Rajasthan Board RBSE Class 11 Economics Important Questions Chapter 4 आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण Important Questions and Answers.
बहुविकल्पीय प्रश्न:
प्रश्न 1.
सारणीयन में प्रयुक्त वर्गीकरण का प्रकार है।
(अ) गुणात्मक वर्गीकरण
(ब) मात्रात्मक वर्गीकरण
(स) कालिक वर्गीकरण
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 2.
सारणीयन का आशय है।
(अ) आँकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन
(ब) आँकड़ों को पंक्तियों और स्तम्भों में व्यवस्थित करना
(स) सांख्यिकी समूहों का अध्ययन करना
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ब) आँकड़ों को पंक्तियों और स्तम्भों में व्यवस्थित करना
प्रश्न 3.
ओजाइव अथवा तोरण वक्र से कौनसा माध्य सरलता से निर्धारित किया जा सकता है।
(अ) समान्तर माध्य
(ब) बहुलक
(स) गुणोत्तर माध्य
(द) मध्यका
उत्तर:
(द) मध्यका
प्रश्न 4.
सरल गुण वाली सारणी में समंकों के कितने गुणों को या विशेषताओं को प्रस्तुत किया जाता है।
(अ) एक
(ब) दो
(स) तीन
(द) अनेक
उत्तर:
(अ) एक
प्रश्न 5.
सामान्यतः समंक प्रस्तुत करने की विधि है।
(अ) सारणीयन
(ब) औसत माध्य
(स) प्रमाप विचलन
(द) सहसम्बन्ध
उत्तर:
(अ) सारणीयन
प्रश्न 6.
आयत चित्र होते हैं।
(अ) एक विमा
(ब) द्वि विमा
(स) त्रिविमा
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
प्रश्न 7.
सभी आयतों की ऊपरी भुजा के मध्य बिन्दुओं को सरल रेखाओं से मिलाने पर जो वक़ बनता है, उसे कहते हैं।
(अ) ओजाइव वक्र
(ब) आयताकार चित्र
(स) आवृत्ति बहुभुज
(द) आवृत्ति वक्र
उत्तर:
(स) आवृत्ति बहुभुज
प्रश्न 8.
त्रिगुण सारणी में समंकों के कितनी परस्पर सम्बन्धित विशेषताओं को प्रस्तुत किया जाता है।
(अ) एक
(ब) दो
(स) तीन
(द) चार
उत्तर:
(स) तीन
रिक्त स्थान वाले प्रश्ननीचे दिए गए वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
प्रश्न 1.
जब वर्गीकरण गुणात्मक विशिष्टता के साथ किया जाता है तो ................. वर्गीकरण कहलाता है।'
उत्तर:
गुणात्मक
प्रश्न 2.
सरल दंड आरेख के अन्तर्गत ................. अन्तरालों तथा विस्तार वाले आयताकार दंडों का एक समूह प्रत्येक श्रेणी/वर्ग के आँकड़ों को दर्शाता है।
उत्तर:
समान
प्रश्न 3.
................. आरेखों का प्रयोग दो या अधिक आँकड़ा समुच्चयों की तुलना के लिए किया जाता है।
उत्तर:
बहु दंड
प्रश्न 4.
दंड आरेख विविक्त एवं संतत दोनों ही चरों के लिए बनाए जा सकते हैं जबकि आयत चित्र केवल ................. चर के लिए बनाए जाते हैं।
उत्तर:
संतत
प्रश्न 5.
............... को बारबारता बहुभुज के बिन्दुओं से निकटतम गुजरते हुए मुक्त हस्त से वक्र बनाकर आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
उत्तर:
बारबारता वक्र
सत्य / असत्य वाले प्रश्ननीचे दिए गए कथनों में सत्य / असत्य कथन छटिए:
प्रश्न 1.
सारणीबद्ध प्रस्तुतीकरण में, आंकड़ों को पंक्तियों (क्षैतिज) तथा स्तंभों (ऊर्ध्वाधर) के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
सामान्यतः वृत्त चार्टों को किसी वर्ग विशेष के निरपेक्ष मान के आधार पर बनाया जाता है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 3.
समूहीकृत बारबारता वितरण के रूप में प्रस्तुत आँकड़ों को सामान्यतः बारबारता आरेखों के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 4.
आयत चित्र एक द्विविम आरेख है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 5.
बारबारता बहुभुज सीधी रेखाओं से घिरा हुआ एक समतल है, जिसमें सामान्यतः चार या अधिक रेखाएँ होती हैं।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 6.
बारबारता बहुभुज समूहित बारबारता वितरण के प्रस्तुतीकरण के लिए सबसे कम प्रयोग ली जाने वाली विधि है।
उत्तर:
असत्य
मिलान करने वाले प्रश्ननिम्न को सुमेलित कीजिए:
प्रश्न 1.
