RBSE Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 16 भोर और बरखा

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 16 भोर और बरखा Textbook Exercise Questions and Answers.

The questions presented in the RBSE Solutions for Class 7 Hindi are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 7 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts. Here are अपठित गद्यांश कक्षा 7 with answers to learn grammar effectively and quickly.

RBSE Class 7 Hindi Solutions Vasant Chapter 16 भोर और बरखा

RBSE Class 7 Hindi भोर और बरखा Textbook Questions and Answers

कविता से - 

प्रश्न 1. 
'बंसीवारे ललना', 'मोरे प्यारे', 'लाल जी' कहते हुए यशोदा किसे जगाने का प्रयास करती हैं और वे कौनकौन सी बातें कहती हैं? 
उत्तर : 
'बंसीवारे ललना,' 'मोरे प्यारे', 'लाल जी' कहते हुए यशोदा बाल कृष्ण को जगाने का प्रयास करती हैं। इसके साथ ही वे अन्य बातों के रूप में कहती हैं कि रात बीत गयी है, सवेरा हो गया है, इसलिए घरों के दरवाजे खुल गए हैं। गोपियाँ दही बिलो रही हैं और उनके कंगनों की आवाज आ रही है। तुम्हारे दरवाजे पर देवता और मानवजन खड़े होकर तुम्हारे दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ग्वाल-बाल तुम्हारी जययिकार कर रहे हैं। गायों के रखवाले अपने हाथों में माखनराटी लेकर गायें चराने के लिए तुम्हें अपने साथ ले जाने को आतुर खड़े हैं। इसलिए अब तुम जल्दी उठ जाओ।

प्रश्न 2. 
नीचे दी गई पंक्ति का आशय अपने शब्दों में लिखिए'माखन-रोटी हाथ मँह लीनी, गउवन के रखवारे।' 
उत्तर : 
गायों के रखवाले अर्थात् ग्वाल-बाल अपने हाथों में रोटी और मक्खन लिए हुए गायों को चराने जाने के लिए तुम्हारी प्रतीक्षा में खड़े हैं।

प्रश्न 3. 
पढ़े हुए पद के आधार पर ब्रज की भोर का वर्णन कीजिए। 
उत्तर : 
प्रात:काल हो गया है। घरों के दरवाजे खुल गए हैं। ग्वालिनें घर-घर में दही बिलौने लगी हैं। उनके कंगनों की झंकार सुनाई देने लगी है। ग्वाल-बाल गायों को चराने जाने के लिए हाथों में माखन-रोटी लेकर कृष्ण की प्रतीक्षा में तैयार खड़े हैं। 

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प्रश्न 4. 
मीरां को सावन मन भावन क्यों लगने लगा?
उत्तर : 
मीरां को सावन मन भावन इसलिए लगने लगा, क्योंकि सावन के आते ही मीरां को कृष्ण के आने की भनक लग गयी है। 

प्रश्न 5. 
पाठ के आधार पर सावन की विशेषताएँ लिखिए। 
उत्तर : 
सावन माह के आते ही आसमान में बादल उमड़घुमड़ कर चारों दिशाओं में फैल जाते हैं। बादलों के मध्य आकाशीय बिजली चमकने लगती है, वर्षा की झड़ी लग जाती है। शीतल पवन सुहानी लगती है। स्त्रियाँ आनन्दित होकर मंगल गीत गाने लगती हैं। 

कविता से आगे - 

प्रश्न 1. 
मीरां भक्तिकाल की प्रसिद्ध कवयित्री थी। इस काल के दूसरे कवियों के नामों की सूची बनाइए तथा उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए। 
उत्तर :  

  • सूरदास - सूरसागर।
  • तुलसीदास - रामचरितमानस 
  • नन्ददास - भंवरगीत 
  • नाभादास - भक्तमाल 
  • परमानन्ददास - दान-लीला
  • रसखान - प्रेमवाटिका 

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प्रश्न 2. 
सावन वर्षा ऋतु का महीना है। वर्षा ऋत से सम्बन्धित दो अन्य महीनों के नाम लिखिए।
उत्तर : 
वर्षा ऋतु से सम्बन्धित दो अन्य महीनों के नामआषाढ़ और भादों। 

अनुमान और कल्पना - 

प्रश्न 1. 
सुबह जगने के समय आपको क्या अच्छा लगता है। 
उत्तर : 
सुबह जगने के समय हमको पक्षियों का कलरव, मन्दिर से आती भजनों और घण्टों की आवाजें तथा मेरी माँ। का मेरे सामने होना अच्छा लगता है। 

