35.5 |
भारत में ग्रामीण क्षेत्र का श्रमिक जनसंख्या अनुपात, शहरी क्षेत्र की तुलना में अधिक है। वर्ष 2011-12 में ग्रामीण क्षेत्र में यह अनुपात 39.9 प्रतिशत था, जबकि शहरी क्षेत्र में यह अनुपात मात्र 35.5 प्रतिशत रहा। ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं का श्रमिक जनसंख्या अनुपात शहरों की तुलना में काफी अधिक रहा। यदि पुरुष एवं महिलाओं में श्रमिक जनसंख्या अनुपात की तुलना करें तो पुरुषों का श्रमिक जनसंख्या अनुपात वर्ष 2011 - 12 में 544 प्रतिशत था, जबकि महिलाओं का श्रमिक जनसंख्या अनुपात इस अवधि में मात्र 219 प्रतिशत रहा।
प्रश्न 2.
रोजगार में वर्गानुसार वितरण के वर्गीकरण को स्पष्ट कीजिए।
अथवा स्वनियोजित, अनियत मजदूरी वर्ग तथा नियमित वेतनभोगी वर्ग को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
रोजगार में वर्ग के अनुसार वितरण को मुख्य रूप से तीन भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है
(1) स्वनियोजित: स्वनियोजित वर्ग में उन श्रमिकों को शामिल किया जाता है जिनका स्वयं का उद्यम होता है तथा वे उसका संचालन करते हैं। उदाहरण के लिए, पान वाला, सीमेन्ट की दुकान का स्वामी, परचूनी की दुकान वाला आदि स्वनियोजित वर्ग में शामिल होते हैं।
(2) अनियत मजदूरी वर्ग वाले श्रमिक: इसमें वे श्रमिक आते हैं जो प्रायः थोड़ी - थोड़ी अवधि के लिए रोजगार प्राप्त करते हैं। इनके पास रोजगार का कोई नियमित स्रोत नहीं होता है। उदाहरण के लिए, निर्माण कार्य पर लगा हुआ मजदूर, दूसरे के खेतों पर अनियमित रूप से काम करने वाले श्रमिकों को इस वर्ग में शामिल करते हैं।
(3) नियमित वेतनभोगी वर्ग: जब किसी श्रमिक को कोई व्यक्ति या उद्यमी नियमित रूप से काम पर रख कर मजदूरी प्रदान करता है तो उसे नियमित वेतनभोगी वर्ग में रखा जाता है, जैसे-सरकारी स्कूल का अध्यापक, आदि।
प्रश्न 3.
भारत में बेरोजगारी के विभिन्न स्वरूपों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में पाई जाने वाली बेरोजगारी के विभिन्न स्वरूप अथवा प्रकार अनलिखित हैं:
प्रश्न 4.
भारत में बेरोजगारी के समाधान हेतु सुझाव दीजिए।
उत्तर:
भारत में बेरोजगारी की समस्या हेतु निम्न सुझाव दिए जा सकते हैं:
प्रश्न 5.