1. बारबारता आरेख का |
(अ) घटक दण्ड आरेख उदाहरण |
2. संचयी बारंबारता वक्र |
(ब) तोरण को कहा जाता है |
3. काल श्रेणी आलेख कहा |
(स) आयत चित्र जाता है |
4. ज्यामितीय आरेख का |
(द) अंकगणितीय रेखा उदाहरण चित्र को |
5. परिवार व्यय को प्रस्तुत |
(य) घटक दंड आरेख करने वाला आरेख |
उत्तर:
1. बारबारता आरेख का |
(अ) घटक दण्ड आरेख उदाहरण |
2. संचयी बारंबारता वक्र |
(ब) तोरण को कहा जाता है |
3. काल श्रेणी आलेख कहा |
(द) अंकगणितीय रेखा उदाहरण चित्र को |
4. ज्यामितीय आरेख का |
(स) आयत चित्र जाता है |
5. परिवार व्यय को प्रस्तुत |
(य) घटक दंड आरेख करने वाला आरेख |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
सारणीयन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
सारणीयन का मुख्य उद्देश्य आँकड़ों को सांख्यिकीय प्रयोग एवं उनके आधार पर निर्णय लेने के लिए व्यवस्थित करना है।
प्रश्न 2.
तोरण से कौनसा माध्य ज्ञात किया जाता
उत्तर:
तोरण से मध्यिका को ज्ञात किया जाता
प्रश्न 3.
आँकड़ों को कितने प्रकार से प्रस्तुत किया जा सकता है?
उत्तर:
आँकड़ों को तीन प्रकार से प्रस्तुत किया जा सकता है
प्रश्न 4.
सारणीयन के वर्गीकरण के विभिन्न प्रकारों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 5.
कालिक वर्गीकरण से आप क्या समझते
उत्तर:
कालिक वर्गीकरण वह है जिसमें आँकड़ों को समय के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है।
प्रश्न 6.
सारणी के शीर्षक की क्या विशेषता होनी चाहिए?
उत्तर:
सारणी का शीर्षक बहुत ही स्पष्ट, संक्षिप्त एवं सावधानीपूर्ण चुने गए शब्दों में होना चाहिए।
प्रश्न 7.
सरल दण्ड आरेख का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
सरल दंड आरेख के अन्तर्गत समान अन्तरालों तथा समान विस्तार वाले आयताकार दंडों का एक समूह प्रत्येक श्रेणी/वर्ग के आंकड़ों को दर्शाता है।
प्रश्न 8.
बहु दंड आरेख का प्रयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर:
बहु दंड आरेखों का प्रयोग दो या अधिक आँकड़ा समुच्चयों की तुलना के लिए किया जाता है।
प्रश्न 9.
सारणीयन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
सारणीयन वर्गीकृत समंकों को खातों व पंक्तियों में क्रमबद्ध व सुव्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करने की प्रक्रिया है।
प्रश्न 10.
आँकड़ों के सारणीबद्ध प्रस्तुतीकरण का कोई एक उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
सारणीकरण से जटिल तथ्यों को सरल बनाया जाता है।
प्रश्न 11.
एक सारणी के चार प्रमुख अंग/भागों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 12.
ओजाइव अथवा तोरण वक्र किसे कहते
उत्तर:
वह वक्र जो वर्गान्तरों की ऊपरी सीमा को भुजाक्ष पर तथा संचयी आवृत्तियों को कोटि अक्ष पर अंकित करने से बनता है।
प्रश्न 13.
कालिक चित्र क्या है?
उत्तर:
समय के किसी माप के आधार पर क्रमबद्ध समंकों से जो वक्र बनता है, उसे कालिक चित्र कहा जाता
प्रश्न 14.
घटक दंड आरेख का प्रयोग कब किया जाता है?
उत्तर:
इसका प्रयोग विभिन्न घटकों के आकारों की तुलना करने एवं विभिन्न घटकों में सम्बन्ध जानने हेतु किया जाता है।
प्रश्न 15.
वृत्त आरेख को कितने भागों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर:
वृत्त आरेख को उतने ही भागों में विभाजित किया जा सकता है जितनी घटकों की संख्या होती है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
ऑकों के सारणीकरण में सारणी संख्या का महत्त्व बताइए।
उत्तर:
आँकड़ों के सारणीकरण में सारणी संख्या का विशेष महत्त्व है। किसी सारणी की संख्या उसकी पहचान के लिए निर्धारित की जाती है। यदि कहीं एक से अधिक सारणियाँ प्रस्तुत की जाती हैं, तो उन सारणियों की संख्या ही उन्हें एक-दूसरे से अलग करती है।
प्रश्न 2.