प्रश्न 2. 
यदि आपको अपने छोटे भाई-बहन को जगाना पड़े, तो कैसे जगाएँगे? 
उत्तर : 
यदि हमें अपने छोटे भाई-बहन को सुबह जगाना पड़े तो हम उनके सिर पर हाथ फेर कर बड़े प्यार से बोलकर उन्हें जगाएँगे। 

प्रश्न 3. 
वर्षा में भीगना और खेलना आपको कैसा लगता|
उत्तर : 
वर्षा में भीगना और खेलना मुझे बहुत अच्छा लगता

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प्रश्न 4. 
मीरां बाई ने सुबह का चित्र खींचा है। अपनी कल्पना और अनुमान से लिखिए कि नीचे दिए गए स्थानों की सुबह कैसी होती है
(क) गाँव, गली या मुहल्ले में 
(ख) रेलवे प्लेटफॉर्म पर 
(ग) नदी या समुद्र के किनारे 
(घ) पहाड़ों पर। 
उत्तर : 
(क) गाँव, गली मुहल्ले में-कछ लोग मंदिर जाते हुए, कुछ लोग खेतों पर जाते दिखाई पड़ते हैं। पशु चरने के लिए जंगल और खेतों में जाते दिखाई देते हैं। बच्चे तैयार होकर विद्यालय की ओर जाते दिखाई पड़ते हैं। 

(ख) रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर-कुछ लोग अपनी रेल की प्रतीक्षा करते हुए, कुछ लोग सोए हुए दिखाई पड़ते हैं। प्लेटफॉर्म पर खाने-पीने का सामान बेचने वालों, अखबार बेचने वाले लोगों की आवाज सुनाई देती है। 

(ग) नदी या समुद्र के किनारे-वहाँ का वातावरण अत्यंत शांत होता है। पानी की आवाज व पक्षियों की चहचहाअट सुनाई पड़ती है। कुछ लोग नदी या समुद्र में स्नान करते हुए दिखाई पड़ते हैं। 

(घ) पहाड़ों पर-मौसम सुहावना लगता है। सूर्य की निर्मल किरणों से पहाड़ चमकता हुआ दिखाई पड़ता है। शीतल हवा चलती रहती है और अनेक प्रकार के पेड़ों, लताओं व फूल-फलों से वहाँ का दृश्य अत्यंत मनोहारी दिखाई पड़ता है।

भाषा की बात -

प्रश्न 1. 
कृष्ण को 'गउवन के रखवारे' कहा गया है जिसका अर्थ है गायों का पालन करने वाले। इसके लिए एक शब्द दें। 
उत्तर : 
गोपाल। 

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प्रश्न 2. 
नीचे दो पंक्तियाँ दी गई हैं। इनमें से पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द दो बार आए हैं, और दूसरी पंक्ति में भी दो बार। इन्हें पुनरुक्ति (पुनः उक्ति) कहते हैं। पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द विशेषण हैं और दूसरी पंक्ति में संज्ञा।
'नन्ही-नन्ही बूंदन मेहा बरसे'
'घर-घर खुले किंवारे' 
इस प्रकार के दो-दो उदाहरण खोज कर वाक्य में प्रयोग कीजिए और देखिए कि विशेषण तथा संज्ञा की पुनरुक्ति के अर्थ में क्या अन्तर है जैसे मीठी - मीठी बातें, फूल-फूल महके। 
उत्तर : 
विशेषण पुनरुक्ति वाक्य प्रयोग - 
(i) सुन्दर-सुन्दर - सीमा ने सुन्दर-सुन्दर चित्रों का चयन कर लिया। 
(ii) गरम-गरम - दादी ने गरम-गरम पकौड़े बनाकर खिलाए।

संज्ञा पुनरुक्ति -  

(i) गाँव-गाँव - महात्मा गाँधी ने गाँव-गाँव घूमकर चरखा चलाने का प्रचार किया था। 
(ii) वन-वन - वनवास काल में लक्ष्मण सहित राम और सीता वन-वन भटकते रहे।

RBSE Class 7 Hindi भोर और बरखा Important Questions and Answers

प्रश्न 1. 
'भोर और बरखा' पाठ की रचयिता हैं - 
(क) हरिऔधजी 
(ख) मीराबाई
(ग) महादेवी वर्मा
(घ) विनीता पाण्डेय। 
उत्तर :
(ख) मीराबाई

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प्रश्न 2. 
सभी घरों के दरवाजे खुलने का कारण है - 
(क) रात का होना
(ख) सुबह का होना 
(ग) कृष्ण का जागना 
(घ) गायों का चरने जाना 
उत्तर :
(ख) सुबह का होना 

प्रश्न 3. 
ग्वाल-बालों के हाथ में था - 
(क) माखन
(ख) रोटी 
(ग) माखन-रोटी 
(घ) कम्बल और डंडा। 
उत्तर :
(ग) माखन-रोटी