भारतीय अर्थव्यवस्था में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में श्रम शक्ति के क्षेत्रवार वितरण को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
विभिन्न क्षेत्रकों में श्रमशक्ति के वितरण की ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में तुलना कीजिए।
उत्तर:
भारतीय अर्थव्यवस्था में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में श्रम बल के विभिन्न क्षेत्रों में वितरण में काफी असमानता पाई जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में श्रम बल का अधिकांश भाग प्राथमिक क्षेत्र में लगा हुआ रहता है, जबकि शहरी क्षेत्रों में श्रम बल का अधिकांश भाग सेवा क्षेत्रक में लगा हुआ रहता है। श्रम बल के विभिन्न क्षेत्रकों में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में वितरण को निम्न तालिका से स्पष्ट किया जा सकता है।
क्षेत्रक |
ग्रामीण |
शहरी क्षेत्र |
प्राथमिक क्षेत्रक |
64.1 |
6.7 |
द्वितीयक क्षेत्रक |
20.4 |
30.5 |
सेवा क्षेत्रक |
15.5 |
58.3 |
उपर्युक्त तालिका से स्पष्ट है कि वर्ष 2011 - 12 में के ग्रामीण क्षेत्र में श्रम बल का सर्वाधिक अंश अर्थात् 64.1 प्रतिशत श्रम बल प्राथमिक क्षेत्र में लगा हुआ था, जबकि तार शहरी क्षेत्र में वहाँ के श्रम बल का मात्र 6.7 प्रतिशत ही कृषि क्षेत्र में लगा हुआ था। 2011 - 12 में ग्रामीण क्षेत्र के धक श्रम बल का 204 प्रतिशत भाग द्वितीयक क्षेत्रक में लगा नए था, जबकि शहरी क्षेत्र में यह अनुपात 35 प्रतिशत था। इसी प्रकार 2011 - 12 में ग्रामीण क्षेत्र में श्रम बल का 15.5 रनी प्रतिशत भाग सेवा क्षेत्र में लगा था, जबकि शहरी क्षेत्र में यह अनुपात 583 प्रतिशत था। अत: ग्रामीण एवं शहरी करना क्षेत्रों में श्रम बल के विभिन्न क्षेत्रों में वितरण में काफी हिए असमानता पाई गई है।
प्रश्न 6.
भारत में विभिन्न क्षेत्रकों में श्रम बल के वितरण को पुरुष एवं महिला श्रमिकों के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में विभिन्न क्षेत्रकों में महिला श्रमबल एवं पुरुष श्रमबल के वितरण में काफी असमानता पाई गई है, जिसे निम्न तालिका द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है
क्षेत्रक |
पुरुष श्रम बल |
महिला श्रम बल |
प्राथमिक क्षेत्रक |
43.6 |
62.8 |
द्वितीयक क्षेत्रक |
25.9 |
20.0 |
सेवा क्षेत्रक |
30.5 |
17.3 |
भारत में पुरुष वर्ग में श्रम बल का अधिकांश भाग प्राथमिक क्षेत्र में लगा हुआ है। वर्ष 2011 - 12 में देश में पुरुष श्रम बल का भारत अर्थव्यवस्था में विभिन्न श्रम वर्गों ने श्रम बल के वितरण का उपर्युक्त तालिका में अध्ययन करने के उपरान्त यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि स्वनियोजित श्रमिकों में निरन्तर कमी हो रही है, जबकि अनियत दिहाड़ी मजदूरों के अनुपात में निरन्तर वृद्धि हो रही है। जबकि नियमित वेतनभोगी कर्मचारियों का अनुपात लगभग स्थिर रहा है।
तालिका के अनुसार कुल श्रम बल में वर्ष 1972 - 73 में स्वनियोजित श्रम बल का अनुपात 61.4 प्रतिशत था वह कम होकर वर्ष 2011 - 12 में 52 प्रतिशत रह गया। नियमित वेतनभोगी कर्मचारियों का अनुपात वर्ष 1972 - 73 में 15.4 प्रतिशत था वह वर्ष 2011 - 12 में 18 प्रतिशत रहा। इसी प्रकार वर्ष 1972 - 73 में कुल श्रम बल में 23.2 प्रतिशत लोग अनियत दिहाड़ी मजदूर थे तथा इनका अनुपात वर्ष 2011 - 12 में 30 प्रतिशत हो गया।
प्रश्न 7.
