Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज Textbook Exercise Questions and Answers.
The questions presented in the RBSE Solutions for Class 7 Hindi are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 7 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts. Here are अपठित गद्यांश कक्षा 7 with answers to learn grammar effectively and quickly.
साक्षात्कार से -
प्रश्न 1.
साक्षात्कार पढ़कर आपके मन में धनराज पिल्लै की कैसी छवि उभरती है? वर्णन कीजिए।
उत्तर :
साक्षात्कार पढ़कर हमारे मन में धनराज पिल्लै की यह छवि उभरती है जिसमें वह ऊपर से देखने में तुनुकमिजाज, गुस्सैल तथा अव्यावहारिक लगते हैं लेकिन अन्दर से वे उतने ही सरल, नरम दिल, दूसरों का आदर करने वाले, परिश्रमी तथा अच्छे खिलाड़ी होने के साथ ही एक अच्छे इंसान भी हैं।
प्रश्न 2.
धनराज पिल्लै ने ज़मीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक की यात्रा तय की है। लगभग सौ शब्दों में इसका वर्णन कीजिए।
उत्तर :
धनराज पिल्लै एक निर्धन परिवार में जन्मे थे और उनमें इतनी तक सामर्थ्य नहीं थी कि वे अपने खेलने के लिए एक स्टिक भी खरीद लें। लेकिन उन्होंने फिर भी हिम्मत नहीं हारी। अपनी लगन, परिश्रम और धैर्य से हॉकी खेलने का निरन्तर अभ्यास करते रहे। इसका परिणाम यह हुआ कि वे 1985 में जूनियर हॉकी टीम में चुन लिए गये और अच्छे खेल प्रदर्शन के आधार पर उन्हें सन् 1986 में सीनियर टीम में डाल दिया गया। फिर स्थिति यह बनी कि इस ख्याति प्राप्त खिलाड़ी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और हॉकी के क्षेत्र में निरन्तर सफलता प्राप्त करते चले गये।
प्रश्न 3.
"मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से सँभालने की सीख दी है।" धनराज पिल्लै की इस बात का क्या अर्थ है?
उत्तर :
धनराज पिल्लै की बात का यह अर्थ है कि उनकी माँ ने उन्हें अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से संभालने की सीख दी थी, जिससे वे अपने जीवन में सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते हुए कभी घमण्ड का स्पर्श न कर सके और कभी किसी को अपने से छोटा नहीं समझे। धनराज पिल्लै ने अपनी माँ की सीख का हरदम सम्मान किया है।
साक्षात्कार से आगे -
प्रश्न 1.
ध्यानचन्द को हॉकी का जादूगर कहा जाता है, क्यों? पता लगाइए।
उत्तर :
ध्यानचन्द को हॉकी का जादूगर इसलिए कहा जाता है, क्योंकि उन्हें हॉकी खेलने की अद्भुत क्षमता एवं दक्षता हासिल थी। जब वे हॉकी खेलते थे तब उनकी हॉकी खेलने की शैली तथा उनके द्वारा बनाये जाने वाले गोलों की संख्या उन्हें विलक्षण बनाती थी। उनकी हॉकी की जादुगरी देखकर विपक्षी उनकी स्टिक पर शक करते थे, इसलिए कई बार उनकी स्टिक की खेल के दौरान जांच भी कराई गयी। उनकी स्टिक से गेन्द इस तरह चिपक कर खेल के मैदान में आगे बढ़ती रहती थी कि विपक्षी दाँतों तले उँगली दबाकर रह जाते थे। इसीलिए उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता है।
प्रश्न 2.
किन विशेषताओं के कारण हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है?
उत्तर :
हॉकी भारत का पुराना खेल है। इसे राजा-महाराजाओं से लेकर देहात के लोग भी बड़े चाव से खेला करते थे। यह खेल व्यायाम का सर्वोत्तम साधन है जिसके कारण इस खेल के प्रति खिलाड़ियों की रुचि कभी कम नहीं हुई। पुराने जमाने में गाँव के लोग पेड़ों की टहनियों के द्वारा इस खेल को खेला करते थे इसलिए इस खेल में धन की अधिक आवश्यकता नहीं पड़ती थी। इसकी लोकप्रियता का यह सबसे प्रमुख कारण था। भारत में अंग्रेजों के आने के बाद क्रिकेट का प्रचारप्रसार हुआ, जिससे इस खेल की अपने ही देश में उपेक्षा हुई। फिर भी इस खेल का अपना लंबा इतिहास होने के कारण और अत्यधिक लोकप्रिय होने के कारण इसे राष्ट्रीय खेल माना जाता है।
अनुमान और कल्पना -
प्रश्न 1.
