RBSE Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20 विप्लव गायन

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20 विप्लव गायन Textbook Exercise Questions and Answers.

The questions presented in the RBSE Solutions for Class 7 Hindi are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 7 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts. Here are अपठित गद्यांश कक्षा 7 with answers to learn grammar effectively and quickly.

RBSE Class 7 Hindi Solutions Vasant Chapter 20 विप्लव गायन

RBSE Class 7 Hindi विप्लव गायन Textbook Questions and Answers

कविता से - 

प्रश्न 1. 
कण-कण में है व्याप्त वही स्वर .......................................... कालकूट फणि की चिंतामणि'। 
(क) 'वही स्वर', 'वह ध्वनि' एवं 'वही तान' आदि वाक्यांश किसके लिए किस भाव के लिए प्रयुक्त हुए हैं? 
(ख) वही स्वर, वह ध्वनि एवं वही तान से संबंधित भाव का 'रुद्ध-गीत की कुद्ध तान है/निकली मेरी अंतरतर से'-पंक्तियों से क्या कोई संबंध बनता है? उत्तर : 
(क) वही स्वर, वह ध्वनि एवं वही तान समाज के उस वर्ग के लिए प्रयुक्त हुआ जो जड़ता का शिकार हो गया है। यह उसको जागृत करने के लिए प्रयुक्त हुआ है। 
(ख) वही स्वर, वह ध्वनि एवं वही तान से सम्बन्धित भाव का 'रुद्ध-गीत की क्रुद्ध तान है/निकली मेरी अंतरतर से' पंक्तियों से सही संबंध बनता है, क्योंकि इन पंक्तियों में समाज में परिवर्तन लाने की बात कही गई है, परन्तु उसके कंठ से वह गीत बाहर नहीं आ सकता, जिससे वह और अधिक अधीर हो जाता है। 

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प्रश्न 2. 
नीचे दी गई पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए'सावधान ! मेरी वीणा में ............................... दोनों मेरी ऐंठी हैं।' 
उत्तर :
उपर्युक्त पंक्तियों का भाव यह है कि कवि जड़ता से पूरित लोगों को परिवर्तन के प्रति सावधान करता है कि वीणा से अब कठोर स्वर निकलने के कारण उसकी उँगलियों की मिजराबें टूटकर गिर गई हैं, जिससे उसकी अंगुलियाँ ऐंठ कर घायल हो गई हैं। 

कविता से आगे - 

प्रश्न 1. 
स्वाधीनता संग्राम के दिनों में अनेक कवियों ने स्वाधीनता को मुखर करने वाली ओजपूर्ण कविताएँ लिखीं। मानखलाल चतुर्वेदी, मैथिलीशरण गुप्त और सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' की ऐसी कविताओं की चारचार पंक्तियाँ इकद्रा कीजिए जिनमें स्वाधीनता के भाव ओज से मुखर हुए हैं। 
उत्तर : 
भूखंड बिछा, आकाश ओढ़,
नयनोदक ले, मोदक प्रहार, 
ब्रह्मांड हथेली पर उछाल, 
अपने जीवन-धन को निहार। (माखन लाल चतुर्वेदी) 

नीलांबर परिधान हरित पट पर सुंदर है, 
सूर्य-चंद्र-युग मुकुट मेखला रत्नाकर है। 
करते अभिषेक पयोद हैं, बलिहारी इस वेश की, 
हे मातृभूमि, तू ही सगुण मूर्ति सर्वेश की। (मैथिलीशरण गुप्त) 

जीवन के रथ पर चढ़कर, सदा मृत्यु पथ पर बढ़कर, 
महाकाल के खरतर शर सह सकूँ, मुझे तू कर दृढ़ तर; 
जागे मेरे उर में तेरी, मूर्ति अश्रुजल धौत विमल 
दुग जल से पा बल बलि कर दूँ जननि, जन्म श्रम 
संचित-फल। (सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला')  

अनुमान और कल्पना - 

प्रश्न 1. 
कविता के मूलभाव को ध्यान में रखते हुए बताइए कि इसका शीर्षक 'विप्लव-गायन' क्यों रखा गया होगा?
उत्तर :
कविता का मूल भाव है समाज में व्याप्त गलत रीतिरिवाजों, रूढ़िवादी विचारों व परस्पर भेदभाव त्याग कर। विकास एवं गतिशीलता के प्रति जन-मानस को नया सृजन के लिए प्रेरित करना। इसीलिए इस कविता का शीर्षक 'विप्लव-गायन' रखा गया है, जिसका अर्थ है, क्रान्ति के लिए आह्वान करना। 

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भाषा की बात - 

प्रश्न 1. 
कविता में दो शब्दों के मध्य (-) का प्रयोग किया गया है, जैसे-'जिससे उथल-पुथल मच जाए' एवं 'कण-कण में है व्याप्त वही स्वर'। इन पंक्तियों को पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कवि ऐसा प्रयोग क्यों करते हैं? 
उत्तर : 
कविता को प्रभावशाली बनाने व शब्दों में प्रवाह लाने व बल देने के लिए (-) योजक चिह्न का प्रयोग किया जाता है। 

प्रश्न 2. 
कविता में ((,-आदि) विराम चिह्नों का उपयोग रुकने, आगे-बढ़ने अथवा किसी खास भाव को अभिव्यक्त करने के लिए किया जाता है। कविता पढ़ने में इन विराम चिह्नों का प्रभावी प्रयोग करते हुए काव्य पाठ कीजिए। गद्य में आमतौर पर 'है' शब्द का प्रयोग
वाक्य के अंत में किया जाता है, जैसे-देशराज जाता है। अब कविता की निम्न पंक्तियों को देखिए'कण-
'कण में है व्याप्त ..................... वही तान गाती रहती है,' इन पंक्तियों में है शब्द का प्रयोग अलग-अलग जगहों पर किया गया है। कविता में अगर आपको ऐसे अन्य प्रयोग मिलें तो उन्हें छाँटकर लिखिए। 
उत्तर : 
रुद्ध-गीत की क्रुद्ध तान है।
रोम-रोम गाता है वह ध्वनि। 

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प्रश्न 3. 
निम्न पंक्तियों को ध्यान से देखिए'कवि कुछ ऐसी तान सुनाओ--एक हिलोर उधर से आए,' इन पंक्तियों के अंत में आए, जाए जैसे तक मिलानेवाले शब्दों का प्रयोग किया गया है। इसे तुकबंदी या अंत्यानुप्रास कहते हैं। कविता से तकबंदी के अन्य शब्दों को छाँटकर लिखिए। छाँटे गए शब्दों से अपनी कविता बनाने की कोशिश कीजिए। 
उत्तर : 
कविता से तुकबन्दी के और शब्द/पद
बैठी हैं, ऐंठी हैं। रुद्ध होता है, युद्ध होता है। स्वर से, अंतरतर से। समझ आया हूँ, परख आया हूँ। इन शब्दों के आधार पर स्वरचित कविता बनाने का प्रयास स्वयं कीजिए।

RBSE Class 7 Hindi विप्लव गायन Important Questions and Answers

प्रश्न 1. 
'विप्लव-गायन' कविता के रचयिता हैं - 
(क) भवानी प्रसाद मिश्र 
(ख) नागार्जुन 
(ग) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना 
(घ) बालकृष्ण शर्मा 'नवीन'।
उत्तर : 
(घ) बालकृष्ण शर्मा 'नवीन'।

प्रश्न 2. 
कवि जड़ से समाप्त करना चाहता है - 
(क) जीर्ण-शीर्ण रूढ़िवादी विचारों व रिवाजों को 
(ख) समाज में फैली विषमता को 
(ग) समाज में व्याप्त अन्याय और अत्याचार को 
(घ) पाश्चात्य सभ्यता के प्रभाव को। 
उत्तर : 
(क) जीर्ण-शीर्ण रूढ़िवादी विचारों व रिवाजों को 

प्रश्न 3. 
'काँटेदार झाड़ियाँ' प्रतीक हैं - 
(क) नवनिर्माण की 
(ख) पुरानी व जीर्ण-शीर्ण विचारधाराओं की 
(ग) दुःख और परेशानियों की 
(घ) असहयोग की। 
उत्तर : 
(ख) पुरानी व जीर्ण-शीर्ण विचारधाराओं की 

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प्रश्न 4. 
'विप्लव-गायन' कविता है - 
(क) उदारता की 
(ख) ओज की 
(ग) हास्य की 
(घ) रौद्र की।
उत्तर : 
(ख) ओज की

रिक्त स्थानों की पूर्ति - 

प्रश्न 5. 
रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिए गये सही शब्दों से कीजिए - 
(क) टूटी हैं मिज़राबें, अंगुलियाँ. मेरी ऐंठी हैं। (दोनों/सभी) 
(ख) कंठ रुका है, महानाश का.गीत रुख होता (धारक/मारक) 
(ग) आज देख आया हूँ-जीवन के सब .समझ आया हूँ। (काज/राज) 
उत्तर : 
(क) दोनों 
(ख) मारक 
(ग) राज। 

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न -

प्रश्न 6. 
कवि विप्लव-गायन' कविता में किनका आह्वान करता है? 
उत्तर : 
कवि 'विप्लव-गायन' कविता में देश के नवयुवकों का आह्वान करता है। 

प्रश्न 7. 
कवि अपने स्वर में कठोरता क्यों लाता है? 
उत्तर : 
कवि अपने स्वर में कठोरता इसलिए लाता है ताकि वह देशवासियों को नवीनता की ओर अग्रसर कर सके। 

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प्रश्न 8. 
कवि जड़ से किन्हें समाप्त करना चाहता है? 
उत्तर : 
कवि जड़ से रूढ़ियों व विकास को अवरुद्ध करने वाली प्रवृत्तियों को समाप्त करना चाहता है। 

प्रश्न 9. 
कवि विनाश के गीत क्यों गाना चाहता है? 
उत्तर : 
कवि विनाश के गीत इसलिए गाना चाहता है, क्योंकि विनाश के बाद ही नव-निर्माण होता है। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न - 

प्रश्न 10. 
कवि की क्या इच्छा है? 
उत्तर : 
कवि की इच्छा है कि उसकी वीणा में मधुर संगीत की बजाय क्रान्ति और संघर्ष के गीत गूंजें। भले ही इस कार्य के लिए उसकी अंगुलियाँ ऐंठ कर घायल हो जाएँ। लेकिन नवनिर्माण की ओर अग्रसर अवश्य होना है। 

प्रश्न 11. 
कवि आवेश के साथ विनाशक गीत क्यों गाना चाहता है? 
उत्तर : 
कवि आवेश के साथ विनाशक गीत इसलिए गाना चाहता है, क्योंकि इन गीतों के स्वरों से सारी जीर्ण-शीर्ण विचारधाराएँ जलकर खाक हो जायेंगी। 

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प्रश्न 12. 
'विप्लव-गायन' कविता का उद्देश्य क्या है?
उत्तर : 
'विप्लव-गायन' कविता के माध्यम से कवि विकास और गतिशीलता में रुकावट पैदा करने वाली प्रवृत्ति से संघर्ष करके नवनिर्माण करना चाहता है। 

निबन्धात्मक प्रश्न - 

प्रश्न 13. 
कवि विप्लव-गायन क्यों गाना चाहता है? 
उत्तर : 
कवि विप्लव-गायन इसलिए गाना चाहता है, क्योंकि वह इसके माध्यम से लोगों के मन में नवनिर्माण की भावना जाग्रत करना चाहता है। उसका मानना है कि सुन्दर राष्ट्र के नवनिर्माण की नींव पुराने, सड़े-गले रीति-रिवाजों व रूढ़िवादी विचारों पर नहीं रखी जा सकती है। इसलिए वह नवनिर्माण के लिए देश की युवा पीढ़ी का आह्वान करता है। 

प्रश्न 14. 
'विप्लव-गायन' कविता हमें क्या सन्देश देती
उत्तर : 
'विप्लव-गायन' कविता जड़ता के विरुद्ध विकास एवं गतिशीलता की कविता है। यह हमें सन्देश देती है कि जब हमारे पुराने रीति-रिवाज व रूढ़िवादी परम्पराएँ हमारे लिए बोझ बन जाएँ और हमारी उन्नति में बाधा उत्पन्न करने लगें, तो हमें बेझिझक होकर उन्हें तोड़ देना चाहिए, क्योंकि नवनिर्माण करने के लिए पुरानी परम्पराओं का विध्वंस करना पड़ता है। इसके लिए हमें सदा तैयार रहना चाहिए।

विप्लव गायन Summary in Hindi 

पाठ-परिचय - 'विप्लव-गायन' कविता के रचयिता बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' हैं। इस कविता में कवि समाज में | उथल-पुथल करना और क्रान्ति की भावना जगाकर नया सृजन करना चाहता है। 

सप्रसंग व्याख्याएँ - 

1. कवि तामा साम ............................................................ उधर से आए। 

कठिन-शब्दार्थ : 

  • तान = संगीत में स्वर का विस्तार। 
  • उथल-पुथल = परिवर्तन। 
  • हिलोर = लहर।

प्रसंग - यह पद्यांश 'विप्लव-गायन' शीर्षक से लिया गया है। इसके रचयिता कविवर बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' हैं। इन काव्य पंक्तियों में कवि ने समाज में परिवर्तन लाने की आकांक्षा व्यक्त की है।

व्याख्या - समाज में विकास और गतिशीलता लाने की इच्छा रखने वाला मनुष्य (युवा वर्ग) कवि से परिवर्तन लाने में सक्षम तान सुनाने का आग्रह करते हुए कहता है कि हे कवि ! समाज में व्याप्त जड़ता को दूर करने के लिए कुछ ऐसी संगीतमय रचना सुनाओ, जिससे समाज में गतिशीलता आ जाए और विकास की ओर उन्मुख हो जाए। यह परिवर्तन एक . ही स्थान पर न हो बल्कि इधर-उधर प्रत्येक स्थान पर पहुँच जाए। 

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2. सावधान! ............................................................... ऐंठी हैं। 

कठिन-शब्दार्थ : 

  • वीणा = सितार। 
  • चिनगारियाँ = परिवर्तन रूपी आग।
  • आन बैठी हैं = समाई हुई हैं। 
  • मिजराबें = लोहे का छल्ला जिसे सितार बजाते समय तर्जनी में पहना जाता है। 
  • ऐंठी हैं = अकड़ गई हैं, मुड़ गई हैं।

प्रसंग - प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ 'विप्लव गायन' शीर्षक कविता से ली गयी। इसके रचयिता श्री बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' हैं । कवि यहाँ विकास और गतिशीलता को अवरुद्ध करने वाली प्रवृत्ति का वर्णन कर रहा है।

व्याख्या - कवि कहता है कि परिवर्तन की कामना रखने वाले युवाओं सावधान हो जाओ! जिस वीणा की सुरीली तान सुनकर तुम समाज में विकास लाना चाहते हो, अब उस वीणा में सुरीली तान नहीं बल्कि उसमें चिनगारियाँ भर गयी हैं। अर्थात् समाज में असंतोष का भाव भर गया है इसलिए वीणा में मधुर स्वर उत्पन्न करने वाला मिजराब टूट गया है। इस वीणा को बजाते-बजाते मेरी अंगुलियाँ ऐंठ गयी हैं अर्थात् बदलाव हेतु संघर्ष करते-करते कवि थक-सा गया

3. कंठ रुका है ............................................................. युद्ध होता है। 

कठिन-शब्दार्थ : 

  • कंठ = गला। 
  • महानाश = विनाश। 
  • मारक गीत = नाश करने वाला। 
  • रुद्ध = रुका हुआ। 
  • हृत्तल = हृदय की गहराई। 
  • क्षुब्ध = क्रुद्ध।

प्रसंग - यह पद्यांश 'विप्लव-गायन' शीर्षक कविता से लिया गया है। इसके रचयिता श्री बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' हैं। कवि समाज में आयी जड़ता की ओर संकेत कर कहता है।

व्याख्या - कवि कहता है कि जिस कंठ से युवाजनों में संघर्ष की प्रवृत्ति जगाने की आवाज निकलती थी, आज वह अवरुद्ध हो गया है। इस स्थिति में यदि मैं युवा वर्ग से संघर्ष कर नव सृजन की बात कहता हूँ तो वे तुरन्त क्रोध में भर उठते हैं। उनके हृदय व्याकुल हो उठते हैं और बेचैनी अनुभव करने लगते हैं।

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4. झाड़ और झंखाड़ ..................................................... अंतरतर से।

कठिन-शब्दार्थ : 

  • झाड़-झंखाड़ = काटेदार व सूखी झाड़ियाँ। 
  • ज्वलंत = प्रकाश पूरित। 
  • दग्ध = जली हुई।
  • क्रुद्ध = क्रोध भरी। 
  • अन्तरतर = हृदय की गहराइयों से।

प्रसंग - यह पद्यांश 'विप्लव-गायन' शीर्षक कविता से लिया गया है। इस कविता के रचयिता श्री बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' हैं। कवि ने यहाँ परिवर्तन लाने वाले विप्लव-गायन के प्रभाव का वर्णन किया है।

व्याख्या - कवि कहता है कि इस गीत के स्वरों से ही सारी काँटेदार झाड़ियाँ अर्थात् जीर्ण-शीर्ण विचारधाराएँ और रूढ़िवादी विचार जल कर राख हो जायेंगे। इस रुद्ध गीत की क्रोधभरी तान हमारे हृदय की गहराइयों से निकाली है। इसी से समाज नवीन पथ पर अग्रसर होगा। 

5. कण-कण में ............................................................. चिंतामणि। 

कठिन-शब्दार्थ : 

  • व्याप्त = फैला हुआ।
  • स्वर = आवाज। 
  • कालकूट = जहर। 
  • फणि = शेष नाग।
  • चिंतामणि = कामनाओं को पूर्ण करने वाला एक कल्पित रत्न।

प्रसंग - यह काव्यांश 'विप्लव-गायन' शीर्षक कविता से लिया गया है। इस कविता के रचयिता श्री बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' हैं। इसमें कवि विप्लव गायन के प्रति विश्वास प्रकट करता है।

व्याख्या - कवि कहता है कि इस विनाशकारी गीतं. का प्रभाव कण-कण में अर्थात् दूर-दूर तक होगा और प्रत्येक युवा के रोम-रोम में इसकी तान समा जायेगी। जिस प्रकार शेष नाग अपनी मणि की चिंता करता है, उसी प्रकार यह गीत हर हृदय में गूंजेगा अर्थात् प्रत्येक युवा जन नवनिर्माण हेतु चिन्तन करेगा। 

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6. आज देख ........................................................ आया हूँ। 

कठिन-शब्दार्थ :

  • भ्रू-विलास = भृकुटि के इशारे से। 
  • पोषक सूत्र = शक्ति प्रदान वाले तत्त्व। 
  • परख = पहचान।

प्रसंग - यह पद्यांश 'विप्लव-गायन' शीर्षक कविता से लिया गया है। इसमें कवि बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' समाज परिवर्तन के क्रम में विश्वास व्यक्त करता है।

व्याख्या - कवि समाज को बदलने वाली परिस्थितियों को अच्छी तरह से जान गया है और भविष्यवाणी करता है कि आँख की भृकुटी के इशारे से ही महानाश जाग उठेगा। उसके बाद ही देश का नवनिर्माण संभव होगा, क्योंकि पुराने गले-सड़े खंडहरों रूपी विचारधाराओं और रूढ़ियों को समाप्त करके भव्य भवन रूपी गतिशील विचारधारा का निर्माण किया जा सकता है।

Prasanna
Last Updated on June 22, 2022, 10:22 a.m.
Published June 22, 2022