आँकड़ों की पाठ-विषयक प्रस्तुतीकरण से आप क्या समझते हैं? उदाहरण की सहायता से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आँकड़ों की पाठ-विषयक प्रस्तुतीकरण में आँकड़ों का विवरण पाठ के रूप में दिया होता है। जब आँकड़ों का परिमाण बहुत अधिक न हो तो प्रस्तुतीकरण का यह स्वरूप अधिक उपयोगी होता है। इसे निम्न प्रकार पाठ्य सामग्री के रूप में प्रस्तुत किया जाता है भारत में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 121 करोड़ है, जिसमें से 623 करोड़ पुरुष हैं तथा 58.8 करोड़ महिलाएं हैं। इनमें से 83.3 करोड़ लोग ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 37.7 करोड़ लोग शहरी क्षेत्रों में निवास कर रहे हैं।
प्रश्न 3.
सारणीयन के गुणात्मक वर्गीकरण को उदाहरण की सहायता से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जब वर्गीकरण गुणात्मक विशिष्टता के साथ किया जाता है जैसे कि सामाजिक स्थिति, भौतिक स्थिति, राष्ट्रीयता इत्यादि तो इसे गुणात्मक वर्गीकरण कहा जाता है। उदाहरण के लिए नीचे सारणी में वर्गीकरण की विशिष्टता लिंग एवं स्थान के आधार पर है, जो स्वभाव से गुणात्मक
सारणी
लिंग |
ग्रामीण |
शहरी |
योग |
पुरुष |
79 59 |
90 80 |
82 63 |
कुल |
68 |
84 |
74 |
प्रश्न 4.
सारणीयन के मात्रात्मक वर्गीकरण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सारणी के मात्रात्मक वर्गीकरण में आँकड़ों का वर्गीकरण उन विशिष्टताओं के आधार पर किया जाता है, जो स्वाभाविक रूप से मात्रात्मक होती हैं। दूसरे शब्दों में इन विशिष्टताओं को मात्रात्मक रूप से मापा जा सकता है। जैसे - आयु, कद, उत्पादन, आय इत्यादि मात्रात्मक विशिष्टताएँ हैं।
प्रश्न 5.
सारणीयन के कालिक वर्गीकरण से आप क्या समझते हैं? उदाहरण की सहायता से समझाइए।
उत्तर:
कालिक वर्गीकरण वह वर्गीकरण है, जिसमें आँकड़ों को समय के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है। इसमें वर्गीकरण समय घंटों, दिनों, सप्ताहों, महीनों, सालों आदि में हो सकता है। कालिक वर्गीकरण का एक काल्पनिक उदाहरण निम्न प्रकार है
वार्षि |
बिक्री का विवरण |
2014 |
57.9 |
2015 |
59.4 |
2016 |
63.2 |
2017 |
65.3 |
2018 |
67.9 |
2019 |
73.8 |
प्रश्न 6.
सारणी के किन्हीं दो प्रमुख अंगों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 7.
सारणीयन में प्रयुक्त वर्गीकरण के विभिन्न प्रकारों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सारणीयन में प्रयुक्त वर्गीकरण चार प्रकार के होते हैं।
प्रश्न 8.
घटक दण्ड आरेख से आप क्या समझते
उत्तर:
घटक दण्ड आरेख या चार्ट का प्रयोग विभिन्न घटकों के आकारों की तुलना करने के लिए तथा इन घटकों के आपसी सम्बन्धों पर प्रकाश डालने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए विभिन्न उत्पादों की बिक्री से प्राप्त धन, किसी परिवार की व्यय की मदों; जैसे - भोजन, किराया, दवा, शिक्षा, बिजली आदि घटक, आय एवं व्यय के लिए बजट परिव्यय, जनसंख्या, श्रमशक्ति के घटक आदि । घटक दण्ड आरेखों को सामान्यतः उपयुक्त छायाओं या रंगों से भरा जाता है।
प्रश्न 9.
वृत्त आरेख पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
वृत्त आरेख एक घटक आरेख होता है, किन्तु घटक दण्ड आरेखों के स्थान पर इसे एक ऐसे वृत्त द्वारा प्रस्तुत किया जाता है, जिसके क्षेत्र को आनुपातिक रूप से उन घटकों में विभाजित किया जाता है, जिन्हें यह दर्शाता है। इसे वृत्त चार्ट भी कहते हैं। यहाँ पर वृत्त को केन्द्र से परिधि की ओर सीधी रेखाओं द्वारा उतने ही भागों में विभाजित किया जाता है जितनी घटकों की संख्या होती है।
प्रश्न 10.