प्रश्न 4. 
मीरां द्वारा रचित दूसरे पद में वर्णन है -
(क) वर्षा ऋतु का 
(ख) वसंत ऋतु का 
(ग) ग्रीष्म ऋतु का 
(घ) शीत ऋतु का। 
उत्तर :
(क) वर्षा ऋतु का 

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प्रश्न 5. 
मीरां मंगल गीत गाना चाहती है - 
(क) वर्षा के आने पर। 
(ख) कृष्ण के आने की खुशी में 
(ग) शीतल पवन के चलने की खुशी में 
(घ) प्रात:काल होने की खुशी में। 
उत्तर : 
(ख) कृष्ण के आने की खुशी में 

रिक्त स्थानों की पूर्ति - 

प्रश्न 6. 
नीचे लिखे रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिए गये सही शब्दों से कीजिए -
(क) रजनी बीती, .................... भयो है, घर-घर खुले किंवारे। (भोर/शोर) 
(ख) उठो लालजी ! भोर भयो है, सुर नर ...................... द्वारे। (काढ़े/ठाढ़े) 
(ग) बरसे बदरिया .......................... की। (सावन/भादो) 
(घ) मीरां के प्रभु गिरधर नागर! आनन्द-मंगल ...................... की। (भावन/गावन) 
उत्तर :  
(क) भोर 
(ख) ठाढ़े 
(ग) सावन 
(घ) गावन। 

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न - 

प्रश्न 7. 
कृष्ण की जागने की प्रतीक्षा में द्वार पर कौनकौन खड़े हैं? 
उत्तर : 
कृष्ण की जागने की प्रतीक्षा में द्वार पर सुर और नर खड़े हैं।

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प्रश्न 8. 
गोपियों के कंगनों की झंकार से क्या पता चलता है? 
उत्तर : 
गोपियों के कंगनों की झंकार से पता चलता है कि वे दही बिलो रही हैं। 

प्रश्न 9. 
मीरां अपने प्रभु गिरधर नागर से किस बात की आकांक्षा करती है? 
उत्तर : 
मीरां अपने प्रभु गिरधर नागर से अपने उद्धार की आकांक्षा करती है। 

प्रश्न 10.
सावन के महीने में मीरां को किसके आने की भनक लग गयी है? 
उत्तर : 
सावन के महीने में मीरां को कृष्ण के आने की भनक लग गयी है। 

प्रश्न 11. 
गोपियों द्वारा दही बिलौने का पता कैसे चलता है?
उत्तर : 
गोपियों के कंगनों की खनखनाहट से उनके द्वारा दही बिलौने का पता चलता है। 

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प्रश्न 12. 
मीरां बाई का हृदय उमंग से क्यों भर गया?
उत्तर : 
सावन का महीना आते ही वर्षा की झड़ी लगने और श्रीकृष्ण के आने का समाचार सुनने से मीरां का हृदय उमंग से भर गया। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न - 

प्रश्न 13. 
रात बीतने पर क्या-क्या परिवर्तन हो गये हैं? 
उत्तर : 
रात बीतने पर प्रात:काल हो गया है। प्रत्येक घर के बन्द किवाड़ खुल गये हैं। गोपियाँ दही बिलौने लगी हैं और ग्वाल-बाल कृष्ण के द्वार पर खड़े होकर उनकी जयजयकार करने लगे हैं। 

प्रश्न 14. 
उठो लाल जी! कह करके यशोदा माँ किसे और क्यों जगाना चाहती हैं?
उत्तर : 
उठो लाल जी ! कह करके यशोदा माँ अपने प्रिय पुत्र कृष्ण को जगाना चाहती हैं, क्योंकि प्रात:काल हो गया है और चराचर की गतिविधियाँ प्रारम्भ हो गयी हैं। देवता और नर कृष्ण-दर्शन की प्रतीक्षा में दरवाजे पर खड़े हुए हैं। 

निबन्धात्मक प्रश्न - 

प्रश्न 15. 
मीरां द्वारा रचित दूसरे पद में वर्षा ऋतु का सुन्दर वर्णन किया गया है। इस वर्णन को अपने शब्दों में लिखिए। 
उत्तर : 
मीरां ने दूसरे पद में वर्षा ऋतु का सुन्दर वर्णन करते हुए लिखा है कि सावन के महीने में मन भावन वर्षा हो रही है। सावन के आते ही मन में उमंग जाग उठी है, क्योंकि कृष्ण के आने की भनक लग गई है। ऐसे मन भावन सावन में बादल उमड़-घुमड़ कर चारों दिशाओं में छा गये हैं। आसमान में बिजली चमक रही है और नन्ही-नन्ही बूंदों से रिमझिम वर्षा हो रही है। वायु भी शीतल और सुहावनी लग रही है। मीरां बादलों के आने के माध्यम से कृष्ण के आने की खुशी में आनन्द के गीत गाना चाहती है।

