Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य Textbook Exercise Questions and Answers.
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पृष्ठ संख्या 46
प्रश्न 1.
क्या यह चित्र (पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 46 पर चित्रित) यह दिखाता है कि मुगल राजत्व का दावा जन्मसिद्ध अधिकार के रूप में करते थे?
उत्तर:
इस चित्र में मुगल बादशहों के तैमूर से लेकर औरंगजेब तक की वंशावली को दिखाया गया है। यह चित्र दिखाता है कि मुगल राजत्व का दावा जन्मसिद्ध अधिकार के रूप में करते थे।
पृष्ठ संख्या 47
प्रश्न 1.
सफाविद ईरान से अकबर और हुमायूँ के सम्बन्धों में क्या अन्तर था?
उत्तर:
हुमायूँ के सफाविद ईरान से दोस्ताना सम्बन्ध थे क्योंकि जब उसे भारतीय उपमहाद्वीप से शेरशाह सूरी द्वारा खदेड़ दिया गया था तब उसने सफादिव ईरान के दरबार में शरण ली थी। लेकिन अकबर के उससे दुश्मनी के सम्बन्ध थे क्योंकि अकबर ने सफाविद ईरानी शासकों से कंधार को जीत कर अपने नियंत्रण में ले लिया था।
प्रश्न 2.
क्या औरंगजेब के शासनकाल में गोलकुण्डा और बीजापुर के अधिग्रहण से दक्कन में युद्ध का अन्त हो पाया?
उत्तर:
नहीं, गोलकुण्डा और बीजापुर के अधिग्रहण के बावजूद औरंगजेब को दक्कन में अन्तहीन संघर्षों का सामना करना पड़ा, जैसे मराठाओं ने उसके विरुद्ध गुरिल्ला युद्ध छेड़ दिया था। अन्त में 1698 ई. के बाद उसे स्वयं ही दक्षिण में अभियान को व्यवस्थित करना पड़ा।
पृष्ठ संख्या 50
प्रश्न 1.
आपके अनुसार उत्तराधिकार का कौन-सा तरीका सही था-ज्येष्ठाधिकार या सहदायाद?
उत्तर:
मेरे अनुसार सहदायाद अपेक्षाकृत अधिक सही तरीका था क्योंकि यह समानता के सिद्धान्त पर आधारित था।
पृष्ठ संख्या 51
प्रश्न 1.
औरंगजेब द्वारा शिवाजी का अपमान किये जाने का क्या परिणाम हुआ?
उत्तर:
जब औरंगजेब ने अपने दरबार में शिवाजी का अपमान किया, तो वह जेल से निकल भागे और उन्होंने मुगलों के विरुद्ध महान गुरिल्ला संघर्ष छेड़ दिया।
प्रश्न 2.
औरंगजेब के शासनकाल में 5000 जात की पदवी के मनसबदारों की संख्या के बढ़ने का क्या यह अर्थ हुआ कि राज्य का खर्च बढ़ गया?
उत्तर:
हाँ, उच्च जात पदवी के मनसबदारों की संख्या के बढ़ने का अर्थ यह हुआ कि राज्य का खर्च अधिक बढ़ गया।
पृष्ठ संख्या 55
प्रश्न 1.
पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 55 पर दिए गए चित्र में क्या आप जेसुइट पादरियों को पहचान सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, ऊपर बायीं तरफ जो दो व्यक्ति काली पोशाक पहने बैठे हुए हैं, वे जेसुइट पादरी हैं।
कल्पना कीजिए-
प्रश्न 1.
बाबर और अकबर शासक बनने के समय आपकी ही उम्र के थे। कल्पना करें कि आपको पैतृक सम्पत्ति के रूप में एक राज्य प्राप्त होता है। आप अपने राज्य को स्थायी और समृद्ध कैसे बनाएँगे?
उत्तर:
यदि मुझे पैतृक सम्पत्ति के रूप में एक राज्य प्राप्त होता है, तो मैं उसे समृद्ध व स्थायी बनाने के लिए निम्न कार्य करूँगा-
फिर से याद करें-
प्रश्न 1.