आँकड़ों को सारणी में प्रस्तुत करने के कोई तीन लाभ बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 11,
आँकड़ों के आरेखीय प्रस्तुतीकरण के कोई तीन लाभ बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 12.
किसी विद्यालय में कक्षा दस, ग्यारह एवं बारह में कुल 2000 विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। कक्षा दस में कुल 800 विद्यार्थी हैं जिनमें 500 छात्र एवं 300 छात्राएँ हैं। कक्षा ग्यारह में कुल 650 विद्यार्थी हैं जिनमें 400 छात्र तथा 250 छात्राएं हैं, इसी प्रकार कक्षा बारह में 550 विद्यार्थी हैं जिनमें 400 छात्र एवं 150 छात्राएँ हैं। इन सभी आँकड़ों को एक सारणी में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
कक्षा |
विद्यार्थियों की संख्या |
||
छात्र |
छात्राएँ |
कुल |
|
दसर्वीं |
500 |
300 |
800 |
ग्यारहवीं |
400 |
250 |
650 |
बारहवीं |
400 |
150 |
550 |
कुल |
1300 |
700 |
2000 |
प्रश्न 13.
सारणीयन के उद्देश्यों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सारणीयन के प्रमुख उद्देश्य निम्न प्रकार:
प्रश्न 14.
एक महाविद्यालय में परीक्षाओं में सम्मिलित विद्यार्थियों के निम्न समंकों की सहायता से एक सरल दण्ड चित्र तैयार कीजिए।
संकाय |
वाणिज्य |
विज्ञान |
कला |
विद्यार्थी संख्या |
600 |
350 |
200 |
उत्तर:
प्रश्न 15.
एक महाविद्यालय के निम्न समंकों की सहायता से एक सरल दण्ड चित्र तैयार कीजिए।
संकाय |
वाणिज्य |
विज्ञान |
कला |
विद्यार्थी संख्या |
70 |
30 |
50 |
उत्तर:
प्रश्न 16.
जनसंख्या (करोड़ों में ) सम्बन्धी निम्नांकित समंकों को ग्राफ - पत्र पर अंकित कीजिए।
वर्ष |
1901 |
1911 |
1921 |
1931 |
जनसंख्या (करोड़ में) |
21 |
25 |
28 |
30 |
उत्तर:
प्रश्न 17.
100 विद्यार्थियों के एक प्रतिचयन निदर्शन में यह पाया गया है कि 50 विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्र के हैं और छात्रावास में नहीं रहते हैं। 10 विद्यार्थी शहरी क्षेत्र के हैं और छात्रावास में रहते हैं। कुल मिलाकर 65 विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्र के हैं। उपर्युक्त सूचनाओं से सारणीयन कीजिए।
उत्तर:
हल - सारणी: छात्रावास एवं क्षेत्रानुसार विद्यार्थियों की संख्या
क्षेत्र |
छात्रावास में रहने वाले |
छात्रावास में नहीं योग |
योग |
ग्रामीण |
15 |
50 |
65 |
शहरी |
10 |
25 |
35 |
योग |
25 |
75 |
100 |
नोट:
प्रश्न 18.
निम्न सारणी में दो कारखानों में कार्य करने वालों की औसत मजदूरी तथा मजदूरों की संख्या दी गयी है। एक आयत चित्र बनाइए।
कारखाना |
मजदूरी की संख्या |
औसत मजदूरी |
(अ) |
400 |
50 |
(ब) |
600 |
20 |
उत्तर:
प्रश्न 19.
निम्न आंकड़ों को एक ग्राफ पेपर पर प्रस्तुत कीजिए
वर्ष |
2015 |
2016 |
2017 |
2018 |
2019 |
पर्यटकों का आगमन (हजारों में) |
10 |
7 |
12 |
15 |
20 |
उत्तर:
हल
पर्यटकों का आगमन
(2015 - 2019)
निबन्धात्मक प्रश्न:
(क) सैद्धान्तिक प्रश्न:
प्रश्न 1.
आँकड़ों के सारणीबद्ध प्रस्तुतीकरण से आप क्या समझते हैं? सारणीयन में प्रयुक्त वर्गीकरण के विभिन्न प्रकारों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सारणीयन-सारणीयन वर्गीकृत समंकों को खानों व पंक्तियों में क्रमबद्ध व सुव्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करने की एक विधि है, जिससे समंकों की मुख्य विशेषताएँ प्रकट हो सकें तथा उन समंकों का सरलता से विश्लेषण करके उचित व सही निष्कर्ष ज्ञात किया जा सके। सारणीयन आँकड़ों को सांख्यिकीय प्रयोग एवं उसके आधार पर निर्णय लेने के लिए व्यवस्थित करता है। अतः सारणीबद्ध प्रस्तुतीकरण में, आँकड़ों को पंक्तियों तथा स्तम्भों के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। .. सारणीयन के लिए प्रयुक्त वर्गीकरण चार प्रकार के होते हैं
प्रश्न 2.