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भोर और बरखा Summary in Hindi 

पाठ-परिचय - इस पाठ में मीरां बाई द्वारा रचित पद दिये गये हैं। इनमें बाल कृष्ण को प्रात:काल में जगाने का तथा सावन में बादलों के बरसने का वर्णन किया गया है।

सप्रसंग व्याख्याएँ - 

1. जागो बंसीवारे ............................................... आयाँ को तार॥

कठिन-शब्दार्थ :

  • ललना = पुत्र। 
  • रजनी = रात। 
  • भोर = प्रातः। 
  • किंवारे = किवाड़। 
  • मथत = बिलौना। 
  • झनकारे = झंकार, खनखनाहट। 
  • भयो = हो गयी। 
  • सुर = देवता। 
  • ठाढ़े = खड़े। 
  • द्वारे = द्वार। 
  • कुलाहल = शोर। 
  • उचारै = बोलते हैं। 
  • लीनी = ली हुई। 
  • गउवन = गायों की। 
  • रखवारे = रक्षा करने वाले। 
  • तार = उद्धार करें।

प्रसंग - प्रस्तुत पद मीरा बाई द्वारा रचित 'भोर और बरखा' शीर्षक पाठ से लिया गया है। यहाँ कवयित्री ने माता यशोदा द्वारा बाल कृष्ण को प्रात:काल में जगाने का वर्णन किया है।

व्याख्या - मीरां बाई वर्णन करती हैं कि माँ यशोदा प्रात:काल में सो रहे बाल कृष्ण को जगाते हुए कहती है कि हे बंशी वाले मेरे पुत्र कृष्ण जाग जाओ। रात बीत गयी है और प्रात: हो गयी है जिसके कारण घर-घर के दरवाजे खुल गए हैं। व्रज की ग्वालिने दही को मथने लगी हैं जिससे उनके हाथों में पहने हुए कंगनों की खनखनाहट सुनाई देने लगी है। हे प्रिय पुत्र उठो! सुबह हो गयी है और देवता एवं मानव जन दरवाजे पर खड़े हुए तुम्हारे दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। तुम्हारे सखा ग्वाल-बाल तुम्हारी 'जय-जय' शब्द का उच्चारण कर रहे हैं। उस जय-जयकार का शोर सुनाई पड़ रहा है। गायों के रखवालों ने अपने हाथों में मक्खन और रोटी ले रखी है। मीरां कहती है कि हे मेरे प्रभु चतुर गिरधर! अपनी शरण में आये हुए का उद्धार कर दीजिए। 

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2. बरसे बदरिया सावन की ................................................. गावन की। 

कठिन-शब्दार्थ :

  • बदरिया = बादल। 
  • मन-भावन = मन को अच्छा लगने वाला। 
  • उमग्यो = उमंग से भरा हुआ। 
  • भनक सुनी = आभास हुआ।
  • हरि = श्रीकृष्ण। 
  • आवन = आने की। 
  • चहुँदिस = चारों दिशाओं में।
  • दामिन = बिजली। 
  • दमकै = चमके। 
  • झर = वर्षा की झड़ी। 
  • बूंदन = बूंदें। 
  • मेहा बरसे = बादल बरसते हैं। 
  • सुहावन = प्रिय लगने वाला। 
  • आनन्द = सुखद। 
  • मंगल = कल्याणकारी। 

प्रसंग - प्रस्तुत पद मीरां बाई द्वारा रचित 'भोर और बरखा' शीर्षक पाठ से लिया गया है। यहाँ कवयित्री ने सावन के महीने में बादलों के बरसने का सुन्दर वर्णन किया है।

व्याख्या - कवयित्री मीरां सावन के उमड़ते-घुमड़ते बादलों को देखकर कहती है कि सावन के बादल आसमान में घिर गये हैं और मनभावन वर्षा हो रही है। सावन के महीने में मेरा मन भी उमंगित हो उठा है, क्योंकि मुझे अपने प्रभु के आने की भनक लगी है। उमड़-घुमड़ कर आने वाले बादल चारों दिशाओं में घिर आए हैं। आसमान में बिजली चमकने लगी है और वर्षा की झड़ी लग गयी है। नन्ही-नन्ही बूंदों से बादल बरसने लगे हैं और शीतल पवन मन को सुहानी लग रही है। मीरां कहती है कि हे चतुर गिरधर प्रभु! यह आनंद-मंगल अर्थात् खुशियों के गीत गाने का समय है।

Prasanna
Last Updated on June 20, 2022, 4:14 p.m.
Published June 20, 2022