Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 2 हमारी पृथ्वी के अन्दर Textbook Exercise Questions and Answers.
Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 7. Students can also read RBSE Class 7 Social Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 7 Social Science Notes to understand and remember the concepts easily. Go through these प्लेट क्यों घूमती है and get deep explanations provided by our experts.
पृष्ठ संख्या 9
प्रश्न 1.
अनेक स्मारकों के चित्र एकत्र कीजिए तथा पता कीजिए कि वे किन शैलों से बने हैं?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं स्मारकों के चित्र एकत्र करें तथा उनको निर्मित करने वाले शैलों का पता लगाएँ। यहाँ कुछ स्मारक और उनके शैलों के नाम दिए जा रहे हैं-
प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) पृथ्वी की तीन परतें क्या हैं?
(ख) शैल क्या है?
(ग) तीन प्रकार की शैलों के नाम लिखें।
(घ) बहिर्भेदी एवं अंतर्भेदी शैल का निर्माण कैसे होता है?
(ङ) शैल चक्र से आप क्या समझते हैं?
(च) शैलों के क्या उपयोग हैं?
(छ) कायान्तरित शैल क्या हैं?
उत्तर:
(क) पृथ्वी की तीन परतें हैं-(1) पर्पटी, (2) मैंटल और (3) क्रोड।
(i) पर्पटी-पृथ्वी की सतह की सबसे ऊपरी परत को पर्पटी कहते हैं। यह सबसे पतली परत होती है।
(ii) मैंटल-पर्पटी के ठीक नीचे मैंटल होता है जो 2900 किलोमीटर की गहराई तक फैला होता है।
(iii) क्रोड-पृथ्वी का सबसे आंतरिक परत क्रोड है जिसकी त्रिज्या लगभग 3500 किलोमीटर है। यह मुख्यतः निकल और लोहे की बनी होती है। केन्द्रीय क्रोड का तापमान एवं दाब काफी उच्च होता है।
(ख) शैल-पृथ्वी की पर्पटी बनाने वाले खनिज पदार्थ के किसी भी प्राकृतिक पिंड को शैल कहते हैं। शैल विभिन्न रंग, आकार एवं गठन की हो सकती है।
(ग) तीन प्रकार की शैलों के नाम ये हैं-(i) आग्नेय शैल (i) अवसादी शैल तथा (iii) कायान्तरित शैल।
(घ) बहिर्भेदी और अंतर्भेदी शैलों का निर्माण निम्न प्रकार से होता है-
(i) बहिर्भेदी शैल-जब द्रवित लावा पृथ्वी के आंतरिक भाग से निकलकर पृथ्वी की सतह पर आता है तो यह तेजी से ठंडा होकर ठोस बन जाता है। पर्पटी पर इस प्रकार से बने शैल को बहिर्भेदी आग्नेय शैल कहते हैं। जैसे-बेसाल्ट।
(ii) अंतर्भेदी शैल-द्रवित मैग्मा कभी-कभी भू-पर्पटी के अन्दर गहराई में ही ठंडा हो जाता है। इस प्रकार बने ठोस शैलों को अंतर्भेदी आग्नेय शैल कहते हैं। जैसे-ग्रेनाइट।
(ङ) शैल चक्र से आशय-किन्हीं निश्चित दशाओं में एक प्रकार की शैल चक्रीय तरीके से एक से दूसरे में परिवर्तित हो जाते हैं। एक शैल से दूसरे शैल में परिवर्तन | होने की इस प्रक्रिया को शैल चक्र कहते हैं।
(च) शैलों के उपयोग-शैल हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं। कठोर शैलों का उपयोग सड़क, घर एवं इमारत बनाने के लिए किया जाता है। पत्थरों का उपयोग कुछ खेलों में भी किया जाता है, जैसे—सात पत्थर (पिट्ठ), चिबिड्डी (स्टापू या किट-किट), पाँच पत्थर (गिट्टी) आदि।
(छ) कायान्तरित शैल से आशय-आग्नेय एवं अवसादी शैल उच्च ताप एवं दाब के कारण कायान्तरित शैलों में परिवर्तित हो सकती है। उदाहरण के लिए-चिकनी मिट्टी स्लेट में एवं चूना पत्थर संगमरमर में परिवर्तित हो जाता है।
प्रश्न 2.
सही (√) उत्तर चिहिन्त कीजिए-
(क) द्रवित मैग्ना से बने शैल
(i) आग्नेय
(ii) अवसादी
(iii) कायान्तरित
उत्तर:
(i) आग्नेय
(ख) पृथ्वी की सबसे भीतरी परत
(i) पर्पटी
(ii) क्रोड
(iii) मैंटल
उत्तर:
(ii) क्रोड
(ग) सोना, पेट्रोलियम एवं कोयला किसके उदाहरण हैं?
(i) शैल
(ii) खनिज
(iii) जीवाश्म
उत्तर:
(ii) खनिज
(घ) शैल, जिसमें जीवाश्म होते हैं-
(i) अवसादी शैल
(ii) कायान्तरित शैल
(iii) आग्नेय शैल
उत्तर:
(i) अवसादी शैल
(ङ) पृथ्वी की सबसे पतली परत है-
(i) पर्पटी
(ii) मैंटल
(iii) क्रोड
उत्तर:
(i) पर्पटी
प्रश्न 3.
निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाएँ-
(क) क्रोड |
(i) पृथ्वी की सतह |
(ख) खनिज |
(ii) सड़क एवं इमारत बनाने के के लिए उपयोग होता है। |
(ग) शैल |
(iii) सिलिका एवं एलुमिना से बनता है। |
(घ) चिकनी मिट्टी |
(iv) इसका एक निश्चित रासायनिक मिश्रण होता है। |
(ङ) सिएल |
(v) सबसे भीतरी परत |
|
(vi) स्लेट में बदलता है |
|
(vii) शैल के परिवर्तित होने की प्रक्रिया। |
उत्तर:
(क) क्रोड |
(v) सबसे भीतरी परत |
(ख) खनिज |
(iv) इसका एक निश्चित रासायनिक मिश्रण होता है। |
(ग) शैल |
(ii) सड़क एवं इमारत बनाने के के लिए उपयोग होता है। |
(घ) चिकनी मिट्टी |
(vi) स्लेट में बदलता है |
(ङ) सिएल |
(iii) सिलिका एवं एलुमिना से 'बनता है। |
प्रश्न 4.
कारण बताइए-
(क) हम पृथ्वी के केन्द्र तक नहीं जा सकते हैं।
(ख) अवसादी शैल अवसाद से बनती है।
(ग) चूना पत्थर संगमरमर में बदलता है।
उत्तर:
(क) हम पृथ्वी के केन्द्र तक नहीं जा सकते क्योंकि पृथ्वी के केन्द्र तक पहुँचने के लिए हमें समुद्र की सतह पर 6000 किलोमीटर गहराई तक खोदना होगा, जो कि बिलकुल असंभव है।
(ख) अवसादी शैल अवसाद से बनती है-आग्नेय शैल लुढ़ककर, चटककर तथा एक-दूसरे से टकराकर छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती है। इन छोटे कणों को अवसाद कहते हैं। ये अवसाद हवा, जल आदि के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाकर जमा कर दिये जाते हैं। ये अदृढ़ अवसाद दबकर एवं कठोर होकर शैल की परत बनते हैं। इस प्रकार की शैलों को अवसादी शैल कहते हैं। उदाहरण के लिए बलुआ पत्थर रेत के दानों से बनता है।
(ग) चूना पत्थर संगमरमर में बदलता है-आग्नेय एवं अवसादी शैल उच्च ताप एवं दाब पाकर कायान्तरित शैलों में परिवर्तित हो सकती है। यही कारण है कि चूना पत्थर उच्च ताप एवं दाब पाकर संगमरमर में परिवर्तित हो जाता है।
प्रश्न 5.
आओ खेलें-
(क) निम्न वस्तुओं के उपयोग किए गए खनिजों की पहचान करें। (देखें चित्र-पाठ्यपुस्तक पेज 11 पर)
(ख) विभिन्न खनिजों से बनी कुछ अन्य वस्तुओं के चित्र बनाएँ।
उत्तर:
(क)
वस्तु |
खनिज |
कढ़ाई |
लोहा |
आभूषण |
सोना |
दीप |
पीतल |
हथौड़ा |
लोहा |
घंटी |
पीतल |
तवा |
लोहा |
(ख) विभिन्न खनिजों से बनी कुछ अन्य वस्तुएँ-
वस्तु |
खनिज |
तार |
ताँबा, एल्युमिनियम |
बर्तन-थाली, गिलास |
स्टील, चाँदी |
आलमारी |
लोहा |
आभूषण |
पायल चाँदी |
[नोट-उक्त वस्तुओं व अन्य खनिजों की वस्तुओं की| पहचान कर विद्यार्थी स्वयं चित्र बनाएँ।]