एक अच्छी सारणी हेतु आवश्यक बातों का उल्लेख कीजिए।
अथवा
एक सारणी के आवश्यक अंगों/भागों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
सारणी के अंग एक अच्छी सारणी के प्रमुख अंग अथवा एक अच्छी सारणी हेतु आवश्यक बातें निम्न प्रकार हैं
(1) सारणी संख्या: एक सारणी हेतु सारणी संख्या आवश्यक है। किसी सारणी की संख्या उसकी पहचान के लिए निर्धारित की जाती है। यदि कहीं एक से अधिक सारणियाँ प्रस्तुत की जाती हैं, तो उन सारणियों की संख्या ही उन्हें एक-दूसरे से अलग करती है।
(2) शीर्षक: सारणी का शीर्षक सारणी का महत्त्वपूर्ण अंग है। सारणी का शीर्षक सारणी की विषयवस्तु की व्याख्या करता है। सारणी का शीर्षक बहुत ही स्पष्ट, संक्षिप्त तथा सावधानीपूर्ण चुने गए शब्दों में होना चाहिए, ताकि सारणी का भाव बिल्कुल स्पष्ट हो सके।
(3) उपशीर्षक या स्तम्भ शीर्षक: सारणी के प्रत्येक स्तम्भ के ऊपर की ओर एक स्तम्भ नाम दिया जाता है जो स्तम्भ के अन्तर्गत दी गई संख्याओं की व्याख्या करता है। इसे उपशीर्षक या स्तम्भ शीर्षक कहते हैं।
(4) अव-शीर्ष या पंक्ति शीर्षक: उपशीर्ष या स्तम्भ शीर्षक की भाँति सारणी की प्रत्येक पंक्ति को भी एक शीर्षक दिया जाता है। पंक्तियों के नाम को अवशीर्ष या अवशीर्ष मदें भी कहा जाता है और सम्पूर्ण बायें स्तम्भ को अवशीर्ष स्तम्भ कहा जाता है। पंक्ति शीर्षकों का संक्षिप्त विवरण सारणी के बिल्कुल ऊपर बायीं ओर दिया जा सकता है।
(5) सारणी का मुख्य भाग: सारणी का मुख्य भाग वह होता है जिसमें वास्तविक आँकड़े होते हैं। सारणी में किसी भी संख्या की स्थिति उसकी पंक्ति एवं स्तम्भ के अनुसार सुनिश्चित होती है।
(6) माप की इकाई: यदि पूरी सारणी में माप की इकाई समान रहे तो उस माप की इकाई को सदैव सारणी के शीर्षक के साथ लिखना चाहिए। यदि सारणी की पंक्तियों या स्तम्भों के लिए भिन्न माप इकाइयाँ हों तो उन इकाइयों की चर्चा निश्चित रूप से 'उपशीर्षक' या 'अवशीर्ष' के साथ की जानी चाहिए।
(7) स्रोत: यह एक संक्षिप्त विवरण या वाक्यांश होता है जिसमें सारणी में प्रस्तुत किए गए आँकड़ों के स्रोत के बारे में बताया जाता है। यदि एक से अधिक स्रोत हैं तो सभी स्त्रोतों के बारे में लिखा जाना चाहिए।
(8) टिप्पणी: टिप्पणी किसी सारणी का अन्तिम अंग होता है। पाद टिप्पणी के अन्तर्गत किसी सारणी के आंकड़ों की विषय-वस्तु की उन विशिष्टताओं के बारे में व्याख्या की जाती है, जो कि स्वतः स्पष्ट नहीं होती है और न ही पहले कहीं उनकी व्याख्या की गई होती है।
प्रश्न 3.