यह कोई जरूरी नहीं कि शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए'-क्या आप धनराज पिल्लै की इस बात से सहमत हैं? अपने अनुभव और बड़ों से बातचीत के आधार पर लिखिए।
उत्तर :
धनराज पिल्लै की उक्त बात ठीक है और हम इससे सहमत हैं। यद्यपि अधिकतर ऐसा नहीं होता है परन्तु ऐसा संभव हो जाता है। समाज में ऐसे कई उदाहरण हैं जिन्होंने अच्छी शोहरत पाई है, लेकिन पैसा नहीं कमाया। उदाहरणस्वरूप हम सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' को ले सकते हैं। वे महान् साहित्यकार एवं श्रेष्ठ कवि थे, परन्तु वे जीवन भर गरीबी एवं आर्थिक तंगी में जीवित रहे।
प्रश्न 2.
(क) अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँगना आसान होता है या मुश्किल?
(ख) क्या आप और आपके आसपास के लोग अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँग लेते हैं?
(ग) माफ़ी माँगना मुश्किल होता है या माफ़ करना? अपने अनुभव के आधार पर लिखिए।
उत्तर :
(क) अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँगना बहुत मुश्किल होता है, क्योंकि हमारा अहम् इसमें सामने आ जाता है।
(ख) नहीं, हमारे आसपास के लोग जल्दी से अपनी गलतियों के लिए माफ़ी नहीं माँग पाते हैं।
(ग) माफ़ी माँगना माफ करने से ज्यादा मुश्किल होता है। माफी माँगने में हमें अपने अहम् को झुकाना पड़ता है और यह कार्य हर किसी के लिए बहुत मुश्किल है।
भाषा की बात -
प्रश्न 1.
नीचे कुछ शब्द लिखे हैं जिनमें अलग-अलग प्रत्ययों के कारणं बारीक अंतर है। इस अंतर को समझाने के लिए इन शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए
प्रेरणा - प्रेरक -प्रेरित
संभव - संभावित - संभवतः
उत्साह - उत्साहित - उत्साहवर्धक
उत्तर :
प्रेरणा-प्रेरक - प्रेरित प्रेरणा-अध्यापकजी की बातों से प्रेरणा लेनी चाहिए। प्रेरक-अध्यापकजी की बातें कितनी प्रेरक होती हैं। प्रेरित-अध्यापकजी की बातों से प्रेरित होकर उसने परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण कर ली।
संभव-संभावित - संभवतः संभव-संभव है कि आज मैं देर से घर आऊँ। संभावित-इन संभावित प्रश्नों को एक बार फिर पढ़ लो। ये परीक्षा के लिए उपयोगी हैं। संभवतः - संभवत: मामाजी घर से चल चुके होंगे।
उत्साह-उत्साहित - उत्साहवर्धकउत्साह-खेल में उसका उत्साह देखते ही बनता था। उत्साहित-खेल में उसने उत्साहित होकर भाग लिया। उत्साहवर्धक-उसका खेल उत्साहवर्धक था।
प्रश्न 2.
तुनुकमिज़ाज शब्द तनुक और मिज़ाज दो शब्दों के मिलने से बना है। क्षणिक, तनिक और तुनुक एक ही शब्द के भिन्न रूप हैं। इस प्रकार का रूपांतर दूसरे शब्दों में भी होता है, जैसे - बादल, बादर, बदरा, बदरिया; मयूर, मयूरा, मोर; दर्पण, दर्पन, दरपन। शब्दकोश की सहायता लेकर एक ही शब्द के दो या दो से अधिक रूपों को खोजिए। कम-से-कम चार शब्द और उनके अन्य रूप लिखिए।
उत्तर :
प्रश्न 3.
हर खेल के अपने नियम, खेलने के तौर-तरीके और अपनी शब्दावली होती है। जिस खेल में आपकी रुचि हो उससे संबंधित कुछ शब्दों को लिखिए, जैसेफुटबॉल के खेल से संबंधित शब्द हैं-गोल, बैकिंग, पॉसिंग, बूट इत्यादि।
उत्तर :
क्रिकेट खेल से सम्बन्धित शब्द हैं - बैट, पिच, रन, स्टम्प, अंपायर, पैड, बॉल आदि।
प्रश्न 1.
धनराज पिल्लै का बचपन बीता था -
(क) खुशहाली में
(ख) मौज-मस्ती में
(ग) मुश्किलों में
(घ) आनन्द में।
उत्तर :
(ग) मुश्किलों में
प्रश्न 2.
भाई के द्वारा दी गयी पुरानी स्टिक धनराज के लिए थी -
(क) बहुत मजबूत
(ख) बहुत अच्छी
(ग) बहुत नयी
(घ) बहुत कीमती।
उत्तर :
(घ) बहुत कीमती।
प्रश्न 3.
धनराज पिल्लै ने जूनियर राष्ट्रीय हॉकी खेली थी -
(क) पुणे में
(ख) मणिपुर में
(ग) मुंबई में
(घ) अपने स्कूल में।
उत्तर :
(ख) मणिपुर में
प्रश्न 4.
माँ के अलावा धनराज की प्रेरक थी
(क) उनकी बहन
(ख) उनकी शिक्षिका
(ग) उनकी भाभी
(घ) उनकी पत्नी।
उत्तर :
(ग) उनकी भाभी
प्रश्न 5.
धनराज आने-जाने में प्रयोग करते थे -
(क) लोकल ट्रेन और बस का
(ख) कार का
(ग) हवाई जहाज का
(घ) साइकिल का
उत्तर :
(क) लोकल ट्रेन और बस का
रिक्त स्थानों की पूर्ति -
प्रश्न 6.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिए गये सही शब्दों से कीजिए -
(क) मैं हमेशा से ही अपने आपको .............. महसूस करता (असुरक्षित/सुरक्षित)
(ख) मुझे जिंदगी में हर छोटी-बड़ी चीज़ के लिए ............... पड़ा। (झुकना/जूझना)
(ग) मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता के साथ ............... की सीख दी। (समझने/संभालने)
(घ) उस दिन मैंने महसूस किया कि मैं एक मशहूर ................. बन गया हूँ। (आदमी/चेहरा)
उत्तर :
(क) असुरक्षित
(ख) जूझना
(ग) संभालने
(घ) चेहरा।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 7.
बचपन में धनराज पिल्लै अपने साथियों से स्टिक उधार क्यों माँगते थे?
उत्तर :
बचपन में धनराज पिल्लै अपने साथियों से स्टिक उधार इसलिए माँगते थे, क्योंकि स्टिक खरीदने की उनकी हैसियत नहीं थी।
प्रश्न 8.
धनराज पिल्लै हॉकी के कैसे खिलाड़ी थे?
उत्तर :
धनराज पिल्लै हॉकी के जुझारू खिलाड़ी थे।
प्रश्न 9.
धनराज पिल्लै ने सबसे पहले कृत्रिम घास कब देखी?
उत्तर :
धनराज पिल्लै ने सबसे पहले कृत्रिम घास सन् 1988 में दिल्ली में खेलने आने पर देखी।
प्रश्न 10.
धनराज को कृत्रिम घास पर खेलने के गुर किसने बताये?
उत्तर :
धनराज को कृत्रिम घास पर खेलने के गुर सोमय्या और जोक्विम कार्वाल्हो ने बताये। लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 11.
धनराज पिल्लै के पास पहली कार कौन सी थी? वह कार उन्हें किसने दी थी?
उत्तर :
धनराज पिल्लै के पास पहली कार सेकेंड हैंड अरमाडा थी, जो उन्हें उनके पहले के इम्पलॉयर ने दी थी।
प्रश्न 12.
धनराज पिल्लै ने पारिवारिक जीवन में सबसे पहली जिम्मेदारी क्या मानी है?
उत्तर :
धनराज पिल्लै ने पारिवारिक जीवन में सबसे पहली जिम्मेदारी परिवार की आर्थिक तंगी दूर करना और सभी सदस्यों को बेहतर जिन्दगी देना मानी है।
निबन्धात्मक प्रश्न -
प्रश्न 13.
धनराज पिल्लै का हॉकी खेलने का सफ़र कैसे चला?
उत्तर :
धनराज पिल्लै का बचपन गरीबी से भरा हुआ था। उनके पास हॉकी की स्टिक खरीदने के भी पैसे नहीं थे। इसीलिए साथियों के खेल चुकने के बाद उनसे हॉकी माँगकर वे खेला करते थे। जब उनके बड़े भाई को भारतीय कैंप के लिए चुना गया तो उन्होंने अपनी पुरानी स्टिक धनराज को दी जो उनकी अपनी पहली स्टिक थी। उसी से अभ्यास करके उन्हें सन् 1985 में जूनियर राष्ट्रीय हॉकी खेलने का अवसर मणिपुर में प्राप्त हुआ और सन् 1986 में उन्हें सीनियर टीम में डाला गया। इसके बाद वे हॉकी के क्षेत्र में बराबर सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गये। उन्हें कभी पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा।
गद्यांश पर आधारित प्रश्न -
प्रश्न 14.
निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
1. लेकिन मैं बिना लाग-लपेट वाला आदमी हूँ। मन में जो आता है, सीधे-सीधे कह डालता हूँ और बाद को कई बार पछताना भी पड़ता है। मुझसे अपना गुस्सा रोका नहीं जाता। दूसरे लोगों को भी मुझे उकसाने में मजा आता है। मुझे जिंदगी में हर छोटी-बड़ी चीज़ के लिए जूझना पड़ा, जिससे मैं चिड़चिड़ा हो गया हैं। साथ-हीसाथ मैं बहुत भावुक इन्सान भी हूँ। मैं किसी को तकलीफ़ में नहीं देख सकता। मैं अपने दोस्तों और अपने परिवार की बहुत कद्र करता हूँ।
प्रश्न :
(क) धनराज ने स्वयं को कैसा आदमी बताया?
(ख) धनराज के स्वभाव का सकारात्मक पक्ष क्या है?
(ग) धनराज ने स्वयं के चिड़चिड़ा होने का क्या कारण बताया?
(घ) धनराज ने अपने तनकमिजाज होने का क्या कारण बताया?
उत्तर :
(क) धनराज ने स्वयं को बिना लाग-लपेट वाला आदमी बताया।
(ख) धनराज भावुक इन्सान है तथा सभी की कद्र करता |है, यही उसके स्वभाव का सकारात्मक पक्ष है।
(ग) धनराज को जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ा, इसी बात को उसने अपने चिड़चिड़ा होने का कारण बताया।
(घ) धनराज ने स्वयं को तुनुकमिजाज होने का कारण स्पष्टवादी, सरल और संघर्षशील होना बताया।
2. तब तक मैं काफ़ी नामी खिलाड़ी बन चुका था। मगर यह कोई ज़रूरी नहीं कि शोहरत पैसा साथ लेकर आए! मैं तब भी मुंबई की लोकल ट्रेनों और बसों में सफ़र करता था। क्योंकि टैक्सी में चढ़ने की हैसियत मुझमें नहीं थी। मुझे याद है, एक बार किसी फ़ोटोग्राफ़र ने एक भीड़ से भरे रेलवे स्टेशन पर मेरी तसवीर खींचकर अगली सुबह अखबार में यह खबर छाप दी कि 'हॉकी का सितारा पिल्लै अभी भी मुंबई की लोकल ट्रेनों में सफ़र करता है।' उस दिन मैंने महसूस किया कि मैं एक मशहूर चेहरा बन चुका हूँ।
प्रश्न :
(क) उक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
(ख) धनराज मुंबई की लोकल ट्रेन में क्यों सफर करता था?
(ग) अखबार में क्या खबर छप गई थी?
(घ) धनराज ने कब महसूस किया कि वह नामी चेहरा बन गया है?
उत्तर :
(क) उक्त गद्यांश 'संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिजाज हो गया : धनराज' शीर्षक पाठ से लिया गया है।
(ख) धनराज के पास अपनी कार नहीं थी और टैक्सी में चढ़ने की हैसियत नहीं थी, इसी कारण वह लोकल ट्रेन में सफर करता था।
(ग) अखबार में छपा था कि 'हॉकी का सितारा पिल्लै अभी भी मुंबई की लोकल ट्रेन में सफर करता है।'
(घ) जब अखबार में खबर छपी, तब धनराज ने महसूस किया कि वह नामी चेहरा बन गया है।
पाठ-सार - इस पाठ में प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी धनराज पिल्लै के बारे में बताया गया है कि किस प्रकार एक गरीब घर में जन्मे बालक ने जमीन से उठकर आसमान का सितारा बनने के सफर को तय किया।
कठिन-शब्दार्थ :