सही जोड़े बनाएँ :
1. मनसब |
(अ) मारवाड़ |
2. मंगोल |
(ब) गवर्नर |
3. सिसोदिया राजपूत |
(स) उजबेक |
4. राठौर राजपूत |
(द) मेवाड़ |
5. नूरजहाँ |
(य) पद |
6. सूबेदार |
(र) जहाँगीर |
उत्तर:
1. मनसब |
(य) पद |
2. मंगोल |
(स) उजबेक |
3. सिसोदिया राजपूत |
(द) मेवाड़ |
4. राठौर राजपूत |
(अ) मारवाड़ |
5. नूरजहाँ |
(र) जहाँगीर |
6. सूबेदार |
(ब) गवर्नर |
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरें:
(क) .......... अकबर के सौतेले भाई, मिर्जा हाकिम के राज्य की राजधानी थी।
(ख) दक्कन की पाँचों सल्तनत बरार, खानदेश, अहमदनगर, ............ और ............ थीं।
(ग) यदि जात एक मनसबदार के पद और वेतन का द्योतक था, तो सवार उसके ......... को दिखाता था।
(घ) अकबर के दोस्त और सलाहकार अबुल फजल ने उसकी ......... के विचार को गढ़ने में मदद की जिसके द्वारा विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों और जातियों से बने समाज पर राज्य कर सका।
उत्तर:
(क) काबुल
(ख) बीजापुर, गोलकुण्डा,
(ग) सैन्य उत्तरदायित्व,
(घ) सुलह-ए-कुल।
प्रश्न 3.
मुगल राज्य के अधीन आने वाले केन्द्रीय प्रांत कौनसे थे?
उत्तर:
मुगल राज्य के अधीन आनेवाले केन्द्रीय प्रांत-
प्रश्न 4.
मनसबदार और जागीर में क्या सम्बन्ध था?
उत्तर:
मनसबदार और जागीर में सम्बन्ध-
आइये समझें-
प्रश्न 5.
मुगल प्रशासन में जमींदार की क्या भूमिका थी?
उत्तर:
प्रश्न 6.
शासन-प्रशासन सम्बन्धी अकबर के विचारों के निर्माण में धार्मिक विद्वानों से होने वाली चर्चाएँ कितनी महत्त्वपूर्ण थीं?
उत्तर:
शासन-प्रशासन सम्बन्धी अकबर के विचारों के निर्माण में धार्मिक विद्वानों से होने वाली चर्चाएँ अत्यन्त महत्त्वपूर्ण थीं, क्योंकि-
प्रश्न 7.
मुगलों ने खुद को मंगोल की अपेक्षा तैमूर के वंशज होने पर क्यों बल दिया?
उत्तर:
आइये विचार करें-
प्रश्न 8.
भू-राजस्व से प्राप्त होने वाली आय, मुगल साम्राज्य के स्थायित्व के लिए कहाँ तक जरूरी थी?
उत्तर:
भू-राजस्व से प्राप्त होने वाली आय मुगल साम्राज्य के स्थायत्वि के लिए जरूरी थी, क्योंकि-
प्रश्न 9.
मुगलों के लिए केवल तुरानी या ईरानी ही नहीं, बल्कि विभिन्न पृष्ठभूमि के मनसबदारों की नियुक्ति क्यों महत्त्वपूर्ण थी?
उत्तर:
मुगलों के लिए विभिन्न पृष्ठभूमि के मनसबदारों की नियुक्ति इसलिए महत्त्वपूर्ण थी, क्योंकि-
प्रश्न 10.
मुगल साम्राज्य के समाज की ही तरह वर्तमान भारत, आज भी अनेक सामाजिक और सांस्कृतिक इकाइयों से बना हुआ है? क्या यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए चुनौती है?
उत्तर:
नहीं, यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए चुनौती नहीं है, क्योंकि-
प्रश्न 11.
मुगल साम्राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए कृषक अनिवार्य थे। क्या आप सोचते हैं कि वे आज भी इतने महत्त्वपूर्ण हैं? क्या आज भारत में अमीर और गरीब के बीच आय का फासला मुगलों के काल की अपेक्षा कहीं अधिक बढ़ गया है?
उत्तर:
कृषकों का तुलनात्मक महत्त्व- मुगल साम्राज्य में भारतीय अर्थव्यवस्था पूर्णतः कृषि पर आधारित थी, परन्तु आज हमारी अर्थव्यवस्था में यद्यपि कृषि का महत्त्वपूर्ण स्थान है, तथापि यह धीरे-धीरे औद्योगिक स्वरूप प्राप्त कर रही है। इससे कृषकों का महत्त्व मुगल साम्राज्य की तुलना में कम हुआ है।
अमीर-गरीब के मध्य अन्तर- वर्तमान में अमीर और गरीब के बीच की आय का अन्तर मुगल साम्राज्य की तुलना में अधिक बढ़ गया है। मुगलकाल में 5.6 प्रतिशत व्यक्ति कुल संसाधनों के 61.5 प्रतिशत का उपयोग करते थे जबकि वर्तमान भारत में 5 प्रतिशत व्यक्ति देश के लगभग 90 प्रतिशत संसाधनों का उपभोग करते हैं।