वृत्त आरेख क्या है? वृत्त आरेख का निर्माण किस प्रकार किया जाता है? उदाहरण की
उत्तर:
वृत्त आरेख भी एक घटक आरेख है परन्तु घटक दण्ड आरेखों के स्थान पर इसे एक ऐसे वृत्त द्वारा प्रस्तुत किया जाता है जिसके क्षेत्र को आनुपातिक रूप से उन घटकों में विभाजित किया जाता है, जिन्हें यह दर्शाता है। इसे वृत्त चार्ट भी कहते हैं। यहाँ पर वृत्त को केन्द्र से परिधि की ओर सीधी रेखाओं के द्वारा उतने ही भागों में विभाजित किया जाता है जितनी घटकों की संख्या होती है।
वृत्त आरेख का निर्माण करना अत्यन्त सरल है। सामान्यतः वृत्त आरेखों को किसी वर्ग विशेष के निरपेक्ष मान के आधार पर नहीं बनाया जाता है। सबसे पहले प्रत्येक वर्ग के मान को वर्गों के कुल मान के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। वृत्त आरेख में वृत्त को 100 बराबर भागों में बाँट लिया जाता है, जिसमें प्रत्येक अंश 3.6° (360° / 100) के बराबर होता है। कोण को जानने के लिए घटक को वृत्त के केन्द्र से कक्षान्तरित करना होता है, जिसमें प्रत्येक घटक के प्रतिशत अंकों को 3.6° से गुणा करके आए मान को अथवा कोण को वृत्त में दर्शाया जाता है। इसे निम्न उदाहरण द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है।
उदाहरण: भारत की जनगणना 2001 के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या 102 करोड़ है, जिसमें 9 करोड़ सीमान्त श्रमिक, 31 करोड़ मुख्य श्रमिक तथा 62 करोड़ गैर-श्रमिक हैं। इन आंकड़ों को वृत्त आरेख द्वारा प्रस्तुत कीजिए।
स्थिति |
जनसंख्या |
प्रतिशत |
कोणीय घटक |
सीमान्त श्रमिक |
9 |
8.8 |
31.68 ° (3.6 × 8.8) |
मुख्य श्रमिक |
31 |
30.4 |
109.44° (3.6° × 10.44) |
गैर-श्रमिक |
62 |
60.8 |
2188° (3.6° × 60.8) |
कुल योग |
102 |
100.0 |
360° |
प्रश्न 4.
बारम्बारता बहुभुज किसे कहते हैं? इसका निर्माण कैसे किया जाता है?
अथवा
बारम्बारता अथवा आवृत्ति बहुभुज पर एक लेख लिखिए।
उत्तर:
बारम्बारता बहुभुज सीधी रेखाओं से घिरा हुआ एक समतल है जिसमें सामान्यतः चार या अधिक रेखाएँ होती हैं। बारम्बारता बहुभुज आयत चित्र का विकल्प होता है, जो आयत चित्र से ही व्युत्पन्न होता है। बारम्बारता बहुभुज को वक्र के आकार के अध्ययन के लिए किसी आयत चित्र के ऊपर लगाया जा सकता है। आयत चित्र के क्रमिक आयतों के ऊपरी छोर के मध्य बिन्दुओं को जोड़ कर बारम्बारता बहुभुज का निर्माण आसानी से किया जा सकता है।
आवृत्ति बहुभुज आधार रेखा से दूर दो छोरों पर समाप्त हो जाता है, जिससे वक्र के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्रफल का परिकलन सम्भव नहीं होता। इसका समाधान आधार रेखा से दोनों वर्गों के मध्यमानों को वितरण के प्रत्येक छोर पर शून्य बारम्बारता से मिलाकर किया जाता है। आधार के दोनों छोरों को खण्डित रेखाओं या बिन्दु रेखाओं द्वारा जोड़ा जा सकता है। अत: वक्र का कुल क्षेत्रफल, आयत चित्र के क्षेत्रफल की भाँति, कुल बारम्बारता या प्रतिदर्श के आधार का प्रतिनिधित्व करता है।
बारम्बारता बहुभुज समूहित बारम्बारता वितरण के प्रस्तुतीकरण के लिए सर्वाधिक प्रचलित विधि है। वर्ग सीमाएँ तथा वर्ग-चिह्न, दोनों को अर्थात् क्षैतिज अक्ष पर प्रदर्शित किया जा सकता है तथा दो क्रमिक वर्ग चिह्नों के बीच की दूरी वर्ग अन्तराल की चौड़ाई के समान होती है। आंकड़ों का आलेखन तब आसान होता है जब वर्ग-चिह्न ग्राफ पेपर की मोटी रेखाओं के ऊपर आपतित (पड़ते) होते हैं।
इससे कोई अन्तर नहीं पड़ता है कि वर्ग सीमाओं या वर्ग चिह्नों का प्रयोग पर किया गया है या नहीं, बारम्बारताएँ सदैव वर्ग-अन्तराल के मध्यबिन्दु पर आलेखित होती हैं। जब आलेख पर सभी बिन्दु आलेखित हो जाते हैं, तो इन्हें क्रमिक सरल रेखाओं के द्वारा सावधानी से आपस में जोड़ दिया जाता है। खण्डित रेखाएँ दो अन्तरालों के बीच मध्य-बिन्दुओं को जोड़ती हैं, एक शुरू में और दूसरी अन्त में, जो आलेखित वक्र के दो छोर होते हैं। जब एक ही अक्ष पर दो या दो से अधिक आलेखित वितरणों की तुलना की जाती है, तो बारम्बारता बहुभुज सम्भवतः अधिक उपयोगी होता है, क्योंकि आयत चित्र में दो या दो से अधिक वितरणों की ऊर्ध्वाधर रेखाएँ एवं क्षैतिज रेखाएँ आपस में मिल सकती हैं।
प्रश्न 5.