भारतीय अर्थव्यवस्था में विभिन्न श्रम वर्गों में रोजगार की प्रवृत्ति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
श्रम को मुख्य रूप से निम्न तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है: स्वनियोजित, नियमित पवेतनभोगी कर्मचारी, अनियत दिहाड़ी मजदूर। भारतीय में अर्थव्यवस्था में विभिन्न श्रमवर्गों में रोजगार की स्थिति को 5. निम्न तालिका से स्पष्ट किया जा सकता है ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न श्रम वर्गों में रोजगार न वितरण-ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश लोग स्वनियोजित हैं; में क्योंकि वे अपने स्वयं के खेतों पर अधिक कार्य करते हैं। में ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित वेतनभोगी कर्मचारियों का अनुपात न काफी कम रहता है।
वर्ष 2011 - 12 में ग्रामीण क्षेत्रों में कुल श्रमिकों में से लगभग 56 प्रतिशत स्वनियोजित श्रमिक 3थे, 35 प्रतिशत अनियत दिहाड़ी मजदूर थे तथा मात्र 5 प्रतिशत श्रमिक नियमित वेतनभोगी कर्मचारी थे। न शहरी क्षेत्रों में विभिन्न श्रमवर्गों में रोजगार वितरशहरी क्षेत्रों में अनियत दिहाडी मजदूरों का अनुपात काफी कम होता है।
वर्ष 2011 - 12 में शहरी क्षेत्रों में कुल श्रम बल का 43 प्रतिशत भाग स्वनियोजित श्रमिकों का था। - इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में कुल श्रम बल का लगभग 42 प्रतिशत भाग नियमित वेतनभोगी कर्मचारी के रूप में कार्यरत था तथा मात्र 15 प्रतिशत भाग अनियत दिहाड़ी मजदूरों का था।
प्रश्न 8.
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में विभिन्न श्रम वर्गों में रोजगार वितरण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हम श्रम को मुख्य रूप से तीन वर्गों में विभाजित कर सकते हैं - स्वनियोजित श्रमिक, नियमित वेतनभोगी कर्मचारी एवं अनियत दिहाड़ी मजदूर। देश में इन श्रम वर्गों में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में काफी असमानता है। 25.9 प्रतिशत द्वितीयक क्षेत्रक एवं 305 प्रतिशत भाग सेवा र क्षेत्रक में लगा हुआ था। वर्ष 2011 - 12 में भारत में महिला श्रम बल का 62.8 प्रतिशत भाग प्राथमिक क्षेत्रक में लगा हुआ था, द्वितीयक क्षेत्रक में 20 प्रतिशत भाग एवं तृतीयक क्षेत्रक में 17.2 प्रतिशत भाग लगा हुआ था। अत: उपर्युक्त तालिका से स्पष्ट है कि पुरुष एवं महिला श्रम बल का अधिकांश भाग प्राथमिक क्षेत्र में लगा हुआ था जबकि सेवा क्षेत्र में काफी कम भाग संलग्न था।
प्रश्न 9.
"भारत में सेवा क्षेत्रक की भूमिका में निरन्तर तो वृद्धि हो रही है।" इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यह कथन सही है कि भारत में सेवा क्षेत्रक में निरन्तर वृद्धि हो रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्रक का तीव्र गति से विस्तार एवं विकास हुआ है, अत: र हाल के वर्षों में सेवा क्षेत्रक में रोजगार के अवसरों में भी तेजी से विकास हुआ है। भारत में कृषि क्षेत्र में श्रम बल से है निरन्तर कमी आई है। जैसे-वर्ष 1972 - 73 में कुल श्रम बल का 743 प्रतिशत भाग कृषि क्षेत्र अथवा प्राथमिक क्षेत्र में लगा हुआ था। यह अनुपात वर्ष 2011 - 12 में कम: होकर 48.9 प्रतिशत हो गया। इस समय अवधि में सेवा: क्षेत्रक में लगे श्रम बल में निरन्तर वृद्धि हुई। वर्ष 197273 में श्रम बल का लगभग 14.8 प्रतिशत भाग सेवा क्षेत्रक में लगा हुआ था, जबकि वर्ष 2011 - 12 में यह अनुपात बढ़कर 26.8 प्रतिशत हो गया। इसके अतिरिक्त सकल घरेलू उत्पाद में सेवा क्षेत्रक के योगदान में निरन्तर वृद्धि हुई है। देश में शिक्षा के स्तर में भी निरन्तर वृद्धि हो रही है जिस कारण भविष्य में भी सेवा क्षेत्र में तीव्र विकास की सम्भावना है।
प्रश्न 10.
भारतीय अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी में वृद्धि के मुख्य कारणों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारतीय अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी हेतु जिम्मेदार प्रमुख कारणों को निम्न बिन्दुओं से स्पष्ट किया जा सकता है: