RBSE Class 7 Hindi अपठित बोध अपठित गद्यांश

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Hindi अपठित बोध अपठित गद्यांश Textbook Exercise Questions and Answers.

The questions presented in the RBSE Solutions for Class 7 Hindi are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 7 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts. Here are अपठित गद्यांश कक्षा 7 with answers to learn grammar effectively and quickly.

RBSE Class 7 Hindi अपठित बोध अपठित गद्यांश

निर्देश - निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

1. भारतवर्ष की कृषि-उन्नति में जो साधन उपलब्ध किये जा रहे हैं, उनका केवल एक ही उद्देश्य है और वह यह है कि भारतवर्ष के किसान जितना अन्न अपने खेतों में पैदा कर पाते हैं, उससे यदि दुगुना नहीं तो कम से कम डेढ़ गुना अधिक पैदा कर सकें, जिससे भारतवर्ष की बढ़ती हुई खाद्य समस्या हल की जा सके और किसानों का सामाजिक तथा आर्थिक स्तर ऊँचा हो सके। कृषक संगठन के नागपुर प्रस्ताव के बाद ऐच्छिक सहकारी कृषि को प्रोत्साहन देने के प्रयास भी जारी हैं। 

अपठित गद्यांश कक्षा 7 प्रश्न 1. 
उक्त गद्यांश का शीर्षक दीजिए। 
उत्तर :
शीर्षक-'भारत में कृषि'। 

अपठित गद्यांश कक्षा 7 With Answers प्रश्न 2. 
हमारे देश की बढ़ती हुई खाद्य-समस्या के हल के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर :
भारत में खाद्य-समस्या के हल के लिए किसानों का स्तर ऊँचा उठाना आवश्यक है। 

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Apathit Gadyansh For Class 7 प्रश्न 3. 
देश में किस तरह की कृषि के प्रयास हो रहे हैं? 
उत्तर :
देश में अब सहकारी कृषि को प्रोत्साहन देने के प्रयास हो रहे हैं। 

Apathit Gadyansh Class 7 प्रश्न 4. 
गद्यांश का सार लिखिए। 
उत्तर :
सार - भारत में कृषि की उन्नति में अनेक साधन अपनाये जा रहे हैं। इनसे खेती की पैदावार बढ़ेगी। देश की खाद्यसमस्या का हल करने के लिए किसानों का स्तर उठाकर सहकारी कृषि को बढ़ावा देना चाहिए।

2. आत्मबल मनुष्य की बड़ी भारी शक्ति है। यों तो वह सभी प्राणियों में होता है, किन्तु वे सब उसकी अनुभूति मनुष्य की भाँति नहीं कर पाते हैं। सिंह आत्मबल से ही वन का राजा बना हुआ है। चींटी आत्मबल से ही बड़े-बड़े आक्रमणकारियों का सामना कर लेती है। उसी बल से वह ऐसे संगठन में रहती है कि उसे देखकर मनुष्य समाज भी विस्मित हो सकता है। उसका ऐश्वर्य, उसकी शासनव्यवस्था और उसका सामाजिक ढाँचा हमारे से कहीं ठोस है। यह सब कैसे? इसलिए कि उसमें आत्मबल है। 

Apathit Gadyansh In Hindi For Class 7 प्रश्न 1. 
इस गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए। 
उत्तर :
शीर्षक-'आत्मबल का महत्त्व'।

अपठित गद्यांश एवं पद्यांश Class 7 प्रश्न 2. 
मनुष्य को किसकी अनुभूति होती है? 
उत्तर :
मनुष्य को अन्य प्राणियों की अपेक्षा आत्मबल की अनुभूति होती है।

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Apathit Gadyansh In Hindi For Class 7 With Questions And Answers प्रश्न 3. 
समाज के लिए किसकी शासन व्यवस्था का ढाँचा आदर्श बताया गया है? 
उत्तर :
समाज के लिए चींटियों की शासन-व्यवस्था का ढाँचा आदर्श बताया गया है। 

Apathit Gadyansh For Class 7th प्रश्न 4. 
अवतरण का सार लिखिए। 
उत्तर :
सार - अन्य प्राणियों की अपेक्षा मनुष्य में आत्मबल की शक्ति अधिक रहती है। आत्मबल से ही सिंह वन का राजा बनता है और चींटियों का सामाजिक संगठन भी इस दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। अत: आत्मबल सभी को अपनाना चाहिए।

3. अन्याय को सबसे बड़ा अधर्म और समाज में वैर-विरोध, असमानता एवं शोषण बढ़ाने वाला माना जाता है। अन्याय का अन्त न्याय और प्रेम से ही हो सकता है। अन्याय की प्रतिक्रिया यदि अन्यायपूर्वक की जाए, तो अन्याय का ही आदान-प्रदान होता है। अन्याय करने वाला कितना ही बलवान हो, हमें उससे भयभीत नहीं होना चाहिए, चाहे प्राण त्यागने पढ़ें। 

Class 7 Apathit Gadyansh प्रश्न 1. 
गद्यांश का उचित शीर्षक क्या है? 
उत्तर :
शीर्षक-'अन्याय का प्रतिकार'। 

Apathit Gadyansh Class 7th प्रश्न 2. 
अन्याय का अन्त कैसे हो सकता है?
उत्तर :
अन्याय का अन्त न्याय और प्रेम के व्यवहार से हो सकता है। 

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Apathit Gadyansh Kaksha 7 प्रश्न 3. 
अन्याय का आदान-प्रदान कब होता है? 
उत्तर :
अन्याय से ही अन्याय की प्रतिक्रिया करने पर अन्याय का आदान-प्रदान होता है। 

Class 7 Hindi Apathit Gadyansh प्रश्न 4. 
गद्यांश का सार अपने शब्दों में लिखो। 
उत्तर :
सार - अन्याय को सबसे बड़ा अधर्म माना जाता है। इसका अन्त न्याय और प्रेम से करना चाहिए। बलवान अन्यायी से भी हमें नहीं डरना चाहिए।

4. प्राचीन काल से मानव समाज में रह रहा है तथा व्यक्ति समाज की एक इकाई है। मानवों के समूह से समुदाय बनता है। समाज का विकास तभी संभव है जब सभी स्वस्थ हों। 'स्वस्थ व्यक्ति स्वस्थ राष्ट्र' की भावना की पूर्ति के लिए स्वस्थ समाज की आवश्यकता होती है। स्वस्थ समाज से तात्पर्य यह है कि इसमें रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक व भावात्मक रूप से स्वस्थ हो तथा समाज के हित में कार्य करे। उत्तम स्वास्थ्य से युक्त मानव ही समाज का सर्वांगीण विकास कर सकता है। 

Apathit Gadyansh In Hindi Class 7 प्रश्न 1. 
उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। 
उत्तर :
शीर्षक-'स्वस्थ समाज'। 

Apathit Gadyansh For Class 7 In Hindi प्रश्न 2. 
स्वस्थ राष्ट्र के लिए क्या आवश्यक है? 
उत्तर :
स्वस्थ राष्ट्र के लिए स्वस्थ समाज आवश्यक है।

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प्रश्न 3. 
समाज का सर्वांगीण विकास कौन कर सकता
उत्तर :
समाज का सर्वांगीण विकास उत्तम स्वास्थ्य से युक्त मानव ही कर सकता है। 

प्रश्न 4. 
अवतरण का सार लिखिए। 
उत्तर :
सार - मनुष्य समाज में रहता है। स्वस्थ मनुष्यों से ही स्वस्थ समाज तथा स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होता है। शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं भावात्मक रूप से स्वस्थ मनुष्य ही समाज का सर्वांगीण विकास कर सकते हैं।

5. पुस्तकालय हमारे देव मन्दिर हैं। आत्मनिर्भरता के लिए भारत के नगर-नगर, घर-घर और विद्यालयों में पुस्तकालयों का होना अनिवार्य है। विद्यालयों में पुस्तकालय बालकों की रुचि का निर्माण करने एवं समय का सदुपयोग करने में सहायक हो सकते हैं। पुस्तकालय किसी देश की प्रगति को बताने वाले होते हैं। विदेशों की अपेक्षा भारत में पुस्तकालयों की संख्या कम है। 

प्रश्न 1. 
उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। 
उत्तर :
शीर्षक-'पुस्तकालय का महत्त्व'। 

प्रश्न 2. 
आत्मनिर्भरता के लिए क्या अनिवार्य है? 
उत्तर :
आत्मनिर्भरता के लिए जगह-जगह विद्यालयों और पुस्तकालयों का होना अनिवार्य है।

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प्रश्न 3. 
पुस्तकालयों का बालकों से क्या संबंध है?
उत्तर :
पुस्तकालय बालकों की रुचि का निर्माण करने एवं समय का सदुपयोग करने में सहायक होते हैं।

प्रश्न 4. 
उपर्युक्त गद्यांश का सार लिखिए। 
उत्तर :
सार - आत्मनिर्भरता के लिए पुस्तकालयों का होना अनिवार्य है। ये बालकों में रुचि का निर्माण करने एवं समय के सदुपयोग में सहायक होते हैं। इनसे देश की प्रगति का पता चलता है।

6. श्रम का एक विशिष्ट अर्थ भी है। इस अर्थ में श्रम उत्पादक भी होता है और कुछ अनुत्पादक भी। जिस प्रकार किसान परिश्रम से खेती करता है, उसका श्रम उत्पादक श्रम है। इसी प्रकार सभी उद्योग-धन्धों में लगे व्यक्ति श्रम करते हैं। यह सब श्रम उत्पादक कहलायेगा। कुछ लोग व्यायाम करते हैं, खेलने में श्रम करते हैं। यह श्रम अनुत्पादक होता है। परन्तु इससे स्वास्थ्य ठीक रहता है। इस तरह इसका भी अपना महत्त्व है। 

प्रश्न 1. 
उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। 
उत्तर :
शीर्षक-'श्रम का महत्त्व'।

प्रश्न 2. 
उत्पादक श्रम किसे कहते हैं? 
उत्तर :
जिस श्रम से कुछ वस्तुओं का उत्पादन होता है, उसे उत्पादक श्रम कहते हैं।

प्रश्न 3. 
श्रम का क्या महत्त्व है? 
उत्तर :
श्रम करने से स्वास्थ्य ठीक रहता है और मन फुर्तीला बना रहता है।

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प्रश्न 4. 
गद्यांश का सार लिखिए। 
उत्तर :
सार - श्रम उत्पादक और अनुत्पादक दोनों तरह का होता है। दोनों तरह के श्रम का अपना अर्थ एवं महत्त्व है। श्रम से स्वास्थ्य ठीक रहता है।

7. समय एक अमूल्य वस्तु है। इसको व्यर्थ गवाने की आदत जीवन को नष्ट कर देती है। खोया या बीता हुआ समय फिर नहीं मिलता है। संसार में ऐसी कोई शक्ति नहीं है जो बीते हुए समय को वापस लाये। हमारे जीवन की सफलता व असफलता समय के सदुपयोग पर निर्भर करती है। कुछ लोग मनोरंजन के नाम पर समय बर्बाद करते हैं, परन्तु यह उनकी भूल है। समय के सदुपयोग से ही जीवन की सार्थकता

प्रश्न 1. 
उक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। 
उत्तर :
शीर्षक-'समय का महत्त्व'।

प्रश्न 2. 
कौन-सी आदत जीवन को नष्ट कर देती है? 
उत्तर :
समय का महत्त्व न समझकर उसे व्यर्थ गवाने की आदत जीवन को नष्ट कर देती है।

प्रश्न 3. 
जीवन की सफलता एवं सार्थकता किसमें है? 
उत्तर :
समय का सदुपयोग करने में ही जीवन की सफलता और सार्थकता निर्भर करती है।

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प्रश्न 4. 
गद्यांश का सार अपने शब्दों में लिखिए। 
उत्तर :
सार - समय का विशेष महत्त्व है। खोया हुआ समय वापिस नहीं आता है। जो लोग समय का सदुपयोग करते हैं, वे जीवन में सफलता पाते हैं। समय को बर्बाद करना बहुत बड़ी भूल है।

8. विद्यार्थियों का प्रथम कर्तव्य अपने चरित्र को सुधारना है। यदि विद्यार्थी सुधरते हैं तो राष्ट्र में भी शीघ्र सुधार आ जाता है। राष्ट्र का स्तर तभी उन्नत और उज्ज्व ल बन सकता है। आज का विद्यार्थी-वर्ग राजनीति का शिकार बनकर अपने भविष्य को अन्धकारमय बना रहा है। इसलिए विद्यार्थियों को इन बातों से अलग रहकर अपने चरित्र का निर्माण करना है। उसके व्यक्तित्व के विकास से ही अच्छे समाज की नींव मजबूत होती है। 

प्रश्न 1. 
उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। 
उत्तर :
शीर्षक-'विद्यार्थियों के कर्त्तव्य'। 

प्रश्न 2. 
विद्यार्थियों का प्रथम कर्त्तव्य क्या है? 
उत्तर :
अपने चरित्र का निर्माण करना तथा अपने उज्ज्वल भविष्य को सँवारना विद्यार्थियों का प्रथम कर्त्तव्य है।

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प्रश्न 3. 
विद्यार्थियों को किससे अलग रहना चाहिए? 
उत्तर :
विद्यार्थियों को राजनीति से अलग रहना चाहिए।

प्रश्न 4. 
उक्त अवतरण का सार लिखिए। 
उत्तर :
सार - विद्यार्थियों के चरित्रोत्कर्ष से राष्ट्र का स्तर सुधरता है। विद्यार्थियों को गलत बातों से दूर रहकर अपने चरित्र एवं व्यक्तित्व का निर्माण करना चाहिए। इससे अच्छे समाज की नींव मजबूत होती है। 

Prasanna
Last Updated on Nov. 6, 2023, 10:19 a.m.
Published Nov. 5, 2023