घटक दण्ड आरेख क्या है? इसे एक काल्पनिक उदाहरण की सहायता से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
घटक दण्ड आरेख: घटक दण्ड आरेख या चार्ट का प्रयोग विभिन्न घटकों के आकारों की तुलना करने के लिए तथा इन घटकों के आपसी सम्बन्धों पर । प्रकाश डालने के लिए किया जाता है। जैसे किसी वस्तु की उत्पादन लागत, विक्रय की राशि व लाभ को एकसाथ प्रदर्शित करना हो तो घटक दण्ड आरेख का प्रयोग किया जाता है। किसी घटक दंड आरेख के अन्तर्गत दो या दो से अधिक घटकों को दंडों और उसके उपभागों के द्वारा प्रकट किया जाता है।
उदाहरण: निम्न समंकों को एक उपयुक्त चित्र द्वारा प्रदर्शित कीजिए
बेची गई इकाइयों की संख्या |
उत्पाद 'अ' 20 |
उत्पाद 'ब' 20 |
प्रति इकाई विक्रय मूल्य |
10 रुपये |
15 रुपये |
कच्चा माल |
100 रुपये |
120 रुपये |
अन्य व्यय |
60 रुपये |
100 रुपये |
लाभ |
40 रुपये |
80 रुपये |
योग |
200 रुपये |
300 रुपये |
हल-इन समंकों को प्रदर्शित करने के लिए अन्तर्विभक्त आयत चित्र का निर्माण किया जायेगा। बिक्री की इकाइयों से प्राप्त राशि के अनुपात में आयत की लम्बाई तथा प्रति इकाई विक्रय मूल्य 10 : 15 के अनुपात में चौड़ाई ली जायेगी।
(ख) व्यावहारिक प्रश्न:
प्रश्न 1.
एक महाविद्यालय के 800 विद्यार्थियों से सम्बन्धित निम्नलिखित सूचना को एक उचित सारणी के रूप में प्रस्तुत कीजिए - महाविद्यालय में चार संकाय हैं - कला, विज्ञान, वाणिज्य और कृषि। प्रत्येक संकाय में विद्यार्थियों की कुल संख्या क्रमशः 400,150,200 तथा 50 है । महाविद्यालय में सह-शिक्षा है और छात्राओं की संख्या क्रमश: 100,60,3 और 1 है।
उत्तर:
हल - महाविद्यालय के विभिन्न संकायों में लिंगानुसार विद्यार्थियों की संख्या
संकाय
|
विद्यार्थियों की संख्या |
कला संकाय
|
|
छात्र |
छात्राएँ |
||
विज्ञान |
300 |
100 |
400 |
कला |
90 |
60 |
150 |
नोट:
(i) प्रश्न में दो प्रकार के गुणों: संकाय एवं लिंगानुसार छात्र-छात्राओं का विवेचन किया गया है। अतः द्विगुण सारणी तैयार की गयी है।
(ii) संकायवार छात्रों की संख्या संकायवार विद्यार्थियों की कुल संख्या से छात्राओं की संख्या घटाकर ज्ञात की गयी है।
प्रश्न 2.
निम्न समंकों को दण्ड चित्र द्वारा प्रदर्शित कीजिए :
उत्तर:
प्रश्न 3.
निम्न समंकों को बहुगुणी अथवा बहु-दण्ड चित्रों द्वारा प्रदर्शित कीजिए:
परिणाम
|
छात्रों की संख्या (वर्षवार) |
|||
2016 |
2017 |
2018 |
2019 |
|
प्रथम श्रेणी |
10 |
14 |
12 |
20 |
द्वितीय श्रेणी |
20 |
28 |
24 |
40 |
तृतीय श्रेणी |
35 |
40 |
50 |
25 |
अनुत्तीर्ण |
20 |
25 |
30 |
35 |
उत्तर:
प्रश्न 4.
निम्न समंकों को अन्तर्विभक्त दण्ड चित्र अथवा घटक दण्ड आरेख द्वारा दर्शाइए:
महाविद्यालय
|
विद्यार्थियों की संख्या |
||||
वाणिज्य |
कला |
विज्ञान |
विधि |
कुल |
|
अजमेर |
600 |
1200 |
800 |
400 |
3000 |
सीकर |
300 |
750 |
500 |
450 |
2000 |
उत्तर:
अन्तर्विभक्त दण्ड चित्र अथवा घटक दण्ड आरेख की रचना करने के लिए प्रत्येक महाविद्यालय के विद्यार्थियों की संख्या को संचयी किया गया है जिससे संकायानुसार अलग-अलग भाग दिखाया जा सके।
संचयी आवृत्ति की गणना:
संकाय |
अजमेर |
सीकर |
||
विद्यार्थियों की संख्या |
संचयी |
विद्यार्थियों की संख्या |
संचयी |
|
वाणिज्य |
600 |
6000 |
300 |
300 |
कला |
1200 |
1800 |
750 |
1050 |
विज्ञान |
800 |
2600 |
500 |
1550 |
विधि |
400 |
30000 |
450 |
2000 |
योग |
3000 |
|
2000 |
|
प्रश्न 5.
निम्नलिखित 'व्यापार सन्तुलन' को अपनी उत्तरपुस्तिका में विचलन दण्ड चित्र द्वारा प्रदर्शित कीजिए:
वर्ष |
निर्यात |
आयात |
व्यापार शेष |
2015 |
500 |
460 |
40 |
2016 |
550 |
530 |
20 |
2017 |
580 |
600 |
-20 |
2018 |
600 |
640 |
-40 |
2019 |
650 |
660 |
-10 |
उत्तर:
प्रश्न 6.
निम्न समंकों से एक बहुगुणी दण्ड चित्र बनाइए:
परीक्षा वर्ष |
विद्यार्थियों की संख्या |
||
विज्ञान |
वाणिज्य |
कला |
|
2018 |
400 |
300 |
800 |
2019 |
700 |
400 |
600 |
उत्तर:
विषय |
2018 |
संच्नयी आवृत्ति |
2019 |
संच्नयी आवृत्ति |
विज्ञान |
400 |
400 |
700 |
700 |
वाणिज्य |
300 |
700 |
400 |
1100 |
कला |
800 |
1500 |
600 |
1700 |
प्रश्न 7.
निम्न समंकों को अन्तर्विभक्त दण्ड चित्र द्वारा प्रदर्शित कीजिए:
वर्ष |
खाद्यान्न |
वस्त्र |
शिक्षा |
अन्य |
2016 |
5000 |
2000 |
2000 |
1000 |
2017 |
4800 |
3600 |
1200 |
2400 |
2018 |
9000 |
3000 |
1500 |
1500 |
2019 |
9000 |
4000 |
4000 |
3000 |
उत्तर:
|
2016 |
2017 |
2018 |
2019 |
||||
आवृत्ति |
संचयी आवृत्ति |
आवृत्ति |
संचयी आवृत्ति |
आवृत्ति |
संचयी आवृत्ति |
आवृत्ति |
संचयी आवृत्ति |
|
खाद्यान्न |
5000. |
5000 |
4800 |
4800 |
9000 |
9000 |
9000 |
9000 |
वस्त्र |
2000 |
7000 |
3600 |
8400 |
3000 |
12000 |
1400 |
13000 |
शिक्षा |
2000 |
9000 |
1200 |
9600 |
1500 |
13500 |
4000 |
17000 |
अन्य |
1000 |
10000 |
2400 |
12000 |
1500 |
15000 |
3000 |
20000 |
प्रश्न 8.
निम्न समंकों से आवृत्ति बहुभुज की रचना कीजिए:
आय (रु.) |
0-100 |
100-200 |
200-300 |
300-400 |
400-500 |
मजदूरों की संख्या |
4 |
8 |
20 |
10 |
5 |
उत्तर:
आवृत्ति बहुभुज द्वारा आवृत्ति वक्र निरूपण:
प्रश्न 9.
किसी शहर में 600 परिवारों की मासिक आमदनी का बंटन अग्रलिखित सारणी में दिया गया है:
मासिक आय (रुपए) |
00-75 |
75-150 |
150-225 |
225-330 |
300-375 |
375-400 |
450-525 |
परिवारों की संख्या |
60 |
170 |
200 |
60 |
50 |
40 |
20 |
उत्तर:
पहले आवृत्ति-वितरण को संचयी आवृत्ति ('से कम') श्रेणी में बदला जायेगा:
'से कम' मासिक आय (रुपये में ) |
संचयी आवृत्ति |
75 से कम |
60 |
150 से कम |
230 |
225 से कम |
430 |
300 से कम |
490 |
375 से कम |
540 |
450 से कम |
580 |
525 से कम |
600 |
प्रश्न 10.
छात्रों द्वारा अर्थशास्त्र विषय में प्राप्त किये गये प्राप्तांकों के निम्न विवरण के आधार पर आवृत्ति बहभज की रचना कीजिए:
प्राप्तांक |
0-10 |
10-20 |
20-30 |
30-40 |
40-50 |
विद्यार्थियों की संख्या |
6 |
12 |
15 |
8 |
4 |
उत्तर:
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